hotaks444
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कमीना पार्ट - II Incest
writer-RKS
दोस्तो आपके लिए एक और कहानी पेश है
चेतावनी ........... ये कहानी समाज के नियमो के खिलाफ है क्योंकि हमारा समाज मा बेटे और भाई बहन और बाप बेटी के रिश्ते को सबसे पवित्र रिश्ता मानता है अतः जिन भाइयो को इन रिश्तो की कहानियाँ पढ़ने से अरुचि होती हो वह ये कहानी ना पढ़े क्योंकि ये कहानी एक पारवारिक सेक्स की कहानी है
कविता- सुनो ना एक बार चूत चाटो ना,
सोनू- पहले तुम मेरा लंड छोड़ो कब से मसल रही हो, कही ऐसा ना हो कि चोदने से पहले ही पानी निकल जाए,
कविता- नही मैं नही छ्चोड़ूँगी पर तुम थोड़ी देर मेरी चूत चाट लो ना प्लीज़,
सोनू- अच्छा चाटता हू, और फिर सोनू कविता की फूली हुई चिकनी चूत जिसके बाल सोनू ने खुद ही अभी थोड़ी देर पहले साफ किए थे को फैला-फैला कर खूब कस कस कर चूसने लगा और कविता सोनू के मोटे 10 इंच के लंड को खूब दबोच दबोच कर चूसने लगी, करीब 10 मिनिट तक सोनू अपनी बीबी कविता की मस्त फूली हुई रसीली चूत चाटता रहा और कविता भी अपने पति के मोटे और लंबे लंड को खूब दबोच दबोच कर चुस्ती रही, कविता की चूत देख देख कर सोनू बिल्कुल पागल हो रहा था और कविता उसे देख कर उसके लंड को दबोचते हुए मुस्कुरा रही थी,
सोनू- वाह मेरी जान क्या मस्त भोसड़ा है तेरा, मुझे ऐसे ही फूला हुआ भोसड़ा चूसने मे बहुत मज़ा आता है,
कविता- तो चूसो ना किसने मना किया है खूब दबा दबा कर खूब कस कस कर चूसो, आह आह ओह ओह ओह सोनू आइ लव यू आह आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह खा जाओ मेरी चूत पूरी पी जाओ ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मेरे राजा और चूसो आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आह आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह,
सोनू- देख तो कविता तेरी चूत कितनी फूल गई है बिल्कुल मेरी.........
कविता- मुस्कुराते हुए क्या कहा तुमने,
सोनू- मुस्कुराकर कुछ नही,
कविता- मंद मंद मुस्कुरा कर, हे कितना मोटा लंड है आपका आज लगता है मेरी चूत फाड़ देगा,
सोनू- कविता के मोटे मोटे बोबे दबाते हुए, मेरी रंडी रानी यह मोटा लंड तो बड़ी बड़ी चुतो को भी फाड़ सकता है,
कविता- जानती हू तुम्हे तो खूब बड़े बड़े भोस्डे ज़्यादा पसंद आते है,
सोनू- मेरी जान तेरा भोसड़ा भी तो बिल्कुल बड़ी बड़ी औरतो की तरह हो गया है, जब भी मैं तेरी चूत चाटता हू तो लगता है कि अपनी..........
कविता- मुस्कुराते हुए क्या अपनी आगे भी तो कहो,
सोनू- मुस्कुरा कर कविता के मोटे मोटे दूध दबाते हुए, अच्छा मेरी रानी मूवी देखेगी,
कविता- वो जंगल वाली मूवी दिखाइए ना,
सोनू- अपने मन मे क्या बात है आज तो मेरी सती सावित्री चाय्स बता रही है,
सोनू- वही मूवी जिसमे उस आदमी का खूब मोटा और लंबा लंड था,
कविता- मुस्कुराते हुए, हाँ
सोनू- अच्छा कविता जब तू मुझसे दूर रहती है तो तुझे ऐसे ही मोटे मोटे लंड याद आते है ना,
कविता- मुस्कुरा कर सोनू के लंड को दबोचते हुए, हाँ
सोनू- ऐसे मोटे मोटे लंड को सोच कर क्या महसूस होता है, तुम अपनी आँखे बंद करके ऐसे मोटे लंड को अपने हाथो मे कस कर महसूस करती हो या फिर अपनी फूली हुई चूत मे महसूस करती हो,
कविता- मंद मंद मुस्कुराते हुए, अपनी चूत मे ऐसे मोटे लंड को महसूस करती हू,
सोनू- कविता को चूमते हुए, तुम्हे उस समय बहुत अच्छा लगता होगा ना,
कविता- हाँ,
सोनू अपने मन मे सोचता है कि आज पहली बार उसकी बीबी जो कि उससे तीन महीने बाद मिली है काफ़ी खुल कर बाते कर रही है, नही तो आज के पहले याने शादी के 12 साल हो जाने के बाद भी कविता को कोई मूवी दिखाओ या फिर किसी और मर्द के लंड की बात करो तो वह अपना मूड खराब कर लेती थी और सोनू से नाराज़ होकर कहती थी कि आप अपने लंड के अलावा मुझसे और किसी के लंड की बात ना किया करो मुझे अच्छा नही लगता है,
यहाँ तक कि कोई पॉर्न मूवी जब भी सोनू उसे दिखाता वह लंड चूसने वाले सीन को आगे बढ़ाने के लिए कहने लगती और सोनू से कहती कि उसे सिर्फ़ उसका ही लंड अच्छा लगता है,
सोनू उसकी गुलाबी बिना बालो वाली चिकनी चूत को चाटते हुए बार बार उसकी फूली हुई चूत को देख देख कर चूस रहा था, और मन ही मन खुस हो रहा था कि आज कविता मूवी के आदमी के मोटे लंड की बात कर रही थी, सोनू ने झट से वही जंगल वाली मूवी लगा दी जिसमे एक जंगली आदमी जिसका लंड करीब 10 इंच लंबा और काफ़ी मोटा था और वह जंगल मे भटक गई एक लड़की की जम कर चूत मारता है और वह लड़की उससे चुद कर मस्त हो जाती है, सोनू काफ़ी खुस हो रहा था क्यो कि उसकी भी फॅंटेसी कोई और थी और वह जब भी अपनी बीबी कविता की फूली हुई चूत चाटता था तब उसे अपनी फॅंटेसी वाली मस्त औरत की फूली हुई चूत याद आ जाती थी,
हालाँकि सोनू अपनी फॅंटेसी के बारे मे कविता को बता चुका था और सोनू हमेशा चाहता था कि उसकी बीबी उसकी फॅंटेसी के बारे मे गंदी बाते करे और फिर सोनू उसी औरत को चोदने की कल्पना करके कविता की मस्त भोसड़ी को खूब हुमच हुमच कर चोदे,
लेकिन कविता को इस बात को पहली बार सुन कर बड़ा झटका लगा था, शायद कोई भी औरत होती तो उसे झटका लगता, लेकिन कुच्छ समय बाद कविता भी कभी कभी मस्ती मे आकर सोनू को मज़ा देने के लिए उस औरत की बात सोनू से चुद्ते टाइम करने लगती थी लेकिन फिर कुछ दिन बाद कविता सोनू को उस औरत की बाते करने से मना करने लगी और कहने लगी सोनू मुझे यह सब अच्छा नही लगता , सोनू भी मजबूर होकर कविता से अपनी फॅंटेसी की बात नही करता था और बेमन से कविता को चोद्ता था, लेकिन सच तो यह था कि सोनू जब भी चुदाई करता उसे अपनी फॅंटेसी ही याद आती थी और सोनू अपनी बीबी को चोद्ते हुए ऐसा महसूस करता जैसे वह अपनी फॅंटेसी वाली औरत को पूरी नंगी करके चोद रहा है,
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दोस्तो आपके लिए एक और कहानी पेश है
चेतावनी ........... ये कहानी समाज के नियमो के खिलाफ है क्योंकि हमारा समाज मा बेटे और भाई बहन और बाप बेटी के रिश्ते को सबसे पवित्र रिश्ता मानता है अतः जिन भाइयो को इन रिश्तो की कहानियाँ पढ़ने से अरुचि होती हो वह ये कहानी ना पढ़े क्योंकि ये कहानी एक पारवारिक सेक्स की कहानी है
कविता- सुनो ना एक बार चूत चाटो ना,
सोनू- पहले तुम मेरा लंड छोड़ो कब से मसल रही हो, कही ऐसा ना हो कि चोदने से पहले ही पानी निकल जाए,
कविता- नही मैं नही छ्चोड़ूँगी पर तुम थोड़ी देर मेरी चूत चाट लो ना प्लीज़,
सोनू- अच्छा चाटता हू, और फिर सोनू कविता की फूली हुई चिकनी चूत जिसके बाल सोनू ने खुद ही अभी थोड़ी देर पहले साफ किए थे को फैला-फैला कर खूब कस कस कर चूसने लगा और कविता सोनू के मोटे 10 इंच के लंड को खूब दबोच दबोच कर चूसने लगी, करीब 10 मिनिट तक सोनू अपनी बीबी कविता की मस्त फूली हुई रसीली चूत चाटता रहा और कविता भी अपने पति के मोटे और लंबे लंड को खूब दबोच दबोच कर चुस्ती रही, कविता की चूत देख देख कर सोनू बिल्कुल पागल हो रहा था और कविता उसे देख कर उसके लंड को दबोचते हुए मुस्कुरा रही थी,
सोनू- वाह मेरी जान क्या मस्त भोसड़ा है तेरा, मुझे ऐसे ही फूला हुआ भोसड़ा चूसने मे बहुत मज़ा आता है,
कविता- तो चूसो ना किसने मना किया है खूब दबा दबा कर खूब कस कस कर चूसो, आह आह ओह ओह ओह सोनू आइ लव यू आह आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह खा जाओ मेरी चूत पूरी पी जाओ ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मेरे राजा और चूसो आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आह आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह,
सोनू- देख तो कविता तेरी चूत कितनी फूल गई है बिल्कुल मेरी.........
कविता- मुस्कुराते हुए क्या कहा तुमने,
सोनू- मुस्कुराकर कुछ नही,
कविता- मंद मंद मुस्कुरा कर, हे कितना मोटा लंड है आपका आज लगता है मेरी चूत फाड़ देगा,
सोनू- कविता के मोटे मोटे बोबे दबाते हुए, मेरी रंडी रानी यह मोटा लंड तो बड़ी बड़ी चुतो को भी फाड़ सकता है,
कविता- जानती हू तुम्हे तो खूब बड़े बड़े भोस्डे ज़्यादा पसंद आते है,
सोनू- मेरी जान तेरा भोसड़ा भी तो बिल्कुल बड़ी बड़ी औरतो की तरह हो गया है, जब भी मैं तेरी चूत चाटता हू तो लगता है कि अपनी..........
कविता- मुस्कुराते हुए क्या अपनी आगे भी तो कहो,
सोनू- मुस्कुरा कर कविता के मोटे मोटे दूध दबाते हुए, अच्छा मेरी रानी मूवी देखेगी,
कविता- वो जंगल वाली मूवी दिखाइए ना,
सोनू- अपने मन मे क्या बात है आज तो मेरी सती सावित्री चाय्स बता रही है,
सोनू- वही मूवी जिसमे उस आदमी का खूब मोटा और लंबा लंड था,
कविता- मुस्कुराते हुए, हाँ
सोनू- अच्छा कविता जब तू मुझसे दूर रहती है तो तुझे ऐसे ही मोटे मोटे लंड याद आते है ना,
कविता- मुस्कुरा कर सोनू के लंड को दबोचते हुए, हाँ
सोनू- ऐसे मोटे मोटे लंड को सोच कर क्या महसूस होता है, तुम अपनी आँखे बंद करके ऐसे मोटे लंड को अपने हाथो मे कस कर महसूस करती हो या फिर अपनी फूली हुई चूत मे महसूस करती हो,
कविता- मंद मंद मुस्कुराते हुए, अपनी चूत मे ऐसे मोटे लंड को महसूस करती हू,
सोनू- कविता को चूमते हुए, तुम्हे उस समय बहुत अच्छा लगता होगा ना,
कविता- हाँ,
सोनू अपने मन मे सोचता है कि आज पहली बार उसकी बीबी जो कि उससे तीन महीने बाद मिली है काफ़ी खुल कर बाते कर रही है, नही तो आज के पहले याने शादी के 12 साल हो जाने के बाद भी कविता को कोई मूवी दिखाओ या फिर किसी और मर्द के लंड की बात करो तो वह अपना मूड खराब कर लेती थी और सोनू से नाराज़ होकर कहती थी कि आप अपने लंड के अलावा मुझसे और किसी के लंड की बात ना किया करो मुझे अच्छा नही लगता है,
यहाँ तक कि कोई पॉर्न मूवी जब भी सोनू उसे दिखाता वह लंड चूसने वाले सीन को आगे बढ़ाने के लिए कहने लगती और सोनू से कहती कि उसे सिर्फ़ उसका ही लंड अच्छा लगता है,
सोनू उसकी गुलाबी बिना बालो वाली चिकनी चूत को चाटते हुए बार बार उसकी फूली हुई चूत को देख देख कर चूस रहा था, और मन ही मन खुस हो रहा था कि आज कविता मूवी के आदमी के मोटे लंड की बात कर रही थी, सोनू ने झट से वही जंगल वाली मूवी लगा दी जिसमे एक जंगली आदमी जिसका लंड करीब 10 इंच लंबा और काफ़ी मोटा था और वह जंगल मे भटक गई एक लड़की की जम कर चूत मारता है और वह लड़की उससे चुद कर मस्त हो जाती है, सोनू काफ़ी खुस हो रहा था क्यो कि उसकी भी फॅंटेसी कोई और थी और वह जब भी अपनी बीबी कविता की फूली हुई चूत चाटता था तब उसे अपनी फॅंटेसी वाली मस्त औरत की फूली हुई चूत याद आ जाती थी,
हालाँकि सोनू अपनी फॅंटेसी के बारे मे कविता को बता चुका था और सोनू हमेशा चाहता था कि उसकी बीबी उसकी फॅंटेसी के बारे मे गंदी बाते करे और फिर सोनू उसी औरत को चोदने की कल्पना करके कविता की मस्त भोसड़ी को खूब हुमच हुमच कर चोदे,
लेकिन कविता को इस बात को पहली बार सुन कर बड़ा झटका लगा था, शायद कोई भी औरत होती तो उसे झटका लगता, लेकिन कुच्छ समय बाद कविता भी कभी कभी मस्ती मे आकर सोनू को मज़ा देने के लिए उस औरत की बात सोनू से चुद्ते टाइम करने लगती थी लेकिन फिर कुछ दिन बाद कविता सोनू को उस औरत की बाते करने से मना करने लगी और कहने लगी सोनू मुझे यह सब अच्छा नही लगता , सोनू भी मजबूर होकर कविता से अपनी फॅंटेसी की बात नही करता था और बेमन से कविता को चोद्ता था, लेकिन सच तो यह था कि सोनू जब भी चुदाई करता उसे अपनी फॅंटेसी ही याद आती थी और सोनू अपनी बीबी को चोद्ते हुए ऐसा महसूस करता जैसे वह अपनी फॅंटेसी वाली औरत को पूरी नंगी करके चोद रहा है,