hotaks444
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काफी देर तक मेरी चूत को अंदर तक चूसने के बाद उन्होंने मेरी चूत के लबों को दाँतों में लेकर काटना शुरू कर दिया और मेरे सिसकारियां और तेज हो गईं। अंकल ने 10-12 मिनट तक बहुत बुरी तरह से मेरी चूत को काटा
और मैं आखीरकार में झड़ गई। अब हम दोनों पूरी तरह सेक्स के लिए तैयार थे। अंकल ने मेरे ऊपर झुक कर अपने लण्ड की टोपी मेरी चूत के सुराख पर फिट करी और अंकल ने दो झटकों में पूरा का पूरा लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया।
और मैं मस्ती में आकर चिल्ला पड़ी- “आहह्ह... ऊऊओह... हहाअ...”
अंकल मुश्कुराये और बोले- “क्यों मजा आया सोबिया डार्लिंग... अब एक और लो..” ये कहकर उन्होंने पहले से भी ज्यादा जोरदार झटका मारा।
और मेरे हलाक से पहले से भी ज्यादा तेज सिसकारी निकली- “आहहह... आह्ह्ह..”
5 मिनट के झटकों के बाद अब अंकल जोर-जोर से मेरी चूत चोद रहे थे। वो अब अपना लण्ड मेरी चूत से निकालकर पूरा का पूरा मेरी चूत में एक ही झटके में डाल देते और मैं फिर चिल्ला उठती। मजीद दो मिनट बाद मैं झड़ गई मगर अंकल मुझे चोदते ही रहे और अब अंकल की रफ्तार भी बहुत तेज हो गई थी और 5-6 मिनट के बाद उन्होंने लण्ड निकाला और मेरी चूत के बाहर अपना माल छोड़ दिया, जो बहता हुआ मेरी चूचियां तक आ गया था।
अंकल की सांस बुरी तरह फूल रही थी और मेरी भी, 3-4 मिनट बाद अंकल एक बार फिर तैयार थे और इस दौरान मैं अपनी चूत में उंलगी करके एक बार फिर झड़ गई थी। तकरीबन 5 मिनट के बाद हमारी हालत नार्मल हो गई और हम दोनों फिर से चुदाई के लिए तैयार थे। फिर अंकल ने मुझे नीचे कार्पेट पर चारों हाथ पैरों पर डागी स्टाइल में खड़ा कर दिया। फिर वो मेरे पीछे आये और वो अपना लण्ड मेरी चूत पर रगड़ने लगे।
मैं तड़प कर बोली- “उफफ्फ़... अंकल क्यों तड़पा रहे हैं, जल्दी से अपना लण्ड मेरी चूत में डालें...”
इस पर वो हँसे और फिर उन्होंने अपना लण्ड मेरी चूत में घुसाया, हुदाप की तेज आवाज मेरी चूत से निकली और लज़्ज़त की शिद्दत से मैंने सिसकारी लेकर अपनी आँखें बंद कर लीं। मेरे ऊपर झुक कर उन्होंने मेरे दोनों मम्मों को पकड़ लिया। और उन्होंने फिर टाफानी रफ़्तार से झटके मारकर मुझे चोदना शुरू कर दिया। जब की मैं बुरी तरह से चीखने लगी- “चोद दो, फाड़ दो आह्ह्ह... उउइईई... मारो धक्केई जोर सेई अंकल्ल...”
अंकल के जोरदार झटके इस तरह 5-7 मिनट तक चलते रहे।
और मैं आखीरकार में झड़ गई। अब हम दोनों पूरी तरह सेक्स के लिए तैयार थे। अंकल ने मेरे ऊपर झुक कर अपने लण्ड की टोपी मेरी चूत के सुराख पर फिट करी और अंकल ने दो झटकों में पूरा का पूरा लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया।
और मैं मस्ती में आकर चिल्ला पड़ी- “आहह्ह... ऊऊओह... हहाअ...”
अंकल मुश्कुराये और बोले- “क्यों मजा आया सोबिया डार्लिंग... अब एक और लो..” ये कहकर उन्होंने पहले से भी ज्यादा जोरदार झटका मारा।
और मेरे हलाक से पहले से भी ज्यादा तेज सिसकारी निकली- “आहहह... आह्ह्ह..”
5 मिनट के झटकों के बाद अब अंकल जोर-जोर से मेरी चूत चोद रहे थे। वो अब अपना लण्ड मेरी चूत से निकालकर पूरा का पूरा मेरी चूत में एक ही झटके में डाल देते और मैं फिर चिल्ला उठती। मजीद दो मिनट बाद मैं झड़ गई मगर अंकल मुझे चोदते ही रहे और अब अंकल की रफ्तार भी बहुत तेज हो गई थी और 5-6 मिनट के बाद उन्होंने लण्ड निकाला और मेरी चूत के बाहर अपना माल छोड़ दिया, जो बहता हुआ मेरी चूचियां तक आ गया था।
अंकल की सांस बुरी तरह फूल रही थी और मेरी भी, 3-4 मिनट बाद अंकल एक बार फिर तैयार थे और इस दौरान मैं अपनी चूत में उंलगी करके एक बार फिर झड़ गई थी। तकरीबन 5 मिनट के बाद हमारी हालत नार्मल हो गई और हम दोनों फिर से चुदाई के लिए तैयार थे। फिर अंकल ने मुझे नीचे कार्पेट पर चारों हाथ पैरों पर डागी स्टाइल में खड़ा कर दिया। फिर वो मेरे पीछे आये और वो अपना लण्ड मेरी चूत पर रगड़ने लगे।
मैं तड़प कर बोली- “उफफ्फ़... अंकल क्यों तड़पा रहे हैं, जल्दी से अपना लण्ड मेरी चूत में डालें...”
इस पर वो हँसे और फिर उन्होंने अपना लण्ड मेरी चूत में घुसाया, हुदाप की तेज आवाज मेरी चूत से निकली और लज़्ज़त की शिद्दत से मैंने सिसकारी लेकर अपनी आँखें बंद कर लीं। मेरे ऊपर झुक कर उन्होंने मेरे दोनों मम्मों को पकड़ लिया। और उन्होंने फिर टाफानी रफ़्तार से झटके मारकर मुझे चोदना शुरू कर दिया। जब की मैं बुरी तरह से चीखने लगी- “चोद दो, फाड़ दो आह्ह्ह... उउइईई... मारो धक्केई जोर सेई अंकल्ल...”
अंकल के जोरदार झटके इस तरह 5-7 मिनट तक चलते रहे।