Desi Porn Kahani मारवाड़ की मस्त मलाई - Page 5 - SexBaba
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Desi Porn Kahani मारवाड़ की मस्त मलाई

मारवाड़ की मस्त मलाई पार्ट --23



गतांक से आगे........................

हम तीनो बेड पे लेटे रहे. मैं बीचे मे लेटा था और मेरे एक तरफ लक्ष्मी थी दूसरी तरह पायल. थोड़ी देर के बाद लक्ष्मी उठ के अपने कमरे मे चली गयी बोली के शवर ले के वो वही सो जाएगी. मैं ने पायल से पूछा के तुम्हे मज़ा आया तो उसने मुझे किस करते हुए चटखारे लेते हुए बोला के राजा तुम ना होते तो ना जाने मेरे क्या होता ऐसा मज़ा मुझे अपनी ज़िंदगी मे कभी नही आया और लक्ष्मी की चूत को चाट के भी बोहोत मज़ा आया. लेज़्बीयन मे भी एक अनोखा मज़ा है पर जो मज़ा लंड को चूत के अंदर ले के चुदवाने का है वो मज़ा तो नही आ सकता पर फिर भी मज़ा आया.

मैं और पायल रात मे और 2 टाइम चुदाई कर के एक दूसरे से लिपट के नंगे ही सो गये. सुबह पायल मेरे से पहले उठ गयी और ऐसे नंगे ही पानी पीने के लिए किचन मे चली गयी और पानी पी के जब लौट रही थी तब उसकी नज़र सामने सोफे पे बैठे हुए शांति पे पड़ी तो वो डर के मारे थर थर काँपने लगी और अपनी जगह जैसे चिपक गयी और उस से एक कदम भी नही चला जा रहा था. इस से पहले के वो बेहोश हो के नीचे फ़राश पे गिर पड़ती शांति अपनी जगह से उठा और पायल को अपनी बाँहो मे ले लिया. उठा के उसको बेडरूम मे लाया और बेड पे लिटा दिया. मेरी आँख उसी टाइम पे खुली तो मैं ने बोला अरे शांति तू ?? तो वो मुस्कुराया और बोला के थॅंक्स राज्ज्ज मैं तेरा शुक्रिया कैसे अदा करू यार तो मैं ने बोला के दोस्ती मे कैसा शुक्रया यार और हा तू ने अपनी वाइफ को मुझे दे दिया इस से बड़ा शुक्रया कैसे अदा कर सकता था और फिर हम दोनो हस्ने लगे. पायल को अभी होश नही आया था इतनी देर मे शांति ने पूछा के कैसा रहा यार तो मैं ने बोला के अब तू बिल्कुल भी फिकर ना कर सब ठीक हो गया है और अब तू आ गया है अब बाकी का भी मैं ठीक कर लूँगा. मैं उठ के चदडार को अपने बदन पे लपेट के बाथरूम मे गया और थोड़ा ठंडा पानी ला कर पायल के मूह पे छींटा मारा तो उसने आँखें खोल के मुझे देखा और फॉरन ही कमरे मे इधर उधर देखने लगी. जैसे ही उसको शांति नज़र आया उसने ब्लंकेट अपने ऊपेर खेच के ओढ़ लिया और रोने लगी. पायल को मालूम हो चुका

था के अब मेरे और पायल की चुदाई का हाल तो शांति को मालूम पड़ गया है तो घबरा रही थी के पता नही शांति कैसे रे आक्ट करे. शांति भी मोके की नज़ाकत को समझ गया और बेड के साइड मे बैठ गया और पायल का हाथ अपने हाथो मे ले के बड़े प्यार से सहलाने लगा और उसके चेहरे को किस करने लगा और बोला के कोई बात नही पायल कोई बात नही. तुम किसी बात की चिंता मत करो. मेरी प्यारी प्यारी पायल जानू मैं यहा से गया ही इसी लिए था के जो काम मे नही कर सका वो मेरा दोस्त और भाई राजा मेरी तरफ से कर देगा. मुझे राजा पर पूरा विश्वास है के वो हम दोनो को कभी अलग नही होने देगा और तुम्है ज़िंदगी भर खुशी देगा और मुझे कोई दिक्कत नही के राजा और तुम दोनो साथ साथ रहो एक साथ सो जाओ और जो मर्ज़ी आए करो. मैं तुम्हाई ज़िंदगी भर खुश देखना चाहता हू बॅस. शांति के मूह से यह सुनने के बाद उसने अपनी बाहें शांति के गले मे डाल दी और उसको झुका कर किस करने लगी ओरबोली के शांति आइ रियली लव यू वेरी मच तो शांति ने भी वापस उसको किस किया और उसके चेहरे को अपने दोनो हाथो मे ले के बड़े प्यार से बोला के आइ लव यू टू पायल और मुझे खुशी है के तुम अब औरत बन गयी हो और तुम्है वो खुशी मिल गयी है जो मैं नही दे पाया और ऐसी प्यार भरी बातें और राजा से अपनी चुदाई को ठीक समझने के बाद पायल के मंन को शांति मिली और उसने सुकून का साँस लिया लैकिन शर्मिंदगी की झलक उसकी आँखो से सॉफ दिखाई दे रही थी..

पायल नंगे ही बेड से उठ के बाथरूम की ओर चली गयी तो मैं ने शांति से बोला के कोई फिकर ना कर मेरे दोस्त मैं ने पायल को खुश कर दिया है और उसको आज रात के प्लान के बारे मे बता दिया और उसको वही छोड़ के मैं ऊपेर अपने कमरे मे आ गया और शवर लेने जाने से पहले लक्ष्मी के कमरे मे गया जो दोनो हाथ पैर फैला के पीठ के बल नंगी लेटी गहरी नींद सो रही थी. उसको जगाया और बोला के शांति आया है चल जल्दी से शवर ले के नीचे जा और नाश्ते पानी का बंदोबस्त कर तो वो हड़बड़ा के उठी और भागते हुए हमाम मे घुस गयी. उधर मैं अपने कमरे मैं चला गया और शवर लेने लगा.

थोड़ी देर के बाद मैं जब नीचे आया तो नाश्ता रेडी था और शांति और पायल बैठे मेरा इंतेज़ार कर रहे थे. टेबल पर जब पायल शांति के करीब बैठने लगी तो शांति बोला के पायल तुम उधर राजा के साथ बैठो मैं देखना चाहता हू के तुम दोनो एक साथ कैसे लगते हो तो पायल शरम से लाल होगयी पर शांति ने ज़िद्द की तो वो उठ कर मेरे बघल मे बैठ गयी और हम दोनो को ऐसे बैठे देख के शांति हमे मुस्कुराते देख निहारने लगा.

यूँ तो दोपेहेर का 1 बज गया था यह नाश्ता किया था ब्रेकफास्ट और लंच का कॉंबिनेशन ब्रंच था. खाना खाने के बाद हम टीवी देखते रहे और इधर उधर की बातें करते रहे. बातो के बीच शांति ने हमारी चुदाई का टॉपिक छेड़ दिया तो पायल शरम से लाल लाल हो गयी उसको हमारी चुदाई याद आने लगी. शांति ने बोला के अरे यार पायल ऐसे क्या शर्मा रही हो बी बोल्ड यार. मैं एक बिंदास और बोल्ड हू मेरे साथ भी ऐसे ही बोल्ड बन कर रहो और हा किसी चीज़ मे शरमाना नही मेरे सामने लंच चूत गंद जैसे शब्दो का खुल्लम खुल्ला उपयोग करो. शांति के मूह से यह सब सुन के पयल और भी शरमाने लगी तो मैं ने भी शांति का साथ दिया और बोला के अरे यार पायल हम सब जवान है और जब हाथ को हाथ, उंगली को उंगली, नाक को नाक, कान को कान, आँख को आँख बोल सकते है तो लंड को लंड, चूत को चूत और गंद को गंद कहने मे क्या प्राब्लम है. खैर पायल बड़ी मुश्किल से तय्यार हुई पर फिर भी ऐसे वर्ड्स को बिंदास बोलने बोलने तक थोड़ा टाइम लगा पर पायल अब बिंदास चूत लंड गंद जैसे शब्द हमारे सामने बोलने लगी थी.

इसी तरह से बातें करते मस्ती करते शाम हो गयी. शाम मे हम थोड़ी देर गार्डेन मे भी गये और स्विम्मिंग भी करी. रात को वापस अंदर आए. लक्ष्मी ने बड़े मज़े का डिन्नर तय्यार किया था. हम सब ने खाना खाया और टीवी देखने लगे. आस यूषुयल हॉल की लाइट्स बोहोत ही धीमी हो गयी थी. पायल मेरे से थोड़ा दूर बैठी थी तो शांति ने बोला के पायल जाओ राजा के साथ बैठो तो पायल बिंदास उठ कर मेरे पास आ के बैठ गयी और मैं ने उसका हाथ अपने हाथ मे ले लिया और प्यार से सहलाने लगा तो शांति ने देखा के मेरे बॉक्सर्स शॉर्ट्स के अंदर तंबू बन चुका है और मेरा लंड किसी एलेक्ट्रिक पोल की तरह से खड़ा है तो उसने पायल से बोला के देखो पायल राज का लंड कैसे खड़ा है थोड़ा उसकी सर्विसिंग तो कर दो तो पायल शर्मा गयी पर किया कुछ नही तो थोड़ी देर के बाद शांति खुद अपनी जगह से उठ के हमारे पास आके बैठ गया और पायल का हाथ अपने हाथ मे ले के मेरे शॉर्ट्स के खुले पाएंचे के अंदर से हाथ डाल के मेरे लंड पे रख दिया तो पायल ने भी अब मेरा लंड पकड़ लिया और दबाने लगी. अब पायल भी लंड हाथ मे लिए गरम हो गयी थी तो मेरा हाथ भी ऑटोमॅटिकली उसकी नाइटी के अंदर घुस गया और मैं उसकी चूत का मसाज करने लगा तो उसने अपनी टाँगें खोल के मुझे अपनी चूत को मसाज करने का रास्ता दिया. मेरी उंगली उसकी चूत के अंदर घुस गयी थी और कभी उसकी चूत के दाने का मसाज भी करने लगता तो वो पागल होगयी और थोड़ी ही देर मे सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्

स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स की आवाज़ निकाल के झड़ने लगी. उसकी आँखें बंद थी और वो जोश मे इतनी पागल हो गयी थी की वो यह भी भूल गयी के शांति वही बैठा है, वो मेरे ऊपेर झुकी और मेरे लंड को

अपने मूह मे ले के किसी लॉली पोप की तरह से चूसने लगी. मैं ने भी उसका सर पकड़ के अपने लंड पे घुसाना शुरू कर दिया. सुबह से चुदाई नही किया था इसी लिए लंड मे से मलाई जल्दी ही निकलने वाली थी और मैं उसी तरह से पायल के मूह को चोद ता रहा और थोड़ी ही देर मे उसके मूह को अपने लंड पे दबाए दबाए रखा और उसके मूह मे ही अपनी क्रीम का फव्वारा छ्होर्ने लगा. यह नज़ारा लक्ष्मी किचन के डोर से चुप के हैरत से देख रही थी. मैं पायल के मूह मे अपनी मलाई निकाल के गहरी साँस लेते हुए सोफे पे ढेर हो गया. शांति हमै बड़े प्यार से देख रहा था और शाएद सोच रहा था के काश उसका लंड भी ऐसा ही होता तो वो भी पायल को ऐसे ही चुदाई के और चुस्वाई के मज़े देता. थोड़ी देर मे जब हम दोनो झाड़ चुके और टीवी देखने लगे तो शांति बोला के पायल मेरी एक बात मनोगी तो पायल बोली के अरे मेरे स्वीट हज़्बेंड तुम जो कहो मनुगी तो शांति ने बोला के मैं चाहता हू के आज से राज्ज्ज हमारे साथ सोए और मैं तुम दोनो को चोद्ते देखना चाहता हू तो एक मिनिट के लिए पायल का दिमाग़ काम करना भूल गया और वो किसी स्टॅच्यू की तरह से बैठी उसको देखने लगी. और जैसी ही उसका दिमाग़ काम करने लगा तो उसने बोला के हे शांति यह क्या बोल रहे हो आप, आपको पता भी है के आप क्या बोल रहे हो तो शांति ने बोला के पायल मैं तुम्है हमेशा खुश देखना चाहता हू और मैं देखना चाहता हुके तुम चुदवाते टाइम कितनी खुश होती हो तो पायल मेरी तरफ देखने लगी तो मैने बोला के मेरे कू तो कोई प्राब्लम नही है. शांति बचपन से मेरे लंड को देखता आया है और मुझे तो कोई प्राब्लम नही है तो पायल नेबोला के ठीक है अगर तुम ऐसे ही चाहते हो तो ठीक है चलो कमरे मे चलते है.

पायल और शांति उठ कर कमरे की ओर चले तो मैं किचन मे से कुछ ड्रिंक्स लेने चला गया और लक्ष्मी को देख कर एक ज़बरदस्त चुम्मन जड़ दिया और उसके बूब्स को और उसकी चूत को एक मिनिट का मसाज करते करते उसको रात का प्लान समझा दिया और ड्रिंक्स लेके मैं भी पायल और शांति के कमरे मे चला गया. डोर को अंदर से बोल्ट नही किया बॅस ऐसे ही भेड़ दिया एज पर माइ प्लान. वो दोनो एक दूसरे से लिपटे किस कर रहे थे. मैं थोड़ी देर डोर के पास ही वेट किया और सॉफ्ट ड्रिंक्स को टेबल पे रख दिया. थोड़ी देर मे दोनो की मस्ती ख़तम हुई तो मेरी ओर देखा और मुस्कुरा दिए. हम तीनो थोड़ी देर वही रूम के अंदर लगे सोफे पे बैठ के सॉफ्ट ड्रिंक्स पीने लगे और बाते करने लगे.

मैं उठ कर बाथरूम मई चला गया. जब वापस आया तो देखा के पायल ड्रेस चेंज कर के एक पतली सी ट्रॅन्स्परेंट नाइटी

पहनी हुई बेड पे लेटी जिस्मै से उसके दूध जैसा बदन धीमी रोशनी मे भी झलक रहा था और वो बोहोत ही खूबसूरत लग रही है. उसके बाल पिल्लो पे फैले हुए थे और उसके चुचियाँ उसकी साँस के साथ समंदर की मौजो की तरह से ऊपेर नीचे हो रहे थे मंन कर रहा था के उसी वक़्त उसकी चुचिओ को पकड़ के दबाना शुरू कर्दु और उसको चोद डालु बॅस. पायल ने मुझे इशारे से अपने करीब बुलाया. अब वो शांति के सामने भी एक दम से खुल गयी थी और कोई शरम वरम बाकी नही रह गयी थी. एक दम से बिंदास हो गयी थी और जबसे शांति के सामने मेरे लंड को पकड़ा था और अपनी चूत का मसाज मेरे हाथो करवाया था उसकी शरम ख़तम हो गयी थी. मैं पायल के साइड मे आ के बैठ गया तो पायल ने मेरे गले मे हाथ डाल के अपने ऊपेर झुका लिया और हम किस करने लगे. मैं उसकी सामने से खुले वाली बिना बटन वाली नाइटी की डोरी खोल चुका था और अब पायल सामने से पूरी नंगी हो गयी थी मैं उसके सारे बदन पे हाथ घुमा रहा था कभी उसके बूब्स को दबा रहा था कभी उसकी चूत को मसल रहा था. चूत पे हाथ लगने से पायल किसी मछली की तरह से तड़प रही थी. पायल का बदन किसी संग ए मरमर की कारविंग की हुई मूर्ति जैसा शानदार लग रहा था शांति इतनी देर मे बाथरूम जा के आ चुका था और हमारे करीब आ के बोला यार ऐसे कपड़े पहने रहोगे तो कैसे मज़ा आएगा चलो निकालो अपने कपड़े और नंगे हो जाओ तो मैं ने बोला के ठीक है मैं नंगा हो जाता हू पर तुम भी तो निकालो ना अपने कपड़े तो उसने बोला के नही यार मेरे कू ऐसे ही रहने दे तुम लोग निकालो मैं आज पायल की चुदाई देखना चाहता हू और जब उसको मज़ा आएगा और वो सॅटिस्फाइ हो जाएगी तो मुझे लगेगा जैसा मैं सॅटिस्फाइ हो गया हू. तो मैं ने बोला के अरे यार चल तू कपड़े निकाल तो सही मैं तेरा कुछ और इंतेज़ाम करता हू तो वो बोला के क्या करेगा तो मैं ने बोला के तू देखते रह बॅस चल अब निकाल कपड़े.

थोड़ी देर की कोशिश के बाद शांति भी नंगा हो गया उसकी छोटी सी नुनु देख के पायल एक दम से उदास हो गयी पर थोड़ी ही देर मे ठीक भी हो गयी. अब मैं भी नंगा हो गया था और पायल के बदन से भी नाइटी निकल चुकी थी और वो भी नंगी हो गयी थी. बेड तो बोहोत ही बड़ा था जिस पे हम तीनो एक साथ सो सकते थे तो पायल को बीचे मे लिटा दिया उसके एक साइड मे मैं था और दूसरे साइड मे शांति. मैं और शांति पायल की तरफ करवट ले के लेटे थे, पायल एक हाथ से मेरे आकड़े हुए लंड से खेल रही थी और दूसरे हाथ से शांति की नुनु को अपनी दोनो उंगलिओ मे पकड़ रखा था. मैं और शांति पायल के बूब्स से और उसकी चूत से खेल रहे थे. पायल एक दम से गरम हो चुकी थी, उसकी चूत बोहोत ही गीली हो गयी थी. शांति की नुनु मे से फॉरन ही पानी निकल पड़ा और वो

लंबी लंबी साँसें लेता हुआ सीधा हो के पीठ के बल लेट गया. मैं भी अब सीधा पीठ के बल लेट गया और लेटने से पहले बेड के साइड मे लगी बेल बजा दिया जो लक्ष्मी के रूम मे जाती थी. बेल के बजने का मतलब था के उसको पायल के कमरे मे बुलाया जा रहा है और वो अंदर आ सकती है.
 
मैं सीधा पीठ के बल लेट के पायल को अपने ऊपेर खेच लिया तो वो डाइरेक्ट मेरे लंड पे आ गयी तो मैं ने उसको फिर अपनी ओर खींचा और अपने मूह पे बिठा लिया तो पायल मेरे सर के दोनो तरफ अपने घुटने मोड़ के अपनी चूत को मेरे मूह पे रख के हिलने लगी. मेरे पैर घुटनो से मुड़े हुए थे और थोड़े से फैले हुए भी थे तो शांति अपनी जगह से उठा और अपने पैर पीछे सीधे कर के मेरे पैरो के बीचे लेट गया और मेरे मस्ती मैं हिलते हुए लंड को चूसने लगा जिसकी वजह से मेरा लंड बोहोत ही गीला हो गया. उसका मूह लगते ही मुझे बोहोत मज़ा आने लगा. शांति मेरे लंड को चूस रहा था और मैं पायल की चूत को चाट रहा था. पायल की चूत बोहोत ही गीली हो चुकी थी और वो अपनी आँखें बंद किए मेरे मूह पे अपनी चूत को रगड़ रही थी और देखते ही देखते उसका ऑर्गॅज़म स्टार्ट हुआ और वो अपने दोनो हाथ आगे को कर के अपनी गंद उठा उठा के मेरे मूह को चोदने लगी जिस से मेरे दाँत उसकी चूत के अन्द्रूनि पोर्षन मे लगने लगे और वो मस्ती मे पागल हो गयी और अपनी चूत को एक दम से मेरे मूह मे घुसा के दबा दिया और हिलते हुए झड़ने लगी. उसका ऑर्गॅज़म शाएद 2 मिनिट चलता रहा और वो झड़ती रही और मेरे मूह मे उसका जूस निकलता रहा जिसे मैं चाट चाट के पी गया. उसके बाद पायल को पीछे धकेला तो उसकी गंद शांति के सरर से जा टकराई तो वो पलट के देखी तो पता चला के शांति मेरे लंड को अपने मूह मे ले के चूस रहा है तो पायल मुस्कुरा दी. पायल को मेरे लंड पे बैठ ते देख शांति ने अपना सर थोड़ा पीछे कर लिया और अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ के पायल की चूत के सुराख से टिका दिया और पायल फॉरन एक ही झटके मे ज़ोर से बैठ गयी उसके मूह से आआआआआऐईईईईईईईई निकला और मेरे मूसल लंड उसकी टाइट और गीली चूत मे एक ही झटके मे अंदर तक उतर गया और पायल मेरे लंड पे उछलने लगी. उसके छोटे छोटे बूब्स और पिंक निपल्स डॅन्स करते बोहोत आछे लग रहे थे. उसके बाल हवा मे उड़ रहे थे. शांति मेरी टाँगो के बीच लेट मेरे लंड को पायल की चूत के अंदर घुसते निकलते चुदाई का मज़ा ले रहा था और बड़े गौर से देख रहा था. मेरा लंड शांति के थूक से और पायल की चूत के जूस बोहोत गीला हो गया था और चमक रहा था. एक टाइम जैसे ही पायल मेर लंड पे उछलने के लिए ऊपेर उठी तो शांति नेमेरे लंड को पकड़ के उसकी चूत से निकाल लिया और अपने मूह मे ले के चूसने लगा और मेरे लंड पे लगी पायल के चूत के जूस को बड़े मज़े से चाटने लगा. और जैसे ही पायल

की चूत से मेरा लंड बाहर निकला वो एक दम से पीछे मूड के देखनी लगी और एक बार फिर से मुस्कुरा दी और जितनी देर मेरा लंड उसकी चूत से बाहर रहा वो मेरे नवल पे अपनी ऊट को रगड़ ती रही. शांति ने मेरा लंड अपने मूह से बाहर निकाला और पायल की गंद को थोडा सा उठाया तो पायल समझ गयी के लंड अब चुदवाने के लिए फ्री है और फिर शांति ने अपने ही हाथो से लंड को पायल की चूत मे रख दिया और फिर गौर से देखने लगा और हैरत से देखने लगा के इतना मोटा लोहे जैसा सख़्त लंड पायल की छोटी सी चूत मे कैसे घुसा है और पायल कितने मज़े से ऐसे लंबे और मोटे लंड से चुदवा रही है.

लक्ष्मी कमरे के अंदर आ चुकी थी और हमै नशीली आँखो से देख रही थी और उसने अपना हाथ अपनी सलवार के ऊपेर एलास्टिक मे से अंदर डाल दिया था और अपनी चूत का मसाज करने लगी और अपनी चूत मे अपनी उंगली डाले अपनी चूत को चोद रही थी और फिर उसकी आँखें बंद हो गयी और उसके मूह से सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स ईईईईईई जैसी आवाज़ निकली और वो झड़ने लगी तो उसकी आवाज़ पे शांति हमारी चुदाई से नज़र हटा के पीछे देखने लगा तो लक्ष्मी अपनी चूत मे हाथ डाले खड़ी थी तो उसने पूछा अरे लक्ष्मी तू यहा क्यों आई तो उसने बोला के बेल बजाई थी ना मुझे बुला ने के लिए इसी लिया अंदर आ गयी और देखा तो आप मज़े से राजा बाबू के लंड को चूस रहे थे तो मुझे भी मस्ती चढ़ गयी. लक्ष्मी के मूह से यह सुन के शांति को शरम आ गयी तो मैं ने लक्ष्मी से बोला के चल अब तू अपने कपड़े निकाल और नंगी हो के बेड के ऊपेर आ जा और शांति की सर्विसिंग कर और शांति से बोला के चल शांति तू अब इधर लेट जा लक्ष्मी तेरी सर्विसिंग करेगी तो शांति की समझ मे नही आया के यह क्या हो रहा है और उसको क्या करना है तो मैं ने फिर बोला के यार तू कोई फिकर ना कर ना बॅस मैं जैसे बोल रहा हू तू वैसे ही कर. इतनी देर तक पायल मेरे लंड पे उछल कूद रही थी तो मैं ने उसको अपने ऊपेर झुका लिया और उसके बूब्स को चूसने लगा. उधर शांति सीधा पीठ के बल लेट गया तो लक्ष्मी उसके पैरो के बीच मे लेट गयी और शांति की ढीली पड़ी नुनु को चूसने लगी तो शांति एक दम से पागल हो गया. उसके दोनो हाथ फॉरन ही लक्ष्मी के सर पे आ गये और अपनी गंद उठा के वो लक्ष्मी के मूह को अपने ढीली पड़ी नुनु से चोदने लगा.

मैं ने लक्ष्मी से बोला के अरे लक्ष्मी तो ऐसे क्या कर रही है चल 69 की पोज़िशन मे आ जा और अपनी चूत का मज़ा भी तो शांति को लेने दे. (यहा यह बता दू दोस्तो के लक्ष्मी ने अपनी चूत के झांतो को रेग्युलर्ली शेव करके अपनी चूत्को चिकना रखना शुरू कर दिया था.) इतना सुनते ही लक्ष्मी अपनी जगह से उठी और शांति के ऊपेर पलट के अपने दोनो पैर उसके सर के दोनो तरफ

कर के लेट गयी तो शांति उसकी चूत को अपने मूह के सामने देख के और उसमे से उठ ती हुई उसके फ्रेश चूत जूस की मधुर सुगंध से दीवाना हो गया और फॉरन ही लक्ष्मी की गंद पकड़ के अपने मूह पे झुका लिया और उसकी चूत मे अपनी जीभ डाल के चाटने लगा. चलो यह एक तो डेवेलपमेंट हुआ शांति के अंदर के उसने आज किसी की चूत को चॅटा तो सही अदरवाइज़ शांति तो लड़की के साए से भी दूर भागता था. चलो एक हेल्ती चेंज और इंप्रूव्मेंट तो हुआ उसके अंदर. इधर पायल मेरे लंड पे मज़े से बैठी मस्ती मे उछाल उछाल के चुदवा रही थी और उधर शांति लक्ष्मी की चूत को चाट रहा था और लक्ष्मी उसकी नुनु को मूह मे ले के चूस रही थी. लक्ष्मी लंड चूसने मे कुछ इतनी पर्फेक्ट हो गयी थी के शांति के छोटे से लंड से एक बार फिर उसका पानी निकाल दिया. शांति गहरी गहरी साँसें लेने लगा था लैकिन उसने लक्ष्मी की चूत को चाटना नही छोड़ा था.

मैने पोज़िशन चेंज किया और पायल को घोड़ी बना के चोदने लगा. लंड जब पायल की क्लाइटॉरिस को रगड़ता हुआ चूत के अंदर घुसता तो पायल को अनोखा मज़ा आता और वो मस्ती की सिसकारिया ले रही थी आअहह सस्स्स्स्सस्स म्माआ ज़्ज़्ज़्ज़ाअ एयाया र्ररर आआ हह एयेए हह ईई ईईईई र्ररर एयेए ज्ज्ज्ज्ज ऊऊऊ ईईईई एम्म्म एयाया सस्स्स्स्सस्स उसके हिलते हुए बूब्स को पकड़ के उसकी चुदाई कर रहा था. पायल तो अब तक 3 – 4 टाइम झाड़ चुकी थी उधर लक्ष्मी शांति से अपनी चूत चटवा के मस्त हो चुकी थी और किसी दीवानो की तरह से मुझे देख रही थी. उसकी आँखें कह रही थी के राजा अब मुझे चोद डालो बॅस. इधर मैं भी तूफ़ानी रफ़्तार से पायल को चोद रहा था. वो मेरे हर धक्के से आगे खिसक रही थी तो मैं ने उसके शोल्डर्स को टाइट पकड़ लिया और जम के चोदने लगा और पायल चिल्ला चिल्ला कर मेरे लंड से चुदवा रही थी. लंड पूरा उसके पेट के अंदर तक घुस रहा था और फिर मेरी मलाई भी निकालने को रेडी थी और एक फाइनल झटका मारा और मेरे लंड से मलाई की पिचकारिया बंदूक की गोली की तरह से निकल के पायल की चूत को भरने लगी और मलाई की बौछार के साथ ही एक बार फिर पायल की चूत से जूस का बंद जैसे टूट पड़ा और उसकी चूत मे बाढ़ आ गयी. वो गहरी गहरी साँसें लेटी ही ऑलमोस्ट बेड पे गिर सी पड़ी. उसकी चूत से हम दोनो की मिक्स मलाई थोड़ी थोड़ी बाहर निकलने लगी थी. मैं कुछ ऐसी दीवानगी से पायल की चूत को चोद रहा था के मेरी पूरी मलाई निकलने के बाद भी मेरा लंड नरम नही हुआ था और वैसे का वैसा ही आकड़ा हुआ था. शांति ने देखा के पायल का ऑर्गॅज़म चल रहा है और उसकी चूत उसके जूस और मेरी मलाई से भर गयी है तो उसने पायल से बोला के पायल, प्लीज़ अब मेरे ऊपेर आ जाओ और मुझे तुम्हारी चूत का रस्स पीला दो तो इतना सुनते ही लक्ष्मी शांति के

ऊपेर से उठ गयी और पायल मेरे नीचे से उठी और शांति के ऊपर को झुक गयी और लक्ष्मी की जगह ले के शांति के मूह पे अपनी चूत को रख दिया और शांति उसकी चूत से हमारी मिक्स मलाई बड़े मज़े से चाटने लगा.
 
मारवाड़ की मस्त मलाई पार्ट --24


गतांक से आगे........................

ऐसा मोका तो लक्ष्मी देख ही रही थी के कब उसकी गरम चूत मे लंड घुसा के चुदाई करता है और वो फॉरन शांति के ऊपेर से उठी और मेरे ऊपेर आ गयी. जैसे ही पायल मेरे नीचे से उठी थी मैं पीठ के बल सीधा लेट गया था और मेरा मूसल छत की तरफ मूह उठाए किसी मिज़ाइल की तरह से खड़ा मेरे और पायल की मलाई से भीगा चमक रहा था. लक्ष्मी मेरे ऊपेर आ गयी और एक ही झटके से मेरे खड़े लंड पे बैठ गयी. एक ज़ोर से पचक की आवाज़ आई और मेरा लंड लक्ष्मी की चूत के अंदर जड़ तक पूरा घुस गया. अब लक्ष्मी मेरे ऊपेर उछल रही थी और मज़े से चुदवा रही थी. आज मेरे लंड से इतनी क्रीम निकली थी के अब मैं तो जल्दी झड़ने वाला नही था इसी लिए मैं नीचे इतमीनान से लेटा रहा और लक्ष्मी को अपने लंड पे उछल कूद करने के लिए फ्री छोड़ दिया. वो मस्ती से मेरे लंड पे उछल उछल के मज़े से चुदवा रही थी उसके छोटे छोटे बूब्स भी हिल रहे थे. लक्ष्मी इतनी मस्ती से मेरे लंड को चोद रही थी कभी अपने दोनो हाथो को अपनी गर्दन के पीछे बाँध कर रख लेती और उछलती जिस से उसके बाल भी हवा मे उड़ते बड़ी सेक्सी लगते तो कभी अपने दोनो हाथ मेरे पेट पे रख के मेरे लंड को चोद्ति तो कभी मेरे थाइस पे दोनो हाथ रख के तो कभी मेरे ऊपेर झुक जाती और मेरे मूह मे अपनी चुचिओ को घुसा देती. मेरे मूसल पे उछल ते उछल ते लक्ष्मी 3 - 4 बार झाड़ चुकी थी. उसकी चूत से निकले जूस की वजह से लंड बोहोत आसानी से उसकी चूत के अंदर बाहर हो रहा था. लक्ष्मी जब भी मेरे से चुदवाति बड़े ही मस्त और सेक्सी स्टाइल मे चुदवाती. मेरा मंन कर रहा था के उसकी चूत को चोद चोद के भोसड़ा बना दू और इसी के चलते मैने अपनी पोज़िशन चेंज किया और लक्ष्मी को अपने नीचे पीठ के बल लिटा दिया और फॉरन ही एक सेकेंड भी वेस्ट किए लक्ष्मी अपने पैरो की कैंची बना के मेरी गंद पे रख दी और मुझे अपनी ओर खेचने लगी. मैं उसके ऊपेर झुक गया और उस से ऐसे लिपट गया के उसके चुचियाँ मेरे सीने से चिपक गयी और मैं उसके मूह मे अपनी जीभ डाल के किस करने लगा. लक्ष्मी भी बड़ी मस्ती से मेरी जीभ को चूसने लगी. ऐसे टाइट पकड़े पकड़े मैं अपना लंड एक ही बारी मे उसकी चूत के अंदर घुसेड चुका था और धना धन चोद रहा था. पूरा लंड हेड तक बाहर निकाल निकाल के उसकी छोटी गीली चूत की धुनाई कर रहा था. मैं उसकी छोटी सी चूत को पागलो की तरह से चोद रहा था जिसके चलते लक्ष्मी कभी मस्ती मे कभी दरद से चीख उठती आआआआअहह

ब्ब्ब्बााअ ब्ब्बबब ऊऊऊओ ड्ड हह ईईई र्र्र्र्र्ररर ईईई एम्म ईयीई र्र्ररर ईईईईई कककक हह ऊऊऊ टत्त्टतत्त प्प्प्प हह आआ टतत्त ज्ज्ज एयेए य्यी ईयीई ग्ग्ग ईयी बब्ब एयेए बब्ब उउउ आआआआआआहह आईसी हीईीईईईईईईईईईईईईईई ऊऊऊऊईईईईईई म्‍म्म्ममममाआआआ कक्च्छ ऊओद्दड़ ड्ड्ड्डययाऑल्लुवाय र्रेयेयानन्नन्ड्ड्ड्ड्डियीईयि

यी कककककूऊऊ हहा ब्बबाआ ब्बबुउुउउ म्‍म्म्माआईयइ तटुउंम हह एयेए र्ररर ईईइ र्राा न्न्न्द्द्दीईइ हहुउऊउ तततुउउंम्म ह्ह्हाआ र्र्ररर ईई ल्ल्ल्ल्लूउउउउ न्‍न्न्ँद्दद्ड ककक्कीईइ द्द्दडीए ववववाआअ न्‍न्‍नन्निईिइ ह्ह्ह्ह्हुउउउउउ हहाअईई रीईई म्‍म्म्माआईयइ म्‍म्म्ममाआअ र्र्र्र्र्र्ररर गगगगगगाआअ ययययययईई ब्ब्ब्ब्बाआब्ब्ब्ब्बुउउउउउ और मेरे से ज़ोर से लिपट के एक बार फिर से झड़ने लगी. मेरे झटके बोहोत ही पवरफुल थे और लंड तो जैसा लोहे का खंबा ( सॉलिड स्टील रोड ) बना हुआ था. लक्ष्मी की चूत ऐसी चुदाई से लाल हो गयी थी और फूल के डबल रोटी बन गयी थी पर वो इतनी उत्तेजीत थी के उसको उसकी चूत के भोसड़ा बनने का भी होश नही था.

मैं एक धक्का बोहोत ही ज़ोर से मारा तो वो दरद से बिल बिला उठी म्‍म्म्ममममाआआआअरर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर गगगगगगगगगाआआईईईई आरू मेरे से ज़ोर से लिपट गयी. उसके चीखने से पायल और शांति दोनो हमारी तरफ हैरत से देखने लगे. मैने फिर से पोज़ीशन चेंज किया और उसको वही लेटे लेटे पलटा दिया और लक्ष्मी को पेट के बल लिटा दिया और पीछे से फिर एक बार उसकी चूत के अंदर लंड को पेल दिया और लंड खच की आवाज़ के साथ उसकी चूत के अंदर किसी ढक्कन की तरह फिट हो चुका था. लक्ष्मी मस्ती मे अपनी गंद थोडा सा ऊपेर उठाए लेटी चुदवा रही थी और मैं घचा घच चोद रहा था. एक एक पवरफुल झटका एक एक सेकेंड के टाइम से उसकी चूत के अंदर घुसा देता तो उसके मूह से हप्प्प्प्प्प्प हमम्म्म और उउउहह जैसी आवाज़े निकल जाती. ऐसे पोज़िशन मे भी मेरा लंड उसकी चूत की गहराइयों को नापने लगा था. लक्ष्मी तो पता नही कितने टाइम झाड़ चुकी थी और कितने टाइम उसका ऑर्गॅज़म आ चुका था मैं उसको तूफ़ानी रफ़्तार से चोद रहा था ऐसा लग रहा था जैसे चुदाई का तूफान आगेया हो बिस्तर मे और लक्ष्मी को ऐसे लग रहा था जैसे किसी तलवार से उसकी चूत के दो टुकड़े कर दिए गये हो. वो कभी मस्ती मे चिल्लती तो कभी तकलीफ़ से. उसकी आँखो से तकलीफ़ के और मस्ती के आँसू बह रहे थे. उसकी चूत से निकला जूस उसकी चूत को समंदर जैसा गीला कर चुका था और वोही हाल मेरे लंड का भी था वो उसके जूस से बे इंतेहा गीला हो चुका था. अब लक्ष्मी थक्क चुकी थी और मेरे नीचे बेजान पड़ी थी. उसके पैर पीछे को लंबे पड़े थे. मैं अपने पैरो को पीछे कर के उसके पैरो पे लपेट लिया और उसको टाइट पकड़ लिया और उसकी चूत से लंड को बाहर निकाल के उसकी गंद मे एक ही झटके मे घुसेड दिया.

लक्ष्मी के मसल्स रिलॅक्स थे और उसकी गंद को भी खबर नही थी के इतना मोटा मूसल उसके अंदर घुसने वाला है और वो और उसकी गंद दोनो भी ऐसे हमले के लिए तय्यार नही थे और बिना रेज़िस्टेन्स के मेरा मूसल लोहे जैसा लंड एक ही झटके मे उसकी गंद के अंदर घुस्स चुका था और लक्ष्मी किसी काटे हुए जानवर की तरह से चिल्ला के रोने लगी और मेरे नीचे मचलने लगी. इधर मेरी धुआँ धार चुदाई को देखते देखते शांति और पायल भी बोहोत ही गरम हो चुके थे और पायल की चूत से उसका जूस निकलने लगा जिसे शांति बड़े मज़े से पी गया और शांति के नुनु से भी पानी निकल पड़ा जिसे पायल ने अमृत समझ कर पी लिया. यह पहले टाइम था जब शांति ने पायल की चूत को चॅटा था और उसकी चूत का जूस पीया था और पायल के लिए भी यह पहला टाइम था जब उसने शांति की नुनु को मूह मे ले के चूस और उसका पानी टेस्ट किया था.

लक्ष्मी की इतनी ज़ोर से चीख सुन के शांति और पायल दोनो एक दूसरे से अलग हो चुके थे और हैरत से हम दोनो की चुदाई देखने लगे. लक्ष्मी का बदन पसीने से भर चुका था, उसका मूह खुल गया था और जैसे जैसे मैं उसकी गंद मार रहा था और मेरा लंड उसकी गंद के अंदर घुसता वैसे वैसे ही उसकी आँखें बाहर को निकल ने लगती ऐसा लग रहा था जैसे उसकी आँखो का कनेक्षन मेरे लंड से है. मैं भी इतनी देर चोदने के बाद मेरी मलाई भी अब रेडी हो चुकी थी और मुझे लग रहा था के मेरी मलाई मेरे बॉल्स मे उबाल रही है. मैं फुल स्पीड से उसकी गंद मार रहा था और लक्ष्मी तो मेरे नीचे बेजान पड़ी गंद मरवा रही थी. मेरे लंड के अंदर अब हल चल मचना शुरू हो गयी थी और लग रहा था जैसे कोई ज्वाला मुखी है जो फटने वाला है. . मैं ने लक्ष्मी को बोहोत ही टाइट पकड़ा हुआ था और एक फाइनल झटका मारा तो मेरा लंड उसके पेट के अंदर तक घुस गया और मेरे लंड से मलाई की एक मोटी धार राइफल की गोली की तरहसे निकल के उसकी गंद मे गिरी और एक धार के गिरते ही फॉरन मे अपना लंड उसकी गंद मे से खींचके बाहर निकाल दिया और एक ही मोशन मे अपने लंड को पायल के मूह मे घुसेड दिया जिसे वो इमीडीयेट्ली चूसने लगी जिस से लंड की बाकी की मलाई पायल के मूह मे गिरने लगी और पायल मेरे लंड को ऐसे चूसा के लंड मे से निकल ती मलाई की एक बूँद को बाहर नही गिरने दिया और लंड से निकलती मलाई की एक एक बूँद को चाट लिया और मज़े से अपने होटो पे ज़ुबान फेरने लगी. उधर लक्ष्मी कुछ इतनी मस्ती मे थी के मेरा लंड उसकी गंद से बाहर निकालने के बावजूद वो ऐसे आगे पीछे हो रही थी जैसे मेरा लंड अभी तक उसकी गंद मे घुसा हो और उसकी गंद मार रहा हो.
 
मैं भी ऐसी पवरफुल चुदाई से थक्क चुका था और बेड पे गिर गया और फिर हम चारो नंगे ही एक दूसरे से लिपट के एक ही बिस्तर मे सो गये. सुबह जब मेरी आँख खुली तो मैं अकेला ही सो रहा था. लक्ष्मी सब से पहले उठी थी और शवर ले के खाना बना ने के लिए किचन मे चली गयी थी. पायल और शांति दोनो एक साथ बाथरूम मे घुसे हुए शवर ले रहे थे. मैं कुछ देर ऐसे ही पड़ा रहा. थोड़ी देर के बाद उठ के बाहर आया और नंगा ही किचन के अंदर चला गया जहा लक्ष्मी अकेली थी और खाना बना ने की तय्यारी कर रही थी. मुझे देखते ही वो एक बार फिर से दौड़ती हुई मेरे से लिपट गयी और बोली के बाबू कल रात की चुदाई का मज़ा इस से पहले कभी नही आया मुझे तो सुबह उठना भी नही आ रहा था और अपनी सलवार को नीचे कर के अपनी चूत दिखाते हुए बोली के देखो बाबू क्या हाल बनाया है मेरी चूत का तुम्हारे मूसल ने. मैने झुक के देखा तो वो सच मे फूल चुकी थी और लाल हो गयी थी ऐसा लगता था के ज़ख़्मी होगयी है चूत तो मैं ने बड़े प्यार से उसकी चूत को अपने हाथ से सहालाया और बोला के सच मे लक्ष्मीक्या हालत हो गयी है तेरी चूत की तो वो मुस्कुरा के बोली के नही बाबू ऐसी तकलीफ़ मे जो मज़ा है वो किसी चीज़ मे भी नही और मेरे लौदे को बड़े प्यार से अपने हाथो मे ले के सहलाते हुए नीचे बैठ गयी और अपने मूह मे लेते हुए बोली के जो मज़ा ऐसे लंड से चुदवाने मे है किसी चीज़ मे नही बाबू. भगवान तुम्हारी और तुम्हारे लंड की रक्षा करे. लक्ष्मी का मूह अपने लंड पे महसूस करते ही मेरा लंड एक दम से अकड़ के टाइट हो गया और उसके मूह के अंदर ही लंबा हो गया तो उसने चूसना शुरू कर दिया. मेरे हाथ भी ऑटोमॅटिकली उसके सर पे आ गये और मैं उसके मूह को चोदने लगा. थोड़ी देर उसके मूह को चोदने के बाद उसके मूह मे ही अपनी मलाई निकाल दिया जिसे वो बड़े मज़े से चाट गयी. फिर मैं लक्ष्मी को नीचे से उठाया और उसको एक ज़बरदस्त चुंबन दिया और बोला के लक्ष्मी तेरी चूत और टाइट बोहोत ही छोटी और टाइट है मेरे कू तेरी चूत और गंद मारने मे बोहोत मज़ा आता है तो वो बोली के बाब मेरी चूत और गंद अब तुम्हारी ही है तुमको जब चाहिए मार लो और फिर वापस मेरे लंड को प्यार से सहलाने लगी. मैं थोड़ी देर उसके पास रहा फिर ऊपेर आ गया और बाथरूम मे घुस के शवर लेने लगा.

शवर ले के बाहर निकला ही था के आंटी का फोन आया बड़ी बेताबी से पूछ रही थी के क्या हुआ तो मैं ने बोला के आंटी कुछ ना पूछो बस मैं मस्त चोद रहा हू पायल को और हा शांति का डेवेलपमेंट यह है के उसने पायल की चूत को चॅटा और पायल ने भी शांति को चूस चूस के उसका पानी पीया तो आंटी की आवाज़ से खुशी झलकने लगी और बोली के राजा थॅंक यू राज मुझे यकीन है के तुम शांति का इलाज करदोगे तो मैं ने बोला के मैं अपनी तरफ से तो पूरी कोशिश कर रहा हू आगे देखतेहै क्या होता है. आंटी बोली के राज्ज्ज मुझे तुम्हारी बोहोत याद आ रही है अब तुम जल्दी से आ जाओ कितने दीनो से मेरी चूत मे चीटिया रेंग रही है तुम्हारे लंड का सोच सोच के मेरे चूत आज कल हमेशा गीली रहने लगी है तो मैं हंस के बोला के मेरी प्यारी आंटी जान आप चिंता ना करो मैं जल्दी ही आऊंग और आपकी चूत की बोहोत अछी तरह से सर्विसिंग करूँगा तो उन्हो ने बोला के मैं अपनी उंगली से अपनी चूत को चोद चोद के थक्क चुकी हू अब मुझे तुम्हारा मूसल चाहिए बॅस अब तुम जल्दी से आ जाओ और मेरी गीली चूत को अपने मूसल से रोन्द डालो तो मैं ने बोला के ठीक है आंटी वैसे भी अब ऑलमोस्ट यहा आए हुए एक महीना तो हो ही चुका है मैं एक वीक या 10 डेज़ के अंदर आ जाउन्गा तब तक ज़रा पायल को और चोद दू. आंटी सच बताउ पायल की चूत मे बोहोत मज़ा है और वो अब एक दम से सेक्सी और चुदसी हो गयी है औरे शांति के सामने ही मेरे से चुदवा के मज़े लेती है. मुझे आंटी की एक ठंडी साँस की आवाज़ आई तो मैं बोला के आंटी प्लीज़ चिंता मार करो आप मैं जल्दी आने की कोशिश करूँगा वैसे भी मेरे कॉलेजस और 15 दिन मे खुलने वाले है तो मुझे वापस आना ही है तो आंटी ने इतमीनान की साँस ली. मैं कपड़े चेंज कर के नीचे आ गया.

ऐसे ही दिन गुज़रते रहे टोटल तकरीबन 45 दिन किधर गये समझ मे नही आया. मैं, पायल, शांति और लक्ष्मी हम चारो मिलके खूब मस्ती करते रहे खूब चोद्ते चुदवाते रहे, गंद मारते लंड और चूत को चुस्वाते रहे और यह 45 दिन का पता ही नही चला.

एक दिन लक्ष्मी को मेन्सेस शुरू हो गये तो पायल को याद आया के उसके तो मेन्सेस भी अभी तक नही हुए जब के उसका मेन्सेस का टाइम तो 2 वीक पहले ही आ चुका था पर मेन्सेस नही हुए तो वो एक दम से घबरा गयी और मेरे कू बोली तो मैं ने उसे अपनी बाँहो मे ले के लिपटा लिया और भरपूर फ्रेंच किस करने के बाद बोला के पायल मेरी जाअनु कंग्रॅजुलेशन्स अगर टेस्ट पॉज़िटिव निकला तो समझो के तुम गर्भवती होगयी हो और मा बनने वाली हो तो उसके आँखो से आँसू बहने लगे और वो मेरे से लिपट के रोने लगी. मैं उसके पीठ को अपने दोनो हाथो से सहलाता रहा, सर मे हाथ घुमाता रहा और उसको तसल्ली देता रहा तो उसने बोला के नही राज यह मेरी खुशी के आँसू है आज मे बोहोत ही खुश हू के तुम्हारी वजह से मुझे गर्भवती होने का सौभाग्य मिला और शांति की वजह से दुखी भी हू के यह प्रेग्नेन्सी उसकी वजह से नही ठहरी तो मैं ने बोला के पायल मेरी जान शांति और मैं अलग नही है तुम यह समझो के जो भी तुम्है होगा वो शांति का ही होगा तो वो मेरे से और ज़ोर से लिपट गयी और किस करने लगी. शांति को जब पायल

की प्रेग्नेन्सी के बारे मे पता चला तो वो फॉरन ही मेरे गले से लग के रोने लग और बार बार मेरे कू थॅंक यू राज्ज्जज थॅंक्स यार तू ने मेरे ऊपेर एहसान किया है नही तो मैं किसी को मूह दिखाने के लायक भी नही रहता तो मैं ने बोला के यार पागल हो गया है क्या ऐसे क्यों रो रहा है तो उसने बोला के अरे यार तुझे क्या बताउ के मैं कितना खुश हू और यह तो मेरी खुशी के आँसू है तो मैं ने बोला के अरे यार,,,, इतना दीवाना ना बन अभी तो टेस्ट करवाना है उसके बाद ही कुछ पता चलेगा. शांति ने मेरे से बोला के मम्मी को कों बोलेगा तो मैं ने बोला के पायल को ही बोलने दे यह लॅडीस टॉक है वो दोनो एक दूसरे से बात कर के बता देगी तो उसने बोला के ठीक है.
 
मारवाड़ की मस्त मलाई पार्ट --25



गतांक से आगे........................

पायल ने अपनी मम्मी को फोन किया और उसको अपने मेन्सेस के ना होने का बताया तो उसकी मम्मी ख़ुसी से उछल पड़ी वो बेचारी को क्या पता के उनकी बेटी की शादी किस से हुई है और उसको चोद कोन रहा है. खैर पायल की मम्मी ने तुरंत ही अपनी समधन यानी पायल की सास को फोन किया और प्रेग्नेन्सी की बात बताई तो वो बे इंतेहा खुश हो गयी और दोनो खानदानो मे खुशी की लहर दौड़ गयी. शांति की मम्मी ने फॉरन ही पायल को फोन किया तो उसने कन्फर्म कर दिया के मेन्सेस तकरीबन 2 वीक्स के ऊपेर से नही हुए. आंटी बोली के मैं कल सुबह ड्राइवर के साथ आ रही हू तुम अपना ख़याल रखना. उस रात ना तो लक्ष्मी को चोद पाया और ना पायल को. पायल और लक्ष्मी ने चूस चूस कर लंड की मलाई खा ली.

डोपर्हर के 1 बजे तक आंटी ड्राइवर के साथ फार्महाउस आ गयी थी. हम सब उठ चुके थे और हॉल मे बैठे कॉफी पी रहे थे. आंटी अंदर आई और खुशी से पायल से लिपट के उसको प्यार करने लगी आँखिर उनकी एकलौती बहू उनको संतान देने वाली थी (यह और बात के संतान किसकी थी). खुशी से आंटी की आँखो से आँसू बह रहे थे. जब पायल और शांति किसी काम से उठ के अपने कमरे मे गये तो आंटी आँसू भरी आँखो से मुझे देखा और मेरा हाथ दबा के थॅंक्स राजा बोला तो मैं ने बोला के अरे मेरी आंटी जान इसमे थॅंक्स बोलने की क्या ज़रूरत है मज़ा तो मैं ने भी लिया है ना चोदा तो मैं ने भी है तो एक हिसाब से मुझे भी आपको थॅंक्स बोलना चाहिए के आपने अपनी बहू की कुँवारी चूत मेरे हवाले की छोड़ने के लिए तो वो मुस्कुरा दी पर कुछ बोली नही. मैं ने बोला के आंटी अब मैं वापस चलता हू आप किसी डॉक्टर से कन्सल्ट कर लीजिए और मेक शुवर कर लीजिए के यह रियली प्रेग्नेन्सी ही है या ऐसे ही मेन्सेस स्किप हो गये है तो उन्हो ने बोला के मैं ने डॉक्टर. कविता को फोन कर दिया है वो रात मे किसी टाइम पे आएगी तो मैं ने बोला के ठीक है आंटी अब मेरे कॉलेजस भी खुल रहे है आप यही फार्महाउस पे ही रहिए और जैसा डॉक्टर के इन्स्ट्रक्षन्स होंगे

वैसे ही प्रिकॉशन्स लीजिए. आंटी की आँखो मे आँसू थे और उनकी आवाज़ थर थारा रही थी बोली के राजा प्लीज़ कुछ दिन और रुक जाओ ना तो मैं ने बोला के नही आंटी अगर किसी को हमारे रिलेशन्स की हवा भी लग गयी तो बोहोत परेशानी हो सकती है इसी लिए मेरे कू जाने दीजिए तो उन्हो ने मेरा हाथ जो अपने हाथ मे ले के पकड़ा हुआ था उसको उठाया और अपनी दोनो आँखो से लगाया और चूम लिया और बोली थॅंक यू वेरी मच रज्जा और फिर धीमी से मुस्कान के साथ बोली के तुम तो सच के राजा हो मेरी जान. मैं ने बोला के आंटी आप अपना और पायल का ख़याल रखिए और शाम को मुझे जाने दीजिए मुझे कल से कॉलेज अटेंड करना है तो उन्हो ने बोला के कैसे जाने दू राज अभी तो मेरा दिल तुम से भरा ही नही है मुझे तुम्हारी ज़रूरत है राज तो मैं ने बोला के आंटी आप किसी बात की फिकर ना करे और आप डॉक्टर से कॉन्सल्टेशन के बाद थोड़े दिन यही पायल के पास रुकिये और जब आप वापस अजाएँगी तो फिर मैं आपको चुदाई के वैसे ही मज़े दूँगा तो आंटी मुस्कुरा दी और बोली के आइ मिस यू सो मच राज फिर बोली के ठीक है तुम जाओ मैं जितनी जल्दी मुमकिन हो सका वापस आउन्गि और फिर तुम्हारी बाँहो मे सोने को बड़ा मन करता है. फिर खुद ही बोली के मैं सोच रही हू के कुछ दीनो के लिए पायल और शांति को यही फार्महाउस पे छ्चोड़ के अकेली वापस आ जाउ ता के तुम मेरे घर मे मेरे साथ ही रहो और हम खूब चुदाई करेगे फिर एक मिनिट के लिए अपने एक हाथ से अपनी सारी को उठाया और मेरे हाथ को पकड़ के अपनी चिकनी चूत पे रख दिया और बोली के देखो यह तुम्है देख के कैसी गरम हो गयी है तो मे ने भी कुछ सेकेंड्स के लिए आंटी की चूत को मसाज किया और फिर आंटी ने सारी ठीक कर ली तो मैं ने बोला के आंटी आप बिल्कुल भी चिंता ना करे मैं इस गरम चूत की सारी गर्मी चोद चोद के निकाल दूँगा. इतनी देर मे मेरा लंड भी फुल्ली एरेक्ट हो चुका था जिसे आंटी ने अपने हाथ से दबाया और बोली के तुम्हारे इस मूसल ने मेरी नींदें हराम कर रखी है यह मेरे दिल ओ दिमाग़ मे बैठा हुआ है और यह मुझे दिन और रात सता ता रहता है तो मैं ने बोला के आंटी आप फिकर ना करे मैं आपकी अछी तरह से चुदाई करूँगा आप जल्दी से वापस आ जाइए और अपना और पायल के ख़याल रखिए और मैं सोफे पे से उठ गया. वाहा से जाने लगा तो मेरी नज़र लक्ष्मी पर पड़ी जो मुझे देख के मुस्कुरा रही थी मुझे पता चल गया के लक्ष्मी ने सब कुछ देख लिया है और वैसे भी आंटी मेरे से बात करते समय कुछ इतनी ज़ियादा एमोशनल हो गई थी के उनको पता ही नही चला था के लक्ष्मी उस वक़्त उनके करीब से गुज़री जब आंटी मेरे हाथ को पकड़ के अपनी सारी के अंदर अपनी चूत मे रख रही थी और इत्तेफ़ाक से मैं ने भी लक्ष्मी को नही देखा पर लक्ष्मी सब कुछ

देख चुकी थी और समझ गयी थी के मैं आंटी की चुदाई भी करता हू जिस के चलते वो मेरे से इतनी प्यार भरी और मेरे से चुदवाने की बातें बिंदास कर रही थी और लक्ष्मी को मुस्कुराते देख के मैं भी उसको आँख मारते हुए मुस्कुरा दिया और अपने कमरे की ओर चला गया.

मैं फार्महाउस से शाम को वापसी के लिए निकला और हयदेराबाद पहुँचते पहुँचते रात हो गयी. मैं अपने घर मैं आ गया और मम्मी को फोन किया तो पता चला के मेरे डॅड को वापस आने मैं अभी एक मोन्थ और लग सकता है तो मम्मी का प्रोग्राम भी चेंज हो गया तो मैं ने बोला के मम्मी आप मेरी फिकर ना करो कल से मेरे कॉलेजस स्टार्ट हो रहे है और मैं बिज़ी हो जाउन्गा. मैं शवर ले के बाहर निकला तो मोबाइल की बेल हो रही थी. मोबाइल पे नंबर आ रहा था किसी का नाम नही था तो मेरे समझ मे नही आया के किसका फोन होगा तो मैं ने रिप्लाइ काइया हेलो तो दूसरी तरफ किसी लड़की की आवाज़ आई बोली के पहचाना सर तो मैं सोच मे पड़ गया के कोन मुझे सर कह सकता है. दिमाग़ पर ज़ोर दिया तो भी समझ मे नही आया तो मैं ने बोला के सॉरी मिस मेरे लिए यह नंबर नया है और मेरे कू नही मालूम के आप किस से बात करना चाह रही है तो दूसरी तरफ से आवाज़ आई अरे सर इतनी जल्दी भूल गये मैं आशा हू मुंबई के होटेल मे मिली थी याद आया सर आपको तो एक दम से मेरे दिमाग़ की सारी खिड़कियाँ खुल गयी और मुझे वो साओली सेक्सी लड़की याद आ गयी जिसने थोड़ी ही देर मे मेरे लंड को चूस चूस के झाड़ा दिया था और मुझ से मस्ती मे खड़े खड़े ही चुदवाया था. मे कुछ देर खामोश रहा यह चुदाई का सीन मेरे दिमाग़ मे किसी फिल्म के रील की तरह से चल रहा था. मुझे ऐसे चुप्प देख के बोली हेलो सर तो मैं अपने ख़यालो से बाहर आ गया और बोला के अरे आशा रानी तुम हो कहा से बोल रही हो तो उसने बोला के मैं यही हू सर हयदेराबाद मे अपनी बड़ी बहेन के पास आई हू मैं ने बोला था ना आपको के मैं आने वाली हू तो मैं खुशी से बोला के वेलकम वेलकम कब आई तुम तो बोली के आज ही शाम की ट्रेन से आई हू और मेरे कू आपसे जल्दी मिलना है मेरे जीजू भी बिज़्नेस के सिलसिले मे टू वीक्स के लिए बाहर गये हुए है और घर मे हम दोनो अकेले है जल्दी से आ जाइए सर प्लीज़. मैं ने अपनी बहेन से आपके बारे मे बता दिया है वो भी बोहोत उत्साहित है आपसे मिलने के लिए तो मैं ने उसके घर का अड्रेस पूछा तो उसने जो अड्रेस बताया वो मेरे कॉलेज से करीब था मैं ने बोला के मैं कल शाम मे आउन्गा और मुस्कुराते हुए बोला के तब तक अपनी और अपनी बहेन की चूत को चिकनी बना के मेरे लौदे का इंतेज़ार करने को बोलो तो उसने बोला के हा सर आप फिकर ना कीजिए आपके मूसल को हमारी चूते चिकनी बिना झतो वाली चुदने के लिए तय्यार मिलेगी और फिर फोन पर ही कुछ किस और सेक्स की बातें कर के फोन काट दिया.

अभी मैं फोन रख के कपड़े बदल रहा था के फिर से मोबाइल की घंटी बजी दूसरी तरफ पिंकी थी और मुझे मुबारकबाद दे रही थी और बोली के राजा तुम्हारी याद बोहोत आती है जल्दी से आ जाओ प्लीज़. जब तक तुम यहा नही थे तो इतना नही महसूस होता था पर अब तुम यहा आ गये हो तो तुम से अलग रहने का मन नही करता तो मैं ने बोला के ठीक है जल्दी ही प्रोग्राम बनाता हू तो बोली के ठहरो मम्मी भी तुम से बात करना चाह रही थी मैं वही उनके कमरे मे फोन ले के जा रही हू तो मैं ने बोला के ठीक है. एक मिनिट के अंदर ही दूसरी तरफ से आवाज़ आई. सुनीता देवी थी बोली हेलो राज मेरी जान कैसे हो अभी रास्ते मे हो या वापस आ गये तो मैं ने बोला के अभी अभी आया हू बॅस तो बोली के खाना खा लिया तो मैं ने बोला के नही अभी नही खाया और अभी अभी तो वापस आया हू 1 महीने के बाद अभी बाहर जा के देखता हू खाने को कुछ मिलता है क्या तो उन्हो से बोला के अरे पगले मेरे पास सब कुछ है तुम्है खिलाने के लिया बॅस तुम जल्दी से यहा चले आओ. मैं ने घड़ी देखी तो रात के 10 बजे थे मैं ने बोला के ठीक है आंटी मैं आ रहा हू आप खाना रेडी रखिए तो उन्हो ने बोला के मैं ने हमेशा की तरह से पीछे वाला डोर खुला छोड़ दिया है तुम डाइरेक्ट मेरे कमरे मे आ जाओ तो मैं ने बोला के ठीक है आंटी मैं 15-20 मिनिट मे आ जाउन्गा. और मैं पिंकी के घर जाने के लिए रेडी होने लगा. बॉक्सर्स शॉर्ट और टी शर्ट पहेन के मैं बाइक निकाल के थोड़ी देर मे ही उनके घर उनके बेडरूम मे पोहोच गया.

कमरे मे बोहोत थोड़ी रोशनी थी. मैं कमरे के अंदर आ गया और डोर को लॉक कर दिया. आंटी और पिंकी सोफे पे बैठे थे. आंटी के सामने टेबल पे शॅंपेन की बॉटल खुली रखी थी और ग्लास मे थोड़ी सी शराब बची थी जिसे आंटी के ही घूँट मे गटक गयी और एक डकार मारते हुए मज़े से अपने होटो से अपनी ज़ुबान फेरने लगी. पिंकी प्रेग्नेंट थी पर उसका पेट उतना बढ़ा हुआ नही लग रहा था. एक नज़र मे देख के कोई नही बोल सकता था के वो प्रेग्नेंट है. पिंकी इतनी कम रोशनी मे भी किसी चाँद की तरह से चमक रही थी. अब मुझे याद आया के किसी ने कभी कहा था के प्रेग्नेंट लड़की बोहोत खूबसूरत हो जाती है और वैसे भी पिंकी बोहोत ही खूबसूरत थी लैकिन उसको एक महीने के बाद देख रहा था तो वो मुझे बोहोत ही खूबसूरत लग रही थी. उसने सिल्क की गुलाबी रंग की नाइटी पहनती थी और आंटी कॉटन की नाइटी पहने बैठे थे. आंटी भी कुछ ज़ियादा ही उत्तेजीत दिख रही थी क्यॉंके उनकी चूत को भी मूसल इतने दीनो से नही मिला था. मैं दोनो के बीचे मे आ के बैठ गया और मेरे बैठ ते ही दोनो के हाथ एक साथ मेरे लंड पे आ गये तो हम तीनो मुस्कुरा दिए. मैं ने आंटी और पिंकी से बोला के सब से पहले मुझे बताओ के तुम लोग मुझे क्या

खिलाने वाले हो तो दोनो ने ही मेरा एक एक हाथ पकड़ के अपनी चूतो पे रख दिया और बोले के यह खिलाएँगे तुम्है तो मैं हस्ने लगा और बोला के ओके नो, प्राब्लम, ठीक है तुम लोग जो खिलाओगे मैं खा लूँगा. उसके बाद हम तीनो ने अपने अपने कपड़े बड़ी जल्दी मे उतार दिए और बे-सबरी से बिस्तर पे चले गये.
 
मारवाड़ की मस्त मलाई पार्ट --26



गतांक से आगे........................

पिंकी की प्रेग्नेन्सी के चलते उसको डॉक्टर ने चुदवाने से मना किया था इसी लिए वो नीचे पीठ के बल लेट गयी और सुनीता आंटी उसके ऊपेर 69 की पोज़िशन मे आ गयी. पिंकी के पैर मुड़े हुए थे और आंटी पिंकी के ऊपेर झुकी उसकी चिकनी चूत को मज़े ले ले के चाट रही थी. आंटी की गुलाबी चूत और छोटे से गंद के सुराख को देख के मेरे लंड मे तनाव कुछ और बढ़ गया. मैं आंटी के पीछे आ गया और आंटी को थोड़ा आगे किया जिसके चलते पिंकी का मूह उनकी चूत से हट गया और मैं ने पिंकी के मूह मे अपना लंड डाल दिया जिसे वो बड़े मज़े से चूसने लगी. यह देख के आंटी अपनी जगह से उठी और पिंकी के बदन के दोनो तरफ अपने पैर रख के मेरे सामने खड़ी हो गयी और मेरे मूह पे अपनी चूत को लगा दिया जिसे मैं चूमने और चाटने लगा. आंटी अपने दोनो हाथ मेरे सर पे रख के मेर मूह के अंदर अपनी चूत घुसेड रही थी और इतनी मस्ती मे थी के अपनी गंद को आगे पीछे कर के मेरे मूह को ज़ोर ज़ोर से चोदना शुरू कर दिया और उनकी सेन्सिटिव क्लाइटॉरिस से मेरे दाँत कीरगड़ खाते ही उनकी आँखें बंद होगयी और अपनी गंद को पीछे कर के मेरे सर को टाइट पकड़ के एक ज़ोर का झटके से अपनी चूत को मेरे मूह मे दबा दिया, उनकी आँखें बंद हो गयी और उनका बदन अकड़ गया और वो मेरे सर को अपनी चूत मे दबाए हुए झड़ने लगी और मैं उनकी चूत का रस पीने लगा. इधर जैसे जैसे आंटी मेरे मूह मैं झटके मार मार के मेरे मूह को चोद रही थी उसी के चलते मेरा लंड पिंकी के मूह की ऑटोमॅटिक चुदाई करने लगा. पिंकी को बोहोत दीनो से मेरा मूसल नही मिला था इसी लिए वो बड़ी मस्ती और बड़ी तेज़ी से और मज़े से मेरा लंड किसी मीठे मीठे लॉली पोप की तरह से चूस रही थी. मेरे लंड को भी 2 दिन से कोई चूत चोदने को नही मिली थी इसी लिए अब मुझे लगा के मेरी मलाई निकलने वाली है और मेरे बॉल्स मे उबाल आने लगा है तो मैं और तेज़ी से पिंकी के मूह को चोदने लगा और एक फाइनल झटका मार के अपने लंड को पिंकी के हलक के अंदर तक उतार दिया जिसके चलते उसकी आँखें बाहर को निकल गयी और वो गग्ग्गूऊव गग्ग्घह की आवाज़ें निकालने लगी और मेरे लंड से गरम मलाई की धारियाँ निकल निकल के डाइरेक्ट पिंकी के पेट मे गिरने लगी जिसे उसने एक बूँद ज़ाए किए बिना एक एक बूँद चाट ली.

पिंकी की चूत आंटी के चाटने से और मेरे लंड को चूसने से पिंकी बोहोत ही चुदसी हो गयी थी और अब बोल रही थी के राजा प्लीज़ मुझे चोद डालो मे नही रह सकती तुम्हारे लंड के बिना मैं तुम्हारे पाव पड़ती हू राजा प्लीज़ मुझे चोद के मेरी गरम चूत की आग को शांत करदो तो मैं ने बोला के ठीक है तुम्हारी चूत की प्यास को भी बुझा दूँगा पर थोडा वेट करो क्यों के मैं चाहता हू के तुम पूरी सावधानी बर्तो और मैं ने सोचा है के मैं अपनी प्यारी आंटी को चोद्ता हू और जब मेरी मलाई निकलने वाली रहेगी तो तुम्हारी चूत को चोद के उसके अंदर अपनी मलाई डाल दूँगा तो वो थोड़ी सी ना नू के बाद तय्यार हो गयी.

इतनी देर मे आंटी भी बिस्तर पे चढ़ के पिंकी के बगल मे पीठ के बल लेट चुकी थी तो मैं ने उनसे बोला के आंटी आप पेट के बल लेटो और पिंकी अभी तक नही झड़ी है आप उसकी चूत को चाट चाट के झाड़ा दो. पिंकी अपनी टाँगें खोल के पीठ के बल चित लेट गयी और आंटी अपने पैर पीछे कर के अपने मूह को पिंकी की चूत से सटा के उल्टा लेट गयी और उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगी तो फॉरन ही पिंकी ने आंटी का सर पकड़ के अपनी चूत मे घुसा लिया और अपनी गंद उठा उठा के अपनी सास के मूह मे अपनी चूत घुसेड के रगड़ने लगी. वाह क्या सीन था दोस्तो सास अपनी बहू की चूत को चाट रही थी और खुद किसी और से चुदवा रही है. आंटी पेट के बल लेटी थी और उन्हो ने थोड़ा सा अपने घुटनो पे वज़न डाल के अपनी गंद ऊपेर को उठा दी थी. मैने आंटी के दोनो पैरो को थोडा सा खोल दिया और उनके बीच मे अपने पैर पीछे को लंबे कर के आंटी के पीठ पे लेट गया. मेरा लंड तो पिंकी के थूक से बोहोत गीला हो चुका था. आंटी की कमर को पकड़ के उनकी गंद को थोड़ा ऊपेर उठा दिया. ऐसी पोज़िशन मे आंटी की चूत किसी डबल रोटी की तरह से फूली हुई लग रही थी, चूत के मोटी पंखाड़ियान लाल हो गयी थी और दोनो पंखदिओं के बीचे से उनकी छोटी सी क्लाइटॉरिस अभी अभी के ऑर्गॅज़म से फूल पिचक रही थी. आंटी की गंद थोड़ी ऊपेर उठी हुई थी और मैं उनके ऊपेर लेट के उनकी नेक पे किस कर रहा था और उनके बदन के नीचे हाथ डाल के उनके बूब्स को दबा रहा था और मसल रहा था. आंटी को अपनी चूत पे मेरे लंड का सूपड़ा महसूस हो रहा था तो आंटी ने अपना एक हाथ अपने बदन के नीचे डाल के मेरे लंड के डंडे को पकड़ लिया और अपनी चूत को थोड़ा पीछे धकेल जिसके चलते लंड का चिकना सूपड़ा उनकी गीली चूत मे घुस गया तो आंटी अपनी ऊट के अंदर लंड के सूपदे को ऊपेर नीचे कर के घिसने लगी. लंड से प्री कम निकल रहा था और आंटी अब फुल मस्ती मे आ चुकी थी और मेरे से धीमी आवाज़ मे बोली के चोद डाल राजा चोद डाल मेरी चूत को क्या देख रहा है रे देख मेरी चूत तय्यार है भट्टी

जैसी गरम हो गयी है. मेरे दोनो हाथ आंटी के बूब्स पे थे और मैं मसल रहा था. बूब्स पे से हाथ हटा के उनके शोल्डर्स को पकड़ लिया तो आंटी समझ गयी के अब उनकी चूत मे मूसल घुसने वाला है तो वो अपने मूह को एक बार फिर पिंकी के चूत पे रख के चाटने लगी. मेरा एक ही पवरफुल झटका लगा और पूरे का पूरा लंड आंटी की चूत को चीरता हू जड़ तक अंदर घुस के उनकी बचे दानी से टकरा गया तो उनके मूह से एक सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स उउउउउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्

ह्ह जैसी सिसकारी निकली और जोश मे उन्हो ने पिंकी की चूत को अपने दांतो से काट डाला तो पिंकी भी मज़े से आआआआहह ऊऊईईईई म्‍म्म्ममाआआआआ जैसी आवाज़ें निकालने लगी और अपनी गंद थोड़ी और ऊपेर उठा के आंटी के मूह को चोदने लगी. मैं इधर आंटी की गरम चूत को चोद रहा था और आंटी उल्टा लेटी अपनी बहू की चूत को मज़े से चाट रही थी. मेरी चुदाई के धक्को से जो आंटी आगे पीछे हो रही थी तो उसी ताल से ताल मिलाते हुए उनका मूह भी पिंकी की चूत मे आगे पीछे हो रहा था. आंटी की जीभ बाहर निकली हुई थी और धक्को से ऑटोमॅटिकली पिंकी की चूत को चाते जा रही थी. सास और बहू दोनो मस्ती मे सेक्स का मज़ा ले रहे थे. अब मेरे धक्के तेज़ होने लगे थे. मैं दीवानो की तरह से आंटी को चोद रहा था जिसके चलते अब आंटी भी बोहोत तेज़ रफ़्तार से पिंकी की चूत को चाट रही थी. आंटी और पिंकी दो तीन टाइम अपना जूस छोड़ चुके थे. मैं ने एक इतना पवरफुल झटका आंटी की चूत के अंदर मारा तो आंटी का बॅलेन्स आउट हो गया ऐसा लगा जैसे के मैं ने आंटी को ज़ोर से धकेल दिया और वो इतनी ज़ोर से आगे की ओर चली गयी और पिंकी के ऊपेर गिर गयी और मैं अपने ही फोर्स मे आगे आ गया और पोज़िशन ऐसी बन गयी के अब आंटी की चूत पिंकी के मूह के सामने हो गयी और पिंकी के चूत के सामने मेरा लंड लहराने लगा. जैसे ही पिंकी ने अपनी सास की डबल रोटी की तरह से फूली हुई लाल चूत अपने मूह के सामने देखी तो फॉरन आंटी की गंद को पकड़ के अपने ऊपेर दाब लिया और अपनी सास की चूत को चाटने लगी. इधर मेरा लंड आंटी की चूत को इतनी ज़ोर की ठोकर मार चुका था के उनकी चूत से जूस निकलता ही चला गया और वो झड़ती चली गयी और उनकी चूत से जैसे ज्वाला मुखी फूट पड़ा और उनका बदन अकड़ गया और अपनी चूत को अपनी बहू के मूह पे रख के आगे पीछे करने लगी और झड़ती ही चली गयी. झटके से जैसे ही आंटी का बॅलेन्स आउट हुआ, मेरा बॅलेन्स भी आउट हुआ और मैं सामने की तरफ आ गया. मेरे दोनो हाथ पिंकी के दोनो बदन के तरफ आ गये और झुक के मैं ने एक ही झटके मे अपने लंड को पिंकी की गीली चूत के अंदर घुसेड दिया. वो मस्ती मे चिल्ला पड़ी उउउउउउउउउउईईईईईईईईई म्‍म्म्मममममममाआआआ र्र्र्र्र्राआआआज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज हहाआआईईईई म्‍म्म्ममाआआज़्ज़्ज़्ज़्ज़ाआअ आआआ गग्ग्गाआआयययययाआ और जैसे ही मेरा लंड उसकी बचे दानी से

टकराया, उसकी नाज़ुक चूत मेरे झटके को बर्दाश्त नही कर पाई और उसकी प्रेग्नेंट चूत से जूस बहने लगा और उसका ऑर्गॅज़म शुरू हो गया और फिर चार पाँच मिनिट तक पिंकी की गीली चूत को चोद्ता रहा और वो मज़े से सस्स्स्स्स्स्सस्स आआआअहह र्र्र्र्ररराआआआजजजज्ज्ज आऐईसीए ह्हियियी कककचहूऊओद्दद्दूव हहाआईई रररीई म्‍म्मीर्ररिई चहूऊतततत गग्ग्गाआयईए और ऐसी ही मस्त सेक्सी आवाज़ेन्निकल ती रही और मस्ती से चुदवाति रही. मैं घचा गच उसकी चूत को मूसल से चोद्ता रहा और फिर 5 मिनिट की चुदाई के अंदर ही मेरे झटको से मेरे लंड ने भी मलाई का गरम गरम फव्वारा छोड़ दिया और मेरी गरम मलाई अपनी चूत के अंदर गिरती महसूस कर ते ही उसकी चूत से एक बार फिर से जूस निकल गया और वो गहरी गहरी साँसें लेती हुई हाथ पैर ढीले छोड़ के लेट गयी तो मैं फॉरन ही अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाल के उसकी बगल मे लेट गया क्यॉंके वो प्रेग्नेंट थी और मेरा वज़न उसके बदन पे पड़ने से उसको दरद हो सकता था. उधर आंटी की हालत भी ढीली हो गयी थी वो पिंकी के मूह मे अपनी चूत रखे गहरी साँसें लेते हुए लेती हुई झाड़ चुकी थी.

कमरे मे चुदाई की खुसभू फैल रही थी और महॉल चुदसी हो रहा था. हम तीनो बिस्तर पे नंगे पड़े गहरी गहरी साँसें लेते हुए आँखें बंद किए लेटे रहे. जब ऑर्गॅज़म का असर ख़तम हुआ तो आंटी जो पिंकी के मूह पे चूत दबाए लेटी थी वो अब सरक के नीचे की तरफ आ गयी और मेरे साइड मे लेट गयी. ऐसी पोज़िशन थी के हम तीनो नंगे थे और पिंकी और आंटी के बीचे मे मैंलेटा था. आंटी और पिंकी ने अपने अपने हाथ मेरे लंड पे रखे और दोनो मिल के मेरे लंड को मसल ने लगे. आज की चुदाई तो बड़ी ही घमासान चुदाई थी यह दोनो चूते मुझे बहुत दीनो के बाद चोदने को मिली थी तो मैं ने भी दीवानो की तरह से चोद डाला दोनो चूतो को. अब मुझे बोहोत भूक लगने लगी थी. सामने देखा तो टेबल पे डिन्नर रेडी रखा था. पिंकी ने बोला के वो लाला के साथ डिन्नर कर चुकी है और आंटी मेरा वेट कर रही है. मैं और आंटी नंगे ही टेबल पे आ गये और खाना खाने लगे. पिंकी हमै डिन्नर सर्व कर रही थी क्यों के सारे नौकर जा चुके थे और जो घर मे थे उनको मेरे बारे मे कुछ मालूम नही था.

आंटी और मैं पहले बाथरूम मे गये और दोनो ने एक दूसरे को साबुन से अछी तरह से रगड़ रगड़ के नहलाया. आंटी मेरे लंड को साबुन लगा के अछी तरह से मालिश किया तो मेरा लंड एक बार फिर से अकड़ने लगा तो आंटी ने मेरे लंड को ज़ोर से दबा दिया और बोली के वाह राजा भगवान ने क्या ऑयटर दिया है रे तेरे को

ऐसे मस्त लंड से तो कोई भी लड़की चुदवाने को कभी भी तय्यार हो जाए तो मैं ने आंटी को प्यार किया और बोला के मेरी प्यारी आंटी जान को मेरा लंड पसंद आया बॅस यही काफ़ी है. फिर मैं ने भी आंटी की चूत मे साबुन लगा के धोया उसके बाद एक दूसरे को टवल से ड्राइ कर के बाथरूम से बाहर निकल आए तो देखा के पिंकी गहरी नींद सो चुकी थी और उसके बूब्स ऊपेर नीचे होते हुए बोहोत ही हसीन लग रहे थे. उसके बूब्स मे अब दूध भरने लगा था इसी लिए वो थोड़े बड़े हो गये थे और पर्फेक्ट शेप मे थे. उसके निपल्स भी थोड़े बड़े हो रहे थे शाएद प्रेग्नेन्सी का असर था. पिंकी जब से प्रेग्नेंट हुई थी कुछ ज़ियादा ही सुन्दर लगने लगी थी. उसका चेहरा किसी चौदहवी के चाँद की तरह से चमकने लगा था. दोस्तो यह बात सच है के औरत जब मा बनने वाली होती है तो उसकी खूबसूरती और बढ़ जाती है.

खाना सोफे के सामने पड़ी सेंटर टेबल पे रखा था तो टेबल को थोड़ा करीब खेच लिया. आंटी मेरे राइट साइड मे बैठी थी और मैं उनके लेफ्ट साइड मे. आंटी ने एक ही प्लेट मे खाना निकाला, मैं समझ रहा था के मेरे लिए भी निकालेगी पर नही निकाला तो मैं थोड़ा वेट करने लगा के देखते है आंटी मेरे लिए खाना परोसती है या नही. उतने मैं आंटी अपनी प्लेट मे से अपने हाथ मे पूरी भाजी उठाई और मुस्कुराते हुए पहले तो मेरे तन तनाते हुए लंड के अतराफ् गोल गोल घुमाया और फिर अपने मूह मैं आधा नीवाला रख लिया और मेरी तरफ झुक गयी और अपने मूह को मेरी तरफ कर दिया तो मैं अपना मूह उनके मूह के सामने लाया और उनके मूह से आधा नीवाला तोड़ के खाया और आंटी ने उसी टाइम पे मेरे को किस करना चालू कर दिया. आंटी ने शराब की बॉटल उठाई और ग्लास फुल कर दिया और हर नीवाले के साथ एक एक चुस्की विस्की की लेटी रही. अब आंटी ने मेरे लंड को पकड़ लिया और मूठ मारने लगी और अपने मूह मे खाना रख रख के मुझे भी खिलाती रही और खुद भी खाती रही. आंटी का हाथ मेरे लंड पे रखते ही उसके अंदर एक एलेक्ट्रिसिटी दौड़ गयी और वो जोश मे लहराने लगा तो आंटी ने लंड के पकड़ के दबाया और बोला के थोड़ी देर ठहर जा बेटा मुझे पता है के तुझे भी भूक लगी हुई है थोड़ा वेट कर तुझे अभी चूत खिलाती हू और ऐसे पुचक़ारने लगी जैसे कोई छोटे बच्चे को पुचकारता है. मेरा हाथ तो फ्री था तो मैं भी अपना हाथ बढ़ा के आंटी की चूत की मसाज करने लगा तो आंटी की टाँगें खुल गयी और अब मैं आंटी की क्लाइटॉरिस की मसाज कर रहा था और साथ ही चूत के सुराख मे उंगली भी कर रहा था. थोड़ी ही देर मे आंटी के मूह से एक सिसकारी निकली उउउउउउउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह और उनकी चूत काँपते हुए झड़ने लगी.

झड़ना बंद होने तक बिना नीवाला खिलाए आंटी थोड़ी देर तक ऐसे ही सोफे पे पसर के बैठी रही और जब उनका ऑर्गॅज़म ख़तम हो गया तो वो अपनी जाग से उठी और मुझे बगल से पकड़ के उठाया और टेबल के करीब जो कुर्सी बिना हाथ वाली रखी थी उसपे बिठा दिया. कुर्सी के बैठने की जगह इतनी थी के बस चूतड़ ही समा सकते थे. यह ऑलमोस्ट एक टाइप का स्टूल ही था लैकिन इस्पे बॅक रेस्ट भी था इसी लिए कुर्सी जैसी लगती थी. मैं वो बिना हाथो वाली कुर्सी पे बैठ के पीछे टेका लगाया तो मेरा लंड कुछ और ऊपेर उठ गया और बिलकूम किसी एलेक्ट्रिक पोले की तरह से खड़ा हो गया. आंटी मेरे रनो के दोनो तरफ अपने पैर रख के मेरे लंड पे बैठने लगी तो मैं ने लंड के सूपदे को उनकी चूत से सुराख से सटा दिया. आंटी की चूत ऑर्गॅज़म से गीली हो चुकी थी और पैर फैलने से चूत थोड़ी खुल गयी थी इसी लिए लंड आसानी से उनकी चूत के अंदर घुसने लगा फिर भी उनकी चूत टाइट ही थी. आंटी जब मेरे लंड पे अछी तरह से बैठ गयी तो उनको लंड अपने पेट के बोहोत अंदर तक महसूस होने लगा. लंड के अंदर घुसने तक तो आंटी के मूह से सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स की आवाज़ निकल रही थी और जब लंड पूरी तरह से उनकी चूत के अंदर घुस चुका तो उनके चेहरे पे इतमीनान झलकने लगा. आंटी कभी मेरे लंड पे उछल कूद करती चुदवाति तो कभी प्लेट मे से खाना ले के अपने मूह मे रख के मुझे खिलाती. जितनी देर मैं खाना नही खा रहा होता आंटी के बूब्स को चूस्ता रहता. इस उमर मे भी उनके चुचियाँ बड़ी मस्त थी गुलाबी निपल्स के साथ. मुझे मेरे लंड पे आंटी की चूत सिकुद्ती फूलती महसूस होती रही. आंटी कभी खाना खाती तो कभी शराब पीती. मैं ने पूछा कैसा लग रहा है आंटी तो मुझे चूमते हुए बोली के अरे मेरे राजा क्या बताउ तुझे कैसा लग रहा है मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मैं स्वर्ग मे पहुँच गयी हू. मेरे कू तेरा यह मस्त लौदा हमेशा के लिए दे दे रे मैं तेरे लिए अपनी जान लूटा दूँगी मेरी सारी दौलत लेले पर मेरे कू तेरा यह लौदा दे दे तो मैं ने बोला के आंटी यह आपका ही तो है आपको जब चाहिए ले लो. आंटी के उछल कूद करने से मैं भी बोहोत ही जोश मे आ गया था और अब आंटी को नीचे डाल के ज़ोर दार तरीके से चोदना चाहता था. मैं ने आंटी को अपने ऊपेर से उठाया तो बोली के क्या हुआ रहने दे ना तो मैं ने बोला के नही आंटी अब मुझे चोदना है यह चूत को तो आंटी खुश हो गयी और बोली के ले ले मेरे राजा यह चूत हमेशा से तेरी ही है जब चाहे मार लिया कर.
 
मैं ने आंटी को उठाया और उनको कुर्सी पे बिठा दिया और उनकी टाँगो के बीच बैठ के उनकी चूत को चाटने लगा. उनकी चूत मेरे लंड को अंदर रखे ही रखे एक बार फिर से अंदर ही अंदर झाड़ चुकी थी इसी लिए उनकी चूत गीली हो गयी थी. मेरा

मूह आंटी की चूत से लगते ही उनकी टाँगें एक बार फिर से खुल गयी और मेरे सर को पकड़ के अपनी चूत के अंदर दबा लिया और कुर्सी से अपनी गंद उठा उठा के मेरे मूह को चोदने लगी और थोड़ी ही देर मे इतनी मस्ती मे आ गयी के कुर्सी से खड़ी हो गयी और खड़े खड़े ही अपनी गंद आगे पीछेकर के मेरे मूह को चोदने लगी और फाइनली मेरे सर को पकड़ के अपनी चूत मे बोहोत ज़ोर से दबा लिया और मेरे मूह मे ही झड़ने लगी. मैं उनकी चूत का रस मज़े ले के पीता रहा. झड़ने के बाद आंटी शांत हो गयी थी तो मैं अपनी जगह से खड़ा हो गया और आंटी की एक टांग को कुर्सी पे रख दिया और खड़े खड़े ही उनकी गीली चूत के अंदर लंड को घुसा दिया और चोदने लगा. ऑंटी मेरे से लिपट गयी और जो टांग कुर्सी पे थी उसको मेरी कमर पे लपेट लिया. मैं आंटी की गंद पकड़ के थोड़ा उठाया तो उन्हो ने दूसरी टांग भी फरश से उठा के मेरी कमर पे लपेट ली. अब आंटी की गंद हवा मे थी और मैं अपने दोनो हाथ आंटी की गंद के नीचे रख के उनकी खुली चूत की चुदाई करने लगा. थोड़ी ही देर मे मेरे धक्को की स्पीड बढ़ने लगी और मैं उनकी चूत को धना धन चोदने लगा. पूरा लंड हेड तक निकाल निकाल के ज़ोर ज़ोर से चोद रहा था और मुझे मेरा लंड उनकी बच्चे दानी से टकराता महसूस हो रहा था और हर झटके के साथ आंटी का बदन काँप जाता और वो मेरे से और ज़ियादा ज़ोर से चिपेट जाती. मेरे धक्को की स्पीड बढ़ गयी थी और मेरी क्रीम बस अब निकलने ही वाली थी के आंटी एक बार फिर से झड़ने लगी और उनके हाथ पैर ढीले पद गये और इसी के चलते आंटी की ग्रिप मेरी गर्दन पे ढीली पड़ी और वो नीचे स्लिप हो गयी और मेरा लंड उनकी चूत से बाहर निकल आया. आंटी मेरे बदन से स्लिप हो के नीचे उतेरी और मेरे लंड से क्रीम का फव्वारा छूटने ही वाला था के मेरी नज़र टेबल पे रखे शराब के ग्लास पे पड़ी जिस्मै विस्की फुल थी तो मैं ने ग्लास उठा लिया और अपने लंड को विस्की के अंदर घुसा दिया और मेरे लंड से मलाई निकल के ग्लास के पेन्दे मे जमा होने लगी. लंड से निकली मलाई गाढ़ी थी इसी लिए ग्लास के बॉटम मे जमी रही.

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मारवाड़ की मस्त मलाई पार्ट --27


गतांक से आगे........................

आंटी बे दम हो के ज़मीन पे बैठ चुकी थी और आँखें बंद किए गहरी साँसें ले रही थी. मेरे लंड से जब मलाई निकलना बंद हो गयी तो मैं ने अपना लंड विस्की से बाहर निकाला और विस्की की टपकती बूँदो के साथ अपना लंड आंटी के होटो पे रख दिया तो उनकी आँखें खुली और मेरी तरफ नशीली आँखो से देखते हुए बोली के वाह राजा यार तेरा लंड तो कमाल का है इसने मेरी जान ही निकाल दी और फॉरन ही मेरे लंड से टपकती विस्की की बूँदो को अपनी ज़ुबान से चाटने लगी. फिर बोली के ऐसे ही अपने लंड से मेरे कू विस्की पिला दे मेरे राजा तो मैं थोड़ी देर ऐसे ही अपने लंड को शराब के ग्लास

मे डुबो डुबो के उनके होटो से लगा ता रहा और वो मेरे लंड पे से विस्की पीती रही. थोड़ी ही देर मे उन्हो ने ग्लास उठाया और मेरे लंड को अपने हाथ से पकड़ के ग्लास के अंदर तक किया और मेरे लंड से निकली मलाई को मेरे ही लंड से मिक्स करने लगी और फिर पहले मेरे लंड पे से विस्की को चॅटा और फिर एक ही घूँट मे सारा ग्लास खाली कर दिया और एक बड़ी सी डकार मारी और बोली के राजा तेरी चुदाई मेरे कू ज़िंदगी भर याद रहेगी. शराब ख़तम कर के आंटी नीचे से उठी और मेरा हाथ पकड़ के बिस्तर मे खेचा और मुझे अपनी बगल मे लिटा लिया. मैं और आंटी दोनो बोहोत थक्क चुके थे इसी लिए लेट ते ही गहरी नींद सो गये.

पता नही क्या टाइम हुआ था मेरी आँख खुली तो देखा के अभी अंधेरा ही है और पिंकी बेड के पास बैठी है और मेरे लंड को चूस रही है. मैं उठा और उसके चेहरे को अपने दोनो हाथो से पकड़ के किस कर लिया. उसके ऊपेर बोहोत प्यार आ रहा था. मैं ने उसके सर को सहलाया और उसको अपने ऊपेर खेच लिया. उसके चूसने से और चुदाई से रेस्ट मिलने से मेरा लंड एक दम से अकड़ चुका था. पिंकी अपने दोनो पैर मेरे बदन के दो तरफ कर के मेरे नंगे बदन पे नंगी लेट गयी और हम फ्रेंच किस करने लगे. पिंकी मेरे ऊपेर झुकी हुई थी और ऐसी ही पोज़िशन मे वो थोडा पीछे खिसक गयी और उठ के मेरे लंड के डंडे पे बैठ गयी और अपनी गंद हिला हिला के मेरे लंड को अपनी चूत से सटाया और धीरे धीरे अपने बदन को पीछे पुश करने लगी. उसकी चूत गीली हो गयी थी और मेरा लंड भी उसके थूक से गीला था तो लंड का सूपड़ा उसकी चूत के अंदर घुस गया तो वो किस करते करते सस्स्स्स्स्स्स्सस्स की आवाज़ निकाली तो मैं ने बोला के पिंकी दरद हो रहा है तो लंड निकाल दू क्या तो उसने बोला के नही राजा अब नही रहा जाता मेरे से तुम अपने मूसल को मेरी चूत मे घुसा दो और खूब ज़ोर से चोदो तो मैं ने बोला के पिंकी मेरी जानू तुम्है पता है डॉक्टर ने तुम्हाई बेड रेस्ट बोला है और चुदाई से मना किया है तो वो बोली के मैं क्या करू मेरे राजा मेरी चूत के अंदर बोहोत खुजली हो रही है मेरे कू चोद डालो बॅस तो मैं ने बोला के ठीक है तुम खुद ही मेरे लंड को जितना चाहो अपनी चूत के अंदर ले लो और बिना तकलीफ़ उठाए चुदाई करो तो उसने बोला के ठीक है. पिंकी धीरे धीरे पीछे हटने लगी और धीरे धीरे मेरा मूसल लंड उसकी चूत के अंदर घुसने लगा. जितनी देर तक वो लंड को अपनी चूत के अंदर घुसाती रही उसके बदन मे एक तनाव सा था जब लंड पूरी तरह से अंदर घुस गया तो उसने एक लंबी साँस ली. पिंकी ने मेरे कान मे आहिस्ता से पूछा कुछ महसूस हो रहा है क्या राजा तो मैं ने बोला के हा तो उसने पूछाक्या महसूस हो रहा है तो मैं ने बोला के मुझे मेरा बेटा महसूस हो रहा है जो तुम्हारे पेट के अंदर पल रहा है तो उसने कहा के हा राजा मेरे कू तुम्हारे जैसा प्यारा

बेटा चाहिए और फिर हम किस करने लगे. पिंकी मेरे लंड को अपनी चूत के पूरा अंदर रखे ही रखे मेरे ऊपेर झुकी रही.थोड़ी देर मे वो मेरे लंड पे आगे पीछे फिसलने लगी. अब मेरा लंड भी उसकी चूत के अंदर फूल गया था. मैं अब अपनी गंद उठा के उसकी चूत को चोदने लगा. पिंकी थोड़ा आगे को आ गयी थी और ऑलमोस्ट हाफ लंड से चुदवा रही थी. मैं भी अपनी गंद उठा के हाफ लंड से ही उसकी चूत को चोद रहा था. वो मज़े की सिसकारिया ले रही थी और बोल रही थी आआअहह राजा क्या मस्त मज़ा आता है तुमहरे लंड से चुदवाने मे ऐसे ही चोदो राजा. वो बोहोत देर तक हाफ लंड पे ही अपनी चूत को अंदर बाहर करती रही. मैं उसके बूब्स को चूसने लगा तो पाया के उसके बूब्स मे से कुछ अजीब टेस्ट का रस निकला. शाएद उसकी चुचिओ मे दूध बनना शुरू हो गया था. पिंकी फुल मस्ती से चुदवा रही थी और फिर 10 – 15 मिनिट की चुदाई के बाद वो झड़ने लगी. उसके चूत के जूस से मेरा लंड और ज़ियादा चिकना हो गया था और अब मेरी मलाई भी निकलने का कगार पर थी. मैं अब उसको ऑलमोस्ट फुल लंड से चोद रहा था पर उसको नीचे लिटा के पवरफुल धक्के नही मारे क्यॉंके मैं कोई चान्स नही लेना चाहता था के कही मेरे ज़ोर के झटको से उसकी प्रेग्नेन्सी को कोई प्राब्लम ना हो जाए. उसकी प्रेग्नेंट चूत को चोदने मे बोहोत ही मज़ा आ रहा था और फिर थोड़ी ही देर मे मेरे बॉल्स मे हलचल मचना शुरू हो गयी और मैने अपने धक्के तेज़ कर दिए और फिर उसके शोल्डर को पकड़ के पूरी ताक़त से नीचे अपने लंड पे दबा दिया और अपने लंड को उसकी चूत के पूरा अंदर बच्चे दानी तक घुसा दिया और मेरी मलाई का फव्वारा छूटने लगा. जितनी देर तक मेरी मलाई निकलती रही मैं ने पिंकी को ज़ोर से दबा के पकड़ा हुआ था मुझे अपने लंड पे उसकी चूत फूलती पिचकति महसूस हो रही थी. मेरी गरम गरम मलाई के गिरते उसकी चूत एक बार फिर से काँपने लगी और उसकी चूत से जूस निकलने लगा. पिंकी गहरी गहरी साँसे लेती हुई मेरे सीने पे ढेर हो गयी. लंड उसकी गरम गीली चूत के अंदर ही भीगता पड़ा रहा. थोड़ी देर मे लंड उसकी चूत के अंदर ही सॉफ्ट हो गया.

पिंकी बदन पे पड़ी मुझे बे तहाशा चूमने लगी और बोली के राजा मुझे अपना लो राजा मैं लाला के साथ नही तुम्हारे साथ रहना चाहती हू तो मैं ने बोला के अरे खामोश हो जा तुम्हारी सास यही सो रही है तो उसकी आँख से आँसू निकल गये और बोली के क्या फ़ायदा ऐसे हज़्बेंड के साथ रहने से तो मैं ने बोला के पिंकी देख ऐसी बाते नही करते मैं यही हू ना तुमको अब यह परिवार के बारे मे सोचना है नही तो दो परिवार बदनाम हो जाएगे ऐसी पागल बातें ना करो प्लीज़ मैं तुम्हारे साथ हू ज़िंदगी भर तुम्हारे साथ ही रहुगा तुम किसी बात की चिंता मत करो तो उसकी आँखो से आँसू बहने लगे और मैं बड़े प्यार से

उसके सर और पीठ को सहलाता रहा फिर बोला के पिंकी मेर जानू ऐसे लेट ने से तुम्हारा पेट दब रहा है तुम यहा लेट जाओ तो वो लुढ़के के मेरे बाज़ू मे लेट गयी तो मैं ने पूछा क्या टाइम हुआ है तो उसने बोला के सुबह के 4 बजे है तो मैं ने बोला के देखो पिंकी किसी और के उठ ने से पहले और किसी नौकर के आने से पहले मैं चला जाता हू नही तो किसी को शक गया तो अछी बात नही होगी तो उसने ठीक है बोला और जब मैं अपने कपड़े पहेन के रूम के बाहर निकलने लगा तो वो मेरे से लिपट गयी और आँसू से रोने लगी तो मैं ने उसको प्यार किया और बोला के पिंकी प्लीज़ अपने ऊपेर काबू रखो और प्लीज़ रोओ मत. फिर मैं कमरे से बाहर निकला और कॉंपाउंड के बॅक डोर से बाहर निकल गया और अपनी बाइक पे बैठ के अपने घर आ गया और बिस्तर पे लेट ते ही गहरी नींद सो गया.

आशा और उषा

सुबह आँख खुली तो 10 बज रहे थे. जल्दी से शवर लिया और तय्यार हो के कॉलेज को चला गया. लास्ट पीरियड था उसी समय मेरे मोबाइल की घंटी बजी. देखा तो आशा का फोन था. मैं ने फोन डिसकनेक्ट कर दिया और शॉर्ट मेसेज दिया के मैं क्लास मे हू थोड़ी देर मे कॉल करता हू. उसका फोन देखते ही मेरा लंड मेरे पॅंट के अंदर अकड़ने लगा और मुझे आशा की चुदाई याद आने लगी के कैसे दीवार से चिपका के उसको चोदा था. अब मेरा दिल क्लास मे बिल्कुल भी नही लग रहा था मेरे दिमाग़ मे तो बस आशा और उसकी बहेन उषा की नयी चूत को चोदने का भूत सवार हो गया था. ज्यूँ त्यु करके क्लास ख़तम हुई और मैं तीर की तरह से अपनी बाइक की तरफ दौड़ता हुआ गया. बाइक स्टार्ट कर के सब से पहले आशा को फोन किया और उसका एग्ज़ॅक्ट अड्रेस पूछा. अड्रेस पे पहुँचने मे तकरीबन 10 मिनिट लगने का अंदाज़ा था.

मैं 15 मिनिट के अंदर उसके बताई हुई जगह पहुँच गया. आशा वाहा खड़ी बड़ी बेताबी से मेरा इंतेज़ार कर रही थी. उसका घर वी पास मे ही था और 2 मिनिट के अंदर ही हम उसके घर के अंदर थे. घर के अंदर घुसते ही आशा मेरे बदन से बोहोत जोश मे लिपट गयी और मेरे चेहरे पे चुम्मन की बौछार कर दी. आहह राजा कितना तडपया है तुमने तुम्है क्या मालूम मैं तो तुम्हारी और तुम्हारे मूसल की दीवानी हो चुकी हू तुम ने और तुम्हारे लौदे ने मेरी चूत पे जादू कर दिया है यह अब किसी और से चुदवाना नही चाहती बस इसे तो तुम्हारा मूसल ही चाहिए और मेरा हाथ पकड़ के अपनी चूत पे रख दिया और बोली के देखो इसे कैसे आंशू से रो रही है. मेरा हाथ उसकी चूत पे लगा तो पाया के उसकी चूत से रस्स टपक रहा था और वो समंदर जैसी गीली हो गयी थी मैं मुस्कुरा दिया के यह चूत के आँसू बड़े आछे है. हम अभी डोर के करीब हीखड़े एक दूसरे से लिपटे चूम रहे थे हमै खबर ही नही हुई के उसकी बड़ी बहेन उषा अपने रूम के दरवाज़े से हमै मुस्कुरा के देख रही थी. मेरी नज़र उस पर पड़ी तो मैं आशा के बदन से अलग हो गया तो उसने पलट के देखा तो उसकी बहेन उषा खड़ी मुस्कुरा रही थी तो आशा भी मुस्कुरा के बोली के सॉरी दीदी मैं राजा को देख के तुम्है भूल ही गयी थी तो उसने बोला ओह कोई बात नही.

आशा मेरा हाथ पकड़े उसकी बहेन के पास आई और बोली के दीदी यह राजा बाबू है जिनके बारे मे तुम्है बताया था तो उषा बड़ी अदा से मुस्कुरा के बोली के हा मैं समझ गयी थी. मैं ने उषा की तरफ देखा. उसने लाइट स्काइ ब्लू कलर की सारी टाइट बाँध रखी थी जिस से उसके सेक्सी चूतदो की गोलाई सॉफ दिखाई दे रही थी और शाएद उसने ब्रस्सिएर नही पहनी थी जिसके चलते उसके सारी के मॅचिंग के पतले कपड़े वाले ब्लाउस से उसके मस्त कड़क चुचियाँ भी दिखाई दे रही थी. गौर से देखने पर उसके लाइट ब्राउन कलर के कड़क निपल्स भी महसूस हो रहे थे. सारी पेट नीचे ऐसे बँधी हुई थी के अगर और 2 इंच नीचे को उतर जाए तो शाएद उसकी चूत का ऊपरी हिस्सा भी नज़र आजाए. उसके ब्लाउस और सारी के बीच मे पेट का हिस्सा और डीप नाभि भी बड़ी मस्त लग रही थी. उषा का रंग आशा से थोड़ा और खुलता हुआ था. देखने से तो लगता था के उसका स्किन भी बोहोत ही चिकना है. बड़ी बड़ी काली आँखें, चूतदो तक झूलते काले बाल और इतने प्यारे कमान के शेप के उसके होन्ट इतने सेक्सी थे के जिन्है देखते ही चूसने का दिल करे. मीडियम बिल्ट की आछे भरे भरे बदन की थी. जब वो मुस्कुराती तो उसके मोती जैसे दाँत चमक जाते. उसके चेहरे पे ज़बरदस्त सेक्स अपील थी और सब से कातिलाना उसकी मुस्कुराहट और उसके मस्त 36 साइज़ के बूब्स थे जिनके खड़े निपल्स उसके पतले कपड़े के ब्लाउस के ऊपेर से ही अकड़ के बता रहे थे के वो कितनी सेक्सी है. मैं उषा के करीब आया तो मुझे पता चला के उसने एक बोहोत ही ज़बरदस्त किसम का सेक्सी पर्फ्यूम लगाया हुआ है जिसे सूंघते ही मेरा मंन करने लगा के उसी टाइम उसको अपने सीने से लगा लू और प्यार करते करते उसके पर्फ्यूम को सूँघू. मैं उषा के पास आया और उसको हेलो बोला.
 
आशा और उषा मुझे ड्रॉयिंग रूम मे ले आई और सोफे पे बिठा दिया. उनका घर भी ठीक ठाक सॉफ सुथरा था. सलीके से चीज़ें अपनी जगह पे रखी हुई थी. घर अछी तरह से सज़ा हुआ था. लगता था के उषा के हज़्बेंड का बिज़्नेस अछा चलता था और उषा को घर सजाने का ढंग और इंटेरेस्ट थे. ड्रॉयिंग रूम मे एक सोफा सेट रखा था जहा प्लास्मा टीवी चल रहा था केबल पे MटV के कुछ हॉट सॉंग्स चल रहे थे. सोफे के

सामने की सेंटर टेबल पे केक, समोसे, पकोडे, पूरी और कुछ मिठाइयाँ सज़ा के रखी गयी थी ऐसा लग रहा थे के मेरे आने से पहले ही सारी तय्यारी कर चुके है. मैं घर को इधर उधर देखते हुए बोला के वाह उषा तुम्हारा घर तो बोहोत शानदार है तो मुस्कुरा के हाथ नमस्ते के स्टाइल मे जोड़ती बोली के शानदार लोगो का हमारे मामूली घर मे स्वागत हैं. आशा मेरी बगल मे बैठ गयी और उषा हमारे सामने के सोफे पे. आशा इतनी बे सबरी हो रही थी के बैठ ते ही एक बार फिर से मेरे को किस करना चालू कर दिया तो उषा हंस के बोली के बड़ी उतावली हो रही है तू, अरे राजा बाबू को कुछ नाश्ता पानी करने दे देखती नही के अभी कॉलेज से थके हारे आ रहे है. आशा ने पलट के टेबल से अपने हाथ मे केक का पीस उठाया और मेरे मूह मे डाल दिया और उसके साथ मे मेरे मूह से अपना मूह लगा दिया और केक का पीस कभी मेरे मूह मे तो कभी आशा के मूह मे घूम रहा था. उषा सामने बैठी बड़ी मीठी और नशीली नज़रो से हमै देख रही थी.
 
मारवाड़ की मस्त मलाई पार्ट --28



गतांक से आगे........................

थोड़ी देर मैं नाश्ता पानी करता रहा. इतनी देर मे आशा मेरे पॅंट के ऊपेर से ही मेरे लंड को सहला रही थी और लंड अपने अकड़ने की पूरी चरम सीमा पर पहुँच चुका था और पॅंट के अंदर से निकल ने को तड़प रहा था. आशा ने देखा और बोला के हाए राजा बाबू इस मूसल को क्यों सज़ा दे रही हो इसको क्यों क़ैद कर के रखा है, इसको क़ैद से आज़ाद करदो और यह कहते हुए उसने पॅंट की ज़िप खोल डाली और अंडरवेर को थोड़ा नीचे कर के मेरे लंड को पकड़ लिया और पॅंट के अंदर से बहेर निकाल दिया. लंड बहेर निकलते ही ऐसे लहराने लगा जैसे साँप के आगे बीन बजाने से साँप लहराता है. यह देख के उषा एक दम से बोल पड़ी वाउ क्या हथ्यार पाया है राजा बाबू आपका बोला और अपनी जगह से उठ के हमारे करीब के सोफे पे बैठ गयी और मेरे मस्ती से लहराते, बल खाते लंड को प्यार भरी सेक्सी और खा जाने वाली नज़रो से देखने लगी.

दो दो चूतो को चुदवाने के लिए बेताब देख कर मेरा दिमाग़ भी खराब हो चुका था. मैं आशा के सर को पकड़ के उसके मूह को चोदने लगा. आशा ने बिना मेरे लंड पे से मूह हटाए अपना एक हाथ पीछे किया और टेबल पे रखे केक के ऊपेर से टॉपिंग का चॉक्लेट अपने उग्न्लिओ मे उठाया और मेरे लंड पे अछी तरह मल दिया और मेरे लंड से लिक्विड चॉक्लेट चाटने लगी. मैं ने हाथ बढ़ा के उसके टॉप को उतार दिया. उसने अंदर ब्रस्सिएर नही पहनी थी. मैं उसके बूब्स को अपने दोनो हाथो से पकड़ के मसल्ने लगा. आशा के चुचियाँ मैं पहले भी दबा चुका था वो आज भी वैसे के वैसे ही कड़क थे और उसके निपल्स भी खड़े हो चुके थे. उसने बैठे ही बैठे अपना पॅंट उतार दिया और एक दम से नंगी

हो गयी. उसको नंगा देख के मेरा जोश कुछ और बढ़ गया तो मैं भी अपने चूतड़ सोफे से उठा दिया तो वो मेरा इशारा समझ गयी और मेरे पॅंट के अंदर हाथ डाले के पॅंट और अंडरवेर दोनो को एक साथ खेच के मेरे बदन से निकाल दिया. इतनी देर मे मैं भी अपना टी शर्ट निकाल के नंगा हो चुका था. उषा मेरे कसरती फौलादी बदन को बोहोत ही सेक्सी नज़रो से देखने लगी और फिर मेरे और करीब आ गयी और मेरे बदन पे हाथ फेर के मेरे बदन की ताक़त का अंदाज़ा लगाने लगी. जैसे ही उषा मेरे करीब आई मैं ने अपना हाथ उसकी गंद पे रख के उसको अपने करीब कर लिया और उसकी सारी के ऊपेर से ही उसकी चूत को सहलाने लगा तो उसने अपनी टाँगें खोल दी. मैं थोड़ी देर उसकी चूत को सहलाता रहा फिर हाथ ऊपेर कर के उसके बूब्स को दबाने लगा और साथ मे उसके ब्लाउस के हुक्स को भी खोल दिया. ब्रा तो उसने भी नही पहनी थी वो मैं पहले ही देख चुका था. जैसा ही ब्लाउस खुला मुझे उसके मस्त चुचियाँ दिखाई देने लगी. 36 के साइज़ के बोहोत ही प्यारे और पर्फेक्ट शेप मे थी उसकी चुचियाँ. कड़क भी थी. उसके निपल्स भी खड़े हो गये थे. वो मेरे करीब नीचे बैठ गयी तो मैं ने अपने लंड पे लगी हुई थोड़ी सी चॉक्लेट को अपने हाथ मे लिया और उसकी चुचिओ के ऊपेर लगा दिया और उन्है चूसने लगा. आशा मेरा लंड चूस रही थी और मैं उसकी बड़ी बहेन उषा की चुचिया चूस रहा था. उषा की चुचिओ को चूस्ते चूस्ते मैं ने अपना हाथ थोडा नीचे किया और उसकी चूत को सहलाने लगा तो उसने बैठे बैठे अपने टाँगें चौड़ी कर ली. मैं उसकी सारी के फोल्ड्स को खोलने लगा तो वो खड़ी हो गयी और खुद ही अपनी सारी और पेटिकोट का नाडा खोल के निकाल दिया और नंगी हो गयी. वाह क्या बताउ दोस्तो क्या पर्फेक्ट जिसम था उसका. एक दम से मस्त चिकने थाइस, और चूत तो क्या बताउ देखते ही मूह और लंड दोनो मे पानी आ गया बोहोत ही चिकनी चूत थी थोड़ी सी फूली हुई और उठा हुआ पेडू था उसका. वो नंगी बे इंतेहा खूबसूरत लग रही थी. मैं उसकी चूत को बड़े प्यार से सहलाने लगा. उसकी चिकनी बिना बालो वाली बेबी चूत बोहोत ही मस्त लग रही थी और मेरे हाथ उसकी चिकनी चूत पे फिसल रहे थे और मुझे बोहोत मज़ा आ रहा था ऐसा लगता था के उसने आज कि चुदाई के लिए उसने किसी बूटी पार्लर मे जा के ख़ास तोर से अपनी चूत की वॅक्सिंग करवाई है. मैने अपने मूह थोड़ा सा आगे किया और उसकी चिकनी चूत को किस किया तो जैसे साँस अंदर लेते है वैसे ही उसने साँस अंदर ली सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स की आवाज़ के साथ ही उसके टाँगें खुल गयी और उसने मेरे सर को पकड़ के अपनी चूत मे घुसा लिया. मैं थोड़ी देर तक उसकी चिकनी बेबी चूत को चूस्ता और चाट ता रहा. उषा ने भी अपने हाथ बढ़ा कर टेबल पे रखे केक के ऊपेर लगे हुए चॉक्लेट क्रीम को उठाया और अपनी चूत मे चुपद लिया. चूत के ऊपेर, पंखदिओं पे और पंखदिओं के अंदर चॉक्लेट भर लिया था. वो मेरे सामने खड़ी हुई थी और उसकी

चूत पूरी तरह से चॉक्लेट क्रीम से भर चुकी थी. मैने उसको अपनी तरफ खेच लिया और उसकी चूत पे लगी क्रीम चाट ने लगा. इधर आशा मेरे लंड को किसी आइस क्रीम की तरह से चाट रही थी. आशा कुछ ऐसे स्टाइल मे नीचे बैठी थी के उसकी चूत मेरे पैरो की उंगलिओ के सामने थी तो मैं अपने पैर के अंगूठे से उसकी चूत का मसाज करने लगा. मैं उसकी चूत की क्लाइटॉरिस को अपने पैर के अंगूठे से खेल रहा था. पैर का अंगूठा उसकी चूत के अंदर बहेर होने लगा. उसकी चूत गीली हो चुकी थी और वो कुछ इतनी मस्त हो गयी थी के अपने गंद को आगे पीछे कर के मेरे पैर के अंगूठे को अपनी चूत से चोद रही थी और मज़ा ले रही थी.

मेरा लंड को कभी पूरा अपने हलक के अंदर तक ले के चूस्ति तो कभी सिर्फ़ लंड के सूपदे को अपनी जीभ से चाट ती. ऐसे डिफरेंट स्टाइल से लंड चूसने मे मुझे बोहोत ही मज़ा आ रहा था और फिर एक टाइम आशा ने मेरे लंड को पूरा अपने हलक के अंदर तक उतार लिया और हलक के सुराख से मेरे लंड के सूपदे को अंदर बहेर करने लगी. लंड उसके हलक के सुराख के अंदर बहेर ऐसे हो रहा था जैसे उसके हलक का सुराख कोई टाइट चूत है जिसे मैं चोद रहा हू. वाह दोस्तो क्या बताउ ऐसा लग रहा था के मैं स्वर्ग मे पोहोच गया हू इतनी मस्त स्टाइल मे तो किसी ने भी मेरा लंड नही चूसा था और फिर एक ही मिनिट के अंदर मेरे लंड से गरम मलाई का फव्वारा डाइरेक्ट उसके हलक के अंदर चला गया पर उसने लंड चूसना नही छोड़ा. वो बड़े मज़े से लंड चूस रही थी और उसके ऐसे चूसने से लंड से मलाई निकलने के बावजूद भी लंड का तनाव कम नही हुआ बलके और ज़ियादा बढ़ गया. जब मेरी क्रीम निकल रही थी और मैं मस्ती मे चूर था और उषा की चूत मेरे मूह मे थी तो मैं ने उसकी चूत को दांतो से काट लिया तो वो मचल गयी और मेरे मूह मे अपनी चूत को घुसा दिया और मेरे मूह मे अपनी चूत को रगड़ते रगड़ते झड़ने लगी.

उधर आशा भी फुल मस्ती से मेरे पैर के अंगूठे को ज़ोर ज़ोर से चोदने लगी और एक ज़ोर का झटका मारा और उसकी चूत से जूस निकलने लगा जिसके चलते मेरे पैर का अंगूठा उसकी चूत के जूस से गीला हो गया. इधर मेरी क्रीम निकल रही थी उधर उषा की चूत से जूस का झरना फूट पड़ा था.

मैं ने आशा को कंधो से पकड़ के उठा लिया और अपने आकड़े हुए लंड पे बिठा लिया तो उसने अपने पैर मेरे बॅक पे लपेट लिए और मेरे से चिपक गयी. उसकी चूत बे इंतेहा गीली थी और पैर चीर के बैठने से चूत भी खुल गयी थी और वो मेरे लंड पे बैठने लगी. मेरा लंड धीरे धीरे उसकी चूत को चीरता
 
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