hotaks444
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राज की मांसल जाँघ नाजिया के चुतड़ों से टकरा कर थप-थप की आवाज़ करने लगी….राज ने अपना लंड अंदर बाहर करते हुए, नाजिया के दोनो चुतड़ों को फेला दिया. और उसकी बुर के पानी से भीगे उसकी गान्ड के छेद को अपनी उंगली से कुरेदने लगा…..नाजिया का पूरा जिस्म एक दम से कांप गया….चुदवाने में इतना मज़ा आता है…ये आज नाजिया को पता चल रहा था….और वो भी सिसकते हुए, राज के लंड को अपनी बुर की गहराइयों में महसूस कर रही थी….नाजिया का पूरा बदन ऐंठने लगा था….उसे अपने बदन का सारा खून बुर में इकट्ठा होता हुआ महसूस होने लगा…..”ओह्ह्ह्ह राज ईए मुझे क्या कर दियाअ आप ने स हाई में पागल ओह्ह्ह्ह राज……”
राज: क्यों क्या हुआ मेरी रानी….मज़ा नही आ रहा…..
नाजिया: अहह सीईइ उंह उंघह बहुत आ रहा है…….
राज: और मारू क्या ?
नाजिया: ह्म्म्म्म मम
राज ने अपने झटको की रफ़्तार और बढ़ा दी…..अब राज का लंड नाजिया की टाइट बुर में पूरी रफतार से अंदर बाहर हो रहा था….और फिर नाजिया का बदन एक दम अकड़ने लगा….बुर का सैलाब बाहर ज़लज़ला बन कर बह निकला…..और उसका पूरा बदन झटके खाते हुए झड़ने लगा. राज भी टाइट बुर में ज़्यादा देर नही टिक पाया….और उसकी बुर के अंदर ही उसके लंड ने वीर्य की बोछार कर दी……
नाजिया झड़ने के बाद बुरी तरह हाँफ रही थी…..राज ने जैसे ही अपना लंड नाजिया की बुर से बाहर निकाला, नाजिया आगे की तरफ लूड़क कर उस तिरपाल पर लेट गयी…और गहरी साँसे लेने लगी…..राज कुछ देर वैसे ही घुटनो के बल बैठा रहा….और नाजिया के नरम और मांसल चुतड़ों को सहलाता रहा….जब नाजिया की साँसे कुछ दुरस्त हुई, तो उसे अहसास हुआ, कि ये उसने क्या कर दिया है…..जो भी हुआ वो नही होना चाहिए था…..पर अब बहुत देर हो चुकी थी…..जैसे ही उसे अपने चुतड़ों पर राज के हाथ का स्पर्श महसूस हुआ, तो वो उठ कर बैठ गयी….उसने एक बार राज की तरफ देखा, और फिर नीचे अपनी जाँघो में देखा, तो वो एक दम से घबरा गयी……
उसकी बुर की फांके उसकी बुर के गाढ़े पानी और राज के वीर्य और खून से सनी हुई थी….खून के कुछ धब्बे उस तिरपाल पर लगे हुए थे….नाजिया ये सब देख कर घबरा गयी. और उसकी घबराहट को राज एक पल में समझ गया…..”घबराओ नही….पहली बार ऐसा होता है….अब खून नही आएगा….इसे सॉफ कर लो…..”
नाजिया: ये आप ने ठीक नही किया राज…..
राज: अर्रे क्यों घबरा रही हो मेरे जान…..यही तो जवानी के मज़े लूटने का समय है. में तुम्हारा ख़याल रखूँगा ना….चलो इसे सॉफ कर लो……
नाजिया: किससे से करूँ…..?
राज ने नाजिया की पैंटी उठाई, और उसी से अपना लंड सॉफ करने लगा…ये देख नाजिया एक दम से बोल पड़ी…..”अब में क्या पहनूँगी…..” राज ने हंसते हुए अपने लंड को सॉफ किया, और फिर वो पैंटी नाजिया की तरफ बढ़ा दी, और बोला…..”क्यों स्कर्ट तो है ना….किसी को नही पता चलता….में तुम्हे घर वाली गली के बाहर छोड़ दूँगा….वहाँ से तुम पैदल चली जाना.”
नाजिया ने सर झुकाए हुए राज के हाथ से पैंटी ली, और अपनी बुर और जाँघो को ठीक से सॉफ किया…..नाजिया उसके सामने बेहद शरमा रही थी…..
नाजिया की गोरी चिकनी जाँघ और बुर देख कर एक बार फिर से राज का लंड झटके खाने लगा था. उसने अभी तक अंडरवेर और पेंट नही पहनी हुई थी…..राज का लंड फिर से खड़ा होने लगा था….तभी अचानक नाजिया की नज़र राज के झटके खा रहे लंड पर गयी…जिसे देखते ही उसके दिल की धड़कने फिर से बढ़ने लगी…..नाजिया एक दम से घबराते हुए खड़ी हो गयी…..और थोड़ा आगे चल कर अपनी स्कर्ट को ठीक करने के बाद, अपनी शर्ट के बटन बंद करने लगी……राज नाजिया की स्कर्ट में मटकते हुए उसके गोलमटोल चुतड़ों को देख कर पागल हो उठा….उसने जल्दी से अपनी अंडरवेर और पेंट पहनी, पर उसे जाँघो तक चढ़ा कर छोड़ दिया…और फिर अपनी पेंट को पकड़ कर नाजिया के ठीक पीछे आकर खड़ा हो गया…
नाजिया अपनी शर्ट के बूटों लगाने में मसरूफ़ थी कि, राज ने उससे पीछे से बाहों में भर लिया…और उसकी लंबी सुरहीदार गर्दन पर अपने होंटो को लगा दिया…..नाजिया एक दम से चोंक गयी….और राज के बाहों से निकालने की कॉसिश करने लगी….पर राज के होंटो के तपिश अपने नेक पर महसूस करके, वो एक दम से बेजान से हो गये….”सीईईईई उम्म्म्म आह क्या क्या कर रही है आप……”
राज: कुछ नही अपनी जान को प्यार कर रहा हूँ……(राज ने अपने होंटो को नाजिया के गर्दन पर रगड़ते हुए कहा….)
नाजिया: उंघ माआ सीईइ बस करें…..कोई देख लेगाअ अहह……
राज: (नाजिया के शर्ट के ऊपेर से उसकी चुचियों को मसलते हुए) ह्न्म्म्म यहंन कोई नही देखेगा….प्लीज़ मेरी जान मुझसे रहा नही जा रहा……आज तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो.. प्लीज़ एक बार और दी दो ना…..? (राज लगातार नाजिया की चुचियों को मसलते हुए, उसकी गर्दन और गाल पर अपने होंटो को रगड़ रहा था….और नाजिया भी मस्त होती जा रही थी) प्लीज़ जान एक बार और दे दो ना…..
नाजिया: (लड़खड़ाती हुई आवाज़ में) क क क्या…….?
राज: ओह्ह फुद्दि तुम्हारी फुद्दि चाहिए……
नाजिया: हाए तोबा अहह कैसी बातें करते है आप……
राज: प्लीज़ जान मेरे लिए इतना भी नही कर सकती…प्लीज़ एक बार……
ये कहते हुए, राज ने नाजिया के स्कर्ट को पकड़ कर ऊपेर उठाना शुरू कर दिया…..उसने नाजिया के स्कर्ट को उठा कर उसकी कमर पर फँसा दिया….और फिर अपने टाँगों को फेला कर अपने घुटनो को मोड़ कर नीचे झुका, और नाजिया के कान में धीरे से कहा….
राज: नाजिया खोला ना….
नाजिया: लड़खड़ाती हुई आवाज़ में) क्या ?
राज: अपनी टांगे खोलो ना……
नाजिया: सीईइ नही कुछ हो गया तो…..
राज: में भला अपनी जान को कुछ होने दूँगा…..प्लीज़ नाजिया एक बार और कर लेना दो ना. तुम्हे मेरे कसम…..
नाजिया राज के प्यारी भरी चिकनी चुपड़ी बातों को सुन कर एक दम से पिघल गये….उसने लर्जते हुए अपनी टाँगों को खड़े खड़े फेला लिया…..राज ने एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर नाजिया की गान्ड से नीचे लेजाते हुए उसकी बुर के फांको पर रख कर अपने लंड के सुपाडे को नाजिया के बुर के छेद पर टीकाने की कॉसिश करने लगा….पर खड़े-2 उससे नाजिया की बुर के छेद तक अपने लंड को परेशान हो रही थी…….
राज: नाजिया तुम्हारी फुद्दि के छेद पर लंड लगा क्या……?
राज: ह्म्म मुझे नही पता…..
राज: बताओ ना…
नाजिया: नही….(नाजिया ने कसमसाते हुए कहा)
राज: (नाजिया की बुर की फांको में अपने लंड को रग़ाड़ कर छेद को तलाशते हुए) अब…..
नाजिया ने फिर से ना में गर्दन हिला दी……और राज ने फिर से अपने लंड को अड्जस्ट किया. “अब” और जैसे ही राज के लंड का सुपाडा नाजिया की बुर के छेद से टकराया. नाजिया के पूरे बदन ने एक तेज झटका खाया….उसके होंटो पर शर्मीली मुस्कान फेल गयी. और उसने अपने सर को झुका लिया…..”अब” नाजिया ने हां में सर हिलाते हुआ कहा……”ह्म्म्म ”
राज ने धीरे-2 अपने मुनसल लंड को ऊपेर की ओर बुर के छेद पर दबाना शुरू कर दिया….राज का लंड नाजिया की टाइट बुर में धीरे-2 अंदर जाने लगा….लंड के सुपाडे नाजिया को अपनी बुर की दीवारो पर रगड़ मदहोश करती जा रही थी…..उसके पैर खड़े-2 कँपने लगी थी…..और आँखे मस्ती में बंद होने लगी थी……राज ने नाजिया को थोड़ा सा दखा देकर ठीक एक पेड के नीचे कर दिया….और उसकी पीठ को दबाते हुए उससे झुकाना शुरू कर दिया. नाजिया ने अपने हाथों को पेड के तने पर टिका दिया…..और झुक कर खड़ी हो गयी….
नाजिया की बाहर की तरफ निकली गान्ड देख कर राज एक दम से पागल हो गया….उसने ताबड्तोड धक्के लगाने शुरू कर दिए…..राज की जाँघ नाजिया के चुतड़ों से टकरा कर थप-2 का शोर कर रही थी…..और नाजिया बहुत कम आवाज़ में सिसकारियाँ भरते हुए चुदाई का मज़ा ले रही थी….उसके पैर मस्ती के कारण काँपने लगी थी…..राज ने नाजिया की बुर से लंड बाहर निकाला, और फिर से एक झटके के साथ नाजिया की बुर में पेल दिया….नाजिया एक दम से सिसक उठी. राज ने फिर से अपने लंड को रफ़्तार से नाजिया की बुर के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. 5 मिनिट बाद नाजिया और राज फिर से झड गये…..राज ने अपना लंड नाजिया की बुर से बाहर निकाला, और तरपाल पर पड़ी हुई पैंटी को फिर से उठा कर अपना लंड सॉफ करने लगा..
नाजिया उस पेड के तने से कंधे को टिकाए हुए, अपनी मदहोशी से भरी आँखों से ये सब देख रही थी…..राज ने अपना लंड सॉफ करने के बाद अपनी पेंट पहनी, और नाजिया के पास आकर झुक कर बैठ गया….और उसकी जाँघो को फेलाते हुए, उसकी बुर को पैंटी से सॉफ करने लगा. नाजिया बहाल सी ये सब देख रही थी…..फिर नाजिया ने अपने कपड़े ठीक किए, और दोनो घर की ओर वापिस चल दिए…..राज ने उसे घर से थोड़ा पहले ही उतार दिया…..बेचारी नाजिया अपनी स्कर्ट को पकड़े हुए धीरे-2 चलते हुए घर पहुँची….उसके मन में अजीब सा डर था….
जब मेने डोर खोला तो नाजिया को बाहर खड़ा देखा…..उसकी हालत कुछ बदतर सी नज़र आ रही थी…..”क्या हुआ नाजिया तुम ठीक तो हो ना? “ मेने नाजिया की ओर देखते हुए कहा….हां अम्मी ठीक हूँ बस थोड़ा सर में दर्द है…..” और फिर नाजिया घर के अंदर आई, और सीधा अपने रूम में जाने लगी…..”ठीक है, तुम फ्रेश होकर ड्रेस चेंज कर लो…..में चाइ बना देती हूँ….” उसके बाद नाजिया अपने रूम में चली गयी…..वहाँ से अपने कपड़े लेकर वो बाथरूम में घुस्स गयी……और सलवार कमीज़ पहन कर बाहर आ गयी…..
मुझे नही पता था कि, मासूम सी दिखने वाली नाजिया आज हमारे समाज में हवस का शिकार हो चुकी थी….खैर हम दोनो ने खाना खाया, और नाजिया अपने रूम में जाकर सो गयी…..वो कहते है ना….सेक्स का नशा जो भी इंसान एक बार कर ले, फिर तो जैसे उसे उसकी लत से लग जाती है…दिल के किसी कोने में उसे कुछ पछतावा भी था…..पर नाजिया जवान लड़की थी, घी में लेपेटी हुई उस रूई की तरह जिसे आग दिखाओ तो जल उठे…नाजिया भी अपनी उम्र के ऐसे ही मुकाम पर खड़ी थी……दूसरे तरफ राज भी जवानी के नशे में इतनी बुरी तरह बिगड़ चुका था….कि उसे कुछ होश नही था कि, वो किस राह पर चल निकला है…..
उसी दिन अंजुम भी घर वापिस आ गये……में नही जानती थी कि, नाजिया और राज के बीच इतना कुछ हो चुका है, नाजिया ने भी कुछ जाहिर नही होने दिया था….और मुझे पता चलता भी कैसे, में तो खुद अपनी चूत की आग को मिटाने के लिए राज की गुलामी करने लगी थी. पर अंजुम के वापिस आजाने के कारण मेरे और राज में बात चीत भी बहुत कम होने लगी थी….राज इस दौरान अपने लंड को शांत करने के लिए, रुक्मणी और अनीता के घर कई बार जाने लगा था….जिसका मुझे पता तक नही था…..
मेरा तो बुरा हाल था ही, पर नाजिया जैसी जवान लड़की जो एक बार लंड का स्वाद चख ले, और वो भी राज जैसे जवान लड़के के लंड का स्वाद जो किसी भी औरत की बुर का पानी निकाल सकता हो….उसकी बुरी हालत थी….नाजिया भी अक्सर राज को खा जाने वाली नज़रों से घुरती. पर ना तो नाजिया को मौका मिल पा रहा था, और ना ही मुझे….एक दिन की बात है…..उस दिन सनडे था….अंजुम और राज अपनी ड्यूटी पर जा चुके थे…..उस दिन विमला भाभी हमारे घर आई, और नाजिया को अपने साथ ले गयी…..अब नाजिया को दुनियाँ की वो बातें पता चलने वाली थी…..जिसका उसकी जिंदगी में बहुत गहरा असर होने वाला था……
राज: क्यों क्या हुआ मेरी रानी….मज़ा नही आ रहा…..
नाजिया: अहह सीईइ उंह उंघह बहुत आ रहा है…….
राज: और मारू क्या ?
नाजिया: ह्म्म्म्म मम
राज ने अपने झटको की रफ़्तार और बढ़ा दी…..अब राज का लंड नाजिया की टाइट बुर में पूरी रफतार से अंदर बाहर हो रहा था….और फिर नाजिया का बदन एक दम अकड़ने लगा….बुर का सैलाब बाहर ज़लज़ला बन कर बह निकला…..और उसका पूरा बदन झटके खाते हुए झड़ने लगा. राज भी टाइट बुर में ज़्यादा देर नही टिक पाया….और उसकी बुर के अंदर ही उसके लंड ने वीर्य की बोछार कर दी……
नाजिया झड़ने के बाद बुरी तरह हाँफ रही थी…..राज ने जैसे ही अपना लंड नाजिया की बुर से बाहर निकाला, नाजिया आगे की तरफ लूड़क कर उस तिरपाल पर लेट गयी…और गहरी साँसे लेने लगी…..राज कुछ देर वैसे ही घुटनो के बल बैठा रहा….और नाजिया के नरम और मांसल चुतड़ों को सहलाता रहा….जब नाजिया की साँसे कुछ दुरस्त हुई, तो उसे अहसास हुआ, कि ये उसने क्या कर दिया है…..जो भी हुआ वो नही होना चाहिए था…..पर अब बहुत देर हो चुकी थी…..जैसे ही उसे अपने चुतड़ों पर राज के हाथ का स्पर्श महसूस हुआ, तो वो उठ कर बैठ गयी….उसने एक बार राज की तरफ देखा, और फिर नीचे अपनी जाँघो में देखा, तो वो एक दम से घबरा गयी……
उसकी बुर की फांके उसकी बुर के गाढ़े पानी और राज के वीर्य और खून से सनी हुई थी….खून के कुछ धब्बे उस तिरपाल पर लगे हुए थे….नाजिया ये सब देख कर घबरा गयी. और उसकी घबराहट को राज एक पल में समझ गया…..”घबराओ नही….पहली बार ऐसा होता है….अब खून नही आएगा….इसे सॉफ कर लो…..”
नाजिया: ये आप ने ठीक नही किया राज…..
राज: अर्रे क्यों घबरा रही हो मेरे जान…..यही तो जवानी के मज़े लूटने का समय है. में तुम्हारा ख़याल रखूँगा ना….चलो इसे सॉफ कर लो……
नाजिया: किससे से करूँ…..?
राज ने नाजिया की पैंटी उठाई, और उसी से अपना लंड सॉफ करने लगा…ये देख नाजिया एक दम से बोल पड़ी…..”अब में क्या पहनूँगी…..” राज ने हंसते हुए अपने लंड को सॉफ किया, और फिर वो पैंटी नाजिया की तरफ बढ़ा दी, और बोला…..”क्यों स्कर्ट तो है ना….किसी को नही पता चलता….में तुम्हे घर वाली गली के बाहर छोड़ दूँगा….वहाँ से तुम पैदल चली जाना.”
नाजिया ने सर झुकाए हुए राज के हाथ से पैंटी ली, और अपनी बुर और जाँघो को ठीक से सॉफ किया…..नाजिया उसके सामने बेहद शरमा रही थी…..
नाजिया की गोरी चिकनी जाँघ और बुर देख कर एक बार फिर से राज का लंड झटके खाने लगा था. उसने अभी तक अंडरवेर और पेंट नही पहनी हुई थी…..राज का लंड फिर से खड़ा होने लगा था….तभी अचानक नाजिया की नज़र राज के झटके खा रहे लंड पर गयी…जिसे देखते ही उसके दिल की धड़कने फिर से बढ़ने लगी…..नाजिया एक दम से घबराते हुए खड़ी हो गयी…..और थोड़ा आगे चल कर अपनी स्कर्ट को ठीक करने के बाद, अपनी शर्ट के बटन बंद करने लगी……राज नाजिया की स्कर्ट में मटकते हुए उसके गोलमटोल चुतड़ों को देख कर पागल हो उठा….उसने जल्दी से अपनी अंडरवेर और पेंट पहनी, पर उसे जाँघो तक चढ़ा कर छोड़ दिया…और फिर अपनी पेंट को पकड़ कर नाजिया के ठीक पीछे आकर खड़ा हो गया…
नाजिया अपनी शर्ट के बूटों लगाने में मसरूफ़ थी कि, राज ने उससे पीछे से बाहों में भर लिया…और उसकी लंबी सुरहीदार गर्दन पर अपने होंटो को लगा दिया…..नाजिया एक दम से चोंक गयी….और राज के बाहों से निकालने की कॉसिश करने लगी….पर राज के होंटो के तपिश अपने नेक पर महसूस करके, वो एक दम से बेजान से हो गये….”सीईईईई उम्म्म्म आह क्या क्या कर रही है आप……”
राज: कुछ नही अपनी जान को प्यार कर रहा हूँ……(राज ने अपने होंटो को नाजिया के गर्दन पर रगड़ते हुए कहा….)
नाजिया: उंघ माआ सीईइ बस करें…..कोई देख लेगाअ अहह……
राज: (नाजिया के शर्ट के ऊपेर से उसकी चुचियों को मसलते हुए) ह्न्म्म्म यहंन कोई नही देखेगा….प्लीज़ मेरी जान मुझसे रहा नही जा रहा……आज तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो.. प्लीज़ एक बार और दी दो ना…..? (राज लगातार नाजिया की चुचियों को मसलते हुए, उसकी गर्दन और गाल पर अपने होंटो को रगड़ रहा था….और नाजिया भी मस्त होती जा रही थी) प्लीज़ जान एक बार और दे दो ना…..
नाजिया: (लड़खड़ाती हुई आवाज़ में) क क क्या…….?
राज: ओह्ह फुद्दि तुम्हारी फुद्दि चाहिए……
नाजिया: हाए तोबा अहह कैसी बातें करते है आप……
राज: प्लीज़ जान मेरे लिए इतना भी नही कर सकती…प्लीज़ एक बार……
ये कहते हुए, राज ने नाजिया के स्कर्ट को पकड़ कर ऊपेर उठाना शुरू कर दिया…..उसने नाजिया के स्कर्ट को उठा कर उसकी कमर पर फँसा दिया….और फिर अपने टाँगों को फेला कर अपने घुटनो को मोड़ कर नीचे झुका, और नाजिया के कान में धीरे से कहा….
राज: नाजिया खोला ना….
नाजिया: लड़खड़ाती हुई आवाज़ में) क्या ?
राज: अपनी टांगे खोलो ना……
नाजिया: सीईइ नही कुछ हो गया तो…..
राज: में भला अपनी जान को कुछ होने दूँगा…..प्लीज़ नाजिया एक बार और कर लेना दो ना. तुम्हे मेरे कसम…..
नाजिया राज के प्यारी भरी चिकनी चुपड़ी बातों को सुन कर एक दम से पिघल गये….उसने लर्जते हुए अपनी टाँगों को खड़े खड़े फेला लिया…..राज ने एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर नाजिया की गान्ड से नीचे लेजाते हुए उसकी बुर के फांको पर रख कर अपने लंड के सुपाडे को नाजिया के बुर के छेद पर टीकाने की कॉसिश करने लगा….पर खड़े-2 उससे नाजिया की बुर के छेद तक अपने लंड को परेशान हो रही थी…….
राज: नाजिया तुम्हारी फुद्दि के छेद पर लंड लगा क्या……?
राज: ह्म्म मुझे नही पता…..
राज: बताओ ना…
नाजिया: नही….(नाजिया ने कसमसाते हुए कहा)
राज: (नाजिया की बुर की फांको में अपने लंड को रग़ाड़ कर छेद को तलाशते हुए) अब…..
नाजिया ने फिर से ना में गर्दन हिला दी……और राज ने फिर से अपने लंड को अड्जस्ट किया. “अब” और जैसे ही राज के लंड का सुपाडा नाजिया की बुर के छेद से टकराया. नाजिया के पूरे बदन ने एक तेज झटका खाया….उसके होंटो पर शर्मीली मुस्कान फेल गयी. और उसने अपने सर को झुका लिया…..”अब” नाजिया ने हां में सर हिलाते हुआ कहा……”ह्म्म्म ”
राज ने धीरे-2 अपने मुनसल लंड को ऊपेर की ओर बुर के छेद पर दबाना शुरू कर दिया….राज का लंड नाजिया की टाइट बुर में धीरे-2 अंदर जाने लगा….लंड के सुपाडे नाजिया को अपनी बुर की दीवारो पर रगड़ मदहोश करती जा रही थी…..उसके पैर खड़े-2 कँपने लगी थी…..और आँखे मस्ती में बंद होने लगी थी……राज ने नाजिया को थोड़ा सा दखा देकर ठीक एक पेड के नीचे कर दिया….और उसकी पीठ को दबाते हुए उससे झुकाना शुरू कर दिया. नाजिया ने अपने हाथों को पेड के तने पर टिका दिया…..और झुक कर खड़ी हो गयी….
नाजिया की बाहर की तरफ निकली गान्ड देख कर राज एक दम से पागल हो गया….उसने ताबड्तोड धक्के लगाने शुरू कर दिए…..राज की जाँघ नाजिया के चुतड़ों से टकरा कर थप-2 का शोर कर रही थी…..और नाजिया बहुत कम आवाज़ में सिसकारियाँ भरते हुए चुदाई का मज़ा ले रही थी….उसके पैर मस्ती के कारण काँपने लगी थी…..राज ने नाजिया की बुर से लंड बाहर निकाला, और फिर से एक झटके के साथ नाजिया की बुर में पेल दिया….नाजिया एक दम से सिसक उठी. राज ने फिर से अपने लंड को रफ़्तार से नाजिया की बुर के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. 5 मिनिट बाद नाजिया और राज फिर से झड गये…..राज ने अपना लंड नाजिया की बुर से बाहर निकाला, और तरपाल पर पड़ी हुई पैंटी को फिर से उठा कर अपना लंड सॉफ करने लगा..
नाजिया उस पेड के तने से कंधे को टिकाए हुए, अपनी मदहोशी से भरी आँखों से ये सब देख रही थी…..राज ने अपना लंड सॉफ करने के बाद अपनी पेंट पहनी, और नाजिया के पास आकर झुक कर बैठ गया….और उसकी जाँघो को फेलाते हुए, उसकी बुर को पैंटी से सॉफ करने लगा. नाजिया बहाल सी ये सब देख रही थी…..फिर नाजिया ने अपने कपड़े ठीक किए, और दोनो घर की ओर वापिस चल दिए…..राज ने उसे घर से थोड़ा पहले ही उतार दिया…..बेचारी नाजिया अपनी स्कर्ट को पकड़े हुए धीरे-2 चलते हुए घर पहुँची….उसके मन में अजीब सा डर था….
जब मेने डोर खोला तो नाजिया को बाहर खड़ा देखा…..उसकी हालत कुछ बदतर सी नज़र आ रही थी…..”क्या हुआ नाजिया तुम ठीक तो हो ना? “ मेने नाजिया की ओर देखते हुए कहा….हां अम्मी ठीक हूँ बस थोड़ा सर में दर्द है…..” और फिर नाजिया घर के अंदर आई, और सीधा अपने रूम में जाने लगी…..”ठीक है, तुम फ्रेश होकर ड्रेस चेंज कर लो…..में चाइ बना देती हूँ….” उसके बाद नाजिया अपने रूम में चली गयी…..वहाँ से अपने कपड़े लेकर वो बाथरूम में घुस्स गयी……और सलवार कमीज़ पहन कर बाहर आ गयी…..
मुझे नही पता था कि, मासूम सी दिखने वाली नाजिया आज हमारे समाज में हवस का शिकार हो चुकी थी….खैर हम दोनो ने खाना खाया, और नाजिया अपने रूम में जाकर सो गयी…..वो कहते है ना….सेक्स का नशा जो भी इंसान एक बार कर ले, फिर तो जैसे उसे उसकी लत से लग जाती है…दिल के किसी कोने में उसे कुछ पछतावा भी था…..पर नाजिया जवान लड़की थी, घी में लेपेटी हुई उस रूई की तरह जिसे आग दिखाओ तो जल उठे…नाजिया भी अपनी उम्र के ऐसे ही मुकाम पर खड़ी थी……दूसरे तरफ राज भी जवानी के नशे में इतनी बुरी तरह बिगड़ चुका था….कि उसे कुछ होश नही था कि, वो किस राह पर चल निकला है…..
उसी दिन अंजुम भी घर वापिस आ गये……में नही जानती थी कि, नाजिया और राज के बीच इतना कुछ हो चुका है, नाजिया ने भी कुछ जाहिर नही होने दिया था….और मुझे पता चलता भी कैसे, में तो खुद अपनी चूत की आग को मिटाने के लिए राज की गुलामी करने लगी थी. पर अंजुम के वापिस आजाने के कारण मेरे और राज में बात चीत भी बहुत कम होने लगी थी….राज इस दौरान अपने लंड को शांत करने के लिए, रुक्मणी और अनीता के घर कई बार जाने लगा था….जिसका मुझे पता तक नही था…..
मेरा तो बुरा हाल था ही, पर नाजिया जैसी जवान लड़की जो एक बार लंड का स्वाद चख ले, और वो भी राज जैसे जवान लड़के के लंड का स्वाद जो किसी भी औरत की बुर का पानी निकाल सकता हो….उसकी बुरी हालत थी….नाजिया भी अक्सर राज को खा जाने वाली नज़रों से घुरती. पर ना तो नाजिया को मौका मिल पा रहा था, और ना ही मुझे….एक दिन की बात है…..उस दिन सनडे था….अंजुम और राज अपनी ड्यूटी पर जा चुके थे…..उस दिन विमला भाभी हमारे घर आई, और नाजिया को अपने साथ ले गयी…..अब नाजिया को दुनियाँ की वो बातें पता चलने वाली थी…..जिसका उसकी जिंदगी में बहुत गहरा असर होने वाला था……