desiaks
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नलिनी भाभी ने फुसफुसाते हुए ही जवाब दिया- चुप करके केवल अपनी जोरू की चुदाई देख !और वो बाथरूम से बाहर फिर से मेहता अंकल के कमरे में चली गई.
मैंने बाथरूम के दरवाजे को भिड़ा दिया और इतना गैप कर लिया कि कमरे की हर वस्तु देख सकूँ.सामने ही उनका किंग साइज़ बेड पड़ा था… और वहाँ का दृश्य देखते ही मैं भौचक्का सा खड़ा रह गया.यह तो वही सब हो रहा था जिसे मैं कबसे देखना चाह रहा था !
मेहता अंकल काफी अमीर व्यक्ति हैं, उनके घर सभी ऐशो आराम की वस्तुएँ हैं. जिस बाथरूम मैं था वो भी बहुत बड़ा है, बड़े बाथटब से लेकर चमकीली लाइट तक सभी कुछ है वहाँ पर मैंने इस समय बाथरूम की सभी लाइट बंद कर दी थीं.
उधर मेहता अंकल के कमरे की सभी लाइट ओन थीं, इस समय शादी का घर होने के कारण कमरा बहुत चमक रहा था. उनके कमरे में भी सभी आधुनिक वस्तुएँ थीं, एक नजर में ही कमरे को देखकर पता लग जाता था कि यह किसी रईस की ऐशगाह है.
दीवारों पर महंगी वाल पेंटिंग्स, किंग साइज़ राउंड मूविंग बेड, बड़े बड़े मिरर और फैंसी लाइट.. सभी उस माहौल को सेक्सी बना रहे थे.
फिलहाल मेरा सपना पूरा होने जा रहा था…
मैं सलोनी को एक दूसरे मर्द के साथ मस्ती करते हुए देख रहा था, भले ही वो एक बूढ़ा मर्द हो पर मैं सलोनी के सेक्स की पराकाष्ठा देखना चाह रहा था.
जो कुछ भी सामने हो रहा था, उससे तो यही लगता था कि आज मुझे एक बहुत ही गर्म चुदाई दिखने वाली थी.
और शायद नलिनी भाभी भी जानती थी, वो मेहता अंकल से चुदवा भी चुकी होंगी, तभी उन्होंने मुझसे ऐसा कहा भी है कि चुपचाप अपनी जोरू की चुदाई देख !
मैंने बाथरूम की लाइट बंद करके दरवाजा बिल्कुल ऐसे कर लिया था ..कि मैं तो सब कुछ देख सकता था… पर कोई मुझे नहीं देख सकता था.
पहला दृश्य ही मुझे बहुत गर्म दिखा… सलोनी बेड के किनारे पैर लटका कर बैठी थी, उसके बदन पर भी नलिनी भाभी जैसे ही केवल ब्लाउज और पेटीकोट ही था.
इस दोनों की साड़ी शायद मेरे यहाँ आने के दौरान ही उतरी थी. सलोनी के ठीक सामने मेहता अंकल खड़े थे, ख़ास यह था कि उनके बदन पर केवल एक आस्तीन वाला बनियान था, बाकी नीचे तो वो पूरे नंगे थे, मुझे साइड से वो दिख रहे थे, अपनी कमर पर दोनों हाथ रखे वो तनकर सलोनी के सामने खड़े थे और सलोनी अपने हाथों में उनके लण्ड को पकड़े थी, पता नहीं वो क्या उलट-पुलट कर देख रही थी.
मैंने जब ध्यान से देखा तो मेरी आँखें भी फटी की फटी रह गई…
यह क्या है भई…??
सांप जैसा उनका लण्ड देख मेरा भी बुरा हाल हो गया… 11-12 इंच से कम नहीं होगा, बिल्कुल काला और बहुत ही मोटा…
सलोनी के दोनों हाथों में होने के बावजूद वो काफी बाहर को निकला हुआ नजर आ रहा था.
कमरा काफी बड़ा होने के बावजूद मुझे उनकी हर बात साफ़ साफ़ सुनाई दे रही थी, मैं ध्यान से उनकी मस्ती भरी बातें सुनने लगा…
सलोनी- वाओ अंकल आपका ये तो बहुत प्यारा है… मैंने तो आज तक ऐसा हथियार नहीं देखा…
अंकल का सीना गर्व से तना हुआ था- तभी तो मैंने तुझसे कहा था… मुझे अपने लण्ड पर बहुत गर्व है… इसी की तो ऋतू और रिया भी दीवानी हैं…
सलोनी चमकती हुई आँखों से उनके लण्ड को घूर रही थी और उसके हाथ अंकल के लण्ड को ऊपर से नीचे तक सहला रहे थे…
मेहता अंकल- कब तक सहलाती रहेगी, अब जरा इसको अपने मुँह से पुचकार भी दे, फिर देखना यह तेरी चूत की कैसी सेवा करता है… हरी कर देगा तेरी तबियत… अंदर तक खुश कर देगा तुझको…
सलोनी- नहीं अंकल जी… बस थैंक्यू आपका… मेरी तबियत पहले से ही बहुत खुश है… बस इतना ही काफी है.
सलोनी अभी भी खुलकर हाँ नहीं कह रही थी परन्तु उसकी हरकतें और आँखें उसकी जुबान से बगावत कर रही थी, साफ़ पता चल रहा था कि वो सब कुछ चाहती है मगर कह नहीं पा रही थी.
मेहता अंकल भी पूरे घाघ ही थे, वो शायद सब कुछ समझ रहे थे.
मेहता अंकल- चल कोई बात नहीं !
और उन्होंने अपनी कमर को आगे करते हुए सलोनी के चेहरे के पास कर दिया, उनका लण्ड सलोनी के गालों से छूने लगा.
नलिनी भाभी ने फुसफुसाते हुए ही जवाब दिया- चुप करके केवल अपनी जोरू की चुदाई देख !और वो बाथरूम से बाहर फिर से मेहता अंकल के कमरे में चली गई.
मैंने बाथरूम के दरवाजे को भिड़ा दिया और इतना गैप कर लिया कि कमरे की हर वस्तु देख सकूँ.सामने ही उनका किंग साइज़ बेड पड़ा था… और वहाँ का दृश्य देखते ही मैं भौचक्का सा खड़ा रह गया.यह तो वही सब हो रहा था जिसे मैं कबसे देखना चाह रहा था !
मेहता अंकल काफी अमीर व्यक्ति हैं, उनके घर सभी ऐशो आराम की वस्तुएँ हैं. जिस बाथरूम मैं था वो भी बहुत बड़ा है, बड़े बाथटब से लेकर चमकीली लाइट तक सभी कुछ है वहाँ पर मैंने इस समय बाथरूम की सभी लाइट बंद कर दी थीं.
उधर मेहता अंकल के कमरे की सभी लाइट ओन थीं, इस समय शादी का घर होने के कारण कमरा बहुत चमक रहा था. उनके कमरे में भी सभी आधुनिक वस्तुएँ थीं, एक नजर में ही कमरे को देखकर पता लग जाता था कि यह किसी रईस की ऐशगाह है.
दीवारों पर महंगी वाल पेंटिंग्स, किंग साइज़ राउंड मूविंग बेड, बड़े बड़े मिरर और फैंसी लाइट.. सभी उस माहौल को सेक्सी बना रहे थे.
फिलहाल मेरा सपना पूरा होने जा रहा था…
मैं सलोनी को एक दूसरे मर्द के साथ मस्ती करते हुए देख रहा था, भले ही वो एक बूढ़ा मर्द हो पर मैं सलोनी के सेक्स की पराकाष्ठा देखना चाह रहा था.
जो कुछ भी सामने हो रहा था, उससे तो यही लगता था कि आज मुझे एक बहुत ही गर्म चुदाई दिखने वाली थी.
और शायद नलिनी भाभी भी जानती थी, वो मेहता अंकल से चुदवा भी चुकी होंगी, तभी उन्होंने मुझसे ऐसा कहा भी है कि चुपचाप अपनी जोरू की चुदाई देख !
मैंने बाथरूम की लाइट बंद करके दरवाजा बिल्कुल ऐसे कर लिया था ..कि मैं तो सब कुछ देख सकता था… पर कोई मुझे नहीं देख सकता था.
पहला दृश्य ही मुझे बहुत गर्म दिखा… सलोनी बेड के किनारे पैर लटका कर बैठी थी, उसके बदन पर भी नलिनी भाभी जैसे ही केवल ब्लाउज और पेटीकोट ही था.
इस दोनों की साड़ी शायद मेरे यहाँ आने के दौरान ही उतरी थी. सलोनी के ठीक सामने मेहता अंकल खड़े थे, ख़ास यह था कि उनके बदन पर केवल एक आस्तीन वाला बनियान था, बाकी नीचे तो वो पूरे नंगे थे, मुझे साइड से वो दिख रहे थे, अपनी कमर पर दोनों हाथ रखे वो तनकर सलोनी के सामने खड़े थे और सलोनी अपने हाथों में उनके लण्ड को पकड़े थी, पता नहीं वो क्या उलट-पुलट कर देख रही थी.
मैंने जब ध्यान से देखा तो मेरी आँखें भी फटी की फटी रह गई…
यह क्या है भई…??
सांप जैसा उनका लण्ड देख मेरा भी बुरा हाल हो गया… 11-12 इंच से कम नहीं होगा, बिल्कुल काला और बहुत ही मोटा…
सलोनी के दोनों हाथों में होने के बावजूद वो काफी बाहर को निकला हुआ नजर आ रहा था.
कमरा काफी बड़ा होने के बावजूद मुझे उनकी हर बात साफ़ साफ़ सुनाई दे रही थी, मैं ध्यान से उनकी मस्ती भरी बातें सुनने लगा…
सलोनी- वाओ अंकल आपका ये तो बहुत प्यारा है… मैंने तो आज तक ऐसा हथियार नहीं देखा…
अंकल का सीना गर्व से तना हुआ था- तभी तो मैंने तुझसे कहा था… मुझे अपने लण्ड पर बहुत गर्व है… इसी की तो ऋतू और रिया भी दीवानी हैं…
सलोनी चमकती हुई आँखों से उनके लण्ड को घूर रही थी और उसके हाथ अंकल के लण्ड को ऊपर से नीचे तक सहला रहे थे…
मेहता अंकल- कब तक सहलाती रहेगी, अब जरा इसको अपने मुँह से पुचकार भी दे, फिर देखना यह तेरी चूत की कैसी सेवा करता है… हरी कर देगा तेरी तबियत… अंदर तक खुश कर देगा तुझको…
सलोनी- नहीं अंकल जी… बस थैंक्यू आपका… मेरी तबियत पहले से ही बहुत खुश है… बस इतना ही काफी है.
सलोनी अभी भी खुलकर हाँ नहीं कह रही थी परन्तु उसकी हरकतें और आँखें उसकी जुबान से बगावत कर रही थी, साफ़ पता चल रहा था कि वो सब कुछ चाहती है मगर कह नहीं पा रही थी.
मेहता अंकल भी पूरे घाघ ही थे, वो शायद सब कुछ समझ रहे थे.
मेहता अंकल- चल कोई बात नहीं !
और उन्होंने अपनी कमर को आगे करते हुए सलोनी के चेहरे के पास कर दिया, उनका लण्ड सलोनी के गालों से छूने लगा.