hotaks444
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बाहर अपनी बेटी की रंडी जैसे हरकत देखके गुलबदन को बुरा नही लगा। उसे इस बात की खुशी थी कि अब गुलनार अपने बाप से उसकी रंडीबाजी के बारे में कुछ नही बोल सकेगी। मस्ती से झूमते, और राज का लौड़ा सहलाके गुलबदन बोली- “उफफफफफ़ कितना मोटा और लंबा है जय का लौड़ा। आज मेरी बेटी, बहुत खुश होगी ऐसे बड़े लंड से चुदवाने में…”
तब गुलबदन की मुस्लिम चूत में और एक उंगली घुसाते राज बोला- “हाँ, क्यों नही खुश होगी तेरी रंडी बेटी गुलबदन… इधर तू हमारे लंड से खुश है और उधर तेरी बेटी जय के लंड से। आज तो हम मर्दो की ऐश है जो तुम जैसे टॉप क्लास माल आई हो हमसे चुदवाने…”
इधर पहले तो जय का लंड देख के गुलनार हैरान होके बोली- हाई अल्लाह, कितना बड़ा और मोटा है जय तेरा लंड…” फिर जय का लंड गुलनार चूसने लगी, उसकी टोपी चटके उससे पूरी तरह चूसने लगी।
गुलनार के मसमे दबाते उसका मुँह चोदते जय बोला- “पसंद आया तुझे मेरा लंड गुलनार… तेर, माँ को भी अच्छा लगेगा ना मेरा लौड़ा… बहनचोद, मजा आया तुम माँ-बेटी को एक साथ एक ही कमरे में चोदने में। उफफफ़ और मस्ती से चूस मेरा लौड़ा साली छिनाल…”
जय के लंड को हाथ में लेके उसे सहलाते गुलनार बोली- “माँ का मुझे क्या मालूम और वो कैसे दूसरा लंड लेगी, वो तो राज चाचा से चुदवाएगी ना… और तुम मुझे और माँ को रंडी क्यों कहते हो… एक तो हम तुमसे चुदवाते है और फिर ऐसा कहते हो हम माँ बेटी को…”
लंड गुलनार के फेस पे घुमाते, उसके निपल से खेलते जय बोला- “यार ताँगे में ही तुझे चोदने वाला था मै, लेकिन बहनचोद, तांगा भी चलाना था मुझे। तेरी माँ और राज के करनामे देखके लंड ऐसा टाईट हुआ था मेरा कि लग रहा था, टाँगा वही रोकके, तुझे नंगी करके, तेरी गांड मारु । तेरी माँ स्टेशन से ही राज से चुदवाने तैयार हुई थी तो अगर तुझे ताँगे में चोदता तो वो कुछ नही बोलती… गुलनार, जब तेरी माँ अपने पती को छोड़के एक कुली से चुदवाती है तो रंडी ही है ना… और तू भी देख कैसे खिड़की से तेरी माँ के बदन का राज से हो रहा खिलवाड़ देखके अपने मुस्लिम चूत सहला रही थी और अब हमारे सामने रस्ते पे नंगी हुई है इसलिए तुम माँ बेटी को मै रंडी कहता हूँ समझी…”
जय के लगातार मसलने और रगड़ने से गुलनार के बूब्स के निपल्स टाईट हो गये और उसकी चूत से मानो फाउनटेनस निकल रहे थे। जय का लौड़ा और मस्ती से चाटके, चूसके गुलनार उसकी गांड भी चाटने लगी। गुलनार की अदा पे खुश होके, उसका मुँह चोदते जय बोला- “गुलनार, तेरी छिनाल माँ ने स्टेशन पे राज का लंड देखा और उसको चुदवाने की इच्छा हुई इसलिए तेरी रंडी माँ रात भर के लिए राज के घर आई। तुझे मालूम तो है कि ताँगे में पीछे बैठके राज ने तेरी माँ को कमर तक नंगा किया और तेरी रंडी माँ उसका नंगा लंड मसल रही थी। और राज ने तेरी माँ से पूछके मुझे इशारा कीया की तेरी छिनाल माँ को कोई एतराज नही अगर मै तेरी जवानी को चोदू समझी गुलनार… इसलिए मै तुम माँ-बेटी को रंडी कहता हूँ।
तेरी माँ की चूत साली रंडी, खुद की चूत की आग मिटाने के लिये अपनी बेटी को तक चुदवाने हुइ तैयार हुई तेरी माँ और तू हरामी, देख कैसे रंडी जैसे रस्ते पे मेरी गांड तक चाट रही है मादरचोद। अब देख रात को पहले तेरी गांड कैसे मारता हूँ और बाद में तेरी मुस्लिम चूत चोद डालूँगा…”
जय की गोटियां और गांड चाटने के बाद, उसके लंड को मूठ मारते गुलनार बोली- “हाँ यह सब माँ की करतूत मुझे पता है जय। जब माँ बोली जाके टैक्सी ला, तभी मै समझी की राज चाचा पे उसका दिल आया है। सच जय, तेरा लंड भी राज चाचा जैसा ही है…” अपनी चूत को सहला-सहला के उसको वाइड करते, जय का लौड़ा चूसते-चूसते जरा नाटक करते गुलनार बोली- “जय, मुझे तुम मत चोदो। मैंने आज तक किसी से नही चुदवाया। और मैंने बताया ना, मै अपने पती के घर एकदम कुवाँरी बनके जाना चाहती हूँ…”
गुलनार को अपनी गोद मे बिठाके उसकी चूचियां मसलते, उसकी मुस्लिम चूत में उंगली डालते जय बोला- “हाँ मेरी रंडी मुस्लिम चूत, आज रात तुम माँ बेटी की ऐश है हमारे हिंदू लंड से गुलनार। पूरी रात तुझे और तेरी माँ को चोदते रहँगे हम। रही बात तुम्हारे कुवारेपन की, तो माँ चुदाने गया तेरा कुवारापन रंडी, तुझ जैसी गर्म आइटम को तो बचपन से ही लंड की आदत लगनी चाहीए ताकि शादी के बाद पती से ज्यादा गैर मर्द तुझे चोदके मजा ले सकते है। हाय साली क्या जवानी है तेरी, लगता है तेरी माँ को किसी ने बहुत चोद चोदके पैदा किया है रानी…”
तब गुलबदन की मुस्लिम चूत में और एक उंगली घुसाते राज बोला- “हाँ, क्यों नही खुश होगी तेरी रंडी बेटी गुलबदन… इधर तू हमारे लंड से खुश है और उधर तेरी बेटी जय के लंड से। आज तो हम मर्दो की ऐश है जो तुम जैसे टॉप क्लास माल आई हो हमसे चुदवाने…”
इधर पहले तो जय का लंड देख के गुलनार हैरान होके बोली- हाई अल्लाह, कितना बड़ा और मोटा है जय तेरा लंड…” फिर जय का लंड गुलनार चूसने लगी, उसकी टोपी चटके उससे पूरी तरह चूसने लगी।
गुलनार के मसमे दबाते उसका मुँह चोदते जय बोला- “पसंद आया तुझे मेरा लंड गुलनार… तेर, माँ को भी अच्छा लगेगा ना मेरा लौड़ा… बहनचोद, मजा आया तुम माँ-बेटी को एक साथ एक ही कमरे में चोदने में। उफफफ़ और मस्ती से चूस मेरा लौड़ा साली छिनाल…”
जय के लंड को हाथ में लेके उसे सहलाते गुलनार बोली- “माँ का मुझे क्या मालूम और वो कैसे दूसरा लंड लेगी, वो तो राज चाचा से चुदवाएगी ना… और तुम मुझे और माँ को रंडी क्यों कहते हो… एक तो हम तुमसे चुदवाते है और फिर ऐसा कहते हो हम माँ बेटी को…”
लंड गुलनार के फेस पे घुमाते, उसके निपल से खेलते जय बोला- “यार ताँगे में ही तुझे चोदने वाला था मै, लेकिन बहनचोद, तांगा भी चलाना था मुझे। तेरी माँ और राज के करनामे देखके लंड ऐसा टाईट हुआ था मेरा कि लग रहा था, टाँगा वही रोकके, तुझे नंगी करके, तेरी गांड मारु । तेरी माँ स्टेशन से ही राज से चुदवाने तैयार हुई थी तो अगर तुझे ताँगे में चोदता तो वो कुछ नही बोलती… गुलनार, जब तेरी माँ अपने पती को छोड़के एक कुली से चुदवाती है तो रंडी ही है ना… और तू भी देख कैसे खिड़की से तेरी माँ के बदन का राज से हो रहा खिलवाड़ देखके अपने मुस्लिम चूत सहला रही थी और अब हमारे सामने रस्ते पे नंगी हुई है इसलिए तुम माँ बेटी को मै रंडी कहता हूँ समझी…”
जय के लगातार मसलने और रगड़ने से गुलनार के बूब्स के निपल्स टाईट हो गये और उसकी चूत से मानो फाउनटेनस निकल रहे थे। जय का लौड़ा और मस्ती से चाटके, चूसके गुलनार उसकी गांड भी चाटने लगी। गुलनार की अदा पे खुश होके, उसका मुँह चोदते जय बोला- “गुलनार, तेरी छिनाल माँ ने स्टेशन पे राज का लंड देखा और उसको चुदवाने की इच्छा हुई इसलिए तेरी रंडी माँ रात भर के लिए राज के घर आई। तुझे मालूम तो है कि ताँगे में पीछे बैठके राज ने तेरी माँ को कमर तक नंगा किया और तेरी रंडी माँ उसका नंगा लंड मसल रही थी। और राज ने तेरी माँ से पूछके मुझे इशारा कीया की तेरी छिनाल माँ को कोई एतराज नही अगर मै तेरी जवानी को चोदू समझी गुलनार… इसलिए मै तुम माँ-बेटी को रंडी कहता हूँ।
तेरी माँ की चूत साली रंडी, खुद की चूत की आग मिटाने के लिये अपनी बेटी को तक चुदवाने हुइ तैयार हुई तेरी माँ और तू हरामी, देख कैसे रंडी जैसे रस्ते पे मेरी गांड तक चाट रही है मादरचोद। अब देख रात को पहले तेरी गांड कैसे मारता हूँ और बाद में तेरी मुस्लिम चूत चोद डालूँगा…”
जय की गोटियां और गांड चाटने के बाद, उसके लंड को मूठ मारते गुलनार बोली- “हाँ यह सब माँ की करतूत मुझे पता है जय। जब माँ बोली जाके टैक्सी ला, तभी मै समझी की राज चाचा पे उसका दिल आया है। सच जय, तेरा लंड भी राज चाचा जैसा ही है…” अपनी चूत को सहला-सहला के उसको वाइड करते, जय का लौड़ा चूसते-चूसते जरा नाटक करते गुलनार बोली- “जय, मुझे तुम मत चोदो। मैंने आज तक किसी से नही चुदवाया। और मैंने बताया ना, मै अपने पती के घर एकदम कुवाँरी बनके जाना चाहती हूँ…”
गुलनार को अपनी गोद मे बिठाके उसकी चूचियां मसलते, उसकी मुस्लिम चूत में उंगली डालते जय बोला- “हाँ मेरी रंडी मुस्लिम चूत, आज रात तुम माँ बेटी की ऐश है हमारे हिंदू लंड से गुलनार। पूरी रात तुझे और तेरी माँ को चोदते रहँगे हम। रही बात तुम्हारे कुवारेपन की, तो माँ चुदाने गया तेरा कुवारापन रंडी, तुझ जैसी गर्म आइटम को तो बचपन से ही लंड की आदत लगनी चाहीए ताकि शादी के बाद पती से ज्यादा गैर मर्द तुझे चोदके मजा ले सकते है। हाय साली क्या जवानी है तेरी, लगता है तेरी माँ को किसी ने बहुत चोद चोदके पैदा किया है रानी…”