hotaks444
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हीरोइन बनने की कीमत
मेरा नाम निलिमा है, मेरी उम्र २१ साल है।आज मैं एक बहुत कामयाब हीरोईन हूँ, मेरेलाखों फेन्स हैं । पर मैं हीरोईन कैसे बनी ये एक लम्बी कहानी है, जो मैं आज आपको सुनाने जा रही हूँ ।
मैं एक ग़रीब घर मैं पाली और बड़ी हुई ,मैं पढ़ने मैं बहुत तेज़ थी , मेरे पिता और माता की बहुत लाड़ली थी । पिता एक छोटी सी नौकरी करते थे, हमेशा पैसे की तंगी रहती थी । जीवन कट रहा था यूँ ही , और मैं बड़ी हो रही थी ।जब मैं ९ क्लास में थी , तभी एक हादसे मैं मेरे पिता और माता के मृत्यु हो गयी। मैं शॉक में थी , और मुझे जीवन से नफ़रत हो गयी। मेरे मौसाजी और मौसीजी मुझे अपने साथ उनके गाँव ले गए, और वहाँ मुझे स्कूल में दाख़िल कर दिया । उस घर में उनका एक बेटा भी रहता था जो मुझसे ३ साल बड़ा था ,उसका नाम राज था । वो बहुत सुन्दर था और मुझे अच्छा लगता था । मौसाजी ४२ साल के थे और मौसीजी ४० की थीं।
जीवन कट रहा था और अब मैं पढ़ाई पर और ध्यान देने लगी,राज मेरे साथ स्कूल जाता था और ढेर सारी बातें करता था । एक बार हम एसे ही स्कूल जा रहे थे और मैं स्कूल यूनफ़ॉर्म में स्कर्ट ब्लाउस में थी। यहाँ मैं ये बता दूँ की मेरी फिगर काफ़ी सेक्सी थी , मेरे सीने के उभार काफ़ी बड़े थे और मेरा रंग भी बिल्कूल गोरा है और चेहरा भी बहुत सुन्दर है । अचानक हमारे सामने दो मोटर्सायकल में चार लड़के आ गए और हमारा रास्ता रोक लिया, और मेरा स्कूल बैग छीन लिया ,और हँसने लगे। मैंने कहा , मेरा बैग वापस दो, वो बोला की पहले पप्पी दो , मैं घबरा गयी, और डर भी गयी। राज को ग़ुस्सा आया और वो बोला की तुम इसका बैग वापस दे दो नहीं तो अच्छा नहीं होगा ,वो हँसने लगे और बोले अबे क्या कर लेगा? इतने में दो लड़कों ने राज को पकड़ लिया और वो लड़का फिर पास आया और बोला ,बेबी पप्पी दे दो । मैं डर से काँप उठी।
मैंने उनके आगे हाथ जोड़े और कहा कि मुझे जाने दो ,एसे कहते हुए मैंने इधर उधर मदद के लिए देखा पर वो एक पगडंडी थी जहाँ आसपास कोई नहीं था, अब मुझे लगा कि ये मुझे छोड़ने वाले नहीं। तभी वो लड़का मेरे पास आया और उसने मेरे गालों की चुम्मी ले ली, मैं पीछे जाने की कोशिश की पर वहाँ एक लड़का पहले से ही खड़ा था ,मेरे नितम्ब उसके पैंट के उभार से टकरा गए , मैं चौंक गयी क्यूँकि मुझे वहाँ एक कड़ी चीज़ चुभी , जो मई समझ गयी की वो उसका लिंग ही होगा ।तभी उस लड़के ने मेरे लिप्स पर किस किया और साथ ही मेरी दूधों पर भी हाथ रख दिया, मेरा पूरा शरीर काम्पने लगा ।राज पूरीकोशिश कर रहा था अपने को छुड़ाने की , पर वो सफल नहीं हो सका । इधर वो लड़का मेरे दूधों को अब दबाने लगा और मैं रोने लगी। तभी पीछे से एक लड़के ने मेरी चूतड़ों पर अपना लिंग रगड़ना शुरू किया। इतने में एक लड़के ने मेरे ब्लाउस के बटन खोल दिए और मेरे ब्रा को खींच कर निकल दिया , अब मेरे नग्न दूध सबके सामने थे, मैं ज़ोर ज़ोर से रोने लगी, पर वो सब मुस्कर। रहे थे , अचानक मेरी आँखें राज की तरफ़ गयी तो देखा कि वो भी बड़े ग़ौर से मेरे दूधों को देख रहा था और उसके पैंट के आगे एक टेंट यानी तंबू तन गया था। मैं हैरान रह गयी की इन हालात में भी वो इक्साइट हो गया था । तभी अचानक एक ट्रैक्टर की आवाज़ आयी और सब चौंक गए , अचानक वो सब अपनी मोटर्सायकल ले कर भाग गए। राज जल्दी से मेरे पास आया और उसने मुझे ब्लाउस का बटन लगाने को बोला । मैंने अपने ब्लाउस को बटन लगाकर बन्द किया , जब मैं ऐसा कर रही थी तब वो मेरे दूधों को एकटक देख रहा था , मुझे बड़ी शर्म आ रही थी। हमने स्कूल ना जाने का फ़ैसला किया और वापस घर की तरफ़ चल पड़े , मैंने धीरे से नज़रें झुका कर राज के पैंट की तरफ़ देखा और वहाँ अभी भी तंबू तना हुआ था ।
जब हम वापस जा रहे थे तब मुझे याद आ रहा था की मैंने पहला लिंग कब देखा था? दरअसल पुराने स्कूल में एक़बार जब मैं एक सहेली के साथ तालाब की तरफ़ घूमने जा रहे थे तभी हमने १ लड़के को पेशाब करते देखा , उसका लिंग काफ़ी बड़ा था और उसमें से पेशाब की लम्बी धार निकल रही थी, हम दोनों उसकी तरफ़ बड़े ध्यान से देख रहे थे , अचानक वहाँ एक ४० साल की औरत आतीदिखी तो हम छुप गए, वो औरत वहाँ आकर मुस्कर। कर उसका लिंग देखने लगी , उस लड़के ने कहा की मौसी, कितनी देर से मैं आपका इंतज़ार कर रहा था , उस औरत ने उसका लिंग पकड़ लिया और हिलाने लगी, उसका लिंग अब खड़ा हो गया और बहुत बड़ा हो गया। हमने अपने जीवन में ये सब नहीं देखा था ,मुझे अपने चड्डी की अंदर कुछ कुछ होने लगा । बाद मैं हम वहाँ से भाग निकले। आज राज का फूला हुआ पैंट मुझे उस लड़के की याद दिला दिया ।राज ने कहा कि घर मई ये सब बताओगी क्या? मैंने कहा कि नहीं , उससे क्या फ़ायदा होगा , पर आगे से हम इस रास्ते से नहीं आएँगे । घर पहुँच कर हम अपने कमरे में चले गए , और मैंने बाथरूम जाकर अपने आप को साफ़ किया ,मौसी को कह दिया की आज स्कूल में छुट्टी हो गयी । बाद में जब मैं आँगन में बैठकर किताब पढ़ रही थी , मैंने देखा कि मौसी मंदिर चली गए और तब राज बाहर आकर मेरे पास आकर बैठ गया, वो बोला तुम जानती हो तुम बहुत सुंदर हो , किसी फ़िल्मी हीरोइन की तरह?? मैने हंस,आर कहा क्या हो गया है तुम्हें , वो बोला, आज जो झलक देखी तुम्हारी, तो समझ आया की तुम कितनी सुंदर हो? वो बोला , अगर तुम मेरी मौसेरी बहन नहीं होती तो ।।। तो मैंने पूछा की क्या होता ? वो बोला , छोड़ो क्यूँ फ़ालतू बातें करें? मैं हँसकर बोली बताओ ना क्या करते ? वो बोला , तुमसे शादी कर लेता। मेरा मुँह खुला का खुला रह गया । वो फिर बोला, तुम सच में हीरोइनलगती हो !
मेरा नाम निलिमा है, मेरी उम्र २१ साल है।आज मैं एक बहुत कामयाब हीरोईन हूँ, मेरेलाखों फेन्स हैं । पर मैं हीरोईन कैसे बनी ये एक लम्बी कहानी है, जो मैं आज आपको सुनाने जा रही हूँ ।
मैं एक ग़रीब घर मैं पाली और बड़ी हुई ,मैं पढ़ने मैं बहुत तेज़ थी , मेरे पिता और माता की बहुत लाड़ली थी । पिता एक छोटी सी नौकरी करते थे, हमेशा पैसे की तंगी रहती थी । जीवन कट रहा था यूँ ही , और मैं बड़ी हो रही थी ।जब मैं ९ क्लास में थी , तभी एक हादसे मैं मेरे पिता और माता के मृत्यु हो गयी। मैं शॉक में थी , और मुझे जीवन से नफ़रत हो गयी। मेरे मौसाजी और मौसीजी मुझे अपने साथ उनके गाँव ले गए, और वहाँ मुझे स्कूल में दाख़िल कर दिया । उस घर में उनका एक बेटा भी रहता था जो मुझसे ३ साल बड़ा था ,उसका नाम राज था । वो बहुत सुन्दर था और मुझे अच्छा लगता था । मौसाजी ४२ साल के थे और मौसीजी ४० की थीं।
जीवन कट रहा था और अब मैं पढ़ाई पर और ध्यान देने लगी,राज मेरे साथ स्कूल जाता था और ढेर सारी बातें करता था । एक बार हम एसे ही स्कूल जा रहे थे और मैं स्कूल यूनफ़ॉर्म में स्कर्ट ब्लाउस में थी। यहाँ मैं ये बता दूँ की मेरी फिगर काफ़ी सेक्सी थी , मेरे सीने के उभार काफ़ी बड़े थे और मेरा रंग भी बिल्कूल गोरा है और चेहरा भी बहुत सुन्दर है । अचानक हमारे सामने दो मोटर्सायकल में चार लड़के आ गए और हमारा रास्ता रोक लिया, और मेरा स्कूल बैग छीन लिया ,और हँसने लगे। मैंने कहा , मेरा बैग वापस दो, वो बोला की पहले पप्पी दो , मैं घबरा गयी, और डर भी गयी। राज को ग़ुस्सा आया और वो बोला की तुम इसका बैग वापस दे दो नहीं तो अच्छा नहीं होगा ,वो हँसने लगे और बोले अबे क्या कर लेगा? इतने में दो लड़कों ने राज को पकड़ लिया और वो लड़का फिर पास आया और बोला ,बेबी पप्पी दे दो । मैं डर से काँप उठी।
मैंने उनके आगे हाथ जोड़े और कहा कि मुझे जाने दो ,एसे कहते हुए मैंने इधर उधर मदद के लिए देखा पर वो एक पगडंडी थी जहाँ आसपास कोई नहीं था, अब मुझे लगा कि ये मुझे छोड़ने वाले नहीं। तभी वो लड़का मेरे पास आया और उसने मेरे गालों की चुम्मी ले ली, मैं पीछे जाने की कोशिश की पर वहाँ एक लड़का पहले से ही खड़ा था ,मेरे नितम्ब उसके पैंट के उभार से टकरा गए , मैं चौंक गयी क्यूँकि मुझे वहाँ एक कड़ी चीज़ चुभी , जो मई समझ गयी की वो उसका लिंग ही होगा ।तभी उस लड़के ने मेरे लिप्स पर किस किया और साथ ही मेरी दूधों पर भी हाथ रख दिया, मेरा पूरा शरीर काम्पने लगा ।राज पूरीकोशिश कर रहा था अपने को छुड़ाने की , पर वो सफल नहीं हो सका । इधर वो लड़का मेरे दूधों को अब दबाने लगा और मैं रोने लगी। तभी पीछे से एक लड़के ने मेरी चूतड़ों पर अपना लिंग रगड़ना शुरू किया। इतने में एक लड़के ने मेरे ब्लाउस के बटन खोल दिए और मेरे ब्रा को खींच कर निकल दिया , अब मेरे नग्न दूध सबके सामने थे, मैं ज़ोर ज़ोर से रोने लगी, पर वो सब मुस्कर। रहे थे , अचानक मेरी आँखें राज की तरफ़ गयी तो देखा कि वो भी बड़े ग़ौर से मेरे दूधों को देख रहा था और उसके पैंट के आगे एक टेंट यानी तंबू तन गया था। मैं हैरान रह गयी की इन हालात में भी वो इक्साइट हो गया था । तभी अचानक एक ट्रैक्टर की आवाज़ आयी और सब चौंक गए , अचानक वो सब अपनी मोटर्सायकल ले कर भाग गए। राज जल्दी से मेरे पास आया और उसने मुझे ब्लाउस का बटन लगाने को बोला । मैंने अपने ब्लाउस को बटन लगाकर बन्द किया , जब मैं ऐसा कर रही थी तब वो मेरे दूधों को एकटक देख रहा था , मुझे बड़ी शर्म आ रही थी। हमने स्कूल ना जाने का फ़ैसला किया और वापस घर की तरफ़ चल पड़े , मैंने धीरे से नज़रें झुका कर राज के पैंट की तरफ़ देखा और वहाँ अभी भी तंबू तना हुआ था ।
जब हम वापस जा रहे थे तब मुझे याद आ रहा था की मैंने पहला लिंग कब देखा था? दरअसल पुराने स्कूल में एक़बार जब मैं एक सहेली के साथ तालाब की तरफ़ घूमने जा रहे थे तभी हमने १ लड़के को पेशाब करते देखा , उसका लिंग काफ़ी बड़ा था और उसमें से पेशाब की लम्बी धार निकल रही थी, हम दोनों उसकी तरफ़ बड़े ध्यान से देख रहे थे , अचानक वहाँ एक ४० साल की औरत आतीदिखी तो हम छुप गए, वो औरत वहाँ आकर मुस्कर। कर उसका लिंग देखने लगी , उस लड़के ने कहा की मौसी, कितनी देर से मैं आपका इंतज़ार कर रहा था , उस औरत ने उसका लिंग पकड़ लिया और हिलाने लगी, उसका लिंग अब खड़ा हो गया और बहुत बड़ा हो गया। हमने अपने जीवन में ये सब नहीं देखा था ,मुझे अपने चड्डी की अंदर कुछ कुछ होने लगा । बाद मैं हम वहाँ से भाग निकले। आज राज का फूला हुआ पैंट मुझे उस लड़के की याद दिला दिया ।राज ने कहा कि घर मई ये सब बताओगी क्या? मैंने कहा कि नहीं , उससे क्या फ़ायदा होगा , पर आगे से हम इस रास्ते से नहीं आएँगे । घर पहुँच कर हम अपने कमरे में चले गए , और मैंने बाथरूम जाकर अपने आप को साफ़ किया ,मौसी को कह दिया की आज स्कूल में छुट्टी हो गयी । बाद में जब मैं आँगन में बैठकर किताब पढ़ रही थी , मैंने देखा कि मौसी मंदिर चली गए और तब राज बाहर आकर मेरे पास आकर बैठ गया, वो बोला तुम जानती हो तुम बहुत सुंदर हो , किसी फ़िल्मी हीरोइन की तरह?? मैने हंस,आर कहा क्या हो गया है तुम्हें , वो बोला, आज जो झलक देखी तुम्हारी, तो समझ आया की तुम कितनी सुंदर हो? वो बोला , अगर तुम मेरी मौसेरी बहन नहीं होती तो ।।। तो मैंने पूछा की क्या होता ? वो बोला , छोड़ो क्यूँ फ़ालतू बातें करें? मैं हँसकर बोली बताओ ना क्या करते ? वो बोला , तुमसे शादी कर लेता। मेरा मुँह खुला का खुला रह गया । वो फिर बोला, तुम सच में हीरोइनलगती हो !