hotaks444
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बाथरूम में जाकर अपने लौडे को साफ किया जिसपर अभी तक आशा दीदी की चूत का खून मिश्रित चूतरस लगा हुआ था…
मेने अपना अंडरवेर उतार कर बाथरूम में ही डाल दिया, और एक खाली शॉर्ट पहन लिया..,
बाहर आकर आल्मिरा से टीशर्ट निकाली ही थी कि पीछे से मुझे किसी की नरम-नरम बाहों ने कस लिया…
मेने उन हाथों को पकड़ कर अपनी कमर से हटाया, और बाजू पकड़ कर आगे को किया… देखा तो रामा दीदी खड़ी मुस्करा रही थी…
उसने इस समय मात्र उपर एक पतली सी टीशर्ट और नीचे एक जीन्स का शॉर्ट पहना हुआ था…
सामने आकर उसने मेरे गले में अपनी बाहें डालकर मेरे होठों पर अपने होठ चिपका दिए..
उसके गोल-गोल चुचियाँ मेरे सीने से दब गयी… मेने उसके कंधों को पकड़ कर अपने से अलग किया.. और पुछा – दीदी ! भाभी कहाँ हैं ?
वो छोटी चाची के यहाँ उनकी तबीयत जानने गयी हैं..उसने जबाब दिया.
मे – इसलिए तुम मौके का फ़ायदा उठाना चाहती हो क्यों..?
वो – हहेहहे… हां तो उसमें क्या..? कभी-2 थोड़ा बहुत मज़ा तो कर सकते हैं ना ! प्लीज़ भाई जल्दी से कर्दे ना भाभी के आने से पहले..
मे – क्या कर दूं..?
वो –ओफ़्फूओ.. तू भी ना..! जान बूझकर हमेशा तंग करता है मुझे…
चल अब बातें मत बना और जल्दी से मेरी खुजली मिटा दे यार !.. आज बहुत मन कर रहा है.. प्लीज़…!
इतना कहकर वो फिरसे मेरे उपर चढ़ने लगी… मेने उसके अमरूदो को जोरे से मसल दिया…
सीईईई… धीरी… आराम से कर ना यार !..ये कहीं भागे जा रहे हैं..?
मे मुश्किल से आधे घंटे पहले ही एक सील तोड़कर आया था, मेरा लंड अभी भी थोड़ा पहली वाली नयी चूत की गर्मी से आकड़ा हुआ था..
और यहाँ एक और कमसिन चूत सामने थी.., जिसकी खुश्बू सूंघ कर वो फिरसे अपनी औकात में आ गया…
मेने झट-पट उसके पीछे जाकर उसका टॉप उपर करके निकाल दिया, बिना ब्रा के उसके बूब्स किसी स्प्रिंग लगे खिलौने की तरह हिल-हिल कर बाहर आगये…
टॉप एक तरफ को उच्छल कर उसके चुचे चूसने लगा… वो भी उतावली होकेर गान्ड उचका-उचका कर चुसवाने लगी…
कुच्छ देर उसकी चुचियों को चूसने के बाद मेने उसको पूरी तरह नंगा कर दिया और अपने लंड की तरफ इशारा करके कहा….
दीदी ! लगे हाथ अब ज़रा तुम भी इसकी सेवा करदो…
वो मेरे डंडे जैसे खड़े लंड के आगे बैठ गयी, और उसे गडप से अपने मूह में भर कर लॉलीपोप की तरह चूसने लगी…
कुछ देर लंड चुसवाने के बाद मेने उसे अपने पलंग पर धकेल दिया और चढ़ गया उसके उपर…
पहले धक्के में ही उसकी अह्ह्ह्ह… निकल गयी.. फिर धीरे-2 आराम से मेने पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया, और हल्के – 2 धक्के मारने लगा.
हम दोनो ही अब लय में आते जा रहे थे,…
मे कुच्छ देर पहले ही एक चूत चोद कर आया था, सो मेरा माल निकलने में समय लगने वाला था…
करीब आधे घंटे भी ज़्यादा देर तक, मे उसको अलग-2 तरीकों से चोदता रहा…
इतनी देर में वो 2-3 बार अपना पानी छोड़ चुकी थी… आख़िर मेने भी अपना गाढ़ा-गाढ़ा दही उसकी चुचियों और मूह पर उडेल दिया…
वो उसको प्यार से अपनी उंगली पर लेकर चाटने लगी, और वाकई को अपने अमरुदों पर माल लिया… !
फिर उठकर बाथरूम में जाकर अपने शरीर को सॉफ किया और कपड़े पहन कर मेरे लिए चाय बनाने चली गयी…
मेने अपना अंडरवेर उतार कर बाथरूम में ही डाल दिया, और एक खाली शॉर्ट पहन लिया..,
बाहर आकर आल्मिरा से टीशर्ट निकाली ही थी कि पीछे से मुझे किसी की नरम-नरम बाहों ने कस लिया…
मेने उन हाथों को पकड़ कर अपनी कमर से हटाया, और बाजू पकड़ कर आगे को किया… देखा तो रामा दीदी खड़ी मुस्करा रही थी…
उसने इस समय मात्र उपर एक पतली सी टीशर्ट और नीचे एक जीन्स का शॉर्ट पहना हुआ था…
सामने आकर उसने मेरे गले में अपनी बाहें डालकर मेरे होठों पर अपने होठ चिपका दिए..
उसके गोल-गोल चुचियाँ मेरे सीने से दब गयी… मेने उसके कंधों को पकड़ कर अपने से अलग किया.. और पुछा – दीदी ! भाभी कहाँ हैं ?
वो छोटी चाची के यहाँ उनकी तबीयत जानने गयी हैं..उसने जबाब दिया.
मे – इसलिए तुम मौके का फ़ायदा उठाना चाहती हो क्यों..?
वो – हहेहहे… हां तो उसमें क्या..? कभी-2 थोड़ा बहुत मज़ा तो कर सकते हैं ना ! प्लीज़ भाई जल्दी से कर्दे ना भाभी के आने से पहले..
मे – क्या कर दूं..?
वो –ओफ़्फूओ.. तू भी ना..! जान बूझकर हमेशा तंग करता है मुझे…
चल अब बातें मत बना और जल्दी से मेरी खुजली मिटा दे यार !.. आज बहुत मन कर रहा है.. प्लीज़…!
इतना कहकर वो फिरसे मेरे उपर चढ़ने लगी… मेने उसके अमरूदो को जोरे से मसल दिया…
सीईईई… धीरी… आराम से कर ना यार !..ये कहीं भागे जा रहे हैं..?
मे मुश्किल से आधे घंटे पहले ही एक सील तोड़कर आया था, मेरा लंड अभी भी थोड़ा पहली वाली नयी चूत की गर्मी से आकड़ा हुआ था..
और यहाँ एक और कमसिन चूत सामने थी.., जिसकी खुश्बू सूंघ कर वो फिरसे अपनी औकात में आ गया…
मेने झट-पट उसके पीछे जाकर उसका टॉप उपर करके निकाल दिया, बिना ब्रा के उसके बूब्स किसी स्प्रिंग लगे खिलौने की तरह हिल-हिल कर बाहर आगये…
टॉप एक तरफ को उच्छल कर उसके चुचे चूसने लगा… वो भी उतावली होकेर गान्ड उचका-उचका कर चुसवाने लगी…
कुच्छ देर उसकी चुचियों को चूसने के बाद मेने उसको पूरी तरह नंगा कर दिया और अपने लंड की तरफ इशारा करके कहा….
दीदी ! लगे हाथ अब ज़रा तुम भी इसकी सेवा करदो…
वो मेरे डंडे जैसे खड़े लंड के आगे बैठ गयी, और उसे गडप से अपने मूह में भर कर लॉलीपोप की तरह चूसने लगी…
कुछ देर लंड चुसवाने के बाद मेने उसे अपने पलंग पर धकेल दिया और चढ़ गया उसके उपर…
पहले धक्के में ही उसकी अह्ह्ह्ह… निकल गयी.. फिर धीरे-2 आराम से मेने पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया, और हल्के – 2 धक्के मारने लगा.
हम दोनो ही अब लय में आते जा रहे थे,…
मे कुच्छ देर पहले ही एक चूत चोद कर आया था, सो मेरा माल निकलने में समय लगने वाला था…
करीब आधे घंटे भी ज़्यादा देर तक, मे उसको अलग-2 तरीकों से चोदता रहा…
इतनी देर में वो 2-3 बार अपना पानी छोड़ चुकी थी… आख़िर मेने भी अपना गाढ़ा-गाढ़ा दही उसकी चुचियों और मूह पर उडेल दिया…
वो उसको प्यार से अपनी उंगली पर लेकर चाटने लगी, और वाकई को अपने अमरुदों पर माल लिया… !
फिर उठकर बाथरूम में जाकर अपने शरीर को सॉफ किया और कपड़े पहन कर मेरे लिए चाय बनाने चली गयी…