hotaks444
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थोड़ी देर के बाद जब उसकी साँसें ठीक हुई तो पिंकी ने कहा के लक्ष्मी जा ज़रा राजा बाबा के पैर दबा दे वो थक गये है सुबह से पैर मोड़ के बाइक पे बैठे है तो लक्ष्मी पिंकी को गौर से देखने लगी तो उसने कहा के अरे जा कोई बात नही यहा हम तीनो के सिवा और कोई नही है तेरे माता और पिता भी हॉस्पिटल गये है अब 3 दिन के बाद ही आएँगे क्यॉंके मैं ने डॉक्टर से उनको अड्मिट करने के लिए कह दिया है तो लक्ष्मी की एक ठंडी इतमीनान वाली साँस निकल गयी. पिंकी ने लक्ष्मी को बोला के चल तू पैर दबा मैं किचन मे कुछ खाने का बंदोबस्त करती हू तो उसने कहा के नही दीदी आप रहने दो मैं कर देती हू और वो बाहर जाने के लिए उठी तो पिंकी ने उसका हाथ पकड़ के रोका और कहा के कोई बात नही मैं खाना बना देती हू तू पैर दबा दे मैं अभी आती हू और पिंकी कुछ खाना पकाने की तय्यरी के लिए कमरे से बाहर किचन की तरफ निकल गयी और लक्ष्मी धीरे से ऊपेर चढ़ के बेड पे आ गयी और मेरे पैरो को दबाने लगी. मैं पीठ के बल सीधा लेटा था और मेरा लंड सॉफ्ट हो चुका था और मेरे थाइ पे पड़ा सो रहा था. उसका हाथ मेरे थाइ पे लगते ही मेरा मूसल लंड ऐसे लहरा के खड़ा हो गया जैसे कोई डॅन्सर डॅन्स फ्लोर पे बैठे बैठे ऊपेर लहरा के उठ जाती है और एक ही झटके मे अकड़ गया और लोहे जैसा सख़्त हो गया. लंड के इस तरीके से उठ ने से लक्ष्मी एक दम से घबरा गयी और अपना हाथ मेरे थाइ पे
से वापस खेच लिया और मेरी आँख लग चुकी थी मैं सो चुका था.
अब कमरे मैं सिर्फ़ हम दोनो ही थे बाहर बारिश बोहोत भी तेज़ी से हो रही थी और कमरा मे और भी अंधेरा हो गया था. कमरा अंधेरा था इसी लिए शाएद लक्ष्मी को अब शरम भी नही आ रही थी. यह ह्यूमन नेचर है के आदमी अंधेरे मैं बिल्कुल भी नही शरमाता और वो काम भी कर लेता है जो दिन के उजाले मैं नही कर पता इसी लिए शाएद लक्ष्मी का शरमाना भी अब ख़तम हो गया था और वो नंगी ही बैठी मेरे नंगे पैरो को दबा रही थी. मैं सीधा पीठ के बल लेटा था और सो रहा था. वो साइड मैं बैठी मेरे पैर नीचे से ऊपेर तक दबा रही थी और मैं तो सो रहा था पर मेरा मूसल जैसा लंड जाग रहा था. मुझे उसके हाथ का स्पर्श महसूस हुआ तो मेरी आँख खुल गयी पर मैं ने ऐसा ही पोज़ किया जैसे मैं सो रहा हू. मैं देखना चाहता था के वो क्या करती है और सोने का नाटक करने लगा और गहरी साँसे ले रहा था जिस से वो समझी कि मैं थक्क गया हू और गहरी नींद सो रहा हू. मैं ने नींद मे ही अपने दोनो पैर थोड़े चौड़े कर लए. अब ऐसी पोज़िशन मे वो दोनो पैर एक साथ नही दबा सकती थी तो वो मेरे दोनो पैरो के बीच मे आ के बैठ गयी और दोनो हाथो से दोनो पैरो को एक साथ दबाने लगी. मेरा लंड किसी रॉकेट की तरह सीधा खड़ा हुआ था. उसके छोटे छोटे हाथ मेरे थाइस पे बोहोत आछे लग रहे थे. पैर दबा ते दबा ते उसका हाथ मेरे बॉल्स से टच किया तो मेरा लंड एक दम से किसी शराबी की तरह से झूम गया शाएद यह उसको अजीब लगा इसी लिए उसने अपनी उंगली से मेरे लंड के डंडे को टच किया मैं अपनी बोहोत थोड़ी सी खुली हुई आँख से सब देख रहा था पर उसको मेरी खुली आँख नज़र नही आ रही थी और वो यही समझ रही थी के मैं गहरी नींद सो रहा हू.
मेरा मूसल लंड तो धीरे धीरे हिल रहा था अब लक्ष्मी ने अपनी दो उंगलिओ से लंड के डंडे को पकड़ा वो हैरत से लंड को बोहोत करीब से घूर घूर देख रही थी और शाएद अब वो भी गरम हो गयी थी और उसने मेरे लंड को अपने एक हाथ से पकड़ लिया और धीरे से दबाया तो लंड के सुराख मे एक प्री कम का ड्रॉप निकल आया जिसे उसने अपनी उंगली से उठा लिया और देखने लगी और ज़ुबान पे रख के टेस्ट काइया तो इतने मे पिंकी अंदर आ गयी उसने लक्ष्मी को देख लिया था तो वो लक्ष्मी के करीब आगेई तो आहिस्ता से बोली के देख कैसा मस्त लंड है चूस ले इसे तो उसने कुछ नही कहा तो पिंकी ने बोला के देख राजा गहरी नींद सो रहा है उसको पता भी नही चलेगा के तू क्या कर रही है और अगर उठ भी गया तो अंधेरा होने की वजह से वो समझे गा के उसका लंड पिंकी चूस रही है तू फिकर मत कर चल चूसना शुरू कर दे अपनी मुथी मे पकड़ ले और इसको ऊपेर नीचे कर ऐसा बोलते वक़्त पिंकी ने अपनी उंगलिओ को गोल
करके ऊपेर नीचे करके लक्ष्मी को बताया और बोला के बस ऐसा करते करते इसको चूस ले और हा देख अगर उसमे से मलाई निकले ना तो गिरने नही देना पूरी की पूरी मलाई पी जाना बोहोत टेस्टी और शक्ति शालि होती है मर्दो की मलाई तेरे अंदर खूब ताक़त आएगी तो उसने कुछ कहा तो नही पर अपना सर हा मे हिला दिया. मैं यह सब सुन रहा था और सोता बन गया.
पिंकी ने लक्ष्मी से बोला के चल अब मैं जा रही हू और देख शर्मा ना बिल्कुल नही चूसना शुरू कर दे और पिंकी कमरे से बाहर निकल गयी. लक्ष्मी पलट के पिंकी को कमरे से बाहर निकलने तक देखती रही. और पिंकी के कमरे से निकल ते ही लक्ष्मी ने मेरे लंड को धीरे से पकड़ा तो मेरा लंड एक दम से कुछ ज़ियादा ही टाइट हो गया और हिलने लगा तो उसने लंड को थोड़ा ज़ोर से पकड़ा और मेरे पैरो के बीच मैं बैठे बैठे झुक गयी और पहले अपनी ज़ुबान से लंड के सुराख से निकलते प्री कम को चाटने लगी और फिर लंड के सूपदे को अपने जीभ से चाटने लगी और फिर मूह मे ले के अछी तरह से चूसने लगी आहह मुझे बोहोत ही मज़ा आ रहा था और वो देखते ही देखते ऐसे एक्सपर्ट की तरह से चूसने लगी जैसे बचपन से ही लंड चूसने की प्रॅक्टीस हो. अब मैं भी फुल मूड मे आ गया था और धीरे से पिंकी का ऐसे नाम ले रहा था जैसे लक्ष्मी समझे के मैं समझ रहा हू के मेरा लंड पिंकी चूस रही है लक्ष्मी नही. उसके सर को पकड़ के अपनी गंद उठा उठा के उसको मूह को चोद रहा था और वो बड़े मज़े से लंड को चूस रही थी. मेरा आधा ही लंड उसके मूह मैं जा रहा था पर मैं ने उसका सर पकड़ के अपने पूरे लंड को उसके मूह मे घुसा दिया और चोदने लगा और बोला के आअहह पिंकी बड़ा मज़ा आ रहा है रे ऐसी ही चूसू पिंकी आहह और ज़ोर से चूसू पिंकी और ज़ोर से मज़ा आ रहा है बोहोत आअहह ईएससस्स. अब लक्ष्मी को यकीन हो गया था के मैं समझ रहा हू के मेरे लंड को पिंकी चूस रही है. अब लक्ष्मीने इतमीनान से मेरे लंड को मुथि मे पकड़ा हुआ था और लंड के डंडे को मूठ मार रही थी और आधे लंड चूस रही थी. आअहह पिंकी और ज़ोर से चूवस्स्सूऊ प्पीइन्न्न्न्क्क्क्य्य्य्य और एक दम से मेरे बॉल्स मे क्रीम जैसे उबलने लगी और अपनी गंद को बेड से उठा के उसके हलक तक अपना लंड घुसा दिया उसके मूह से गगगगगगगगगगघह आआआआाअगगगगगगगघह की आवाज़े निकलने लगी और मेरे लंड मे से मलाई की मोटी मोटी धारिया उसके हलक मे पिचकारियाँ मारती हुई गिरने लगी जिसे वो बड़े मज़े से पी गयी और जो थोड़ी सी क्रीम उसके होटो पे लगी थी उसको अपनी ज़ुबान से चाट लिया. मैं ने लचमी के सरर को सहलाते हुए कहा के पिंकी आज तो बोहोत मज़ा आया थॅंक्स यार पिंकी.
मैं अभी तक ऐसे पोज़ कर रहा था जैसे मैं सो रहा हू और पिंकी मेरे लंड को चूस रही है इसी लिए मैं ने उसकी बगल मे हाथ डाल के बोला के पिंकी मेरी रानी यू आर वंडरफुल और उसको अपने नंगे बदन के ऊपेर खेच के लिटा लिया और आँखें बंद किए हुए ही उसको किस करने लगा. कमरे मे तो अछा ख़ासा अंधेरा था. लक्ष्मी ने अपना मूह बंद कर रखा था क्यॉंके शाएद उसको किस कैसे करना पता ही नही था. मैं ने अपनी ज़ुबान उसके मूह मे घुसाना शुरू किया तो उसने मूह खोल दिया और उसके मूह मे अपनी जीभ डाल के किस करने लगा. मेरा लंड हम दोनो के बदन के बीच मे सॅंडविच बना हुआ था थोड़ा सा सॉफ्ट हो गया था पर जैसे ही किस शुरू हुआ और हम दोनो की जीभ ने एक दूसरे की जीभ को चूसा तो मेरा सॉफ्ट होता हुआ लंड फिर से अकड़ने लगा और देखते ही देखते मूसल जैसा बन गया. मैं ने उसको अपनी बाँहो मे पकड़ा हुआ था और किस कर रहा था और फिर उसकी छोटी छोटी चुचिओ को चूसने लगा और पिंकी के जैसी ही उसकी छोटी छोटी चुचियाँ भी पूरी की पूरी मेरे मूह मे आ गयी और मैं रस्स गुल्ले की तरह से उसकी चुचिओ को चूसने लगा. उसकी पीठ पे और उसके चूतदो पे हाथ घुमा रहा था उसके चूतड़ बोहोत चिकने और छोटे थे और उसके बदन को अपने बदन पे दबा रहा था. चूचियो को चूसना शुरू किया तो उसने ऑटोमॅटिकली अपनी पोज़िशन चेंज कर ली और अब अपनी दोनो टाँगें घुटनो से मोड ली और मेरे बदन के दोनो तरफ कर लिए और वो मेरे ऊपेर झुकी हुई थी और मेरे आँखों को गौर से देख रही थी के कही मैं जाग तो नही रहा इसी लिए मैं ने अपनी आँखें बंद कर ली थी ता कि वो यह समझे के मैं समझ रहा हू के वो पिंकी है लक्ष्मी नही. उसकी चूत बे इंतेहा गीली हो चुकी थी और उसकी रिस्ति हुई चूत का जूस मेरे नवल पे लग रहा था. वो ऑलमोस्ट मेरे लंड के दंड पे बैठी थोडा थोड़ा आगे पीछे हो के फिसल रही थी और मज़े ले रही थी. मेरे लंड के डंडे के बॅक वाले पोर्षन पे उसकी गीली चूत की पंखाड़िया थी और वो मेरे बदन पे थोडा सा उठी और मेरे आकड़े हुए मूसल लंड को अपने छोटे से हाथ मे पकड़ा और अपनी चूत के सुराख मे रगड़ने लगी तो मैं समझ गया के अब यह पूरी तरह से गर्म हो के चुदसी हो गयी है और अब बोहोत आसानी से चुदवलेगी. मैं अभी भी सोता बना था और आँखें बंद किए हुए बोला के पिंकी मुझे भी तो अपनी चूत का रस्स पिलाओ मेरी जान और उसको उसके बगल मे हाथ डाल के उसको ऊपेर खेच लिया जिस से वो ऊपेर आ गयी और अपने दोनो पैर मेरे सर के दोनो तरफ रख दिए और हाथ आगे कर के मेरे मूह मे अपनी चूत रगड़ने लगी. इस पोज़िशन मे ना वो मेरे चेहरे को देख सकती थी और ना मैं उसके चेहरे को. मैं उसके चूतदो को पकड़ के उसके चूतदो को सहला भी रहा था और अपने मूह मे उसकी
चूत घुसा भी रहा था और अपनी जीभ को गोल फोल्ड करके उसकी चूत के सुराख मे अंदर बाहर कर के जीभ से चोद रहा था उसके मूह से उन्ह !!! उन्ह !!! उन्ह !!! उन्ह !!! उन्ह !!! जैसी आवाज़ ही निकल रही थी और थोड़ी ही देर मे अपनी चूत को मेरे मूह मे बोहोत ही ज़ोर से रगड़ने लगी तो मैं ने उसकी पूरी चूत को अपने मूह मे भर लिया और दांतो से काटा तो वो पागल हो गयी और मेरे दांतो से अपनी चूत की क्लाइटॉरिस को रगड़ते हुए उसका बदन अकड़ने और काँपने लगा और आआआआअहह हहाआआआऐईईईईईईई सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स की आवाज़ें निकालती हुई झड़ने लगी मुझे उसकी कुँवारी चूत का कुँवारा रस्स बड़ा मीठा लगा जिसे मैं मज़े से चाट गया.
अब वो बिल्कुल भी मूव नही हो रही थी शाएद अभी तक वो अपने ऑर्गॅज़म की मस्ती मे डूबी हुई थी. थोड़ी देर मे जब मुझे लगा के उसका ऑर्गॅज़म ख़तम हो गया है तो मैं ने उसको वापस अपने ऊपेर खेच लिया और अपने बदन पे लिटा लिया और आँखें बंद किए हुए ही बोला के पिंकी तुम्हारी चूत का रस्स तो बोहोत ही मीठा है चलो अब मेरे लंड की सवारी कर के मेरे लंड को अपनी मस्त चूत का स्वाद चखाओ. लक्ष्मी अभी तक यही समझ रही थी के मैं सो रहा हू और उसको पिंकी समझ रहा हू. वो फिर से मेरे लंड के डंडे पे बैठ गयी और पहले जैसा आगे पीछे हो के लंड के डंडे पे फिसलने लगी. उसकी चूत उसके जूस और मेरे थूक से गीली हो चुकी थी और मेरे लंड मे से कंटिन्यू प्री कम भी निकल रहा था जिसकी वजह से वो आसानी से फिसल रही थी. मैं अपने पैर घुटनो से मोड़ चुका था और वो मेरे बदन के दोनो तरफ पैर मोड मेरे लंड के डंडे पे जॉकी जैसा बैठी मज़े ले रही थी. एक बार फिर उसने थोडा सा उठ के मेरे लंड के डंडे को पकड़ के उठाया और अपनी चूत की सुराख को मेरे लंड के सूपदे पे रगड़ने लगी और उसी टाइम पे मैं अपनी गंद उठा के एक झटका मारा तो लंड का चिकना हेल्मेट जैसा मोटा सूपड़ा उसकी चूत के सुराख मे अटक गया और उसके मूह से ऊऊईईईईईइ म्म्म्ममाआआअ सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स निकला और वो उछल पड़ी तो मैं ने अब सोने का नाटक ख़तम कर दिया और बोला के अरे लक्ष्मी तुम ??? तो उसने बोला के दीदी ने बोला राजा बाबा तो मैं ने कहा कोई बात नही तुम खुद ही जितना अंदर ले सकती हो ले लो तो उसने सर हिला दिया और अपने घुटनो के बल बैठ के मेरे लंड के सूपदे पे बैठने की कोशिश करने लगी बोहोत धीरे धीरे वो मेरे लंड पे बैठ रही थी और लंड का सूपड़ा ही अंदर तक घुस सका जो कि तकलीफ़ से उसका चेहरा लाल हो चुका था. मैं ने कहा और ट्राइ करो तो उसने बोला के दुख़्ता है बाबू और नही जाता तो मैं ने कहा के ट्राइ तो करो तो वो और ज़ोर से बैठने की कोशिस की तो मेरा लंड उसकी चूत के थोडा और अंदर घुसा उसके मूह से सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स निकला और वो मेरे ऊपेर लेट गयी और बोली के
और नही होता बाबू बॅस इतना ही रहने दो दरद तो हो रहा है पर अछा लग रहा है मैं ऐसे ही लेटी रहती हू.
मैं ने बोला के ठीक है मैं ट्राइ करता हू तो उसने बोला के और नही बाबू बोहोत दुख़्ता है तो मैं ने कहा के अरे पगली दरद तो एक ही टाइम होगा फिर बाद मे तो मज़ा ही मज़ा आएगा तो उसने कुछ नही बोला तो मैं ने अब उसको नीचे लिटा दिया और मैं उसके ऊपेर आ गया और उसकी टाँगो के बीच मैं लेट के उसकी चूत को चूसने लगा उसने फॉरन ही अपनी टाँगो को मोड़ लिया और मेरा सर को टाइट पकड़ के अपनी चूत मे रगड़ना चालू किया और बोली आआअहह बाअब्ब्ब्बुउउउउउ ब्ब्ब्बूहहूऊततततत्त म्म्म्माआआज़्ज़्ज़्ज़्ज़ाआआअ ह्ह्ह्हाआअई ब्बाअब्ब्ब्बुउउउउउउउ
और अपनी गंद उठा उठा के मेरे मूह को चोदने लगी. उसकी पूरी चूत को अपने दांतो से पकड़ लिया और पान जैसा चबाया तो वो मस्ती मे पागल हो गयी और अपनी गंद उठा के मेरे मूह मे अपनी चूत बोहोत ज़ोर ज़ोर से रगड़ने लगी और उसका बदन अकड़ने लगा और वो मेरे मूह मे एक बार फिर से झड़ने लगी. अब मैं उसके ऊपेर आ गया और मेरा लंड तो फुल मस्ती मे था और अकड़ के उठ चुका था और मेर पेट से लग चुका था. उसकी दोनो टाँगें फैला कर मैं उसके ऊपेर झुक गया तो उसने खुद ही मेरा लंड पकड़ के अपनी चूत के सुराख पे रख दिया. लंड का सूपड़ा चिकना था और इतना चूसने के बाद उसकी चूत बोहोत गीली हो चुकी थी इसी लिए एक ही झटके मे लंड का सूपड़ा उसकी चूत के सुराख के अंदर जितना पहले घुसा था उतना ही घुस चुका था. मैं रुक गया और उतना ही अंदर बाहर करने लगा. उसको दरद भी हो रहा था मज़ा भी आ रहा था और चुदवाने की एग्ज़ाइट्मेंट भी थी.
मैं तो पहले ही सोच चुका था के उसकी चूत को एक ही झटके मे फाड़ना है और ऐसे कुँवारी चूतो को एक ही झटकेमे फाड़ने मे मुझे बोहोत मज़ा आता है. अब मैं ने उसको उल्टा पेट के बल लिटा दिया तो वो समझी के मैं उसकी गंद मारने वाला हू तो उसने बोला का बाबू वाहा नही तो मैं ने पूछा के कहा नही ? तो वो शरमाते शरमाते बोली के गंद मे नही बाबू तो मैं ने पूछा के फिर कहा पे डालु तो उसने बोला के सामने तो मैं ने कहा के सामने कहाँ तो उसने अपनी चूत की तरफ इशारा किया तो मैं ने कहा यह क्या है तो फिर उसने शरमाते हुए कहा के चूत बाबूजी यहा डालो तो मैं मुस्कुरा दिया और अपने लंड की तरफ इशारा कर के पूछा के यह क्या है तो उसने लंड कहा तो मैं ने कहा के हा गुड अब तुम्हे शरम नही आएगी क्यॉंके हम दोनो नंगे है और हमारे सिवा यहा और कोई नही है और बोला के देख लंड को लड़की के तीनो सुराखो मैं मज़ा आता है तो उसने कहा तीनो ?? तो मैं ने कहा हा मूह, चूत और गंद एह तीनो सुराखों मे तो उसने कहा के यह गंद मे कैसे जाएगा बाबू इतना बड़ा और इतना मोटा है और गंद का छेद तो बोहोत ही छोटा होता है. अब वो बिंदास लंड, गंद और चूत बोल रही थी. तो मैं ने कहा के क्रीम लगाने से चला जाता है तो उसने कुछ बोला नही.
से वापस खेच लिया और मेरी आँख लग चुकी थी मैं सो चुका था.
अब कमरे मैं सिर्फ़ हम दोनो ही थे बाहर बारिश बोहोत भी तेज़ी से हो रही थी और कमरा मे और भी अंधेरा हो गया था. कमरा अंधेरा था इसी लिए शाएद लक्ष्मी को अब शरम भी नही आ रही थी. यह ह्यूमन नेचर है के आदमी अंधेरे मैं बिल्कुल भी नही शरमाता और वो काम भी कर लेता है जो दिन के उजाले मैं नही कर पता इसी लिए शाएद लक्ष्मी का शरमाना भी अब ख़तम हो गया था और वो नंगी ही बैठी मेरे नंगे पैरो को दबा रही थी. मैं सीधा पीठ के बल लेटा था और सो रहा था. वो साइड मैं बैठी मेरे पैर नीचे से ऊपेर तक दबा रही थी और मैं तो सो रहा था पर मेरा मूसल जैसा लंड जाग रहा था. मुझे उसके हाथ का स्पर्श महसूस हुआ तो मेरी आँख खुल गयी पर मैं ने ऐसा ही पोज़ किया जैसे मैं सो रहा हू. मैं देखना चाहता था के वो क्या करती है और सोने का नाटक करने लगा और गहरी साँसे ले रहा था जिस से वो समझी कि मैं थक्क गया हू और गहरी नींद सो रहा हू. मैं ने नींद मे ही अपने दोनो पैर थोड़े चौड़े कर लए. अब ऐसी पोज़िशन मे वो दोनो पैर एक साथ नही दबा सकती थी तो वो मेरे दोनो पैरो के बीच मे आ के बैठ गयी और दोनो हाथो से दोनो पैरो को एक साथ दबाने लगी. मेरा लंड किसी रॉकेट की तरह सीधा खड़ा हुआ था. उसके छोटे छोटे हाथ मेरे थाइस पे बोहोत आछे लग रहे थे. पैर दबा ते दबा ते उसका हाथ मेरे बॉल्स से टच किया तो मेरा लंड एक दम से किसी शराबी की तरह से झूम गया शाएद यह उसको अजीब लगा इसी लिए उसने अपनी उंगली से मेरे लंड के डंडे को टच किया मैं अपनी बोहोत थोड़ी सी खुली हुई आँख से सब देख रहा था पर उसको मेरी खुली आँख नज़र नही आ रही थी और वो यही समझ रही थी के मैं गहरी नींद सो रहा हू.
मेरा मूसल लंड तो धीरे धीरे हिल रहा था अब लक्ष्मी ने अपनी दो उंगलिओ से लंड के डंडे को पकड़ा वो हैरत से लंड को बोहोत करीब से घूर घूर देख रही थी और शाएद अब वो भी गरम हो गयी थी और उसने मेरे लंड को अपने एक हाथ से पकड़ लिया और धीरे से दबाया तो लंड के सुराख मे एक प्री कम का ड्रॉप निकल आया जिसे उसने अपनी उंगली से उठा लिया और देखने लगी और ज़ुबान पे रख के टेस्ट काइया तो इतने मे पिंकी अंदर आ गयी उसने लक्ष्मी को देख लिया था तो वो लक्ष्मी के करीब आगेई तो आहिस्ता से बोली के देख कैसा मस्त लंड है चूस ले इसे तो उसने कुछ नही कहा तो पिंकी ने बोला के देख राजा गहरी नींद सो रहा है उसको पता भी नही चलेगा के तू क्या कर रही है और अगर उठ भी गया तो अंधेरा होने की वजह से वो समझे गा के उसका लंड पिंकी चूस रही है तू फिकर मत कर चल चूसना शुरू कर दे अपनी मुथी मे पकड़ ले और इसको ऊपेर नीचे कर ऐसा बोलते वक़्त पिंकी ने अपनी उंगलिओ को गोल
करके ऊपेर नीचे करके लक्ष्मी को बताया और बोला के बस ऐसा करते करते इसको चूस ले और हा देख अगर उसमे से मलाई निकले ना तो गिरने नही देना पूरी की पूरी मलाई पी जाना बोहोत टेस्टी और शक्ति शालि होती है मर्दो की मलाई तेरे अंदर खूब ताक़त आएगी तो उसने कुछ कहा तो नही पर अपना सर हा मे हिला दिया. मैं यह सब सुन रहा था और सोता बन गया.
पिंकी ने लक्ष्मी से बोला के चल अब मैं जा रही हू और देख शर्मा ना बिल्कुल नही चूसना शुरू कर दे और पिंकी कमरे से बाहर निकल गयी. लक्ष्मी पलट के पिंकी को कमरे से बाहर निकलने तक देखती रही. और पिंकी के कमरे से निकल ते ही लक्ष्मी ने मेरे लंड को धीरे से पकड़ा तो मेरा लंड एक दम से कुछ ज़ियादा ही टाइट हो गया और हिलने लगा तो उसने लंड को थोड़ा ज़ोर से पकड़ा और मेरे पैरो के बीच मैं बैठे बैठे झुक गयी और पहले अपनी ज़ुबान से लंड के सुराख से निकलते प्री कम को चाटने लगी और फिर लंड के सूपदे को अपने जीभ से चाटने लगी और फिर मूह मे ले के अछी तरह से चूसने लगी आहह मुझे बोहोत ही मज़ा आ रहा था और वो देखते ही देखते ऐसे एक्सपर्ट की तरह से चूसने लगी जैसे बचपन से ही लंड चूसने की प्रॅक्टीस हो. अब मैं भी फुल मूड मे आ गया था और धीरे से पिंकी का ऐसे नाम ले रहा था जैसे लक्ष्मी समझे के मैं समझ रहा हू के मेरा लंड पिंकी चूस रही है लक्ष्मी नही. उसके सर को पकड़ के अपनी गंद उठा उठा के उसको मूह को चोद रहा था और वो बड़े मज़े से लंड को चूस रही थी. मेरा आधा ही लंड उसके मूह मैं जा रहा था पर मैं ने उसका सर पकड़ के अपने पूरे लंड को उसके मूह मे घुसा दिया और चोदने लगा और बोला के आअहह पिंकी बड़ा मज़ा आ रहा है रे ऐसी ही चूसू पिंकी आहह और ज़ोर से चूसू पिंकी और ज़ोर से मज़ा आ रहा है बोहोत आअहह ईएससस्स. अब लक्ष्मी को यकीन हो गया था के मैं समझ रहा हू के मेरे लंड को पिंकी चूस रही है. अब लक्ष्मीने इतमीनान से मेरे लंड को मुथि मे पकड़ा हुआ था और लंड के डंडे को मूठ मार रही थी और आधे लंड चूस रही थी. आअहह पिंकी और ज़ोर से चूवस्स्सूऊ प्पीइन्न्न्न्क्क्क्य्य्य्य और एक दम से मेरे बॉल्स मे क्रीम जैसे उबलने लगी और अपनी गंद को बेड से उठा के उसके हलक तक अपना लंड घुसा दिया उसके मूह से गगगगगगगगगगघह आआआआाअगगगगगगगघह की आवाज़े निकलने लगी और मेरे लंड मे से मलाई की मोटी मोटी धारिया उसके हलक मे पिचकारियाँ मारती हुई गिरने लगी जिसे वो बड़े मज़े से पी गयी और जो थोड़ी सी क्रीम उसके होटो पे लगी थी उसको अपनी ज़ुबान से चाट लिया. मैं ने लचमी के सरर को सहलाते हुए कहा के पिंकी आज तो बोहोत मज़ा आया थॅंक्स यार पिंकी.
मैं अभी तक ऐसे पोज़ कर रहा था जैसे मैं सो रहा हू और पिंकी मेरे लंड को चूस रही है इसी लिए मैं ने उसकी बगल मे हाथ डाल के बोला के पिंकी मेरी रानी यू आर वंडरफुल और उसको अपने नंगे बदन के ऊपेर खेच के लिटा लिया और आँखें बंद किए हुए ही उसको किस करने लगा. कमरे मे तो अछा ख़ासा अंधेरा था. लक्ष्मी ने अपना मूह बंद कर रखा था क्यॉंके शाएद उसको किस कैसे करना पता ही नही था. मैं ने अपनी ज़ुबान उसके मूह मे घुसाना शुरू किया तो उसने मूह खोल दिया और उसके मूह मे अपनी जीभ डाल के किस करने लगा. मेरा लंड हम दोनो के बदन के बीच मे सॅंडविच बना हुआ था थोड़ा सा सॉफ्ट हो गया था पर जैसे ही किस शुरू हुआ और हम दोनो की जीभ ने एक दूसरे की जीभ को चूसा तो मेरा सॉफ्ट होता हुआ लंड फिर से अकड़ने लगा और देखते ही देखते मूसल जैसा बन गया. मैं ने उसको अपनी बाँहो मे पकड़ा हुआ था और किस कर रहा था और फिर उसकी छोटी छोटी चुचिओ को चूसने लगा और पिंकी के जैसी ही उसकी छोटी छोटी चुचियाँ भी पूरी की पूरी मेरे मूह मे आ गयी और मैं रस्स गुल्ले की तरह से उसकी चुचिओ को चूसने लगा. उसकी पीठ पे और उसके चूतदो पे हाथ घुमा रहा था उसके चूतड़ बोहोत चिकने और छोटे थे और उसके बदन को अपने बदन पे दबा रहा था. चूचियो को चूसना शुरू किया तो उसने ऑटोमॅटिकली अपनी पोज़िशन चेंज कर ली और अब अपनी दोनो टाँगें घुटनो से मोड ली और मेरे बदन के दोनो तरफ कर लिए और वो मेरे ऊपेर झुकी हुई थी और मेरे आँखों को गौर से देख रही थी के कही मैं जाग तो नही रहा इसी लिए मैं ने अपनी आँखें बंद कर ली थी ता कि वो यह समझे के मैं समझ रहा हू के वो पिंकी है लक्ष्मी नही. उसकी चूत बे इंतेहा गीली हो चुकी थी और उसकी रिस्ति हुई चूत का जूस मेरे नवल पे लग रहा था. वो ऑलमोस्ट मेरे लंड के दंड पे बैठी थोडा थोड़ा आगे पीछे हो के फिसल रही थी और मज़े ले रही थी. मेरे लंड के डंडे के बॅक वाले पोर्षन पे उसकी गीली चूत की पंखाड़िया थी और वो मेरे बदन पे थोडा सा उठी और मेरे आकड़े हुए मूसल लंड को अपने छोटे से हाथ मे पकड़ा और अपनी चूत के सुराख मे रगड़ने लगी तो मैं समझ गया के अब यह पूरी तरह से गर्म हो के चुदसी हो गयी है और अब बोहोत आसानी से चुदवलेगी. मैं अभी भी सोता बना था और आँखें बंद किए हुए बोला के पिंकी मुझे भी तो अपनी चूत का रस्स पिलाओ मेरी जान और उसको उसके बगल मे हाथ डाल के उसको ऊपेर खेच लिया जिस से वो ऊपेर आ गयी और अपने दोनो पैर मेरे सर के दोनो तरफ रख दिए और हाथ आगे कर के मेरे मूह मे अपनी चूत रगड़ने लगी. इस पोज़िशन मे ना वो मेरे चेहरे को देख सकती थी और ना मैं उसके चेहरे को. मैं उसके चूतदो को पकड़ के उसके चूतदो को सहला भी रहा था और अपने मूह मे उसकी
चूत घुसा भी रहा था और अपनी जीभ को गोल फोल्ड करके उसकी चूत के सुराख मे अंदर बाहर कर के जीभ से चोद रहा था उसके मूह से उन्ह !!! उन्ह !!! उन्ह !!! उन्ह !!! उन्ह !!! जैसी आवाज़ ही निकल रही थी और थोड़ी ही देर मे अपनी चूत को मेरे मूह मे बोहोत ही ज़ोर से रगड़ने लगी तो मैं ने उसकी पूरी चूत को अपने मूह मे भर लिया और दांतो से काटा तो वो पागल हो गयी और मेरे दांतो से अपनी चूत की क्लाइटॉरिस को रगड़ते हुए उसका बदन अकड़ने और काँपने लगा और आआआआअहह हहाआआआऐईईईईईईई सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स की आवाज़ें निकालती हुई झड़ने लगी मुझे उसकी कुँवारी चूत का कुँवारा रस्स बड़ा मीठा लगा जिसे मैं मज़े से चाट गया.
अब वो बिल्कुल भी मूव नही हो रही थी शाएद अभी तक वो अपने ऑर्गॅज़म की मस्ती मे डूबी हुई थी. थोड़ी देर मे जब मुझे लगा के उसका ऑर्गॅज़म ख़तम हो गया है तो मैं ने उसको वापस अपने ऊपेर खेच लिया और अपने बदन पे लिटा लिया और आँखें बंद किए हुए ही बोला के पिंकी तुम्हारी चूत का रस्स तो बोहोत ही मीठा है चलो अब मेरे लंड की सवारी कर के मेरे लंड को अपनी मस्त चूत का स्वाद चखाओ. लक्ष्मी अभी तक यही समझ रही थी के मैं सो रहा हू और उसको पिंकी समझ रहा हू. वो फिर से मेरे लंड के डंडे पे बैठ गयी और पहले जैसा आगे पीछे हो के लंड के डंडे पे फिसलने लगी. उसकी चूत उसके जूस और मेरे थूक से गीली हो चुकी थी और मेरे लंड मे से कंटिन्यू प्री कम भी निकल रहा था जिसकी वजह से वो आसानी से फिसल रही थी. मैं अपने पैर घुटनो से मोड़ चुका था और वो मेरे बदन के दोनो तरफ पैर मोड मेरे लंड के डंडे पे जॉकी जैसा बैठी मज़े ले रही थी. एक बार फिर उसने थोडा सा उठ के मेरे लंड के डंडे को पकड़ के उठाया और अपनी चूत की सुराख को मेरे लंड के सूपदे पे रगड़ने लगी और उसी टाइम पे मैं अपनी गंद उठा के एक झटका मारा तो लंड का चिकना हेल्मेट जैसा मोटा सूपड़ा उसकी चूत के सुराख मे अटक गया और उसके मूह से ऊऊईईईईईइ म्म्म्ममाआआअ सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स निकला और वो उछल पड़ी तो मैं ने अब सोने का नाटक ख़तम कर दिया और बोला के अरे लक्ष्मी तुम ??? तो उसने बोला के दीदी ने बोला राजा बाबा तो मैं ने कहा कोई बात नही तुम खुद ही जितना अंदर ले सकती हो ले लो तो उसने सर हिला दिया और अपने घुटनो के बल बैठ के मेरे लंड के सूपदे पे बैठने की कोशिश करने लगी बोहोत धीरे धीरे वो मेरे लंड पे बैठ रही थी और लंड का सूपड़ा ही अंदर तक घुस सका जो कि तकलीफ़ से उसका चेहरा लाल हो चुका था. मैं ने कहा और ट्राइ करो तो उसने बोला के दुख़्ता है बाबू और नही जाता तो मैं ने कहा के ट्राइ तो करो तो वो और ज़ोर से बैठने की कोशिस की तो मेरा लंड उसकी चूत के थोडा और अंदर घुसा उसके मूह से सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स निकला और वो मेरे ऊपेर लेट गयी और बोली के
और नही होता बाबू बॅस इतना ही रहने दो दरद तो हो रहा है पर अछा लग रहा है मैं ऐसे ही लेटी रहती हू.
मैं ने बोला के ठीक है मैं ट्राइ करता हू तो उसने बोला के और नही बाबू बोहोत दुख़्ता है तो मैं ने कहा के अरे पगली दरद तो एक ही टाइम होगा फिर बाद मे तो मज़ा ही मज़ा आएगा तो उसने कुछ नही बोला तो मैं ने अब उसको नीचे लिटा दिया और मैं उसके ऊपेर आ गया और उसकी टाँगो के बीच मैं लेट के उसकी चूत को चूसने लगा उसने फॉरन ही अपनी टाँगो को मोड़ लिया और मेरा सर को टाइट पकड़ के अपनी चूत मे रगड़ना चालू किया और बोली आआअहह बाअब्ब्ब्बुउउउउउ ब्ब्ब्बूहहूऊततततत्त म्म्म्माआआज़्ज़्ज़्ज़्ज़ाआआअ ह्ह्ह्हाआअई ब्बाअब्ब्ब्बुउउउउउउउ
और अपनी गंद उठा उठा के मेरे मूह को चोदने लगी. उसकी पूरी चूत को अपने दांतो से पकड़ लिया और पान जैसा चबाया तो वो मस्ती मे पागल हो गयी और अपनी गंद उठा के मेरे मूह मे अपनी चूत बोहोत ज़ोर ज़ोर से रगड़ने लगी और उसका बदन अकड़ने लगा और वो मेरे मूह मे एक बार फिर से झड़ने लगी. अब मैं उसके ऊपेर आ गया और मेरा लंड तो फुल मस्ती मे था और अकड़ के उठ चुका था और मेर पेट से लग चुका था. उसकी दोनो टाँगें फैला कर मैं उसके ऊपेर झुक गया तो उसने खुद ही मेरा लंड पकड़ के अपनी चूत के सुराख पे रख दिया. लंड का सूपड़ा चिकना था और इतना चूसने के बाद उसकी चूत बोहोत गीली हो चुकी थी इसी लिए एक ही झटके मे लंड का सूपड़ा उसकी चूत के सुराख के अंदर जितना पहले घुसा था उतना ही घुस चुका था. मैं रुक गया और उतना ही अंदर बाहर करने लगा. उसको दरद भी हो रहा था मज़ा भी आ रहा था और चुदवाने की एग्ज़ाइट्मेंट भी थी.
मैं तो पहले ही सोच चुका था के उसकी चूत को एक ही झटके मे फाड़ना है और ऐसे कुँवारी चूतो को एक ही झटकेमे फाड़ने मे मुझे बोहोत मज़ा आता है. अब मैं ने उसको उल्टा पेट के बल लिटा दिया तो वो समझी के मैं उसकी गंद मारने वाला हू तो उसने बोला का बाबू वाहा नही तो मैं ने पूछा के कहा नही ? तो वो शरमाते शरमाते बोली के गंद मे नही बाबू तो मैं ने पूछा के फिर कहा पे डालु तो उसने बोला के सामने तो मैं ने कहा के सामने कहाँ तो उसने अपनी चूत की तरफ इशारा किया तो मैं ने कहा यह क्या है तो फिर उसने शरमाते हुए कहा के चूत बाबूजी यहा डालो तो मैं मुस्कुरा दिया और अपने लंड की तरफ इशारा कर के पूछा के यह क्या है तो उसने लंड कहा तो मैं ने कहा के हा गुड अब तुम्हे शरम नही आएगी क्यॉंके हम दोनो नंगे है और हमारे सिवा यहा और कोई नही है और बोला के देख लंड को लड़की के तीनो सुराखो मैं मज़ा आता है तो उसने कहा तीनो ?? तो मैं ने कहा हा मूह, चूत और गंद एह तीनो सुराखों मे तो उसने कहा के यह गंद मे कैसे जाएगा बाबू इतना बड़ा और इतना मोटा है और गंद का छेद तो बोहोत ही छोटा होता है. अब वो बिंदास लंड, गंद और चूत बोल रही थी. तो मैं ने कहा के क्रीम लगाने से चला जाता है तो उसने कुछ बोला नही.