hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
हथकड़ियाँ पहना हुआ और पोलीस से घेरा हुआ सुधीर वेर हाउस से बाहर निकला. उसके साथ सब हथियार से लेस पोलीस थी क्योंकि वह कोई सीधा सादा क़ातिल ना होकर चार चार क़त्ल किया हुआ सीरियल किल्लर था. पोलीस ने सुधीर को उनके एक गाड़ी मे बिठाया. इंस्पेक्टर राज वेरहाउस के दरवाजे के पास पीछे ही रुक गया. राज ने अब तक ना जाने कितने क़त्ल के केसिज हॅंडल किए थी लेकिन इस केस से वह विचलित हुआ दिख रहा था.
कातिल को पकड़ने का सबसे महत्वपूर्ण काम तो अब पूरा हो चुका था. इसलिए अब उनके साथ गाड़ी मे बैठकर जाना उसे उतना ज़रूरी नही लगा. वह कुछ वक्त अकेले मे गुज़ारना चाहता था और उसे पीछे रुक कर एकबार इस वेरहाउस की पूरी छानबीन करनी थी. उसने अपने असिस्टेंट पवन को इशारा किया,
“तुम लोग इसे लेकर आगे निकल जाओ… में थोड़ी देर मे थोड़ी ही देर मे वहाँ पहुँचता हूँ…” राज ने कहा.
जिस गाड़ी मे सुधीर को बिठाया था वह गाड़ी शुरू हो गयी. उसके पीछे पोलीस की बाकी गाडिया भी शुरू हो गयी और सुधीर जिस गाड़ी मे बैठा था उसके पीछे तेज़ी से दौड़ने लगी. वे गाडिया निकल गयी… राज गंभीर मुद्रा मे उस धूल के बादल को धीरे धीरे नीचे बैठ ता हुआ देख रहा था.
जैसे ही सब गाड़ियाँ वहाँ से निकल गयी और औरा आस पास का वातावरण शांत हुआ राज ने वेर हाउस के एक चक्कर लगाया. चलते चलते उसने उपर आसमान की तरफ देखा. आसमान मे लाली फैल गयी थी और अब थोड़ी ही देर मे सूरज उगने वाला था. वह एक चक्कर लगा कर दरवाजे के पास आ गया और भारी चाल से वेरहाउस के अंदर चला गया.
अंदर वेरहाउस मे अब भी अंधेरा था. उसने कंप्यूटर के चमक रहे मॉनीटौर की रोशनी मे वेरहाउस के अंदर एक चक्कर लगाया और फिर उस कंप्यूटर के पास जाकर खड़ा हो गया. राज ने देखा कि कंप्यूटर पर एक सॉफ्टवेर अब भी ओपन किया हुआ था. उसने सॉफ्टवेर की लाग अलग ऑप्षन्स पर माउस क्लिक करके देखा. एक बटन पर क्लिक करते ही कंप्यूटर के बगल मे रखे एक उपकरण का लाइट ब्लिंक होने लगा. उसने वह उपकरण हाथ मे लेकर उसे गौर से देखा. वह एक सिग्नल रिसीवर था, जिसपर एक डिसप्ले था. उस डिसप्ले पर एक मेसेज चमक ने लगा. लिखा था ‘ इन सिग्नल रेंज / इन्स्ट्रक्षन = लेफ्ट’. उसने वह उपकरण वापस अपनी जगह रख दिया. उसने और एक सॉफ्टवेर का बटन दबाया, जिसपर ‘राइट’ ऐसा लिखा हुआ था.
फिर से सिग्नल रिसीवर ब्लिंक हुआ और उसपर मेसेज आया ‘इन सिग्नल रेंज / इन्स्ट्रक्षन = राइट’. आगे उसने ‘अटॅच’ बटन दया. फिर से सिग्नल रिसीवर ब्लिंक हो गया और उसपर मेसेज आया था. ‘इन सिग्नल रेंज / इन्स्ट्रक्षन = अटॅक’. राज ने वह उपकरण फिर से हाथ मे लिया और अब वह उसे गौर से देखने लगा. इतने मे उसे वेरहाउस के बाहर किसी चीज़ की आवाज़ आई. वह उपकरण वैसा ही हाथ मे लेकर वह बाहर चला गया.
वेर हाउस के बाहर आकर उसने आजूबाजू देखा.
यहाँ तो कोई नही…
फिर किस चीज़ का आवाज़ है…
होगा कुछ… जाने दो…
जब वह फिर से वेर हाउस मे वापस आने के लिए मुड़ा तब उसका ध्यान अनायास ही उसके हाथ मे पकड़े ब्लिंक हो रहे उपकरण की तरफ गया. अचानक उसके चेहरे पर आस्चर्य के भाव दिखने लगे. उस सिग्नल रिसीवर पर ‘आउट ऑफ रेंज / इन्स्ट्रक्षन = निल्ल’ ऐसा मेसेज आया था. वह आश्चर्य से उस उपकरण की तरफ देखने लगा. उसका मुँह खुला का खुला ही रह गया. उसके दिमाग़ मे अलग अलग सवालोने भीड़ की थी.
अचानक आस पास किसी की उपस्थिति से वह लगभग चौंक गया. देखता है तो वह एक काली बिल्ली थी और वह उसके सामने से दौड़ते हुए वेर हाउस मे घुस गयी थी. एक बार उसने अपने हाथ मे पकड़े उपकरण की तरफ देखा और फिर उस वेर हाउस के खुले दरवाजे की तरफ देखा, जिससे अभी अभी एक काली बिल्ली अंदर गयी थी.
धीरे धीरे सावधानी से उस बिल्ली का पीछा करते हुए वह अब अंदर वेर हाउस मे जाने लगा.
कातिल को पकड़ने का सबसे महत्वपूर्ण काम तो अब पूरा हो चुका था. इसलिए अब उनके साथ गाड़ी मे बैठकर जाना उसे उतना ज़रूरी नही लगा. वह कुछ वक्त अकेले मे गुज़ारना चाहता था और उसे पीछे रुक कर एकबार इस वेरहाउस की पूरी छानबीन करनी थी. उसने अपने असिस्टेंट पवन को इशारा किया,
“तुम लोग इसे लेकर आगे निकल जाओ… में थोड़ी देर मे थोड़ी ही देर मे वहाँ पहुँचता हूँ…” राज ने कहा.
जिस गाड़ी मे सुधीर को बिठाया था वह गाड़ी शुरू हो गयी. उसके पीछे पोलीस की बाकी गाडिया भी शुरू हो गयी और सुधीर जिस गाड़ी मे बैठा था उसके पीछे तेज़ी से दौड़ने लगी. वे गाडिया निकल गयी… राज गंभीर मुद्रा मे उस धूल के बादल को धीरे धीरे नीचे बैठ ता हुआ देख रहा था.
जैसे ही सब गाड़ियाँ वहाँ से निकल गयी और औरा आस पास का वातावरण शांत हुआ राज ने वेर हाउस के एक चक्कर लगाया. चलते चलते उसने उपर आसमान की तरफ देखा. आसमान मे लाली फैल गयी थी और अब थोड़ी ही देर मे सूरज उगने वाला था. वह एक चक्कर लगा कर दरवाजे के पास आ गया और भारी चाल से वेरहाउस के अंदर चला गया.
अंदर वेरहाउस मे अब भी अंधेरा था. उसने कंप्यूटर के चमक रहे मॉनीटौर की रोशनी मे वेरहाउस के अंदर एक चक्कर लगाया और फिर उस कंप्यूटर के पास जाकर खड़ा हो गया. राज ने देखा कि कंप्यूटर पर एक सॉफ्टवेर अब भी ओपन किया हुआ था. उसने सॉफ्टवेर की लाग अलग ऑप्षन्स पर माउस क्लिक करके देखा. एक बटन पर क्लिक करते ही कंप्यूटर के बगल मे रखे एक उपकरण का लाइट ब्लिंक होने लगा. उसने वह उपकरण हाथ मे लेकर उसे गौर से देखा. वह एक सिग्नल रिसीवर था, जिसपर एक डिसप्ले था. उस डिसप्ले पर एक मेसेज चमक ने लगा. लिखा था ‘ इन सिग्नल रेंज / इन्स्ट्रक्षन = लेफ्ट’. उसने वह उपकरण वापस अपनी जगह रख दिया. उसने और एक सॉफ्टवेर का बटन दबाया, जिसपर ‘राइट’ ऐसा लिखा हुआ था.
फिर से सिग्नल रिसीवर ब्लिंक हुआ और उसपर मेसेज आया ‘इन सिग्नल रेंज / इन्स्ट्रक्षन = राइट’. आगे उसने ‘अटॅच’ बटन दया. फिर से सिग्नल रिसीवर ब्लिंक हो गया और उसपर मेसेज आया था. ‘इन सिग्नल रेंज / इन्स्ट्रक्षन = अटॅक’. राज ने वह उपकरण फिर से हाथ मे लिया और अब वह उसे गौर से देखने लगा. इतने मे उसे वेरहाउस के बाहर किसी चीज़ की आवाज़ आई. वह उपकरण वैसा ही हाथ मे लेकर वह बाहर चला गया.
वेर हाउस के बाहर आकर उसने आजूबाजू देखा.
यहाँ तो कोई नही…
फिर किस चीज़ का आवाज़ है…
होगा कुछ… जाने दो…
जब वह फिर से वेर हाउस मे वापस आने के लिए मुड़ा तब उसका ध्यान अनायास ही उसके हाथ मे पकड़े ब्लिंक हो रहे उपकरण की तरफ गया. अचानक उसके चेहरे पर आस्चर्य के भाव दिखने लगे. उस सिग्नल रिसीवर पर ‘आउट ऑफ रेंज / इन्स्ट्रक्षन = निल्ल’ ऐसा मेसेज आया था. वह आश्चर्य से उस उपकरण की तरफ देखने लगा. उसका मुँह खुला का खुला ही रह गया. उसके दिमाग़ मे अलग अलग सवालोने भीड़ की थी.
अचानक आस पास किसी की उपस्थिति से वह लगभग चौंक गया. देखता है तो वह एक काली बिल्ली थी और वह उसके सामने से दौड़ते हुए वेर हाउस मे घुस गयी थी. एक बार उसने अपने हाथ मे पकड़े उपकरण की तरफ देखा और फिर उस वेर हाउस के खुले दरवाजे की तरफ देखा, जिससे अभी अभी एक काली बिल्ली अंदर गयी थी.
धीरे धीरे सावधानी से उस बिल्ली का पीछा करते हुए वह अब अंदर वेर हाउस मे जाने लगा.