hotaks444
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रानी - मम्मी आप कहाँ थी सुबह से...
नीलू - बस अपनी एक दोस्त के यहाँ गयी थी.
रानी - इंदु आंटी के यहाँ?
नीलू - हां बेटा. तुझे कैसे पता.
रानी - काकी ने बताया था. मम्मी आप लोगों के पास हमारे लिए टाइम है की नहीं?
नीलू - ऐसा क्यों कह रही हो?
रानी - कब से हम लोग आये हैं लेकिन आप लोग हमें कहीं घुमाने नहीं ले गए. हमने अभी तक अपना फार्म हाउस भी नहीं देखा. आप लोग तो बहुत बिजी हैं.
नीलू - नहीं ऐसा तो नहीं है. बस पहले के कुछ कमिटमेंट थे वो ही पुरे कर रहे हैं और उसके बाद तो पूरा दिन तुम लोगों के साथ ही रहेंगे.
रानी - यह आपके हाथ में क्या है?
एकदम से सकपका गयी नीलू. अब क्या कहेगी? उसे तो ख्याल ही नहीं रहा था की छुपा के अन्दर लाती. वो तो अच्चा हुआ की दोनों डब्बे गिफ्ट पेपर में बंद थे तो बाहर से देख के अंदाज नहीं लगता.
नीलू - यह तो इंदु के गिफ्ट हैं.
रानी - अरे वाह अप को गिफ्ट दिया उन्होंने...खोलो न मुझे भी दिखाओ क्या है इसमें...
अब तो नीलू और भी घबरा गयी की अगर खोल दिया तो पता नहीं अन्दर से क्या निकलेगा. इतना तो पक्का था की कुछ चुदाई का सामान ही होगा. अब क्या करे नीलू..उसने कुछ देर डब्बे को उल्टा पलता के कहा की.
नीलू - नहीं नहीं दिया नहीं है. बल्कि मैं लायी हूँ इंदु को देने के लिए....
रानी - ओके. क्या लायी हो? और दो दो पैकेट क्यों हैं? और किसी को भी देना है क्या?
अब तो नीलू को डर भी लग रहा था और उसे खीझ भी हो रही थी की यह रानी इतने सवाल क्यों पुच रही है. और वहीँ रानी को भी कुछ अजीब लग रहा था की गिफ्ट की बात पर उसकी माँ इतनी हैरत में क्यों है...
नीलू - नहीं दोनों ही उसी के लिए हैं. मैं एक लेने गयी थी लेकिन दो अच्छे लग गए तो दो ले लिए. इंदु हमारी बहुत ख़ास दोस्त है न. तो उसके लिए ऐसे ही गिफ्ट लेते रहते हैं.
रानी - वाह. क्या लिया है बताओ न? यहाँ कोई अच्छी गिफ्ट शॉप है क्या? कैसे आइटम मिलते हैं यहाँ?
अब तो नीलू को गुस्सा आने लगा था...उसने तुरंत बात को ख़त्म करना ही ठीक समझा...
नीलू - बेटा हम बाद में बात करते हैं. मैं सुबह से नहाई नहीं हूँ. देखो न इतनी देर हो गयी. अभी तुम अपना काम करो मैं नाहा के आती हूँ फिर बैठते हैं हम लोग....
नीलू वहां से लगभग भागती हुई अपने कमरे में आ गयी...आज तो वो फंस ही गयी थी..आज उसे एहसास हुआ की काकी इतने दिनों से उन्हें क्या समझा रही थी की ऐसी लापरवाही मत किया करो. अब तो उसे भी लगने लगा की हर कदम पद चौकन्ना रहने की जरुरत है....सोम अपने कंप्यूटर पर बैठा कुछ कर रहा था....नीलू ने अन्दर आ के दरवाजा बंद किया तो उसने उसे देखा..
सोम - क्या हुआ? ऐसी हैरत में क्यों दिख रही हो?
पूरी बात बताई उसने सोम को की अभी बाहर वो कैसे रानी के जवाब देने में घबरा गयी थी...और फिर उसने वो गिफ्ट के डब्बे दिखाए सोम को.
सोम - पहले दरवाजा ठीक से बंद करो....
नीलू - तुम खोलो इसे.
दोनों डब्बे सोम ने उसे हाथ से ले लिए और लगभग एक साथ ही दोनों डब्बों को खोल लिया...
डब्बे के अन्दर से यह निकला...
सोम - ओ मादरचोद यह क्या है?
नीलू - इसे स्ट्रेपओन कहते हैं . अब तो तुम गए काम से.
सोम - क्यों???
नीलू - यह औरतों के लिए लंड का काम करता है. देखो यह पेंटी में फिट है. इसे पहन के मैं भी लंड वाली बन जाउंगी और फिर तुम्हें चोदूंगी अपने इस लंड से.
सोम - अभी बाहर रानी के सामने गांड फट रही थी तुम्हारी और अब फिर चोदा चादी की बात शुरू केर दी.
नीलू -सॉरी सॉरी. लेकिन यह देखो न कितना बढ़िया गिफ्ट दिया है जब तुम नहीं रहोगे तब मैं काकी एक दुसरे को चोद लेंगे. मैं तो कब से कह रही थी की डिलडो ला दो डिलडो ला दो लेकिन तुमने नहीं सुना. अब देखो मेरी कितनी अच्छी सहेली है. इंदु कितनी अच्छी है. कितना बढ़िया गिफ्ट ला के दिया मुझे.
सोम - तुम तो ऐसे पागल हो रही हो जैसे की बच्ची को पहली बार कुछ मिला है. इतना न उछलो
नीलू - हाँ हाँ तुम न उछलो. कहीं ऐसा न हो की तुम्हारी गांड में घुस जाये मेरा लंड...हा हा हा हा अब तो मेरे पास भी लंड है...मैं भी तुमको चोदूंगी. तुम कहोगे अब बस अब दुःख रही है मेरी गांड और मैं एक नहीं सुनूंगी मैं तो तुम्हें दिन रत रगड़ रगड़ के चोदूंगी. इतना चोदूंगी की तुम एक नंबर की रांड बन जाओगे....
वैसे तो नीलू दो बच्चों की माँ है लेकिन वो अभी भी बहुत बचपना करती है और अभी यह गिफ्ट देख के उसका वही रूप बाहर आ रहा था...सोम को वैसे तो नीलू का बचपना करना हमेशा ही अच्छा लगता था लेकिन आज उसे थोड़ी खुन्नस हो रही थी क्योंकि अब तो सच में उसकी गांड को खतरा हो गया था....लेकिन नीलू को कोई फिक्र ही नहीं थी...वो कभी उस पेंटी को कपड़ों के उपर से ही अपने चूत पर रखती और कमर ऐसे हिलाती जैसे सच में सोम को चोद रही है...कभी वो और कुछ भौंडे इशारे करती सोम को देख के...सोम यह सब देख देख चिढ रहा था...उसे अभी थोड़ी देर पहले काकी से हुई अपनी बात याद आ रही थी..और तभी उसे आईडिया आया की नीलू के इस बचपने से उसे काकी ही बचा सकती है....उसने तुरंत ही काकी वो आवाज लगा दी.....काकी उस समय अपने कमरे में थी और सोम की आवाज सुन के ही उसकी समझ में आ गया की कुछ गड़बड़ है....वो तुरंत अपने हाथ का काम बंद कर के उसके कमरे में आ गयी....अन्दर आ के उसने देखा की नीलू और सोम दोनों बिस्टर पर हैं....सोम तो चुपचाप लेता हुआ है लेकिन नीलू हाथ में कुछ काले कपडे जैसा लिए हवा को चोद रही है..काकी को कुछ समझ नहीं आया,...उसने अन्दर आ के दरवाजा बंद किया और सोम को इशारा किया की यह क्या हो रहा है...
सोम - देखो न इसको. समझो कुछ. कितनी बार कहा है जरा ठीक से रहो लेकिन इसका बचपना नहीं ख़त्म होता.
काकी - क्यों री?? क्या कर रही है और यह हाथ में क्या है???
नीलू - काकी यह है मेरा लंड और वो डब्बे में एक लंड तुम्हारे लिए भी रखा है. तुम भी ले लो. फिर हम अपना अपना लंड पहन के सोम को छोड़ेंगे. अभी तक हम सोम की रंडियां थे अब सोम हमारी रंडी बनेगा. मैं तो बहुत खुश हूँ..देखो न काकी तुम्हारे लिए भी है उस डिब्बे में.
दुसरे डिब्बे को अपने हाथ में ले के काकी ने जब उसमे रखा सामान बहार निकला तो उसे भी वही मिला.....लेकिन काकी इन दोनों से ज्यादा समझदार तो वो एक पल में ही समझ गयी की यह क्या चीज है...
नीलू - बस अपनी एक दोस्त के यहाँ गयी थी.
रानी - इंदु आंटी के यहाँ?
नीलू - हां बेटा. तुझे कैसे पता.
रानी - काकी ने बताया था. मम्मी आप लोगों के पास हमारे लिए टाइम है की नहीं?
नीलू - ऐसा क्यों कह रही हो?
रानी - कब से हम लोग आये हैं लेकिन आप लोग हमें कहीं घुमाने नहीं ले गए. हमने अभी तक अपना फार्म हाउस भी नहीं देखा. आप लोग तो बहुत बिजी हैं.
नीलू - नहीं ऐसा तो नहीं है. बस पहले के कुछ कमिटमेंट थे वो ही पुरे कर रहे हैं और उसके बाद तो पूरा दिन तुम लोगों के साथ ही रहेंगे.
रानी - यह आपके हाथ में क्या है?
एकदम से सकपका गयी नीलू. अब क्या कहेगी? उसे तो ख्याल ही नहीं रहा था की छुपा के अन्दर लाती. वो तो अच्चा हुआ की दोनों डब्बे गिफ्ट पेपर में बंद थे तो बाहर से देख के अंदाज नहीं लगता.
नीलू - यह तो इंदु के गिफ्ट हैं.
रानी - अरे वाह अप को गिफ्ट दिया उन्होंने...खोलो न मुझे भी दिखाओ क्या है इसमें...
अब तो नीलू और भी घबरा गयी की अगर खोल दिया तो पता नहीं अन्दर से क्या निकलेगा. इतना तो पक्का था की कुछ चुदाई का सामान ही होगा. अब क्या करे नीलू..उसने कुछ देर डब्बे को उल्टा पलता के कहा की.
नीलू - नहीं नहीं दिया नहीं है. बल्कि मैं लायी हूँ इंदु को देने के लिए....
रानी - ओके. क्या लायी हो? और दो दो पैकेट क्यों हैं? और किसी को भी देना है क्या?
अब तो नीलू को डर भी लग रहा था और उसे खीझ भी हो रही थी की यह रानी इतने सवाल क्यों पुच रही है. और वहीँ रानी को भी कुछ अजीब लग रहा था की गिफ्ट की बात पर उसकी माँ इतनी हैरत में क्यों है...
नीलू - नहीं दोनों ही उसी के लिए हैं. मैं एक लेने गयी थी लेकिन दो अच्छे लग गए तो दो ले लिए. इंदु हमारी बहुत ख़ास दोस्त है न. तो उसके लिए ऐसे ही गिफ्ट लेते रहते हैं.
रानी - वाह. क्या लिया है बताओ न? यहाँ कोई अच्छी गिफ्ट शॉप है क्या? कैसे आइटम मिलते हैं यहाँ?
अब तो नीलू को गुस्सा आने लगा था...उसने तुरंत बात को ख़त्म करना ही ठीक समझा...
नीलू - बेटा हम बाद में बात करते हैं. मैं सुबह से नहाई नहीं हूँ. देखो न इतनी देर हो गयी. अभी तुम अपना काम करो मैं नाहा के आती हूँ फिर बैठते हैं हम लोग....
नीलू वहां से लगभग भागती हुई अपने कमरे में आ गयी...आज तो वो फंस ही गयी थी..आज उसे एहसास हुआ की काकी इतने दिनों से उन्हें क्या समझा रही थी की ऐसी लापरवाही मत किया करो. अब तो उसे भी लगने लगा की हर कदम पद चौकन्ना रहने की जरुरत है....सोम अपने कंप्यूटर पर बैठा कुछ कर रहा था....नीलू ने अन्दर आ के दरवाजा बंद किया तो उसने उसे देखा..
सोम - क्या हुआ? ऐसी हैरत में क्यों दिख रही हो?
पूरी बात बताई उसने सोम को की अभी बाहर वो कैसे रानी के जवाब देने में घबरा गयी थी...और फिर उसने वो गिफ्ट के डब्बे दिखाए सोम को.
सोम - पहले दरवाजा ठीक से बंद करो....
नीलू - तुम खोलो इसे.
दोनों डब्बे सोम ने उसे हाथ से ले लिए और लगभग एक साथ ही दोनों डब्बों को खोल लिया...
डब्बे के अन्दर से यह निकला...
सोम - ओ मादरचोद यह क्या है?
नीलू - इसे स्ट्रेपओन कहते हैं . अब तो तुम गए काम से.
सोम - क्यों???
नीलू - यह औरतों के लिए लंड का काम करता है. देखो यह पेंटी में फिट है. इसे पहन के मैं भी लंड वाली बन जाउंगी और फिर तुम्हें चोदूंगी अपने इस लंड से.
सोम - अभी बाहर रानी के सामने गांड फट रही थी तुम्हारी और अब फिर चोदा चादी की बात शुरू केर दी.
नीलू -सॉरी सॉरी. लेकिन यह देखो न कितना बढ़िया गिफ्ट दिया है जब तुम नहीं रहोगे तब मैं काकी एक दुसरे को चोद लेंगे. मैं तो कब से कह रही थी की डिलडो ला दो डिलडो ला दो लेकिन तुमने नहीं सुना. अब देखो मेरी कितनी अच्छी सहेली है. इंदु कितनी अच्छी है. कितना बढ़िया गिफ्ट ला के दिया मुझे.
सोम - तुम तो ऐसे पागल हो रही हो जैसे की बच्ची को पहली बार कुछ मिला है. इतना न उछलो
नीलू - हाँ हाँ तुम न उछलो. कहीं ऐसा न हो की तुम्हारी गांड में घुस जाये मेरा लंड...हा हा हा हा अब तो मेरे पास भी लंड है...मैं भी तुमको चोदूंगी. तुम कहोगे अब बस अब दुःख रही है मेरी गांड और मैं एक नहीं सुनूंगी मैं तो तुम्हें दिन रत रगड़ रगड़ के चोदूंगी. इतना चोदूंगी की तुम एक नंबर की रांड बन जाओगे....
वैसे तो नीलू दो बच्चों की माँ है लेकिन वो अभी भी बहुत बचपना करती है और अभी यह गिफ्ट देख के उसका वही रूप बाहर आ रहा था...सोम को वैसे तो नीलू का बचपना करना हमेशा ही अच्छा लगता था लेकिन आज उसे थोड़ी खुन्नस हो रही थी क्योंकि अब तो सच में उसकी गांड को खतरा हो गया था....लेकिन नीलू को कोई फिक्र ही नहीं थी...वो कभी उस पेंटी को कपड़ों के उपर से ही अपने चूत पर रखती और कमर ऐसे हिलाती जैसे सच में सोम को चोद रही है...कभी वो और कुछ भौंडे इशारे करती सोम को देख के...सोम यह सब देख देख चिढ रहा था...उसे अभी थोड़ी देर पहले काकी से हुई अपनी बात याद आ रही थी..और तभी उसे आईडिया आया की नीलू के इस बचपने से उसे काकी ही बचा सकती है....उसने तुरंत ही काकी वो आवाज लगा दी.....काकी उस समय अपने कमरे में थी और सोम की आवाज सुन के ही उसकी समझ में आ गया की कुछ गड़बड़ है....वो तुरंत अपने हाथ का काम बंद कर के उसके कमरे में आ गयी....अन्दर आ के उसने देखा की नीलू और सोम दोनों बिस्टर पर हैं....सोम तो चुपचाप लेता हुआ है लेकिन नीलू हाथ में कुछ काले कपडे जैसा लिए हवा को चोद रही है..काकी को कुछ समझ नहीं आया,...उसने अन्दर आ के दरवाजा बंद किया और सोम को इशारा किया की यह क्या हो रहा है...
सोम - देखो न इसको. समझो कुछ. कितनी बार कहा है जरा ठीक से रहो लेकिन इसका बचपना नहीं ख़त्म होता.
काकी - क्यों री?? क्या कर रही है और यह हाथ में क्या है???
नीलू - काकी यह है मेरा लंड और वो डब्बे में एक लंड तुम्हारे लिए भी रखा है. तुम भी ले लो. फिर हम अपना अपना लंड पहन के सोम को छोड़ेंगे. अभी तक हम सोम की रंडियां थे अब सोम हमारी रंडी बनेगा. मैं तो बहुत खुश हूँ..देखो न काकी तुम्हारे लिए भी है उस डिब्बे में.
दुसरे डिब्बे को अपने हाथ में ले के काकी ने जब उसमे रखा सामान बहार निकला तो उसे भी वही मिला.....लेकिन काकी इन दोनों से ज्यादा समझदार तो वो एक पल में ही समझ गयी की यह क्या चीज है...