Hindi Antarvasna - एक कायर भाई - Page 8 - SexBaba
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Hindi Antarvasna - एक कायर भाई

मेरी रूपाली दीदी अपने हाथ में रवि के लंड को हिला रही थी....लेकिन हैरान करने वाली तो उनके लंड की मोटाई थी.. देखने से ऐसा लग रहा था कि शायद उसकी गोलाई दीदी के हाथ में नहीं समा पा रही थी, कम से कम मेरी कलाई जितना मोटा लंड था… एक बार तो मेरा गला सुख गया.. मेरी दीदी खूब जोर लगा रही थी... शायद उनका इरादा हिला हिला के रवि का माल निकालने पला हिला के रवि का माल निकालने पर था... पर मेरी दीदी गलत थी...
एक झटके में उसने मेरी रूपाली दीदी को अपनी गोद में उठा लिया... उसकी हरकत देखकर दिनेश भी हतप्रभ हो गया.... दीदी की फुलझड़ी में घुसा हुआ उसका जीभ बाहर निकल गया....
रवि ने मेरे दीदी को छत की रेलिंग के सहारे टिका दिया.... मेरी रूपाली दीदी छत की रेलिंग पर हाथ टीका घोड़ी बन गई थी...
दिनेश नीचे बैठ गया था पूरा नजारा देख रहा था .... बड़ी तेजी से उसने खुद को नंगा कर दिया...
रवि ने मेरी रूपाली दीदी की गांड को दबोच लिया... और उनकी बड़ी गांड रवि के सामने थी.... मेरी दीदी की गांड का छेद काफी बड़ा लग रहा था.... आपको तो पता ही है क्यों...... रवि को भी पता चल चुका था..... उसने बिना देर किए हुए अपना मोटा मुसल मेरी रूपाली दीदी की गांड की छेद पर टीका एक जोरदार धक्का मारा.... उसका आधा लौड़ा मेरी दीदी की गांड के छेद में समा गया... मेरी रूपाली दीदी की गांड का छल्ला पार करके रवि का मोटा मूसल मेरी दीदी की गांड में समाया हुआ था..

उसने फिर दूसरा झटका दिया... फिर तीसरा......उई ई ओह्ह फट गई...क्या करते हो? ऊई माँ ! अह्ह्ह ! आहह… ओइंआ !... मेरी रूपाली दीदी चीख रही थी...
कितना मादक था यह नजारा ! बता नहीं सकता दोस्तो.. शब्द कम पड़ रहे हैं..
और उधर वो दोनों हाथों से दीदी के मोटे चूतड़ों को थाम के उनकी गांड के भीतर झटके मारे जा रहा था....
हे भगवान ! क्या लंड था उस आदमी का.. ! किसी सेक्स मूवी की तरह एक फुट लंबा और इतना मोटा..... हर झटके के साथ मेरी रूपाली दीदी बिलख रही थी....
‘आह.. आहह !’ क्या मस्त चूतड़ थे दीदी के ! दिल तो कर रहा था कि पूरी जिंदगी दीदी की गाण्ड ही चाटता रहूँ.. मेरा छोटा चेतन अपने हाथ में था.....
मेरी रूपाली दीदी के मुँह से एक कामुक आहह निकल गई.. इतनी कामुक कराह थी कि मैं तो झड़ने वाला था…
दोनों के मुँह से कामुक आवाज़ें आ रही थी.. आहह म्‍म… ओह्ह…
रवि ने अपना लंड मेरी रूपाली दीदी की गांड में जितना हो सकता था उतना अंदर ठेल दीया...
दूध सी गोरी चूचियाँ.. मसली जाने की वजह से लाल हो गई थी.. उनकी घुंडियाँ एकदम कड़क हो गई थी.. फिर उसने ज़ोर ज़ोर से चूचियो को मसलना शुरू कर दिया..

अब दीदी के मचलने की बारी थी..
 
वो बस कसमसा रही थी.. बेचैन हो रही थी.. आहह… ओह्ह्ह… आइ… ई… यई…

और कामुक आवाज़ में कुछ कुछ बोल रही थी… अम्म आह.. और.. आउच हह.. आराम से… एम्म्म… हाँ पियो इन्हे.. दूध निकालो इनमें से.. निचोड़ लो सब कुछ आज.. आअहह…
मेरी रूपाली दीदी अब रंडियों की तरह आवाज निकाल रही थी....
मैं भी अनायास ही मुस्कुरा दिया..

अब वो इस तरफ से दीदी पर चढ़ रहा था.. इस वक़्त उसकी पीठ मेरी तरफ थी और वो दीदी की टाँगों के बीच था.. उसने मेरी दीदी के बालों को पकड़ रखा था अपने हाथ से... उसके झटकों ने मेरी रूपाली दीदी की गांड फाड़ के रख दी थी....
सिर्फ़ कुछ इंच की दूरी पर मेरी दीदी की पावरोटी जैसे फूली हुई चूत थी.. दोनों फांकों पर हल्के बाल थे.. चूत बहुत पनियाई हुई थी.. और लबलबा रही थी… मानो चीख चीख कर लंड माँग रही हो।
मेरी रूपाली दीदी की साँस अब बहुत तेज़ चलने लगी थी- ..आहह..एम्म ! चोदो मुझे.. ! प्लीज़ मुझे चोदो…आह ह्ह्ह्ह.. और मत तड़पाओ… मेरी दीदी छत की रेलिंग पकड़कर चीख रही थी और पीछे से झटके पे झटके दिए जा रहा था रवि.....
दीदी की गाण्ड अपने आप ऊपर की तरफ उठ कर लंड को अंदर लेने की कोशिश कर रही थी मगर रवि को उन्हें तड़पाने में मजा आ रहा था... वह मेरी दीदी की गांड में गोल गोल घुमा रहा था अपने मोटे काले लंबे मुसल को...
अब तो मेरी रूपाली दीदी की पनियाई चूत और जोर से बहने लगी और उनका चूतरस उनकी चूत से बहता हुआ उनकी गाण्ड के छेद तक चला गया..
मेरी दीदी के चूतरस ने लुब्रिकेंट का काम किया और मेरी दीदी की गांड में रवि का लोड़ा खूब तेजी से अंदर बाहर होने लगा...
चूत और गाण्ड पर चूतरस लगे होने की वजह से बहुत चमक रही थी ऐसा लग रहा था मानो मेरे आगे जन्नत की सबसे सुंदर चूत और गांड है…
तभी रवि ने अपना मोटा मुसल मेरी दीदी की गांड म से खींच कर बाहर निकाल लिया.... उसने अपना लौड़ा मेरी रूपाली दीदी की चूत के मुहाने पर रख कर चूत और चूत का दाना रगड़ने लगा..

एक ही रगड़ ने दीदी के मुँह से चीख निकलवा दी.. ओइं आह्ह्हह्ह ! आअहह प्लीज़ और मत तड़पाओ मुझे ईईए ! अह.. इस…म्‍मम…

साँसें बहुत ज़ोर से चल रही थी दीदी की !

इधर उनकी गाण्ड और जोर से मचल मचल कर लंड को अंदर लेने की कोशिश कर रही थी… और तभी उसने लंड को चूत पर टिका कर एक ज़ोरदार झटका दिया.. और आधा लंड दीदी की पनियाई चूत के अंदर उतार दिया..

“आह ह्ह्ह्ह…” वो आदमी दीदी की चूत की गर्मी का एहसास पाते ही कराह उठा..

उधर दीदी भी दर्द और काम से मचल कर चीख उठी.. …उई माँ …आई ईई ई…
फिर तो रवि ने 2-3 झटके और मारे और पूरा लंड मेरी दीदी की नाज़ुक चूत के अंदर उतार दिया। उस वक़्त तो ऐसा लग रहा था मानो किसी ने ज़बरदस्ती यह लंड चूत में फंसा दिया और अब यह नहीं निकलेगा...
 
मैं त… त..तो… तो… गा… ग… गाइइ.. मेरी रूपाली दीदी झड़ने लगी... रवि ने अपना मोटा लौड़ा मेरी दीदी दीदी की योनि से बाहर निकाल लिया और उन्हें आराम से पूरा मौका दिया झड़ने का..... फिर उसने मेरी रूपाली दीदी को नीचे झुका दिया... बाल पकड़ के उसने मेरी दीदी के मुंह में लौड़ा दे दिया...
अपनी गांड से निकला हुआ लौड़ा रवि का अपनी फुलझड़ी में झटके खाने के बाद मेरी रूपाली दीदी उसे मुंह में लेकर चूस रही थी....
रवि ने मेरी दीदी को पूरा नीचे झुका रखा था... उसका लौड़ा मेरी दीदी के मुंह में अंदर बाहर हो रहा था......
रवि का मोटा लौड़ा मेरी रूपाली दीदी की आलमोस्ट हलक तक धंसा था। मेरी दीदी के तालू से रगड़ता हुआ अन्दर तक , मेरी दीदी चोक हो रही थी , उनके गाल दुख रहे थे उनका मुंह फटा जा रहा था पर फिर भी मेरी रूपाली दीदी जोर जोर से चूस रही थी...
साली ,तेरी माँ का भोसड़ा चोदूँ , क्या मस्त माल पैदा किया है , क्या चूसती है जानू ,चूस कस कस के ,... रवि मेरी दीदी को बोल रहा था..
और पल भर के लिए दुखते गालों को आराम देने के लिए मेरी दीदी ने मुंह हटाया और उसके तने लण्ड को साइड से चाटने लगी तो रवि से बर्दाश्त नहीं हुआ उसने दोबारा मेरी रूपाली दीदी के मुंह में लौड़ा जबरदस्ती डाल दिया....ये देख के मेरी आँखे फटी रह गयी की मेरी दीदी ने एकदम जड़ तक लण्ड घोंट लिया था , बेस तक लण्ड उनके मुंह में घुसा था लेकिन वो जोर जोर से चूसे जा रही थी।
 
मेरी रूपाली दीदी अब छत की फर्श पर अपने घुटने टीका के घोड़ी बनी हुई थी... रवि के मोटे खूंटे को अपने मुंह में भर के.. उनके गुलाबी होंठों के बीच में रवि मोटा सुपाड़ा डाल के खड़ा था... जिसे वह चूस रही थी... दिनेश अब रुपाली दीदी के पीछे आ गया और घुटने के बल बैठकर उनकी गांड के ऊपर अपना मोटा लण्ड तान के रख दिया...

उसने मेरी दीदी के नितंबों के दोनों बड़े बड़े भागो को पकड़ कर अपने दोनों हाथों से अलग अलग कर दिया.... मेरी दीदी की गांड का छेद, जो एक सुरंग की भांति दिखाई दे रहा था, उसके मुहाने पर दिनेश ने अपना सुपाड़ा टीका किया... और एक जोरदार झटके के साथ ही उसका आधा लण्ड मेरी रूपाली दीदी की गांड के अंदर था...
हाय दैया..... दिनेश..... मर गई मां...
 
इस बार तो दिनेश ने हद ही कर दी...उस ज़ालिम ने बिना दर्द की परवाह किये , एक बार में पूरा मूसल पेल दिया जड़ तक , मेरी दीदी की गांड में....
उस सन्नाटे में मेरी दीदी की चीख निकल गई.. उनके मुंह में से रवि का मोटा सुपाड़ा बाहर निकल के हिलने लगा... पर दिनेश को कोई परवाह नहीं थी... मेरी दीदी कुतिया की तरह , झुकी हुयी , उनके दोनों हाथों में रवि का मोटा औजार था और दिनेश मेरी दीदी की चूंचियों को दबाते हुए ऐसे जोर जोर से निचोड़ रहे थे की क्या कोई जूस स्टाल वाला नारंगी निचोड़ेगा।
गपागप गपागप , सटासट सटासट....
वो पेल रहा था और मेरी दीदी लील रही थी , खुले आसमान के नीचे , ठीक अपने भाई की आंखों के सामने...
उह… उह्ह्ह… हां हां… मत करो ना… कब तक… ओह… मेरी गांड उह्ह्ह.... दया करो मुझ पर.... मेरी रूपाली दीदी की सिसकियों और चीखों को , सुनकर मैं तो झड़ गया... पर दिनेश....वो तो बस हचक हचक कर चोदने में जुटा था।
धक्के पर धक्के और साथ में , गालियों की झड़ी..
गदहे की जनी, जनम की चुदक्क्ड़ , तेरी सारी चुदवास मिट जायेगी , ऐसी चुदेगी...गाँव में न गिनती भूल जायेगी ,कितने लंड घुसे ,कितने निकले ,दिन रात सड़का टपकता रहेगा , किसी को मना किया न तेरी माँ बहन सब चोद दूंगा ... बोलने के साथ-साथ दिनेश मेरी रूपाली दीदी की गांड में गोल गोल घुमाने लगा अपना मोटा बांस...

" फाड़ दे साल्ली की बहुत बोल रही थी , दिखा दे उसे अपने लण्ड की ताकत आज। चोद ,चोद कस कस के। " इस बेवफा रंडी को.... रवि भी दिनेश को उकसा रहा था... उसने फिर से अपना बांस मेरी रूपाली दीदी के मुंह में बाल पकड़कर घुसा दिया...
उयी ई ओह्ह्ह , प्लीज दिनेश थोड़ी देर के लिए गांड से निकाल लो न ओह्ह ,जान गयी उहहह , दिनेश ने एक और जोरदार धक्का मारा और मेरी रूपाली दीदी की चीख फिर गूँज गयी।
" बोल , अब दुबारा तो छिनरपना नहीं करेगी जैसे नखडा चोद रही थी बहन की लोड़ी... रवि बोला...
नहीं बस इसको बोलो एक बार निकाल ले ,... " मेरी दीदी दर्द से गिड़गिड़ा रही थी। मेरी दीदी रवि का चूसना भूल गई थी...
 
" निकाल तो लेगा ही लेकिन हचक के तेरी गांड मारने के बाद ,तू क्या सोच रही है तेरी गांड में लण्ड छोड़ के चला जाएगा। " रवि बोला और मेरी दीदी को फिर से अपना मोटा लण्ड चूसने पर मजबूर कर दिया...
उईइइइइइइइइइइ माँ.... मेरी दीदी सिसकी तो बस..
“तेरी माँ की , न जाने कितने भंडुवों से चुदवा के उसने तेरा जैसे गरम माल अपने भोसड़े से निकाला , उसका भोसड़ा मारूं ,मादरचोद " दिनेश उनको गालियां देने लगा... गपा गप गपा गप गपा गप... तकरीबन 5 मिनट तक मेरी दीदी के मुंह में और गांड में घपा घप चलता रहा.....
उसके बाद दोनों ने अपनी पोजीशन चेंज कर ली.. दिनेश अब नीचे लेट गया था..... आजा मेरे रंडी मेरे ऊपर.... दिनेश ने मेरी दीदी की कमर थाम अपनी गोद में बिठा लिया... अब आसन बदल गया था , मेरी रुपाली दीदी दिनेश की गोद में थी.. दिनेश का लण्ड एक दम जड़ तक मेरी दीदी की करारी गुलाबी चूत में घुसा ,कभी वो मेरी दीदी के गाल चूमता तो कभी उभारों को चूसता। कुछ देर में मेरी दीदी खुद ही उसके मोटे खम्भे पर चढ़ उतर रही थी ,सरक रही थी ,चुद रही थी...
रवि सामने खड़ा था... और मेरी दीदी उसके खड़े खूंटे को उसके पगलाए बौराए लण्ड को कभी अपनी चूचियों के बीच ले के रगड़ती तो कभी मुंह में ले चुभलाती तो कभी चूसती।
और वो भी मेरी दीदी की चूचियों की ऐसी की तैसी कर रहा था।
 
अब दिनेश और रवि ने मेरी रूपाली दीदी को सैंडविच बना लिया था.. और ऊपर से नीचे से मेरी दीदी के दोनों छिद्रों में गपा गप गपा गप गपा गप दिए जा रहे थे मोटा लंड .... मेरी दीदी भी ताल से ताल मिला कर उनका साथ दे रही थी.... तकरीबन 10 मिनट तक लगातार मेरी दीदी की गांड और बुर में फुल स्पीड से तूफान मचा डाला उन दोनों ने....
हर धक्के में लंड सुपाड़े तक बाहर निकालते और फिर पूरी ताकत से लंड जड़ तक , गांड और बुर के अंदर ...मेरी दीदी का बुरा हाल था..
जैसे कोई धुनिया रुई धुनें उस तरह ..
साथ में मेरी रूपाली दीदी की चूंचियां उनके मजबूत हाथों में , बस लग रहां था की निचोड़ के दम लेंगे।
कुछ ही देर में दर्द मजे में बदल गया रूपाली दीदी का...चीखों की जगह सिसिकिया... उन दोनों के हर धक्के का जवाब मेरी दीदी भी धक्के से अब दे रही थी।
आधे घंटे से ऊपर ही हो गया , धक्के पे धक्का... मेरी रूपाली दीदी तो लगभग 4 बार झड़ गई थी... और फिर दिनेश और रवि ने भी मेरी दीदी की गांड और चूत म एक साथ अपना मोटा मुसल पूरी ताकत से एकदम अंदर तक ,... डाल के पिचकारी मार दी.. मेरी दीदी के दोनों क्षेत्रों को भर दिया मलाई से अपनी..... मेरी रूपाली दीदी की जाँघों पर भी गाढ़ी सफ़ेद थक्केदार मलाई बह रही थी।...
तीनों ही अब थक के चूर हो गए थे... छत पर बिल्कुल शांति थी... मेरी दीदी तो जैसे बेहोश हो गई थी....
कुछ देर और उसी हालत में सुस्तआने के बाद वह तीनों उठ के खड़े होकर छत पर ढूंढ ढूंढ कर अपने कपड़े पहनने लगे.....
मेरी रूपाली दीदी के खुले उभारों पर दांतों के और नाखूनों के निशान काफी ऊपर तक , साफ दिखाई दे रहे थे.... बड़ी मुश्किल से मेरी दीदी खड़ी हो होकर लड़खड़ाते हुए अपना लहंगा और चोली पहनने लगी... उनकी टांगे लड़खड़ा रही थी.... अपनी चोली के धागों को बांधने के बाद मेरी रूपाली दीदी शिकायत भरी नजरों से दिनेश को देख रही थी... और दिनेश बड़ी बेशर्मी से मुस्कुरा रहा था..
मेरी जान ...बुरा क्यों मान गई... इतने दिनों बाद तुझे पाकर मैं थोड़ा बहक गया था... दिनेश ने बड़े प्यार से मेरी रूपाली दीदी को कहा..
 
देखो दिनेश.. हम दोनों के बीच में जो कुछ भी था पूरा गांव जानता है. पर अब यह पुरानी बात हो चुकी है... ना सिर्फ मैं एक शादीशुदा औरत हूं बल्कि बच्ची की मां भी हूं... मेरी कुछ मर्यादा है... अब मैं तुम्हारी नहीं हूं अब मैं किसी और की हूं.. अपनी मर्यादा की सीमा तोड़कर मैं तुम्हारे पास मदद के लिए इसलिए आई थी कि तुम मुझे पहले से जानते हो..... पर आज तुम दोनों ने मेरी मजबूरी का फायदा उठाया है.... मेरी दीदी ने दोनों को ही कहा..

रूपाली सुनो मेरी बात... हम लोग बुरे इंसान नहीं है... बस हम लोग थोड़ा बहुत इंजॉय करना चाहते है..... माना कि तुम्हारी मजबूरी का फायदा उठा कर आज हम दोनों ने तुम्हारी मारी है... पर इसके बदले में तुम्हें मजा भी तो दिया है... बार-बार पानी छोड़ रही थी तुम..... रवि ने कहा...
रवि की बातें सुनकर मेरी रूपाली दीदी शर्म से पानी पानी हो गई..
फिर भी उन्होंने सर उठाके कहा - रवि.... आज जो हुआ सो हुआ... मैं इसे भूल जाऊंगी.. तुम दोनों भी भूल जाना.. पर जिस मुसीबत में मैं हूं... जिसकी खातिर मैं तुम्हारे पास आई... तुम दोनों को तो पता ही है ना.... बोलते बोलते मेरी दीदी रुक गई.. उनकी आंखों में आंसू आ गए...
हां वह असलम और जुनैद वाला कांड... जो जंगल में हुआ था उसी की बात कर रही हो ना,...... रवि ने पूछा...
हां वही कह रही हूं.... जुनैद ने मेरा जीना हराम कर रखा है... रात को फोन करता है और गंदी गंदी बातें करता है... दीदी ने रोते हुए कहा...
क्या गंदी गंदी बातें करता है मुझे अच्छी तरह बताओ... रवि ने गंभीरता से कहा.
रात में वीडियो कॉल करता है... कभी-कभी तो दिन में भी करता है... मुझे नंगी होने के लिए बोलता है... फिर कभी मूली तो कभी गाजर .. अंदर घुसआने के लिए कहता है... आगे भी और पीछे भी.... बोलते हुए मेरी दीदी की आंखों के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे...

और तुम उसकी हर बात मानती हो... रवि ने कहा...
तुम ही बताओ और मैं क्या कर सकती हूं.... उन कमीनों ने मेरी वीडियो बना लि है... बार-बार धमकी देते हैं कि वह वीडियो वह लोग इंटरनेट पर डालने की...... बोलो भला ...उनकी बात ना मानने का मेरे पास कोई रास्ता नहीं है... उस कुत्ते ऑटो वाले सुरेश ने मेरी पूरी वीडियो निकाली थी जब वह दोनों गुंडे जंगल में मेरा रेप कर रहे थे... मेरी दीदी बोली..

तुम्हारी बात कुछ हद तक तो सही है.... पर तुम्हारे " रेप" का वीडियो जुनैद ने मुझे भी भेजा था... जब मैंने तुम्हारे बारे में बात की थी उससे... जिस तरह तुम जुनैद और असलम के लण्ड पर उछल रही थी.. उसे देखकर तो मुझे कुछ और ही लगा..... रवि ने कामुक लहजे में कहा...
उसकी बातें सुनकर मेरी दीदी शर्म के मारे जमीन में गड़ी जा रही थी..
 
रवि की बातें पूरी तरह गलत भी नहीं थी... क्योंकि जंगल में मेरी दीदी के साथ जो कांड हुआ था वह मेरी आंखों के सामने हुआ था... भले ही आखिरी राउंड में मैं झोपड़ी के बाहर खड़ा था और सुन रहा था उनकी कामुक चीखें और सिसकियां.... पर मेरी मौजूदगी में भी दीदी ने कई बार चरम सुख का अनुभव किया था...

शर्म के मारे मेरी दीदी की आंखें जमीन में गड़ी हुई थी पर फिर भी वह बोली.... रवि मैं तुमसे झूठ नहीं बोलूंगी... मेरा बदन मेरे काबू से बाहर हो चुका था.... मैंने भी सुख लिया... पर इसका मतलब यह नहीं कि वह सारी घटना मेरी मर्जी से हुई... मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मेरे साथ ऐसा होगा..... मेरी रूपाली दीदी शरमाते हुए बोल रही थी..

देख मेरी जान... मुझे तेरे बारे में सब कुछ पता है.. तू पहले भी एक बहुत अच्छी लड़की थी... और आज भी एक बहुत अच्छी औरत और मा है.... पर एक बात समझ कि तू बहुत बुरी हालत में फंस चुकी है... असलम और जुनैद कोई छोटे-मोटे गुंडे नहीं है... जुनैद तो फिर भी रवि की जान पहचान का है और इसकी थोड़ी बहुत बात भी मानता है... पर साला बहुत बड़ा हारामी है असलम.... उसने तो कितने मर्डर और ना जाने कितने रेप किए है....... तुम्हें तो पता ही होगा कि उसने हमारे गांव की ना जाने कितनी लड़कियों को सड़क पर दौड़ा दौड़ा कर चोदा है सब लोगों के सामने... शादी के पहले मेरी सुचिता दीदी का उसने क्या हाल किया था तुम सबको तो अच्छी पता है...... मेरे पापा ने पुलिस में रिपोर्ट दी .. उसका क्या हुआ... पुलिस असलम का झांट भी नहीं उखाड़ सकी...... इस बार दिनेश बोल रहा था... उसकी आंखों में भी चिंता थी...
सुचिता दीदी से याद आया... दिनेश की बड़ी बहन..... मेरी रूपाली दीदी से 4 साल बड़ी... पर दोनों पक्की सहेलियां.... सुचिता दीदी वाली कहानी आपको आगे बताऊंगा.....
देख यार पुरानी बातें भूल जा... इस समस्या का कुछ ना कुछ हल तो निकालना ही पड़ेगा... मुझ पर भरोसा रखो...जुनैद को मैं अच्छी तरह जानता हूं.... वह भी बुरा आदमी है पर मेरी बात को जरूर समझेगा... रूपाली तू विश्वास कर मेरा... रवि बोल रहा था..
 
मुझे अब तुम दोनों की बातों का कोई विश्वास नहीं.. तुम दोनों ने आज मेरे साथ जैसा किया यहां अभी .. उसके बाद तो विश्वास करने के लिए कुछ नहीं बचा...... जुनैद ने मुझे कल धमकी दी कि कल वह मेरे घर आएगा और या तो मुझे उठा कर ले जाएगा यहां से या फिर सबके सामने मेरे साथ करेगा जो उस दिन जंगल में किया था... मुझे तभी भरोसा होगा जब तुम मेरे सामने उसे फोन करोगे... मेरी रूपाली दीदी ने अविश्वास भरी नजरों से रवि को देखते हुए कहा...
रवि भी लाचार हो गया मेरी दीदी की बातें सुनकर.... उसने फोन लगा दिया जुनैद को और लाउडस्पीकर ऑन कर दिया...

हेलो कैसा है रवि.... फोन की दूसरी तरफ से जुनैद की कड़कती आवाज गूंजी ....
मैं अच्छा हूं जुनेद भाई आप बताओ आप कैसे हो... रवि ने जवाब दिया...
मैं तो मस्त हूं तू बता भाई क्यों याद किया.... जुनेद बोला..
जुनैद भाई... आपको बोला था ना हमारे गांव की रूपाली के बारे में.... आ...ओ... उसी के बारे में बात करनी थी.... रवि बोला..

…. आह बहन चोद..…. आह ... उस रंडी का यार नाम मत ले तू... मेरी रूपाली रांड का नाम सुन मेरा लौड़ा टनटना जाता है... जुनैद बेहद कामुक आवाजें निकाल रहा था..

मेरी बात तो सुन लो जुनैद भाई... बोला रवि....
 
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