hotaks444
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"चलो जो होगा, अच्छा ही होगा, अब चल कर नहा लेते हैं और लंच कर लेते हैं.” धीरज बोला.
धीरज और तान्या ने शवर लेने के बाद, लंच किया और फिर बीच हाउस की तरफ ड्राइव करते हुए लौटने लगे.
"आइ'म नर्वस," तान्या बोली.
"हां नर्वस होना नॉर्मल है, तुमको होना भी चाहिए" धीरज हँसते हुए बोला. "तुम वो ही करो जो मैं कर रहा हूँ. हम को कुछ नही पता कि हमारे पीछे उन भाई बेहन के बीच क्या कुछ हुआ है."
बीच हाउस पहुँच कर उन्होने देखा कि राज और डॉली बीच के किनारे बैठे हुए थे, धीरज और तान्या भी उन दोनो के पास जाकर बैठ गये.
"तो फिर कैसा रहा, एंजाय किया हमारे पीछे तुम दोनो ने?" धीरज ने डॉली को चूमते हुए उस से पूछा. धीरज ने महसूस किया कि डॉली के चेहरे पर एक अलग ही चमक थी.
"वंडरफुल!" डॉली ने आँख मारते हुए जवाब दिया, "और तुम दोनो ने एंजाय किया?"
"हां... ," धीरज ने संक्षिप्त जवाब दिया. डॉली ने धीरज के चेहरे की तरफ देखा, मानो पूछ रही हो उसके कहने का क्या मतलब है.
तान्या अपने पति राज के पास बैठी हुई थी, लेकिन राज एक तक किनारे से टकरा कर दम तोड़ रही लहरों को देख रहा था. तान्या ने पास रखी सनस्क्रीन लोशन की बॉटल में से कुछ बूँद अपनी हथेली पर निकाल कर राज की पीठ पर मलने लगी. राज ने एक पल को तान्या को तो देखा, लेकिन वो धीरज और डॉली को बिल्कुल इग्नोर कर रहा था. राज अभी भी अपनी दीदी की ताबड तोड़ चुदाई करने के बाद, बाकी सब से नज़रें चुरा रहा था. ख़ास तौर से वो धीरज से नज़रें मिलाने से बच रहा था, क्यूंकी एक धीरज ही था जिस को सब कुछ मालूम था.
किसी तरह शाम को सब लोग डिन्नर करने के बाद, अपने अपने रूम में शाम को जल्दी 9 बजे ही सोने के लिए चले गये, कोई किसी से ज़्यादा बात नही कर रहा था, सारे बीच हाउस में एक अन्मनि सी शांति छाइ हुई थी.
रूम में आने के बाद धीरज ने डॉली को अपनी बाहों में भरते हुए और किस करते हुए पूछा, "तो फिर कैसा रहा आज तुम दोनो के बीच?"
"क्या पूछना चाहते हो, तुमको सब कुछ पहले से मालूम है?" डॉली धीमे से बोली. "वो ही सब कुछ हुआ जो हम दोनो करना चाहते थे, शायद जो कुछ तुमने जिस तरह से अपनी बेहन संध्या के साथ किया था वो ही सब आज मैने और राज ने किया, तुम को तो सब कुछ मालूम ही है, तुम क्या पूछना चाहते हो, सॉफ सॉफ पूछो?"
"नही, मैने सोचा तुम दोनो भाई बेहन की चुदाई में कुछ यूनीक हुआ होगा, जो मैने संध्या के साथ ना किया हो. सब अलग अलग तरीके से चुदाई करते हैं, राज को मज़ा आया?"
"हां, बहुत," डॉली मुस्कुरा कर हँसते हुए बोली. "सुबह जब वो उठा, और मैं.... तुम समझ रहे हो ना." धीरज ने हामी में गर्दन हिलाई. "शुरू में तो उसके कुछ समझ में नही आया. लेकिन तुम सही कह रहे थे, हम दोनो के बीच बहुत कुछ होना बाकी है, और हम दोनो ही उसके लिए बेकरार थे."
"मुझे इस बात की खुशी है," धीरज बोला, और बात करते हुए अपनी बीवी के चेहरे पर आ रही चमक को देख कर मुस्कुरा उठा.
"सच में, तुम खुश हो?" डॉली को धीरज के इस रिक्षन पर एक बार को विश्वास नही हुआ.
"तुम्हारी खुशी में ही मेरी खुशी है," धीरज बोला.
"तुमने और तान्या ने सारे दिन क्या किया?" डॉली ने बात बदलने के इरादे से पूछा, जिस से धीरज उसकी और राज की चुदाई की और ज़्यादा डीटेल ना पूछ ले.
"वही जो तुमने और राज ने किया," धीरज ने जवाब दिया, और ये सुनने के बाद डॉली के चेहरे पर आ रहे एक्सप्रेशन्स को देखने लगा.
"क्या? तुम्हारा मतलब? नही, तुम और तान्या?" डॉली के चेहरे पर ल्यूक अलग तरह के परेशानी भरे एक्सप्रेशन्स आने लगे.
"ये सब कुछ ही महीने पहले शुरू हुआ है," धीरज शांत स्वर मे बोला. "जिस तरह से तुमको मेरे साथ चुदाई में वो मज़ा नही आता था, उसी तरह राज भी तान्या की ढंग से चुदाई नही कर पाता था, उनकी और हमारी दोनो कपल्स की सेक्स लाइफ में कुछ मिस्सिंग था. तान्या अपनी मॅरीड सेक्स लाइफ से असंतुष्ट थी, और बात आगे बढ़ती गयी और...,”धीरज की बात करते करते ज़बान लड़खड़ाने लगी, और वो अपनी बीवी के रिक्षन का इंतेजार करने लगा.
धीरज और तान्या ने शवर लेने के बाद, लंच किया और फिर बीच हाउस की तरफ ड्राइव करते हुए लौटने लगे.
"आइ'म नर्वस," तान्या बोली.
"हां नर्वस होना नॉर्मल है, तुमको होना भी चाहिए" धीरज हँसते हुए बोला. "तुम वो ही करो जो मैं कर रहा हूँ. हम को कुछ नही पता कि हमारे पीछे उन भाई बेहन के बीच क्या कुछ हुआ है."
बीच हाउस पहुँच कर उन्होने देखा कि राज और डॉली बीच के किनारे बैठे हुए थे, धीरज और तान्या भी उन दोनो के पास जाकर बैठ गये.
"तो फिर कैसा रहा, एंजाय किया हमारे पीछे तुम दोनो ने?" धीरज ने डॉली को चूमते हुए उस से पूछा. धीरज ने महसूस किया कि डॉली के चेहरे पर एक अलग ही चमक थी.
"वंडरफुल!" डॉली ने आँख मारते हुए जवाब दिया, "और तुम दोनो ने एंजाय किया?"
"हां... ," धीरज ने संक्षिप्त जवाब दिया. डॉली ने धीरज के चेहरे की तरफ देखा, मानो पूछ रही हो उसके कहने का क्या मतलब है.
तान्या अपने पति राज के पास बैठी हुई थी, लेकिन राज एक तक किनारे से टकरा कर दम तोड़ रही लहरों को देख रहा था. तान्या ने पास रखी सनस्क्रीन लोशन की बॉटल में से कुछ बूँद अपनी हथेली पर निकाल कर राज की पीठ पर मलने लगी. राज ने एक पल को तान्या को तो देखा, लेकिन वो धीरज और डॉली को बिल्कुल इग्नोर कर रहा था. राज अभी भी अपनी दीदी की ताबड तोड़ चुदाई करने के बाद, बाकी सब से नज़रें चुरा रहा था. ख़ास तौर से वो धीरज से नज़रें मिलाने से बच रहा था, क्यूंकी एक धीरज ही था जिस को सब कुछ मालूम था.
किसी तरह शाम को सब लोग डिन्नर करने के बाद, अपने अपने रूम में शाम को जल्दी 9 बजे ही सोने के लिए चले गये, कोई किसी से ज़्यादा बात नही कर रहा था, सारे बीच हाउस में एक अन्मनि सी शांति छाइ हुई थी.
रूम में आने के बाद धीरज ने डॉली को अपनी बाहों में भरते हुए और किस करते हुए पूछा, "तो फिर कैसा रहा आज तुम दोनो के बीच?"
"क्या पूछना चाहते हो, तुमको सब कुछ पहले से मालूम है?" डॉली धीमे से बोली. "वो ही सब कुछ हुआ जो हम दोनो करना चाहते थे, शायद जो कुछ तुमने जिस तरह से अपनी बेहन संध्या के साथ किया था वो ही सब आज मैने और राज ने किया, तुम को तो सब कुछ मालूम ही है, तुम क्या पूछना चाहते हो, सॉफ सॉफ पूछो?"
"नही, मैने सोचा तुम दोनो भाई बेहन की चुदाई में कुछ यूनीक हुआ होगा, जो मैने संध्या के साथ ना किया हो. सब अलग अलग तरीके से चुदाई करते हैं, राज को मज़ा आया?"
"हां, बहुत," डॉली मुस्कुरा कर हँसते हुए बोली. "सुबह जब वो उठा, और मैं.... तुम समझ रहे हो ना." धीरज ने हामी में गर्दन हिलाई. "शुरू में तो उसके कुछ समझ में नही आया. लेकिन तुम सही कह रहे थे, हम दोनो के बीच बहुत कुछ होना बाकी है, और हम दोनो ही उसके लिए बेकरार थे."
"मुझे इस बात की खुशी है," धीरज बोला, और बात करते हुए अपनी बीवी के चेहरे पर आ रही चमक को देख कर मुस्कुरा उठा.
"सच में, तुम खुश हो?" डॉली को धीरज के इस रिक्षन पर एक बार को विश्वास नही हुआ.
"तुम्हारी खुशी में ही मेरी खुशी है," धीरज बोला.
"तुमने और तान्या ने सारे दिन क्या किया?" डॉली ने बात बदलने के इरादे से पूछा, जिस से धीरज उसकी और राज की चुदाई की और ज़्यादा डीटेल ना पूछ ले.
"वही जो तुमने और राज ने किया," धीरज ने जवाब दिया, और ये सुनने के बाद डॉली के चेहरे पर आ रहे एक्सप्रेशन्स को देखने लगा.
"क्या? तुम्हारा मतलब? नही, तुम और तान्या?" डॉली के चेहरे पर ल्यूक अलग तरह के परेशानी भरे एक्सप्रेशन्स आने लगे.
"ये सब कुछ ही महीने पहले शुरू हुआ है," धीरज शांत स्वर मे बोला. "जिस तरह से तुमको मेरे साथ चुदाई में वो मज़ा नही आता था, उसी तरह राज भी तान्या की ढंग से चुदाई नही कर पाता था, उनकी और हमारी दोनो कपल्स की सेक्स लाइफ में कुछ मिस्सिंग था. तान्या अपनी मॅरीड सेक्स लाइफ से असंतुष्ट थी, और बात आगे बढ़ती गयी और...,”धीरज की बात करते करते ज़बान लड़खड़ाने लगी, और वो अपनी बीवी के रिक्षन का इंतेजार करने लगा.