hotaks444
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मेरा लन्ड और भाभी की बुर चूस कर जब दोनों उठीं तो मैने चुदाई की तैयारी शुरू की. “पहले मीनल बेटी को चोदूंगा भाभी, वह बड़ी है और मेरा मोटा लन्ड लेने में ज्यादा नहीं रोएगी. आओ मेरी तीनों प्यारी चूतोम, मुझे कुछ मजा लेने दो जिससे मेरा लौड़ा मस्त खड़ा हो जाये.”
मैं मीनल को बांहों में लेकर लेट गया और उसकी कड़ी चूचियां दबाता हुआ उसे चूमने लगा. वह शरमा रही थी पर बड़े प्यार से चुम्मा दे रही थी. उधर सीमा मेरे लन्ड को चाट चाट कर खड़ा करने में जुट गयी. भाभी हमारे पास आकर बैठीं तो मैने उन्हें कहा “भाभीजी, आप दोनों लड़कियों की चूत में दो दो उंगली डाल दीजिये और चोदिये. बुरेम कुछ फ़ैलेंगी तो बाद में दर्द कम होगा.
सीमा की मखमली जीभ ने जल्दी ही मेरे लन्ड को तन्ना कर खड़ा कर दिया. मीनल को मैने पलन्ग पर लिटाया और उसके नितम्बोम के नीचे एक तकिया रखा. वह अब थोड़ा घबरा रही थी. भाभी के पुचकारने पर उसने जांघें फ़ैलायीं और मैं उसकी टांगों के बीच अपना लन्ड संहाल कर बैठ गया. मैने भाभी से आंख मारते हुए कहा “आप जरा तैयार रहिये”
भाभी समझ गई और सीमा के कान में कुछ कहा. सीमा ने आकर मीनल के दोनों हाथ ऊपर कर के तकिये पर रखे और उनपर बैठ गयी. मीनल घबरा कर रोने लगी. “यह क्या कर रही है सीमा, छोड़ मुझे” मैने अब अपना सुपाड़ा मीनल की कुम्वारी चूत पर रखा और दबाना शुरू किया. “दुखेगा मेरी रानी, पर घबरा मत, मजा भी आएगा, और पहली बार चुदाने का मजा तो तभी आता है जब दर्द हो.”
मैने अपनी उंगलियों से चूत चौड़ी की और कस कर पेला. फ़च्च से सुपाड़ा अन्दर हो गया और मीनल दर्द से बिलबिला उठी. चीखने ही वाली थी कि भाभी ने अपने हाथ से उसका मुंह दबोच दिया. तड़पती मीनल की परवाह न करके मैने लन्ड फ़िर पेला और आधा अन्दर कर दिया. मीनल छटपटाते हुए अपने बन्द मुंह से गोंगियाने लगी.
उस कुम्वारी मखमली चूत ने मेरे लन्ड को ऐसे पकड़ रखा था जैसे किसीने मुठ्ठी में पकड़ा हो. मीनल की आंखों से अब आंसू बह रहे थे जिसे देखकर उसकी मां और बहन दोनों और उत्तेजित हो उठीं और एक दूसरे को चूमने लगीं. “मां, मजा आ गया, दीदी की चूत तो आज फ़ट जायेगी इस मोटे लन्ड से, फ़िर मैं भी फ़ड़वाऊंगी”
अब मैं वैसे ही बैठा रहा और सीमा को कहा “सीमा रानी, जरा अपनी दीदी की चूचियां चूसो, उसे मस्त करो.” सीमा ने झुककर एक निपल मुंह में लिया और चूसने लगी. दूसरे स्तन को वह प्यार से सहलाने लगी. धीरे धीरे मीनल का तड़पना कम हुआ और उसने रोना बन्द कर दिया. भाभी ने उसका मुंह छोड़ा तो रोते हुए बोली. “हाय मां, बहुत दर्द होता है, अंकल, प्लीज़ अपना लौड़ा निकाल लीजिये.” भाभी ने मुझसे कहा “तुम चोदो अनिल, मेरी यह बड़ी बेटी जरा ज्यादा ही नाजुक है, इसकी परवाह मत करो. बाद में देखना, चुदते हुए कैसे किलकारियां भरेगी”
“भाभी, आप इसे चूमिये, मां के मीठे मुंह से इसे बहुत राहत मिलेगी.” भाभी ने झुककर अपने होंठ अपनी बेटी के मुंह पर जमा दिये और जोर से चूस चूस कर उसका चुम्बन लेने लगी. मीनल अब शांत हो चली थी और उसकी चूत फ़िर गीली हो चली थी. मैने लन्ड धीरे धीरे इम्च इम्च करके पेलना शुरू किया. जब मीनल तड़पती तो मैं लन्ड घुसेड़ना बन्द कर देता था. आखिर पूरा ८ इम्च का लन्ड उस कसी बुर में समा गया और मैने एक सुख की सांस ली. “देख मीनल, पूरा लन्ड तेरी चूत में है और खून भी नहीं निकला है.”
मीनल ने थोड़ा सिर उठा कर अपनी जांघों के बीच देखा तो हैरान रह गई. फ़िर शरमा कर आंसू भरी आंखों से मेरी ओर देखने लगी. “शाबास मेरी बहादुर बिटिया, बस दर्द का कांअ खतम, अब मजा ही मजा है.” भाभी बोलीं. मैने भाभी को कहा “भाभी, अब आप आराम से मीनल के मुंह पर बैठिये और उसे अपनी बुर का रस पिलाइये. मैं इधर से चोदता हूं.”
भाभी उठ कर मीनल के मुंह पर अपनी चूत जमाकर बैठ गयी और सीमा को चूमते हुए धीरे धीरे अपनी बड़ी बेटी का मुंह चोदने लगी. मैने अब धीरे धीरे लन्ड अन्दर बाहर करना शुरू किया. पहले तो कसी चूत में लन्ड बड़ी मुश्किल से खिसक रहा था. मैने मीनल के क्लिटोरिस को अपनी उंगली से मसलना शुरू कर दिया और वह जवान बुर एक ही मिनट में इतनी पसीज गई कि लन्ड आसानी से फ़िसलने लगा. मैं अब उसे मस्त चोदने लगा.
मीनल को चोदते चोदते मैने पीछे से भाभी की चूचियां पकड़ लीं और दबाने लगा. सीमा भी ताव में आकर अपनी बुर को खुद ही उंगली से चोद रही थी. भाभी ने उसकी यह दशा देख कर कहा. “सब मजा कर रहे हैं, तू ही बची है बेटी, आ, मेरे सांअने खड़ी हो जा, मैं तेरी चूत चूस देती हूं, तुझे भी मजा आ जायेगा और मुझे भी अपनी रानी बेटी का रस चखने को मिल जायेगा.”
मैं मीनल को बांहों में लेकर लेट गया और उसकी कड़ी चूचियां दबाता हुआ उसे चूमने लगा. वह शरमा रही थी पर बड़े प्यार से चुम्मा दे रही थी. उधर सीमा मेरे लन्ड को चाट चाट कर खड़ा करने में जुट गयी. भाभी हमारे पास आकर बैठीं तो मैने उन्हें कहा “भाभीजी, आप दोनों लड़कियों की चूत में दो दो उंगली डाल दीजिये और चोदिये. बुरेम कुछ फ़ैलेंगी तो बाद में दर्द कम होगा.
सीमा की मखमली जीभ ने जल्दी ही मेरे लन्ड को तन्ना कर खड़ा कर दिया. मीनल को मैने पलन्ग पर लिटाया और उसके नितम्बोम के नीचे एक तकिया रखा. वह अब थोड़ा घबरा रही थी. भाभी के पुचकारने पर उसने जांघें फ़ैलायीं और मैं उसकी टांगों के बीच अपना लन्ड संहाल कर बैठ गया. मैने भाभी से आंख मारते हुए कहा “आप जरा तैयार रहिये”
भाभी समझ गई और सीमा के कान में कुछ कहा. सीमा ने आकर मीनल के दोनों हाथ ऊपर कर के तकिये पर रखे और उनपर बैठ गयी. मीनल घबरा कर रोने लगी. “यह क्या कर रही है सीमा, छोड़ मुझे” मैने अब अपना सुपाड़ा मीनल की कुम्वारी चूत पर रखा और दबाना शुरू किया. “दुखेगा मेरी रानी, पर घबरा मत, मजा भी आएगा, और पहली बार चुदाने का मजा तो तभी आता है जब दर्द हो.”
मैने अपनी उंगलियों से चूत चौड़ी की और कस कर पेला. फ़च्च से सुपाड़ा अन्दर हो गया और मीनल दर्द से बिलबिला उठी. चीखने ही वाली थी कि भाभी ने अपने हाथ से उसका मुंह दबोच दिया. तड़पती मीनल की परवाह न करके मैने लन्ड फ़िर पेला और आधा अन्दर कर दिया. मीनल छटपटाते हुए अपने बन्द मुंह से गोंगियाने लगी.
उस कुम्वारी मखमली चूत ने मेरे लन्ड को ऐसे पकड़ रखा था जैसे किसीने मुठ्ठी में पकड़ा हो. मीनल की आंखों से अब आंसू बह रहे थे जिसे देखकर उसकी मां और बहन दोनों और उत्तेजित हो उठीं और एक दूसरे को चूमने लगीं. “मां, मजा आ गया, दीदी की चूत तो आज फ़ट जायेगी इस मोटे लन्ड से, फ़िर मैं भी फ़ड़वाऊंगी”
अब मैं वैसे ही बैठा रहा और सीमा को कहा “सीमा रानी, जरा अपनी दीदी की चूचियां चूसो, उसे मस्त करो.” सीमा ने झुककर एक निपल मुंह में लिया और चूसने लगी. दूसरे स्तन को वह प्यार से सहलाने लगी. धीरे धीरे मीनल का तड़पना कम हुआ और उसने रोना बन्द कर दिया. भाभी ने उसका मुंह छोड़ा तो रोते हुए बोली. “हाय मां, बहुत दर्द होता है, अंकल, प्लीज़ अपना लौड़ा निकाल लीजिये.” भाभी ने मुझसे कहा “तुम चोदो अनिल, मेरी यह बड़ी बेटी जरा ज्यादा ही नाजुक है, इसकी परवाह मत करो. बाद में देखना, चुदते हुए कैसे किलकारियां भरेगी”
“भाभी, आप इसे चूमिये, मां के मीठे मुंह से इसे बहुत राहत मिलेगी.” भाभी ने झुककर अपने होंठ अपनी बेटी के मुंह पर जमा दिये और जोर से चूस चूस कर उसका चुम्बन लेने लगी. मीनल अब शांत हो चली थी और उसकी चूत फ़िर गीली हो चली थी. मैने लन्ड धीरे धीरे इम्च इम्च करके पेलना शुरू किया. जब मीनल तड़पती तो मैं लन्ड घुसेड़ना बन्द कर देता था. आखिर पूरा ८ इम्च का लन्ड उस कसी बुर में समा गया और मैने एक सुख की सांस ली. “देख मीनल, पूरा लन्ड तेरी चूत में है और खून भी नहीं निकला है.”
मीनल ने थोड़ा सिर उठा कर अपनी जांघों के बीच देखा तो हैरान रह गई. फ़िर शरमा कर आंसू भरी आंखों से मेरी ओर देखने लगी. “शाबास मेरी बहादुर बिटिया, बस दर्द का कांअ खतम, अब मजा ही मजा है.” भाभी बोलीं. मैने भाभी को कहा “भाभी, अब आप आराम से मीनल के मुंह पर बैठिये और उसे अपनी बुर का रस पिलाइये. मैं इधर से चोदता हूं.”
भाभी उठ कर मीनल के मुंह पर अपनी चूत जमाकर बैठ गयी और सीमा को चूमते हुए धीरे धीरे अपनी बड़ी बेटी का मुंह चोदने लगी. मैने अब धीरे धीरे लन्ड अन्दर बाहर करना शुरू किया. पहले तो कसी चूत में लन्ड बड़ी मुश्किल से खिसक रहा था. मैने मीनल के क्लिटोरिस को अपनी उंगली से मसलना शुरू कर दिया और वह जवान बुर एक ही मिनट में इतनी पसीज गई कि लन्ड आसानी से फ़िसलने लगा. मैं अब उसे मस्त चोदने लगा.
मीनल को चोदते चोदते मैने पीछे से भाभी की चूचियां पकड़ लीं और दबाने लगा. सीमा भी ताव में आकर अपनी बुर को खुद ही उंगली से चोद रही थी. भाभी ने उसकी यह दशा देख कर कहा. “सब मजा कर रहे हैं, तू ही बची है बेटी, आ, मेरे सांअने खड़ी हो जा, मैं तेरी चूत चूस देती हूं, तुझे भी मजा आ जायेगा और मुझे भी अपनी रानी बेटी का रस चखने को मिल जायेगा.”