hotaks444
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मारवाड़ की मस्त मलाई पार्ट --17
गतांक से आगे........................
दूल्हा दुल्हन जिनका हनिमून था वो तो गार्डेन मे रोमॅन्स कर रहे थे और जो साथ आए हुए थे वो हनिमून का मज़ा चुदाई कर के ले रहे थे. लक्ष्मी ने मुझे चित लिटा दिया और फॉरन ही मेरे लंड को अपने मूह मे ले के चूसने लगी. उसका गरम मूह मेरे लंड पे बोहोत अछा लग रहा था. वो मेरा लंड चूस रही थी और मैं उसके मस्त बूब्स को दबा रहा था. शाएद उसके बूब्स अब 30 या 32 के हो गये होंगे जिनपे छोटी सी निपल बोहोत अछी लग रही थी बोह्त कड़क थे उसके चुचियाँ.
फिर मैं ने उसके चूतदो को ठप थपाया जिस के चलते वो पलट गयी और मेरे ऊपेर 69 की पोज़िशन मे आ गयी. उसने शवर के टाइम पे चूत को भी अंदर से अछी तरह से धोया था इसी लिए उसकी चूत मे से भी साबुन की स्मेल आ रही थी. मेरी जीभ उसकी चूत से लगते ही वो पागल होगयी और मेरे मूह पे अपनी चूत पटाकने लगी. मेरे दाँत उसकी चूत से लग रहे थे और एक ही मिनिट के अंदर वो काँपने और झड़ने लगी. मेरा लंड उसके थ्रोट के अंदर तक चला गया था जिस के चलते उसके मूह से ग्ग्गह ग्ग्गह जैसे आवाज़ें निकल रही थी और इतना रोमॅंटिक सीन था के मेरे लंड से मलाई की पिचकारियाँ निकल के डाइरेक्ट उसके थ्रोट मे गिरने लगी. इतने दीनो से लंड को चूस्ते चूस्ते लक्ष्मी अब लंड चूसने मे एक्सपर्ट हो गई थी. वो मेरे ऊपेर पड़ी कांपति रही और झड़ती रही साथ मे मेरी मलाई खाती रही. थोड़ी देर का बाद जब उसका झड़ना ख़तम हुआ तो फिर भी वो मेरे ऊपेर वैसे ही लेटी रही और अब उसने मेरा लंड अपने मूह से निकाल दिया था और अपने हाथ मे पकड़ के मुथि मार के बोल रही थी के ऐसा मस्त लंड मुझे कहा मिलेगा बाबू तो मैं ने बोला के तू क्यों फिकर करती है तुझे जब मोका मिले मेरे से चुदवा लेना मैं तेरी छोटी सी टाइट चूत को कभी भी चोदने को तय्यार हू. वो इसी तरह से मेरे लंड से खेलती रही चूस्ति रही. मेरा लंड एक बार फिर से पूरी तरह से अकड़ चुका था. वो मेरे ऊपेर पलट गयी और मेरे लंड के सूपदे को अपनी चूत के सुराख मे टीका के एक ही झटके से लंड पे बैठ गयी और उसके मूह से ऊऊहह की आवाज़ आई और लंड उसकी चूत की गहराईओं मे गुम्म हो गया. वो मेरे ऊपेर झुकी हुई थी, मैं उसके बूब्स को चूस रहा था और अपनी गंद उठा उठा के अपने मूसल लंड से उसकी छोटी प्यारी चूत को चोद रहा था. वो जब मेरे लंड पे उछलती तो उसकी चुचियाँ डॅन्स करने लगती. थोड़ी देर तक वो मेरे ऊपेर ही उछलती रही और मेरे लंड को चोद ती रही. अब मेरी बारी थी, मैं ने उसको पलटा के नीचे पीठ के बल लिटा दिया और उसको टाइट पकड़ लिया उसकी टाँगें मेरे बॅक पे लपेटी हुई थी और मैं पूरी ताक़त से लक्ष्मी की टाइट चूत को चोद रहा था. वो फुल मस्ती मे आवाज़ें निकाल निकाल के चुदवा रही थी और बोल रही थी चोद डालो मेरी चूत को यह साली मुझे बोहोत सता ती है फाड़ डालो यह मदरचोड़ रंडी की चूत को आअहह ऊऊईईई म्म्माआअ आओउर्र ज़्ज़ूओरर ससीए आहह आऐईइसससी हहिईिइ म्म्मार्ररूव ब्बबाआबबुउउउ. मैं पूरे आधे घंटे तक उसको फुल स्पीड से चोदता रहा और वो शाएद 5 या 6 बार झाड़ चुकी थी जिस की वजह से उसकी चूत एक दम से गीली हो गयी थी और अब मेरा इतना बड़ा और मोटा मूसल लंड उसकी चूत मे बोहोत आसानी से अंदर बाहर हो रहा था. लंड को पूरा सूपदे तक बाहर खेच के निकाल निकाल के चोद रहा था और फिर एक बोहोत ही ज़ोर से झटका मारा तो लक्ष्मी के मूह से ज़ोर से ऊऊऊऊऊीीईईईईईईईईईई म्म्म्ममाआआअ निककला और मैं उसकी
बचे दानी के अंदर अपने लंड को घुसेड के गरम गरम गाढ़ी गाढ़ी पिचकारियाँ चोदने लगा. उस रात मैं ने लक्ष्मी को 3 बार और चोदा. उसके बाद हम दोनो एक ही बेड पे नंगे सो गये.
सुबह जब मैं तकरीबन 10 बजे उठा तो मुझे अपने आप को नंगा देख कर अचानक रात लक्ष्मी की चुदाई याद आई. देखा तो लक्ष्मी जा चुकी थी. मैं फ्रेश हो कर नीचे आया और डाइरेक्ट किचन मे चला गया जहा लक्ष्मी ब्रेकफास्ट को रेडी कर चुकी थी और टेबल पे लगाने की तय्यरी कर रही थी. मैं ने उसको पीछे से पकड़ लिया और उसके कड़क बूब्स को दबाने लगा और उसके नेक पे किस किया तो वो मस्त हो गयी और फिर हाथ नीचे डाल के उसकी चूत का मसाज किया तो उसकी टाँगें ऑटोमॅटिकली खुल गयी और अपना हाथ पीछे कर के मेरे आकड़े हुए लंड को पकड़ लिया और दबाने लगी. बाहर से पायल और शांति की बातो की आवाज़ आई तो मैं ने लक्ष्मी को छोड़ दिया और बाहर आ गया और वो दोनो को देख के गुड मॉर्निंग हनिमून कपल बोला तो दोनो मुस्कुरा दिए और हम टेबल पे बैठ के नाश्ता करने लगे. नाश्ते के दोरान मैं ने उनको पूछा के तुम लोग रातो को सोते भी हो या जागते ही रहते हो तो शांति और पायल दोनो मुस्कुरा दिए पर पायल की खामोश और खोई खोई सी मुस्कुराहट बोहोत कुछ बयान कर रही थी मैं ने दोनो को चियर अप किया कुछ जोक्स सुनाए कुछ अपने और शांति के स्कूल और कॉलेज की नट खाट बातें बताई और उस दिन पायल बोहोत हसी तो मैं ने कहा के देखो हस्ती हुई पायल कितनी अछी लगती है तो इस टाइम जब पायल मुस्कुराइ तो मैं समझ गया के यह रियल वाली खुशी की हँसी है और अब पायल सच मे एंजाय कर रही है. मे नाश्ता करते करते दोनो को अपने जोक्स और इधर उधर के क़िस्सो से एंटरटेन करता रहा. दोनो बिंदास हस्ते रहे. . नाश्ता करके हम कॉफी पी रहे थे उसके बाद कुछ गेम्स खेलने का प्रोग्राम बना. घर मे एक अछा ख़ासा बड़ा जिम भी था जहा एक कोने मे टेबल टेन्निस की टेबल भी पड़ी हुई थी, 6 – 8 बॅट्स और बॉल्स के 2 डिब्बे साइड की अलमारी मे रखे हुए थे. कॅरोम बोर्ड भी एक टेबल पे रखा हुआ था और भी बोहोत सारे इनडोर गेम्स थे, शटली कॉक का कोर्ट भी बना हुआ था. मैं टेबल टेन्निस बोहोत अछा खेलता था और कॉलेज का अथलेटिक चॅंपियन तो था ही साथ मे टेबल टेन्निस को भी अपने इंटर कोलीजिट मे रेप्रेज़ेंट कर चुका था और यह मेरा वन ऑफ दा फॅवुरेट गेम्स मे से एक था. नेक्स्ट कम्ज़ स्विम्मिंग. खैर. पहले टेबल टेन्निस खेला, शांति को तो थोड़ा बोहोत आता था हम दोनो खेलते रहे पर पायल को नही आता था तो वो हमे देखती रही. फिर कुछ देर के बाद डिसाइड किया के कॅरोम खेलते हैं तो पायल एक दम से खुश हो गयी और बच्चो जैसे उचकने लगी. पायल बोहोत ही एक्सपर्ट थी कारोम खेलने मे और
कॅरोम पायल का पसंदीदा गेम था. यूँ तो मैं कॅरोम खेलता था पर पायल की तरह एक्सपर्ट नही था. शान्ति को कॅरोम खेलना नही आता था इसी लिए मैं और पायल ही खेलने लगे. वो बड़े जोश मे खेल रही थी और मुझे हर गेम मे हरा रही थी. जीतने पर वो क्लॅपिंग कर के अपने दोनो हाथो की मुठियाँ बंद कर के हाथ को ऊपेर से नीचे यईससस्स कर के एंजाय करने लगती. ऐसे करती पायल एक दम से नन्न्हि बच्ची लगती वो गेम बोहोत एंजाय कर रही थी. थोड़ी देर के बाद हम वापस सिट्टिंग रूम मे आ गये और कुछ देर टीवी पे कोई फिल्म देखते रहे. डोपेहेर के तीन बजने वाले थे, लंच रेडी हो गया था. हम सब खाने को बैठ गये. लक्ष्मी ने खाना बोहोत ही टेस्टी बनाया था. सब ने पेट भर के खाना खाया और खाना खाने के बाद मैं ने शांति और पायल से बोला के तुम लोग थोड़ा रेस्ट ले लो और एक आँख बंद कर के बोला के अभी रेस्ट लेलो तो रात मे देर तक जाग के एंजाय कर सकते हो तो इस बात पे वो दोनो हस्ने लगे और बोले के ठीक है हम एक घंटा सो जाते है तो मैं ने बोला के ठीक है मैं भी ऊपेर अपने कमरे मे रेस्ट ले लेता हू ता के तुम लोगो को रात मे कंपनी दे सकु. लक्ष्मी बर्तन धोने मे और शाम के लिए कुछ लाइट नाश्ता बना ने मे बिज़ी हो गयी और मैं ऊपेर अपने कमरे मे आ के गहरी नींद सो गया.
शाम मे 6 बजे के करीब उठा, फ्रेश हो के नीचे आया, देखा तो शांति और पायल भी उसी वक़्त आए थे और टीवी के चॅनेल्स चेक कर रहे थे. ऐसे ही चेक करते करते एक अडल्ट चॅनेल लग गया जहा एक लड़का एक लड़की को बिस्तर मे लिटा के धना धन चोद रहा था और लड़की की मोनिंग की आवाज़े आ रही थी और देखते ही देखते उसने अपना लंबा मोटा लंड लड़की की चूत से बाहर निकाला और उसके लंड मे से मलाई की मोटी पिचकारी इतनी ज़ोर से निकली के लड़की के मूह और सर के बालों मे गिरी और बाकी की पिचकारियाँ उसके बूब्स पे और पेट पे गिरने लगी. पायल तो यह सब देख के दंग रह गयी, उसका मूह खुला का खुला रह गया और फिर शांति ने फॉरन ही चॅनेल चेंज कर दिया. हम तीनो कुछ देर तक कुछ भी नही बोल पाए और सन्नाटे मे बैठे थे के शांति के मोबाइल की घंटी बजी, आंटी का फोन था उन्हो ने पूछा कैसा चल रहा है, सब ठीक तो है ना, तो शांति ने कहा के हा मम्मी सब ठीक है और हम एंजाय कर रहे है, आंटी ने फिर पायल से बात की पायल भी बोली के वो बोहोत खुश है और एंजाय कर रही है फिर आंटी मेरे से बात करने लगी और पूछा के कैसा चल रहा है तो मैं ने बोला के हा सब ठीक ही है फिर बोली के तुम्हारी याद आ रही है राजा तो मैं कुछ नही बोला क्यॉंके शांति और पायल करीब ही बैठे थे आंटी ने फोन पे थोड़े से किस किए और फिर लाइन कट हो गयी. पायल ने अपनी मम्मी को फोन लगाया और उनसे बात करने लगी और बोली के यहा सब बोहोत अछा है मम्मी और
हम लोग एंजाय कर रही है. फिर हम लोग टीवी देखने लगे. थोड़ी देर के बाद शांति के पिताजी का फोन आया. शांति को बुला रहे थे के बोहोत ही इंपॉर्टेंट काम है शांति बोला के पिताजी कल सुबह आउ तो चलेगा तो उन्हो ने बोला के नही रात मे ही आना पड़ेगा क्यॉंके कोई एक बोहोत ही बड़ी कंपनी का डेलिगेशन आ रहा है और बिज़्नेस डिन्नर है और शांति का रहना बहुत ज़रूरी है. शांति ने पायल से बोला के उसको अर्जेंट मीटिंग के लिए जाना है तो वो बोली के मैं भी चलूंगी तो शांति बोला के अरे तुम घबराती क्यों हो यही इतमीनान से रहो मैं जल्दी ही वापस आ जाउन्गा जब तक राजा है ना यह तुम्हाई कंपनी देगा. यूँ समझो के राज मेरी जगह पे है शांति और राज एक ही हैं. राजा तुम्हारे साथ है तो यह समझो के शांति तुम्हारे साथ है. शांति ही राजा है और राजा ही शांति है. इस से बढ़ के मैं और क्या बोल सकता हू तुम भी राज का पूरा पूरा ख़याल रखना वो हमारे परिवार का ही एक हिस्सा है उसने बोहोत कुछ किया है हमारे परिवार के लिए, तुमने राजा का ख़याल रखा तो समझो के अपने शांति का ख़याल रखा, और ऐसे समझो के जिस चीज़ पे मेरा राइट है उस चीज़ पर राजा का भी राइट है. तुम उसके साथ हर वो चीज़ शेर कर सकती हो जो मेरे साथ शेर करती हो या मेरे साथ शेर करने का मंन करता है. बॅस इतना और कहूँगा के राजा तुम्हारा है और तुम राजा की हो उसके साथ जो करना चाहो करो, वो अपना ही है, वो जैसा कहेगा वैसा ही करना और आइ आम शुवर के राज भी तुम्हारा पूरा ख़याल रखेगा, तुम्है खुश रखेगा और तुमको मेरी कमी महसूस होने नही देगा. फिर हंसते हुए बोला के वैसे भी हनिमून कंप्लीट होने से पहले वापस जाना अछी बात नही है. पायल मान गयी और अपना राइट हॅंड शोल्डर तक उठा के जैसे मंत्री लोग एलेक्षन के बाद मंत्री बनने पर शपथ लेते है अपना पोर्टफोलीयो संभालने से पहले वैसे ही शपथ लेने के स्टाइल मे मुस्कुराते हुए शांति के सेंटेन्सस को रिपीट करते हुए बोली के आप फिकर मत कीजिए मैं राजा का पूरा ख़याल रखूँगी और ऐसे रखूँगी जैसे मैं शांति का ख़याल रखती हू और मैं भी यही समझूंगी के मेरे साथ राजा नही बलके शांति मेरे साथ है, राजा मेरा ही है और मैं राजा की हू और मैं उसके साथ वो ही सब कुछ करूँगी जो आपके साथ करना चाहती हू और यह जैसा कहेगा मैं वैसा ही करूँगी अब खुश ? इतना बोल कर वो हस्ने लगी तो शांति मेरे सामने ही उसके लिप्स पे एक ज़बरदस्त किस करते हुए बोला के पायल यू आर वंडरफुल और मैं तुम से बे इंतेहा प्यार करता हू तो पायल बोली के मैं भी तुम से उतना ही प्यार करती हू जितना तुम मुझ से करते हो. यह सुन के शांति खुश हो गया. शांति मेरे कू बोला के हे राज देख यार पायल का अछी तरह से ख़याल रखना तो मैं ने सर हिला के बोला के तू फिकर ना कर तेरे वापस आने तक मैं पायल का अछी तरह से ख़याल भी रखूँगा और उसको अछी कंपनी भी
दूँगा, उसको हमेशा खुश रखूँगा, जैसा तू ने कहा है वैसा ही करूँगा और उसको बिल्कुल भी बोर होने नही दूँगा और तुम्हारी कमी को बिल्कुल भी महसूस होने नही दूँगा, उसको एक मिनिट के लिए भी अपने से अलग भी नही करूँगा तुम बे फिकर हो के जाओ और अपना बिज़्नेस अटेंड करो ऐसे फॉरिन डेलिगेशन बार बार नही आते. यह सुनके उसके शांति के चेहरे पे इतमीनान आ गया और वो पायल को उसके लिप्स पे किस किया और कार ले के चला गया.
पायल कुछ देर तक गुम सूम सी बैठी रही फिर मैं ने बोला के अरे पायल तुम हनिमून मे ऐसे बैठी रहोगी तो कैसे चलगा यार तुमको तो हर पल एंजाय करना है. खाओ पिओ खेलो कूदो कुश रहो और एंजाय करो यार तो वो मुस्कुरा दी फिर बोली के चलो कॅरोम खेलते है तो मैं ने सोचा के यह उसका फॅवुरेट गेम है खेलना चाहिए ता के वो खुश हो जाए और हुआ भी ऐसा ही. पायल गेम पर गेम जीत ती रही और खुश हो ती रही. थोड़ी ही देर मैं उसका मूड एक दम से चेंज हो गया उसकी आँखो मे चमक आ गयी और वो फिर से एंजाय करने लगी. मैं ने पूछा के कार्ड्स खेलती हो तो उसने बोला के हा खेलती हू और फिर हम कार्ड्स मे रमी का गेम ही जानती हू फिर हम रमी ही खेलने बैठ गये. कभी पायल जीत लेती गेम तो कभी मैं जीत लेता. इसी तरह से टाइम गुज़रता रहा और फिर हम ने डिन्नर किया. पायल ने लक्ष्मी से बोला के कॉफी बना दो और फिर हम दोनो टीवी रूम मे आ के सोफे पे बैठ गये और टीवी देखने लगे. थोड़ी ही देर मे लक्ष्मी कॉफी ले के आ गयी और हम कॉफी पीने लगे. हमारे कॉफी ख़तम करने के बाद लक्ष्मी कॉफी की ट्रे वापस उठा के ले गयी और हमसे पूछा के कुछ और चाहिए क्या तो हम ने बोला के नही हमै अभी कुछ नही चाहिए तुम खाना खा लो और सफाई का काम ख़तम कर के सो जाओ तो उसने बोला के ठीक है बीबी कुछ भी चाहिए तो मुझे बोल देना हम ने कहा ओके बोल देंगे तुम फिकर ना करो.
रात के तकरीबन 8:00 या 8:30 बजे होंगे पायल ने बोला के चलो राज बाहर गार्डेन मे चलते है और थोड़ी फ्रेश एर मे बैठ के आते है और हम टीवी लॉंग से उठ कर बंगले के पिछले पोर्षन से बाहर निकल के गार्डेन मे आ गये और हरी हरी घांस मे घूमने लगे और इधर उधर की बातें करने लगे. बचपाने की बातें, कॉलेज की बातें, रिश्ते दारो की बातें, पिंकी की बातें, पायल के फ्रेंड्स की बातें वाघहैरा वाघहैरा यह सब बातें करते करते पायल मेरे से अछी तरह घुल मिल गयी थी और मुझे वो फिर से बचपन वाली पायल लगने लगी जिसके साथ कभी हम मस्ती किया करते थे. पायल अब मेरे हाथ मे हाथ डाल के घूमने लगी. गार्डेन मे रात के टाइम घूमना बोहोत अछा लग रहा था ठंडी और फ्रेश एर बोहोत अछी लग रही थी. तकरीबन आधे घंटे तक हम
गतांक से आगे........................
दूल्हा दुल्हन जिनका हनिमून था वो तो गार्डेन मे रोमॅन्स कर रहे थे और जो साथ आए हुए थे वो हनिमून का मज़ा चुदाई कर के ले रहे थे. लक्ष्मी ने मुझे चित लिटा दिया और फॉरन ही मेरे लंड को अपने मूह मे ले के चूसने लगी. उसका गरम मूह मेरे लंड पे बोहोत अछा लग रहा था. वो मेरा लंड चूस रही थी और मैं उसके मस्त बूब्स को दबा रहा था. शाएद उसके बूब्स अब 30 या 32 के हो गये होंगे जिनपे छोटी सी निपल बोहोत अछी लग रही थी बोह्त कड़क थे उसके चुचियाँ.
फिर मैं ने उसके चूतदो को ठप थपाया जिस के चलते वो पलट गयी और मेरे ऊपेर 69 की पोज़िशन मे आ गयी. उसने शवर के टाइम पे चूत को भी अंदर से अछी तरह से धोया था इसी लिए उसकी चूत मे से भी साबुन की स्मेल आ रही थी. मेरी जीभ उसकी चूत से लगते ही वो पागल होगयी और मेरे मूह पे अपनी चूत पटाकने लगी. मेरे दाँत उसकी चूत से लग रहे थे और एक ही मिनिट के अंदर वो काँपने और झड़ने लगी. मेरा लंड उसके थ्रोट के अंदर तक चला गया था जिस के चलते उसके मूह से ग्ग्गह ग्ग्गह जैसे आवाज़ें निकल रही थी और इतना रोमॅंटिक सीन था के मेरे लंड से मलाई की पिचकारियाँ निकल के डाइरेक्ट उसके थ्रोट मे गिरने लगी. इतने दीनो से लंड को चूस्ते चूस्ते लक्ष्मी अब लंड चूसने मे एक्सपर्ट हो गई थी. वो मेरे ऊपेर पड़ी कांपति रही और झड़ती रही साथ मे मेरी मलाई खाती रही. थोड़ी देर का बाद जब उसका झड़ना ख़तम हुआ तो फिर भी वो मेरे ऊपेर वैसे ही लेटी रही और अब उसने मेरा लंड अपने मूह से निकाल दिया था और अपने हाथ मे पकड़ के मुथि मार के बोल रही थी के ऐसा मस्त लंड मुझे कहा मिलेगा बाबू तो मैं ने बोला के तू क्यों फिकर करती है तुझे जब मोका मिले मेरे से चुदवा लेना मैं तेरी छोटी सी टाइट चूत को कभी भी चोदने को तय्यार हू. वो इसी तरह से मेरे लंड से खेलती रही चूस्ति रही. मेरा लंड एक बार फिर से पूरी तरह से अकड़ चुका था. वो मेरे ऊपेर पलट गयी और मेरे लंड के सूपदे को अपनी चूत के सुराख मे टीका के एक ही झटके से लंड पे बैठ गयी और उसके मूह से ऊऊहह की आवाज़ आई और लंड उसकी चूत की गहराईओं मे गुम्म हो गया. वो मेरे ऊपेर झुकी हुई थी, मैं उसके बूब्स को चूस रहा था और अपनी गंद उठा उठा के अपने मूसल लंड से उसकी छोटी प्यारी चूत को चोद रहा था. वो जब मेरे लंड पे उछलती तो उसकी चुचियाँ डॅन्स करने लगती. थोड़ी देर तक वो मेरे ऊपेर ही उछलती रही और मेरे लंड को चोद ती रही. अब मेरी बारी थी, मैं ने उसको पलटा के नीचे पीठ के बल लिटा दिया और उसको टाइट पकड़ लिया उसकी टाँगें मेरे बॅक पे लपेटी हुई थी और मैं पूरी ताक़त से लक्ष्मी की टाइट चूत को चोद रहा था. वो फुल मस्ती मे आवाज़ें निकाल निकाल के चुदवा रही थी और बोल रही थी चोद डालो मेरी चूत को यह साली मुझे बोहोत सता ती है फाड़ डालो यह मदरचोड़ रंडी की चूत को आअहह ऊऊईईई म्म्माआअ आओउर्र ज़्ज़ूओरर ससीए आहह आऐईइसससी हहिईिइ म्म्मार्ररूव ब्बबाआबबुउउउ. मैं पूरे आधे घंटे तक उसको फुल स्पीड से चोदता रहा और वो शाएद 5 या 6 बार झाड़ चुकी थी जिस की वजह से उसकी चूत एक दम से गीली हो गयी थी और अब मेरा इतना बड़ा और मोटा मूसल लंड उसकी चूत मे बोहोत आसानी से अंदर बाहर हो रहा था. लंड को पूरा सूपदे तक बाहर खेच के निकाल निकाल के चोद रहा था और फिर एक बोहोत ही ज़ोर से झटका मारा तो लक्ष्मी के मूह से ज़ोर से ऊऊऊऊऊीीईईईईईईईईईई म्म्म्ममाआआअ निककला और मैं उसकी
बचे दानी के अंदर अपने लंड को घुसेड के गरम गरम गाढ़ी गाढ़ी पिचकारियाँ चोदने लगा. उस रात मैं ने लक्ष्मी को 3 बार और चोदा. उसके बाद हम दोनो एक ही बेड पे नंगे सो गये.
सुबह जब मैं तकरीबन 10 बजे उठा तो मुझे अपने आप को नंगा देख कर अचानक रात लक्ष्मी की चुदाई याद आई. देखा तो लक्ष्मी जा चुकी थी. मैं फ्रेश हो कर नीचे आया और डाइरेक्ट किचन मे चला गया जहा लक्ष्मी ब्रेकफास्ट को रेडी कर चुकी थी और टेबल पे लगाने की तय्यरी कर रही थी. मैं ने उसको पीछे से पकड़ लिया और उसके कड़क बूब्स को दबाने लगा और उसके नेक पे किस किया तो वो मस्त हो गयी और फिर हाथ नीचे डाल के उसकी चूत का मसाज किया तो उसकी टाँगें ऑटोमॅटिकली खुल गयी और अपना हाथ पीछे कर के मेरे आकड़े हुए लंड को पकड़ लिया और दबाने लगी. बाहर से पायल और शांति की बातो की आवाज़ आई तो मैं ने लक्ष्मी को छोड़ दिया और बाहर आ गया और वो दोनो को देख के गुड मॉर्निंग हनिमून कपल बोला तो दोनो मुस्कुरा दिए और हम टेबल पे बैठ के नाश्ता करने लगे. नाश्ते के दोरान मैं ने उनको पूछा के तुम लोग रातो को सोते भी हो या जागते ही रहते हो तो शांति और पायल दोनो मुस्कुरा दिए पर पायल की खामोश और खोई खोई सी मुस्कुराहट बोहोत कुछ बयान कर रही थी मैं ने दोनो को चियर अप किया कुछ जोक्स सुनाए कुछ अपने और शांति के स्कूल और कॉलेज की नट खाट बातें बताई और उस दिन पायल बोहोत हसी तो मैं ने कहा के देखो हस्ती हुई पायल कितनी अछी लगती है तो इस टाइम जब पायल मुस्कुराइ तो मैं समझ गया के यह रियल वाली खुशी की हँसी है और अब पायल सच मे एंजाय कर रही है. मे नाश्ता करते करते दोनो को अपने जोक्स और इधर उधर के क़िस्सो से एंटरटेन करता रहा. दोनो बिंदास हस्ते रहे. . नाश्ता करके हम कॉफी पी रहे थे उसके बाद कुछ गेम्स खेलने का प्रोग्राम बना. घर मे एक अछा ख़ासा बड़ा जिम भी था जहा एक कोने मे टेबल टेन्निस की टेबल भी पड़ी हुई थी, 6 – 8 बॅट्स और बॉल्स के 2 डिब्बे साइड की अलमारी मे रखे हुए थे. कॅरोम बोर्ड भी एक टेबल पे रखा हुआ था और भी बोहोत सारे इनडोर गेम्स थे, शटली कॉक का कोर्ट भी बना हुआ था. मैं टेबल टेन्निस बोहोत अछा खेलता था और कॉलेज का अथलेटिक चॅंपियन तो था ही साथ मे टेबल टेन्निस को भी अपने इंटर कोलीजिट मे रेप्रेज़ेंट कर चुका था और यह मेरा वन ऑफ दा फॅवुरेट गेम्स मे से एक था. नेक्स्ट कम्ज़ स्विम्मिंग. खैर. पहले टेबल टेन्निस खेला, शांति को तो थोड़ा बोहोत आता था हम दोनो खेलते रहे पर पायल को नही आता था तो वो हमे देखती रही. फिर कुछ देर के बाद डिसाइड किया के कॅरोम खेलते हैं तो पायल एक दम से खुश हो गयी और बच्चो जैसे उचकने लगी. पायल बोहोत ही एक्सपर्ट थी कारोम खेलने मे और
कॅरोम पायल का पसंदीदा गेम था. यूँ तो मैं कॅरोम खेलता था पर पायल की तरह एक्सपर्ट नही था. शान्ति को कॅरोम खेलना नही आता था इसी लिए मैं और पायल ही खेलने लगे. वो बड़े जोश मे खेल रही थी और मुझे हर गेम मे हरा रही थी. जीतने पर वो क्लॅपिंग कर के अपने दोनो हाथो की मुठियाँ बंद कर के हाथ को ऊपेर से नीचे यईससस्स कर के एंजाय करने लगती. ऐसे करती पायल एक दम से नन्न्हि बच्ची लगती वो गेम बोहोत एंजाय कर रही थी. थोड़ी देर के बाद हम वापस सिट्टिंग रूम मे आ गये और कुछ देर टीवी पे कोई फिल्म देखते रहे. डोपेहेर के तीन बजने वाले थे, लंच रेडी हो गया था. हम सब खाने को बैठ गये. लक्ष्मी ने खाना बोहोत ही टेस्टी बनाया था. सब ने पेट भर के खाना खाया और खाना खाने के बाद मैं ने शांति और पायल से बोला के तुम लोग थोड़ा रेस्ट ले लो और एक आँख बंद कर के बोला के अभी रेस्ट लेलो तो रात मे देर तक जाग के एंजाय कर सकते हो तो इस बात पे वो दोनो हस्ने लगे और बोले के ठीक है हम एक घंटा सो जाते है तो मैं ने बोला के ठीक है मैं भी ऊपेर अपने कमरे मे रेस्ट ले लेता हू ता के तुम लोगो को रात मे कंपनी दे सकु. लक्ष्मी बर्तन धोने मे और शाम के लिए कुछ लाइट नाश्ता बना ने मे बिज़ी हो गयी और मैं ऊपेर अपने कमरे मे आ के गहरी नींद सो गया.
शाम मे 6 बजे के करीब उठा, फ्रेश हो के नीचे आया, देखा तो शांति और पायल भी उसी वक़्त आए थे और टीवी के चॅनेल्स चेक कर रहे थे. ऐसे ही चेक करते करते एक अडल्ट चॅनेल लग गया जहा एक लड़का एक लड़की को बिस्तर मे लिटा के धना धन चोद रहा था और लड़की की मोनिंग की आवाज़े आ रही थी और देखते ही देखते उसने अपना लंबा मोटा लंड लड़की की चूत से बाहर निकाला और उसके लंड मे से मलाई की मोटी पिचकारी इतनी ज़ोर से निकली के लड़की के मूह और सर के बालों मे गिरी और बाकी की पिचकारियाँ उसके बूब्स पे और पेट पे गिरने लगी. पायल तो यह सब देख के दंग रह गयी, उसका मूह खुला का खुला रह गया और फिर शांति ने फॉरन ही चॅनेल चेंज कर दिया. हम तीनो कुछ देर तक कुछ भी नही बोल पाए और सन्नाटे मे बैठे थे के शांति के मोबाइल की घंटी बजी, आंटी का फोन था उन्हो ने पूछा कैसा चल रहा है, सब ठीक तो है ना, तो शांति ने कहा के हा मम्मी सब ठीक है और हम एंजाय कर रहे है, आंटी ने फिर पायल से बात की पायल भी बोली के वो बोहोत खुश है और एंजाय कर रही है फिर आंटी मेरे से बात करने लगी और पूछा के कैसा चल रहा है तो मैं ने बोला के हा सब ठीक ही है फिर बोली के तुम्हारी याद आ रही है राजा तो मैं कुछ नही बोला क्यॉंके शांति और पायल करीब ही बैठे थे आंटी ने फोन पे थोड़े से किस किए और फिर लाइन कट हो गयी. पायल ने अपनी मम्मी को फोन लगाया और उनसे बात करने लगी और बोली के यहा सब बोहोत अछा है मम्मी और
हम लोग एंजाय कर रही है. फिर हम लोग टीवी देखने लगे. थोड़ी देर के बाद शांति के पिताजी का फोन आया. शांति को बुला रहे थे के बोहोत ही इंपॉर्टेंट काम है शांति बोला के पिताजी कल सुबह आउ तो चलेगा तो उन्हो ने बोला के नही रात मे ही आना पड़ेगा क्यॉंके कोई एक बोहोत ही बड़ी कंपनी का डेलिगेशन आ रहा है और बिज़्नेस डिन्नर है और शांति का रहना बहुत ज़रूरी है. शांति ने पायल से बोला के उसको अर्जेंट मीटिंग के लिए जाना है तो वो बोली के मैं भी चलूंगी तो शांति बोला के अरे तुम घबराती क्यों हो यही इतमीनान से रहो मैं जल्दी ही वापस आ जाउन्गा जब तक राजा है ना यह तुम्हाई कंपनी देगा. यूँ समझो के राज मेरी जगह पे है शांति और राज एक ही हैं. राजा तुम्हारे साथ है तो यह समझो के शांति तुम्हारे साथ है. शांति ही राजा है और राजा ही शांति है. इस से बढ़ के मैं और क्या बोल सकता हू तुम भी राज का पूरा पूरा ख़याल रखना वो हमारे परिवार का ही एक हिस्सा है उसने बोहोत कुछ किया है हमारे परिवार के लिए, तुमने राजा का ख़याल रखा तो समझो के अपने शांति का ख़याल रखा, और ऐसे समझो के जिस चीज़ पे मेरा राइट है उस चीज़ पर राजा का भी राइट है. तुम उसके साथ हर वो चीज़ शेर कर सकती हो जो मेरे साथ शेर करती हो या मेरे साथ शेर करने का मंन करता है. बॅस इतना और कहूँगा के राजा तुम्हारा है और तुम राजा की हो उसके साथ जो करना चाहो करो, वो अपना ही है, वो जैसा कहेगा वैसा ही करना और आइ आम शुवर के राज भी तुम्हारा पूरा ख़याल रखेगा, तुम्है खुश रखेगा और तुमको मेरी कमी महसूस होने नही देगा. फिर हंसते हुए बोला के वैसे भी हनिमून कंप्लीट होने से पहले वापस जाना अछी बात नही है. पायल मान गयी और अपना राइट हॅंड शोल्डर तक उठा के जैसे मंत्री लोग एलेक्षन के बाद मंत्री बनने पर शपथ लेते है अपना पोर्टफोलीयो संभालने से पहले वैसे ही शपथ लेने के स्टाइल मे मुस्कुराते हुए शांति के सेंटेन्सस को रिपीट करते हुए बोली के आप फिकर मत कीजिए मैं राजा का पूरा ख़याल रखूँगी और ऐसे रखूँगी जैसे मैं शांति का ख़याल रखती हू और मैं भी यही समझूंगी के मेरे साथ राजा नही बलके शांति मेरे साथ है, राजा मेरा ही है और मैं राजा की हू और मैं उसके साथ वो ही सब कुछ करूँगी जो आपके साथ करना चाहती हू और यह जैसा कहेगा मैं वैसा ही करूँगी अब खुश ? इतना बोल कर वो हस्ने लगी तो शांति मेरे सामने ही उसके लिप्स पे एक ज़बरदस्त किस करते हुए बोला के पायल यू आर वंडरफुल और मैं तुम से बे इंतेहा प्यार करता हू तो पायल बोली के मैं भी तुम से उतना ही प्यार करती हू जितना तुम मुझ से करते हो. यह सुन के शांति खुश हो गया. शांति मेरे कू बोला के हे राज देख यार पायल का अछी तरह से ख़याल रखना तो मैं ने सर हिला के बोला के तू फिकर ना कर तेरे वापस आने तक मैं पायल का अछी तरह से ख़याल भी रखूँगा और उसको अछी कंपनी भी
दूँगा, उसको हमेशा खुश रखूँगा, जैसा तू ने कहा है वैसा ही करूँगा और उसको बिल्कुल भी बोर होने नही दूँगा और तुम्हारी कमी को बिल्कुल भी महसूस होने नही दूँगा, उसको एक मिनिट के लिए भी अपने से अलग भी नही करूँगा तुम बे फिकर हो के जाओ और अपना बिज़्नेस अटेंड करो ऐसे फॉरिन डेलिगेशन बार बार नही आते. यह सुनके उसके शांति के चेहरे पे इतमीनान आ गया और वो पायल को उसके लिप्स पे किस किया और कार ले के चला गया.
पायल कुछ देर तक गुम सूम सी बैठी रही फिर मैं ने बोला के अरे पायल तुम हनिमून मे ऐसे बैठी रहोगी तो कैसे चलगा यार तुमको तो हर पल एंजाय करना है. खाओ पिओ खेलो कूदो कुश रहो और एंजाय करो यार तो वो मुस्कुरा दी फिर बोली के चलो कॅरोम खेलते है तो मैं ने सोचा के यह उसका फॅवुरेट गेम है खेलना चाहिए ता के वो खुश हो जाए और हुआ भी ऐसा ही. पायल गेम पर गेम जीत ती रही और खुश हो ती रही. थोड़ी ही देर मैं उसका मूड एक दम से चेंज हो गया उसकी आँखो मे चमक आ गयी और वो फिर से एंजाय करने लगी. मैं ने पूछा के कार्ड्स खेलती हो तो उसने बोला के हा खेलती हू और फिर हम कार्ड्स मे रमी का गेम ही जानती हू फिर हम रमी ही खेलने बैठ गये. कभी पायल जीत लेती गेम तो कभी मैं जीत लेता. इसी तरह से टाइम गुज़रता रहा और फिर हम ने डिन्नर किया. पायल ने लक्ष्मी से बोला के कॉफी बना दो और फिर हम दोनो टीवी रूम मे आ के सोफे पे बैठ गये और टीवी देखने लगे. थोड़ी ही देर मे लक्ष्मी कॉफी ले के आ गयी और हम कॉफी पीने लगे. हमारे कॉफी ख़तम करने के बाद लक्ष्मी कॉफी की ट्रे वापस उठा के ले गयी और हमसे पूछा के कुछ और चाहिए क्या तो हम ने बोला के नही हमै अभी कुछ नही चाहिए तुम खाना खा लो और सफाई का काम ख़तम कर के सो जाओ तो उसने बोला के ठीक है बीबी कुछ भी चाहिए तो मुझे बोल देना हम ने कहा ओके बोल देंगे तुम फिकर ना करो.
रात के तकरीबन 8:00 या 8:30 बजे होंगे पायल ने बोला के चलो राज बाहर गार्डेन मे चलते है और थोड़ी फ्रेश एर मे बैठ के आते है और हम टीवी लॉंग से उठ कर बंगले के पिछले पोर्षन से बाहर निकल के गार्डेन मे आ गये और हरी हरी घांस मे घूमने लगे और इधर उधर की बातें करने लगे. बचपाने की बातें, कॉलेज की बातें, रिश्ते दारो की बातें, पिंकी की बातें, पायल के फ्रेंड्स की बातें वाघहैरा वाघहैरा यह सब बातें करते करते पायल मेरे से अछी तरह घुल मिल गयी थी और मुझे वो फिर से बचपन वाली पायल लगने लगी जिसके साथ कभी हम मस्ती किया करते थे. पायल अब मेरे हाथ मे हाथ डाल के घूमने लगी. गार्डेन मे रात के टाइम घूमना बोहोत अछा लग रहा था ठंडी और फ्रेश एर बोहोत अछी लग रही थी. तकरीबन आधे घंटे तक हम