desiaks
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रणबीर पिंकी की चूचियां मसलता हुआ बोला- “जान अभी तो आई है तू, और अभी जाने की जल्दी कर रही है."
पिंकी- “बाबू तुझे नहीं पता मेरे साथ रीत भी आई हुई है। वो बाहर खड़ी मेरा इंतेजार कर रही है। अगर उसने अंदर आकर ये सब देख लिया तो बहुत बड़ा पंगा पड़ जाएगा.."
रणबीर- “कोई पंगा नहीं पड़ेगा जान..” कहते हये रणबीर ने पिंकी के सूट के गले में से एक चूचिी बाहर निकल लिया।
पिंकी- हाए रणबीर ये तूने क्या किया, इसे क्यों बाहर निकल लिया?
रणबीर- "पिंकी मेरी जान तेरी चूचियां कमीज के अंदर कम और बाहर ज्यादा अच्छी लगती हैं..”
फिर रणबीर पिंकी की नंगी चूचियों को पकड़ लेता है।
पिंकी- आहह... आह... रणबीर प्लीज़्ज़... ना करो मुझे देर हो रही है।
रणबीर पिंकी का मुँह घुमाकर अपनी तरफ कर लेता है, और बोलता है- “जान मेरे साथ टाइम स्पेंड करना तुझे अच्छा नहीं लगता क्या तुझे?"
पिंकी- अच्छा लगता है। मैं तो अपनी पूरी लाइफ एक-एक पल तेरे साथ बिताना चाहती हूँ।
रणबीर- "तो फिर इतनी जल्दी क्यों कर रही है जान?" कहकर रणबीर अपने होंठ पिंकी के होंठों के साथ लगा देता है। फिर वो जोर-जोर से पिंकी के होंठों को चूसते हुए, उसकी चूचियां भी मसलने लगता है।
रीत ये सब देखकर पागल हो जाती है। वो ज्योति की बातों से पहले से ही गरम हुई होती है, और ऊपर से वो पिंकी को इस हालत में देखकर और भी गरम हो जाती है। ये सब देखकर रीत का एक हाथ अपने आप उसकी कमीज के पल्ले के अंदर चला जाता है। रीत कमाद के साइड में छुपकर पिंकी को देख रही थी।
पिंकी बड़े मजे अपने होंठ चुसवा रही थी। रणबीर अपना हाथ नीचे पिंकी की सलवार के पास लाता है, और एक झटके से उसका नाड़ा खींचकर खोल देता है। पिंकी तभी अपने होंठ अलग करके बोली- "रणबीर नहीं प्लीज़्ज़... सलवार नहीं प्लीज़्ज़..."
रणबीर नहीं रुकता और सलवार का नाड़ा खुलते ही सलवार ढीली हो जाती है।
रणबीर अपना एक हाथ अंदर डाल देता है। जैसे ही रणबीर का हाथ अंदर जाता है तभी पिंकी रणबीर को कसकर पकड़ लेटी है और बोलती है- "रणबीर प्लीज़्ज़... रहने दो ना प्लीज़्ज़...”
रणबीर उसकी चूचियां मसलते हुए बोला- “जान क्यों डर रही है तू, ये देख इसका क्या हाल हो रहा है?" कहकर अपनी पैंट की जिप खोल देता है और अपना बड़ा लंबा काला लण्ड बाहर निकल लेता है।
पिंकी लण्ड देखकर अपना मुँह दूसरी तरफ कर लेती है और बोलती है- “आए हाए प्लीज़्ज़... जान इसे अंदर कर लो, प्लीज़्ज़... ना करो ना..."
रणबीर पिंकी का हाथ पकड़कर अपने लण्ड पर रखा देता है और बोलता है- “जान तेरे बिना इसने अंदर नहीं जाना, इसको थोड़ा सा हिला पहले...”
पिंकी अपने गोरे हाथों में रणबीर का लण्ड पकड़कर जोर-जोर से हिलने लगती है। रणबीर को अब
ता हा रणबार का अब परा मजा आ रहा होता है।
उधर ये सब देखकर रीत का बुरा हाल हो रहा था। वो सलवार के ऊपर से ही अपनी गीली चूत को मसलने लगती है।
रणबीर भी गरमी में आकर पिंकी की सलवार उसके घुटनों तक कर देता है। जब रणबीर अपने ठंडे हाथ पिंकी के नंगे गोरे चूतड़ों पर लगाता है, तो पिंकी पूरी काँप जाती है और वो रणबीर को कसकर पकड़ लेती है। पिंकी की काले रंग की पैंटी रीत को दिख रही थी। रणबीर का हाथ अब पिंकी की पैंटी के ऊपर जाता है, तभी पिंकी का फोन रिंग करने लगता है।
पिंकी जब अपना फोन देखती है तो वहां डैडी कालिंग लिखा आता है। पिंकी एकदम रणबीर को अपने से अलग करती है और बोलती है- "हाए रब्बा... मेरे पापा का फोन आ गया है...” कहकर वो अपनी सलवार ऊपर करके जल्दी से नाड़ा बाँध लेती है।
रणबीर पिंकी को पीछे से पकड़ लेता है, उसका खड़ा लण्ड पिंकी के चूतरों के बीच में फँस जाता है।
पिंकी- “आह्ह... रणबीर प्लीज़्ज़... अब तो जाने दो, मेरे पापा का फोन आ गया है...” फोन फिर से रिंग करने लगता है, इस बार पिंकी फोन उठा लेती है।
बलविंदर- “बेटा जी कहां हो? आपकी मम्मी आपका इंतेजार कर रही है..”
पिंकी- अभी आई पापाजी।
बलविंदर- वैसे तू है कहां बेटा?
पिंकी डरते हुए बोली- "मैं अपनी दोस्त के घर आई हुई थी..."
बलविंदर- चल ठीक है, जल्दी आ जा रात होने वाली है बेटा।
पिंकी- “अभी आती हूँ पापाजी...” कहकर पिंकी फोन कट कर देती है, अपनी बाहर निकली चूचियों को कमीज के अंदर करके सेट करती है।
लेकिन रणबीर गरम होता है, वो पीछे से पिंकी को अपनी बाहों में भरकर उसके चूतरों पर अपना लण्ड मसल रहा था।
पिंकी- रणबीर अब मुझे जाने दे, अगर पापा को शक हो गया ना तो बहुत बड़ा पंगा पड़ जाएगा।
रणबीर- जान मैं क्या करूँ? मेरा लण्ड नहीं माँ रहा है तुझे भेजने के लिए।
पिंकी- “इसको अंदर करो अपने आप मान जाएगा ये...” और पिंकी उससे अलग होकर जाने लगती है।
रणबीर तभी पिंकी की बाजू पकड़कर उसे एकदम अपनी ओर खींचता है और अपने होंठ उसके होंठों पर रखकर जोर से किस करके बोला- "आई लोव यू जान"
पिंकी भी उसके होंठों को किस करती है और वहां से भाग जाती है। जाते-जाते वो रणबीर को पीछे मुड़कर एक स्माइल कर देती है और बोलती है- “आई लोव यू टू मेरी जान..."
रीत पिंकी को आती देखकर अपनी सलवार के अंदर से हाथ बाहर निकल लेती है, और वापिस वहीं चली जाती है, जहाँ पिंकी ने उसे इंतेजार करने के लिए कहा था।
पिंकी के आने पर रीत उससे जानबूझ कर पूछते हुए बोली- “क्या बात पिंकी इतनी देर कहां लगी?"
पिंकी- यार वो मैं काफी अंदर तक चली गई खेत में।
रीत मन में बोली- “हाँ पता है मुझे कितना अंदर गई थी तू साली गश्ती कहीं की...” फिर वो दोनों बातें करते हुए घर की ओर चली जाती हैं।
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रणबीर- “कोई पंगा नहीं पड़ेगा जान..” कहते हये रणबीर ने पिंकी के सूट के गले में से एक चूचिी बाहर निकल लिया।
पिंकी- हाए रणबीर ये तूने क्या किया, इसे क्यों बाहर निकल लिया?
रणबीर- "पिंकी मेरी जान तेरी चूचियां कमीज के अंदर कम और बाहर ज्यादा अच्छी लगती हैं..”
फिर रणबीर पिंकी की नंगी चूचियों को पकड़ लेता है।
पिंकी- आहह... आह... रणबीर प्लीज़्ज़... ना करो मुझे देर हो रही है।
रणबीर पिंकी का मुँह घुमाकर अपनी तरफ कर लेता है, और बोलता है- “जान मेरे साथ टाइम स्पेंड करना तुझे अच्छा नहीं लगता क्या तुझे?"
पिंकी- अच्छा लगता है। मैं तो अपनी पूरी लाइफ एक-एक पल तेरे साथ बिताना चाहती हूँ।
रणबीर- "तो फिर इतनी जल्दी क्यों कर रही है जान?" कहकर रणबीर अपने होंठ पिंकी के होंठों के साथ लगा देता है। फिर वो जोर-जोर से पिंकी के होंठों को चूसते हुए, उसकी चूचियां भी मसलने लगता है।
रीत ये सब देखकर पागल हो जाती है। वो ज्योति की बातों से पहले से ही गरम हुई होती है, और ऊपर से वो पिंकी को इस हालत में देखकर और भी गरम हो जाती है। ये सब देखकर रीत का एक हाथ अपने आप उसकी कमीज के पल्ले के अंदर चला जाता है। रीत कमाद के साइड में छुपकर पिंकी को देख रही थी।
पिंकी बड़े मजे अपने होंठ चुसवा रही थी। रणबीर अपना हाथ नीचे पिंकी की सलवार के पास लाता है, और एक झटके से उसका नाड़ा खींचकर खोल देता है। पिंकी तभी अपने होंठ अलग करके बोली- "रणबीर नहीं प्लीज़्ज़... सलवार नहीं प्लीज़्ज़..."
रणबीर नहीं रुकता और सलवार का नाड़ा खुलते ही सलवार ढीली हो जाती है।
रणबीर अपना एक हाथ अंदर डाल देता है। जैसे ही रणबीर का हाथ अंदर जाता है तभी पिंकी रणबीर को कसकर पकड़ लेटी है और बोलती है- "रणबीर प्लीज़्ज़... रहने दो ना प्लीज़्ज़...”
रणबीर उसकी चूचियां मसलते हुए बोला- “जान क्यों डर रही है तू, ये देख इसका क्या हाल हो रहा है?" कहकर अपनी पैंट की जिप खोल देता है और अपना बड़ा लंबा काला लण्ड बाहर निकल लेता है।
पिंकी लण्ड देखकर अपना मुँह दूसरी तरफ कर लेती है और बोलती है- “आए हाए प्लीज़्ज़... जान इसे अंदर कर लो, प्लीज़्ज़... ना करो ना..."
रणबीर पिंकी का हाथ पकड़कर अपने लण्ड पर रखा देता है और बोलता है- “जान तेरे बिना इसने अंदर नहीं जाना, इसको थोड़ा सा हिला पहले...”
पिंकी अपने गोरे हाथों में रणबीर का लण्ड पकड़कर जोर-जोर से हिलने लगती है। रणबीर को अब
ता हा रणबार का अब परा मजा आ रहा होता है।
उधर ये सब देखकर रीत का बुरा हाल हो रहा था। वो सलवार के ऊपर से ही अपनी गीली चूत को मसलने लगती है।
रणबीर भी गरमी में आकर पिंकी की सलवार उसके घुटनों तक कर देता है। जब रणबीर अपने ठंडे हाथ पिंकी के नंगे गोरे चूतड़ों पर लगाता है, तो पिंकी पूरी काँप जाती है और वो रणबीर को कसकर पकड़ लेती है। पिंकी की काले रंग की पैंटी रीत को दिख रही थी। रणबीर का हाथ अब पिंकी की पैंटी के ऊपर जाता है, तभी पिंकी का फोन रिंग करने लगता है।
पिंकी जब अपना फोन देखती है तो वहां डैडी कालिंग लिखा आता है। पिंकी एकदम रणबीर को अपने से अलग करती है और बोलती है- "हाए रब्बा... मेरे पापा का फोन आ गया है...” कहकर वो अपनी सलवार ऊपर करके जल्दी से नाड़ा बाँध लेती है।
रणबीर पिंकी को पीछे से पकड़ लेता है, उसका खड़ा लण्ड पिंकी के चूतरों के बीच में फँस जाता है।
पिंकी- “आह्ह... रणबीर प्लीज़्ज़... अब तो जाने दो, मेरे पापा का फोन आ गया है...” फोन फिर से रिंग करने लगता है, इस बार पिंकी फोन उठा लेती है।
बलविंदर- “बेटा जी कहां हो? आपकी मम्मी आपका इंतेजार कर रही है..”
पिंकी- अभी आई पापाजी।
बलविंदर- वैसे तू है कहां बेटा?
पिंकी डरते हुए बोली- "मैं अपनी दोस्त के घर आई हुई थी..."
बलविंदर- चल ठीक है, जल्दी आ जा रात होने वाली है बेटा।
पिंकी- “अभी आती हूँ पापाजी...” कहकर पिंकी फोन कट कर देती है, अपनी बाहर निकली चूचियों को कमीज के अंदर करके सेट करती है।
लेकिन रणबीर गरम होता है, वो पीछे से पिंकी को अपनी बाहों में भरकर उसके चूतरों पर अपना लण्ड मसल रहा था।
पिंकी- रणबीर अब मुझे जाने दे, अगर पापा को शक हो गया ना तो बहुत बड़ा पंगा पड़ जाएगा।
रणबीर- जान मैं क्या करूँ? मेरा लण्ड नहीं माँ रहा है तुझे भेजने के लिए।
पिंकी- “इसको अंदर करो अपने आप मान जाएगा ये...” और पिंकी उससे अलग होकर जाने लगती है।
रणबीर तभी पिंकी की बाजू पकड़कर उसे एकदम अपनी ओर खींचता है और अपने होंठ उसके होंठों पर रखकर जोर से किस करके बोला- "आई लोव यू जान"
पिंकी भी उसके होंठों को किस करती है और वहां से भाग जाती है। जाते-जाते वो रणबीर को पीछे मुड़कर एक स्माइल कर देती है और बोलती है- “आई लोव यू टू मेरी जान..."
रीत पिंकी को आती देखकर अपनी सलवार के अंदर से हाथ बाहर निकल लेती है, और वापिस वहीं चली जाती है, जहाँ पिंकी ने उसे इंतेजार करने के लिए कहा था।
पिंकी के आने पर रीत उससे जानबूझ कर पूछते हुए बोली- “क्या बात पिंकी इतनी देर कहां लगी?"
पिंकी- यार वो मैं काफी अंदर तक चली गई खेत में।
रीत मन में बोली- “हाँ पता है मुझे कितना अंदर गई थी तू साली गश्ती कहीं की...” फिर वो दोनों बातें करते हुए घर की ओर चली जाती हैं।
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