desiaks
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रूबी की आंखे लाल हो गई लेकिन मुंह से एक शब्द नहीं निकला तो शांता बोली:_
" बोल बेटी क्या अनूप से लड़ाई हुई हैं क्या फिर से ?
रूबी फिर से खामोश रही और शून्य में ताकती रही तो शांता से उसकी खामोशी बर्दाश्त नहीं हुई और बोली:"
" बेटी अगर मुझे तूने दिल से थोड़ा सा भी अपनी मा दर्जा दिया हैं तो बता मुझे क्या हुआ? पिछले कुछ दिन से देख रही हूं तू बुझी बुझी सी रहती हैं, कुछ ना कुछ तो गलत चल रहा हैं घर में।
रूबी ने अपना सिर शांता के कंधे पर टिका दिया और बोली';"
" मा टाइम आने पर मैं आपको सब कुछ बता दूंगी। मुझे आप पर ही भरोसा हैं बस।
शांता चुप हो गई और रूबी नहाने के लिए बाथरूम में चली गई। जल्दी ही वो तैयार हुई और हल्का नाश्ता करने के बाद योगा सेंटर की तरफ निकल पड़ी। वहां उसने रोज की तरह योग की शिक्षा दी और जैसे ही अपना ऑफिस बंद करने वाली थी तभी एक गाड़ी आकर रुकी और उसमे से एक लड़का और दो लड़कियां बाहर आए। रूबी उन्हें देखकर हैरान हो गई क्योंकि वो उन्हें पहली बार देख रही थी।
एक लड़की जिसका नाम पूजा था बोली:'
" आप रूबी मैडम हैं ना, मैंने आपको पहचान लिया है।
रूबी ने हैरानी से जवाब दिया :_
" हान लेकिन आप लोग कौन है? मैंने आपको कभी नहीं देखा।
तीनो ने आगे बढ़कर रूबी के पैर छुए और लड़का बोला:"
" मैडम मैं रमन हू और ये आशा और पूजा मैडम हैं, दर असल हमने दिल्ली में एक योगा सेंटर खोला हैं और हम चाहते हैं कि उसका उदघाटन आपके हाथ से हो बस इसलिए आए थे।
रूबी अंदर ही अंदर अपनी बढ़ती हुई ख्याति पर खुश हुई लेकिन उसके कुछ बोलने से पहले ही आशा बोल उठी:"
" मैडम प्लीज़ इनकार मत करना, आप जो कहेगी हम आपको फ़ीस भी दे देंगे। बस आप एक बार चलेगी तो हमारा भी भाग्य खुल जाएगा।
रूबी थोड़ी देर चुप रही और तीनो बड़ी उम्मीद से उसकी तरफ देखते रहे। अंतत: रूबी के होंठ हिले:" ठीक है लेकिन जब आना होगा मुझे ?
पूजा:" मैडम कल का दिन हमने रखा हैं अगर आपको कोई दिक्कत ना हो तो।
रूबी:" नहीं मुझे कोई दिक्कत नहीं है, मैं आ जाऊंगी।
रमन:" मैडम कल दोपहर को करीब तीन बजे आपको गाड़ी लेने के लिए आ जाएगी और रात में आपको वापसी में घर भी छोड़ देगी।
रूबी:" जैसे आपकी ठीक लगे।
उसके बाद वो तीनो वहां से चले गए जबकि रूबी घर की तरफ लौट पड़ी। घर जाकर उसने शांता को सब बताया तो शांता बहुत खुश हुई और दोनो ने साथ मिलकर खाना खाया।
रात को करीब आठ बजे अनूप आ गया तो रूबी सोचने लगी कि इसे किस तरह मनाया जाए दिल्ली जाने के लिए।
रूबी ने कल की बात को भूलते हुए कहा:" आ गए आप, चलिए जल्दी से फ्रेश हो जाए खाना गर्म गर्म हैं बिल्कुल।
अनूप को लगा था कि रूबी उससे बात नहीं करेगी या गुस्से से बात करेगी। लेकिन यहां तो सब उल्टा हुआ तो अनूप चुप चाप फ्रेश होने चला गया क्योंकि वो भी बात को ज्यादा नहीं बढ़ाना चाहता था।
फ्रेश होकर आने के बाद दोनों ने खाना खाया और इस बीच बिल्कुल शांति बनी रही। खाना खाकर रूबी बोली:'
" आज " मॉडर्न जिम एंड योगा सेंटर " वाले आए थे, कल उनका उदघाटन हैं और वो चाहते हैं कि मैं उद्घाटन करू। उन्होंने कार्ड भी दिया हैं। लेकिन मैंने बोल दिया कि पहले अपने पति से आज्ञा लूंगी तब बताउंगी। आप बताए उन्हें क्या जवाब दूं?
अनूप जानता था कि अगर इसे रूबी से अपना काम निकालना हैं तो उसका खुश रहना जरूरी है लेकिन फिर भी उसे चिढ़ाने के लिए बोला:"
" और अगर मैं मना कर देता हूं तो क्या तुम नहीं जाओगी ?
रूबी:" अगर मैं अपनी जिद पर आ जाऊ तो मुझे कोई नहीं रोक सकता, लेकिन मेरे लिए आपकी बात मानना सबसे पहले हैं। अगर आप मना कर देंगे तो मैं नहीं जाऊंगी।
अनूप अंदर ही अंदर खुश हुआ कि चलो थोड़ी सी ही सही लेकिन रूबी उसकी इज्जत करती हैं। इसलिए अनूप मुस्कुराते हुए बोला:_
" ठीक हैं तुम चली जाना, लेकिन कोशिश करना कि जल्दी वापिस आ सको, और हान एक बार साहिल से जरूर मिल आना, देख लेना वो ठीक से पढ़ भी रहा हैं या नहीं ।
" बोल बेटी क्या अनूप से लड़ाई हुई हैं क्या फिर से ?
रूबी फिर से खामोश रही और शून्य में ताकती रही तो शांता से उसकी खामोशी बर्दाश्त नहीं हुई और बोली:"
" बेटी अगर मुझे तूने दिल से थोड़ा सा भी अपनी मा दर्जा दिया हैं तो बता मुझे क्या हुआ? पिछले कुछ दिन से देख रही हूं तू बुझी बुझी सी रहती हैं, कुछ ना कुछ तो गलत चल रहा हैं घर में।
रूबी ने अपना सिर शांता के कंधे पर टिका दिया और बोली';"
" मा टाइम आने पर मैं आपको सब कुछ बता दूंगी। मुझे आप पर ही भरोसा हैं बस।
शांता चुप हो गई और रूबी नहाने के लिए बाथरूम में चली गई। जल्दी ही वो तैयार हुई और हल्का नाश्ता करने के बाद योगा सेंटर की तरफ निकल पड़ी। वहां उसने रोज की तरह योग की शिक्षा दी और जैसे ही अपना ऑफिस बंद करने वाली थी तभी एक गाड़ी आकर रुकी और उसमे से एक लड़का और दो लड़कियां बाहर आए। रूबी उन्हें देखकर हैरान हो गई क्योंकि वो उन्हें पहली बार देख रही थी।
एक लड़की जिसका नाम पूजा था बोली:'
" आप रूबी मैडम हैं ना, मैंने आपको पहचान लिया है।
रूबी ने हैरानी से जवाब दिया :_
" हान लेकिन आप लोग कौन है? मैंने आपको कभी नहीं देखा।
तीनो ने आगे बढ़कर रूबी के पैर छुए और लड़का बोला:"
" मैडम मैं रमन हू और ये आशा और पूजा मैडम हैं, दर असल हमने दिल्ली में एक योगा सेंटर खोला हैं और हम चाहते हैं कि उसका उदघाटन आपके हाथ से हो बस इसलिए आए थे।
रूबी अंदर ही अंदर अपनी बढ़ती हुई ख्याति पर खुश हुई लेकिन उसके कुछ बोलने से पहले ही आशा बोल उठी:"
" मैडम प्लीज़ इनकार मत करना, आप जो कहेगी हम आपको फ़ीस भी दे देंगे। बस आप एक बार चलेगी तो हमारा भी भाग्य खुल जाएगा।
रूबी थोड़ी देर चुप रही और तीनो बड़ी उम्मीद से उसकी तरफ देखते रहे। अंतत: रूबी के होंठ हिले:" ठीक है लेकिन जब आना होगा मुझे ?
पूजा:" मैडम कल का दिन हमने रखा हैं अगर आपको कोई दिक्कत ना हो तो।
रूबी:" नहीं मुझे कोई दिक्कत नहीं है, मैं आ जाऊंगी।
रमन:" मैडम कल दोपहर को करीब तीन बजे आपको गाड़ी लेने के लिए आ जाएगी और रात में आपको वापसी में घर भी छोड़ देगी।
रूबी:" जैसे आपकी ठीक लगे।
उसके बाद वो तीनो वहां से चले गए जबकि रूबी घर की तरफ लौट पड़ी। घर जाकर उसने शांता को सब बताया तो शांता बहुत खुश हुई और दोनो ने साथ मिलकर खाना खाया।
रात को करीब आठ बजे अनूप आ गया तो रूबी सोचने लगी कि इसे किस तरह मनाया जाए दिल्ली जाने के लिए।
रूबी ने कल की बात को भूलते हुए कहा:" आ गए आप, चलिए जल्दी से फ्रेश हो जाए खाना गर्म गर्म हैं बिल्कुल।
अनूप को लगा था कि रूबी उससे बात नहीं करेगी या गुस्से से बात करेगी। लेकिन यहां तो सब उल्टा हुआ तो अनूप चुप चाप फ्रेश होने चला गया क्योंकि वो भी बात को ज्यादा नहीं बढ़ाना चाहता था।
फ्रेश होकर आने के बाद दोनों ने खाना खाया और इस बीच बिल्कुल शांति बनी रही। खाना खाकर रूबी बोली:'
" आज " मॉडर्न जिम एंड योगा सेंटर " वाले आए थे, कल उनका उदघाटन हैं और वो चाहते हैं कि मैं उद्घाटन करू। उन्होंने कार्ड भी दिया हैं। लेकिन मैंने बोल दिया कि पहले अपने पति से आज्ञा लूंगी तब बताउंगी। आप बताए उन्हें क्या जवाब दूं?
अनूप जानता था कि अगर इसे रूबी से अपना काम निकालना हैं तो उसका खुश रहना जरूरी है लेकिन फिर भी उसे चिढ़ाने के लिए बोला:"
" और अगर मैं मना कर देता हूं तो क्या तुम नहीं जाओगी ?
रूबी:" अगर मैं अपनी जिद पर आ जाऊ तो मुझे कोई नहीं रोक सकता, लेकिन मेरे लिए आपकी बात मानना सबसे पहले हैं। अगर आप मना कर देंगे तो मैं नहीं जाऊंगी।
अनूप अंदर ही अंदर खुश हुआ कि चलो थोड़ी सी ही सही लेकिन रूबी उसकी इज्जत करती हैं। इसलिए अनूप मुस्कुराते हुए बोला:_
" ठीक हैं तुम चली जाना, लेकिन कोशिश करना कि जल्दी वापिस आ सको, और हान एक बार साहिल से जरूर मिल आना, देख लेना वो ठीक से पढ़ भी रहा हैं या नहीं ।