hotaks444
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मैं हँसी और कहने लगी- “हाँ अब आपसे क्या परदा.." और ये कहकर मैंने अपनी शर्ट उतार दी। मैं ट्राउजर और शर्ट पहनी हुई थी और अब शर्ट उतारने के बाद मैं सिर्फ़ ट्राउजर और ब्रा में रह गई थी। मेरे चिकने जिश्म पर पशीना चमक रहा था। वो गौर से मेरे जिस्म को देख रहा था।
वो बोला- “वैसे मौसम इतना गर्म नहीं है, बाहर तो अच्छी खासी सर्दी है और आपके जिश्म पर पशीना है."
मैं मुश्कुराई और बोली- “वो मुझे ज्यादा कपड़े पहनने की आदत नहीं है, अफ मेरी तो ब्रा भी भीग गई है जरा आप मेरी ब्रा का हुक खोल देंगे ताकी मैं इसे सुखा सकू...” ये कहकर मैं उनके सामने पीठ मोड़कर खड़ी हो गई।
कादिर साहिब ने मेरी ब्रा का हुक खोल दिया। मैं ब्रा उतारकर मुड़ी तो उसने मुझे खींचकर अपने आपसे लिपटा लिया और अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए। मैं तो चाहती ही यही थी इसलिए मैंने उनको भींच लिया। वो पागलों की तरह मेरे बोसे ले रहे थे। उन्होंने बोसे लेने के दोरान ही मेरे ट्राउजर का बटन खोला और उसे खींचकर नीचे कर दिया। नीचे मैंने अपनी पैंटी नहीं पहनी थी, मैंने खुद ही अपना ट्राउजर अपनी टाँगों से निकाल दिया, अब मैं कादिर साहिब के हाथों में बिलकुल नंगी थी। अब वो मेरी चूत में उंगलियां कर रहे थे। फिर उन्होंने मुझे सीट पर पटका और अपने कपड़े उतारने लगे। जब उन्होंने अपनी अंडरवेर उतारी तो उनका 8 इंच का लण्ड झटका खाकर खड़ा हो गया।
फिर कादिर साहिब मुझ पर टूट पड़े। पहले उन्होंने मेरे मम्मों को दबा-दबाकर चाटा फिर मेरी चूत चाटी उसके बाद उन्होंने उठकर अपना लण्ड मेरे मुँह में डाल दिया और मैं मजे से उनका लण्ड चूसने लगी। थोड़ी देर बाद उन्होंने मुझे सीट पर हाथ रखकर खड़ा हो जाने को बोला तो मैं सीट पर अपने दोनों हाथ रखकर झुक गई।
कादिर साहिब ने मेरे पीछे आकर अपना लण्ड मेरी चूत में डाला और जोरदार झटका मारा। पहले ही झटके में उनका लण्ड जड़ तक मेरी चूत में घुस गया। और पूरा कम्पार्टमेंट मेरी लज़्ज़त भरी सिसकारी से गूंज गया। मैं सिसक कर बोली- “उफफ्फ़... कादिर साहिब बहुत अच्छा शाट मारा है अब ऐसे ही शाट्स मारिए...”
और कादिर साहिब जोरदार झटकों के साथ मुझे चोदने लगे और मेरी लज़्ज़त भरी सिसकारियां कम्पार्टमेंट में गूंजने लगी। अभी कादिर साहिब को मुझे चोदते हुये 10 मिनट ही हुये थे की कम्पार्टमेंट का दरवाजा खुला और दो आदमी अंदर आ गये। दोनों आदमी अंदर का मंजर देखकर चौंक गये। पहले तो कादिर साहिब उन दोनों को देखकर घबराये फिर उन्होंने संभलकर उन दोनों को भी मुझे चोदने की दावत दी। मुफ़्त में लड़की चोदने को मिले तो कौन इनकार करता है...
कादिर साहिब की दावत पर वो दोनों आदमी भी अपने अपने कपड़े उतारकर कादिर साहिब के साथ शामिल हो। गये। अब कादिर साहिब को झटके मारने में लगे हुये थे, बाकी दोनों आदमियों में से एक ने तो अपना लण्ड मेरे मुँह में घुसा दिया जबकी दूसरा मेरे चूचियां को चूसने लगा।
फिर जिस आदमी का लण्ड मेरे मुँह में था उसने अपना लण्ड मेरे मुँह से निकाला तो कादिर साहिब ने उस आदमी को जगह दी और उस आदमी ने अपना लण्ड मेरी गाण्ड में घुसा दिया जबकी तीसरे आदमी ने अपना लण्ड मेरे मुँह में घुसा दिया। फिर वो तीनों अपने-अपने लण्ड को झटके देने लगे और मुझे एक साथ तीनों सुराखों से मजा आने लगा। अभी ट्रेन चलनी शुरू नहीं हुई थी मगर मेरी चुदाई पूरा स्पीड में चल रही थी। थोड़ी देर बाद कम्पार्टमेंट में जिस आखिरी आदमी की बुकिंग थी वो भी कम्पार्टमेंट में आ गया। एक लड़की पर तीन आदमियों के चढ़ने का मंजर ही किसी को गरम कर देने के लिए काफी था तो वो आने वाला शाख्स कैसे इससे बच पाता।
वो बोला- “वैसे मौसम इतना गर्म नहीं है, बाहर तो अच्छी खासी सर्दी है और आपके जिश्म पर पशीना है."
मैं मुश्कुराई और बोली- “वो मुझे ज्यादा कपड़े पहनने की आदत नहीं है, अफ मेरी तो ब्रा भी भीग गई है जरा आप मेरी ब्रा का हुक खोल देंगे ताकी मैं इसे सुखा सकू...” ये कहकर मैं उनके सामने पीठ मोड़कर खड़ी हो गई।
कादिर साहिब ने मेरी ब्रा का हुक खोल दिया। मैं ब्रा उतारकर मुड़ी तो उसने मुझे खींचकर अपने आपसे लिपटा लिया और अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए। मैं तो चाहती ही यही थी इसलिए मैंने उनको भींच लिया। वो पागलों की तरह मेरे बोसे ले रहे थे। उन्होंने बोसे लेने के दोरान ही मेरे ट्राउजर का बटन खोला और उसे खींचकर नीचे कर दिया। नीचे मैंने अपनी पैंटी नहीं पहनी थी, मैंने खुद ही अपना ट्राउजर अपनी टाँगों से निकाल दिया, अब मैं कादिर साहिब के हाथों में बिलकुल नंगी थी। अब वो मेरी चूत में उंगलियां कर रहे थे। फिर उन्होंने मुझे सीट पर पटका और अपने कपड़े उतारने लगे। जब उन्होंने अपनी अंडरवेर उतारी तो उनका 8 इंच का लण्ड झटका खाकर खड़ा हो गया।
फिर कादिर साहिब मुझ पर टूट पड़े। पहले उन्होंने मेरे मम्मों को दबा-दबाकर चाटा फिर मेरी चूत चाटी उसके बाद उन्होंने उठकर अपना लण्ड मेरे मुँह में डाल दिया और मैं मजे से उनका लण्ड चूसने लगी। थोड़ी देर बाद उन्होंने मुझे सीट पर हाथ रखकर खड़ा हो जाने को बोला तो मैं सीट पर अपने दोनों हाथ रखकर झुक गई।
कादिर साहिब ने मेरे पीछे आकर अपना लण्ड मेरी चूत में डाला और जोरदार झटका मारा। पहले ही झटके में उनका लण्ड जड़ तक मेरी चूत में घुस गया। और पूरा कम्पार्टमेंट मेरी लज़्ज़त भरी सिसकारी से गूंज गया। मैं सिसक कर बोली- “उफफ्फ़... कादिर साहिब बहुत अच्छा शाट मारा है अब ऐसे ही शाट्स मारिए...”
और कादिर साहिब जोरदार झटकों के साथ मुझे चोदने लगे और मेरी लज़्ज़त भरी सिसकारियां कम्पार्टमेंट में गूंजने लगी। अभी कादिर साहिब को मुझे चोदते हुये 10 मिनट ही हुये थे की कम्पार्टमेंट का दरवाजा खुला और दो आदमी अंदर आ गये। दोनों आदमी अंदर का मंजर देखकर चौंक गये। पहले तो कादिर साहिब उन दोनों को देखकर घबराये फिर उन्होंने संभलकर उन दोनों को भी मुझे चोदने की दावत दी। मुफ़्त में लड़की चोदने को मिले तो कौन इनकार करता है...
कादिर साहिब की दावत पर वो दोनों आदमी भी अपने अपने कपड़े उतारकर कादिर साहिब के साथ शामिल हो। गये। अब कादिर साहिब को झटके मारने में लगे हुये थे, बाकी दोनों आदमियों में से एक ने तो अपना लण्ड मेरे मुँह में घुसा दिया जबकी दूसरा मेरे चूचियां को चूसने लगा।
फिर जिस आदमी का लण्ड मेरे मुँह में था उसने अपना लण्ड मेरे मुँह से निकाला तो कादिर साहिब ने उस आदमी को जगह दी और उस आदमी ने अपना लण्ड मेरी गाण्ड में घुसा दिया जबकी तीसरे आदमी ने अपना लण्ड मेरे मुँह में घुसा दिया। फिर वो तीनों अपने-अपने लण्ड को झटके देने लगे और मुझे एक साथ तीनों सुराखों से मजा आने लगा। अभी ट्रेन चलनी शुरू नहीं हुई थी मगर मेरी चुदाई पूरा स्पीड में चल रही थी। थोड़ी देर बाद कम्पार्टमेंट में जिस आखिरी आदमी की बुकिंग थी वो भी कम्पार्टमेंट में आ गया। एक लड़की पर तीन आदमियों के चढ़ने का मंजर ही किसी को गरम कर देने के लिए काफी था तो वो आने वाला शाख्स कैसे इससे बच पाता।