desiaks
Administrator
- Joined
- Aug 28, 2015
- Messages
- 24,893
#64
1 घंटे बाद हम सब लोग , वापस ऑफीस पहुँच गये ……….मैं और मिस्टर.चौधरी एक ही गाड़ी से गये थे …… ऑफीस में उतरते ही उन्होने मुझे अपने साथ , अपने ऑफीस में आने के लिए कहा…….. मैं उनके पीछे पीछे उनके ऑफीस में पहुँच गया …….शरद भी अभी तक हमारे साथ ही था……….
ऑफीस में पहुँचने के बाद मिस्टर.चौधरी अपनी सीट पर बैठ गये और हम दोनो उनके सामने ………
“ आइ थिंक , यू हॅव डन आ वेरी गुड जॉब राजीव …………आइ आम वेरी इंप्रेस्ड आंड शुवर्ली यू मस्ट गेट आ रिवॉर्ड फॉर सेम “ मिस्टर.चौधरी ने कहा तो मैं सिर्फ़ थॅंक यू ही बोल पाया…….
“मैं आज शाम को देल्ही जा रहा हूँ …….वापस आकर हम लोग इस सक्सेस को सेलेब्रेट करेंगे ……..शरद , नेक्स्ट वीक एक पार्टी का अरेंज्मेंट करो …….हमारे घर पर “ उन्होने शरद से कहा …..
“ ठीक है अंकल , मैं सब कुछ अरेंज कर दूँगा…..” शरद ने कहा
फिर उन्होने अपने साइड में बनी हुई एक ड्रॉयर को खोला और कुछ निकाल कर सामने टेबल पर रख दिया ………
यह एक रेवोल्वेर था , छोटा सा और एक लेदर के केस में बंद था………..
हम दोनो ने मिस्टर.चौधरी की तरफ देखा , सवालिया निगाह से ……..उन्होने एक हाथ से रेवोल्वेर को मेरी तरफ सरकाया और बोले ……
“ इसे तुम रख लो राजीव …………”
“ मैं !!!.........पर क्यों सर ? “ मैं चौंकते हुए बोला ……….
“ यह तुम्हारी सेफ्टी के लिए है राजीव ……..मैं नही जानता कि वो कौन है जो तुम पर हमला कर रहा है ………पर जो भी कोई है , दोबारा भी ऐसा कर सकता है , और इस बार तुमको अलर्ट रहना होगा …………..” वो बड़ी गंभीरता से बोले ……
“ आपकी बात सही है सर ………पर मैने कभी इन च्चेज़ो को इस्तेमाल नही किया “ मैं धीरे से हंसता हुआ बोला ………..
“ इसमें कोई बड़ी बात नही है राजीव …………” शरद ने कहा और रिवॉल्वर उठा कर उसको केस से बाहर निकाल लिया और मुझे दिखाने लगा “ देखो …..यह है मॅगज़ीन चेंबर , यहाँ बुलेट्स डालनी होती हैं ………….और यह इसका सेफ्टी लॉक है …….इसको ऐसे हटाया और ट्रिग्गर दबा दिया , बस……”
“पर मुझे नही लगता कि इसकी कोई ज़रूरत पड़ने वाली है “ मैने फिर कहा…….
“तुम शायद अपने दुश्मन को कम करके आंक रहे हो राजीव …………अभी तो हमें यह भी नही मालूम कि वो कौन है , और क्या चाहता है …….” शरद ने कहा और रिवॉल्वर को केस में रख कर मेरी तरफ सरका दिया ……..उसको शायद मिस्टर.चौधरी ने ही मेरे ऊपर हुए हमले के बारे में बताया होगा ………..
मिस्टर.चौधरी ने एक छोटा सा पेपर , जो लॅमिनेटेड था……अपनी ड्रॉयर से निकाला और मेरी तरफ बढ़ाते हुए बोले “ यह भी रख लो ……….यह इसका लाइसेन्स है , जो मेरे नाम पर है …………”
मैने रिवॉल्वर और लाइसेन्स , दोनो को अपनी जेब में रख लिया और फिर कुछ ही देर के बाद मैं वहाँ से निकल कर अपने कॅबिन में आकर बैठ गया ………..
______________________________
1 घंटे बाद हम सब लोग , वापस ऑफीस पहुँच गये ……….मैं और मिस्टर.चौधरी एक ही गाड़ी से गये थे …… ऑफीस में उतरते ही उन्होने मुझे अपने साथ , अपने ऑफीस में आने के लिए कहा…….. मैं उनके पीछे पीछे उनके ऑफीस में पहुँच गया …….शरद भी अभी तक हमारे साथ ही था……….
ऑफीस में पहुँचने के बाद मिस्टर.चौधरी अपनी सीट पर बैठ गये और हम दोनो उनके सामने ………
“ आइ थिंक , यू हॅव डन आ वेरी गुड जॉब राजीव …………आइ आम वेरी इंप्रेस्ड आंड शुवर्ली यू मस्ट गेट आ रिवॉर्ड फॉर सेम “ मिस्टर.चौधरी ने कहा तो मैं सिर्फ़ थॅंक यू ही बोल पाया…….
“मैं आज शाम को देल्ही जा रहा हूँ …….वापस आकर हम लोग इस सक्सेस को सेलेब्रेट करेंगे ……..शरद , नेक्स्ट वीक एक पार्टी का अरेंज्मेंट करो …….हमारे घर पर “ उन्होने शरद से कहा …..
“ ठीक है अंकल , मैं सब कुछ अरेंज कर दूँगा…..” शरद ने कहा
फिर उन्होने अपने साइड में बनी हुई एक ड्रॉयर को खोला और कुछ निकाल कर सामने टेबल पर रख दिया ………
यह एक रेवोल्वेर था , छोटा सा और एक लेदर के केस में बंद था………..
हम दोनो ने मिस्टर.चौधरी की तरफ देखा , सवालिया निगाह से ……..उन्होने एक हाथ से रेवोल्वेर को मेरी तरफ सरकाया और बोले ……
“ इसे तुम रख लो राजीव …………”
“ मैं !!!.........पर क्यों सर ? “ मैं चौंकते हुए बोला ……….
“ यह तुम्हारी सेफ्टी के लिए है राजीव ……..मैं नही जानता कि वो कौन है जो तुम पर हमला कर रहा है ………पर जो भी कोई है , दोबारा भी ऐसा कर सकता है , और इस बार तुमको अलर्ट रहना होगा …………..” वो बड़ी गंभीरता से बोले ……
“ आपकी बात सही है सर ………पर मैने कभी इन च्चेज़ो को इस्तेमाल नही किया “ मैं धीरे से हंसता हुआ बोला ………..
“ इसमें कोई बड़ी बात नही है राजीव …………” शरद ने कहा और रिवॉल्वर उठा कर उसको केस से बाहर निकाल लिया और मुझे दिखाने लगा “ देखो …..यह है मॅगज़ीन चेंबर , यहाँ बुलेट्स डालनी होती हैं ………….और यह इसका सेफ्टी लॉक है …….इसको ऐसे हटाया और ट्रिग्गर दबा दिया , बस……”
“पर मुझे नही लगता कि इसकी कोई ज़रूरत पड़ने वाली है “ मैने फिर कहा…….
“तुम शायद अपने दुश्मन को कम करके आंक रहे हो राजीव …………अभी तो हमें यह भी नही मालूम कि वो कौन है , और क्या चाहता है …….” शरद ने कहा और रिवॉल्वर को केस में रख कर मेरी तरफ सरका दिया ……..उसको शायद मिस्टर.चौधरी ने ही मेरे ऊपर हुए हमले के बारे में बताया होगा ………..
मिस्टर.चौधरी ने एक छोटा सा पेपर , जो लॅमिनेटेड था……अपनी ड्रॉयर से निकाला और मेरी तरफ बढ़ाते हुए बोले “ यह भी रख लो ……….यह इसका लाइसेन्स है , जो मेरे नाम पर है …………”
मैने रिवॉल्वर और लाइसेन्स , दोनो को अपनी जेब में रख लिया और फिर कुछ ही देर के बाद मैं वहाँ से निकल कर अपने कॅबिन में आकर बैठ गया ………..
______________________________