hotaks444
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गतान्क से आगे..............
अंकित घुमा...उसकी नज़रें नीचे थी..वो नही मिला पा रहा था..रितिका से नज़रें..उसने बड़ी लो वॉल्यूम
में कहा....आइ आम..आइ आम..सॉरी...वेरी.य...सॉरी...(और फिर उसने गाल पे से कुछ हटाया शायद उसकी आँखों में
भरा आँसू छलक आया था)
रितिका उसकी तरफ मासूमियत भरा चेहरा लेके आगे बड़ी.....उसने अंकित के चेहरे को अपने हाथों से उपर
उठाया....जब उसने अंकित की आँखें भरी हुई देखी तो उसे दिल में बड़ी खुशी हुई..वो सब कुछ जो
थोड़ी देर पहले अंकित ने कहा था..वो अब इस चेहरे को देख के भूल गयी..
आव्व्व्व.....रितिका ने बस इतना कहा और उसके गले लग गयी..और उसके बालोन्न में हाथ फिराने लगी..
रितिका :- बाय्स नोट लुक गुड व्हेन दे क्राइ..
अंकित :- आइ आम सो सॉरी...आइ आम वेरी स्सॉरी....में वो सब नही बोलना..
रितिका :- ष्ह...बस बस...कुछ मत कहो..(उसने पीठ को थपथपाते हुए कहा)
फिर उससे अलग हुई और उसको सॉफ़फे पे लेके बैठ गयी....अंकित अभी भी नज़रे नीचे झुकाए बैठा था..और
रितिका उसे देख के मुस्कुरा रही थी....और मन में सोचने लगी..
कैसा लड़का है ये...आज तक समझ नही पाई......
दोनो सोफे पे बैठे थे...रितिका अंकित को देखे जा रही थी पर अंकित अपने गर्दन नीचे झुका के बैठा था वो रितिका से थोड़ी देर पहले की गयी बातों के बाद उसे नज़रे नही मिला पा रहा था....
रितिका :- (उसके हाथ को अपने हाथ में लेते हुए) अंकित जस्ट रिलॅक्स....इतना परेशान होने की कोई ज़रूरत नही है...हो जाता है कभी कभी...इसमे तुम्हे टेन्षन लेने की कोई ज़रूरत नही है..मुझे बुरा बिल्कुल भी नही लगा....
अंकित अपना सर उठा के रितिका की तरफ देखते हुए...
अंकित :- नही....मेने जो भी कहा वो सही नही था...बिल्कुल ग़लत था और ये बात सच है आप भी जानते हो कि जो भी मेने कहा वो एक दम ग़लत था...पता नही इस कामीने दिमाग़ से क्या क्या आ जाता है...आप मुझे पनिशमेंट दो..हाँ वही सही रहेगा....जब तक इस कामीने को पनिशमेंट नही मिलेगी इसको पता नही चलेगा कि इसने कितनी बड़ी ग़लती की है..दो आप पनिशमेंट.....
अंकित के चुप होते ही रितिका खिला खिला के हँसने लगी....अंकित उसकी तरफ अपनी नज़रों से देखने लगा..उसे देख के अंकित के दिल में एक अजीब सी आहट हुई..रितिका के उस खूबसूरत चेहरे पर वो हँसी इतनी प्यारी लग रही थी...कि बॅस....खो जाने वाली...
अंकित :- आप हंस क्यूँ रहे हो?
रितिका :- अरे हंसु नही तो क्या करूँ....कैसे बच्चों की तरह बोल रहे हो..
अंकित :- हाँ..जो भी है...आप मुझे पनिशमेंट दो...में तभी समझूंगा..बस मुझे पनिशमेंट दो..
रितिका :- अच्छा....सोच लो फिर....
अंकित एक पल के लिए सोचने लगा....क्या इस बिल्ली से पंगा लेना ठीक रहेगा...पिछली बार तो बस इसके बालों को छेड़ा था तो इसने मेरे शरीर पर निशान छोड़ दिए थे..और इस बार तो पूरा मुँह इसके पंजों के आगे रख रहा हूँ..कहीं इस बार चेहरे को ही ना लपेटे में लेले...अरे नही नही...इसमे डरने का क्या है...है तो एक लड़की ही ज़्यादा से ज़्यादा क्या कर लेगी...
रितिका :- क्या हुआ डर गये?
अंकित :- डर और में..हाहहाहा...ऐसा नही होता...आइ आम रेडी...(स्टाइल मारते हुए)
रितिका :- ओके देन....जब तक में जो कहूँगी वो करना होगा....जैसा जैसा कहूँगी वैसा वैसा करना होगा...
अंकित :- ओके बट.
रितिका :- व्हाट?... अब ये मत कहना कि वांत सम रिलॅक्सेशन इन दिस पनिशमेंट..
अंकित :- ना ना..वो नही..में तो ये कह रहा था कि मुझे बर्तन माँजने नही आते....
(वो इस तरह बोला..कि रितिका अपनी हँसी को नही रोक पाई और खिला खिला के दोनो हँसने लगे)
थोड़ी देर बाद....डिन्नर करने के बाद..सारे काम ख़तम करने के बाद दोनो रूम में खड़े थे...
अंकित :- हाँ तो मेडम जी..डिन्नर भी हो गया..अब फ्री हो गये...क्या करने का है...
रितिका :- ह्म्म्म...बड़ी जल्दी है..
अंकित :- हाँ वो पनिशमेंट मिल जाए तो एक टेन्षन ख़तम होगी...(दाँत दिखाते हुए)
रितिका :- अच्छा...ह्म्म..ठीक है फिर...जाओ पीछे कुर्सी पे जाके बैठ जाओ (वो अपनी उंगली से पीछे कुर्सी की तरफ
इशारा करती है)
अंकित वहाँ जाके कुर्सी पे बैठ जाता है....अब.....(बैठते ही बोलता है)
रितिका अपनी कमर को मतकाते हुए आगे बढ़ती है...और कुर्सी के पीछे आल्मिरा में से कुछ निकालती है..
और फिर अंकित के पीछे आते हुए...
रितिका :- आँखें बंद करो...
अंकित बिना सवाल करे आँखें बंद कर लेता है..उसके दिल में एक उत्साह होता है कि क्या होने वाला है अब उसके साथ....इतने में...रितिका एक काली पट्टी लेती है..और उसके आँखों पे बाँध देती है....
अंकित :- ये क्या....(थोड़ा घबराते हुए)
रितिका :- ष्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह...(रितिका पीछे से ही अंकित के लिप्स पे उंगली रखती है) कोई सवाल नही....
अंकित चुप हो जाता है..फिर रितिका एक एक कर के उसके दोनो हाथ कुर्सी से बाँध देती है...और उसके बाद उसके
पैर भी कुर्सी से बाँध देती है....
अंकित :- आज क्या मर्डर करने का प्लान है.....(थोड़ा मुस्कुराते हुए)
रितिका उसके चेहरे के बिल्कुल करीब जाते हुए..
रितिका :- क्यूँ ऐसा क्यूँ लगा तुम्हे..
अंकित :- वो सीरियल में दिखाते हैं ना..ऐसे पट्टी बाँधी और गला काट देने का..हाहहहाहा...
रितिका :- (मुस्कुराते हुए एक उंगली को अंकित के चेहरे पर फिराती है) फिर कुछ ऐसा ही समझ लो...
अंकित की तो इस अदा को महसूस करके ही बॅंड बज जाती है..उसके लंड ने हरकत देनी शुरू कर दी...
रितिका इतना बोलती है और फिर चली जाती है...अंकित को लगता है कि वो कुछ कर रही है...पर जब कुछ देर तक कोई आहट नही होती..तो उसकी सच में फट जाती है..
क्रमशः...........................
अंकित घुमा...उसकी नज़रें नीचे थी..वो नही मिला पा रहा था..रितिका से नज़रें..उसने बड़ी लो वॉल्यूम
में कहा....आइ आम..आइ आम..सॉरी...वेरी.य...सॉरी...(और फिर उसने गाल पे से कुछ हटाया शायद उसकी आँखों में
भरा आँसू छलक आया था)
रितिका उसकी तरफ मासूमियत भरा चेहरा लेके आगे बड़ी.....उसने अंकित के चेहरे को अपने हाथों से उपर
उठाया....जब उसने अंकित की आँखें भरी हुई देखी तो उसे दिल में बड़ी खुशी हुई..वो सब कुछ जो
थोड़ी देर पहले अंकित ने कहा था..वो अब इस चेहरे को देख के भूल गयी..
आव्व्व्व.....रितिका ने बस इतना कहा और उसके गले लग गयी..और उसके बालोन्न में हाथ फिराने लगी..
रितिका :- बाय्स नोट लुक गुड व्हेन दे क्राइ..
अंकित :- आइ आम सो सॉरी...आइ आम वेरी स्सॉरी....में वो सब नही बोलना..
रितिका :- ष्ह...बस बस...कुछ मत कहो..(उसने पीठ को थपथपाते हुए कहा)
फिर उससे अलग हुई और उसको सॉफ़फे पे लेके बैठ गयी....अंकित अभी भी नज़रे नीचे झुकाए बैठा था..और
रितिका उसे देख के मुस्कुरा रही थी....और मन में सोचने लगी..
कैसा लड़का है ये...आज तक समझ नही पाई......
दोनो सोफे पे बैठे थे...रितिका अंकित को देखे जा रही थी पर अंकित अपने गर्दन नीचे झुका के बैठा था वो रितिका से थोड़ी देर पहले की गयी बातों के बाद उसे नज़रे नही मिला पा रहा था....
रितिका :- (उसके हाथ को अपने हाथ में लेते हुए) अंकित जस्ट रिलॅक्स....इतना परेशान होने की कोई ज़रूरत नही है...हो जाता है कभी कभी...इसमे तुम्हे टेन्षन लेने की कोई ज़रूरत नही है..मुझे बुरा बिल्कुल भी नही लगा....
अंकित अपना सर उठा के रितिका की तरफ देखते हुए...
अंकित :- नही....मेने जो भी कहा वो सही नही था...बिल्कुल ग़लत था और ये बात सच है आप भी जानते हो कि जो भी मेने कहा वो एक दम ग़लत था...पता नही इस कामीने दिमाग़ से क्या क्या आ जाता है...आप मुझे पनिशमेंट दो..हाँ वही सही रहेगा....जब तक इस कामीने को पनिशमेंट नही मिलेगी इसको पता नही चलेगा कि इसने कितनी बड़ी ग़लती की है..दो आप पनिशमेंट.....
अंकित के चुप होते ही रितिका खिला खिला के हँसने लगी....अंकित उसकी तरफ अपनी नज़रों से देखने लगा..उसे देख के अंकित के दिल में एक अजीब सी आहट हुई..रितिका के उस खूबसूरत चेहरे पर वो हँसी इतनी प्यारी लग रही थी...कि बॅस....खो जाने वाली...
अंकित :- आप हंस क्यूँ रहे हो?
रितिका :- अरे हंसु नही तो क्या करूँ....कैसे बच्चों की तरह बोल रहे हो..
अंकित :- हाँ..जो भी है...आप मुझे पनिशमेंट दो...में तभी समझूंगा..बस मुझे पनिशमेंट दो..
रितिका :- अच्छा....सोच लो फिर....
अंकित एक पल के लिए सोचने लगा....क्या इस बिल्ली से पंगा लेना ठीक रहेगा...पिछली बार तो बस इसके बालों को छेड़ा था तो इसने मेरे शरीर पर निशान छोड़ दिए थे..और इस बार तो पूरा मुँह इसके पंजों के आगे रख रहा हूँ..कहीं इस बार चेहरे को ही ना लपेटे में लेले...अरे नही नही...इसमे डरने का क्या है...है तो एक लड़की ही ज़्यादा से ज़्यादा क्या कर लेगी...
रितिका :- क्या हुआ डर गये?
अंकित :- डर और में..हाहहाहा...ऐसा नही होता...आइ आम रेडी...(स्टाइल मारते हुए)
रितिका :- ओके देन....जब तक में जो कहूँगी वो करना होगा....जैसा जैसा कहूँगी वैसा वैसा करना होगा...
अंकित :- ओके बट.
रितिका :- व्हाट?... अब ये मत कहना कि वांत सम रिलॅक्सेशन इन दिस पनिशमेंट..
अंकित :- ना ना..वो नही..में तो ये कह रहा था कि मुझे बर्तन माँजने नही आते....
(वो इस तरह बोला..कि रितिका अपनी हँसी को नही रोक पाई और खिला खिला के दोनो हँसने लगे)
थोड़ी देर बाद....डिन्नर करने के बाद..सारे काम ख़तम करने के बाद दोनो रूम में खड़े थे...
अंकित :- हाँ तो मेडम जी..डिन्नर भी हो गया..अब फ्री हो गये...क्या करने का है...
रितिका :- ह्म्म्म...बड़ी जल्दी है..
अंकित :- हाँ वो पनिशमेंट मिल जाए तो एक टेन्षन ख़तम होगी...(दाँत दिखाते हुए)
रितिका :- अच्छा...ह्म्म..ठीक है फिर...जाओ पीछे कुर्सी पे जाके बैठ जाओ (वो अपनी उंगली से पीछे कुर्सी की तरफ
इशारा करती है)
अंकित वहाँ जाके कुर्सी पे बैठ जाता है....अब.....(बैठते ही बोलता है)
रितिका अपनी कमर को मतकाते हुए आगे बढ़ती है...और कुर्सी के पीछे आल्मिरा में से कुछ निकालती है..
और फिर अंकित के पीछे आते हुए...
रितिका :- आँखें बंद करो...
अंकित बिना सवाल करे आँखें बंद कर लेता है..उसके दिल में एक उत्साह होता है कि क्या होने वाला है अब उसके साथ....इतने में...रितिका एक काली पट्टी लेती है..और उसके आँखों पे बाँध देती है....
अंकित :- ये क्या....(थोड़ा घबराते हुए)
रितिका :- ष्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह...(रितिका पीछे से ही अंकित के लिप्स पे उंगली रखती है) कोई सवाल नही....
अंकित चुप हो जाता है..फिर रितिका एक एक कर के उसके दोनो हाथ कुर्सी से बाँध देती है...और उसके बाद उसके
पैर भी कुर्सी से बाँध देती है....
अंकित :- आज क्या मर्डर करने का प्लान है.....(थोड़ा मुस्कुराते हुए)
रितिका उसके चेहरे के बिल्कुल करीब जाते हुए..
रितिका :- क्यूँ ऐसा क्यूँ लगा तुम्हे..
अंकित :- वो सीरियल में दिखाते हैं ना..ऐसे पट्टी बाँधी और गला काट देने का..हाहहहाहा...
रितिका :- (मुस्कुराते हुए एक उंगली को अंकित के चेहरे पर फिराती है) फिर कुछ ऐसा ही समझ लो...
अंकित की तो इस अदा को महसूस करके ही बॅंड बज जाती है..उसके लंड ने हरकत देनी शुरू कर दी...
रितिका इतना बोलती है और फिर चली जाती है...अंकित को लगता है कि वो कुछ कर रही है...पर जब कुछ देर तक कोई आहट नही होती..तो उसकी सच में फट जाती है..
क्रमशः...........................