Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ - Page 4 - SexBaba
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Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ

रूबी की आंखे लाल हो गई लेकिन मुंह से एक शब्द नहीं निकला तो शांता बोली:_

" बोल बेटी क्या अनूप से लड़ाई हुई हैं क्या फिर से ?

रूबी फिर से खामोश रही और शून्य में ताकती रही तो शांता से उसकी खामोशी बर्दाश्त नहीं हुई और बोली:"

" बेटी अगर मुझे तूने दिल से थोड़ा सा भी अपनी मा दर्जा दिया हैं तो बता मुझे क्या हुआ? पिछले कुछ दिन से देख रही हूं तू बुझी बुझी सी रहती हैं, कुछ ना कुछ तो गलत चल रहा हैं घर में।

रूबी ने अपना सिर शांता के कंधे पर टिका दिया और बोली';"

" मा टाइम आने पर मैं आपको सब कुछ बता दूंगी। मुझे आप पर ही भरोसा हैं बस।

शांता चुप हो गई और रूबी नहाने के लिए बाथरूम में चली गई। जल्दी ही वो तैयार हुई और हल्का नाश्ता करने के बाद योगा सेंटर की तरफ निकल पड़ी। वहां उसने रोज की तरह योग की शिक्षा दी और जैसे ही अपना ऑफिस बंद करने वाली थी तभी एक गाड़ी आकर रुकी और उसमे से एक लड़का और दो लड़कियां बाहर आए। रूबी उन्हें देखकर हैरान हो गई क्योंकि वो उन्हें पहली बार देख रही थी।

एक लड़की जिसका नाम पूजा था बोली:'

" आप रूबी मैडम हैं ना, मैंने आपको पहचान लिया है।

रूबी ने हैरानी से जवाब दिया :_

" हान लेकिन आप लोग कौन है? मैंने आपको कभी नहीं देखा।

तीनो ने आगे बढ़कर रूबी के पैर छुए और लड़का बोला:"

" मैडम मैं रमन हू और ये आशा और पूजा मैडम हैं, दर असल हमने दिल्ली में एक योगा सेंटर खोला हैं और हम चाहते हैं कि उसका उदघाटन आपके हाथ से हो बस इसलिए आए थे।

रूबी अंदर ही अंदर अपनी बढ़ती हुई ख्याति पर खुश हुई लेकिन उसके कुछ बोलने से पहले ही आशा बोल उठी:"

" मैडम प्लीज़ इनकार मत करना, आप जो कहेगी हम आपको फ़ीस भी दे देंगे। बस आप एक बार चलेगी तो हमारा भी भाग्य खुल जाएगा।

रूबी थोड़ी देर चुप रही और तीनो बड़ी उम्मीद से उसकी तरफ देखते रहे। अंतत: रूबी के होंठ हिले:" ठीक है लेकिन जब आना होगा मुझे ?

पूजा:" मैडम कल का दिन हमने रखा हैं अगर आपको कोई दिक्कत ना हो तो।

रूबी:" नहीं मुझे कोई दिक्कत नहीं है, मैं आ जाऊंगी।

रमन:" मैडम कल दोपहर को करीब तीन बजे आपको गाड़ी लेने के लिए आ जाएगी और रात में आपको वापसी में घर भी छोड़ देगी।

रूबी:" जैसे आपकी ठीक लगे।

उसके बाद वो तीनो वहां से चले गए जबकि रूबी घर की तरफ लौट पड़ी। घर जाकर उसने शांता को सब बताया तो शांता बहुत खुश हुई और दोनो ने साथ मिलकर खाना खाया।

रात को करीब आठ बजे अनूप आ गया तो रूबी सोचने लगी कि इसे किस तरह मनाया जाए दिल्ली जाने के लिए।

रूबी ने कल की बात को भूलते हुए कहा:" आ गए आप, चलिए जल्दी से फ्रेश हो जाए खाना गर्म गर्म हैं बिल्कुल।

अनूप को लगा था कि रूबी उससे बात नहीं करेगी या गुस्से से बात करेगी। लेकिन यहां तो सब उल्टा हुआ तो अनूप चुप चाप फ्रेश होने चला गया क्योंकि वो भी बात को ज्यादा नहीं बढ़ाना चाहता था।

फ्रेश होकर आने के बाद दोनों ने खाना खाया और इस बीच बिल्कुल शांति बनी रही। खाना खाकर रूबी बोली:'

" आज " मॉडर्न जिम एंड योगा सेंटर " वाले आए थे, कल उनका उदघाटन हैं और वो चाहते हैं कि मैं उद्घाटन करू। उन्होंने कार्ड भी दिया हैं। लेकिन मैंने बोल दिया कि पहले अपने पति से आज्ञा लूंगी तब बताउंगी। आप बताए उन्हें क्या जवाब दूं?

अनूप जानता था कि अगर इसे रूबी से अपना काम निकालना हैं तो उसका खुश रहना जरूरी है लेकिन फिर भी उसे चिढ़ाने के लिए बोला:"

" और अगर मैं मना कर देता हूं तो क्या तुम नहीं जाओगी ?

रूबी:" अगर मैं अपनी जिद पर आ जाऊ तो मुझे कोई नहीं रोक सकता, लेकिन मेरे लिए आपकी बात मानना सबसे पहले हैं। अगर आप मना कर देंगे तो मैं नहीं जाऊंगी।

अनूप अंदर ही अंदर खुश हुआ कि चलो थोड़ी सी ही सही लेकिन रूबी उसकी इज्जत करती हैं। इसलिए अनूप मुस्कुराते हुए बोला:_

" ठीक हैं तुम चली जाना, लेकिन कोशिश करना कि जल्दी वापिस आ सको, और हान एक बार साहिल से जरूर मिल आना, देख लेना वो ठीक से पढ़ भी रहा हैं या नहीं ।
 
रूबी खुश होते हुए बोली:"

" जी मैं जल्दी वापिस आ जाऊंगी और साहिल से भी मिल आऊंगी।

इतना कहकर रूबी ने बरतन उठाकर साफ करने के लिए सिंक में डाल दिए और काम में लग गई।

साहिल दिन भर पढ़ने के बाद खाना खाकर अपने कमरे में पढ़ रहा था कि उसे आरव ने आवाज लगाई:"

" ओ भाई, बाहर आकर देख क्या मस्त नजारा हैं किताबो में क्या रखा हुआ हैं !

साहिल बाहर आ गया तो आरव ने उसे हल्के से छुपने का इशारा किया क्योंकि रेखा भाभी छत पर आई हुई थी और सिर्फ एक पतली सी नाइटी में घूम रही थी। साहिल उसे ध्यान से देखने लगा जो आरव को देख कर मुस्करा रही थी। आरव ने उसे उसे स्माइल देते हुए इशारा किया तो रेखा ने एक झटके के साथ अपनी नाइटी की चैन खोल दी जिससे उसकी पूरी कमर नंगी हो गई। आरव ये देखकर खुश हो गया और इशारे से बताया कि वो एकदम माल लग रही है।

साहिल को रेखा अच्छी तो लगी लेकिन उसकी मा रूबी के सामने वो कुछ भी नहीं थी। सच में दोनो के शरीर और फिटनेस में जमीन आसमान का अंतर था। जहां रेखा की कमर भारी और चर्बी चढ़ी हुई थी वहीं रूबी की कमर पर चर्बी का नामो निशान नहीं था और एक दम उत्तेजक कटाव लिए हुए पतली और चिकनी थी। साहिल को वहां रुक कर अपना टाइम खराब होता महसूस हुआ तो वो बिना कुछ बोले अंदर चला गया। आरव हैरान हो गया कि कल तक रेखा भाभी के नाम पर मुठ मारने वाला साहिल आज उसकी नंगी कमर को देखकर क्यों अंदर भाग गया।

आरव ने रेखा को इशारे के बताया कि उसे कुछ काम हैं इसलिए अंदर जा रहा है और आरव भी अंदर चला गया। आरव साहिल के पास बैठ गया और बोला:"

" क्या हुआ भाई ? भाभी की कमर अच्छी नहीं लगी क्या ?

साहिल:" भाई ये कोई कमर थी, लग रहा था जैसे कोई मोटी आंटी अपनी कमर लहरा रही थी।

इतना कहकर साहिल हंस पड़ा तो आरव का मूड खराब हो गया और बोला:"

" कल तक तू इसी रेखा भाभी के नाम पर मुठ मारता था और आज तुझे ये मोटी आंटी नजर आ रही है, मतलब अंगूर खट्टे हैं।

साहिल थोड़ा तेज आवाज में बोला:"

" हान ये सच है मैं मुट्ठी मारता था, और ऐसा तू सोच भी मत लेना कि मुझसे नहीं पटी इसलिए कह रहा हूं बल्कि सच तो ये हैं कि ये सच में रेखा भाभी का जिस्म थोड़ा ज्यादा ही भरा हुआ है यार, मुझे तो मोटी लगी।

आरव:" अच्छा तो तू बता दें कि फिर किसका शरीर बिल्कुल फिट और कमर पतली बलखाती हुई हैं

साहिल का मुंह खुलने ही वाला था कि उसे होश आया और ये सोच कर चुप हो गया कि अपनी मम्मी के बारे में मैं आरव के सामने कैसे बोल सकता हूं।

साहिल की चुप देखकर आरव उसका मजाक उड़ाते हुए बोला:'

" अब क्या हुआ क्यों बोलती बंद हो गई! अब ऐसा जिस्म तो तेरी कल्पनाओं में ही होगा और तू उसके नाम पर ही मुठ मार आज से, मैं तो रेखा भाभी का दीवाना हो गया हूं भाई।

साहिल गुस्से का घूंट पीकर रह गया लेकिन उसने अपना मुंह नहीं खोला। साहिल कुछ सोचते हुए बोला:"

" भाई मेरे बिना बताए एक दिन तुझे खुद ही पता चल जाएगा कि सच में 40 साल की उम्र में औरत अपने जिस्म को कितना फिट रख सकती हैं।

आरव:" हा हा हा भाई, ऐसा तो सिर्फ बॉलीवुड अभिनेत्री ही अपने जिस्म को रख सकती हैं।

तभी साहिल का फोन बजा ती उसने देखा कि रूबी का कॉल आया था। उसने फोन पिक किया और बोला:"

" कैसे हो मम्मी ?

रूबी:" बस ठीक हूं बेटा, मन नहीं लगता तेरे जाने के बाद, सारा घर खाली खाली सा लगता हैं।

साहिल:" अरे मम्मी बस और तीन दिन की बात है फिर मैं घर आ जाऊंगा आपके पास।

रूबी:" अच्छा सुन बेटा, मैं एक योगा सेंटर के उद्घाटन के लिए दिल्ली आ रही हूं, मुझसे मिल लेना कल शाम को छह बजे के आसपास।

साहिल:" ये तो बहुत खुशी की बात है, आप मुझे उस जगह का एड्रेस दे दीजिए मैं पहुंच जाऊंगा।

रूबी:" ठीक हैं बेटा, मैं तुझे मेसेज कर दूंगी, तुम आ जाना टाइम पर।

साहिल:" आप चिंता ना करे, मैं कल पक्का आ जाऊंगा, और बताओ पापा के क्या हाल हैं आजकल ?

रूबी :" बेटा उनका तो तुझे पता ही हैं, बस सब कुछ ऐसे ही चल रहा हैं जैसे तुम छोड़कर गए थे।

साहिल:" आप परेशान ना हो मम्मी, सब ठीक हो जाएगा। चलो ठीक है बाय।
 
इतना कहकर साहिल ने फोन काट दिया और देखा कि आरव फिर से बाहर छत पर खड़ा हुआ फोन पर बात कर रहा था तो तो समझ गया कि ये ये पक्का रेखा भाभी से ही बात कर रहा है इसलिए वो फिर से पढ़ने बैठ गया लेकिन उसका मन पढ़ाई में नहीं लग रहा था और वो बार बार अपनी मा और रेखा की कमर की तुलना कर रहा था जिसमें हर बार रूबी की कमर रेखा पर बहुत भारी पड़ रही थी। साहिल के लौड़े में तनाव आने लगा तो उसे यकीन नहीं हुआ कि उसका लन्ड उसकी मम्मी के बारे में सोचकर खड़ा हो रहा हैं।

उसे अपने आप पर शर्म महसूस हुई और वो किताबो में ध्यान लगाने लगा। जैसे तैसे करके उसे नींद आई। दूसरी तरफ रूबी ने फिर से आज विटामिन सिरप पी लिया था और उसका जिस्म सारी रात जलता रहा लेकिन आज वो अपनी इच्छा शक्ति को आजमाना चाहती थी इसलिए चूत नहीं रगड़ी और पूरी तरह से उसका जिस्म आग का गोला बन गया था। चूत से रह रह कर रस टपक रहा था लेकिन आखिरकार रूबी की जीत हुई।
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अगले रूबी सुबह उठी और तो उसके जिस्म में एक अजीब सी तरंग उठ रही थी क्योंकि आज वो पहली बार दिल्ली जा रही थी और वो भी एक मुख्य अतिथि के रूप में। वो नहाकर तैयार हो गई और शांता ताई के साथ बैठकर अच्छे से नाश्ता किया और योगा सेंटर निकल गई। अनूप आज देर तक सोता रहा और जब तक उसकी आंख खुली तो रूबी जा चुकी थी।

रूबी ने जल्दी से आज लोगो को योगा और फिटनेस के मंत्र दिए और फिर अपने ऑफिस में बैठ कर गाड़ी का इंतजार करने लगी। ठीक समय पर एक होंडा सिटी गाड़ी उसके ऑफिस के बाहर रुकी और वो उसके बैठ गई। गाड़ी एकदम बिल्कुल नई लग रही थी और चमचमा रही थी।

गाड़ी चल पड़ी और रूबी ने देखा कि पीछे की सीट आम तौर पर इतनी बड़ी नहीं होता जितनी इस गाड़ी में थी। ड्राइवर बोला:"

" मैडम हमे दिल्ली पहुंचने में करीब डेढ़ घंटा लगेगा अगर आप चाहे तो आराम कर सकती है।

रूबी:" लेकिन यहां गाड़ी में तो सिर्फ सिर्फ बैठ ही सकती हूं,। कोई नहीं तुम चलो।

ड्राइवर ने गाड़ी साइड में रोक दी और पीछे की तरफ आया तो सुनसान सड़क पर रूबी को डर महसूस हुआ कि कहीं ड्राइवर के मन में कोई पाप तो नहीं आ गया। ड्राइवर ने रूबी को बाहर निकलने के लिए कहां तो रूबी बाहर आ गई और ड्राइवर ने अंदर जाकर एक हुक को खीच दिया तो गाड़ी की दोनो बड़ी बड़ी सीट आपस में मिल गई और शानदार बेड तैयार हो गया। रूबी तो हैरान हो गई कि इतनी मॉडर्न गाडियां भी आजकल आ गई हैं।

ड्राइवर:" मैडम आप अब आराम कीजिए। आपके लिए बेड तैयार हैं देखे आप।

रूबी खुशी खुशी अंदर चली गई और आराम से सीट पर लेट गई। ड्राइवर ने गाड़ी आगे बढ़ा दी और रूबी को ठंडी ठंडी ए सी की हवा में नींद आ गई। करीब पांच बजे के आस पास वो दिल्ली पहुंच गई तो उसकी आंखे खुल गई और वो पानी की बोतल बैग से निकाल कर अपना चेहरा साफ करने लगी। जैसे ही रूबी बाहर निकली तो आशा, पूजा और रमन तीनो ने मुस्कुराते हुए उसका स्वागत किया।

आशा:" मैडम आप आई तो हमारे योगा एंड जिम क्लब को चार चांद लग गए।

रूबी अंदर चली गई और उसने हल्का नाश्ता किया। रूबी ने अपना मोबाइल निकाला और साहिल का नंबर मिला दिया।

रूबी:" हान बेटा मैं दिल्ली आ गई हूं, एक आधे घंटे बाद फ्री हो जाऊंगी तुम मुझे कनॉट प्लेस पर मिलना क्योंकि इसके पास ही ऑफिस हैं।

साहिल:" ठीक हैं मम्मी मैं निकालता हूं।

रूबी एक बड़े से हॉल में आ गई और उसने देखा कि इस मौके पर बड़े बड़े बिजनेस मैन और वीआईपी लोग आए हुए थे। आखिरकार हर कोई ये ही सोच रहा था कि इतने बड़े बड़े लोगों के होने के बाद भी क्यों उद्घाटन कराने के लिए एक औरत को मेरठ से बुलाया गया।

रमन:" तो साथियों बहुत खुशी की बात हैं कि आज की हमारी मुख्य अतिथि रूबी हमारे बीच में आ गई हैं और आप सब जोरदार तालियों के साथ उनका स्वागत कीजिए।

रूबी धीरे से उठी और चलती हुई स्टेज पर पहुंच गई तो लोग दम साधे हुए उसे देखने लगे। उसने एक हल्के नीले रंग की साड़ी पहनी हुई थी और पेटीकोट थोड़ा नीचे बांध हुआ था जिसके चारो और लिपटी हुई साड़ी उसके गोरे चिकने सुंदर पेट को साफ दिखा रही थी। उपर ब्लाउस काफी टाईट थी इसलिए उसकी उसकी चूचियां पूरी तरह से उभरकर अपना आकार दिखा रही थीं।

साहिल भी अंदर आ गया था और अपनी मा के इस अवतार को देखकर वो अंदर ही अंदर बहुत खुश हो रहा था।

रमन:" ये हैं रूबी जी जो मेरठ में अपना जिम और योगा सेंटर चलाती हैं और फिटनेस की ज़िंदा मिशाल हैं। तो शुरू करते हैं आज का कार्यकर्म , आइए रूबी जी अपने शुभ हाथो से उद्घाटन कीजिए,।

रूबी स्माइल करती हुई आगे बढ़ी और उसने फीता काट कर उद्घाटन किया तो चारो तरफ से पूरे हॉल में तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी।

रमन:" तो आप सबने देखा कि फिटनेस क्वीन रूबी ने हमारे जिम का उद्घाटन किया और मुझे उम्मीद हैं सारी देखी लाइव इसे देख रही हैं तो आइए चलते हैं रूबी जी के पास और उनसे फिटनेस के कुछ मंत्र लेते हैं।

रूबी:" शरीर अगर फिट हैं तो आप ज़िन्दगी को खुलकर जी सकते हैं इसलिए आप सभी से निवेदन है कि अपनी सेहत का ध्यान रखे, रोज योगा करे, दौड़ लगाए और खाने पीने का ध्यान दें धन्यवाद।

इसके बाद रूबी ने माइक वापिस रामन की तरफ बढ़ा दिया तो रमन बोला:"

" देखा आप सबने किस तरह से रूबी जी ने बताया कि हम अपने आपको फिट रख सकते हैं। हमारे जिम और योगा सेंटर का पहला उद्देश्य सबकी की फिटनेस रूबी मैडम के जैसे करना होगा।

रूबी सब समझ रही थी कि ये मुझे इस्तेमाल करके अपनी एडवोटिसिंग कर रहे है। वहीं साहिल अपनी मम्मी की इतनी तारीफ और इतनी इज्जत मिलते देखकर बहुत खुश था।

थोड़ी देर के बाद प्रोग्राम खत्म हो गया और सभी लोग एक एक करके घर की तरफ बढ़ गए। साहिल भी बाहर आ गया और रूबी का इंतजार करने लगा। अंदर पूरा स्टाफ बैठा हुआ था और प्रोग्राम होते होते ही लोगो के रजिस्ट्रेशन के लिए कॉल आने शुरू हो गए थे जिससे रमन बहुत खुश था।
 
रमन:" मैडम समझ नहीं आ रहा कि किन शब्दों में आपको धन्यवाद दिया जाए। आपको तो यहां आकर लोगो पर जादू सा कर दिया है। कल तक हमारे पास सिर्फ पांच कॉल आए थे जबकि अभी ये संख्या 100 से उपर चली गई है और हमारे तीनो फोन अभी भी बिज़ी चल रहे हैं।

रूबी अपनी तारीफ सुनकर खुश हुई और बोली:"

" ये सब तो आपकी अपनी मेहनत और लगन का नतीजा हैं, मैं तो सिर्फ आधा घंटा ही आपके साथ रही हूं।

आशा:" मैडम जी वहीं आधा घंटा कमाल कर गया। कई लोग तो हमसे बोल रहे हैं कि आपको भी ट्रेनर रखा जाए।

रूबी:" अभी तो मेरे पास कोई टाइम नहीं हैं लेकिन अगर भविष्य में समय मिला तो जरूर आऊंगी।

रमन:" हमारी किस्मत होगी वो , अच्छा बताए आपको क्या चाहिए?

रूबी एक स्वाभिमानी औरत थी इसलिए उसने साफ लफ्जो में कहा:"

" मुझे कुछ नहीं चाहिए, आपने जो इज्जत मुझे बख़्शी हैं वो बहुत हैं।

रमन आगे बढ़ा और उस नई होंडा सिटी जिसमे रूबी बैठकर आई थी उसकी गाड़ी उसने रूबी के हाथ में थमा दी और बोला:"

" मैडम प्लीज़ हमारी तरफ से आप ये छोटी सी भेंट स्वीकार कीजिए। और प्लीज़ मना मत करना नहीं तो हम सबके दिल टूट जायेंगे।

पूजा:" अगर आपने मना करने का सोचा भी तो हम आपको ज़बरदस्ती दे देंगे।

रूबी सोच में पड़ गई क्योंकि ये काफी कीमती गाड़ी थी। आखिरकार रूबी ने हान कर दिया लेकिन बोली:"

" ठीक हैं मैं मना नहीं करूंगी लेकिन अभी इसे आप भी अपने पास रखे। जब मुझे जरूरत होगी मैं खुद आपसे ले लूंगी।

रमन और आशा खुशी खुशी मान गए। रूबी ने उनसे बोला:"

"मुझे दिल्ली में कुछ काम हैं इसलिए मुझे वहां जाना होगा पहले। मैं आपको कॉल कर दूंगी तो गाड़ी भेज देना।

रमन:" अरे मैडम आप गाड़ी अपने साथ ही ले जाए आते हुए यहीं खड़ी कर देना।

रूबी को उसकी बात ठीक लगी और रूबी उससे चाबी लेकर गाड़ी में बैठ गई और बाहर निकल गई। साहिल वहीं बाहर ही उसका इंतजार कर रहा था तो रूबी ने उसे देखते ही गाड़ी रोक दी। साहिल अपनी मा को नई गाड़ी चलाते देखकर खुश हो गया और गाड़ी में घुस गया।

साहिल:" वाव मम्मी, आपके तो चर्चे दिल्ली तक हैं। पिछले एक घंटे से टीवी पर आप ही छाई हुई हो। आपको तो लोग बहुत इज्जत दे रहे हैं। सच में ममी आप बहुत अच्छी हैं। I love you mom so much.

साहिल ने आगे बढ़कर रूबी का गाल चूम लिया तो रूबी खुश होते हुए बोली:"

" थैंक्स बेटा, काश तेरे बाप को भी मेरी कद्र होती तो बात कुछ और ही होती।

साहिल:" मम्मी आप चिंता ना करे, देखना मै पापा से इस बार अच्छे से बात करूंगा फिर वो कैसे सुधरते हैं आप देखना।

रूबी:"बेटा उन्हें कोई फर्क पड़ने वाला नहीं हैं अब। फिर भी तेरा मन हैं तो कोशिश करके देख लेना।

साहिल:" उन्हें आपको वो प्यार और इज्जत देनी होगी जिसकी आप हकदार है। आपका बेटा अब आपकी तरफ हैं मम्मी।
अच्छा ये बताओ आप पहली बार दिल्ली आई हैं तो क्या खाएगी ? कहां घूमेंगी अपने बेटे के साथ ?

रूबी:' बेटा मुझे तो यहां के बारे में कुछ भी नहीं पता हैं। जो तेरा मन करे वो खिला और जहां तू चाहे वहां ले चल मुझे।

साहिल:" ठीक हैं मम्मी, आप भी आज की शाम ज़िन्दगी भर याद रखोगी।

साहिल ने रूबी को दांए मुड़ने के लिए कहा और जल्दी ही दोनो एक शानदार रेस्टोरेंट के सामने खड़े हुए थे। यहां शुद्ध देसी शाकाहारी भोजन मिलता था। दोनो बैठ गए और साहिल ने मेनू कार्ड रूबी की तरफ बढ़ा दिया तो रूबी बोली:"

" नहीं बेटा, आज सब कुछ तेरी पसंद से, जो तेरा मन करे खिला दे मुझे। आज मैं तेरी मेहमान हु।

साहिल ने अपनी मम्मी को स्माइल दी और वेटर को शाही कचोरी, पनीर मशरूम, और दही का ऑर्डर दिया क्योंकि ये सब रूबी का पसंदीदा था।

रूबी बहुत खुशी हुई क्योंकि उसके बेटे ने सारी चीज़े उसकी पसंद की ही ऑर्डर करी थी। थोड़ी देर बाद ही वेटर ऑर्डर किया गया खाना लेकर आ गया और दोनो मा बेटे ने खाना शुरू किया। रूबी आज बहुत खुश थी क्योंकि उसको घूमना फिरना बहुत अच्छा लगता था लेकिन अनूप उसको कभी मेरठ से बाहर लेकर ही नहीं गया। और आज जब उसकी इच्छा पूरी हो रही थी तो उसका चेहरा खुशी से दमक रहा था।

साहिल अपनी मा को इतना खुश देखकर अंदर ही अंदर मुस्कुरा रहा था और बोला:"

" मम्मी जब आप खुश होती हो तो ज्यादा खूबसूरत लगती हो, हमेशा ऐसे ही खुश रहा करो आप।

रूबी के होंठो पर स्माइल आ हुई और बोली:" अच्छा जी अब तुझे तेरी मा खूबसूरत लग रही हैं

साहिल:" मम्मी अब क्या आप तो पहले से ही खुबसुरत हो, आज तो आपके जलवे दिल्ली में भी हो गए। लोग दीवाने हो हुए आपके।

रूबी:" बड़ा तेज हो गया हैं तू, अपनी मा से ऐसी बाते नहीं करते बेटा।

साहिल खाना खाते हुए बोला:

" लेकिन इसमें गलत क्या हैं मम्मी, लोग सच मूच आपको पसंद कर रहे हैं, आपकी फिटनेस बहुत अच्छी हैं जो आजकल की लड़कियो में नहीं होती।

रूबी:" अच्छा तुझे कैसे पता की लड़कियों में नहीं होती।

साहिल को समझ नहीं आया कि क्या जवाब दे इसलिए मैं मैं करते रह गया तो रूबी बोली:"

" मैं मैं क्या कर रहा है बेटा, सीधी तरह बोल कि तू आते जाते लड़कियों को घूरता हैं, उनका फिगर देखता हैं। मैं सच कह रही हूं ना साहिल।

साहिल के चेहरे का रंग उड़ गया, काटो तो खून नहीं, उसे समझ नहीं आ रहा था कि क्या जवाब दें इसलिए चुप ही रहा तो रूबी उसे समझाते हुए बोली:"

" इट्स ओके बेटा, इस उम्र में ऐसा होता हैं। लेकिन क्या तू मुझे भी घूं...

इतना कहकर रूबी के आगे के शब्द उसके गले में ही शर्म के मारे अटक गए और उसकी आवाज नहीं निकल पाई। साहिल समझ गया कि उसकी मा क्या कहना चाह रही थी। इतनी बात तो साफ थी कि रूबी समझ हुई थी कि साहिल उसे जरूर देखता हैं तभी तो उसका फिगर उसे लड़कियों से अच्छा लगता हैं । दूसरी तरफ साहिल भी आज ये बात समझ गया था कि रूबी को पता चला गया है कि उसका बेटा उसे घूर कर देखता है।

दोनो तरफ शांति रही थी और दोनो अपना खाना खाते रहे। खाना खाने के बाद वेटर बिल ले आया और टिप्स पाने के लिए मक्खन लगाते हुए बोला:"

" वैसे एक बात कहूं सर, आपकी दोनो की जोड़ी कमाल कि लग रही है।

इतना कहकर वेटर ने उम्मीद भरी निगाहों से रूबी की तरफ देखा तो रूबी ने एक जोरदार थप्पड़ उसके गाल पर रख दिया और बोली:"

" होश में आकर बात कर मुझसे, ये मेरा बेटा हैं तुझे शर्म नहीं आती ये सब बोलते हुए।

वेटर अपना गाल सहलाते हुए बोला:" माफ कीजिएगा मैडम, यहां आने वाली हर औरत यहीं बोलती है और आज कल तो ये ट्रेंड बन गया है।
 
रूबी कुछ बोलती उससे पहले ही साहिल ने बिल चुकाया और रूबी का हाथ पकड़ कर बाहर की तरफ जाने लगा तो वेटर बोला:"

" सर अगली बर जब मैडम को लेकर आए तो पहले ही समझा देना कि झूठ ना बोले।

रूबी ने मुड़कर गुस्से से देखा लेकिन साहिल उसे बाहर ले आया तो रूबी बोली:"

" अगर तुम मुझे बाहर ना लाते तो मैं उस कमीने का मुंह तोड़ देती आज।

साहिल:" मम्मी प्लीज़ शांत हो जाओ, क्यों बेवजह आप गुस्सा हो रही हो।

रूबी:" साहिल क्या मुझे देखकर सामझ में नहीं आता कि मैं एक जवान बेटे की मा हूं।

साहिल:" मम्मी बुरा मत मानना लेकिन सच में आपकी फिटनेस देखकर कोई नहीं कह सकता कि आप एक जवान बेटे की मा हैं।

रूबी:" हान ठीक हैं मेरी फिटनेस हैं अच्छी, लेकिन मैं कहीं से भी क्या तुम्हे एक जवान लड़के की गरलफ्रेंड नजर आती हूं।

साहिल ने कोई जवाब नहीं दिया तो रूबी फिर से बोली:"

" साहिल जवाब दो मैं कुछ पूछ रही हूं तुमसे।

साहिल:" मम्मी आजकल दिल्ली जैसे शहरों में औरतें जवान लडको को दोस्त बनाती हैं और ये आम बात हैं जिस वजह से उसे गलतफहमी हुई हैं।

रूबी का मुंह आश्चर्य से खुला रह गया और बोली:"

" क्या सच में यहां ऐसा होता हैं बेटा ?

साहिल नजरे नीचे किए हुए ही बोला:"

" हान मम्मी यहां तो ये सब आम बात है। इसलिए ही उससे गलती हुई है।

रूबी:' तभी मैं सोच रही थी कि उसने ऐसा क्यों बोला, मैं तो हैरान हो गई थी उसके मुंह से ये सब सुनकर बेटा।

साहिल:" अच्छा तो मुझे भी नहीं लगा था लेकिन मैं वहां हल्ला नहीं करना चाहता था।

रूबी अचानक कुछ सोचते हुए बोली:" अच्छा एक बात बता कहीं तू भी यहां किसी आंटी के साथ अफेयर नहीं चला रहा है?

साहिल;" नहीं मम्मी, मैंने ऐसा कुछ नहीं किया है।

रूबी;" लेकिन मैं कैसे यकीन कर लू कि तुम सच बोल रहे हो?

साहिल अपना हाथ आगे बढ़ा कर उसके सिर पर रख दिया और बोला:"

" आपके सिर की कसम मम्मी मेरा किसी से कोई अफेयर नहीं चल रहा हैं।

रूबी बहुत खुश हुई और साहिल का माथा चूमते हुए बोली:"

" मुझे अपने बेटे पर पूरा यकीन है, अगर किसी ने तेरी तरफ नजर भी डाली तो बता देना कमीनी की टांगे तोड़ दूंगी।

साहिल हंस पड़ा और बोला:"..

" क्या मम्मी आप तो ऐसे बोल रही है जैसे आप मेरी सच की गर्ल फ्रेंड हैं।

रूबी;" बेटा तुझे ना दिल्ली की हवा लग गई है इसलिए मा को गर्ल फ्रेंड बोल रहा है, घर आने पर तुझे अच्छे से ठीक करूंगी।

साहिल ने तुरंत अपने दोनो कान पकड़ लिए और बोला:_

" मम्मी मैं तो मजाक कर रहा था, प्लीज़ माफ कर दो।

रूबी जोर जोर से हंसने लगी और बोली: अरे बेटा मैं भी तो मजाक ही कर रही थी। अच्छा अब मैं चलती हूं तू अपना ध्यान रखना।

साहिल:_ ठीक है मम्मी अगली बार जब आप आओगी तो आपको अच्छे से दिल्ली घुमा दूंगा।

रूबी स्माइल करते हुए बोली'"

" ना बाबा ना मुझे नहीं घुमनी दिल्ली विल्ली, यहां के लोग तो मुझे तेरी गर्ल फ्रेंड समझते हैं।

साहिल भी मजाक करते हुए बोला:"

" अरे मम्मी क्या आप उनके समझने से आप मेरी गर्ल फ्रेंड बन जाएगी, नहीं ना फिर बोलने दो लोगो को।

रूबी:" तो तो ठीक हैं बेटा लेकिन..

साहिल:' लेकिन वेकिन कुछ नहीं मम्मी, पापा ने प्रोमिस किया हैं कि इस बार वो मुझे नई गाड़ी दिला देंगे। मैं सबसे पहले आपको ही दिल्ली घुमाऊंगा।

अनूप का नाम बीच में आते ही रूबी का मुंह खराब हो गया तो साहिल बोला:" क्या हुआ मम्मी ?

रूबी:" कुछ नहीं बेटा।

साहिल:" मुझे पता हैं मम्मी पापा कुछ अलग टाइप के हैं और आपकी बिल्कुल भी केयर नहीं करते हैं लेकिन सब ठीक हो जाएगा।

रूबी की आंखे नम हो गई और बोली:" अच्छा बेटा मैं चलती हूं, तुझे मेट्रो स्टेशन छोड़ दूंगी उसके बाद घर चली जाऊंगी।
 
साहिल:" ठीक हैं मम्मी, आप भी पापा से बोलकर एक ऐसी ही होंडा सिटी कार ले लीजिए ना, आप पुरानी कार में ऑफिस जाते हुए अच्छी नहीं लगती।

रूबी:" साहिल तुम अपने काम से मतलब रखो, वो गाड़ी जरूर पुरानी हैं लेकिन मेरी अपनी कमाई की हैं। और तुम शायद अपने बाप को अभी अच्छे से नहीं जानते हो जिस दिन तुम्हे अनूप की सच्चाई पता चलेगी तो तुम्हे खुद एहसास हो जाएगा।

साहिल कुछ बोलता उससे पहले ही मेट्रो स्टेशन आ गया और साहिल अपनी मम्मी को बाय बोलकर उतर गया और रूबी उसे बाय बोलकर आगे बढ़ गई।

साहिल आज इतना तो समझ गया कि कोई तो बात हैं जो मम्मी मुझसे छुपा रही हैं। जरूर दाल में कुछ ना कुछ काला हैं, उपर से साला मैं अभी तक चुदाई लोक को लेकर परेशान था ये आज मम्मी मुझे ऐसा कुछ बोल गई हैं मुझे जिसकी तह तक जाना ही होगा।
 
साहिल मेट्रो पकड़ कर अपने रूम पर अा गया और अपनी पढ़ाई में लग गया। थोड़ी देर बाद बाथरूम से आरव निकला और उसने साहिल को स्माइल दी तो साहिल को लगा कि अब इसका मूड उतना खराब नहीं है जितनी रात था।

साहिल:" क्या बात हैं भाई ? बड़े खुश नजर आ रहे हो आज ?

आरव उसके पास बैठ गया और बोला:"

" यार दिल्ली में एक नए " मॉडर्न जिम एंड योगा सेंटर" का उद्घाटन हुआ है जिसके लिए किसी रूबी नाम की औरत को बुलाया गया था। औरत क्या यार माल थी, उसके सामने तो लड़कियां भी फैल थी भाई, सच में मेरा तो लंड खड़ा हो गया देख कर उसे।

साहिल को समझ ही नहीं आया कि वो क्या करे क्या कहे, कमीना मेरी मा के बारे में माल बोल रहा हैं, उसका मन तो किया कि आरव को एक जोरदार थप्पड़ जड़ दे लेकिन साहिल के कुछ बोलने से पहले ही आरव फिर से बोला:"

" भाई तू सच कहता था कि रेखा कुछ नहीं हैं सच में भाई वो तो रूबी के सामने कबाड़ है, कूड़ा हैं फिटनेस और सेक्सी फिगर की देवी हैं यार रूबी, हाय क्या पतली कमर थी और गांड़ तो जैसे हाथ से खींच कर बाहर निकाली गई हो। उफ्फ मैं तो दीवाना हो गया उसका, बिल्कुल वैसी ही जैसी तू कहता था, क्या तू उसे जानता हैं क्या ?

साहिल की तो बोलती ही बंद हो गई और उसका गला सूखने लगा। आरव उसके सामने ही उसकी मा को माल बोल रहा था और हालत ऐसे थे कि वो चाह कर भी कुछ नहीं कर सकता था।

साहिल:" यार हमे किसी औरत के बारे में ऐसा नहीं बोलना चाहिए, मैं नहीं जानता उसे भाई।

आरव:" उसे औरत मत बोल भाई, बॉम्ब थी यार सेक्स बॉम्ब, इसकी तो पीठ पर सवार होकर गांड़ मारू अगर कभी मोका मिल जाए तो, उफ्फ पता नहीं कितने लोगो के लंड खड़े कर गई।

साहिल को अपनी मा के बारे में ऐसी बाते सुनकर बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था इसलिए बोला:

" छोड़ ना यार रेखा भाई भी वैसे कम नहीं हैं, और वो तो लाइन भी से रही है, चोद डाल साली को।

आरव नें बेशर्मी दिखाते हुए साहिल के आगे ही अपने लंड को सहला दिया और बोला:"

" उफ्फ लंड कितना अकड़ रहा हैं रूबी के गांड़ के नाम पर, रेखा भाभी की गांड़ को अब रूबी समझकर ही मारूंगा।

साहिल ने उसे एक फीकी दी स्माइल दी और बाथरूम में चला गया। वो काफी देर तक सोचता रहा कि क्या सच में दिल्ली में लोग उसकी मा के नाम की मुठ मार रहे होंगे। पापा कितने किस्मत वाले हैं जी उन्हें इतनी सेक्सी और हॉट पत्नी मिली है।

दूसरी तरफ रूबी अपने घर करीब रात के 12 बजे अा गई और थके होने के कारण आराम से सो गई। अगले दिन सुबह उसकी आंख खुली तो अनूप ऑफिस जा चुका था और शांता घर की सफाई कर रही थी। आज उसे शांता कुछ उदास लग रही थी। उसकी आंखे नम थी और पैर भी धीरे धीरे उठ रहे थे।

रूबी अपने बेड से उठी और शांता के पैर छुए तो शांता जैसे बेहोश होते होते बची कि आज रूबी उसके पैर क्यों छू रही हैं।

रूबी:" मा मैं कल दिल्ली गई थी उद्घाटन करने के लिए, आपकी दुआ और आशीर्वाद से उहोंने मुझे नौकरी के लिए बोल दिया हैं, घर में कोई बड़ा नहीं हैं ना मेरी तो जो भी हैं आप हैं इसलिए मुझे आशीर्वाद दीजिए।

शांता की आंखो से आंसू टपक पड़े और उसने बोली:"

" ना बेटी ना, एक नौकरानी को इतनी इज्जत मत दे में यकीन ही ना कर पाऊं।

रूबी ने शांता के हाथ पकड़ लिए और बोली:"

" बस करो मा, आज के बाद अगर खुद को नौकरानी कहा तो मैं कभी आपसे बात नहीं करूंगी।

इतना कहकर रूबी ने शांता को गले लगा लिया और शांता उसे कसकर लिपट गई।

शांता:" लगता हैं जैसे मेरी बेटी सपना वापिस लौट आई हैं। मुझे कभी मत छोड़ना बेटी, आज मेरी बेटी को मरे 22 साल हो गए।

रूबी:" मा आपकी बेटी की मौत कैसे हुई थी ?

शांता:" बेटा वो खेलते खेलते नदी में गिरकर डूब गई थी और आज तक उसका कुछ पता नहीं चला, दूसरे जिले में जाकर उसकी लाश मिली थी। बुरी तरह से खराब हो गई थी।

इतना कहकर शांता फफक फफक कर रो पड़ी तो रूबी उसे दिलासा देने लगी और बोली:"

" बस मा मुझे देखो आपकी बेटी सपना वापिस लौट अाई हैं। अब कभी रोना नहीं, नहीं तो मेरा भी मरा हुआ मुंह देखोगी।
 
शांता के आंसू एकदम से सूख गए और उसने रूबी के मुंह पर हाथ रख दिया और बोली:"

" ना बेटी ना, ऐसे अशुभ बाते मत कर, भगवान करे तुझे मेरी उमर भी लग जाए।

रूबी:" अच्छा ठीक हैं नहीं करूंगी कभी नहीं करूंगी। अच्छा मैं बाथरूम होकर आती हूं।

बाथरूम से आने के बाद रूबी जल्दी से तैयार होकर योगा सेंटर ये लिए निकल गई। जैसे ही वो सेंटर पहुंची तो सभी ने ताली बजाकर उसका स्वागत किया तो रूबी को हैरानी हुई तो उसने पूछा :_

" क्या हुआ आप सबको ? आज इतनी इज्जत किसलिए ?

एक औरत:" मैडम आप कल दिल्ली गई थी उद्घाटन के लिए, हमने आपको टीवी पर लाइव देखा, बहुत खुशी हुई कि हम आप योगा सेंटर से जुड़े हुए हैं।

रूबी:" ओह मुझे नहीं पता था कि वो लाइव टीवी पर दिखाया जाएगा। खैर रमन जी ने इन्वाइट किया तो मैं अपनी पति की इजाज़त लेकर चली गई थी।

एक आदमी:" बहुत अच्छा किया मैडम आपने, लेकिन एक मेहरबानी और कर दीजिए कि हमें किसी दिन अपने पति से मिलवा दीजिए।

रूबी ने एक पल के लिए सोचा और अगले पल मुस्कुराते हुए बोली:_

" शनिवार या रविवार को मैं जरूर आपको अपनी पति से मिलवा दूंगी।

आदमी के चेहरे पर रौनक अा गई और दुआ देने लगा। उसके बाद रूबी ने सबको योगा के कुछ नए टिप्स दिए और करीब दो बजे अपने घर की तरफ लौट पड़ी। घर आकर उसने शांता के साथ खाना खाया और घर के काम में लग गई।

उधर अनूप ने साहिल को कार दिलाने का वादा तो कर दिया था ताकि वो उसकी तरफ झुक जाए लेकिन उसके पास इतने पैसे नहीं थे कि नई कार खरीद सके। लीमा आज ऑफिस नहीं अाई थी क्योंकि उसे कुछ जरूरी काम था।

दोपहर को ऑफिस में नीरज दाखिल हुआ और सीधे अनूप के ऑफिस में अा गया। अनूप उसे देखते ही हमेशा की तरह कुर्सी से खड़ा हो गया तो नीरज स्माइल करते हुए बोला:"

" कैसे हो अनूप जी आप ?

इतना कहकर नीरज अनूप की कुर्सी पर बैठ गया और एक टांग के उपर उठाकर अपनी दूसरी टांग रख ली। देखने से लग रहा था मानो ये कोई बहुत बड़े महाराज हैं।

अनूप किसी गुलाम की तरह अपने ही ऑफिस में सिर झुकाए हुए खड़ा था और बोला:"

" जी ठीक हूं मैं सर, आपने क्यों तकलीफ करी मुझे ही बुला लिया होता आपने।

नीरज के होंठो पर स्माइल अा गई और अपने आधे गंजे सिर पर हाथ फेरते हुए कहा:"

" तीन चार दिन से तेरी सूरत नहीं देखी थी इसलिए चला अाया कि मेरा दोस्त कैसा हैं ?

अनूप:" बस आपकी दया दे सब ठीक चल रहा हैं, वो आजकल नया बिजनेस शुरू करने जा रहा हूं तो थोड़ा व्यस्त था।

नीरज:" अरे छोड़ो बिजनेस को जब मैं जिंदा हूं तुम टेंशन मत लो, अच्छा ये बताओ रूबी कैसी हैं ?

अनूप के चेहरे पर एक पल के लिए शर्म उभरी लेकिन अगले ही पल गायब हो गई और बोला:"

" ठीक हैं लेकिन अभी उसी अकड़ और घमंड में रहती हैं। कोई समझौता नहीं।

नीरज:" अच्छा जो गोली मैने तुम्हे दी थी उसका क्या हुआ ?

इतना कहकर नीरज ने अपनी नजरे उसके चेहरे पर जमा दी तो अनूप की नजरे अपने आप शर्म से झुक गई और बोला:"

" मैंने उसकी सिरप में मिला दी थी और वो रोज पी रही हैं।

नीरज खुश होते हुए:_

" क्या करती हैं पीने के बाद ? क्या गर्म हो जाती हैं ?

अनूप:" पागलों जैसी हरकतें करती हैं, कल तो अपने आप ही मेरा लन्ड अकड़ लिया था, कभी चूत रगड़ती हैं तो कभी चूचियां। ।

अनूप इतना कहकर पूरी तरह से उदास हो गया क्योंकि कहीं का कहीं उसके मन में रूबी के लिए अभी भी एक लगाव बाकी था। नीरज उसकी हालत अच्छे से समझ रहा था इसलिए बोला:"

" बहुत सही जा रहे हो तुम अनूप, जल्दी ही देखन वो अपने जिस्म की आग के हाथो मजबुर हो जाएगी और फिर तुम आजादी से जी सकोगे। एक बार उसकी अकड़ खत्म हुई तो वो ज़िन्दगी भर तुम्हारे सामने सिर झुका कर रहेगी।

अनूप:" ये ही तो मैं भी चाहता हूं, अच्छा मुझे एक मदद चाहिए थी,

नीरज:" हान बोल ना अनूप क्या चाहिए ?

अनूप:" जब तक मेरा बेटा रूबी के साथ हैं तब तक वो आसानी से नहीं झुकेगी इसलिए उसे मैंने अपनी तरफ झुकाने के लिए एक कार देने का वादा किया हैं क्योंकि उसके रूबी के खिलाफ जाते ही रूबी की आधी हिम्मत टूट जाएगी।
 
नीरज बहुत ज्यादा शातिर खिलाड़ी था इसलिए सब कुछ समझ गया और बोला:"

" ठीक हैं मैं उसे एक नई कार लेकर दे दूंगा। लेकिन ये कार उसे तुम खुद देना ताकि वो तुम्हे ज्यादा सम्मान और इज्जत दे। तुम तो प्लानिंग करने में बहुत तेज निकले अनूप।

अनूप ने पहली बार अपनी गर्दन उठाई और नीरज की तरह देखा और बोला:"

" वो मेरा बेटा कल शाम को अा जाएगा दिल्ली से, परसो उसे मैं कर दिला दूंगा।

नीरज:" मैं कल ही गाड़ी के सब कागज तैयार करके गाड़ी भेज दूंगा अनूप लेकिन ध्यान रखना मुझे हर हाल में रूबी चाहिए। अगर मेरे साथ धोखा हुआ तो याद रखना मै जितना अच्छा हूं उससे कहीं ज्यादा बुरा हूं।

अनूप:" आप फिक्र ना करे, मैं आपको वचन देता हूं कि अब रूबी जरूर कमजोर पड़ जाएगी।

नीरज:" ठीक हैं मैं चलता हूं, आज लीमा नहीं दिखाई दे रही है क्या हुआ छुट्टी पर हैं क्या ?

अनूप:" हान उसे कुछ जरूरी काम था, इसलिए आज नहीं अाई, कल से अा जाएगी। कोई काम था क्या तुम्हे ?

नीरज: नहीं बस ऐसे ही पूछ रहा था क्योंकि आज दिखी नहीं।

इतना कहकर नीरज ने अनूप को जेब से कुछ किताबे निकाल कर दी और बोला:"

"एक काम करना, आज से रूबी से अलग सोना और ये किताबे उसके कमरे में रख देना ताकि उसकी नजर पड़े और वो पढ़े।फिर खेल का असली मजा आएगा।

अनूप ने हाथ आगे बढ़ा कर वो किताबे ले ली और बोला:"

" ठीक हैं मैं रख दूंगा।

नीरज:"चल ठीक हैं अनूप, मैं चलता हूं । कल तक। गाड़ी अा जाएगी।

इतना कहकर नीरज ऑफिस से चला गया तो अनूप ने किताबे खोली तो उसने काफी सारी चुदाई की कहानियां थी। अनूप ने जैसे ही एक कहानी को पढ़ना शुरू किया तो पता चला कि लड़की का नाम रूबी और उसने हीरो का नाम नीरज था जो रूबी की दमदार चुदाई करता हैं।

अनूप समझ गया कि नीरज ये सब रूबी को अपनी आई झुकाने के लिए कर रहा हैं इसलिए उसने चुपचाप किताबे अपने बैग में रख ली और दारू का पैग बनाने लगा। दारू पीने के बाद वो आराम से कुर्सी पर ही सो गया और करीब शाम को सात बजे उसकी आंख खुली तो वो अपना बैग उठाकर घर की तरफ चल पड़ा।

रूबी खाना बना चुकी थी और शांता बेचारी खाना खाकर नीचे अपने कमरे में चली गई थी। करीब आठ बजे के आस पास अनूप घर के अंदर दाखिल हुआ और उसने रूबी को स्माइल दी और बोला:'

" हो गया तुम्हारे जिम का उदघाटन? कैसा रहा सब कुछ ?

रूबी:" बस ठीक ही रहा सब, रात अाई तो आप सोए हुए थे इसलिए नहीं उठाया मैंने।

अनूप:" मैं 11बजे तक तुम्हारा इंतजार करता रहा लेकिन तुम नहीं अाई। आगे से ध्यान रखना कि शरीफ घर की औरतें रात में घर देर से नहीं आती।

रूबी ने बिना कुछ बोले अपनी गर्दन स्वीकृति में झुका दी क्योंकि उससे बेहतर अनूप की शराफत को कौन जानता था लेकिन वो उससे बहस नहीं करना चाहती थी।

अनूप ने अपना बैग टेबल पर रखा और नहाने के लिए बाथरूम में घुस गया। थोड़ी देर बाद वो फ्रेश होकर अा गया और बोला:"

" अरे जल्दी से खाना लगाओ, बहुत तेज भूख लगी हैं मुझे।

रूबी किचेन में चली गई और जल्दी से खाना लगा दिया। उसके बाद दोनो के एक साथ खाना खाया और रूबी हैरान थी कि आजकल अनूप में कुछ बदलाव अा रहा है। उस बेचारी को क्या पता कि अनूप उसके साथ जो खेल खेल रहा हैं उसने वो बुरी तरह से फस जायेगी।

खाना खाने के बाद अनूप सोने के लिए चल गया। उसने अपने बैग से किताबे निकाली और आराम से साहिल के कमरे में तकिए के नीचे छुपा दिया। अनूप अच्छी तरह जानता था कि उसे रूबी को अपने पास नहीं सोने देने के लिए क्या करना हैं इसलिए उसने बहाना करते हुए अपने बेड पर लेटकर अपनी आंखे बंद कर ली। दूसरी तरफ रूबी बेचारी इन सब बातों से अनजान बरतन धो रही थी। अपना काम निपटा कर रूबी सोने के लिए अाई टी देखा कि अनूप जोर जोर से खर्राटे मार रहा है। अनूप को पहले ये बीमारी थी और रूबी को रात भर नींद नहीं आती थी इसलिए रूबी अलग सोती थी और अनूप का इलाज हुआ तब कहीं जाकर रूबी ने चैन की सांस ली।

लेकिन आज फिर से अनूप को तेज तेज खर्राटे मारते देखकर रूबी समझ गई कि फिर से इसे प्रोबलम हो रही है। उसने चुपचाप अपनी चादर उठाई और बाहर की तरफ चल दी ताकि वो आराम से साहिल के कमरे में सो सके।

जैसे ही वो गेट पर पहुंची तो उसने गुस्से से पलटकर अनूप को देखा जो आंखे बंद किए उसे रूबी को देख रहा था। रूबी ने मन ही मन उसे काफी सारी गालियां दी और जैसे ही वापिस पलटी ती उसकी नजर विटामिन सिरप पर पड़ी और उसने जल्दी से एक चम्मच सिरप पिया और सोने के लिए साहिल के कमरे में अा गई।

रूबी आराम से लेट गई लेकिन उसे नींद नहीं आ रही थी। सामने कमरे में साहिल की फ्रेम में एक बड़ी सी फोटो लगी हुई थी जिसे देखकर उसे अपने बेटे की याद आने लगी। रात के करीब 10 बज चुके थे और वो आमतौर को 9 बजे के बाद साहिल को कॉल नहीं करती थी।
 
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