hotaks444
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विभा समझ गयी कि कुछ गड़बड़ है, वरना...... उसने अपने आस-पास देखा तो उसे उसके बाकी दोस्त भी पड़े दिखाई दिए....
"ये सब तुमने किया क्या ?"
"हाँ, सूपर पॉवर है मेरे पास, आँखे गुस्से से नीली हो जाती है और मुझे दर्द नही होता, भले ही कोई पूरे कॉलेज की बिल्डिंग उठा कर मेरे उपर पटक दे "
"तुम्हारी इतनी हिम्मत कि तुम अपने सीनियर पर हाथ उठाओ,"विभा ने मुझसे कहा और फिर वरुण की तरफ देख कर बोली"कमोन वरुण, उठो..."
"ये तो आज उठ चुका.....अब तेरी बारी है..."
"दूध दबा दे अरमान, पटक कर पेल दे इसे, झक्कास माल है, छोड़ना मत...."ये मैने अंदर ही अंदर सोचा और विभा से बोला"टेन्निस बॉल का रेट क्या है..."
"हाऐईयईईन्न्णणन्....."
"ज़्यादा चौकने की ज़रूरत नही है, जब ज़मीन पर पड़े इस गधे से तू चूत-लंड की बात कर सकती है तो फिर टेन्निस बॉल के बारे मे बात करने मे क्या हर्ज़ है......चल बता तेरे टेन्निस बॉल टाइट है या ढीले-ढाले...."
"एकदम टाइट...."
"साइज़ क्या है..."
"व्हाट...."नाक सिकोडकर विभा बोली,
"मैं नही डरा, इसलिए अपना ये बनावटी गुस्सा उतार कर फेक दो...."कहते हुए मैने वरुण की तरफ नज़र दौड़ाई....साला ज़मीन पर पड़ा हाँफ रहा था, इस वक़्त उसकी साँसे ही इतनी तेज चल रही थी कि वो हमारी आवाज़ नही सुन सकता था और हमे देखने के लिए वो अपना सर घुमाए ,इतनी उसमे एनर्जी नही बची थी.......
"साइज़ नही बताया "मैने अपना सवाल दोहराया...
"व्हाई आरे यू डूयिंग दिस वित मी...."वो परेशान होकर बोली...
"उस दिन इसी ग्राउंड पर सॅंडल पहन कर जब मेरे उपर कूद रही थी, तब ये समझ मे नही आया था क्या तुझे, रोज कॉलेज के बॅक गेट पर खड़े होकर दूसरो को गाली देना, कॅंटीन मे बैठे एक भूखे लड़के के चेहरे पर समोसा लगाते वक़्त तेरे जेहन मे ये ख़याल क्यूँ नही आया...."
"सॉरी...."अपनी आँखो मे दया की भीख लिए विभा बोली, वहाँ आस-पास खड़े मेरे सभी दोस्तो का हंस-हंस कर बुरा हाल था...जब विभा ने सॉरी बोला तो अरुण अपने चिर-परिचित अंदाज़ मे मेरे पास आया....
"सॉरी से काम नही चलेगा, मैं तो गान्ड मारूँगा...."
"अववववव......"
"अरुण तू इन सबको संभाल, मैं विभा डार्लिंग को कोंटे मे लेकर जाता हूँ...."
अरुण मुझपर बहुत चिल्लाया, मुझे बहुत रोका और कहा कि तू तो दीपिका मॅम के मज़े लेता है, विभा को मेरे साथ भेज दे,...लेकिन मैं नही माना और विभा का ज़बरदस्ती हाथ पकड़ कर एक तरफ ले गया.....हमारा कॉलेज सिटी से दूर लंबे-चौड़े एरिया मे फैला हुआ था, जहाँ हद से ज़्यादा हरियाली थी , झाड़ी-झुँझटी, जंगल सब कुछ था....
"डू यू लाइक गॅंग-बंग ऑर सिंगल सेक्स अट आ टाइम..."चलते-चलते जब हम दोनो ग्राउंड से बहुत दूर आ गये तो मैने विभा से पुछा और उसका हाथ छोड़ दिया.....
"अरमान , मैं कोई स्लट नही हूँ, जो हर किसी के साथ वो सब कुछ करूँ...."
"मतलब कि सिंगल सेक्स "
"मैं केस कर दूँगी...."
"किसलिए...."
"अटेंप्ट टू रेप, और तुम्हे मालूम ही होगा कि अटेंप्ट टू रेप ऑर रेप की सज़ा सेम है...."
"फिर तो रेप ही करना पड़ेगा....."
अब मैं विभा को लेकर घनी हरियाली मे घुस रहा था, जैसे-जैसे हम दोनो आगे बढ़ते विभा का चेहरा भी हरा होता जा रहा था, और एक जगह पर आकर वो रुक गयी....
"मैं शोर मचा दूँगी और कॉलेज मे कंप्लेंट भी करूँगी कि तुमने मेरे साथ मिस्बेहेव किया...."
विभा की बात पर मैं मुस्कुराया और बोला"मेरे ख़याल से मेरे पीठ पर तुम्हारे सॅंडल के निशान अभी तक मौजूद है और यदि मैने इसकी कंप्लेंट की तो तुम्हारे साथ-साथ तुम्हारे उन सारे फ्रेंड्स की लाइफ बर्बाद हो जाएगी,जो उस दिन ग्राउंड पर मौजूद थे,..."
विभा गुस्से से मेरी तरफ देखने लगी और विभा को देखकर मैने अंदाज़ा लगाया कि वो मुझे अंदर ही अंदर गालियाँ दे रही है.....
"खड़े मत रहो, जल्दी चलो....क्यूंकी 2-3 घंटो से पहले मैं नही झाड़ता ,और यदि दो राउंड मारने की सोची तो फिर 6-7 घंटे बुक....."
ये सुनकर तो विभा की हालत और खराब हो गयी, वो ज़मीन आसमान एक करके सोचने लगी कि मुझसे कैसे बचा जाए, वो वहाँ से भाग भी सकती थी,लेकिन उसके कदम मेरी रॅगिंग वाली धमकी के कारण बँधे हुए थे.....वो डरी हुई थी और उसका डर बढ़ाने के लिए मैने एक और मिज़ाइल छोड़ी.....
"जल्दी सोचो, क्यूंकी जब मैं तुम्हारे साथ कबड्डी खेलूँगा तो उसका वीडियो भी रेकॉर्ड करूँगा, और यदि अंधेरा ज़्यादा हो गया तो वीडियो क्वालिटी अच्छी नही आएगी....."
"प्लीज़ वीडियो रेकॉर्ड मत करना...."उसके कदम आख़िर कार मेरी तरफ बढ़ाया, वो मेरे पास आकर बोली"मैं बदनाम हो जाउन्गी...."
"मैं तो हॉस्टिल मे हर एक को वो वीडियो सेंड करूँगा, साथ ही साथ फ़ेसबुक मे फेंक आइडी से अपलोड करके , सारे टीचर्स को टॅग भी करूँगा...."
"प्लीज़ ऐसा मत करना...."वो रोते हुए बोली"यदि तुमने ऐसा किया तो मैं स्यूयिसाइड कर लूँगी...."
"स्यूयिसाइड....."उसकी तरफ देखकर मैने कहा"और तुम जैसो की वजह से जो स्टूडेंट स्यूयिसाइड करते है, उनके बारे मे कभी सोचा है....आज पता चलेगा कि घुट-घुट के अपना सर झुका कर जीना किसे कहते है, मुझे उस दिन कैसा लगा होगा, जब तुमने कॅंटीन मे सबके सामने मेरे फेस पर समोसा लगाया था, उसे तो मैं भूल भी जाउ....लेकिन उस दिन ग्राउंड पर जब तुम और तुम्हारी चुड़ैल फ्रेंड्स अपनी धारदार सॅंडल पहन कर मेरे पीठ पर नाच रही थी....बीसी दूसरो की जान की कोई कीमत नही समझते हो तुम लोग और आज खुद पे बन आई तो औकात पे आ गये...."मैं कुछ देर के लिए रुका और फिर चिल्ला कर बोला...
"आज 2 नही 3 राउंड मारूँगा, और यदि मूड हुआ तो पूरी रात चोदुन्गा और इस बीच तूने ज़रा सी भी आवाज़ की तो....हर दिन चोदुन्गा..."
उस दिन मुझे लड़कियो के बारे मे एक और चीज़ मालूम चली, लड़किया भले ही कितनी भी आगे निकल जाए, वो भले ही शेर बनती फिरती रहे....लेकिन जब उनकी बारी आती है तो वो वही जाने-पहचाने अंदाज़ मे रोना-गाना शुरू कर देती है.....जैसा कि विभा अभी कर रही थी, जब मैं विभा को लेकर ग्राउंड से निकला था तो सोचा था कि वो तुरंत अपनी चूत मे लंड ले लेगी और थोड़ी हिम्मत , थोड़ी डेरिंग भी शो करेगी...लेकिन ऐसा कुछ भी नही हुआ था...वो इस वक़्त सड़क के बीचो बीच अपने घुटनो पर बैठ कर रो रही थी.....
"चल नाटक बंद कर, जहाँ तुझे चोदुन्गा वो अड्डा बस पास मे ही है...."उसका हाथ पकड़ कर मैने उसे उठाया,....वो चुप-चाप मेरे साथ चलने लगी ,बगैर कुछ बोले....
"एक बार मैने एक लड़की को चोदा था और जोश-जोश मे अपना पूरा हाथ घुसा दिया था...."मैं अब भी उसकी फाड़ने मे लगा हुआ था.....लेकिन वो चुप रही...सड़क पर चलते-चलते मैने अपना एक हाथ उसके सीने पर रखा और दूसरे हाथ को उसके कंधे पर रखकर उसे अपनी तरफ खींच लिया...मैने उसे खुद से सटा लिया था और यदि हमे उस वक़्त कोई देखता तो वो बस यही कहता कि "वो देखो लैला-मजनू की जोड़ी जा रही है...."
विभा पूरे रास्ते भर अपना सर नीचे किए सिसकती हुई चलती रही....
"जाओ...."मैने जब विभा से ये कहा तो उसने हैरत भरी नज़रों से मेरी तरफ देखा, जैसे उसे यकीन नही हुआ हो कि मैने उसे जाने के लिए कहा है.....
"मुझे मालूम है कि मैं बहुत हॅंडसम हूँ, लेकिन अब मुझे देखने के बजाय ,सामने देखो....तुम्हारी स्कूटी खड़ी है...."
एक बार फिर वो चुप थी, वो चुप-चाप कभी मुझे देखती तो कभी अपनी स्कूटी की तरफ....लेकिन फिर कुछ देर बाद वो मुझे ही घूर्ने लगी,
"साली पट तो नही गयी ,मुझसे "उसकी देखकर मैने कहा, लेकिन जब वो फिर भी मुझे घूरती रही तो मैने कसकर एक तमाचा उसके गाल पर मार दिया और वो चौक कर होश मे आई....
"देखा, ये सपना नही है, ...अब जल्दी से चले जाओ...."
"तुम तो कह रहे थे कि........"
"सब झूठ था..."उसे बीच मे ही रोक कर मैने कहा"मेरा वैसा इरादा बिल्कुल भी नही था,...मैने जब तुम्हे यहाँ बुलाया तो समझ गया कि हॉस्टिल के मेरे दोस्त तुम पर टूट पड़ेंगे और तब मुझे अपनी ग़लती का अहसास हुआ, और उन हवस के प्यासो से तुम्हे बचाने के लिए ही मैं तुम्हे अपने साथ ले गया था, क्यूंकी मुझे मालूम था कि वो कुछ देर मे यहाँ से चले जाएँगे.....लेकिन मैने ये भी सोचा था कि तुम्हारे दोस्त, तुम्हारा यार वरुण तुम्हे कॉल करेगा, पर अफ़सोस कि उसने एक कॉल तो क्या एक मेसेज तक नही किया...."
"ववव...वो...."वो हकलाते हुए बोली, अब उसकी आँखे खुशी से भर आई थी"मोबाइल साइलेंट मे था...."
"आई ला, साला इतना बढ़िया डाइलॉग मारा था, उसकी माँ बहन एक कर दी...."
"मैं जाउ...."अपनी स्कूटी की तरफ देखकर वो बोली..."थॅंक्स..."
"और एक बात, जो तुमसे कहनी थी...."
"बोलो..."
"आइ आम स्टिल वर्जिन, सिर्फ़ 61-62 किया है....वहाँ मैने तुमसे दो घंटे, तीन घंटे...वाली जो भी बात कही, वो सब झूठ थी...."
वो मुस्कुराने लगी और अपनी स्कूटी स्टार्ट की तब मैने एक और बार उसे टोका"एक और बात है, जो कहनी थी..."
"बोलो..."पहले की तरह ही उसने मुस्कुरा के कहा....
"मैं तुम्हारा वीडियो भी नही बना सकता था...क्यूंकी मेरा मोबाइल मेरे बॅग मे ही है...."
"अब जाउ, या कुछ और कहना है..."
"एक सलाह लेती जाओ...वरुण ने अपनी जान बचाने के लिए तुम्हे यहाँ बुला लिया था, तो हो सके तो अपने लिए कोई दूसरा बॉय फ्रेंड ढूँढ लेना...."
जब हॉस्टिल पहुचा तो मेरे दोस्त अगल बगल ऐसे खड़े थे जैसे कि कोई बहुत बड़ा शानशाह घुसा हो....सब मुझे देख - देख कर मुस्कुरा रहे थे, अभी मैं अपने रूम मे पहुचा तक नही था कि छोटी हाइट का मालिक ,भू वहाँ आया और मेरे कंधे पर हाथ रख कर बोला...
"चोदा उसे...."
मैने आस-पास खड़े लड़को को देखा और धीरे से कहा "नही बे, छोड़ दिया, बेचारी रोने लगी थी...."
"गे है तू,"पता नही उस वक़्त अरुण कहाँ से टपक पड़ा और दूसरी तरफ से उसने मेरे कंधे पर हाथ रखा और दाँत चबाते हुए गुस्से से बोला"कुत्ते, ना तो खुद किया और ना ही मुझे करने दिया, अब मैं तुझे चोदुन्गा....चल रूम मे तू"
"ये सब तुमने किया क्या ?"
"हाँ, सूपर पॉवर है मेरे पास, आँखे गुस्से से नीली हो जाती है और मुझे दर्द नही होता, भले ही कोई पूरे कॉलेज की बिल्डिंग उठा कर मेरे उपर पटक दे "
"तुम्हारी इतनी हिम्मत कि तुम अपने सीनियर पर हाथ उठाओ,"विभा ने मुझसे कहा और फिर वरुण की तरफ देख कर बोली"कमोन वरुण, उठो..."
"ये तो आज उठ चुका.....अब तेरी बारी है..."
"दूध दबा दे अरमान, पटक कर पेल दे इसे, झक्कास माल है, छोड़ना मत...."ये मैने अंदर ही अंदर सोचा और विभा से बोला"टेन्निस बॉल का रेट क्या है..."
"हाऐईयईईन्न्णणन्....."
"ज़्यादा चौकने की ज़रूरत नही है, जब ज़मीन पर पड़े इस गधे से तू चूत-लंड की बात कर सकती है तो फिर टेन्निस बॉल के बारे मे बात करने मे क्या हर्ज़ है......चल बता तेरे टेन्निस बॉल टाइट है या ढीले-ढाले...."
"एकदम टाइट...."
"साइज़ क्या है..."
"व्हाट...."नाक सिकोडकर विभा बोली,
"मैं नही डरा, इसलिए अपना ये बनावटी गुस्सा उतार कर फेक दो...."कहते हुए मैने वरुण की तरफ नज़र दौड़ाई....साला ज़मीन पर पड़ा हाँफ रहा था, इस वक़्त उसकी साँसे ही इतनी तेज चल रही थी कि वो हमारी आवाज़ नही सुन सकता था और हमे देखने के लिए वो अपना सर घुमाए ,इतनी उसमे एनर्जी नही बची थी.......
"साइज़ नही बताया "मैने अपना सवाल दोहराया...
"व्हाई आरे यू डूयिंग दिस वित मी...."वो परेशान होकर बोली...
"उस दिन इसी ग्राउंड पर सॅंडल पहन कर जब मेरे उपर कूद रही थी, तब ये समझ मे नही आया था क्या तुझे, रोज कॉलेज के बॅक गेट पर खड़े होकर दूसरो को गाली देना, कॅंटीन मे बैठे एक भूखे लड़के के चेहरे पर समोसा लगाते वक़्त तेरे जेहन मे ये ख़याल क्यूँ नही आया...."
"सॉरी...."अपनी आँखो मे दया की भीख लिए विभा बोली, वहाँ आस-पास खड़े मेरे सभी दोस्तो का हंस-हंस कर बुरा हाल था...जब विभा ने सॉरी बोला तो अरुण अपने चिर-परिचित अंदाज़ मे मेरे पास आया....
"सॉरी से काम नही चलेगा, मैं तो गान्ड मारूँगा...."
"अववववव......"
"अरुण तू इन सबको संभाल, मैं विभा डार्लिंग को कोंटे मे लेकर जाता हूँ...."
अरुण मुझपर बहुत चिल्लाया, मुझे बहुत रोका और कहा कि तू तो दीपिका मॅम के मज़े लेता है, विभा को मेरे साथ भेज दे,...लेकिन मैं नही माना और विभा का ज़बरदस्ती हाथ पकड़ कर एक तरफ ले गया.....हमारा कॉलेज सिटी से दूर लंबे-चौड़े एरिया मे फैला हुआ था, जहाँ हद से ज़्यादा हरियाली थी , झाड़ी-झुँझटी, जंगल सब कुछ था....
"डू यू लाइक गॅंग-बंग ऑर सिंगल सेक्स अट आ टाइम..."चलते-चलते जब हम दोनो ग्राउंड से बहुत दूर आ गये तो मैने विभा से पुछा और उसका हाथ छोड़ दिया.....
"अरमान , मैं कोई स्लट नही हूँ, जो हर किसी के साथ वो सब कुछ करूँ...."
"मतलब कि सिंगल सेक्स "
"मैं केस कर दूँगी...."
"किसलिए...."
"अटेंप्ट टू रेप, और तुम्हे मालूम ही होगा कि अटेंप्ट टू रेप ऑर रेप की सज़ा सेम है...."
"फिर तो रेप ही करना पड़ेगा....."
अब मैं विभा को लेकर घनी हरियाली मे घुस रहा था, जैसे-जैसे हम दोनो आगे बढ़ते विभा का चेहरा भी हरा होता जा रहा था, और एक जगह पर आकर वो रुक गयी....
"मैं शोर मचा दूँगी और कॉलेज मे कंप्लेंट भी करूँगी कि तुमने मेरे साथ मिस्बेहेव किया...."
विभा की बात पर मैं मुस्कुराया और बोला"मेरे ख़याल से मेरे पीठ पर तुम्हारे सॅंडल के निशान अभी तक मौजूद है और यदि मैने इसकी कंप्लेंट की तो तुम्हारे साथ-साथ तुम्हारे उन सारे फ्रेंड्स की लाइफ बर्बाद हो जाएगी,जो उस दिन ग्राउंड पर मौजूद थे,..."
विभा गुस्से से मेरी तरफ देखने लगी और विभा को देखकर मैने अंदाज़ा लगाया कि वो मुझे अंदर ही अंदर गालियाँ दे रही है.....
"खड़े मत रहो, जल्दी चलो....क्यूंकी 2-3 घंटो से पहले मैं नही झाड़ता ,और यदि दो राउंड मारने की सोची तो फिर 6-7 घंटे बुक....."
ये सुनकर तो विभा की हालत और खराब हो गयी, वो ज़मीन आसमान एक करके सोचने लगी कि मुझसे कैसे बचा जाए, वो वहाँ से भाग भी सकती थी,लेकिन उसके कदम मेरी रॅगिंग वाली धमकी के कारण बँधे हुए थे.....वो डरी हुई थी और उसका डर बढ़ाने के लिए मैने एक और मिज़ाइल छोड़ी.....
"जल्दी सोचो, क्यूंकी जब मैं तुम्हारे साथ कबड्डी खेलूँगा तो उसका वीडियो भी रेकॉर्ड करूँगा, और यदि अंधेरा ज़्यादा हो गया तो वीडियो क्वालिटी अच्छी नही आएगी....."
"प्लीज़ वीडियो रेकॉर्ड मत करना...."उसके कदम आख़िर कार मेरी तरफ बढ़ाया, वो मेरे पास आकर बोली"मैं बदनाम हो जाउन्गी...."
"मैं तो हॉस्टिल मे हर एक को वो वीडियो सेंड करूँगा, साथ ही साथ फ़ेसबुक मे फेंक आइडी से अपलोड करके , सारे टीचर्स को टॅग भी करूँगा...."
"प्लीज़ ऐसा मत करना...."वो रोते हुए बोली"यदि तुमने ऐसा किया तो मैं स्यूयिसाइड कर लूँगी...."
"स्यूयिसाइड....."उसकी तरफ देखकर मैने कहा"और तुम जैसो की वजह से जो स्टूडेंट स्यूयिसाइड करते है, उनके बारे मे कभी सोचा है....आज पता चलेगा कि घुट-घुट के अपना सर झुका कर जीना किसे कहते है, मुझे उस दिन कैसा लगा होगा, जब तुमने कॅंटीन मे सबके सामने मेरे फेस पर समोसा लगाया था, उसे तो मैं भूल भी जाउ....लेकिन उस दिन ग्राउंड पर जब तुम और तुम्हारी चुड़ैल फ्रेंड्स अपनी धारदार सॅंडल पहन कर मेरे पीठ पर नाच रही थी....बीसी दूसरो की जान की कोई कीमत नही समझते हो तुम लोग और आज खुद पे बन आई तो औकात पे आ गये...."मैं कुछ देर के लिए रुका और फिर चिल्ला कर बोला...
"आज 2 नही 3 राउंड मारूँगा, और यदि मूड हुआ तो पूरी रात चोदुन्गा और इस बीच तूने ज़रा सी भी आवाज़ की तो....हर दिन चोदुन्गा..."
उस दिन मुझे लड़कियो के बारे मे एक और चीज़ मालूम चली, लड़किया भले ही कितनी भी आगे निकल जाए, वो भले ही शेर बनती फिरती रहे....लेकिन जब उनकी बारी आती है तो वो वही जाने-पहचाने अंदाज़ मे रोना-गाना शुरू कर देती है.....जैसा कि विभा अभी कर रही थी, जब मैं विभा को लेकर ग्राउंड से निकला था तो सोचा था कि वो तुरंत अपनी चूत मे लंड ले लेगी और थोड़ी हिम्मत , थोड़ी डेरिंग भी शो करेगी...लेकिन ऐसा कुछ भी नही हुआ था...वो इस वक़्त सड़क के बीचो बीच अपने घुटनो पर बैठ कर रो रही थी.....
"चल नाटक बंद कर, जहाँ तुझे चोदुन्गा वो अड्डा बस पास मे ही है...."उसका हाथ पकड़ कर मैने उसे उठाया,....वो चुप-चाप मेरे साथ चलने लगी ,बगैर कुछ बोले....
"एक बार मैने एक लड़की को चोदा था और जोश-जोश मे अपना पूरा हाथ घुसा दिया था...."मैं अब भी उसकी फाड़ने मे लगा हुआ था.....लेकिन वो चुप रही...सड़क पर चलते-चलते मैने अपना एक हाथ उसके सीने पर रखा और दूसरे हाथ को उसके कंधे पर रखकर उसे अपनी तरफ खींच लिया...मैने उसे खुद से सटा लिया था और यदि हमे उस वक़्त कोई देखता तो वो बस यही कहता कि "वो देखो लैला-मजनू की जोड़ी जा रही है...."
विभा पूरे रास्ते भर अपना सर नीचे किए सिसकती हुई चलती रही....
"जाओ...."मैने जब विभा से ये कहा तो उसने हैरत भरी नज़रों से मेरी तरफ देखा, जैसे उसे यकीन नही हुआ हो कि मैने उसे जाने के लिए कहा है.....
"मुझे मालूम है कि मैं बहुत हॅंडसम हूँ, लेकिन अब मुझे देखने के बजाय ,सामने देखो....तुम्हारी स्कूटी खड़ी है...."
एक बार फिर वो चुप थी, वो चुप-चाप कभी मुझे देखती तो कभी अपनी स्कूटी की तरफ....लेकिन फिर कुछ देर बाद वो मुझे ही घूर्ने लगी,
"साली पट तो नही गयी ,मुझसे "उसकी देखकर मैने कहा, लेकिन जब वो फिर भी मुझे घूरती रही तो मैने कसकर एक तमाचा उसके गाल पर मार दिया और वो चौक कर होश मे आई....
"देखा, ये सपना नही है, ...अब जल्दी से चले जाओ...."
"तुम तो कह रहे थे कि........"
"सब झूठ था..."उसे बीच मे ही रोक कर मैने कहा"मेरा वैसा इरादा बिल्कुल भी नही था,...मैने जब तुम्हे यहाँ बुलाया तो समझ गया कि हॉस्टिल के मेरे दोस्त तुम पर टूट पड़ेंगे और तब मुझे अपनी ग़लती का अहसास हुआ, और उन हवस के प्यासो से तुम्हे बचाने के लिए ही मैं तुम्हे अपने साथ ले गया था, क्यूंकी मुझे मालूम था कि वो कुछ देर मे यहाँ से चले जाएँगे.....लेकिन मैने ये भी सोचा था कि तुम्हारे दोस्त, तुम्हारा यार वरुण तुम्हे कॉल करेगा, पर अफ़सोस कि उसने एक कॉल तो क्या एक मेसेज तक नही किया...."
"ववव...वो...."वो हकलाते हुए बोली, अब उसकी आँखे खुशी से भर आई थी"मोबाइल साइलेंट मे था...."
"आई ला, साला इतना बढ़िया डाइलॉग मारा था, उसकी माँ बहन एक कर दी...."
"मैं जाउ...."अपनी स्कूटी की तरफ देखकर वो बोली..."थॅंक्स..."
"और एक बात, जो तुमसे कहनी थी...."
"बोलो..."
"आइ आम स्टिल वर्जिन, सिर्फ़ 61-62 किया है....वहाँ मैने तुमसे दो घंटे, तीन घंटे...वाली जो भी बात कही, वो सब झूठ थी...."
वो मुस्कुराने लगी और अपनी स्कूटी स्टार्ट की तब मैने एक और बार उसे टोका"एक और बात है, जो कहनी थी..."
"बोलो..."पहले की तरह ही उसने मुस्कुरा के कहा....
"मैं तुम्हारा वीडियो भी नही बना सकता था...क्यूंकी मेरा मोबाइल मेरे बॅग मे ही है...."
"अब जाउ, या कुछ और कहना है..."
"एक सलाह लेती जाओ...वरुण ने अपनी जान बचाने के लिए तुम्हे यहाँ बुला लिया था, तो हो सके तो अपने लिए कोई दूसरा बॉय फ्रेंड ढूँढ लेना...."
जब हॉस्टिल पहुचा तो मेरे दोस्त अगल बगल ऐसे खड़े थे जैसे कि कोई बहुत बड़ा शानशाह घुसा हो....सब मुझे देख - देख कर मुस्कुरा रहे थे, अभी मैं अपने रूम मे पहुचा तक नही था कि छोटी हाइट का मालिक ,भू वहाँ आया और मेरे कंधे पर हाथ रख कर बोला...
"चोदा उसे...."
मैने आस-पास खड़े लड़को को देखा और धीरे से कहा "नही बे, छोड़ दिया, बेचारी रोने लगी थी...."
"गे है तू,"पता नही उस वक़्त अरुण कहाँ से टपक पड़ा और दूसरी तरफ से उसने मेरे कंधे पर हाथ रखा और दाँत चबाते हुए गुस्से से बोला"कुत्ते, ना तो खुद किया और ना ही मुझे करने दिया, अब मैं तुझे चोदुन्गा....चल रूम मे तू"