desiaks
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रात को.... मानस & मनु....
मानस.... मनु बिल्कुल पास था वो, सब बताने ही वाला था, आन्ह्ह्ह .... मेरी तलाश को उन सब ने ऐसे ख़तम कर दिया...
मनु.... भाई हो गया ना. अब जाने भी दो. हम बाहर से क्या लड़ेंगे, जब घर ही अपना दुश्मन बना है....
मानस.... हां ठीक कहता है भाई. अब कोई तलाश नही, कोई पता नही लगाना. अब तो आक्षन टाइम है मनु. इन सब को ऐसे-ऐसे जगह मारो
की खून के घूँट पिए... ऐसा महॉल बनाओ कि खुद आत्महत्या कर ले. दिन रात बस अपने किए पर पछताते रहे.
मनु..... हां मैं वही करने वाला हूँ. अब तो तुम भी आ गये हो भाई, मेरा हौसला दुगना हो गया है. बस देखते जाओ इनके साथ क्या-क्या होता है.....
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मनु इन ऑफीस.....
मनु ऑफीस निकलने से पहले श्रेया को कॉल कर के अपने पास बुला लिया. श्रेया भी मनु से मिलने के लिए ऑफीस निकल चुकी थी.
श्रेया, कॅबिन मे दाखिल होते ही..... "ओह्ह्ह ! मनु जब से मैने तुम्हारे बारे मे सुना, तब से मैं कितनी परेशान थी जानते हो. ओह्ह्ह ! बेबी, जाने दो क्या हुआ जो एक रिश्ता टूट गया. वैसे भी वो तुम्हारे लायक नही थी."
मनु.... ह्म ! श्रेया, मैं खुद को तन्हा और अकेला महसूस कर रहा हूँ. मुझे समझ मे कुछ नही आ रहा था. सॉरी तुम्हे डिस्ट्रब तो नही किया ना.
श्रेया, मनु के सिर को अपने सीने से लगती, उसके बालों पर हाथ फेरने लगी...... "डिस्ट्रब क्यों होंगी बेबी. वैसे भी मैं हूँ ना डॉन'ट वरी. तुम्हे
किसी बात की पेन लेने की ज़रूरत नही है".
मनु.... थॅंक्स श्रेया. लेकिन मैं खुद को काफ़ी तन्हा महसूस करने लगा हूँ. इट'स कॉंप्लिकेटेड तो एक्सप्लेन, मैं तुम्हे कैसे समझाऊ.
श्रेया..... क्या बात है मनु, बताओ तो बेबी, जब तक कहोगे नही, तब तक मुझे समझ मे कैसे आएगा....
मनु..... श्रेया एक तो तुम मेरे पापा को तो जानती ही हो, सब के सब केवल दिखावा बाकी अंदर से मुझे बर्बाद करना चाहते हैं, उपर से मानस भाई... जब से आए हैं कह रहे हैं अलग बिज़्नेस करेंगे.... सब मुझे फसा दिया है.... मुझे ऐसा लगता है मैं चारो ओर से घिर गया हूँ...
श्रेया.... बेबी टेन्षन क्यों लेते हो, मानस भाई अलग होना चाहते हैं तो ये अच्छी ही बात है ना. उन्हे कुछ पैसे दे दो वो अलग बिज़्नेस करेंगे. बाकी उनके सारे शेर्स तुम रख लो...
मनु.... मैं अपनी कंपनी का एक पैसा उन्हे नही दूँगा. मैं क्यों देने लगा उन्हे एक भी पैसा. सारा मेहनत मेरा, सब कुछ मेरा, मैं भला क्यों दूं. मैं अपनी मेहनत का उन्हे कुछ भी नही देने वाला.
श्रेया.... तो मत दो उन्हे. उन्हे जो करना है करे. लीगली तो वैसे भी कोई पार्ट्नर्स अलग नही हो सकते और ना अपनी कंपनी अलग कर सकता है....
मनु.... ह्म ! सो तो है पर मानस तो मेरी मेहनत से बढ़ता ही रहेगा ना. यहाँ मैं मेहनत करूँगा और घर बैठे उसका प्रॉफिट बढ़ता जाएगा .....
श्रेया.... बेबी, अब इतना भी मत सोचो. मैं हूँ ना. मैं और मम्मा तुम्हारी हेल्प करेंगी इसमे, तुम टेन्षन ना लो.....
मनु..... एक तुम ही तो हो श्रेया और मुझे तो कोई सहारा नज़र नही आ रहा......
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