Desi Sex Kahani मेरी चूत पसंद है - Page 3 - SexBaba
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Desi Sex Kahani मेरी चूत पसंद है

मेरी चूत पसंद है पार्ट--8

गतान्क से आगे.......
कैलाश अपनी बहन की बात सुन कर करिश्मा को नीचे लेटा दिया और
करिश्मा के ऊपेर चढ़ कर उसकी दोनो चूंची को अपने हाथों
से मसल्ते हुए ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा. थोरी देर तक फुल स्पीड मे
चोद कर वो धीरे धीरे चोदने लगा और अपनी बहन से बोला, "बहन
मैं कब से तेरी चूत को चोदने की ताक मे था. मैं पहले भी कई बार
इसके लिए तुझे इशारा भी किया था लेकिन तू मेरा इशारा समझ ना
सकी. खैर आज के बाद जब भी मुझे मौका मिलेगा, मैं तेरी चूत मे
अपना लंड ज़रूर पेलुँगा और जब तेरी चूत मेरा लंड खा खा कर
भोसड़ा बन जाएगी तब मैं तेरी गंद मे अपना लंड पेलुँगा, ठीक
है ना? क्या तू मुझसे अपनी गंद मरवाएगी?" "हाँ भाई हाँ, आज के
बाद जब मन आए तुम यहा आ कर मेरी चूत और गंद दोनो को
चोदना. तेरी चुदाई से मुझे बहुत खुशी होगी" करिश्मा ने अपनी
कमर उचकाते हुए बोली.दोनो भाई बहन अपनी बातों मे मशगूल हो
कर चुदाई कर रहे थे और रसिकलाल जी अपना लंड पकड़े उनकी
चुदाई देख रहे थे. थोरी देर के बाद रसिकलाल जी अपनी बहू
से बोले, "करिश्मा, क्या बात है तुम दोनो भाई और बहन अपनी चुदाई
मे इतना मशगूल हो गये कि मेरे बारे बिलकूल भूल गये. अरे भाई
मैं बहूत देर से अपना लंड थामे तुम दोनो की चुदाई देख रहा
हूँ और अपना लंड सहला रहा हूँ." रसिकलाल जी की बातों को सुन
कर गिरजा देवी भी अपनी चूत और गंद मरवाते हुए बोली, "अरे छिनार
करिश्मा, क्या तू अपने भाई का लंड पकड़ अपने ससुर के लंड को
भूल गयी? तेरा ससुर कब से अपना लंड थामे तेरी और तेरे भाई की
चूत और लंड कुस्ती देख रहा है. जल्दी से अपने भाई के लंड का
पानी निकाल और अपने चूत मे अपने ससुर का लंड डलवा. तेरे ससुर का
लंड इस समय बिकुल फूल कर तन गया है और तेरी चूत की आज खैर
नही." करिश्मा अपने भाई के लंड चुड़वते हुए बोली, "माजी आप
मुझको छिनार कह रही हैं और खुद अपने बेटे और उसके दोस्त का
लंड मज़े से अपनी चूत और गंद मे पिलवा रही है. इससे तो आप तो
मुझसे ज़्यादा छिनार हुई. रही बात मेरी चूत की, तो मुझे मालूम है कि
ससुरजी का लंड खड़ा हो कर तन्ना रहा है और अगर आप को अपने
पति पर तरस आ रहा है तो आप खुद ही उनका लंड चूस कर उनको
झार दीजिए और उनका पानी पी लीजिए. अभी तो मैं अपने भाई का लंड
अपनी चूत से खा रही हूँ और अगर मेरे ससुरजी को मेरी गंद मे
अपना लंड पेलना है तो पेल सकते हैं."ये कहानी आप राज शर्मा के
ब्लॉग हिन्दी सेक्सी कहानियाँ मे पढ़ रहे है अपनी बहू की बात
सुन कर गिरिजा देवी थोरी देर के लिए चुप हो गयी और फिर अपनी
बहू से बोली, "सालीरंडी, छिनार अपनी सास की चुदाई देख रही है और
अपनी भाई कालंड अपनी चूत से खा रही है. चल जल्दी से अपने गंद मे
अपने ससुर का लंड डलवा." "ठीक है, मैं गंद ऊपेर कर रही हूँ और
ससुर जी मेरी गंद अपना लंड पेल सकते है" करिश्मा अपनी सास से
बोली. इतना कह कर करिश्मा फिर से अपने भाई को नीचे लेटा कर
कैलाश पर चढ़ गयी और अपनी गंद को ऊपेर कर दिया.
तब राशील लाल अपने खरे लंड के सुपारे पर थोरा से थूक लगा कर
लंड को अपनी बहू, करिश्मा, की गंद के छेद से भिड़ा दिया. लंड
भिड़ाने के बाद रसिकलाल जी अपने दोनो हाथों से करिश्मा की
कमर को अपने दोनो हाथों से पकड़ कर अपना लंड करिश्मा की
गंद के छेद मे दबाने लगे. थोरी देर के बाद रसिकलाल जी का लंड
का सुपरा फक से करिश्मा की गान्ड की छेद मे घुस गया . तब
रसिकलाल जी ने करिश्मा की कमर को कस कर पकड़ कर अपनी कमर
हिला कर एक ज़ोर दार धक्का मारा और उनका लंड आधे से ज़्यादा
करिश्मा की गंद मे घुस गया . करिश्मा मारे दर्द के बिलबिला
उठी और अपने ससुर से अपना लंड निकालने को बोली. लेकिन रसिकलाल
जी कहाँ सुनने वाले थे, वो करिश्मा की कमर को कस कर पकड़
कर अपना लंड करिश्मा की गंद के अंदर बाहर करने मे लगे हुए
थे.
 
करिश्मा बोल रही थी, "साले भोसरी के ससुरजी अपना लंड
मेरी गंद से निकाल ले. मेरी गंद फटी जा रही है, मैं मरे जा
रही हूँ. साले गंद मारना है तो जा अपनी बीवी के पास, देख वो कैसे
ईक साथ दो दो लंड अपनी चूत और गंद मे पिलवा रही है. जा, जाकर
अपनी बीवी की गंद मे अपना लंड डाल कर उसकी गंद मार, मुझे छोड़.
मुझे अपनी गंद नही मर्वानी है." रसिकलाल जी अपनी बहू की
बात सुन कर बोले, "साली रंडी, आज मैं तेरी गंद को चोद चोद कर
फाड़ दूँगा, कल सुबह उठ कर तू टटी नही कर पाएगी क्योंकी
तेरी गंद फॅट चुकी होगी. मुझे मालूम है कि मेरी बीबी जो कि तेरी
सास भी है उसको गंद मरवाने ने अच्छा लगता है और फटा फट मे
तीन चार बार उसकी गंद मार देता हू. आज मुझको तेरी कोरी गंद
मारने को मिला है और आज मैं बिना गंद फाडे नही छोड़ूँगा." इतना
कह कर रसिकलाल जी ज़ोर ज़ोर से अपने लंड से करिश्मा की गंद मारने
लगे. थोरी देर के बाद कैलाश, जो अब तक नीचे लेट कर अपना लंड
करिश्मा की चूत मे पेल रहा था झार गया और धीरे से करिश्मा के
नीचे से निकल कर बगल मे खड़ा हो कर ससुर और बहू की चुदाई
देखने लगा.जब करिश्मा अपने भाई को अपने पास खड़ा देखी तो
जल्दी से उसका लंड अपने हाथों मे ले कर सहला सहला कर खड़ा
किया और फिर उसको अपने मुँह मे भर कर चूसने लगी. अब तक
करिश्मा को गंद मरवाने मे मज़ा मिलने लगा थाऔर वो मज़े से
अपनी गंद अपनी ससुर के लंड से मरवाने लगी और मुँह से अपने
भाई का लंड खाने लगी. उधर रमेश और गौतम भी गिरिजा देवी
की चूत और गंद मार कर फारिग हो चुके थे. थोरी देर के बाद
रसिकलाल जी नेभी अपने लंड का पानी करिश्मा की गंद मे छोड़ दिया
और अपना लंड करिश्मा की गंद निकाल लिया. अब चारों मर्दों के लंड
झर कर सिकुर चुके थे और दोनो औरतों की चूत और गंद चुद
चुद कर फूल कर लाल हो गयी थी. सभी थोरी देर तक लेट कर सुस्ता
लिए.और तब फिर करिश्मा और गिरिजा देवी नंगी ही किचन मे जा
कर सभी लोगों के लिए चाइ और हल्का नाश्ता लेकर फिर कमरे मे
पहुँच गयी. सभी ने चाइ और नाश्ता किया और फिर से अपनी अपनी
चुदाई मे बिज़ी हो गये. इसी तरह से उस रात करिश्मा और गिरिजा देवी
की चूत और गंद को सभी ने बारी बारी से चोदा और सुबह होने तक
सभी थक कर सो गये. दूसरे दिन सुबेरा होते ही गौतम और कैलाश
अपने अपने घर के लिए रवाना हो गये और रमेश और रसिकलाल
जी घर पर गिरिजा देवी और करिश्मा की चूत और गंद मे अपना लंड
डाल कर चोदना चालू रखा. अब गिरिजा देवी और करिश्मा दोनो बहुत
खुश थी क्योंकी उनकी चूत और गंद की प्यास अब हर रोज सुबह,
दोपहर, शाम और रात को रमेश और रसिकलाल जी के लंडो से
चुदवा कर बुझती थी. तो दोस्तो कैसी लगी ये कहानी ज़रूर बताना
आपका दोस्त राज शर्मा
समाप्त
 
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