hotaks444
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में--राजेश भाई...शमा को मैने वहाँ से निकाल लिया है....अब आपको आगे संभालना है....
राजेश--चिंता मत करो जय....में अपना काम बखूबी समझता हूँ....
में--भाई आप से एक रिक्वेस्ट थी....
राजेश--बोलो जय...क्या बात है....
में--भाई वहाँ एक लड़की है नज़म....उसका ख्याल रखना बेचारी मासूम है....उसको ज़िंदगी जीने की सही राह दिखाना हो सके तो उसकी पढ़ाई का भी बंदोबस्त करवा देना....उन लड़कियों के पढ़ने लिखने और रहने खाने का जो भी खर्चा होगा वो में भरदूँगा....बस तुम संभाल कर उन सारी लड़कियो को उनकी सही जगह पर पहुँचा दो....
राजेश--पहली बार अपनी ताक़त का इस्तेमाल करके मुझे अपने आप पर शर्म नही आ रही....वो सारी लड़किया अब आज़ादी की साँसे लेंगी....वहाँ के सारे कोठो पर थोड़ी देर मे हम लोग रेड करने वाले है...तुमसे अब मुलाकात घर पहुँच कर ही होगी...
में--ठीक है भाई....अब में फोन काट रहा हूँ....
उसके बाद में फोन काट कर वापस अपनी जेब मे रख लेता हूँ....थोड़ी देर बाद हम एरपोर्ट पर पहुँच जाते है और में टेक्शी ड्राइवर को उसकी मेहनत देने के बाद सारा सामान उठा कर एरपोर्ट की तरफ बढ़ जाता हूँ....नीरा भी मेरे पीछे चलती हुई आ रही थी....लेकिन शमा वहीं रुक गयी....
जब मैने शमा को देखा तो वो उस रास्ते की तरफ देख रही थी जहाँ से हम लोग आए थे....
में उसके पास जाकर उसके कंधे पर अपना हाथ रख देता हूँ....
मेरा ऐसे करते ही वो फूट फूट के रोने लग जाती है....
में--शमा अब सब ठीक हो गया है अब तुम्हे रोने की ज़रूरत नही है....इसलिए अपने आँसू पोंच्छो और हमारे साथ अच्छी ज़िंदगी की तरफ अपने कदम बढ़ाओ....
शमा--भैया अगर आज आप मुझे वहाँ से बचा कर नही लाते तो जाने क्या हाल होता मेरा....भगवान का लाख लाख सुक्र है जो उसने मेरे देवता भाई को मुझे बचाने भेज दिया....
में--शमा में कोई देवता नही हूँ....में बस तेरा भाई हूँ...महादेव सब के दुख दूर करते है....सब की फरियाद वो पूरी करते है....बस अब तुम्हारे दुख के दिन ख़तम हुए और खुशी के दिन शुरू हो गये है....
उसके बाद में उसके आँसू पोछ कर उसे अपने सीने से लगा लेता हूँ और नीरा शमा के सिर पर हाथ फेरने लग जाती है....
राजेश--चिंता मत करो जय....में अपना काम बखूबी समझता हूँ....
में--भाई आप से एक रिक्वेस्ट थी....
राजेश--बोलो जय...क्या बात है....
में--भाई वहाँ एक लड़की है नज़म....उसका ख्याल रखना बेचारी मासूम है....उसको ज़िंदगी जीने की सही राह दिखाना हो सके तो उसकी पढ़ाई का भी बंदोबस्त करवा देना....उन लड़कियों के पढ़ने लिखने और रहने खाने का जो भी खर्चा होगा वो में भरदूँगा....बस तुम संभाल कर उन सारी लड़कियो को उनकी सही जगह पर पहुँचा दो....
राजेश--पहली बार अपनी ताक़त का इस्तेमाल करके मुझे अपने आप पर शर्म नही आ रही....वो सारी लड़किया अब आज़ादी की साँसे लेंगी....वहाँ के सारे कोठो पर थोड़ी देर मे हम लोग रेड करने वाले है...तुमसे अब मुलाकात घर पहुँच कर ही होगी...
में--ठीक है भाई....अब में फोन काट रहा हूँ....
उसके बाद में फोन काट कर वापस अपनी जेब मे रख लेता हूँ....थोड़ी देर बाद हम एरपोर्ट पर पहुँच जाते है और में टेक्शी ड्राइवर को उसकी मेहनत देने के बाद सारा सामान उठा कर एरपोर्ट की तरफ बढ़ जाता हूँ....नीरा भी मेरे पीछे चलती हुई आ रही थी....लेकिन शमा वहीं रुक गयी....
जब मैने शमा को देखा तो वो उस रास्ते की तरफ देख रही थी जहाँ से हम लोग आए थे....
में उसके पास जाकर उसके कंधे पर अपना हाथ रख देता हूँ....
मेरा ऐसे करते ही वो फूट फूट के रोने लग जाती है....
में--शमा अब सब ठीक हो गया है अब तुम्हे रोने की ज़रूरत नही है....इसलिए अपने आँसू पोंच्छो और हमारे साथ अच्छी ज़िंदगी की तरफ अपने कदम बढ़ाओ....
शमा--भैया अगर आज आप मुझे वहाँ से बचा कर नही लाते तो जाने क्या हाल होता मेरा....भगवान का लाख लाख सुक्र है जो उसने मेरे देवता भाई को मुझे बचाने भेज दिया....
में--शमा में कोई देवता नही हूँ....में बस तेरा भाई हूँ...महादेव सब के दुख दूर करते है....सब की फरियाद वो पूरी करते है....बस अब तुम्हारे दुख के दिन ख़तम हुए और खुशी के दिन शुरू हो गये है....
उसके बाद में उसके आँसू पोछ कर उसे अपने सीने से लगा लेता हूँ और नीरा शमा के सिर पर हाथ फेरने लग जाती है....