hotaks444
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अजय : अबे साले क्या कह रहा है तू???
राहुल : हाँ यार! बहुत शर्मिंदा हो रहा था उस दिन! क्या बताऊं तुझे!
अजय : वैसे फिगर अच्छी है उनकी!
राहुल हक्काबक्का रह गया अपने दोस्त के शब्दों से l
राहुल : क्या कह रहा है तू?
राहुल (वेटर को और एक बोतल लाने का इशारा करता हुआ) : अबे घोंचू! रेखा आंटी की बात कर रहा हूँ!
राहुल (गुस्से में अजय का कॉलर पकड़ा हुआ) साले हाईमज़ादे! क्या अनब्ब शनाब बाके जा रहा है तू????! साले कुत्ते!
सब के सब बार में बस उन दोस्तों को देखते रहते है l अजय थोड़ा भावुक होने की अभिनय करता हुआ अपने दोस्त को संभाल लेता हैं l
अजय : रिलैक्स यार! (नयी बोतल खोलते हुए) ले! But पी अब! उफ्फ्फ बातों बातों पे भावुक होना कोई तुझसे सीखे!
राहुल : देख ऐसी बातें मत किया कर! कक....कुछ होता हैं यार मुझे!
अजय गौर से उसके चेहरे के और देखते हैं फिर निचे उसके ट्रॉउज़र के तरफ l राहुल के ट्रॉउज़र में बराबर हलचल हो रहा था और उभार ऊपर आता ही गया l अजय झट से अपने दोस्त के लुंड के उभार को दबोच लेते हैं " कहाँ! यहाँ कुछ होता है क्या????" (आँख मारके)
दोस्त के हरकत से राहुल सिसक उठा, अजय हास्के चोर देता हैं l
अजय : अबे पागल आदमी! यह नार्मल है!
राहुल : (ठीक से बैठे हुए) कक क्या नार्मल है??
अजय : मैं तुझे बताता हूँ असली बात क्या है! (अपने कुर्सी को थोड़ी और नदीक लाता हुआ) देख! बात सीधी सी हैं! तुझे अपने माँ की बदन पसंद आयी हैं! उस दिन की घटना से तू शर्मिंदा नहीं, बल्कि कामुक हो उठे हैं!!
राहुल का चेहरा पीला पड़ जाता हैं, शायद चोरी पकड़ी ही गयी आखिर, और तो और बचपन के दोस्त से क्या छुपाना भला, फिर भी यह अनुचित आकर्षण उसे ठीक नहीं लगा l
राहुल : देख साले! तू ऐसी बात करेगा तो मैं क्या ....... खैर! मैं चला! घर पे माँ अकेली हैं और रेनू को तू जानती हैं! कुछ काम की नहीं!
अजय : ह्म्म्मम्म! चल ठीक हैं यार! मैं भी निकल पड़ता हूँ! बाई!
दोनों यार बार में से निकल जाते हैं अपने अपने घर के तरफ l
.........
वह कविता के घर पे मनिषा मैं ही मैं जैसे प्लान बना रही थी अजय को अपने माँ के करीब लाने की वो आँखें मूँद के अपनी सास को अभिनेत्री शकीला सामान पोज़ देती हुई कल्पना करती हैं l
उफ्फ्फफ्फ्फ़! उसकी सांसें ही गहरी हो गयी! सामने टीवी पे जीतेन्द्र, श्रीदेवी की "तथया तथया" लगा था l मनीषा को कुछ शरण तक ऐसा लगा जैसे वह अजय अपने माँ के साथ यह गाने .......उफ़! न जान ऐसे पोशाक में उसकी सास कैसे लाएगी l
शाम से रात हो गयी और अजय लौट आता हैं l राहुल के किस्से के बाद जो उभार फूल रही थी अंदर उसका बंदोबस्त तो उसे रात को अपने बीवी के साथ तो करना ही हैं आखिर l
राहुल : हाँ यार! बहुत शर्मिंदा हो रहा था उस दिन! क्या बताऊं तुझे!
अजय : वैसे फिगर अच्छी है उनकी!
राहुल हक्काबक्का रह गया अपने दोस्त के शब्दों से l
राहुल : क्या कह रहा है तू?
राहुल (वेटर को और एक बोतल लाने का इशारा करता हुआ) : अबे घोंचू! रेखा आंटी की बात कर रहा हूँ!
राहुल (गुस्से में अजय का कॉलर पकड़ा हुआ) साले हाईमज़ादे! क्या अनब्ब शनाब बाके जा रहा है तू????! साले कुत्ते!
सब के सब बार में बस उन दोस्तों को देखते रहते है l अजय थोड़ा भावुक होने की अभिनय करता हुआ अपने दोस्त को संभाल लेता हैं l
अजय : रिलैक्स यार! (नयी बोतल खोलते हुए) ले! But पी अब! उफ्फ्फ बातों बातों पे भावुक होना कोई तुझसे सीखे!
राहुल : देख ऐसी बातें मत किया कर! कक....कुछ होता हैं यार मुझे!
अजय गौर से उसके चेहरे के और देखते हैं फिर निचे उसके ट्रॉउज़र के तरफ l राहुल के ट्रॉउज़र में बराबर हलचल हो रहा था और उभार ऊपर आता ही गया l अजय झट से अपने दोस्त के लुंड के उभार को दबोच लेते हैं " कहाँ! यहाँ कुछ होता है क्या????" (आँख मारके)
दोस्त के हरकत से राहुल सिसक उठा, अजय हास्के चोर देता हैं l
अजय : अबे पागल आदमी! यह नार्मल है!
राहुल : (ठीक से बैठे हुए) कक क्या नार्मल है??
अजय : मैं तुझे बताता हूँ असली बात क्या है! (अपने कुर्सी को थोड़ी और नदीक लाता हुआ) देख! बात सीधी सी हैं! तुझे अपने माँ की बदन पसंद आयी हैं! उस दिन की घटना से तू शर्मिंदा नहीं, बल्कि कामुक हो उठे हैं!!
राहुल का चेहरा पीला पड़ जाता हैं, शायद चोरी पकड़ी ही गयी आखिर, और तो और बचपन के दोस्त से क्या छुपाना भला, फिर भी यह अनुचित आकर्षण उसे ठीक नहीं लगा l
राहुल : देख साले! तू ऐसी बात करेगा तो मैं क्या ....... खैर! मैं चला! घर पे माँ अकेली हैं और रेनू को तू जानती हैं! कुछ काम की नहीं!
अजय : ह्म्म्मम्म! चल ठीक हैं यार! मैं भी निकल पड़ता हूँ! बाई!
दोनों यार बार में से निकल जाते हैं अपने अपने घर के तरफ l
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वह कविता के घर पे मनिषा मैं ही मैं जैसे प्लान बना रही थी अजय को अपने माँ के करीब लाने की वो आँखें मूँद के अपनी सास को अभिनेत्री शकीला सामान पोज़ देती हुई कल्पना करती हैं l
उफ्फ्फफ्फ्फ़! उसकी सांसें ही गहरी हो गयी! सामने टीवी पे जीतेन्द्र, श्रीदेवी की "तथया तथया" लगा था l मनीषा को कुछ शरण तक ऐसा लगा जैसे वह अजय अपने माँ के साथ यह गाने .......उफ़! न जान ऐसे पोशाक में उसकी सास कैसे लाएगी l
शाम से रात हो गयी और अजय लौट आता हैं l राहुल के किस्से के बाद जो उभार फूल रही थी अंदर उसका बंदोबस्त तो उसे रात को अपने बीवी के साथ तो करना ही हैं आखिर l