desiaks
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झोपड़ी के अंदर एक बाल्टी में पानी भरा हुआ था... मेरी रूपाली दीदी अपने नंगे बदन को उस पानी से साफ करने लगी... मेरी दीदी ने अपनी योनि को भी साफ किया... जुनैद की मलाई से मेरी दीदी की बच्चेदानी भरी हुई थी... जैसे तैसे करके दीदी ने अपनी योनि की अंदर से जुनैद की मलाई को साफ किया..... दूसरी तरफ असलम अपने लोड़े पर जापानी तेल लगा रहा था.... और वह भूखे शेर की तरह लग रहा था... मुझे समझ आ रहा था कि अब मेरी संस्कारी रूपाली दीदी की अच्छे से ठुकाई करेगा असलम का भूखा लोड़ा... उसका लौड़ा भी कम से कम 10 इंच बढ़ा और काफी मोटा था..... अपने लोड़े को हाथ में थामे वह मेरी दीदी के पीछे आकर खड़ा हो गया... मेरी रूपाली दीदी झुकी हुई थी.... उसका तना हुआ लोड़ा मेरी दीदी की गांड पर आकर चिपक गया... बहुत सफाई कर ली तूने मेरी रानी... चल अब अपनी बच्ची को दूध पिला... बहुत भूखी है तेरी बच्ची... मेरा लौड़ा भी भूखा है तेरी गांड के छेद में घुसने के लिए.... मादरजात.... क्या मस्त रंडी है तू... रूपाली मेरी जान.. तुझे तो अपने लोड़े पर बिठा के जन्नत दिखाऊंगा... साली छिनाल.... देख तेरा भाई कैसे देख रहा है...... चल अब जल्दी कर रंडी... वरना अभी तेरी गांड मारूंगा साली..... असलम बोल रहा था.. वह कभी मेरी तरफ देख रहा था...कभी मेरी रूपाली दीदी की गांड की तरफ......
मेरी रूपाली दीदी ने चुपचाप मुन्नी को अपनी गोद में लिया और अपनी एक चूची मेरी भांजी के मुंह में दे दिया.... मेरी संस्कारी रूपाली दीदी बिल्कुल नग्न अवस्था में झोपड़ी के अंदर सूखी घास पे बैठ के अपनी चूची से मुन्नी को दूध पिला रही थी और जालिम असलम उनके सामने बैठा अपने घोड़े जैसे लोड़े को हाथ से हिला रहा था... वह मेरी प्यारी दीदी को प्यासी निगाहों से देख रहा था... उसकी आंखों में हवस थी.... साला मेरी दीदी को ऐसे देख रहा था जैसे उसने कभी किसी औरत को अपने बच्चे को दूध पिलाते नहीं देखा हो... मेरी दीदी की निगाहें शर्म के मारे झुकी हुई थी.... पर उनकी चूचियां तनी हुई थी.... गुलाबी निपल्स अकड़ के खड़े थे... मुन्नी तो मेरी दीदी की बाई चूची को पी रही थी.... और उनकी दाई चूची हिल रही थी... दीदी के कड़क गुलाबी निप्पल्स पर दूध की बूंदे उभर आई थी.... असलम से अब बर्दाश्त नहीं हुआ.... वह मेरी दीदी की जांघों पर लेट गया और उनकी चूची को मुंह में लेकर चूसने लगा.... असलम मेरी दीदी के निपल्स को चबाने लगा था... वह मेरी दीदी का दूध पी रहा था चबा चबा के काट काट के.... दीदी के चेहरा देखने लायक था.... उनके होश उड़े हुए थे.... उनके नरम मुलायम होठ सूखे जा रहे थे....
मेरी रूपाली दीदी ने चुपचाप मुन्नी को अपनी गोद में लिया और अपनी एक चूची मेरी भांजी के मुंह में दे दिया.... मेरी संस्कारी रूपाली दीदी बिल्कुल नग्न अवस्था में झोपड़ी के अंदर सूखी घास पे बैठ के अपनी चूची से मुन्नी को दूध पिला रही थी और जालिम असलम उनके सामने बैठा अपने घोड़े जैसे लोड़े को हाथ से हिला रहा था... वह मेरी प्यारी दीदी को प्यासी निगाहों से देख रहा था... उसकी आंखों में हवस थी.... साला मेरी दीदी को ऐसे देख रहा था जैसे उसने कभी किसी औरत को अपने बच्चे को दूध पिलाते नहीं देखा हो... मेरी दीदी की निगाहें शर्म के मारे झुकी हुई थी.... पर उनकी चूचियां तनी हुई थी.... गुलाबी निपल्स अकड़ के खड़े थे... मुन्नी तो मेरी दीदी की बाई चूची को पी रही थी.... और उनकी दाई चूची हिल रही थी... दीदी के कड़क गुलाबी निप्पल्स पर दूध की बूंदे उभर आई थी.... असलम से अब बर्दाश्त नहीं हुआ.... वह मेरी दीदी की जांघों पर लेट गया और उनकी चूची को मुंह में लेकर चूसने लगा.... असलम मेरी दीदी के निपल्स को चबाने लगा था... वह मेरी दीदी का दूध पी रहा था चबा चबा के काट काट के.... दीदी के चेहरा देखने लायक था.... उनके होश उड़े हुए थे.... उनके नरम मुलायम होठ सूखे जा रहे थे....