hotaks444
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थोड़ी ही देर में राहुल विनीत की भाभी के घर पहुंच गया। कमरे के अंदर विनीत की भाभी के साथ जो जो होना था उसके बारे में सोच-सोच कर ही उसके बदन में गुदगुदी सी हो रही थी। उसका दिल जोरों से धड़क रहा था उसे अच्छी तरह से मालूम था कि अंदर क्या होने वाला है और उसे क्या करना है राहुल दरवाजे के बाहर खड़ा होकर बेल बजा दिया और धड़कते दिल के साथ दरवाजे पर खड़ा रहा।
थोड़ी देर बाद दरवाजा खुला तो राहुल विनीत की भाभी को देखकर दंग रह गया जो कि बस हल्का सा ही दरवाजा खोलकर बाहर कौन खड़ा है इसकी तसल्ली कर रही थी लेकिन फिर भी इतने से ही राहुल को बहुत कुछ दीख गया था। वीनीत की भाभी इस समय सिर्फ एक सवाल ही लपेटे हुई थी और उसके बदन पर कुछ भी नहीं था पूरी तरह से तसल्ली कर लेने के बाद राहुल को दरवाजे पर देखकर उसने तुरंत दरवाजे को खोलकर और मुस्कुराते हुए उसे कमरे में आने को कही। कमरे में प्रवेश करते ही चल पूरी तरह से राहुल की नजर विनीत की भाभी पर पड़ी तो उसके पूरे बदन में हलचल सी मचने लगी । उस दिन की तरह आज भी विनीत की भाभी सीधे बाथरूम से ही आ रही थी उसके गोरे बदन पर टावल लिपटी हुई थी । इस बार भी पहले की ही तरह टावल में देखकर राहुल बोला।
भाभी ऐसा क्यों होता है कि जब भी मैं आपके घर आता हूं आप हमेशा टावल में ही रहती हैं।
( राहुल की बात सुनकर वह हंसने लगी और हंसते-हंसते बोली।)
तो क्या टावल मे मैं तुम्हें अच्छी नहीं लगती हूं? ( थोड़ा नखरा दिखाते हुए कमर पे अपने हाथ रख दी।)
नहीं भाभी ऐसी बात नहीं है आप तो हमेशा खूबसूरत लगती हो चाहे जैसी भी रहो।
चाहे जैसी भी रहती हूं मतलब! मैं क्या नंगी घूमती रहती हूं। ( यह बात कहने के साथ ही वह अपनी नजरों को गोल गोल घुमाने लगे राहुल उसके मुंह से नंगी सब्द सुनकर उत्तेजना से भर गया और विनीत की भाभी ने ऐसे शब्दों का उपयोग जानबूझकर कि थीे वह उसे उकसाना चाह रहीे थी। )
( हड़बड़ाते हुए) नहीं भाभी मेरा यह कहने का मतलब बिल्कुल भी नहीं था। मैं तो बस यही कहना चाह रहा था कि आप जैसे भी रहती हो चाहे कुछ भी पहनती हो आपकी खूबसूरती और भी ज्यादा बढ़ जाती हैं।
( राहुल के मुंह से अपनी खूबसूरती की तारीफ सुनकर वह खुश होने लगी आज कई दिनों बाद फिर से ऊसके बदन मे ऊन्माद की लहर ऊठ रही थी। यह भी राहुल की पूरी तरह से दीवानी हो चुकी थी हालांकि अपने देवर से रोज ही चुदती थी लेकिन जो मजा राहुल देता था वैसा मजा विनीत के बस में नहीं था इसलिए तो वह हमेशा राहुल के लिए तड़पती रहती थी। जिस दिन से राहुल विनीत के घर आने का आमंत्रण पाया था और आमंत्रण पाते हैं विनीत की भाभी से मिलने के लिए बेकरार हुआ जा रहा था उसी तरह से वीनीत की भाभी भी आमंत्रण देने के बाद इस पल के इंतजार में ना जाने कितनी बार अपनी बुर को गीली कर चुकी थी। आग दोनों जगह बराबर लगी हुई थी। राहुल एकटक विनीत की भाभी को देखे जा रहा था ऊपर से नीचे तक देखने पर उसकी आंखों में खुमारी का नशा छाने लगा था उसके दिल की धड़कने पल पल बढ़ती जा रही थी राहुल की नजर खास करके उस जगह पर सबसे ज्यादा फिर रही थी, जिस जगह पर विनीत की भाभी ने टॉवल को आपस में बांधे हुए थी, क्योंकि जिस जगह पर टावल बांधी हुई थी आधे से ज्यादा चूचियां बाहर ही झलक रही थी। और उसकी बीच की लकीर इतनी ज्यादा गहरी थी कि उस गहराई मे ऊसका लंड. आराम से ऊतर सके। विनीत की भाभी यह अच्छी तरह जानती थी कि राहुल क्या देख रहा है इसलिए वो जानबूझकर गहरी सांस लेते हुए अपनी चुचियों को और ज्यादा उभार दी। उसकी यह हरकत पर तो राहुल की सांस ही अटक गई उसके पेंट में तुरंत तंबू बनना शुरु हो गया। जिस पर वीनीत की भाभी की नजर चली गई। और पेंट में बने तंबू को देख कर उसकी बुर में सुरसुराहट होने लगी। वह चाहती तो तुरंत उसके लंड को अपनी बुर में लेकर चुदवाने का आनंद ले सकती थी लेकिन. इस तरह की जल्दबाजी दिखाने में उतना मजा नहीं आता। जब आम पूरी तरह से पक जाए तभी उसे खाने में आनंद और तृप्ति का अहसास होता है । इसलिए वह यही चाहती थी कि दोनो की ऊत्कंठा ओर कामोत्तेजना पुरी तरह से प्रबल हो जाए तभी अपनी कामेच्छा की प्यास बुझाने में आनंद की प्राप्ति होगी इसलिए वह धीरे-धीरे बढ़ना चाहती थी। राहुल के लंड में पूरी तरह से तनाव आ गया था। वह भी अच्छी तरह जानता था कि विनोद की भाभी की नजर बार बार पेंट में बने उसकी तंबू पर ही जा रही थी और इसका एहसास ही उसको कामोत्तेजना का आनंद दे रहा था । पिछले कुछ दिनों में
राहुल की परिपक्वता बढ़ चुकी थी इसलिए वह विनीत की भाभी से अपने पैंट का उभार छुपाने की बिल्कुल भी कोशिश नहीं कर रहा था। वीनीत की भाभी भी अपने बदन की नुमाइश करते हुए टावल में ही उसके सामने खड़ी रही वैसे भी एक दूसरे से कुछ छुपाने के लिए बाकी था ही नहीं, कुछ देर तक दोनों यूं ही एक दूसरे को निहारते रहे दोनों के आकर्षण का केंद्र बिंदु वासना ही था लेकिन दोनों की नजरिया में वासना का रूप बदल चुका था राहुल उसकी बड़ी बड़ी चुचियों को निहार रहा था तो विनीत की भाभी उसके पैंट में आए भयानक उभार को निहार कर अपनी बुर गीली कर रही थी।
दोनों के बीच कुछ देर तक खामोशी छाई रही दोनों ड्राइंग रूम में एक दूसरे के बदन को नजरों से टटोल़ रहे थे। दोनों के बीच आई खामोशी को तोड़ते हुए राहुल बोला।
भाभी विनीत कहीं दिखाई नहीं दे रहा है।
( राहुल यह अच्छी तरह से जानता था कि वीनीत ईस े समय घर पर नहीं है वह तो बातों के दौर को शुरू करने के लिए बस यूं ही बात छेंड़ दिया था। राहुल की बात सुनते ही विनीत की भाभी के चेहरे पर कामुक मुस्कान पैर में लगी और वह अपने होठों को हल्के से दांतों से दबाते हुए कमर मटकाते हुए राहुल की तरफ आगे बढ़ी और जैसे ही उसके बिल्कुल करीब पहुंची तो एक हाथ उसकी कमर में डालते हुए तुरंत उसे अपनी तरफ खींचते हुए अपने बदन से सटा लीे ओर कामुक अंदाज में उसके कानों में होठो को ले जाकर बोली ।)
राहुल तुम अच्छी तरह से जानते हो कि विनीत इस समय घर पर नहीं है और तभी मैं तुम्हें यहां पर बुलाई हूं
और यह भी तुम्हें अच्छी तरह से मालूम है कि तुम्हें क्या करना है और किसलिए तुम्हें बुलाई हूं (इतना कहने के साथ ही उसने अपने एक हाथ को नीचे ले जाकर राहुल की लंड को पेंट के ऊपर से ही दबोच ली, ऐसा करने पर राहुल के मुंह से हल्की सी आह निकल गई। और वहां और भी ज्यादा कामुक अंदाज में और धीरे से फुसफुसाते हुए बोली।) राहुल विनीत को मैंने ऐसे काम के लिए भेज दी हूं कि वह तीन-चार घंटे से पहले नहीं आएगा, ( इतना सुनते ही राहुल विनीत की भाभी की तरफ आश्चर्य और मुस्कुराहट के साथ देखने लगा और तभी वीनीत की भाभी ने अपनी हथेली का दबाव राहुल के लंड पर बढ़ाते हुए तुरंत अपने तपते होठों को राहुल के होठो पर रखकर उसके होठों को चूसने लगी। राहुल भी जेसे इसी पल का इंतजार कर रहा था और मौका मिलते ही वह भी अपने दोनों हाथ को विनीत की भाभी के पीछे ले जाकर उसकी कमर में डालकर अपने बदन से और ज्यादा सटा दिया और उसके गुलाबी होठों को चूसना शुरू कर दिया। दोनों एक दूसरे को होठों को इस तरह से चूस रहे थे कि मानो उन्माद में आकर कहीं एक दूसरे के होठों को काट ना ले , राहुल का तंबू विनीत की भाभी की जांघों के बीचोंबीच टावल के ऊपर से ही उसकी बुर की मुहाने पर दस्तक दे रहा था। जल की कठोरता का अहसास विनीत की भाभी को होते हैं वह और जोर से राहुल को अपने बदन पर सटा ऐसा लग रहा था कि जैसे वह अपने अंदर ही उसे उतार लेगी।
दोनो ड्राइंग रूम के बीचो-बीच खड़े-खड़े ही एक दूसरे मे गुत्थमगुत्था हुए जा रहे थे। दोनों की सांसे तेज चलने लगी थी। राहुल के दोनों हाथ उसकी कमर से होते हुए नीचे नितंबों पर पहुंच गए थे और वह उन्हें अपनी हथेलियों में भर भर के टॉवल के ऊपर से ही दबाने का सुख भोग रहा था। अपने नितंबों पर राहुल के दोनों हथेलियां कसते ही विनीत की भाभी ने राहुल की पेंट की चेन खोलना शुरू कर दि। तब तक राहुल टॉवल को हथेलियों का सहारा लेकर कमर तक उठा दिया और अपने दोनों हथेलियों को भाभी की नंगी गांड पर रखकर उसे दबोचने लगा। राहुल की इस हरकत पर विनीत की भाभी की उत्तेजना बढ़ने लगी थी। और वह अपनी उत्तेजना को दबाने के लिए राहुल के होठों को अपने दांतो तले दबा रही थी और धीरे-धीरे उसकी पेंट की चेन खोल चुकी थी। चेन के इर्द-गिर्द उंगलियों का स्पर्श होते ही उसे लंड के कड़क पन का एहसास होने लगा था। अपनी उंगलियों पर लंड के कड़क पन का एहसास होते ही उसकी बुर कुलबुलाने लगी। राहुल तो उसकी भरावदार गांड को मसलते हुए मदहोश हुआ जा रहा था। दोनों एक दूसरे के होठों को चूसते हुए एक दूसरे के मुंह में अपनी जीभ उतार दे रहे थे जिससे दोनों के थुक और लार सब कुछ एक दूसरे के मुंह में आदान प्रदान हो रहे थे।
विनीत की भाभी से अपने आप को बिल्कुल संभाले नहीं जा रहा था वह चेन खोलकर उस के तने हुए लंड को उस चेन वाली छोटी सी जगह से निकालना चाहती थी लेकिन राहुल का लंड ज्यादा तगड़ा मोटा और लंबा था ऊस छोटी सी जगह से जिसका तनाव की स्थिति में बाहर निकाल पाना असंभव सा हो रहा था इसलिए विनीत की भाभी ने तुरंत ऊपर से पेंट के बटन को खोलकर नीचे जांघो तक सरका दी , राहुल तो उसकी गुलाबी होठों और उसकी भरावदार गांड पर ही मशगुल था। विनीत की भाभी तो अंडर वियर में तने हुए उसके लंड को देखकर एकदम से तड़प उठी उसे से यह तड़प बर्दाश्त कर पाना मुश्किल हुए जा रहा था। विनीत की भाभी विनीत के साथ इतनी जल्दी उत्तेजित नहीं होती थी जितनी जल्दी वह राहुल के साथ हो गई थी। उसे खुद अपने आप पर आश्चर्य हो रहा है इतनी ज्यादा चुदवासी हो चुकी थी कि उससे रहा नहीं जा रहा था और वह तुरंत राहुल के होठों से अपने होठ को अलग करते हुए थोड़ा सा े पीछे की तरफ कदम बढ़ाए और उसके आंखों में झांकते हुए मदहोशी के साथ अपनी टावल को खोलने लगी राहुल ऊसकी यह अदा देखकर एकदम से कामविह्वल हुए जा रहा था।
और विनीत की भाभी राहुल की काम भावना को और ज्यादा भड़काते हुए अगले ही पल अपनी टॉवल को खोलकर एकदम नंगी हो गई राहुल की नजर सीधे उसकी बड़ी बड़ी और तनी हुई गोल चुचियों से होती हुई चिकने पेट से सरकते हुए जांघों के बीच की उस पतली दरार पर गई जो कि ईस समय एकदम विनीत की भाभी के गाल की तरह ही चिकनी थी, शायद कुछ देर पहले ही उसने बाथरूम में क्रीम लगा कर बालों को साफ की थी राहुल को देखते ही रह गया उसकी आंखें फटी की फटी रह गई और अंडर वियर में लंड का तनाव और ज्यादा उभरने लगा था। राहुल की नजर तो बुर पर गड़ी की गड़ी रह गई। राहुल से रहा नहीं जा रहा था और वह अंडरवियर के ऊपर से ही अपने लंड को मुट्ठी में दबोच लिया यह देखकर विनीत की भाभी के भी मुंह से गरम आह निकल गई।
थोड़ी देर बाद दरवाजा खुला तो राहुल विनीत की भाभी को देखकर दंग रह गया जो कि बस हल्का सा ही दरवाजा खोलकर बाहर कौन खड़ा है इसकी तसल्ली कर रही थी लेकिन फिर भी इतने से ही राहुल को बहुत कुछ दीख गया था। वीनीत की भाभी इस समय सिर्फ एक सवाल ही लपेटे हुई थी और उसके बदन पर कुछ भी नहीं था पूरी तरह से तसल्ली कर लेने के बाद राहुल को दरवाजे पर देखकर उसने तुरंत दरवाजे को खोलकर और मुस्कुराते हुए उसे कमरे में आने को कही। कमरे में प्रवेश करते ही चल पूरी तरह से राहुल की नजर विनीत की भाभी पर पड़ी तो उसके पूरे बदन में हलचल सी मचने लगी । उस दिन की तरह आज भी विनीत की भाभी सीधे बाथरूम से ही आ रही थी उसके गोरे बदन पर टावल लिपटी हुई थी । इस बार भी पहले की ही तरह टावल में देखकर राहुल बोला।
भाभी ऐसा क्यों होता है कि जब भी मैं आपके घर आता हूं आप हमेशा टावल में ही रहती हैं।
( राहुल की बात सुनकर वह हंसने लगी और हंसते-हंसते बोली।)
तो क्या टावल मे मैं तुम्हें अच्छी नहीं लगती हूं? ( थोड़ा नखरा दिखाते हुए कमर पे अपने हाथ रख दी।)
नहीं भाभी ऐसी बात नहीं है आप तो हमेशा खूबसूरत लगती हो चाहे जैसी भी रहो।
चाहे जैसी भी रहती हूं मतलब! मैं क्या नंगी घूमती रहती हूं। ( यह बात कहने के साथ ही वह अपनी नजरों को गोल गोल घुमाने लगे राहुल उसके मुंह से नंगी सब्द सुनकर उत्तेजना से भर गया और विनीत की भाभी ने ऐसे शब्दों का उपयोग जानबूझकर कि थीे वह उसे उकसाना चाह रहीे थी। )
( हड़बड़ाते हुए) नहीं भाभी मेरा यह कहने का मतलब बिल्कुल भी नहीं था। मैं तो बस यही कहना चाह रहा था कि आप जैसे भी रहती हो चाहे कुछ भी पहनती हो आपकी खूबसूरती और भी ज्यादा बढ़ जाती हैं।
( राहुल के मुंह से अपनी खूबसूरती की तारीफ सुनकर वह खुश होने लगी आज कई दिनों बाद फिर से ऊसके बदन मे ऊन्माद की लहर ऊठ रही थी। यह भी राहुल की पूरी तरह से दीवानी हो चुकी थी हालांकि अपने देवर से रोज ही चुदती थी लेकिन जो मजा राहुल देता था वैसा मजा विनीत के बस में नहीं था इसलिए तो वह हमेशा राहुल के लिए तड़पती रहती थी। जिस दिन से राहुल विनीत के घर आने का आमंत्रण पाया था और आमंत्रण पाते हैं विनीत की भाभी से मिलने के लिए बेकरार हुआ जा रहा था उसी तरह से वीनीत की भाभी भी आमंत्रण देने के बाद इस पल के इंतजार में ना जाने कितनी बार अपनी बुर को गीली कर चुकी थी। आग दोनों जगह बराबर लगी हुई थी। राहुल एकटक विनीत की भाभी को देखे जा रहा था ऊपर से नीचे तक देखने पर उसकी आंखों में खुमारी का नशा छाने लगा था उसके दिल की धड़कने पल पल बढ़ती जा रही थी राहुल की नजर खास करके उस जगह पर सबसे ज्यादा फिर रही थी, जिस जगह पर विनीत की भाभी ने टॉवल को आपस में बांधे हुए थी, क्योंकि जिस जगह पर टावल बांधी हुई थी आधे से ज्यादा चूचियां बाहर ही झलक रही थी। और उसकी बीच की लकीर इतनी ज्यादा गहरी थी कि उस गहराई मे ऊसका लंड. आराम से ऊतर सके। विनीत की भाभी यह अच्छी तरह जानती थी कि राहुल क्या देख रहा है इसलिए वो जानबूझकर गहरी सांस लेते हुए अपनी चुचियों को और ज्यादा उभार दी। उसकी यह हरकत पर तो राहुल की सांस ही अटक गई उसके पेंट में तुरंत तंबू बनना शुरु हो गया। जिस पर वीनीत की भाभी की नजर चली गई। और पेंट में बने तंबू को देख कर उसकी बुर में सुरसुराहट होने लगी। वह चाहती तो तुरंत उसके लंड को अपनी बुर में लेकर चुदवाने का आनंद ले सकती थी लेकिन. इस तरह की जल्दबाजी दिखाने में उतना मजा नहीं आता। जब आम पूरी तरह से पक जाए तभी उसे खाने में आनंद और तृप्ति का अहसास होता है । इसलिए वह यही चाहती थी कि दोनो की ऊत्कंठा ओर कामोत्तेजना पुरी तरह से प्रबल हो जाए तभी अपनी कामेच्छा की प्यास बुझाने में आनंद की प्राप्ति होगी इसलिए वह धीरे-धीरे बढ़ना चाहती थी। राहुल के लंड में पूरी तरह से तनाव आ गया था। वह भी अच्छी तरह जानता था कि विनोद की भाभी की नजर बार बार पेंट में बने उसकी तंबू पर ही जा रही थी और इसका एहसास ही उसको कामोत्तेजना का आनंद दे रहा था । पिछले कुछ दिनों में
राहुल की परिपक्वता बढ़ चुकी थी इसलिए वह विनीत की भाभी से अपने पैंट का उभार छुपाने की बिल्कुल भी कोशिश नहीं कर रहा था। वीनीत की भाभी भी अपने बदन की नुमाइश करते हुए टावल में ही उसके सामने खड़ी रही वैसे भी एक दूसरे से कुछ छुपाने के लिए बाकी था ही नहीं, कुछ देर तक दोनों यूं ही एक दूसरे को निहारते रहे दोनों के आकर्षण का केंद्र बिंदु वासना ही था लेकिन दोनों की नजरिया में वासना का रूप बदल चुका था राहुल उसकी बड़ी बड़ी चुचियों को निहार रहा था तो विनीत की भाभी उसके पैंट में आए भयानक उभार को निहार कर अपनी बुर गीली कर रही थी।
दोनों के बीच कुछ देर तक खामोशी छाई रही दोनों ड्राइंग रूम में एक दूसरे के बदन को नजरों से टटोल़ रहे थे। दोनों के बीच आई खामोशी को तोड़ते हुए राहुल बोला।
भाभी विनीत कहीं दिखाई नहीं दे रहा है।
( राहुल यह अच्छी तरह से जानता था कि वीनीत ईस े समय घर पर नहीं है वह तो बातों के दौर को शुरू करने के लिए बस यूं ही बात छेंड़ दिया था। राहुल की बात सुनते ही विनीत की भाभी के चेहरे पर कामुक मुस्कान पैर में लगी और वह अपने होठों को हल्के से दांतों से दबाते हुए कमर मटकाते हुए राहुल की तरफ आगे बढ़ी और जैसे ही उसके बिल्कुल करीब पहुंची तो एक हाथ उसकी कमर में डालते हुए तुरंत उसे अपनी तरफ खींचते हुए अपने बदन से सटा लीे ओर कामुक अंदाज में उसके कानों में होठो को ले जाकर बोली ।)
राहुल तुम अच्छी तरह से जानते हो कि विनीत इस समय घर पर नहीं है और तभी मैं तुम्हें यहां पर बुलाई हूं
और यह भी तुम्हें अच्छी तरह से मालूम है कि तुम्हें क्या करना है और किसलिए तुम्हें बुलाई हूं (इतना कहने के साथ ही उसने अपने एक हाथ को नीचे ले जाकर राहुल की लंड को पेंट के ऊपर से ही दबोच ली, ऐसा करने पर राहुल के मुंह से हल्की सी आह निकल गई। और वहां और भी ज्यादा कामुक अंदाज में और धीरे से फुसफुसाते हुए बोली।) राहुल विनीत को मैंने ऐसे काम के लिए भेज दी हूं कि वह तीन-चार घंटे से पहले नहीं आएगा, ( इतना सुनते ही राहुल विनीत की भाभी की तरफ आश्चर्य और मुस्कुराहट के साथ देखने लगा और तभी वीनीत की भाभी ने अपनी हथेली का दबाव राहुल के लंड पर बढ़ाते हुए तुरंत अपने तपते होठों को राहुल के होठो पर रखकर उसके होठों को चूसने लगी। राहुल भी जेसे इसी पल का इंतजार कर रहा था और मौका मिलते ही वह भी अपने दोनों हाथ को विनीत की भाभी के पीछे ले जाकर उसकी कमर में डालकर अपने बदन से और ज्यादा सटा दिया और उसके गुलाबी होठों को चूसना शुरू कर दिया। दोनों एक दूसरे को होठों को इस तरह से चूस रहे थे कि मानो उन्माद में आकर कहीं एक दूसरे के होठों को काट ना ले , राहुल का तंबू विनीत की भाभी की जांघों के बीचोंबीच टावल के ऊपर से ही उसकी बुर की मुहाने पर दस्तक दे रहा था। जल की कठोरता का अहसास विनीत की भाभी को होते हैं वह और जोर से राहुल को अपने बदन पर सटा ऐसा लग रहा था कि जैसे वह अपने अंदर ही उसे उतार लेगी।
दोनो ड्राइंग रूम के बीचो-बीच खड़े-खड़े ही एक दूसरे मे गुत्थमगुत्था हुए जा रहे थे। दोनों की सांसे तेज चलने लगी थी। राहुल के दोनों हाथ उसकी कमर से होते हुए नीचे नितंबों पर पहुंच गए थे और वह उन्हें अपनी हथेलियों में भर भर के टॉवल के ऊपर से ही दबाने का सुख भोग रहा था। अपने नितंबों पर राहुल के दोनों हथेलियां कसते ही विनीत की भाभी ने राहुल की पेंट की चेन खोलना शुरू कर दि। तब तक राहुल टॉवल को हथेलियों का सहारा लेकर कमर तक उठा दिया और अपने दोनों हथेलियों को भाभी की नंगी गांड पर रखकर उसे दबोचने लगा। राहुल की इस हरकत पर विनीत की भाभी की उत्तेजना बढ़ने लगी थी। और वह अपनी उत्तेजना को दबाने के लिए राहुल के होठों को अपने दांतो तले दबा रही थी और धीरे-धीरे उसकी पेंट की चेन खोल चुकी थी। चेन के इर्द-गिर्द उंगलियों का स्पर्श होते ही उसे लंड के कड़क पन का एहसास होने लगा था। अपनी उंगलियों पर लंड के कड़क पन का एहसास होते ही उसकी बुर कुलबुलाने लगी। राहुल तो उसकी भरावदार गांड को मसलते हुए मदहोश हुआ जा रहा था। दोनों एक दूसरे के होठों को चूसते हुए एक दूसरे के मुंह में अपनी जीभ उतार दे रहे थे जिससे दोनों के थुक और लार सब कुछ एक दूसरे के मुंह में आदान प्रदान हो रहे थे।
विनीत की भाभी से अपने आप को बिल्कुल संभाले नहीं जा रहा था वह चेन खोलकर उस के तने हुए लंड को उस चेन वाली छोटी सी जगह से निकालना चाहती थी लेकिन राहुल का लंड ज्यादा तगड़ा मोटा और लंबा था ऊस छोटी सी जगह से जिसका तनाव की स्थिति में बाहर निकाल पाना असंभव सा हो रहा था इसलिए विनीत की भाभी ने तुरंत ऊपर से पेंट के बटन को खोलकर नीचे जांघो तक सरका दी , राहुल तो उसकी गुलाबी होठों और उसकी भरावदार गांड पर ही मशगुल था। विनीत की भाभी तो अंडर वियर में तने हुए उसके लंड को देखकर एकदम से तड़प उठी उसे से यह तड़प बर्दाश्त कर पाना मुश्किल हुए जा रहा था। विनीत की भाभी विनीत के साथ इतनी जल्दी उत्तेजित नहीं होती थी जितनी जल्दी वह राहुल के साथ हो गई थी। उसे खुद अपने आप पर आश्चर्य हो रहा है इतनी ज्यादा चुदवासी हो चुकी थी कि उससे रहा नहीं जा रहा था और वह तुरंत राहुल के होठों से अपने होठ को अलग करते हुए थोड़ा सा े पीछे की तरफ कदम बढ़ाए और उसके आंखों में झांकते हुए मदहोशी के साथ अपनी टावल को खोलने लगी राहुल ऊसकी यह अदा देखकर एकदम से कामविह्वल हुए जा रहा था।
और विनीत की भाभी राहुल की काम भावना को और ज्यादा भड़काते हुए अगले ही पल अपनी टॉवल को खोलकर एकदम नंगी हो गई राहुल की नजर सीधे उसकी बड़ी बड़ी और तनी हुई गोल चुचियों से होती हुई चिकने पेट से सरकते हुए जांघों के बीच की उस पतली दरार पर गई जो कि ईस समय एकदम विनीत की भाभी के गाल की तरह ही चिकनी थी, शायद कुछ देर पहले ही उसने बाथरूम में क्रीम लगा कर बालों को साफ की थी राहुल को देखते ही रह गया उसकी आंखें फटी की फटी रह गई और अंडर वियर में लंड का तनाव और ज्यादा उभरने लगा था। राहुल की नजर तो बुर पर गड़ी की गड़ी रह गई। राहुल से रहा नहीं जा रहा था और वह अंडरवियर के ऊपर से ही अपने लंड को मुट्ठी में दबोच लिया यह देखकर विनीत की भाभी के भी मुंह से गरम आह निकल गई।