hotaks444
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लाड़ला देवर ( देवर भाभी का रोमांस) पार्ट -2
फ्रेंड्स कहानी का पूरा मज़ा लेने के लिए इस कहानी का पहला भाग लाड़ला देवर ( देवर भाभी का रोमांस) पार्ट -1ज़रूर पढ़े
अब तक आपने इस कहानी में पढ़ा, किस तरह से कामिनी (अपने हीरो अंकुश के मनझले भाई कृष्ण कांत की पूर्व पत्नी) उस एनकाउंटर में बच निकलती है और मुंबई जाकर अपने पुराने धंधे को खड़ा कर लेती है.., जिसे खड़ा करने में दो नये शख्स युशुफ़ ख़ान और संजू शिंदे नाम के दो दोस्त जो ग़रीबी के कारण मुंबई आते हैं और मूषिबतों का सामना करते हुए एक दूसरे से मिलते हैं.
संजू विधार्व महाराष्ट्रा के एक गाँव का छोटा सा किसान होता है, जो अल्प आयु में ही पिता की असमय मौत के बाद अपनी माँ और बेहन के लिए अपनी पढ़ाई छोड़कर घर की सारी ज़िम्मेदारियों को संभालने लगता है.
अपनी कड़ी मेहनत से उसने अभी हालातों पर काबू पाया ही था कि गाँव के ही दबंगों ने मौका पाकर उसकी माँ के साथ जबरन बलात्कार कर डाला, और अपनी बेटी को बचाते हुए वो खुद भी मौत को प्राप्त हो गयी…!
गुस्से से तमतमाए संजू ने उन सभी दबंगों को कुल्हाड़ी से काट डाला और अपनी छोटी बेहन को लेकर मुंबई भाग आया.., जहाँ हालातों से लड़ते लड़ते उसकी बेहन वेश्या बनने पर मजबूर हो गयी, और उसे गुप्त रोग की घातक बीमारी के कारण वो भी उसका साथ छोड़ कर भगवान को प्यारी हो गयी…!
अपनी नाकामियों ने दुखी होकर संजू समंदर में डूबकर अपनी जान देने वाला होता है की तभी एक और हालातों का मारा हुआ युशुफ़ ख़ान नाम का व्यक्ति जो वहीं अपने दुखों के लिए रो रहा होता है वो उसे बचा लेता है..!
दो दुखी मन एक हो जाते हैं और मिलकर अपने हालातों से जूझने के लिए छोटी-मोटी चोरियाँ, मार-पीट, गुंडा गर्दि करने लगते हैं. युसुफ जहाँ अपने दिमाग़ का इस्तेमाल भी कर लेता था वहीं संजू अपने हाथ पैर ज़्यादा चला लेता था.., वो बहुत ही निडर और किसी पर भी टूट पड़ने के लिए तैयार रहता था…!
अभी वो दोनो अपने पाँव जमाने की कोशिश कर ही रहे थे कि एक दिन कामिनी जो कि अपना नाम बदलकर लीना के नाम से उनसे मिली.., लीना ने उन दोनो की जन्म कुंडली निकाल रखी थी.., लिहाजा वो दोनो पैसा कमाने के लालच में और कुच्छ अपने खूबसूरत बदन का इस्तेमाल करके लीना ने उन दोनो को फँसा लिया, उन दोनो की मदद से लीना का धंधा एक बार फिर चमकने लगा….!
चूँकि युसुफ ख़ान यूपी के एक गाँव का रहने वाला था, जहाँ उसका भरा पूरा परिवार था, माँ-बाप, तीन बहनें जिनके लिए कमाने को वो मुंबई गया था.., इधर लीना को भी अपना कारोबार एक बार फिर अपने पुराने एरिया में लाना था, सो युशुफ़ के गाँव के पास वाले शहर में जो कि उसके पुराने शहर के पास ही था उन दोनो की मदद से उसने डेरा जमा दिया…!
संजू को पैसे से कोई खास लगाव नही था.., वो एक सॉफ दिल लेकिन ख़तरनाक स्वाभाव का लड़का था, वहीं युशुफ़ लालची किस्म का था…, चूँकि उसने संजू की जान बचाई थी सो इसलिए वो उसके साथ जुड़ा रहा और देखते देखते उन दोनो ने उस शहर और आस-पास के इलाक़े में ड्रग्स का धंधा जमा लिया…!
लीना की तो पौ बारह थी.., उसे इस इलाक़े में आना ही था कुच्छ अपने पुराने हिसाब-किताब चुकाने थे…, इसी दौरान उसका पुराना बफ़दार भानु प्रताप जो कि उसी शहर में भेष बदलकर पोलीस से बचता बचाता रह रहा था, एक दिन उसने लीना को पहचान लिया और वो उसके साथ एक बार फिर मिल गया…!
फ्रेंड्स कहानी का पूरा मज़ा लेने के लिए इस कहानी का पहला भाग लाड़ला देवर ( देवर भाभी का रोमांस) पार्ट -1ज़रूर पढ़े
अब तक आपने इस कहानी में पढ़ा, किस तरह से कामिनी (अपने हीरो अंकुश के मनझले भाई कृष्ण कांत की पूर्व पत्नी) उस एनकाउंटर में बच निकलती है और मुंबई जाकर अपने पुराने धंधे को खड़ा कर लेती है.., जिसे खड़ा करने में दो नये शख्स युशुफ़ ख़ान और संजू शिंदे नाम के दो दोस्त जो ग़रीबी के कारण मुंबई आते हैं और मूषिबतों का सामना करते हुए एक दूसरे से मिलते हैं.
संजू विधार्व महाराष्ट्रा के एक गाँव का छोटा सा किसान होता है, जो अल्प आयु में ही पिता की असमय मौत के बाद अपनी माँ और बेहन के लिए अपनी पढ़ाई छोड़कर घर की सारी ज़िम्मेदारियों को संभालने लगता है.
अपनी कड़ी मेहनत से उसने अभी हालातों पर काबू पाया ही था कि गाँव के ही दबंगों ने मौका पाकर उसकी माँ के साथ जबरन बलात्कार कर डाला, और अपनी बेटी को बचाते हुए वो खुद भी मौत को प्राप्त हो गयी…!
गुस्से से तमतमाए संजू ने उन सभी दबंगों को कुल्हाड़ी से काट डाला और अपनी छोटी बेहन को लेकर मुंबई भाग आया.., जहाँ हालातों से लड़ते लड़ते उसकी बेहन वेश्या बनने पर मजबूर हो गयी, और उसे गुप्त रोग की घातक बीमारी के कारण वो भी उसका साथ छोड़ कर भगवान को प्यारी हो गयी…!
अपनी नाकामियों ने दुखी होकर संजू समंदर में डूबकर अपनी जान देने वाला होता है की तभी एक और हालातों का मारा हुआ युशुफ़ ख़ान नाम का व्यक्ति जो वहीं अपने दुखों के लिए रो रहा होता है वो उसे बचा लेता है..!
दो दुखी मन एक हो जाते हैं और मिलकर अपने हालातों से जूझने के लिए छोटी-मोटी चोरियाँ, मार-पीट, गुंडा गर्दि करने लगते हैं. युसुफ जहाँ अपने दिमाग़ का इस्तेमाल भी कर लेता था वहीं संजू अपने हाथ पैर ज़्यादा चला लेता था.., वो बहुत ही निडर और किसी पर भी टूट पड़ने के लिए तैयार रहता था…!
अभी वो दोनो अपने पाँव जमाने की कोशिश कर ही रहे थे कि एक दिन कामिनी जो कि अपना नाम बदलकर लीना के नाम से उनसे मिली.., लीना ने उन दोनो की जन्म कुंडली निकाल रखी थी.., लिहाजा वो दोनो पैसा कमाने के लालच में और कुच्छ अपने खूबसूरत बदन का इस्तेमाल करके लीना ने उन दोनो को फँसा लिया, उन दोनो की मदद से लीना का धंधा एक बार फिर चमकने लगा….!
चूँकि युसुफ ख़ान यूपी के एक गाँव का रहने वाला था, जहाँ उसका भरा पूरा परिवार था, माँ-बाप, तीन बहनें जिनके लिए कमाने को वो मुंबई गया था.., इधर लीना को भी अपना कारोबार एक बार फिर अपने पुराने एरिया में लाना था, सो युशुफ़ के गाँव के पास वाले शहर में जो कि उसके पुराने शहर के पास ही था उन दोनो की मदद से उसने डेरा जमा दिया…!
संजू को पैसे से कोई खास लगाव नही था.., वो एक सॉफ दिल लेकिन ख़तरनाक स्वाभाव का लड़का था, वहीं युशुफ़ लालची किस्म का था…, चूँकि उसने संजू की जान बचाई थी सो इसलिए वो उसके साथ जुड़ा रहा और देखते देखते उन दोनो ने उस शहर और आस-पास के इलाक़े में ड्रग्स का धंधा जमा लिया…!
लीना की तो पौ बारह थी.., उसे इस इलाक़े में आना ही था कुच्छ अपने पुराने हिसाब-किताब चुकाने थे…, इसी दौरान उसका पुराना बफ़दार भानु प्रताप जो कि उसी शहर में भेष बदलकर पोलीस से बचता बचाता रह रहा था, एक दिन उसने लीना को पहचान लिया और वो उसके साथ एक बार फिर मिल गया…!