hotaks444
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तभी मनोहर बोला- ओह मेरी रंडी संध्या, मेरे लंड का काम तमाम होने वाला है.
इतना बोला ही था कि मनोहर के लंड से गरम गरम पिचकारी लंड रस की निकलना शुरू हो गई. मेरी चूत में बहुत गरम गरम लंड रस अन्दर घुसने लगा. मैंने मनोहर को कस के पकड़ लिया. उसने भी मुझे पूरी ताकत से बांहों में अपने जकड़ लिया और मेरे दूध को भी अपने मुँह में भर लिया.
वो बोला- तुम संध्या बहुत मस्त माल हो, आज से संध्या, तू मेरी बीवी हो गई हो है. ऐसा लगता है मुझे कि मैं एक दिन भी बिना तुझे चोदे अब नहीं रह पाऊंगा. मैं सब छोड़ दूंगा, पर तुझे नहीं छोड़ूंगा, क्या गजब चुदवाती है तू, तेरी चूत में लंड लगाते ही ऐसा लगता है, जैसे पागल हो जाऊंगा.. ऐसी सेक्स की मदहोशी आती है. तेरे जैसी चुदाई कोई नहीं करवाती साली संध्या.. तू लाजवाब है.
मनोहर ने बहुत जोर जोर से पूरा अन्दर चूत में घुसा के अपने लंड रस का लावा भर दिया. इस तरह पूरा खाली होकर मेरे ऊपर मनोहर बेहोश की तरह लेट गया, जैसे उसे कुछ होश ही ना हो.
दो पल बाद उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और मुझे बांहों में भर कर बोला- तू बहुत कमाल की है, आज तक संध्या तेरे जैसी लड़की के बारे में सुना भी नहीं.. देखा भी नहीं.. तू बहुत ही मस्त एकदम अलमस्त माल है.. दुनिया की सबसे सेक्सी और हॉट लड़की है तू संध्या, तुझे एक बार जो देख लेगा उसे बस जिंदगी में सिर्फ तुम मिल जाओ, उसकी यही ख्वाहिश होगी और जिसने तुझे चोद लिया.. समझो उसका जीवन सफल हो गया. हम तीनों बहुत किस्मत वाले हैं, जो इस तरह तुझे देखा और सबसे बड़ी बात कि हम तीनों ने तुझे चोदा.. आज का दिन हम तीनों का सबसे अच्छा दिन है. संध्या अब तू बता तुझे कैसा लगा?
मैं हांफते हुए बोली- मुझे अभी भी कुछ होश नहीं, बिल्कुल पता नहीं कि क्या कहूं कैसे बताऊं? बस आज का ये दिन ये पल कभी नहीं भूलूंगी, बहुत ही मस्त बहुत ही सेक्सी टाइम रहा, मुझे बेइंतहा मजा आया. अभी ऐसा लग रहा है जैसे मेरे बदन की पूरी गर्मी उतर गई, मेरे जिस्म की हर ख्वाहिश पूरी हो गई, मैं बहुत ही कम उम्र की लड़की हूं. अभी स्कूल में पढ़ती हूं, पर अभी से मेरे जिस्म को मर्दों की जरूरत होने लगी है. ये सभी लड़कियों के साथ होता है या मुझमें कुछ स्पेशल है.. मुझे नहीं मालूम.
चाचा बोले- देखो संध्या तुम्हारा फिगर एक नंबर का है, भले ही उम्र कम है तो क्या हुआ, एज से कुछ नहीं होता अभी तुमने एक साथ तीन तीन वो भी बड़े बड़े लंड अपने तीनों होल में डलवाये और पूरी संतुष्ट भी हुईं. तुमने हम तीनों को भी पूरी तरह से संतुष्ट किया है. तुम बहुत स्पेशल हो.मैं बोली- चाचा अब मैं बहुत थक गई हूं और बिल्कुल शांत होकर लेटे रहना चाहती हूं.
तब चाचा अपने चेलों से बोले कि उठो जल्दी और यहां से निकल लो, अपना काम हो गया और संध्या भी तृप्त हो गई. अब जल्दी उठो कपड़े पहनो और निकलो, कहीं कोई आ गया तो दिक्कत न हो जाए.तीनों जल्दी जल्दी उठे और कपड़े पहन कर मुझसे बोले- चलो संध्या फिर मौका मिलते ही तुझे मिलेंगे.
मैं बोली- चाचा, बाहर वह मेरा भाई लालजी और बहन का बेटा होगा, उसे अन्दर भेज देना, पता नहीं वो दोनों बेवकूफ कहां हैं?चाचा बोले- ठीक है.. तू भी संध्या उठकर यहां सब साफ कर ले और जो रजाई में थोड़े खून के धब्बे हैं, इनको धो दे और अपने बदन को साफ कर जल्दी, कहीं कोई तेरे घर के ना आ जाएं.मैं बोली- ठीक है.
यह कहकर चाचा, दिनेश और मनोहर तीनों लोग घर से निकल गए. मैं उठी और रजाई में लगे खून के धब्बे पानी से साफ किए. मैंने एक गीले कपड़े से पूरी चूत को साफ किया और पीछे गांड को भी अच्छे से साफ कर लिया. मैंने एक स्कर्ट और टॉप पहन लिया. अब मैं तखत पर लेट गई.
तभी मेरी बहन का बेटा पीयूष और मौसी का लड़का लालजी अन्दर आ गए.अन्दर आते ही लालजी बोला- संध्या बता क्या हुआ तेरे साथ सच सच बता?
मैं बोली कि तुम दोनों बेवकूफों की बेवकूफी के कारण आज मुझे बहुत बहुत मजा आया, आज पहली बार मैंने अपने सारे अरमान जो अन्दर आ रहे थे, वह अरमान पूरे कर लिए.लालजी बोला- क्यों क्या हुआ ऐसा संध्या?मैं बोली- उन तीनों ने मुझे आज जम के चोदा है. अब तुमसे क्या छुपाना. लालजी उन तीनों ने इतना चोदा और ऐसे चोदा कि मुझसे सच में चलते नहीं बन रहा है.
ये कह कर जैसे ही मैं खड़ी हुई पानी पीने के लिए और चलने की कोशिश की तो मेरी चूत में बहुत जलन और दर्द होने लगा. चलते भी नहीं बन रहा था, ऐसे ही तेज़ दर्द गांड में हुआ तो मैं बोली कि कुत्तों ने कैसे चोदा कि उस समय बहुत मजा आया और अब दर्द हो रहा है.
लालजी बोला- अब हम लोगों के लिए तुम क्या बोल रही हो संध्या?तो मैं बोली- अभी कुछ नहीं… मुझे चुपचाप लेटे रहने दो और पीयूष, तुम अपने दोस्त को मना कर दो कि वो नहीं आए. अभी मेरे होश नहीं बहुत दर्द हो रहा है, फिर कभी देखूंगी.. शायद कल परसों में यह गुड्डा गुड्डी की शादी का खेल खेलूंगी. अभी आज बिल्कुल होश नहीं है.
तब लालजी और पीयूष बोले- ठीक है, ऐसा ही ठीक है.. आज तुम आराम कर लो.. पर यह बता दो कि तुम्हें मजा आया कि नहीं?तो मैं बोली- तुम दोनों को थैंक्स तुम दोनों की वजह से मुझे बहुत मजा मिला.. न तुम लोगों के साथ नंगे लेटे पाते.. न वो लोग मुझे चोदते. परंतु जितना मजा मिला, उतना ही दर्द भी हो रहा है. पर कोई बात नहीं जो एंजॉयमेंट मेरा हुआ, उसके लिए इससे ज्यादा भी दर्द मुझे हो तो भी कोई फर्क नहीं पड़ता है.
वो दोनों बोले- ठीक है संध्या तुम्हें तो मजा मिल गया.. अब हम लोग फिर अपना लंड हिला कर ही काम चला लेते हैं.इतना कहकर वह दोनों चले गए और मैं लेटी रही.
थोड़ी देर में मम्मी और मेरा भाई घर आ गए. मुझे लेटा देखकर मम्मी पूछने लगीं कि संध्या तुझे क्या हुआ.. क्यों लेटी है… खाना नहीं बनाएगी क्या?मैं बोली- मम्मी मैं पानी भरने गई तो फिसल गई थी, मुझे हल्की चोट लगी है. मम्मी ऐसा लगता है कि कमर के पास हल्का मोच आ गई है, मुझे दर्द हो रहा है इसलिए लेटी हूं.मम्मी बोलीं- ठीक है ज्यादा तो नहीं लगी?मैं बोली- नहीं, पर अभी नॉर्मल नहीं हूं.मम्मी बोलीं- तू आराम कर ले संध्या.. कोई बात नहीं.. खाना मैं बना लूँगी.
मैं आराम करने लगी, मुझसे 3 दिन तक ठीक से चलते नहीं बना था और हल्का हल्का दर्द भी हो रहा था. फिर 3 दिन बाद मैं ठीक हुई थी.
यह बात जो मैंने लिखी है, इसमें एक भी शब्द झूठ नहीं है.. पूरा का पूरा एक-एक शब्द बिल्कुल सही लिखा है. मुझे अपनी कसम है और मम्मी की कसम है अगर इसमें से लिखा एक शब्द भी झूठ हो. ऐसा सभी कहते हैं कि एक बार मुझे जो भी मर्द देख लेगा वह बिना मुझसे मिले रह नहीं पायेगा. जब तक मुझसे वो मिल नहीं लेगा, उसको कहीं सुकून नहीं मिलेगा. उसकी हर ख्वाइश और हर सपने में सिर्फ मैं ही रहूंगी, ऐसा सभी कहते हैं.
अब मुझ में ऐसी क्या बात है, मैं खुद भी नहीं जानती!
यह बात पूरी तरह से सच है कि जितने भी मर्द मुझे देखते हैं, वो चाहे कितने भी क्लोज रिलेटिव हों, चाहे जितने बूढ़े हों सभी के सभी.. बस मुझे पाना चाहते हैं, मेरे साथ सोना चाहते हैं.
यही सच्चाई है. मेरी यह सच्ची कहानी आपको कैसी लगी.
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इतना बोला ही था कि मनोहर के लंड से गरम गरम पिचकारी लंड रस की निकलना शुरू हो गई. मेरी चूत में बहुत गरम गरम लंड रस अन्दर घुसने लगा. मैंने मनोहर को कस के पकड़ लिया. उसने भी मुझे पूरी ताकत से बांहों में अपने जकड़ लिया और मेरे दूध को भी अपने मुँह में भर लिया.
वो बोला- तुम संध्या बहुत मस्त माल हो, आज से संध्या, तू मेरी बीवी हो गई हो है. ऐसा लगता है मुझे कि मैं एक दिन भी बिना तुझे चोदे अब नहीं रह पाऊंगा. मैं सब छोड़ दूंगा, पर तुझे नहीं छोड़ूंगा, क्या गजब चुदवाती है तू, तेरी चूत में लंड लगाते ही ऐसा लगता है, जैसे पागल हो जाऊंगा.. ऐसी सेक्स की मदहोशी आती है. तेरे जैसी चुदाई कोई नहीं करवाती साली संध्या.. तू लाजवाब है.
मनोहर ने बहुत जोर जोर से पूरा अन्दर चूत में घुसा के अपने लंड रस का लावा भर दिया. इस तरह पूरा खाली होकर मेरे ऊपर मनोहर बेहोश की तरह लेट गया, जैसे उसे कुछ होश ही ना हो.
दो पल बाद उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और मुझे बांहों में भर कर बोला- तू बहुत कमाल की है, आज तक संध्या तेरे जैसी लड़की के बारे में सुना भी नहीं.. देखा भी नहीं.. तू बहुत ही मस्त एकदम अलमस्त माल है.. दुनिया की सबसे सेक्सी और हॉट लड़की है तू संध्या, तुझे एक बार जो देख लेगा उसे बस जिंदगी में सिर्फ तुम मिल जाओ, उसकी यही ख्वाहिश होगी और जिसने तुझे चोद लिया.. समझो उसका जीवन सफल हो गया. हम तीनों बहुत किस्मत वाले हैं, जो इस तरह तुझे देखा और सबसे बड़ी बात कि हम तीनों ने तुझे चोदा.. आज का दिन हम तीनों का सबसे अच्छा दिन है. संध्या अब तू बता तुझे कैसा लगा?
मैं हांफते हुए बोली- मुझे अभी भी कुछ होश नहीं, बिल्कुल पता नहीं कि क्या कहूं कैसे बताऊं? बस आज का ये दिन ये पल कभी नहीं भूलूंगी, बहुत ही मस्त बहुत ही सेक्सी टाइम रहा, मुझे बेइंतहा मजा आया. अभी ऐसा लग रहा है जैसे मेरे बदन की पूरी गर्मी उतर गई, मेरे जिस्म की हर ख्वाहिश पूरी हो गई, मैं बहुत ही कम उम्र की लड़की हूं. अभी स्कूल में पढ़ती हूं, पर अभी से मेरे जिस्म को मर्दों की जरूरत होने लगी है. ये सभी लड़कियों के साथ होता है या मुझमें कुछ स्पेशल है.. मुझे नहीं मालूम.
चाचा बोले- देखो संध्या तुम्हारा फिगर एक नंबर का है, भले ही उम्र कम है तो क्या हुआ, एज से कुछ नहीं होता अभी तुमने एक साथ तीन तीन वो भी बड़े बड़े लंड अपने तीनों होल में डलवाये और पूरी संतुष्ट भी हुईं. तुमने हम तीनों को भी पूरी तरह से संतुष्ट किया है. तुम बहुत स्पेशल हो.मैं बोली- चाचा अब मैं बहुत थक गई हूं और बिल्कुल शांत होकर लेटे रहना चाहती हूं.
तब चाचा अपने चेलों से बोले कि उठो जल्दी और यहां से निकल लो, अपना काम हो गया और संध्या भी तृप्त हो गई. अब जल्दी उठो कपड़े पहनो और निकलो, कहीं कोई आ गया तो दिक्कत न हो जाए.तीनों जल्दी जल्दी उठे और कपड़े पहन कर मुझसे बोले- चलो संध्या फिर मौका मिलते ही तुझे मिलेंगे.
मैं बोली- चाचा, बाहर वह मेरा भाई लालजी और बहन का बेटा होगा, उसे अन्दर भेज देना, पता नहीं वो दोनों बेवकूफ कहां हैं?चाचा बोले- ठीक है.. तू भी संध्या उठकर यहां सब साफ कर ले और जो रजाई में थोड़े खून के धब्बे हैं, इनको धो दे और अपने बदन को साफ कर जल्दी, कहीं कोई तेरे घर के ना आ जाएं.मैं बोली- ठीक है.
यह कहकर चाचा, दिनेश और मनोहर तीनों लोग घर से निकल गए. मैं उठी और रजाई में लगे खून के धब्बे पानी से साफ किए. मैंने एक गीले कपड़े से पूरी चूत को साफ किया और पीछे गांड को भी अच्छे से साफ कर लिया. मैंने एक स्कर्ट और टॉप पहन लिया. अब मैं तखत पर लेट गई.
तभी मेरी बहन का बेटा पीयूष और मौसी का लड़का लालजी अन्दर आ गए.अन्दर आते ही लालजी बोला- संध्या बता क्या हुआ तेरे साथ सच सच बता?
मैं बोली कि तुम दोनों बेवकूफों की बेवकूफी के कारण आज मुझे बहुत बहुत मजा आया, आज पहली बार मैंने अपने सारे अरमान जो अन्दर आ रहे थे, वह अरमान पूरे कर लिए.लालजी बोला- क्यों क्या हुआ ऐसा संध्या?मैं बोली- उन तीनों ने मुझे आज जम के चोदा है. अब तुमसे क्या छुपाना. लालजी उन तीनों ने इतना चोदा और ऐसे चोदा कि मुझसे सच में चलते नहीं बन रहा है.
ये कह कर जैसे ही मैं खड़ी हुई पानी पीने के लिए और चलने की कोशिश की तो मेरी चूत में बहुत जलन और दर्द होने लगा. चलते भी नहीं बन रहा था, ऐसे ही तेज़ दर्द गांड में हुआ तो मैं बोली कि कुत्तों ने कैसे चोदा कि उस समय बहुत मजा आया और अब दर्द हो रहा है.
लालजी बोला- अब हम लोगों के लिए तुम क्या बोल रही हो संध्या?तो मैं बोली- अभी कुछ नहीं… मुझे चुपचाप लेटे रहने दो और पीयूष, तुम अपने दोस्त को मना कर दो कि वो नहीं आए. अभी मेरे होश नहीं बहुत दर्द हो रहा है, फिर कभी देखूंगी.. शायद कल परसों में यह गुड्डा गुड्डी की शादी का खेल खेलूंगी. अभी आज बिल्कुल होश नहीं है.
तब लालजी और पीयूष बोले- ठीक है, ऐसा ही ठीक है.. आज तुम आराम कर लो.. पर यह बता दो कि तुम्हें मजा आया कि नहीं?तो मैं बोली- तुम दोनों को थैंक्स तुम दोनों की वजह से मुझे बहुत मजा मिला.. न तुम लोगों के साथ नंगे लेटे पाते.. न वो लोग मुझे चोदते. परंतु जितना मजा मिला, उतना ही दर्द भी हो रहा है. पर कोई बात नहीं जो एंजॉयमेंट मेरा हुआ, उसके लिए इससे ज्यादा भी दर्द मुझे हो तो भी कोई फर्क नहीं पड़ता है.
वो दोनों बोले- ठीक है संध्या तुम्हें तो मजा मिल गया.. अब हम लोग फिर अपना लंड हिला कर ही काम चला लेते हैं.इतना कहकर वह दोनों चले गए और मैं लेटी रही.
थोड़ी देर में मम्मी और मेरा भाई घर आ गए. मुझे लेटा देखकर मम्मी पूछने लगीं कि संध्या तुझे क्या हुआ.. क्यों लेटी है… खाना नहीं बनाएगी क्या?मैं बोली- मम्मी मैं पानी भरने गई तो फिसल गई थी, मुझे हल्की चोट लगी है. मम्मी ऐसा लगता है कि कमर के पास हल्का मोच आ गई है, मुझे दर्द हो रहा है इसलिए लेटी हूं.मम्मी बोलीं- ठीक है ज्यादा तो नहीं लगी?मैं बोली- नहीं, पर अभी नॉर्मल नहीं हूं.मम्मी बोलीं- तू आराम कर ले संध्या.. कोई बात नहीं.. खाना मैं बना लूँगी.
मैं आराम करने लगी, मुझसे 3 दिन तक ठीक से चलते नहीं बना था और हल्का हल्का दर्द भी हो रहा था. फिर 3 दिन बाद मैं ठीक हुई थी.
यह बात जो मैंने लिखी है, इसमें एक भी शब्द झूठ नहीं है.. पूरा का पूरा एक-एक शब्द बिल्कुल सही लिखा है. मुझे अपनी कसम है और मम्मी की कसम है अगर इसमें से लिखा एक शब्द भी झूठ हो. ऐसा सभी कहते हैं कि एक बार मुझे जो भी मर्द देख लेगा वह बिना मुझसे मिले रह नहीं पायेगा. जब तक मुझसे वो मिल नहीं लेगा, उसको कहीं सुकून नहीं मिलेगा. उसकी हर ख्वाइश और हर सपने में सिर्फ मैं ही रहूंगी, ऐसा सभी कहते हैं.
अब मुझ में ऐसी क्या बात है, मैं खुद भी नहीं जानती!
यह बात पूरी तरह से सच है कि जितने भी मर्द मुझे देखते हैं, वो चाहे कितने भी क्लोज रिलेटिव हों, चाहे जितने बूढ़े हों सभी के सभी.. बस मुझे पाना चाहते हैं, मेरे साथ सोना चाहते हैं.
यही सच्चाई है. मेरी यह सच्ची कहानी आपको कैसी लगी.
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