hotaks444
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एक गर्ल्स स्कूल के सामने दो रिक्शेवान खड़े होकर बतिया रहे थे।
"स्कूल में छुट्टी होने वाली है..."-एक रिक्शेवान बोला।
"सुबह से बोहनी नहीं हुई....शायद भाड़ा मिल जाय....."-दूसरा बोला।
"भाड़ा मिले न मिले लौंडिया तो देखने को मिलेगी।...."
"कल तू क्यों नहीं आया था?....एक कन्टास माल मिली थी।....दूध की तरह गोरी-गोरी टाँग.....उसके घर के सामने ही मूतने के बहाने मूठ मारा था।"
"कल मेरी साली जाने वाली थी तो सोचा क्यों न रगड़ दूँ...."
"तो....रगड़ दिया...."
"सोच तो यही रहा था....लेकिन साली के नखरे बहुत हैं....बोल रही थी मैं किसी रिक्शेवाले को नहीं दूँगी....मन तो कर रहा था वहीं लिटाकर उसकी गाड़ चोद दूँ लेकिन बीवी थी इसलिये बच गई बहन की लौड़ी...."
"तो....कुछ तो किया ही होगा..."
"ऐसे कैसे छोड़ देता.....चूची इतनी कस के मीजा है कि एक महीना मुझे याद करेगी...."
"जियो शेर.....और नीचे वाले में ऊँगलीबाजी नहीं की..."
"मन तो कर रहा था 5 कि पाँचों घुसा दूँ लेकिन फिर भी 3 तो घुसेड़ कर ही माना......"
"तेरी जगह मैं होता तो लिटाकर चाप दिया होता साली को......वो मर्द ही क्या जो हाथ में आई चूत को छोड़ दे...."
"घर में बीवी नहीं होती तो बचने वाली कहाँ थी......लेकिन शादी से पहले तो बोरी में छेद करके ही मानूँगा..."
"ये हुई न मर्दो वाली बात......."
तभी घंटी बजी।
यानि छुट्टी हो गई थी।
"स्कूल में छुट्टी होने वाली है..."-एक रिक्शेवान बोला।
"सुबह से बोहनी नहीं हुई....शायद भाड़ा मिल जाय....."-दूसरा बोला।
"भाड़ा मिले न मिले लौंडिया तो देखने को मिलेगी।...."
"कल तू क्यों नहीं आया था?....एक कन्टास माल मिली थी।....दूध की तरह गोरी-गोरी टाँग.....उसके घर के सामने ही मूतने के बहाने मूठ मारा था।"
"कल मेरी साली जाने वाली थी तो सोचा क्यों न रगड़ दूँ...."
"तो....रगड़ दिया...."
"सोच तो यही रहा था....लेकिन साली के नखरे बहुत हैं....बोल रही थी मैं किसी रिक्शेवाले को नहीं दूँगी....मन तो कर रहा था वहीं लिटाकर उसकी गाड़ चोद दूँ लेकिन बीवी थी इसलिये बच गई बहन की लौड़ी...."
"तो....कुछ तो किया ही होगा..."
"ऐसे कैसे छोड़ देता.....चूची इतनी कस के मीजा है कि एक महीना मुझे याद करेगी...."
"जियो शेर.....और नीचे वाले में ऊँगलीबाजी नहीं की..."
"मन तो कर रहा था 5 कि पाँचों घुसा दूँ लेकिन फिर भी 3 तो घुसेड़ कर ही माना......"
"तेरी जगह मैं होता तो लिटाकर चाप दिया होता साली को......वो मर्द ही क्या जो हाथ में आई चूत को छोड़ दे...."
"घर में बीवी नहीं होती तो बचने वाली कहाँ थी......लेकिन शादी से पहले तो बोरी में छेद करके ही मानूँगा..."
"ये हुई न मर्दो वाली बात......."
तभी घंटी बजी।
यानि छुट्टी हो गई थी।