hotaks444
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राज ने जय की हाँ में हाँ भरते कहा- “अरे आराम से हाथ आई है दोनो अब घर पे आई है तो चुदेगी जरूर।
मै तो बेटी की माँ को चोदुन्गा तू गुलनार को ले अपने नीचे। जय, तू रुक इधर, मै तेरा भाड़ा और टिप पूछ के
आता हूँ मेमसाब से…”
राज घर में आया तो देखा गुलनार बाथरूम गयी थी। गुलबदन चेयर पे बैठी थी। राज ने पूछा- “मेमसाब, जय
को कितने पैसे और टीप दू बोलो आप…”
बेशर्मि से गुलबदन ने अपना पललु हटाते हुए कहा- “तुमको जितना जी में आए उतना भाड़ा देना और जय से बोल
कि जो टीप चाहीए उससे खुद आके ले जाना…” टीप ले जाना कहते वक़्त गुलबदन ने बाथ रुम की तरफ इशारा
किया .
गुलबदन की बेशर्मी देखके राज पास आया और मम्मे मसलते हुए बोला- “वैसे जय भी मस्त मौला है, अगर आप
कहो तो उसे भी बुलाऊँ रात के लिए .... हम दोनों आप दोनों को रात भर चोद सकते है। वैसे भी जय आपकी
वो टीप को चोदे बिना नही रहने वाला मेमसाब…”
गुलबदन ने जवाब नही दिया बस हलकी सी स्माइल करते राज का लंड पकड़ा।
ब्रा में हाथ डालके, मम्मे दबाते राज बोला- “मेमसाब, वैसे हम दोनों मर्दों के लिए आप जैसी मुस्लिम चूत ही मस्त है,पूरी रात मुस्लिम चूत और गाण्ड मारते रहेगे तेरी बहनचोद…”
एक बार गुलबदन की मुस्लिम चूत सहलाके राज ने जाके जय को घर में बुलाया। जय तांगा बाँधने गया तब तक
राज अंदर आया और गुलबदन के मम्मे मसलते हुए बोला- “मेमसाब, जय कहता है कि बेबी को रात भर के लिए
दे दो हमारे बिसतर पे तो उसे भाड़ा और टिप दोनो मिल जाएँगे गुलबदन के निप्पल से खेलते राज आगे
बोला- “मेमसाब वो कहता है उसे वो कमसीन बदन वाली गुलनार की मुस्लिम चूत चाहीए रात भर के लीए…”
अचानक राज को तरसाने के इरादे से गुलबदन बोली- “क्या बकते हो… वो तो अभी बच्ची है, कमसीन है, जय
जैसे हैवान को कैसे ले पाएगी… और मस्त मर्द जाने ऐसे कह रहे हो जैसे उसकी माँ और बहन के साथ सोया हो
जय…”
राज निप्पल को भिचते हुए बोला- “अरे काहे की बच्ची है… देखा नही उसके मम्मे तुम्हारे इतने बढ़े हुये है, जरूर साली चुदवाती होगी किसी से। बहनचोद, लड़की का जिस्म ऐसा तब बनता है जब मर्द उसे बड़ी मस्ती से मसलके चोद रहा हो। बोल ना जय को बुलाऊँ क्या …”
निप्पल को हथेली, में रगड़ने से गुलबदन को अच्छ लगा पर वो बोली - “उसको मुझे चोदने को बुलाना हो तो बुलाओ, तू
और जय मिलके जैसे चोदना हो मुझे चोदो, मै तुम को नही रोकुगी लेकिन अगर उसने गुलनार को छुआ तो मै
उसकी माँ चोद डालूगी समझा…”
गुलबदन की बात से गुस्सा होके राज ने उसका पल्लू उतारते हुए उसकी दोनो नंगी चूचीयां जोर से दबाके बोला-
“साली ऐसा कहती है तू… अरे नही साली तुम माँ बेटी के साथ सोएंगे, साली रात भर हम हिंदू मर्दों से चुदेगी… समझी साली हरामी… साली गाली नही देना समझी रंडी औरत…” यह कहते राज ने गुलबदन को खड़ी करते हुए, एक झापड़ मारते उसकी साड़ी खोलना शु रु किया
मै तो बेटी की माँ को चोदुन्गा तू गुलनार को ले अपने नीचे। जय, तू रुक इधर, मै तेरा भाड़ा और टिप पूछ के
आता हूँ मेमसाब से…”
राज घर में आया तो देखा गुलनार बाथरूम गयी थी। गुलबदन चेयर पे बैठी थी। राज ने पूछा- “मेमसाब, जय
को कितने पैसे और टीप दू बोलो आप…”
बेशर्मि से गुलबदन ने अपना पललु हटाते हुए कहा- “तुमको जितना जी में आए उतना भाड़ा देना और जय से बोल
कि जो टीप चाहीए उससे खुद आके ले जाना…” टीप ले जाना कहते वक़्त गुलबदन ने बाथ रुम की तरफ इशारा
किया .
गुलबदन की बेशर्मी देखके राज पास आया और मम्मे मसलते हुए बोला- “वैसे जय भी मस्त मौला है, अगर आप
कहो तो उसे भी बुलाऊँ रात के लिए .... हम दोनों आप दोनों को रात भर चोद सकते है। वैसे भी जय आपकी
वो टीप को चोदे बिना नही रहने वाला मेमसाब…”
गुलबदन ने जवाब नही दिया बस हलकी सी स्माइल करते राज का लंड पकड़ा।
ब्रा में हाथ डालके, मम्मे दबाते राज बोला- “मेमसाब, वैसे हम दोनों मर्दों के लिए आप जैसी मुस्लिम चूत ही मस्त है,पूरी रात मुस्लिम चूत और गाण्ड मारते रहेगे तेरी बहनचोद…”
एक बार गुलबदन की मुस्लिम चूत सहलाके राज ने जाके जय को घर में बुलाया। जय तांगा बाँधने गया तब तक
राज अंदर आया और गुलबदन के मम्मे मसलते हुए बोला- “मेमसाब, जय कहता है कि बेबी को रात भर के लिए
दे दो हमारे बिसतर पे तो उसे भाड़ा और टिप दोनो मिल जाएँगे गुलबदन के निप्पल से खेलते राज आगे
बोला- “मेमसाब वो कहता है उसे वो कमसीन बदन वाली गुलनार की मुस्लिम चूत चाहीए रात भर के लीए…”
अचानक राज को तरसाने के इरादे से गुलबदन बोली- “क्या बकते हो… वो तो अभी बच्ची है, कमसीन है, जय
जैसे हैवान को कैसे ले पाएगी… और मस्त मर्द जाने ऐसे कह रहे हो जैसे उसकी माँ और बहन के साथ सोया हो
जय…”
राज निप्पल को भिचते हुए बोला- “अरे काहे की बच्ची है… देखा नही उसके मम्मे तुम्हारे इतने बढ़े हुये है, जरूर साली चुदवाती होगी किसी से। बहनचोद, लड़की का जिस्म ऐसा तब बनता है जब मर्द उसे बड़ी मस्ती से मसलके चोद रहा हो। बोल ना जय को बुलाऊँ क्या …”
निप्पल को हथेली, में रगड़ने से गुलबदन को अच्छ लगा पर वो बोली - “उसको मुझे चोदने को बुलाना हो तो बुलाओ, तू
और जय मिलके जैसे चोदना हो मुझे चोदो, मै तुम को नही रोकुगी लेकिन अगर उसने गुलनार को छुआ तो मै
उसकी माँ चोद डालूगी समझा…”
गुलबदन की बात से गुस्सा होके राज ने उसका पल्लू उतारते हुए उसकी दोनो नंगी चूचीयां जोर से दबाके बोला-
“साली ऐसा कहती है तू… अरे नही साली तुम माँ बेटी के साथ सोएंगे, साली रात भर हम हिंदू मर्दों से चुदेगी… समझी साली हरामी… साली गाली नही देना समझी रंडी औरत…” यह कहते राज ने गुलबदन को खड़ी करते हुए, एक झापड़ मारते उसकी साड़ी खोलना शु रु किया