hotaks444
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सोनिया- वो सब तो ठीक है लेकिन इन सब बातों का इस लंड की अंगूठी से क्या वास्ता?
राजन- ये वास्ता है कि ये रबर की बनी है और लंड को हल्का सा दबा के रखती है। धमनियां शरीर में अन्दर गहराई में होती हैं लेकिन शिराएं काफी ऊपर होती हैं तो ये हल्का दबाव शिराओं को सिकोड़ कर रखता है और लंड खड़ा ही रहता है। इस तरह से ये अंगूठी लंड को ज्यादा देर तक खड़ा रखने में मदद करती है। जब नेहा ने पहली बार बताया था कि वो राखी कुछ अलग ढंग से मनाने वाली है तभी मैं समझ गया था, और मैंने ये आर्डर कर दी थी।
समीर- बात तो जीजाजी बिलकुल सही कह रहे हैं। इन्होने इतना ज्ञान पिला दिया लेकिन लंड अभी भी खड़ा हुआ है बैठा नहीं। मतलब काम तो करती है ये चीज़।
इस बात पर सब हंस पड़े।
लेकिन अभी तो बहुत कुछ बाकी था। नेहा ने सोनिया को कहा कि वो अपने भाई को मिठाई खिलाए। सोनिया थाली से उठा कर एक छोटा रसगुल्ला, समीर को खिलाने लगी लेकिन नेहा का कुछ और ही प्लान था।
नेहा- अरे नहीं भाभी ऐसे नहीं… रसगुल्ला अपनी चूत में डाल लो फिर समीर अपने मुंह से चूस कर निकालेगा और खाएगा। अब समझ आया आपको कि तिलक के लिए चूत पर खाने वाला रंग क्यों लगवाया था?
सोनिया ने वैसा ही किया, और अब उसे ये भी समझ आ गया कि ये रसगुल्ले रस में डूबे हुए क्यों नहीं मंगवाए थे, क्योंकि उनको चूत के रस में जो डूबना था।
सोनिया ने रसगुल्ला अपनी रसीली चूत में डाला और नीचे लेट कर दोनों टाँगें ऊपर कर दीं। समीर ने आ कर सोनिया की चूत को बहुत चूसने के बाद रसगुल्ला आखिर निकाल ही लिया और खा लिया।
नेहा- मिठाई खा ली! अब गिफ्ट में अपना लंड दे दो अपनी बहन की चूत में और चोद दो। हो गया चुदाई बंधन!
समीर ने वैसा ही किया। कॉक-रिंग की वजह से उसका लंड पहले से ही पत्थर के जैसे कड़क था, वो अपनी बहन को वहीं योगा-मेट पर चोदता रहा और नेहा-राजन उन दोनों का हौसला बढ़ाते रहे। आखिर समीर अपनी बहन की चूत में ही झड़ गया लेकिन तब भी उसका लंड ढीला नहीं पड़ा और वो उसके बाद भी कुछ देर तक चुदाई करता रहा और तब तक सोनिया दोबारा झड़ चुकी थी।
उसके बाद राजन और नेहा ने भी ऐसे ही अपना चुदाईबंधन मनाया।
तो इस तरह भाई-बहनों की इस चौकड़ी ने एक नए त्यौहार की शुरुआत की।
दोस्तो, मैंने रिश्तों में चुदाई को लेकर कई कहानियां पढ़ी हैं जिसमें होली के माहौल में भाई बहन चुदाई करते हैं। यहाँ तक कि दीवाली और अन्य त्यौहार भी कई बार इन कहानियों में देखे हैं मगर कभी रक्षाबंधन से सम्बंधित कोई खास कहानी पढ़ने को नहीं मिली थी, इसलिए मेरा मन था कि मैं एक ऐसी कहानी लिखूं।
अब मेरी वो तमन्ना तो पूरी हो गई है। अगले भाग में इस कहानी का समापन हो जाएगा। अगर आपको यह विषय पसंद न आया हो तो क्षमा चाहता हूँ लेकिन भाई-बहन में चुदाई के उदाहरण मैंने अपने असली जीवन में भी देखे हैं इसलिए यह कहानी लिखने का विचार स्वाभाविक था।
आपको मेरी कहानी कैसी लगी, मुझे ज़रूर बताएं। ...
राजन- ये वास्ता है कि ये रबर की बनी है और लंड को हल्का सा दबा के रखती है। धमनियां शरीर में अन्दर गहराई में होती हैं लेकिन शिराएं काफी ऊपर होती हैं तो ये हल्का दबाव शिराओं को सिकोड़ कर रखता है और लंड खड़ा ही रहता है। इस तरह से ये अंगूठी लंड को ज्यादा देर तक खड़ा रखने में मदद करती है। जब नेहा ने पहली बार बताया था कि वो राखी कुछ अलग ढंग से मनाने वाली है तभी मैं समझ गया था, और मैंने ये आर्डर कर दी थी।
समीर- बात तो जीजाजी बिलकुल सही कह रहे हैं। इन्होने इतना ज्ञान पिला दिया लेकिन लंड अभी भी खड़ा हुआ है बैठा नहीं। मतलब काम तो करती है ये चीज़।
इस बात पर सब हंस पड़े।
लेकिन अभी तो बहुत कुछ बाकी था। नेहा ने सोनिया को कहा कि वो अपने भाई को मिठाई खिलाए। सोनिया थाली से उठा कर एक छोटा रसगुल्ला, समीर को खिलाने लगी लेकिन नेहा का कुछ और ही प्लान था।
नेहा- अरे नहीं भाभी ऐसे नहीं… रसगुल्ला अपनी चूत में डाल लो फिर समीर अपने मुंह से चूस कर निकालेगा और खाएगा। अब समझ आया आपको कि तिलक के लिए चूत पर खाने वाला रंग क्यों लगवाया था?
सोनिया ने वैसा ही किया, और अब उसे ये भी समझ आ गया कि ये रसगुल्ले रस में डूबे हुए क्यों नहीं मंगवाए थे, क्योंकि उनको चूत के रस में जो डूबना था।
सोनिया ने रसगुल्ला अपनी रसीली चूत में डाला और नीचे लेट कर दोनों टाँगें ऊपर कर दीं। समीर ने आ कर सोनिया की चूत को बहुत चूसने के बाद रसगुल्ला आखिर निकाल ही लिया और खा लिया।
नेहा- मिठाई खा ली! अब गिफ्ट में अपना लंड दे दो अपनी बहन की चूत में और चोद दो। हो गया चुदाई बंधन!
समीर ने वैसा ही किया। कॉक-रिंग की वजह से उसका लंड पहले से ही पत्थर के जैसे कड़क था, वो अपनी बहन को वहीं योगा-मेट पर चोदता रहा और नेहा-राजन उन दोनों का हौसला बढ़ाते रहे। आखिर समीर अपनी बहन की चूत में ही झड़ गया लेकिन तब भी उसका लंड ढीला नहीं पड़ा और वो उसके बाद भी कुछ देर तक चुदाई करता रहा और तब तक सोनिया दोबारा झड़ चुकी थी।
उसके बाद राजन और नेहा ने भी ऐसे ही अपना चुदाईबंधन मनाया।
तो इस तरह भाई-बहनों की इस चौकड़ी ने एक नए त्यौहार की शुरुआत की।
दोस्तो, मैंने रिश्तों में चुदाई को लेकर कई कहानियां पढ़ी हैं जिसमें होली के माहौल में भाई बहन चुदाई करते हैं। यहाँ तक कि दीवाली और अन्य त्यौहार भी कई बार इन कहानियों में देखे हैं मगर कभी रक्षाबंधन से सम्बंधित कोई खास कहानी पढ़ने को नहीं मिली थी, इसलिए मेरा मन था कि मैं एक ऐसी कहानी लिखूं।
अब मेरी वो तमन्ना तो पूरी हो गई है। अगले भाग में इस कहानी का समापन हो जाएगा। अगर आपको यह विषय पसंद न आया हो तो क्षमा चाहता हूँ लेकिन भाई-बहन में चुदाई के उदाहरण मैंने अपने असली जीवन में भी देखे हैं इसलिए यह कहानी लिखने का विचार स्वाभाविक था।
आपको मेरी कहानी कैसी लगी, मुझे ज़रूर बताएं। ...