hotaks444
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धीरज मन ही मन अपने और तान्या के रिलेशन्स के बारे में डॉली को बताने के प्लस और माइनस सोचने लगा, और फिर उसने डिसाइड किया कि अभी उसके लिए सही वक़्त नही है.
"और क्या ऑप्षन है?" धीरज ने पूछा. "तुम और राज अभी भी एक दूसरे के सपने देखते हो, ये तुम दोनो की शादी शुदा जिंदगी के लिए सही नही है. मुझे लगता है ऐसा कर के लोंग रन में तुम राज और तान्या की शादी शुदा जिंदगी को सही तरह से चलाने में मदद करोगी.”
"हे भगवान, धीरज, तुम कहना क्या चाहते हो? " डॉली ने हताशा भरी आवाज़ में पूछा, "क्या तुमको लगता है कि इन्सेस्ट का जो पाप हम पहले से कर चुके हैं उसको जारी रखने से उनकी मॅरीड लाइफ बेहतर हो पाएगी? मुझे तो कुछ समझ में नही आ रहा.”
धीरज उसकी बात सुनकर हँसने लगा, और उसने डॉली के कंधे को अपने हाथ से दबाते हुए अपनी उसको अपने पास खींच लिया.
"तो फिर ठीक है," धीरज बोला. "जैसा मैने पहले भी पूछा था, और कोई ऑप्षन है क्या?"
"मुझे नही पता," डॉली बुदबुदाते हुए बोली. "मुझे सच मुच कुछ समझ में नही आ रहा, धीरज.”
जैसे ही धीरज ने डॉली के सिर के उपर चूमा, उसको अपने छाती पर डॉली के आँसू का गीलापन महसूस हुआ.
"चलो इस मसले को हम फिर कभी तसल्ली से सुलझायेंगे," धीरज बोला.
डॉली ने सहमति में अपनी गर्दन हिला दी, और अपने हथेलि के पिछले हिस्से से अपनी आँखों में आ रहे आँसू को पोंछ लिया.
"नो मॅटर व्हाट, एक बात हमेशा याद रखना मैं तुमको बेहद प्यार करता हूँ," धीरज बोला.
"मुझे पता है ," डॉली ने धीरज को अपनी बाँहों में भरते हुए कहा. “मैं सोच भी नही सकती किसी और का हज़्बेंड इतना ज़्यादा ... अंडरस्टॅंडिंग.... या ओपन माइंडेड होगा? जो कुछ तुमने सजेस्ट किया है... आइ लव यू सो मच, धीरज!"
"आइ लव यू, टू, मेरी जान." दोनो बीच की सॅंड पर लेते हुए, अपने विचारों में कहीं खो गये.
हालाँकि धीरज सच्चे मन से डॉली की मदद करना चाहता था, लेकिन कहीं ना कहीं उसके मन में तान्या के साथ खुद के रीलेशन को जायज़ ठहराने की भी मंशा थी. डूली और राज क्या कुछ करने वाले थे इस से उस का कोई लेना देना नही था. लेकिन कहीं ना कहीं वो डॉली की उसके सगे भाई से चुदाई के बारे में सोचकर भी थोड़ा एग्ज़ाइटेड हो रहा था. वो मन ही मन डॉली के सपनों के साकार करने के बारे में सोच कर मुस्कुराने लगा
डॉली समझ नही पा रही थी कि धीरज क्या सजेस्ट कर रहा है. धीरज चाहता था कि वो अपने भाई से उसकी सहमति से चुद्वाये. डॉली की ये बात सोच कर ही दोनो जांघों के बीच चूत से गरमी निकलने लगी, और वो अपने अंदर चल रहे अंतर्द्वंद पर काबू करने की कोशिश करने लगी. अगर वो धीरज की बात मान कर उसकी सहमति से राज से चुदाई करवा भी ले, लेकिन क्या राज और तान्या इस बात के लिए तय्यार होंगे?
"ये देखो वो रहे दोनो!" तान्या और राज उन दोनो को ढूंढते हुए बीच के उस सुनसान हिस्से तक आ पहुँचे, जहाँ धीरज और डॉली अगल बगल बीच की सॅंड पर लेटे पड़े थे.
"लंच कर लिया तुम दोनो ने?" राज ने पूछा, और कनखियों से अपनी दीदी की तरफ देखने लगा, कि कहीं वो उस बहस को जारी रखना चाहती है या नही, जो धीरज के आने की वजह से बीच में ही छूट गयी थी.
"नही, तुम दोनो ने नही किया हो तो चलो साथ ही कर लेते हैं?" धीरज ने खड़े होकर सॅंड( रेत ) को झाड़ते हुए जवाब दिया.
"साउंड्स ग्रेट! चलो!" धीरज ने तान्या का हाथ पकड़ लिया और दोनो बीच पर एक दूसरे के पीछे भागने लगे, और डॉली और राज को पीछे अकेला छोड़ दिया.
"जाने हम दोनो को कब अकेलापन मिलेगा?" तान्या ने बीच हाउस की तरफ भागते हुए पूछा.
"कल मिलेगा," धीरज ने अपने चेहरे पर एक कुटिल मुस्कान लाते हुए जवाब दिया. "कल सुबह हम दोनो जल्दी उठकर लाइटहाउस देखने जाएँगे," उसने अपनी आइब्रो चढ़ाते हुए जवाब दिया.
"म्म्म्मम. आइ कॅन'ट वेट," तान्या उसको बीच हाउस के अंदर खींचते हुए और अपना हाथ निकर के उपर से उसके लंड पर फिराते हुए बोली. तान्या ने अपनी स्विम्मिंग ड्रेस के उपर एक हल्का सा गाउन पहन रखा था, धीरज ने उसको नीचे से उठाकर अपना हाथ उस स्विम्मिंग कॉस्ट्यूम के पैंटी के उपर से तान्या की चूत पर ले जाकर चूत के उभार को सहलाने लगा.
"कितना अच्छा होता अगर हम अभी इसी वक़्त चुदाई कर पाते," तान्या ने धीरज के कंधे के उपर से खिड़की में से देखते हुए कि राज और डॉली बीच हाउस से कितनी दूर हैं, फुसफुसाते हुए कहा. राज और डॉली बीच हाउस से करीब 100 फीट पहले समुंदर के पानी के पास रुक कर किसी बात पर बहस कर रहे थे.
"तुम को तो पता ही है क्या करना है," तान्या ने स्माइल करते हुआ कहा, "अगर वो आते हुए दिखाई दें तो मुझे बता देना." तान्या ने धीरज का फेस विंडो की तरफ कर दिया, और स्विम्मिंग ट्रंक में से उसका लंड बाहर निकाल लिया, और नीचे फर्श पर घुटनों के बल बैठकर लंड को उसकी पूरी लंबाई तक आगे पीछे करने लगी.
"तान्या तुम भी ना...!" धीरज बस मुस्कुरा कर रह गया, जब तान्या ने उसके लंड को अपने गरम मूँह के अंदर ले लिया. धीरज ने उसके बाल पकड़ लिए, और लंड को उसके मूँह में अंदर बाहर करने लगा, तान्या के मूँह की चुदाई करते हुए वो विंडो में से बाहर अपनी बीवी और साले को देख रहा था. ये सोचकर कि वो दोनो भाई बेहन अपने इन्सेस्ट रिलेशन्स के बारे में बातें कर रहे हैं, धीरज और ज़्यादा एग्ज़ाइटेड हो रहा था.
यहाँ तान्या धीरज के लंड को चूस रही थी, और उधर उसका पति राज अपनी बेहन के सामने दलील पेश कर रहा था.
"मुझे कुछ नही पता, तुम क्या कह रही हो और क्या चाहती हो दीदी," राज बोला.
"कल रात को मेरी और धीरज की चुदाई की आवाज़ें सुन कर क्या तुम एग्ज़ाइटेड नही हो गये थे, सच सच बताओ, राज," डॉली ने सवाल पूछा.
"हां जिस तरह से आप आवाज़ें कर रहे थे, उसको सुनकर तो किसी का भी लंड खड़ा हो जाएगा?"
"बस चुदाई की आवाज़ों से नही राज, तुम मेरी चुदाई के बारे में सोच कर एग्ज़ाइटेड हो रहे थे!" डॉली ज़ोर से बोली, वो थोड़ा फ्रस्टरेटेड हो रही थी कि राज इस बात को मानने को तय्यार नही है कि वो दोनो भाई बेहन अभी भी अपने अपने पति पत्नी को चोदते हुए, एक दूसरे की चुदाई के बारे में फेंटसाइस करते हैं.
"वेल, शायद तुम सही कह रही हो दीदी," राज अपनी ग़लती मानते हुए बोला, उसकी आवाज़ में थोड़ा कंपन्न था, और ऐसा कहते हुए उसने अपनी एक हथेली अपनी डॉली दीदी की अध नंगी गान्ड पर रख दी. “तान्या के साथ चुदाई में वैसा मज़ा कभी नही आया जो आपके साथ आया करता था दीदी.”
"और क्या ऑप्षन है?" धीरज ने पूछा. "तुम और राज अभी भी एक दूसरे के सपने देखते हो, ये तुम दोनो की शादी शुदा जिंदगी के लिए सही नही है. मुझे लगता है ऐसा कर के लोंग रन में तुम राज और तान्या की शादी शुदा जिंदगी को सही तरह से चलाने में मदद करोगी.”
"हे भगवान, धीरज, तुम कहना क्या चाहते हो? " डॉली ने हताशा भरी आवाज़ में पूछा, "क्या तुमको लगता है कि इन्सेस्ट का जो पाप हम पहले से कर चुके हैं उसको जारी रखने से उनकी मॅरीड लाइफ बेहतर हो पाएगी? मुझे तो कुछ समझ में नही आ रहा.”
धीरज उसकी बात सुनकर हँसने लगा, और उसने डॉली के कंधे को अपने हाथ से दबाते हुए अपनी उसको अपने पास खींच लिया.
"तो फिर ठीक है," धीरज बोला. "जैसा मैने पहले भी पूछा था, और कोई ऑप्षन है क्या?"
"मुझे नही पता," डॉली बुदबुदाते हुए बोली. "मुझे सच मुच कुछ समझ में नही आ रहा, धीरज.”
जैसे ही धीरज ने डॉली के सिर के उपर चूमा, उसको अपने छाती पर डॉली के आँसू का गीलापन महसूस हुआ.
"चलो इस मसले को हम फिर कभी तसल्ली से सुलझायेंगे," धीरज बोला.
डॉली ने सहमति में अपनी गर्दन हिला दी, और अपने हथेलि के पिछले हिस्से से अपनी आँखों में आ रहे आँसू को पोंछ लिया.
"नो मॅटर व्हाट, एक बात हमेशा याद रखना मैं तुमको बेहद प्यार करता हूँ," धीरज बोला.
"मुझे पता है ," डॉली ने धीरज को अपनी बाँहों में भरते हुए कहा. “मैं सोच भी नही सकती किसी और का हज़्बेंड इतना ज़्यादा ... अंडरस्टॅंडिंग.... या ओपन माइंडेड होगा? जो कुछ तुमने सजेस्ट किया है... आइ लव यू सो मच, धीरज!"
"आइ लव यू, टू, मेरी जान." दोनो बीच की सॅंड पर लेते हुए, अपने विचारों में कहीं खो गये.
हालाँकि धीरज सच्चे मन से डॉली की मदद करना चाहता था, लेकिन कहीं ना कहीं उसके मन में तान्या के साथ खुद के रीलेशन को जायज़ ठहराने की भी मंशा थी. डूली और राज क्या कुछ करने वाले थे इस से उस का कोई लेना देना नही था. लेकिन कहीं ना कहीं वो डॉली की उसके सगे भाई से चुदाई के बारे में सोचकर भी थोड़ा एग्ज़ाइटेड हो रहा था. वो मन ही मन डॉली के सपनों के साकार करने के बारे में सोच कर मुस्कुराने लगा
डॉली समझ नही पा रही थी कि धीरज क्या सजेस्ट कर रहा है. धीरज चाहता था कि वो अपने भाई से उसकी सहमति से चुद्वाये. डॉली की ये बात सोच कर ही दोनो जांघों के बीच चूत से गरमी निकलने लगी, और वो अपने अंदर चल रहे अंतर्द्वंद पर काबू करने की कोशिश करने लगी. अगर वो धीरज की बात मान कर उसकी सहमति से राज से चुदाई करवा भी ले, लेकिन क्या राज और तान्या इस बात के लिए तय्यार होंगे?
"ये देखो वो रहे दोनो!" तान्या और राज उन दोनो को ढूंढते हुए बीच के उस सुनसान हिस्से तक आ पहुँचे, जहाँ धीरज और डॉली अगल बगल बीच की सॅंड पर लेटे पड़े थे.
"लंच कर लिया तुम दोनो ने?" राज ने पूछा, और कनखियों से अपनी दीदी की तरफ देखने लगा, कि कहीं वो उस बहस को जारी रखना चाहती है या नही, जो धीरज के आने की वजह से बीच में ही छूट गयी थी.
"नही, तुम दोनो ने नही किया हो तो चलो साथ ही कर लेते हैं?" धीरज ने खड़े होकर सॅंड( रेत ) को झाड़ते हुए जवाब दिया.
"साउंड्स ग्रेट! चलो!" धीरज ने तान्या का हाथ पकड़ लिया और दोनो बीच पर एक दूसरे के पीछे भागने लगे, और डॉली और राज को पीछे अकेला छोड़ दिया.
"जाने हम दोनो को कब अकेलापन मिलेगा?" तान्या ने बीच हाउस की तरफ भागते हुए पूछा.
"कल मिलेगा," धीरज ने अपने चेहरे पर एक कुटिल मुस्कान लाते हुए जवाब दिया. "कल सुबह हम दोनो जल्दी उठकर लाइटहाउस देखने जाएँगे," उसने अपनी आइब्रो चढ़ाते हुए जवाब दिया.
"म्म्म्मम. आइ कॅन'ट वेट," तान्या उसको बीच हाउस के अंदर खींचते हुए और अपना हाथ निकर के उपर से उसके लंड पर फिराते हुए बोली. तान्या ने अपनी स्विम्मिंग ड्रेस के उपर एक हल्का सा गाउन पहन रखा था, धीरज ने उसको नीचे से उठाकर अपना हाथ उस स्विम्मिंग कॉस्ट्यूम के पैंटी के उपर से तान्या की चूत पर ले जाकर चूत के उभार को सहलाने लगा.
"कितना अच्छा होता अगर हम अभी इसी वक़्त चुदाई कर पाते," तान्या ने धीरज के कंधे के उपर से खिड़की में से देखते हुए कि राज और डॉली बीच हाउस से कितनी दूर हैं, फुसफुसाते हुए कहा. राज और डॉली बीच हाउस से करीब 100 फीट पहले समुंदर के पानी के पास रुक कर किसी बात पर बहस कर रहे थे.
"तुम को तो पता ही है क्या करना है," तान्या ने स्माइल करते हुआ कहा, "अगर वो आते हुए दिखाई दें तो मुझे बता देना." तान्या ने धीरज का फेस विंडो की तरफ कर दिया, और स्विम्मिंग ट्रंक में से उसका लंड बाहर निकाल लिया, और नीचे फर्श पर घुटनों के बल बैठकर लंड को उसकी पूरी लंबाई तक आगे पीछे करने लगी.
"तान्या तुम भी ना...!" धीरज बस मुस्कुरा कर रह गया, जब तान्या ने उसके लंड को अपने गरम मूँह के अंदर ले लिया. धीरज ने उसके बाल पकड़ लिए, और लंड को उसके मूँह में अंदर बाहर करने लगा, तान्या के मूँह की चुदाई करते हुए वो विंडो में से बाहर अपनी बीवी और साले को देख रहा था. ये सोचकर कि वो दोनो भाई बेहन अपने इन्सेस्ट रिलेशन्स के बारे में बातें कर रहे हैं, धीरज और ज़्यादा एग्ज़ाइटेड हो रहा था.
यहाँ तान्या धीरज के लंड को चूस रही थी, और उधर उसका पति राज अपनी बेहन के सामने दलील पेश कर रहा था.
"मुझे कुछ नही पता, तुम क्या कह रही हो और क्या चाहती हो दीदी," राज बोला.
"कल रात को मेरी और धीरज की चुदाई की आवाज़ें सुन कर क्या तुम एग्ज़ाइटेड नही हो गये थे, सच सच बताओ, राज," डॉली ने सवाल पूछा.
"हां जिस तरह से आप आवाज़ें कर रहे थे, उसको सुनकर तो किसी का भी लंड खड़ा हो जाएगा?"
"बस चुदाई की आवाज़ों से नही राज, तुम मेरी चुदाई के बारे में सोच कर एग्ज़ाइटेड हो रहे थे!" डॉली ज़ोर से बोली, वो थोड़ा फ्रस्टरेटेड हो रही थी कि राज इस बात को मानने को तय्यार नही है कि वो दोनो भाई बेहन अभी भी अपने अपने पति पत्नी को चोदते हुए, एक दूसरे की चुदाई के बारे में फेंटसाइस करते हैं.
"वेल, शायद तुम सही कह रही हो दीदी," राज अपनी ग़लती मानते हुए बोला, उसकी आवाज़ में थोड़ा कंपन्न था, और ऐसा कहते हुए उसने अपनी एक हथेली अपनी डॉली दीदी की अध नंगी गान्ड पर रख दी. “तान्या के साथ चुदाई में वैसा मज़ा कभी नही आया जो आपके साथ आया करता था दीदी.”