hotaks444
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तभी अंकल मेरी पैंटी की इलास्टिक पकड़ कर नीचे उतारने लगे. जैसे ही मेरी पैंटी उतरी, मैं अंकल और सतीश जीजा के सामने पूरी नंगी खड़ी हो गई, अब मुझे बहुत शर्म आई तो मैंने अपनी दोनों हथेली अपनी चूत के सामने रख ली और चूत छुपाने की कोशिश करने लगी.अंकल बोले- अपने माल को मत छुपाओ संध्या!मैं शरमा गई और नीचे आंखें कर ली.
अंकल ने मेरे पीछे घूम कर जैसे ही देखा मेरे पिछवाड़े की तरफ और मेरे दोनों कूल्हों पर हाथ रखा, बोले- बाप रे, तुम क्या कयामत हो संध्या तुम्हारी गांड तो बहुत ही जबरदस्त है, इतनी निकली हुई गांड, मैंने आज तक नहीं देखी, बहुत गजब की गांड है तेरी संध्या!और वो मेरे दोनों कूल्हों को चूमने लगे, और फिर कूल्हों को फैलाकर जहां मेरी गांड का सुराख था, वहां जीभ चलाने लगे. मुझे अब जाने क्या होने लगा, वहां बहुत गुदगुदी होने लगी, मैं उछलने सी लगी. मैंने पीछे हाथ किया तो अंकल के बालों में पड़ा.
अंकल अपने कपड़े मेरे सामने उतारने लगे और मैं उनको देखने लगी. अंकल ने अपना टी-शर्ट उतार दिया और अंडरवियर के अन्दर ही उनका लन्ड लग रहा था कि वो फाड़ देगा अंडरवियर को!और जैसे ही अंडरवियर उतरा, उनका बहुत ही बड़ा लन्ड मेरे सामने था, मैं सोच भी नहीं सकती थी कि 50 साल के मर्द का इतना बड़ा सामान हो सकता है!मैंने अपनी आंखें झुका ली.
तभी अंकल मेरे पीछे गांड पर अपना लन्ड रगड़ने लगे और जैसे ही मेरे पीछे उनका लन्ड छुआ, जाने कैसे मैं मदहोश सी होने लगी.उधर सामने सतीश जीजा भी अब अपनी पैंट को नीचे उतारने लगे और अपना शर्ट भी खोल दिया, वह बनियान नहीं पहने थे पैंट और अंडरवियर एक साथ उतार कर अपना लन्ड हाथों से रगड़ने लगे. मेरे देखते देखते सतीश जीजा का लन्ड बहुत बड़ा हो गया और वह हांफने लगे.
तभी मकान मालिक बोले- सतीश, वहां दूर खड़े होकर अपने हाथ से क्यों अपना सामान रगड़ रहा है, जब इतनी मस्त आइटम संध्या तेरे सामने है.तो सतीश जीजा बोले- आज संध्या आपका माल है, आप कर लो अच्छे से!अंकल बोले- चल आज तुझे परमिशन दी, आ जा तू अपना भाई है. आ दोनों मिलकर संध्या की प्यास बुझाते हैं, तू भी शुरू हो जा जहां तुझे जगह मिले, मुझे कोई दिक्कत नहीं.और इतना कहकर अंकल पीछे मेरी गांड को फैलाकर उसमें थूक लगाने लगे तो मुझे बहुत गुदगुदी होने लगी.
और फिर अपने लन्ड को मेरी गांड में फिट करके थोड़ा थोड़ा घुसाने की तरह रगड़ने लगे, मैं बिल्कुल पता नहीं कैसे मदहोश होने लगी.तभी सतीश जीजा भी आने लगे जब वह चले तो उनका लन्ड बहुत हिल रहा था, जीजा मेरे सामने आकर बैठ गए सीधे मेरी हाथों को पकड़ कर जिससे अपनी चूत छुपा के रखी थी उसे हटाया और सीधे मेरी चूत में अपने होठों को रख दिया.
मुझे अब बहुत अजीब सा कुछ होने लगा और किस करने के बाद जीजा ने तुरंत मेरी चूत को फैलाकर उसमें अपनी जीभ डाल दी. जैसे ही सतीश जीजा की जीभ अंदर गई मैं एकदम मचल गई, मेरा बदन बिल्कुल अकड़ सा गया.जीजा अब मेरी चूत चाटने भी लगे, जिसकी वजह से अब मुझसे खड़े रह पाना मुश्किल हो गया, मैं बोली- अंकल. मुझसे खड़े नहीं रहा जा रहा, मुझे आप लोगों ने क्या कर दिया? क्या हो रहा है, मैं समझ नहीं पा रही.
तब अंकल बोले- संध्या, तुम बहुत प्यासी हो, तुम्हारे अंदर बहुत आग है, वह सब बाहर आ गई है, चलो सतीश उठो, संध्या को बिस्तर पर ले चलते हैं.मैं बोली- प्लीज, मुझे कुछ करना नहीं! और मुझे यह क्या हो रहा है?अंकल बोले- अभी 10 मिनट भी नहीं हुए 5 मिनट के अंदर तुम्हें हम छोड़ देंगे!मैं बोली- ठीक है.
अंकल ने मुझे अपनी गोद में उठा लिया, मैं पूरी नंगी थी और अंकल भी फुल नंगे. उन्होंने मुझे बांहों में जब उठाया तो मुझे अलग सा महसूस हुआ, मेरे दूध को चूम कर अंकल बोले- बड़ी मस्त है लग रही है तू मेरी गोद में, मेरी बाहों में तू संध्या!और ले जाकर बगल से जो बिस्तर था, उसमें मुझे पटक दिया.
अंकल सतीश जीजा को बोले- यार तू अब संध्या के पीछे का मोर्चा संभालना, मैं इसके आगे चूत को और बूब्स को देखता हूं.
अंकल ने अब मेरी टांगों को इधर-उधर फैलाया और मेरे जांघ पर किस करते हुए बिल्कुल मेरी चूत में पहुंच गए और अपनी उंगली डाल दी. चूत में उंगली डालने के बाद बोले- कितनी गर्म है तेरी चूत संध्या… लग रहा है उंगली जल जाएगी, और बहुत गीली भी है!और फिर सीधे अपने जीभ निकाल कर बोले- इतनी सेक्सी चूत आज तक मैंने देखी नहीं!अब सीधे मेरे चूत में अपनी जीभ डाल दी और बहुत जोर-जोर से अंकल मेरी चूत चाट कर बिल्कुल चूस ले रहे थे.
इधर पीछे पीठ तरफ मेरे सतीश जीजा मेरी पूरी पीठ को अपनी जीभ से चाटने लगे, किस करने लगे, साथ में कूल्हों पर अपना हाथ भी चला रहे थे.
अंकल ने मेरे पीछे घूम कर जैसे ही देखा मेरे पिछवाड़े की तरफ और मेरे दोनों कूल्हों पर हाथ रखा, बोले- बाप रे, तुम क्या कयामत हो संध्या तुम्हारी गांड तो बहुत ही जबरदस्त है, इतनी निकली हुई गांड, मैंने आज तक नहीं देखी, बहुत गजब की गांड है तेरी संध्या!और वो मेरे दोनों कूल्हों को चूमने लगे, और फिर कूल्हों को फैलाकर जहां मेरी गांड का सुराख था, वहां जीभ चलाने लगे. मुझे अब जाने क्या होने लगा, वहां बहुत गुदगुदी होने लगी, मैं उछलने सी लगी. मैंने पीछे हाथ किया तो अंकल के बालों में पड़ा.
अंकल अपने कपड़े मेरे सामने उतारने लगे और मैं उनको देखने लगी. अंकल ने अपना टी-शर्ट उतार दिया और अंडरवियर के अन्दर ही उनका लन्ड लग रहा था कि वो फाड़ देगा अंडरवियर को!और जैसे ही अंडरवियर उतरा, उनका बहुत ही बड़ा लन्ड मेरे सामने था, मैं सोच भी नहीं सकती थी कि 50 साल के मर्द का इतना बड़ा सामान हो सकता है!मैंने अपनी आंखें झुका ली.
तभी अंकल मेरे पीछे गांड पर अपना लन्ड रगड़ने लगे और जैसे ही मेरे पीछे उनका लन्ड छुआ, जाने कैसे मैं मदहोश सी होने लगी.उधर सामने सतीश जीजा भी अब अपनी पैंट को नीचे उतारने लगे और अपना शर्ट भी खोल दिया, वह बनियान नहीं पहने थे पैंट और अंडरवियर एक साथ उतार कर अपना लन्ड हाथों से रगड़ने लगे. मेरे देखते देखते सतीश जीजा का लन्ड बहुत बड़ा हो गया और वह हांफने लगे.
तभी मकान मालिक बोले- सतीश, वहां दूर खड़े होकर अपने हाथ से क्यों अपना सामान रगड़ रहा है, जब इतनी मस्त आइटम संध्या तेरे सामने है.तो सतीश जीजा बोले- आज संध्या आपका माल है, आप कर लो अच्छे से!अंकल बोले- चल आज तुझे परमिशन दी, आ जा तू अपना भाई है. आ दोनों मिलकर संध्या की प्यास बुझाते हैं, तू भी शुरू हो जा जहां तुझे जगह मिले, मुझे कोई दिक्कत नहीं.और इतना कहकर अंकल पीछे मेरी गांड को फैलाकर उसमें थूक लगाने लगे तो मुझे बहुत गुदगुदी होने लगी.
और फिर अपने लन्ड को मेरी गांड में फिट करके थोड़ा थोड़ा घुसाने की तरह रगड़ने लगे, मैं बिल्कुल पता नहीं कैसे मदहोश होने लगी.तभी सतीश जीजा भी आने लगे जब वह चले तो उनका लन्ड बहुत हिल रहा था, जीजा मेरे सामने आकर बैठ गए सीधे मेरी हाथों को पकड़ कर जिससे अपनी चूत छुपा के रखी थी उसे हटाया और सीधे मेरी चूत में अपने होठों को रख दिया.
मुझे अब बहुत अजीब सा कुछ होने लगा और किस करने के बाद जीजा ने तुरंत मेरी चूत को फैलाकर उसमें अपनी जीभ डाल दी. जैसे ही सतीश जीजा की जीभ अंदर गई मैं एकदम मचल गई, मेरा बदन बिल्कुल अकड़ सा गया.जीजा अब मेरी चूत चाटने भी लगे, जिसकी वजह से अब मुझसे खड़े रह पाना मुश्किल हो गया, मैं बोली- अंकल. मुझसे खड़े नहीं रहा जा रहा, मुझे आप लोगों ने क्या कर दिया? क्या हो रहा है, मैं समझ नहीं पा रही.
तब अंकल बोले- संध्या, तुम बहुत प्यासी हो, तुम्हारे अंदर बहुत आग है, वह सब बाहर आ गई है, चलो सतीश उठो, संध्या को बिस्तर पर ले चलते हैं.मैं बोली- प्लीज, मुझे कुछ करना नहीं! और मुझे यह क्या हो रहा है?अंकल बोले- अभी 10 मिनट भी नहीं हुए 5 मिनट के अंदर तुम्हें हम छोड़ देंगे!मैं बोली- ठीक है.
अंकल ने मुझे अपनी गोद में उठा लिया, मैं पूरी नंगी थी और अंकल भी फुल नंगे. उन्होंने मुझे बांहों में जब उठाया तो मुझे अलग सा महसूस हुआ, मेरे दूध को चूम कर अंकल बोले- बड़ी मस्त है लग रही है तू मेरी गोद में, मेरी बाहों में तू संध्या!और ले जाकर बगल से जो बिस्तर था, उसमें मुझे पटक दिया.
अंकल सतीश जीजा को बोले- यार तू अब संध्या के पीछे का मोर्चा संभालना, मैं इसके आगे चूत को और बूब्स को देखता हूं.
अंकल ने अब मेरी टांगों को इधर-उधर फैलाया और मेरे जांघ पर किस करते हुए बिल्कुल मेरी चूत में पहुंच गए और अपनी उंगली डाल दी. चूत में उंगली डालने के बाद बोले- कितनी गर्म है तेरी चूत संध्या… लग रहा है उंगली जल जाएगी, और बहुत गीली भी है!और फिर सीधे अपने जीभ निकाल कर बोले- इतनी सेक्सी चूत आज तक मैंने देखी नहीं!अब सीधे मेरे चूत में अपनी जीभ डाल दी और बहुत जोर-जोर से अंकल मेरी चूत चाट कर बिल्कुल चूस ले रहे थे.
इधर पीछे पीठ तरफ मेरे सतीश जीजा मेरी पूरी पीठ को अपनी जीभ से चाटने लगे, किस करने लगे, साथ में कूल्हों पर अपना हाथ भी चला रहे थे.