Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ - Page 2 - SexBaba
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Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ

अनूप को लगा जैसे साहिल ने उसे सरे बाजार नंगा कर दिया हो । अनूप का मूड फिर से खराब हो गया और गुस्से से साहिल की तरफ देखते हुए बोला:"

" साहिल चुप चाप अपना नाश्ता कर, मुझे कैसे जीना हैं मैं ये अच्छे से जानता हूं, मैं तेरा बाप हूं तू मेरा बाप नहीं ये हमेशा ध्यान रखना तुम आगे से

घर में बिल्कुल सन्नाटा, सभी को मानो सांप सूंघ गया, साहिल को अपने बाप से इस तरह के जवाब की बिल्कुल उम्मीद नहीं थी।उसका मन उदास हो गया और मुंह नीचे किए हुए नाश्ता करने लगा। साहिल को लगा कि उसको अपने बाप को ऐसे मम्मी के सामने नहीं बोलना चाहिए था।अब साहिल ये सोचने लगा कि अपने बाप का दिल कैसे जीता जाए। साहिल की नजर शांता ताई पर पड़ी। शांता ताई बेचारी थक चुकी थी लेकिन फिर भी उनके लिए अंदर से सामान धीरे धीरे ला रही थी। ये देखकर साहिल का आंखे चमक उठी एक तो बेचारी बूढ़ी औरत उपर से इतना काम।

साहिल नाश्ता बीच में छोड़कर उठा और बोला:"

" अरे शांता ताई आप तो इस घर की सदस्य हैं, आओ आप भी हमारे साथ नाश्ता कर लो।

शांता ताई के दिल को जमाने भर की खुशी महसूस हुई लेकिन अनूप को वो अच्छे से जानती थी इसलिए बोली:"

" नहीं बेटा पहले आप सब कर लो, मैं बाद में कर लूंगी।

साहिल ने उसका हाथ पकड़ लिया और जबरदस्ती चेयर पर बिठा दिया और बोली:"

" बचपन से देख रहा हूं आपकी कितनी मेहनत करती हैं, आपके हाथ का खाना खाकर पापा बड़े हुए और मैं खुद कभी कभी आपका बनाया हुआ खाना खाता हूं, आपने हमारी इतनी सेवा करी तो अब हमारा फ़र्ज़ बनता हैं कि हम आपका ध्यान रखे।

शांता बेचारी कुछ बोलना चाहती थी लेकिन रूबी ने एक प्लेट में खाना निकाल कर उसकी तरफ बढ़ा दिया तो शांता कांप उठी और उसने डरते हुए एक बार अपनी नजरे अनूप की तरफ उठाई मानो बकरी हलाल होने से पहले कसाई को रहम भरी नजरो से देख रही हो।

अनूप के चेहरे पर तो हवाइयां सी उड़ रही थी, ये तो सीधे सीधे उसके ऊंचे खानदान, उसकी प्रतिष्ठा, स्टैंडर्ड पर एक जोरदार तमाचे की तरह था। गुस्से से उसकी मुट्ठियां भिंची जा रही थी और वो अपने दांतो को जोर जोर से पीस रहा था कि उसके मुंह से निकलती हुई दांतो के टकराने की आवाज रूबी को साफ सुनाई दे रही थी और रूबी के लिए तो तो आज जैसे उसकी ज़िन्दगी का सबसे ज्यादा खुशी भरा दिन था। उसके अंदर खुशी के मारे दीवाली के पटाखे, अनार, फुलझडियां सब एक साथ चल रहे थे लेकिन वो अपने आपको बुरी तरह से काबू में लिए हुए थी।

साहिल:' अरे शांता ताई खाओ अब पापा का मुंह क्या देख रही हो, सबसे ज्यादा खुशी तो इन्हे हो होगी क्योंकि आपने ही तो इन्हे पाल पोस कर इतना बड़ा किया, मैं सच कह रहा हूं ना पापा।

साहिल ने अनूप की तरफ देखते हुए कहा तो अनूप ने एक बार घूरकर साहिल की तरफ देखा और बोला:"

" हान बेटा, जब छोटा था तो उन्होंने ही खिलाया, उसके बाद तो मैं खुद ही अपना ध्यान रखने लगा था।

साहिल ने शांता की तरफ देखा कि खाने की तरफ बढ़ रहे उसके हाथ बुरी तरह से कांप रहे है तो साहिल उठा और आपके हाथ से खाने का निवाला बनाया और बोला:"

" चलिए मुंह खोलिए ताई, आज तक आप हमें खिलाती आई हैं आज हम आपको खिलाते हैं।

शांता ताई की आंखे छलक उठी तो रूबी ने उनका मुंह साफ किया और शांता ने धीरे से आंखे नीची करते हुए अपना मुंह खोल दिया और निवाला खाने लगीं।

अनूप को काटो तो खून नहीं, वो किसी पत्थर की बेजान मूर्ति की तरह चुप चाप बैठा हुआ देख रहा था, ज़िन्दगी भर वो जिस मान मर्यादा और घमंड के साथ जिया और हमेशा अपने श्रेष्ठ होने का दम भरता रहा, उसके बेटे ने पल भर में उसका सारा आत्म सम्मान स्टैंडर्ड सब कुछ मिट्टी में मिला दी।

अनूप के मुंह के साथ आंखो नाक, कान यहां तक कि गांड़ से भी धुवां निकल रहा था।

साहिल:" पापा देखिए ना शांता ताई कितनी भावुक हो गई है हमारा प्यार देखकर, आइए आप भी इन्हे अपने हाथ से एक निवाला खिला दीजिए।

अनूप को लगा जैसे किसी ने सीधे सीधे उसकी इज्ज़त पर हमला कर दिया हो, एक पल के लिए तो उसे कुछ भी समझ नहीं आया लेकिन वो खुद को संभालते हुए बोला:"

" बेटा तुम खिलाओ आज, मेरी तबियत कुछ ठीक नहीं हैं, मैं चलता हूं !

इतना कहकर वो चेयर से उठा गया तो रूबी बोली:"

" क्या हुआ आपको, रुकिए मैं डाक्टर को फोन करती हूं,

अनूप के लगा जैसे रूबी ने उसके जख्मों पर नमक छिड़क दिया हो, उसने एक बार गुस्से से उसकी तरफ देखा और अपने पैर पटकते हुए बाहर चला गया और जाते जाते उसने उसने एक आखिरी बार पीछे मुड़कर रूबी को देखा तो रूबी ने उसे जान बूझकर प्यारी सी स्माइल दी और अनूप बुरी तरह से जल भुन गया और बाहर चला गया।
साहिल प्यार से शांता को खाना खिलाता रहा और शांता आज समझ गई कि साहिल अपने बाप पर बिल्कुल भी नहीं गया हैं।

अनूप अपना बैग उठाकर ऑफिस जाने लगा और उसका मन किया कि एक आखरी बार देखे कि अंदर क्या ड्रामा चल रहा है तो उसने देखा कि शांता खुशी के मारे उसके बेटे का माथा चूम रही थी। उफ्फ एक मामूली सी नौकरानी मेरे बेटे का माथा चूम रही है, है भगवान मुझे अब ये ही दिन देखने बाकी थे।

अनूप चला गया तो रूबी बोली:"

" साहिल बेटा तुम भी जल्दी से तैयार हो जाओ, याद हैं ना तुझे मेरे साथ आज योगा क्लास चलना हैं ।

साहिल:" जी मम्मी।

इतना कहकर साहिल अपने कमरे में चला गया तो शांता खुशी से रूबी का हाथ पकड़ कर बोली:"

" रूबी अपना साहिल तो बिल्कुल भी अपने बाप पर नहीं गया हैं, तुम बहुत किस्मत वाली हो जो ऐसा अच्छा बेटा मिला है।

रूबी के चेहरे पर खुशी उभरी लेकिन फिर गंभीर होते हुए बोली:"

" मा अभी तक साहिल ठीक हैं लेकिन मैं अनूप को अच्छे से जानती हु वो इतनी आसानी से हार नहीं मानेगा। वो जरूर कुछ ना कुछ उल्टी सीधी हरकत करेगा।

शांता:" लेकिन मुझे तुझ पर पूरा यकीन हैं कि तुम उसकी हर साजिश को नाकाम कर दोगी।

रूबी:" मेरी कोशिश तो ये ही हैं, आप भगवान से मेरे और मेरे बेटे के लिए प्रार्थना करना। ठीक हैं मा आप आराम करो, मैं चलती हूं, करीब दो बजे तक वापिस आ जाऊंगी।

थोड़ी देर बाद ही साहिल और रूबी दोनो घर से निकल गए। कार रूबी खुद ड्राइव कर रही थी।

देखिए आगे क्या होता हैं !!?
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रूबी कार ड्राइव कर रही थी और साहिल आराम से चुप चाप बैठा हुआ था और सोच रहा था कि मैंने तो अपने बाप का दिल जीतने के लिए सीमा ताई को खाना खिलाया था, फिर उन्हें क्या हुआ जो बीच में ही खाना छोड़कर चले गए थे।

रूबी ने साहिल को सोच में डूबे हुए देखा और बोली:"

" क्या हुआ साहिल, क्या सोच रहे हो बेटा ?

साहिल :" मम्मी सुबह सुबह पापा देखो ना कैसे नखरा कर रहे थे, मैंने तो उनका दिल जीतने के लिए किया था, उल्टा मुझे ही डांट दिया इतनी बुरी तरह से।

रूबी ने अपने बेटे की तरफ प्यार से देखा और समझाते हुए बोली:"

" बेटा मैंने तुम्हे पहले ही मना किया था लेकिन तुम नहीं माने, अब छोड़ो इस बात को क्योंकि उनकी तो आदत सी बन गई है।

साहिल:" लेकिन मम्मी फिर भी बात करने का एक तरीका होता हैं दूसरी तरह से भी तो मना कर सकते थे, ये भला कोई बोलने कि बात थी कि मैं तेरा बाप हू ती मेरा बाप नहीं हैं।

रूबी:" बेटा तेरा पापा आजकल जरा जरा सी बात पर भड़क जाते हैं, गरीब आदमी तो उन्हें सड़क पर रेंगते हुए कीड़े मकोड़े के जैसे लगते हैं।

साहिल:" वो तो देखा मम्मी आज मैने, सीमा ताई को वो किस तरह से घूरकर देख रहे थे।

रूबी:" तुझे लगा होगा कि सीमा मा को खाना खिलाने से तेरे पापा खुश हो जाएंगे, लेकिन हुआ इसका उल्टा।

साहिल:" बिल्कुल ऐसा ही हुआ मम्मी, आपको सीमा ताई को मा क्यों बुलाती हैं ?

रूबी गाड़ी चलाते हुए उसके सिर पर एक हाथ प्यार से फेरती हुई बोली:" क्योंकि वो मुझे एक मा के जैसे ही प्यार करती हैं।

साहिल:" ठीक हैं मैं भी उन्हें आज के बाद मा ही कहकर बुलाऊंगा।

रूबी उसकी तरफ हल्की सी नाराजगी से देखते हुए बोली:"

" अगर उन्हें मा बुलाएगा तो मुझे क्या कहकर बुलाएगा फिर तुम ?

साहिल अपनी मा की उस प्यार भरी नाराजगी को महसूस कर लेता है और बोला:"

" अच्छा ठीक हैं मैं उन्हें दादी अम्मा और आपको मा कहकर बुलाऊंगा, बस अब खुश हो आप!!

रूबी के होंठो पर स्माइल आ गई और गाड़ी चलाने पर ध्यान केंद्रित करने लगी। तभी साहिल फिर से बोला:"

" लेकिन मम्मी एक बात बताओ पापा गरीबों से इतनी नफरत क्यों करते हैं, वो भी हमारी ही तरह इंसान हैं।

रूबी :" बेटा उन्हें लगता हैं कि गरीब लोगों को बात करने, कपडे पहनने और खाना खाने तक की तमीज नहीं होती हैं। और इससे ज्यादा उनसे ही पूछ लेना, देखो मेरा इंस्टीट्यूट आ गया हैं।

साहिल ने देखा सामने एक बड़े से बोर्ड पर उसकी मम्मी की फोटो लगी हुई हैं और सेंटर का नाम " साहिल फिटनेस क्लब" लिखा हुआ है। साहिल को अपना नाम देखकर खुशी हुई, रूबी ने गाड़ी पार्किंग में लगा दी तो साहिल बोला:"

" मम्मी आपने क्लब का नाम मेरे नाम पर क्यों रखा है?

रूबी:" क्योंकि मैं दुनिया में सबसे ज्यादा प्यार अपने बेटे से करती हूं बस इसलिए।

साहिल मजाक करते हुए:"

" क्या पापा से भी ज्यादा मम्मी ?

अब तक दोनो अंदर रूबी के ऑफिस में घुस गए थे। रूबी उसके गाल प्यार से सहलाते हुए बोली:" हान बेटा तेरे पापा से भी ज्यादा, और बहुत ज्यादा।

इतना कहकर उसने साहिल का गाल चूम लिया तो साहिल ने अपनी मम्मी को अपनी बांहों में भर लिया और उसके गाल चूम कर बोला:"

" मम्मी देखना अब मैं आपको बहुत ज्यादा प्यार करूंगा, अपने पापा से भी ज्यादा।

साहिल ने एक बार फिर से रूबी के गाल चूम लिए तो रूबी का रोम रोम खिल उठा। उसे अब लग रहा था कि वो अपने बेटे को अनूप से बचा लेगी और साहिल अपने बाप की तरह घमंडी नहीं बल्कि एक अच्छा इंसान बनेगा।

बाहर काफी सारे लोग आ चुके थे जिनमें 20 साल से लेकर 60 साल तक की लड़कियां, औरतें, आदमी सब शामिल थे। एक बहुत बड़े मैदान में वो सब बैठे हुए थे। रूबी को देखते ही वो सभी सम्मान की मुद्रा में खड़े हो गए और रूबी ने सभी का अभिवादन स्वीकार किया।

साहिल वहीं रूबी के पास एक चटाई पर बैठ गया और रूबी ने सबको योग सिखाना शुरू किया। रूबी ने एक ढीला सा लोअर और टी शर्ट पहना हुआ था और वो अपने दोनो हाथ अपनी कमर के पीछे कंधे के उपर से ले गई और एक हाथ से दूसरे को पकड़ लिया।

सभी लोग ऐसा ही करने लगे और साहिल ने भी अपनी अपनी मम्मी के जैसी पोजिशन बना ली और ठीक उसी की तरह अपने एक घुटने को दूसरे पर चढ़ा दिया। रूबी के दोनो हाथ पीछे होने से उसकी मस्त चूचियां पूरी तरह से उभर गई थी लेकिन रूबी के चेहरे पर वो तेज वो औजस्व था कि सामने बैठे हुए लोगो में से किसी की हिम्मत उसकी चूचियों की तरफ देखने की नहीं हुई।
 
रूबी ने काफी डर तक उसी मुद्रा में रहने के बाद अपने हाथ धीरे धीरे छोड़ दिए और उसके बाद सीधे पेट के बल लेट गई और दोनो हाथ जमीन पर टीका दिए जबकि उसके पैर बिल्कुल सीधे थे। उसके बाद धीरे धीरे उसने आगे के हिस्से को उपर उठाना शुरू किया तो उसकी गांड़ अपने आप उपर उठते हुए बाहर की तरफ निकलने लगी।

साहिल किम करदाशियां की मस्त गांड़ का दीवाना था लेकिन उसे अपनी मम्मी की गांड़ उससे कहीं ज्यादा पसंद आई और पता नहीं क्यों उसे आज पहली बार अपने बाप से जलन महसूस हुई।

साहिल ने देखा कि सभी लोग रूबी के जैसी पोजिशन में आ गए लेकिन अभी तक किसी ने भी उसकी गांड़ पर एक नजर तक नहीं डाली थी। साहिल को अपने उपर आज बड़ा गर्व महसूस हो रहा था कि वो रूबी का बेटा हैं। आज उसके दिल में अपनी मम्मी के लिए प्यार और इज्जत कई गुना बढ़ गई।

जल्दी ही योग क्लास खत्म हुई तो रूबी बोली:"

" आप सब लोग मुझसे मेरे परिवार के बारे में पूछते है ना कि मैंने क्यों सेंटर का नाम साहिल रखा तो मिलिए मेरे बेटे से ये है साहिल मेरा बेटा।

साहिल रूबी के पास आकर खड़ा हो गया और सबके सामने हाथ जोड दिए। साहिल ने अपने आपको पूरी तरह से सुडौल बनाकर रखा था, एक दम किसी मॉडल की तरह।

एक प्यारी सी भाभी बोल उठी:"

" मैडम आपके लड़के तो फिटनेस के मामले में बिल्कुल आप पर गए हैं। पूरी तरह से एकदम फिट।

दूसरी:" अरे कमाल करती हैं टीना, जो खुद सारे शहर को योग सिखाती हैं उसका बेटा तो फिट होगा ही।

एक आदमी जिसका पेट काफी बाहर था बोला:"

" मैडम एक बार आप अपने पति से सबको रूबरू करवा दीजिए, मेरे हिसाब से वो फिटनेस की एक ज़िंदा मिशाल होगे, शायद मैं उनसे कुछ सीख सकू।

रूबी जो तक अपनी और अपने बेटे की तारीफे सुनकर खुश हो रही थी पति का जिक्र आते ही उसे लगा जैसे किसी ने उसे बे इज्जत कर दिया हो। रूबी एक पल के खामोश हो गई और साहिल की तरफ देखा तो साहिल बोला:"

" अंकल आपकी ये इच्छा जरूर पूरी होगी और पापा भी आपसे जल्दी ही मिलेंगे।

सभी लोग खुश हुए और एक एक करके अपने घर की तरफ चल दिए। रूबी का मन उदास हो हुआ था इसलिए ऑफिस में आकर बैठ गई तो साहिल बोला:"

" मम्मी आप क्यों दुखी हो रही हैं, आज मैंने देखा लोग मेरी मा को कितना प्यार और इज्जत देते हैं। आपको तो खुश होना चाहिए।

रूबी की रुलाई फूट पड़ी और सुबकते हुए बोली:"

" साहिल बताओ में कैसे तुम्हारे पापा को इनसे मिलवाऊ, मेरी बे इज्जती हो जायेगी कि अपने पति को कुछ सीखा नहीं पाई और योग गुरु बनती फिरती हैं।

साहिल ने अपनी मम्मी को आगे बढ़ कर अपने गले लगा लिया और उनके आंसू पूछते हुए बोला:"

'" मम्मी आप फिक्र ना करे, आपका बेटा सब संभाल लेगा। आप रोटी हुई बिल्कुल भी अच्छी नहीं लगती। चुप हो जाओ।

धीरे धीरे रूबी के आंसू सूखने लगे और थोड़ी देर वो दोनो घर की तरफ लौट पड़े।

अनूप अपने ऑफिस में बैठा हुआ था और जो कुछ आज सुबह हुआ उससे वो बहुत दुखी था। किस तरह मेरी पत्नी ने उस एक मामूली सी नौकरानी के आंसू पूछे, और मेरे बेटे ने भी उसका ही साथ दिया जिसका मुझे सबसे ज्यादा दुख हुआ।
 
वो अपने विचारो में खोया ही हुए था कि उसकी पर्सनल सेक्रेट्री लीमा अंदर दाखिल हुई और सीधे आकर उसकी गोद में बैठ गई और बोली:"

" गुड मॉर्निंग स्वीट हार्ट, क्या हुआ आज कुछ परेशान लग रहे हो आप ?

अनूप ने अपने दोनो हाथ उसकी चूचियों पर रख दिए और बोला:"

" अरे वही मेरी बेवकूफ पत्नी, सुबह सुबह फिर से मुझे परेशान किया आज।

लीमा उसकी शर्ट के बटन खोलते हुए बोली:" छोड़ो उसको मैं हू ना आपका मूड ठीक करने के लिए मेरी जान।

अनूप हल्के हल्के उसकी चूचियां दबाता रहा और लीमा ने उसकी शर्ट के साथ ही उसका बनियान भी उतार दिया और अपनी टी शर्ट अपने गले से उतार दी तो नीचे ना होने के कारण उसकी छोटी छोटी लेकिन ठोस चूचियां छलक पड़ी और लीमा ने अनूप का मुंह पकड़कर अपनी चूचियों में घुसेड़ दिया तो अनूप उसकी चूची चूसने लगा तो लीमा की आंखे मस्ती से बंद हो गई और एक झटके के साथ उसकी गोद से उतर कर उसकी पेंट को खोल दिया और अंडर वियर को नीचे सरका कर लंड बाहर निकाल लिया और बोला:"

" वाव कितना मोटा लन्ड हैं तुम्हारा, उफ्फ मेरी चूत फाड़ देता है ये तो।

इतना कहकर उसने अनूप के मरियल से लंड को मुंह में भर लिया और चूसने लगी। औरत के द्वारा अपने लंड की तारीफ हर मर्द को पसंद होती हैं ये बात लीमा बहुत अच्छे से जानती थी इसलिए ही वो अनूप के छोटे से लंड की तारीफ किया करती थीं ताकि उससे बाद में पैसे ऐंठ सके।

अनूप:" आह चूस ले, खड़ा कर दे एक बार, फिर देखना आज तेरी चूत का क्या हाल करता हूं!!

लीमा उसकी बाल सहलाती हुई बोली:" लगता हैं आज तुम अपनी बीवी का सारा गुस्सा मेरी चूत पर उतार दोगे, उफ्फ क्या होगा आज मेरी चूत का!!

लीमा की बाते सुनकर अनूप के लंड में हल्की हल्की जान पड़ने लगी लेकिन वो कड़कपन नहीं आ पाया जो चूत कर अंदर जाने के लिए चाहिए होता हैं।

अनूप ने उसकी गान्ड को नंगा कर दिया और चूत को सहलाते हुए बोला:" ठीक से चूस ना लीमा, कर दे मेरे लन्ड को आज पत्थर जैसा, आज तो तेरी चूत का भोसड़ा बना दूंगा।

लीमा लौड़े को चूसते चूसते थक गई थी और उसे बेहद गुस्सा आ रहा था लेकिन उसे आज अनूप से कुछ पैसे चाहिए थे इसलिए लगी हुई थी। लीमा अब उसके पूरे लौड़े को मुंह में भरकर आराम से चूस रही थी और बॉल को हाथ से सहला रही थी जिससे अनूप के लंड में पहले से ज्यादा तनाव आ गया था और उसने वहीं टेबल पर लीमा को घोड़ी बना दिया और बोला:"

" आज तुझे घोड़ी बना कर ठोकुंगा मेरी रण्डी,

अनूप अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा, लीमा की चूत में भी आग लग गई और अपनी चूत उसने जोर से लंड पर दबा दी और अनूप चूत की गर्मी बर्दाश्त नहीं कर पाया तो उसने जोर से लीमा की गांड़ को कस लिया और वीर्य की दो चार बूंदे उसकी चूत पर जा गिरी।

" आह साली कितनी गर्म हैं तेरी चूत, उफ्फ गया मेरा लन्ड तो ।

लीमा की चूत जल रही थी और वो अच्छे से चुदना चाहती थी लेकिन रोज की तरह आज भी अनूप का लंड जवाब दे गया और वो अपना मन मसोस कर रह गई तो अनूप बोला:"

" थोड़ी देर रुक जा, इस बार लंड खड़ा हो जाने दे, तेरी चूत मार मार कर लाल ना कर दी तो बात करना।

लीमा जानती थी कि अब दो तीन दिन से उसका लंड शायद ही खड़ा हो पाए । आगे कोई कुछ कुछ बोलता उससे पहले ही ऑफिस का लैंड लाइन नंबर बज उठा तो लीमा ने पिक किया तो दूसरी तरफ से रिसेप्शन से आवाज आई

" मैडम वो मिस्टर नीरज मिश्रा आए हैं, उन्हें अनूप साहब से काम हैं कुछ।

लीमा ने अनूप को सब बताया तो अनूप बोला ने लीमा को इशारा किया तो लीमा बोली:*'

" ठीक है आप जल्दी से उन्हे अंदर भेज दीजिए!!

अनूप अपने कपडे ठीक करके बैठ गया और लीमा वहीं लैपटॉप पर काम करने लगी। नीरज अंदर दाखिल हुआ।

नीरज करीब एक 41 साल का आदमी, लंबाई ठीक ठाक, गहरे पक्के सांवले से रंग का, मोटी सी नाक, सिर के आधे से ज्यादा बाल उड़ चुके थे और जो बचे थे वो भी पूरी तरह से सफेद होकर अपनी आजादी पाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। वो अंदर दाखिल हुआ तो अनूप ने उसको हाथ जोड़कर नमस्कार किया और अपनी कुर्सी से खड़ा हो गया।

नीरज आराम से उसकी कुर्सी पर बैठ गया और बोला:"

" क्या हुआ अनूप आज कुछ उदास लग रहे हो , तबियत ठीक हैं तुम्हारी?

अनूप:" जी सर, बस आपकी दुआ हैं सब ठीक है।

नीरज:" मुझे तुमसे अकेले में कुछ जरूरी बात करनी थी अनूप।

अनूप ने लीमा को बाहर जाने का इशारा किया तो वो बिना कुछ कहे अपना लैपटॉप उठाकर बाहर चली गई।

अनूप:" जी मिश्रा जी बोलिए, क्या सेवा की जाए आपकी?

नीरज गौर से उसकी आंखो में देखते हुए बोला:" आप तो जानते ही हैं अनूप भाई कि हमे क्या चाहिए ?

अनूप के रोंगटे खड़े हो गए क्योंकि वो जानता था नीरज रूबी को कुछ भी करके हासिल करना चाहता था, अनूप का मुंह शर्म से लाल हो गया और अपने आप नजरे नीचे झुक गई और बोला:"

" मिश्रा साहब मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश करी लेकिन रूबी मानने के लिए तैयार नहीं है, उल्टा मुझे ही बुरा भला कहने लगी। और तो और मेरा बेटा भी उसके कहे पर ही चल रहा है।

नीरज हैरानी से चौंकता हुआ बोला:" बेटा मतलब मैं कुछ समझा नहीं!!

अनूप की आंखे गुस्से से लाल हो गई और उसने एक एक करके आज सुबह हुआ सब कुछ मिश्रा को बताया तो मिश्रा बोला:"

" अनूप ये तो बहुत गलत किया रूबी ने, वो औरत तुम्हे बर्बाद कर देगी ऐसे तो, उसका घमंड तोड़ना बहुत जरूरी हैं।

अनूप अपनी मुट्ठियां भिंच कर बोला:" लेकिन कैसे भाई, मैं कुछ उसे तमीज सिखाना चाहता हूं। उसने एक नौकरानी के सामने मेरा अपमान किया हैं।

मिश्रा के होंठो पर एक क्रूर मुस्कान थिरक उठी और बोला:"

" जब तक वो मेरे नीचे नहीं लेटेगी उसका घमंड नहीं टूटेगा, एक बार मुझसे चुद गई तो शर्म के मारे ज़िन्दगी भर तुम्हारे सामने मुंह नहीं खोल पाएगी।
 
अनूप को थोड़ा सा बुरा तो लगा लेकिन अपमान की जिस आग में वो खुद को जलता हुआ महसूस कर रहा था वो कहीं ज्यादा बड़ी थी। अनूप बोला:"

" भाई लेकिन कैसे होगा ये सब , कोई रास्ता तो बताओ मुझे,

नीरज:" देख भाई जब घी सीधी उंगली से ना निकले तो उंगली को टेढ़ा करना पड़ता हैं।

अनूप पहले से ही परेशान था इसलिए बौखलाते हुए बोला:"

" भाई जो भी कुछ कहना हैं साफ साफ़ कहो, पहेलियां मत बुझाओ।

नीरज ने उसे एक स्माइल दी और अपनी जेब से एक छोटी सी शीशी निकाली और बोला:"

" इस शीशी के अंदर वो दवा हैं जो किसी देवी समान औरत की आग को इतना भड़का सकती हैं कि वो रण्डी बनने पर मजूबर हो जाएगी, तुम उसे किसी भी तरह से ये एक गोली रोज खिलाते रहो और फिर देखना वो कैसे खुद अपने कपड़े फाड़ देगी, लेकिन ध्यान रखना उसकी प्यास नहीं बुझनी चाहिए।

अनूप की आंखे चमक उठी और बोला:" बहुत बढ़िया, लेकिन भाई मैं उसको दवा कैसे खिला पाऊंगा।

नीरज:" वो सब तो तुझे खुद सोचना होगा अनूप, अगर उसका घमंड नहीं टूटा तो वो औरत तुझसे तेरा घर, इज्जत बेटा सब कुछ छीन लेगी।

" नहीं नहीं मैं ऐसा कभी नहीं होने दूंगा चाहिए मुझे इसके लिए कुछ भी करना पड़े, लेकिन सिर्फ एक बार ही मैं उसे तुमसे चुदने दूंगा क्योंकि आखिरकार वो जैसी भी है मेरी पत्नी हैं।

अनूप सारी बाते बिना रुके एक ही सांस में बोलता चला गया। नीरज की आंखो में आज एक अलग ही चमक जाग उठी और बोला:"

" घमंड तोडने के लिए तो बस एक ही रात काफी हैं दोस्त।

अनूप अपनी अगली चाल चलते हुए बोला:" एक बात और आपका जितना भी मुझ पर बकाया हैं आप सब भूल जाएंगे।

नीरज:" ठीक हैं मुझे मंजूर हैं।अच्छा मैं चलता हूं।

नीरज चल गया तो लीमा बिना बुलाए अपने आप ही अंदर आ गई उसे अनूप से बोली:"

" सर वो आज मुझे थोड़ा जल्दी जाना था, कुछ जरूरी काम हैं।

अनूप :" अभी से कहां जाने की बात कर रही हो, अभी तो तुम्हे अपने लंड का दम दिखाना बाकी हैं लीमा।

लीमा उसके लंड को सहलाती हुई बोली:" आपके इस तगड़े लंड ने तो मेरी चूत की दीवारों को फैला दिया है, पति भी शक करता है मुझ पर कभी कभी।

अनूप उसकी चूची दबाते हुए बोला:" हम श्री वास्तव हैं, दुनिया की सबसे ऊंची जाति, हम ऐसे ही चूत का भोसड़ा बना देते हैं, अच्छा जाओ लेकिन ध्यान रखना कल अच्छे से चुदाई होगी।

लीमा बोली:" जी सर, आपके लिए मेरी चूत हमेशा हाज़िर रहेगी, ऐसा मोटा लंड मुझे और कहां मिलेगा ,। सर मुझे वो कुछ पैसे चाहिए थे।

अनूप:" कितने दू बोल मेरी जान?

लीमा:" 10000 मिल जाते तो ठीक रहता।

अनूप ने अपनी जेब में हाथ डाला और एक नोटों की गड्डी निकाल करी उसके हाथ में रखते हुए बोला:"

" ले रख ले पूरे 20000 हैं, तुम्हारे काम आ जाएंगे,!!

लीमा बहुत खुश हुई और उसका लंड बाहर निकाल कर एक किस किया और अपनी गांड़ मटकाती हुई बाहर चली गई।

दूसरी तरफ साहिल और रूबी दोनो घर आ गए थे। रूबी खाना बनाने में जुट गई एयू सीमा उसकी मदद करने लगी। जल्दी ही खाना बन गया और तीनो एक साथ बैठकर खाना खा रहे थे।

जल्दी ही उन्होंने खाना खाया और उसके बाद सीमा नीचे चली गई जबकि साहिल और रूबी दोनो आराम करने लगे। थकी होने के कारण रूबी की आंख लग गई और जल्दी ही वो गहरी नींद में चली ।

दूसरी तरफ साहिल सोच रहा था कि वो अब बच जाएगा और उसकी मम्मी रात हुई बात अब उसके बाप को नहीं बताएगी। लेकिन आज जिस तरह से बड़े बड़े लोग उसकी मम्मी की इज्जत कर रहे थे वो सब देखकर साहिल को रात के बारे में सोच कर बहुत बुरा लगा और उसने सोच लिया कि आज के बाद वो ऐसी कोई हरकत नहीं करेगा।

धीरे धीरे उसकी भी पलके भारी होने लगी और वो भी नींद के आगोश में चला गया।

शाम को रूबी की आंख खुली तो उसने देखा कि साहिल उससे किसी छोटे बच्चे की तरह चिपक कर सोया हुआ हैं और अपनी एक टांग साहिल ने उसके उपर रखी हुई थी।

रूबी को अपने बेटे की मासूमियत पर बड़ा प्यार आया और प्यार से उसका माथा चूम लिया और धीरे से बेड दे उतर गई और खाना बनाने की तैयारी में जुट गई।

रात के करीब 8 बजे तक खाना बन गया तो रूबी साहिल को उठाने के लिए उसके कमरे में चली गई तो देखा कि साहिल उठा गया है तो रूबी बोली "

" बेटा जल्दी से फ्रेश होकर आ जाओ, मैंने खाना बना दिया हैं।

साहिल:" मम्मी वो पापा को भी आ जाने दो, साथ ही खा लेंगे सब।

रूबी:" बेटा तो अधिकतर बाहर से ही खाकर आते हैं, अच्छा होगा तुम खा लो।

साहिल:" नहीं मम्मी मैं पापा का वेट करूंगा और उनके साथ ही खाना खाऊंगा।

रूबी:" ठीक हैं बेटा जैसे तुम्हे अच्छे लगे।

थोड़ी देर बाद ही अनूप घर के अंदर दाखिल हुआ और सबको हाय बोलकर अपने कमरे में चला गया। साहिल उठा और अनूप के कमरे में चला गया और बोला:"

" पापा कैसा आज रहा ऑफिस ?

अनूप अपनी टाई खोलते हुए बोला:" कुछ खास नहीं बेटा, बस वो ही रोज की तरह काम और भागदौड़। तुम आओ कभी मेरे साथ, आखिर एक दिन ये सब तुम्हे ही तो देखना है।

साहिल :" आऊंगा पापा, लेकिन अभी मैं इतना बड़ा नहीं हुआ कि इतनी बड़ी जिम्मेदारी उठा सकू।

अनूप को अन्दर ही अन्दर गुस्सा तो बहुत आया और सोचने लगा कि सुबह तो बड़ी बड़ी बाते का रहा था, अब काम के नाम से फट गई इसकी।

साहिल:" पापा मम्मी ने खाना बना दिया हैं बस आपका ही इंतजार हो रहा था, आप जल्दी से फ्रेश होकर आ जाओ ।

अनूप:" मैं बाहर जी खाना खाकर आ गया हूं, तुम खा लो अपनी मा के साथ और हान सीमा ताई को भी बुला लेना क्योंकि उसके बिना तुम दोनों मा बेटो मा मन नहीं लगता हैं ना।

साहिल को अपने बाप की बाते सुनकर गुस्सा तो बहुत आया लेकिन वो कोई ड्रामा नहीं करना चाहता था इसलिए आराम से खाना खाने बैठ गया और रूबी को सारी बाते बता दी।

रूबी:" बेटा तुम्हारे पापा तो पता नहीं कौन सी दुनिया में गुम रहते हैं, जब देखो उल्टी सीधी बाते, आओ चलो खाना खाते हैं।

उसके बाद दोनो मा बेटे खाना खाने लगे और जल्दी ही साहिल खाना खाकर आपके कमरे में चला गया जबकि रूबी बरतन साफ करने के लिए किचेन में घुस गई और आराम से बर्तन धोने लगी।
 
अनूप ने जेब से शीशी निकाल ली और सोचने लगा कि इसे किस तरह से रूबी को खिलाया जाए, क्या मैं उसे दूध में पिला दू लेकिन मैंने तो आज तक अपने हाथ से दूध नहीं दिया कहीं वो मुझ पर शक कर बैठी तो। मुझे कोई दूसरा रास्ता सोचना होगा, अगर में पानी की बोतल में डाल दी तो, लेकिन बॉटल तो फ्रिज में होती है अगर वहां से साहिल ने पी ली तो ड्रामा हो जाएगा।

नहीं नहीं मुझे और और सोचना होगा, वो अपने दिमाग के घोड़े दौड़ाने लगा तभी उसकी नज़र सामने रखी एक विटामिन सिरप पर पड़ी जिसे सोने से पहले रूबी रोज पिया करती थी।

अनूप की आंखे चमक उठी और वो एक बार कमरे से बाहर निकला और देखा कि साहिल अपने कमरे में लैपटॉप पर मूवी देख रहा हैं तो वो उसे किचेन से आती हुई बरतनों की आवाज सुनाई दी तो वो आश्वस्त हो गया और तेजी से अपने कमरे में आया और कुछ गोलियां विटामिन सिरप की बॉटल में डालकर घोलने लगा। उसकी निगाहें बाहर से आने वाली किसी भी आवाज पर टिकी हुई थी और वो जल्दी जल्दी बॉटल घुमा रहा था। डर के मारे उसकी सांसे तेज हो गई थी और जिस्म कमरे में एसी चलने के बाद भी पसीने पसीने हो रहा था।

आखिरकार अनूप की मेहनत रंग लाई और जल्दी ही गोलियां पूरी तरह से घुल गई। उसने बॉटल को ध्यान से वापिस रख दिया और धड़कते दिल के साथ रूबी के आने का इंतजार करने लगा।

थोड़ी देर के बाद रूबी अंदर दाखिल हुई और अपने आपको शीशे में देखने लगी। अनूप अपनी आंखे हल्की सी खोलकर रूबी को देख रहा था कि वो इतनी देर क्यों लगा रही हैं सिरप पीने में।

थोड़ी देर के बाद रूबी बेड पर लेट गई तो उसे अनूप के मुंह से आती हुई शराब की बदबू महसूस हुई तो उसका मूड खराब हो गया और चिल्लाने लगी

" अनूप तुम आज फिर दारू पीकर आए हो, तुम्हे कितनी बार मना किय हैं लेकिन तुम मानते ही नहीं हो।

अनूप सोने के ड्रामा करता रहा और उसका मन हल्का सा उदास हो गया कि आज रूबी शायद सिरप पीना भूल गई है। उसे अपना प्लान ध्वस्त होता नजर आया। वहीं रूबी उसके मुंह से उठती हुई दारू की बदबू से परेशान थी

" उफ्फ कितनी गंदी बदबू आती हैं अनूप के मुंह से, पता नहीं ये आदमी कब सुधरेगा।

रूबी गुस्से से बड़बड़ाती हुई दूसरी तरफ करवट लेकर लेट गई तभी उसकी नज़र सिरप पर पड़ी तो उसे याद आ गया कि आज उसने दवा तो पी नहीं हैं, वो उठी और पूरी एक चम्मच दवा पी गई। अनूप तो ये सब देखकर खुशी से झूम उठा। आखिर उसका प्लान कामयाब हुआ, अब बस उसे रूबी पर इस दवा का असर देखना था जो कि जल्दी ही शुरू होने वाला था।

सिरप पीने के बाद रूबी ने बॉटल को वापिस फ्रिज पर रख दिया और उसे याद आया कि आज उसने अपने बेटे को गुड नाईट किस तो करी ही नहीं है इसलिए वो साहिल के रूम की तरफ चल पड़ी।

रूबी के बाहर निकलते ही अनूप ने नीरज को कॉल किया

" नीरज भाई रूबी को मैंने वो गोली विटामिन सिरप में मिला कर पिला दी हैं।

नीरज खुश होते हुए बोला:"

" बहुत बढ़िया, यार तुम एक सच्चे दोस्त हो, तुम्हारे जैसे लोग बहुत आगे जाते हैं।

अनूप:" आपकी कृपया दृष्टि बनी रही तो जरूर तरक्की करूंगा।

नीरज:" अच्छा एक बात का ध्यान रखना कि तुम्हे उसके साथ सेक्स नहीं करना है उसे तपड़ते रहने देना हैं, उसकी आग को इतना भड़का देना हैं कि वो खुद नंगी होकर मेरे नीचे लेट जाए।

अनूप:" भाई तुम फिक्र मत करो, मैंने आज बहुत ज्यादा पी है बस अब सोकर सुबह ही उठुंगा।

नीरज:" अरे वाह तुम तो बहुत समझदार निकले, वैसे अभी हैं कहां रूबी ?

अनूप:" अपने बेटे के कमरे में गई हैं उसे गुड नाईट बोलने, दो चार मिनट बाद आ जायेगी।

नीरज:' चलो ठीक हैं तुम सो जाओ, लेकिन ध्यान रखना कि उसे बिल्कुल शक नहीं होना चाहिए तुम पर, नहीं तो सारा प्लान खराब हो जाएगा,
 
अनूप:' भाई तुम बिल्कुल चिंता मत करो, अब तो तुमसे ज्यादा मेरे लिए उसका घमंड तोड़ना जरूरी बन गया है।

नीरज,:' मुझ पर भरोसा रखो अनूप, चलो ठीक है अब तुम आराम करो!

इतना कहकर नीरज ने फोन काट दिया और अनूप सोने की कोशिश करने लगा। दारू का नशा उस पर पूरी तरह से हावी हो गया था इसलिए उसे कुछ होश नहीं रहा और वो गहरी नींद में समाता चला गया।

वहीं दूसरी तरफ साहिल अपने मोबाइल में सेक्सी मूवी देख रहा था क्योंकि वो समझ गया था कि अब इतनी रात हो गई तो उसकी मम्मी आज उसे गुड नाईट किस देने नहीं आएगी।

तभी उसके दरवाजे पर दस्तक हुई तो वो डर गया क्योंकि कल की तरह आज फिर उसका लंड पूरी तरह से अकड़ गया था और पेंट में तम्बू बन गया था।

साहिल में अपनी पॉकेट में हाथ डाले और अपने तम्बू को छुपाने की नाकाम कोशिश करते हुए दरवाजे को खोल दिया। रूबी अंदर दाखिल हुई और बोली

" सो गए थे क्या बेटा ?

साहिल बेड पर बैठ गया और अपने ऊपर चादर डाल ली और बोला:

" नहीं मम्मी बस सोने ही वाला था, हल्की हल्की नींद आने लगी थी मुझे।

रूबी:" ओह इसका मतलब मैंने तुम्हे डिस्टर्ब कर दिया बेटा,!!

साहिल हल्की स्माइल करते हुए बोला:" नहीं मम्मी ऐसा मत बोलिए आप तो जानती हैं कि आपके गुड नाईट किस के बिना मुझे नींद नहीं आती।

रूबी ने स्माइल करी और बेड पर साहिल के बराबर में लेट गई और बोली:"

" चल आजा मेरी गोद में आज तुझे लोरिया गाकर सुला देती हूं।

साहिल एकदम से आपकी मम्मी की बांहों में समा गया तो रूबी ने भी उसे अपनी बांहों में समेट लिया। साहिल ने अपने लंड को रूबी की जांघो से दूर ही रखा और रूबी प्यार से उसके सिर पर हाथ फेरने लगी। साहिल बड़े गौर से अपनी मा को देखने लगा तो रूबी बोली

" देख रहा हूं मैं मम्मी कितनी खूबसूरत हैं, सचमुच पापा बहुत किस्मत वाले हैं जो उन्हें आप जैसी खूबसूरत पत्नी मिली हैं।

रूबी पर दवा का हल्का हल्का असर होने लगा और उसके जिस्म में हलचल होनी शुरू हो गई।रूबी की आंखे लाल होने लगी और बोली:"

" क्यों मजाक करता हैं अपनी मा से बेटा, अगर खूबसूरत होती तो तेरे पापा मुझसे ऐसे दूर क्यों रहते?

साहिल:" मम्मी वो पापा से याद आया कि आपका और पापा का इतना झगड़ा क्यों होता हैं? थोड़ी देर पहले भी आवाज आ रही थी।

रूबी को अपने जिस्म में अब बेचैनी साफ महसूस हो रही थी लेकिन अभी तो सिर्फ शुरुवात थी इसलिए रूबी अपने आपको संभाले हुए थी लेकिन धीरे धीरे दवा का असर बढ़ रहा था।

रूबी:" बेटा वो रोज दारू पीकर आते हैं ये कोई उनकी अच्छी बात हैं क्या ?

रूबी ने ये बोलकर बड़ी उम्मीद से साहिल की तरफ देखा तो साहिल बोला:"

" ये तो गलत बात है उनकी मम्मी, इससे तो घर मे लड़ाई होगी।

रूबी का सर घूमने लगा था और उसकी चूचियां अपने आप अकड़ना शुरू हो गई तो रूबी को अपने आप पर हैरानी होने लगी। उफ्फ ये मुझे क्या हो रहा हैं, लगता है जैसे जिस्म में आग भरती जा रही है।

रूबी:" बिल्कुल बेटे यहीं तो रोज होता है, मैं उन्हें योग के लिए कहूं तो तब लड़ाई। बेटा तुम्हे तो आज देखा कि वहां लोग मेरे पति से मिलना चाहते हैं, बताओ उन्हें ले जाकर मैं क्या अपनी बे इज्जाती खुद ही कराऊ??
 
साहिल ने रूबी के चेहरे को अपने हाथ में भर लिया और बोला:"

" मम्मी आप उन्हें ले गई तो सचमुच आपकी बे इज्जती होगी, एक रास्ता है अगर आप किसी बिल्कुल फिट आदमी को थोड़ी देर के लिए अपना पति बना ले और उसे ले जाए।

रूबी को हल्का आ गुस्सा आया लेकिन बोली:_

" आइडिया तो अच्छा है बेटा, लेकिन अगर उस आदमी ने फिर बाद में मुझे परेशान किया तो क्या दिक्कत नहीं होगी?

साहिल सोच में डूब गया और बोला:" हान मम्मी ये तो मैंने सोचा ही नहीं था। फिर क्या करे ?

रूबी का जिस्म एक जलती हुई भट्टी की तरह तपने लगा था और उसके जिस्म से मस्ती भरी तरंगे निकलने लगी तो उसका जिस्म अपने आप साहिल की तरफ सरकने लगा। रूबी कुछ सोचते हुए बोली:"

" बेटा अगर बुरा ना लगे तो एक बात कहूं ?

साहिल:" मम्मी मुझे आपकी किसी बात का बुरा नहीं लगता, आप बोलिए ?

रूबी के हाथ अपने आप साहिल की कमर पर हल्का हल्का घूमने लगे और वो थोड़ा आगे होते हुए बोली

" कान में कहूंगी "

इतना कहकर रूबी साहिल से पूरी तरह से चिपक गई जिससे साहिल का खड़ा हुआ लंड फिर से उसकी जांघो में घुसने लगा तो रूबी की जांघे अपने आप खुलती चली गई और लंड अपने आप उसकी जांघो में घुस गया। दोनो की जांघ आपस में बिल्कुल चिपक गई और रूबी बोली:"

" साहिल बेटा तुम ही मेरे साथ मेरे पति बनकर चलना थोड़ी देर के लिए, तुम्हारा चेहरा तो अनूप से काफी मिलता भी है।

साहिल को जैसे यकीन नहीं हुआ और उसने हैरानी से रूबी की तरफ देखा तो रूबी ने मुस्कुरा कर एक बार से अपनी सहमति दे दी और बोली:

" बेटा मेरे लिए तुम्हे इतना तो करना ही पड़ेगा, पहली बार मैंने तुमसे कुछ मांगा है।

साहिल:" लेकिन मम्मी मैं तो अभी जवान हूं और पापा की उम्र ज्यादा है। फिर कैसे ?

रूबी को बहुत दिनों के बाद लंड का एहसास हुआ था, हालाकि वो बातो पर ध्यान दे रही थी लेकिन कहीं ना कहीं लंड का असर उस पर साफ हो रहा था।

रूबी:" बेटा वो मैं तुम्हारा ऐसा मेक अप कर दूंगी कि तुम खुद अपने आपको नहीं पहचान पाओगे। बस अब मना मत करना मुझे बेटा।

साहिल तो खुद अपनी मा को खुश देखना चाहता था इसलिए उसने अपनी स्वीकृति दे दी तो रूबी पागलों की तरह उससे कसकर लिपट गई और उसका मुंह चूमने लगी

"ओह साहिल मेरे बेटे, लव यू सो मच !!

साहिल भी अपनी मां का प्यार देखकर जोश में आ गया और उसने अपनी पूरी ताकत से रूबी को आज पहली बार अपनी बांहों में कस लिया तो रूबी को अपने जिस्म की हड्डियां कड़कती हुई महसूस हुई तो वो उसके गाल पर हल्के से मारते हुए बोली:"

" आह साहिल, मार देगा क्या, तू तो अपने आप को सचमुच का पति मान बैठा।

इतना कहकर रूबी हंस पड़ी तो साहिल शर्मा गया और अपनी मा के आंचल में घुस गया। रूबी की साड़ी का पल्लू कभी का हट गया था इसलिए साहिल की सांसे उसकी चूचियों पर पड़ने लगी तो रूबी की चूत में हल्का गीलापन आने लगा और सांसे तेज होने लगी जिससे चूचियों का उभार साहिल के मुंह से टकराने लगा।

जैसे जैसे दवा का असर बढ़ रहा था रूबी पल पल अपने होश खोती जा रही थी। लेकिन वो एक संस्कारी नारी थी और मान मर्यादा कहीं ना कहीं उसके उपर हमेशा हावी रही इसलिए वो किसी तरह अपने आपको रोके हुई थी लेकिन उसे महसूस हो रहा था कि अब ज्यादा देर तक वो खुद को नहीं रोक पाएगी।

रूबी:" अच्छा बेटा मैं चलती हूं, तेरे पापा वेट कर रहे होंगे।

साहिल:" ठीक है मम्मी, जैसी आपकी मर्जी।

रूबी इतना कहकर बेड से उतर गई और जाने लगी। उसकी साड़ी का पल्लू नीचे गिर गया था और उसकी चूचियों का उभार साफ़ नजर आ रहा था।

साहिल भी गेट बंद करने के लिए उसके पीछे पीछे आ गया और जैसे ही रूबी कमरे के गेट पर पहुंची तो उसने पलटकर साहिल को देखा तो उसे अपने बेटे पर बहुत प्यार आया और वो एक बार फिर से साहिल से लिपट गई और दोनो हाथ उसकी कमर पर रख दिए। साहिल भी अपनी मम्मी को अपनी बांहों में भर लिया और बोला:'

" क्या हुआ मम्मी अब ?

रूबी: तुझे किस करना तो भूल ही गई मैं।
 
इतना कहकर उसने साहिल को देखा, दोनो के चेहरे एक दूसरे के बिल्कुल सामने थे और रूबी के हाथ अपने आप अपने बेटे की गर्दन पर पहुंच गए मानो वो लिपलॉक करने के लिए पोजिशन बना रही थी। साहिल अपनी मा की आंखो में देख रहा था जहां उसे आज एक अलग ही रूबी नजर आ रही थी। रूबी ने अपने होंठो पर अपनी जीभ फिराई और साहिल के गाल पर अपने गुलाबी होंठ टिका दिए।

आज रूबी के होंठ जैसे आग के जलते हुए अंगारे बने हुए थे जिसकी तपिश साहिल को अपने गाल पर महसूस हुई और उसने जोर लगाते हुए रूबी को कसा तो लंड फिर से रूबी की जांघो में घुस गया। रूबी अब पूरी तरह से बहक चुकी थी और लंड की रगड़ उसे और ज्यादा मदहोश किए जा रही थी। रूबी की जीभ अपने आप बाहर निकल गई वो आंखे बंद करके साहिल के गाल को चाटने लगी। साहिल का जवाब भी धैर्य दे गया और उसके हाथ अब रूबी की कमर पर घूमने लगे। साहिल के हाथ उसकी कमर पर घूमकर आग में घी डाल रहे थे जिसका नतीजा ये हुआ की रूबी ने जोश में आकर साहिल के गाल पर अपने दांत गडा दिए।
साहिल अपना आपा खो बैठा और उसने रूबी को पकड़कर दीवार से लगा दिया तो रूबी की आंखे बंद हो गई और वो लम्बी लम्बी तेज सांसे लेने लगी। उसने एक हाथ से दीवार के कोने को पकड़ लिया और उस पर अपनी उंगलियां दबाने लगी। साहिल मदहोशी से अपनी मा की उठती गिरती हुई चूचियों को देख रहा था

साहिल का लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया था और उसने सिर्फ एक पतले से कपडे की पेंट पहनी हुई थी। साहिल ने रूबी का हाथ पकड़ कर अपने गाल पर रख दिया और बोला:'

" मम्मी बहुत तेज काट लिया आपने, कहीं पापा तो नहीं समझ लिया था मुझे ?

रूबी ने आंखे बंद किए हुए ही साहिल के गाल को उंगलियों से सहलाया और बोली:"

" चुप कर बेशर्म, अच्छे बेटे अपनी मा से ऐसे बाते नहीं करते

साहिल ने अपना चेहरा आगे किया तो उसकी सांसे रूबी को अपने होंठो पर महसूस हुई तो उसका असर सीधे उसकी चूत पर पड़ा तो उसकी जीभ बाहर निकल गई खुद ही अपने होंठो को चाटने लगी। साहिल को समझ नहीं आ रहा था कि ये आज रूबी को क्या हो रहा हैं क्योंकि आज रूबी की दबी हुई वासना खुल कर बाहर आ रही थी।

साहिल ने अपनी मम्मी के एक गाल पर अपने होंठ छुआ दिए और बोला:'

" मम्मी आपका बेटा बहुत अच्छा लड़का हैं, क्या आपको नहीं पता ?

रूबी:' होगा अच्छा लेकिन अपनी मम्मी को प्यार नहीं करता हैं बस अच्छे से, मुझे छोड़कर चला जाता हैं अपने बाप की तरह।

साहिल ने अपनी मा का उलाहना उतारने के लिए उसके गाल को मुंह में भर लिया और किसी रसगुल्ले की तरह चूसने लगा।रूबी कसमसा उठी और खुशी में उसके होंठ उसके गाल से ज्यादा उभर आए और अपने हाथो को तोडने मरोड़ने लगी तो साहिल ने उसकी कमर को थाम लिया और जोर जोर से उसके गाल को चूमने लगा। साहिल हाथ जैसे ही रूबी की नंगी कमर पर पड़े तो उसे लगा जैसे उसने जलती हुई बिजली का नंगा तार छू लिया हैं और वहीं रूबी तो रूबी के मुंह से एक हल्की सी मस्ती भरी आह निकल पड़ी और उसने साहिल के चेहरे को अपने दोनो हाथों में भर लिया और जोर से उसके गाल पर अपने दांत गडा दिए। साहिल दर्द भागने के लिए रूबी के अंदर घुस सा गया जिससे पहली बार साहिल का लंड रूबी की चूत से टकरा गया और रूबी के मुंह से मस्ती भरी आह निकल पड़ी।

लंड के चूत पर टकराते ही रूबी जैसे होश में आई और साहिल को गुड नाईट बोलते हुए शर्म से मुंह नीचे किए हुए बाहर निकल गई।

रूबी के जाते ही साहिल जैसे होश में वापिस आया और उसका गला पूरी तरह से सूख चुका था। उसने फ्रिज से पानी की बोतल निकाली और गटागट पीता चला गया।

रूबी के जिस्म से आग की लपटे सी निकल रही थीं और वो अपने कमरे में आ गई और बेड पर लेट कर करवटें बदलने लगी। जब उसे सुकून नहीं मिला तो उसने अनूप की तरफ देखा और उसे उससे बड़ी नफरत हुई।

रूबी को अपने जिस्म की आग ठंडी करने का एक ही रास्ता नजर आया और वो अपने कमरे से बाहर निकल गई और गैलरी में आ गई। रूबी चलते चलते किचेन के पास बने स्टोर रूम में पहुंच गई। साहिल दूसरी बार गेट की आवाज आने से हैरान हो गया तो इसलिए देखने के लिए बाहर आ गया और रूबी को स्टोर में जाते हुए देखा। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था इसलिए वो उसके पीछे पीछे चल दिया। हॉल में हल्का हल्का अंधेरा था और जैसे ही रूबी स्टोर में घुसी तो साहिल ने स्टोर के खुले दरवाजे से अंदर देखा तो उसे रूबी कहीं नजर नहीं आई। वो स्टोर के अंदर घुस गया और मम्मी को देखा लेकिन रूबी तो जैसे गायब हो गई थी। साहिल हैरान परेशान, उसने एक काफी बड़ी पेंटिंग देखी जिस पर धूल जमी हुई थी लेकिन उस पर हाथ के निशान थे ।साहिल ने पेंटिंग को हटाया तो उसकी आंखे फटी की फटी रह गईं, उसकी आंखों में जमाने भर का आश्चर्य था।

पेंटिंग के ठीक पीछे उसे एक बॉक्स नजर आया जिसमें कुछ स्विच लगे हुए थे। साहिल ने ग्रीन स्विच को दबाया तो दीवार अपने आप सरक गई और सामने एक रास्ता नजर आया और साहिल उत्सुकतावश आगे बढ़ गया। करीब 10 मीटर बाद जैसे ही वो मुड़ा तो एक स्क्रीन लगी नजर आई

" चुदाई लोक"
 
" चुदाई लोक"

साहिल ने थोड़ा साइड में होकर अंदर नजर डाली तो उसे ऐसा लगा कि मानो उसकी आंखे स्वर्ग के दर्शन कर रही हो। करीब चार सौ मीटर में बना हुआ एक शानदार पार्क जैसा था, चारो और से बड़ी बड़ी दीवारों से घिरा हुआ, साहिल को अब जाकर समझ में आया कि उसके घर में बनी हुई बड़ी बड़ी दीवारों का रहस्य क्या था। बड़े बड़े पत्थरो को लाकर बनाए गए खूबसूरत पहाड़, उनके बीच से संगीतमय आवाज के साथ गिरती जल धाराएं , पत्थरो के बीच जगह जगह लगे हुए रंग बिरंगे बल्बो का प्रकाश और बीच में लगा हुआ एक फाउंटेन जिसमे से करीब 10 फीट की उंचाई से गिरती हुई जलधाराएं। पार्क के चारो और लगे हुए खूबसूरत फूलो के पौधे, फूलो से निकलने वाली मदमस्त खुशबू किसी के भी होश उड़ा देने के लिए काफी थी।

साहिल तो जैसे अपनी पलके तक झपकाना भूल गया, उसके अपने खुद के घर में इतनी खूबसरत जगह मौजूद हैं वो तो जैसे इस पर यकीन नहीं कर पा रहा था।
सचमुच मन को पूरी तरह से मोह लेने वाला नजारा था ये, ऊपर एक छत के रूप में चारो तरफ से घिरा हुआ।

साहिल ने चारो तरफ देखा लेकिन उसे रूबी कहीं नजर नहीं आई, उफ्फ मम्मी कहां गायब हो गई, क्या और भी कोई खुफिया जगह हैं उसके घर में, साहिल को लगा कि उसकी मम्मी शायद पत्थरो के पीछे छुपी हुई होगी इसलिए वो धड़कते दिल के साथ " चुदाई लोक" में दाखिल हो गया और उसका लंड तो जैसे आज फटने के लिए तैयार हो गया था। उसके लोअर में एक बहुत बड़ा तम्बू बना हुआ था जो इस बात का संकेत कर रहा था कि तम्बू के पीछे कितना शानदार हथियार छुपा हुआ है।

पत्थरों और कम रोशनी का सहारा लेकर साहिल पार्क में आ गया और अपनी मा को ढूंढने लगा लेकिन अभी तक उसे रूबी कहीं नजर नहीं आई थी।

साहिल का दिल बहुत तेजी से धड़क रहा था, सबसे ज्यादा तो उसे इसी बात की चिंता थी कि उसकी मा कहां गायब हो गई, दूसरा उसे ये डर भी सता रहा था कि अगर उसे रूबी ने यहां देख लिया तो वो आपकी मा को मुंह दिखाने लायक नहीं रहेगा। तभी उसे अपने बाप की याद आई तो उसकी गांड़ में फट गई कि अगर गलती से भी अनूप ने उसे यहां देखा लिया तो उसको जान से मार देगा। लेकिन ये सोचकर उसे तसल्ली हुई कि हो सकता हैं मेरी तरह मेरे बाप को भी इस जगह के बारे में कुछ ना पता हो।

सब कुछ सोचकर साहिल बुरी तरह से कांप रहा था और एक पल के लिए उसके मन में वापिस जाने का विचार आया लेकिन उसके खड़े हुए लंड ने उसके वापिस बढ़ते हुए कदमों को रोक दिया और वो और ज्यादा अंदर बढ़ गया।

एक बड़े से पहाड़ के पीछे उसे कुछ आवाजे सुनाई दी तो साहिल छुपता हुआ वहां पहुंच गया और धीरे से देखा कि उसकी मा रूबी उस पत्थर के पीछे लेटी हुई थी और अपने जिस्म को पटक रही थीं और बार बार करवटें बदल रही थी। उसकी आंखे पूरी तरह से बंद थी और उसके मुंह से हल्की हल्की मस्ती भरी सिसकारियां निकल रही थीं। उसका चेहरा पूरी तरह से काम वासना से भरा हुआ लग रहा था और अपनी जीभ से अपने होंठो को चाट रही थी।

साहिल ये सब देख कर पूरी तरह से बेकाबू हो गया और साहिल के हाथ अपने आप अपने लंड पर पहुंच गए और लोअर के ऊपर से ही सहलाने लगे।

रूबी की गर्मी बढ़ती जा रही थी और जब उससे बर्दाश्त नहीं हुआ तो उसकी नजर सामने चल रहे फाउंटेन पर पड़ी तो उसे एक उम्मीद की किरण दिखाई पड़ी और रूबी एक लम्बी आह भरते हुए उठ गई और उसके कदम अपने आप आगे बढ़ गए ।

रूबी को अपनी तरफ आते देखकर साहिल की गांड़ से धुवां निकल पड़ा और डर के मारे दिल इतनी तेजी से धड़क उठा मानो उसके सीने को फाड़कर बाहर निकल जाना चाहता हो। साहिल ने अपने आपको उस छोटे से पत्थर के पीछे छुपा तो लिया लेकिन फिर भी उसका जिस्म आधे से ज्यादा बाहर था। अब वो अपने आपको कोस रहा था कि क्या जरूरत थी मुझे यहां आने की, उसे अब एक साथ सारे देवी देवता याद आ रहे थे। जैसे जैसे रूबी पास आती जा रही थी उसका जिस्म पसीने से भीगता जा रहा था। जैसे ही रूबी उसके पास से निकली तो साहिल को लगा जैसे वो अभी मुड़कर उसकी तरफ देखेगी लेकिन रूबी को जैसे किसी दूसरी दुनिया में ही थी। वो एक तीर की तरह बिल्कुल सीधी आगे बढ़ गई और साहिल ने चैन की सांस ली। रूबी के आगे निकलते ही साहिल की नजर उसकी गांड़ पर पड़ी जो आज बहुत ज्यादा अदा के साथ मटक रही थी मानो रूबी मॉडलिंग के लिए कैटवॉक कर रही हो।

रूबी फाउंटेन के नीचे पहुंच गई और उपर से गिरती हुए जल धाराएं उसे भिगोने लगी। जल्दी ही रूबी का पूरा जिस्म पानी से भीग गया और सफेद रंग की साड़ी पूरी तरह से उसके जिस्म से चिपक गई।

रूबी का खूबसूरत चेहरा, मुंह के चारो तरफ बिखरे हुए गीले बाल मानो चांद बदलो में से झांक रहा हो, खुमारी से लाल हो चुकी बड़ी बड़ी बोलती हुई आंखे, उसके कश्मीरी सेब जैसे हल्के गुलाबी गाल जो अब लाल सुर्ख हो चुके थे, दोनो गालों के बीच में उभर आई हल्की हल्की लालिमा, किसी गुलाब की पंखुड़ियों के जैसे दो पतले पतले नाजुक होंठ जिन पर से टपकती हुई पानी की बूंदे ऐसी लग रही थी मानो साक्षात अमृत टपक रहा हो, बिल्कुल लंबी सी गोरी चित्ती गर्दन बिल्कुल किसी मोरनी की तरह, नाजुक मुलायम खूबसूरत कंधे, दो बड़ी बड़ी लेकिन एकदम ठोस, तनी हुई चूचियां एक दम बाहर की तरफ उठी हुई जिनके बीच की गहरी खाई किसी की भी नजर को सम्मोहित करने में सक्षम, गोरा चिकना सपाट पेट, बिल्कुल अंदर की तरफ घुसा हुआ, सुंदर सी गोल गहरी नाभि, कंधो से नीचे हल्की सी भरी हुई पतली कमर, मानो लचकने के लिए ही बनी हो, कहीं भी चर्बी का नामोनिशान नहीं , बिल्कुल मछली के आकार की, कमर पर फैले हुए खूबसूरत काले लम्बे लम्बे बाल जिनसे टपकती हुई पानी की बूंदे, कमर के नीचे की तरफ उठा हुआ भारी उभार उसकी मदमस्त गांड़ की गवाही देते हुए, बिल्कुल गद्देदार मजेदार, बड़े बड़े गांड़ के दो पट मानो किसी बड़े ढोल को बीच से काटकर जर्बदस्ती चिपकाया गया हो, गांड़ के नीचे उसकी भरी हुई केले के तने के जैसी चिकनी सुडौल जांघे, एक दम गोरी गोरी, जांघो के बीच की जानलेना गहराई।
 
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