desiaks
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- Aug 28, 2015
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आरोही- वाउ.. यू अरे ग्रेट। एकदम सही जवाब। मैं तो तुम्हारी फैन हो गई।
राज- अच्छा जी... जरा हमें भी तो बताइए की हमारा पसंदीदा फल कौन सा है?
आरोही सोचती हैं राज की पसंद विशाल में कितनी मिलती है। ब्लू कलर विशाल को भी पसंद है, और राज को भी। यही सोचते हुए आरोही विशाल की पसंद का फल "आम" कह देती है।
राज- ओह माई गोड... ये भी एकदम सही जवाब है।
आरोही- राज एक बात कहूँ?
राज- हाँ हाँ कहो।
आरोही- ऐसा लगता है मुझे तुमसे प्यार हो गया है।
राज- क्या?
आरोही- हाँ मैं सही कह रही हैं। आई लव यू राज।
विशाल को ये सुनकर बड़ा तगड़ा झटका लगता है। विशाल ने ऐसा कुछ तो सोचा भी नहीं था की ऐसा कुछ भी हो सकता है। आरोही का आज राज से प्यार हो चुका था।
राज- ये तुम क्या कह रही हो आरोही?
आरोही- हाँ रा, मैं ठीक कह रही हैं, मुझे तुमसे प्यार हो गया है।
राज- बिना देखे?
आरोही- हाँ बिना देखे।
राज- मगर आरोही ये सब नहीं हो सकता।
आरोही- क्यों नहीं हो सकता? राज मुझे तुमसे मिलना है क्या तुम मुझसे मिलने आ सकते हो?
विशाल सोचता है इस राज का अध्याय खतम करना पड़ेगा। विशाल का एक आईडिया आता है, इस राज के चैप्टर को समाप्त करने का।
राज. ठीक है में कल तुम्हारी सिटी पहुँचता हूँ। तुम मुझे दो बजे मेट्रो माल में मिलना। है
आरोही- मैं तुम्हें पहचानूंगी कैसे? मुझे अपनी एक पिक तो भेजा।
विशाल नेट से एक फेक पिक डाउनलोड करके आरोही को भेज देता है- "कैसी लगी मेरी पिक....
आरोही- "बड़े ही हैंडसम लग रहे हो राज... और फिर आरोही भी अपनी कई पिक राज को भेज देती है।
राज- आरोही, तुम्हें मुझ पर इतना भरोशा कैसे हो गया? अगर मैंने तुम्हारा फायदा उठा लिया तो?
राज- अच्छा जी... जरा हमें भी तो बताइए की हमारा पसंदीदा फल कौन सा है?
आरोही सोचती हैं राज की पसंद विशाल में कितनी मिलती है। ब्लू कलर विशाल को भी पसंद है, और राज को भी। यही सोचते हुए आरोही विशाल की पसंद का फल "आम" कह देती है।
राज- ओह माई गोड... ये भी एकदम सही जवाब है।
आरोही- राज एक बात कहूँ?
राज- हाँ हाँ कहो।
आरोही- ऐसा लगता है मुझे तुमसे प्यार हो गया है।
राज- क्या?
आरोही- हाँ मैं सही कह रही हैं। आई लव यू राज।
विशाल को ये सुनकर बड़ा तगड़ा झटका लगता है। विशाल ने ऐसा कुछ तो सोचा भी नहीं था की ऐसा कुछ भी हो सकता है। आरोही का आज राज से प्यार हो चुका था।
राज- ये तुम क्या कह रही हो आरोही?
आरोही- हाँ रा, मैं ठीक कह रही हैं, मुझे तुमसे प्यार हो गया है।
राज- बिना देखे?
आरोही- हाँ बिना देखे।
राज- मगर आरोही ये सब नहीं हो सकता।
आरोही- क्यों नहीं हो सकता? राज मुझे तुमसे मिलना है क्या तुम मुझसे मिलने आ सकते हो?
विशाल सोचता है इस राज का अध्याय खतम करना पड़ेगा। विशाल का एक आईडिया आता है, इस राज के चैप्टर को समाप्त करने का।
राज. ठीक है में कल तुम्हारी सिटी पहुँचता हूँ। तुम मुझे दो बजे मेट्रो माल में मिलना। है
आरोही- मैं तुम्हें पहचानूंगी कैसे? मुझे अपनी एक पिक तो भेजा।
विशाल नेट से एक फेक पिक डाउनलोड करके आरोही को भेज देता है- "कैसी लगी मेरी पिक....
आरोही- "बड़े ही हैंडसम लग रहे हो राज... और फिर आरोही भी अपनी कई पिक राज को भेज देती है।
राज- आरोही, तुम्हें मुझ पर इतना भरोशा कैसे हो गया? अगर मैंने तुम्हारा फायदा उठा लिया तो?