desiaks
Administrator
- Joined
- Aug 28, 2015
- Messages
- 24,893
लू अपने केबिन में पहुँचा और टेलीफोन डायरेक्ट्री लेकर वहीं अपने बिस्तर पर पसर गया। बड़े सब्र से उसने उस डायरेक्ट्री के पन्ने पलटते हुए केन ब्रेन्डन के घर का पता ढूँढा।
लोटस स्ट्रीट।
उसने एक कागज़ के पुर्ज़े पर उस पते को नोट किया, अपनी बची-खुची जमा पूंजी संभाली—जो कुल मिलाकर साढ़े तीन सौ डॉलर थे—और एक सिगरेट सुलगाकर बैठ गया।
अगर उसने होशियारी से काम लिया तो यह मौका उसे दौलत का मुँह दिखा सकता था और वो तगड़ा हाथ मार सकता था, जो उसके दौलतमन्द होने के ख्वाब को पूरा कर सके।
लेकिन कैसे?
कैसे वो इस सारे मामले को हैण्डल करे कि सारे पत्ते उसके हक में गिरें?
वो सोच में पड़ गया।
सबसे पहले उसे कुछ जानकारियाँ इकट्ठी करनी चाहिए थीं।
उसे ब्रैन्डन की माली हैसियत की तस्दीक करनी चाहिए थी क्योंकि इस किस्से की दूसरी किरदार कॉरेन का बूढ़ा बाप तो तस्दीकी पैसे वाली पार्टी थी। केटी ने उसे बताया था कि ब्रैन्डन की अपनी बीवी के साथ बढ़िया निभती थी लेकिन फिर उस रात उसका कॉरेन के साथ यूँ देर रात तक उसके उस लव नैस्ट में आना शायद उसकी पहली गलती थी।
और यह जानकारी ब्रैन्डन से पैसा निकलवा सकती थी।
क्या बढ़िया मौका था!
अगर उसने चालाकी से इस पूरे मामले को हैण्डल किया तो उसके हाथ शायद दस हज़ार डॉलर जैसी बड़ी रकम लग जाए।
“बढ़िया....बढ़िया।”—लू मुस्कुरा उठा।
मालेमुफ्त के इस ख्याल ने उसमें एक नया जोश भर दिया था; लेकिन क्या ये इतना ही आसान था?
उसने लॉ स्कूल में पढ़ाई की थी और वो जानता था, बखूबी समझता था, कि उसकी ब्रैन्डन से इस तरह जबरदस्ती पैसा हासिल करने की कोई भी कोशिश एक संगीन जुर्म थी।
वो सोच में पड़ गया।
वह पहले ही एक चोरी कर चुका था जिसमें इत्तेफाकन वो पकड़ा भी नहीं गया था लेकिन इस बार मामला ज़्यादा बड़ा, ज़्यादा गंभीर था।
ये चोरी का नहीं बल्कि जबरन रकम ऐंठने की कोशिश थी।
ब्लैकमेलिंग थी।
अगर वो पकड़ा गया तो खैर नहीं।
लेकिन अगर वो कामयाब रहा—तो?
तो दस हज़ार डॉलर की बड़ी रकम उसकी जेब में होगी, और दुनिया मुट्ठी में।
बढ़िया।
लू ने फैसला किया कि फिलहाल वो अपने इस प्लान पर आगे बढ़ेगा और—आगे की आगे देखेंगे की तर्ज़ पर—बाद में कोई पक्का फैसला लेगा।
वह उठ खड़ा हुआ।
उसने अपने चेहरे की बेतरतीब दाढ़ी को छाँटा और नहा-धोकर शीशे के सामने पहुँचा। उसे देखकर राहत महसूस हुई कि अपनी इस मौजूदा शक्ल में वो अनायास ही किसी पुलिसवाले के ध्यानाकर्षण की वजह नहीं बनने वाला था। उसने एक सफेद कमीज और पतलून पहनी और खुद को दोबारा शीशे में निहारा।
अक्स में उसे करीब-करीब एक इज़्जतदार आदमी की झलक मिली।
संतुष्ट हो वह केबिन से बाहर निकल आया और हाईवे पर पहुँचा जहाँ सिटी सीकाम्ब जाती बस में सवार हो वह शहर आ गया।
कुछ देर वो यूँ ही सीकाम्ब शहर के भीड़-भाड़ वाले इलाकों में घूमता रहा और फिर एक ऐसी दुकान में पहुँचा जहाँ से उसे कोई पुरानी कार खरीद सकने की उम्मीद थी।
अगले दो घण्टे बाद वह एक पुरानी खटारा वाक्स वैगन ड्राइव कर रहा था जिसे उसने एक सौ पचपन डॉलर में खरीदा था और जिसकी बाबत वह गैराज में अपने तजुर्बे के दम पर कह सकता था कि कम से कम पांच सौ मील का सफर वो उस पर आसानी से पूरा कर सकता था।
उसी कार डीलर से उसने पैरेडाईज़ एश्योरेंस कारपोरेशन का पता कन्फर्म किया और सीव्यू रोड पर आ गया। उसने गंतव्य से कोई बीस गज की दूरी पर अपनी उस नई हासिल पुरानी कार को पार्क किया और भीतर ही बैठा रहा।
दोपहर का एक बज रहा था।
अभी वो इस पशोपेश में ही था कि क्या उसे वहीं बैठकर ऑफिस पर निगाह रखनी चाहिए थी या फिर वहाँ से निकलकर सीधे ऑफिस में ब्रैन्डन को वहीं धर लेना चाहिए—कि तभी उसने ब्रैन्डन को ऑफिस से बाहर आकर सड़क पर रेस्ट्रां में जाते देखा।
लू ने फौरन उसे पहचाना।
यह वही आदमी था—यकीनन वही आदमी था—जिसे उसने उस रात कॉरेन के साथ वहां मौकाए वारदात के आस पास देखा था।
बढ़िया।
लू खुश हो गया।
उसे यकायक दस हज़ार डॉलर अपनी पकड़ में महसूस होने लगे।
लेकिन ऐसे नहीं।
ऐसी जल्दबाज़ी से मामला बिगड़ सकता था और उसे अभी सब्र से काम लेना था।
उसने थोड़ी और छानबीन करने का फैसला किया।
उसने कार स्टार्ट की और उसे चलाता एक स्टोर पर पहुँचा जहाँ से उसने शहर का एक नक्शा खरीदा।
उसने उस नक्शे में लोटस स्ट्रीट को ढूँढा और कुछ पल वहाँ पहुँचते रास्तों पर गौर करता रहा। आखिरकार उसने कार को समुचित सड़क पर आगे बढ़ा दिया।
लोटस स्ट्रीट।
केन ब्रैन्डन का घर।
गंतव्य पर पहुँचकर उसने अपनी कार को सड़क के एक सिरे पर खड़ा किया और पैदल चलता हुए बैन्डन के बंगले के सामने आ पहुँचा।
लेकिन यहाँ पहुँचकर भी वो रुका नहीं।
उसने धीमी चाल से चलते हुए बंगले पर एक लम्बी निगाह डाली और संतुष्ट हो गया।
ऐसे बंगले में रहते किसी शख्स के लिए पांच हज़ार डॉलर की रकम देना कोई ज्यादा परेशानी की बात नहीं हो सकती थी।
पाँच हजार डॉलर यहाँ से और बाकी के पाँच हजार डॉलर मामले में शामिल दूसरी पार्टी—कॉरेन और उसके दौलतमन्द बाप—से हासिल हो सकते थे।
अपने इन्हीं खुशगवार ख्यालों में खोये लू ने एक लम्बा घेरा काटा और वापिस अपनी कार में आ बैठा। वो अपनी इस छानबीन से संतुष्ट था और उसे और भी यकीन हो उठा था कि सारे मामले को अगर वो चालाकी से संभाल सका तो उसके दलिद्दर दूर होने में बस अब कुछ ही दिन बाकी थे।
उसने कार वापिस सीकाम्ब जाती सड़क पर बढ़ा दी और ड्राइव करता हुआ एक बार फिर ब्रैन्डन के दफ्तर के सामने आ पहुँचा। वह वहीं कार में बैठा रहा और दफ्तर में आते-जाते लोगों पर निगाह जमाए रहा। वो वहाँ इसलिए बैठा था कि देर सवेर दफ्तर की दूसरी मुलाज़िम—कॉरेन—जब भी बाहर निकलती, वो उसे वहीं कार में बैठा-बैठा देखकर ही तय कर सकता था कि वो वही लड़की थी जो वहाँ उस रात ब्रैन्डेन के साथ मौकाए वारदात के आसपास मौजूद थी। वैसे अगर इस दौरान कॉरेन की निगाहें कार में बैठे खुद लू पर पड़ गईं तो....।
लू को यकीन था कि लड़की उसे फिर भी पहचान नहीं सकती थी क्योंकि उस रात उसने उसे चांदनी में देखा था और तब उसने अपने चेहरे पर उगे बालों की उस तरह छँटाई भी नहीं कि हुई थी।
लू काफी देर तक कार में बैठा इंतज़ार करता रहा।
उसे कॉरेन की कोई झलक न मिली।
उसने कुछ और वक्त वहीं रुकने का फैसला किया।
नतीजा सिफर रहा।
कॉरेन अगर वहाँ उस दफ्तर की कर्मचारी थी तो वो बाहर नहीं निकली थी।
वो अभी भी भीतर दफ्तर में ही बनी हुई थी।
“क्या करूँ....?”—लू ने सोचा।
वो कार से उतरकर दफ्तर जा सकता था और वहाँ उसे देखकर इस बाबत कोई पक्का फैसला कर सकता था कि कॉरेन ही उस रात उससे वहाँ टकराई थी।
लेकिन उसका यूँ दफ्तर में चले जाना परिस्थितियों को और ज़्यादा काम्पलीकेट भी कर सकता था।
वो लड़की उसे पहचान सकती थी।
या शायद ये उसका वहम था।
अपनी मौजूदा वेश-भूषा में वो एक शरीफ इज़्जतदार आदमी लग रहा था जो उस शख्स के साये से भी अलग था जिसे कॉरेन ने उस रात देखा था।
तो क्या किया जाए?
लू ने कुछ देर सोचा और फैसला किया।
उसने कार का दरवाज़ा खोला, बाहर निकला, गहरी सांस ली और दफ्तर की ओर बढ़ गया।
वो भीतर पहुँचा।
कॉरेन वहाँ मौजूद थी।
वो किसी नीग्रो से बातें कर रही थी।
लू ने दरवाज़े में खड़े होकर बड़े गौर से उसे देखा।
वो बेफिक्र हो गया।
यह वही लड़की थी जिसे उसने उस रात ब्रैन्डन के साथ देखा था।
तभी कॉरेन की निगाह उस पर आ टिकी।
दोनों ने एक दूसरे को देखा।
कॉरेन ने लू को फौरन पहचान लिया।
यह वही शख्स था जिसे उसने उस रात देखा था।
कॉरेन ने खुद पर काबू पाया और अपने भावों को अपने चेहरे पर आने से रोक लिया।
“आर यू लुकिंग फॉर समवन सर?”—उसने मुस्कुराकर लू से पूछा।
लू संतुष्ट हो गया।
उसे यकीन हो आया कि कॉरेन उसे पहचान नहीं सकी है।
“ओह यस”—लू ने कहा—“बस ज़रा पार्किंग की परेशानी है, तो मैं अपनी कार पार्क करके फौरन वापिस आकर बस अभी आपसे मिलता हूँ।”
“जी ज़रूर।”—कॉरेन ने कहा।
लू दफ्तर के बाहर निकल आया और अपनी कार में आ बैठा।
पीछे कॉरेन ने जबरन अपना ध्यान सामने बैठे नीग्रो और उसके दस बच्चों की समस्याओं में लगाया।
लेकिन उसके दिमाग में अभी भी उस आदमी की मौजूदगी बनी हुई थी जो दरवाजे में खड़ा उसे घूर रहा था।
वो वहाँ कैसे आन पहुँचा था?
मामला बिगड़ता जा रहा था।
उस फसादी से दिखते शख्स की वहाँ इस तरह की मौजूदगी इस पूरे मामले में कॉरेन और ब्रेन्डन का संबंध उस लाश से जोड़ सकती थी।
कॉरेन ने गहरी सांस खींची और सामने बैठे नीग्रो को उसकी दिक्कतों को दूर कर सकने वाली पॉलिसी की शर्तें समझाने लगी।
¶¶
लोटस स्ट्रीट।
उसने एक कागज़ के पुर्ज़े पर उस पते को नोट किया, अपनी बची-खुची जमा पूंजी संभाली—जो कुल मिलाकर साढ़े तीन सौ डॉलर थे—और एक सिगरेट सुलगाकर बैठ गया।
अगर उसने होशियारी से काम लिया तो यह मौका उसे दौलत का मुँह दिखा सकता था और वो तगड़ा हाथ मार सकता था, जो उसके दौलतमन्द होने के ख्वाब को पूरा कर सके।
लेकिन कैसे?
कैसे वो इस सारे मामले को हैण्डल करे कि सारे पत्ते उसके हक में गिरें?
वो सोच में पड़ गया।
सबसे पहले उसे कुछ जानकारियाँ इकट्ठी करनी चाहिए थीं।
उसे ब्रैन्डन की माली हैसियत की तस्दीक करनी चाहिए थी क्योंकि इस किस्से की दूसरी किरदार कॉरेन का बूढ़ा बाप तो तस्दीकी पैसे वाली पार्टी थी। केटी ने उसे बताया था कि ब्रैन्डन की अपनी बीवी के साथ बढ़िया निभती थी लेकिन फिर उस रात उसका कॉरेन के साथ यूँ देर रात तक उसके उस लव नैस्ट में आना शायद उसकी पहली गलती थी।
और यह जानकारी ब्रैन्डन से पैसा निकलवा सकती थी।
क्या बढ़िया मौका था!
अगर उसने चालाकी से इस पूरे मामले को हैण्डल किया तो उसके हाथ शायद दस हज़ार डॉलर जैसी बड़ी रकम लग जाए।
“बढ़िया....बढ़िया।”—लू मुस्कुरा उठा।
मालेमुफ्त के इस ख्याल ने उसमें एक नया जोश भर दिया था; लेकिन क्या ये इतना ही आसान था?
उसने लॉ स्कूल में पढ़ाई की थी और वो जानता था, बखूबी समझता था, कि उसकी ब्रैन्डन से इस तरह जबरदस्ती पैसा हासिल करने की कोई भी कोशिश एक संगीन जुर्म थी।
वो सोच में पड़ गया।
वह पहले ही एक चोरी कर चुका था जिसमें इत्तेफाकन वो पकड़ा भी नहीं गया था लेकिन इस बार मामला ज़्यादा बड़ा, ज़्यादा गंभीर था।
ये चोरी का नहीं बल्कि जबरन रकम ऐंठने की कोशिश थी।
ब्लैकमेलिंग थी।
अगर वो पकड़ा गया तो खैर नहीं।
लेकिन अगर वो कामयाब रहा—तो?
तो दस हज़ार डॉलर की बड़ी रकम उसकी जेब में होगी, और दुनिया मुट्ठी में।
बढ़िया।
लू ने फैसला किया कि फिलहाल वो अपने इस प्लान पर आगे बढ़ेगा और—आगे की आगे देखेंगे की तर्ज़ पर—बाद में कोई पक्का फैसला लेगा।
वह उठ खड़ा हुआ।
उसने अपने चेहरे की बेतरतीब दाढ़ी को छाँटा और नहा-धोकर शीशे के सामने पहुँचा। उसे देखकर राहत महसूस हुई कि अपनी इस मौजूदा शक्ल में वो अनायास ही किसी पुलिसवाले के ध्यानाकर्षण की वजह नहीं बनने वाला था। उसने एक सफेद कमीज और पतलून पहनी और खुद को दोबारा शीशे में निहारा।
अक्स में उसे करीब-करीब एक इज़्जतदार आदमी की झलक मिली।
संतुष्ट हो वह केबिन से बाहर निकल आया और हाईवे पर पहुँचा जहाँ सिटी सीकाम्ब जाती बस में सवार हो वह शहर आ गया।
कुछ देर वो यूँ ही सीकाम्ब शहर के भीड़-भाड़ वाले इलाकों में घूमता रहा और फिर एक ऐसी दुकान में पहुँचा जहाँ से उसे कोई पुरानी कार खरीद सकने की उम्मीद थी।
अगले दो घण्टे बाद वह एक पुरानी खटारा वाक्स वैगन ड्राइव कर रहा था जिसे उसने एक सौ पचपन डॉलर में खरीदा था और जिसकी बाबत वह गैराज में अपने तजुर्बे के दम पर कह सकता था कि कम से कम पांच सौ मील का सफर वो उस पर आसानी से पूरा कर सकता था।
उसी कार डीलर से उसने पैरेडाईज़ एश्योरेंस कारपोरेशन का पता कन्फर्म किया और सीव्यू रोड पर आ गया। उसने गंतव्य से कोई बीस गज की दूरी पर अपनी उस नई हासिल पुरानी कार को पार्क किया और भीतर ही बैठा रहा।
दोपहर का एक बज रहा था।
अभी वो इस पशोपेश में ही था कि क्या उसे वहीं बैठकर ऑफिस पर निगाह रखनी चाहिए थी या फिर वहाँ से निकलकर सीधे ऑफिस में ब्रैन्डन को वहीं धर लेना चाहिए—कि तभी उसने ब्रैन्डन को ऑफिस से बाहर आकर सड़क पर रेस्ट्रां में जाते देखा।
लू ने फौरन उसे पहचाना।
यह वही आदमी था—यकीनन वही आदमी था—जिसे उसने उस रात कॉरेन के साथ वहां मौकाए वारदात के आस पास देखा था।
बढ़िया।
लू खुश हो गया।
उसे यकायक दस हज़ार डॉलर अपनी पकड़ में महसूस होने लगे।
लेकिन ऐसे नहीं।
ऐसी जल्दबाज़ी से मामला बिगड़ सकता था और उसे अभी सब्र से काम लेना था।
उसने थोड़ी और छानबीन करने का फैसला किया।
उसने कार स्टार्ट की और उसे चलाता एक स्टोर पर पहुँचा जहाँ से उसने शहर का एक नक्शा खरीदा।
उसने उस नक्शे में लोटस स्ट्रीट को ढूँढा और कुछ पल वहाँ पहुँचते रास्तों पर गौर करता रहा। आखिरकार उसने कार को समुचित सड़क पर आगे बढ़ा दिया।
लोटस स्ट्रीट।
केन ब्रैन्डन का घर।
गंतव्य पर पहुँचकर उसने अपनी कार को सड़क के एक सिरे पर खड़ा किया और पैदल चलता हुए बैन्डन के बंगले के सामने आ पहुँचा।
लेकिन यहाँ पहुँचकर भी वो रुका नहीं।
उसने धीमी चाल से चलते हुए बंगले पर एक लम्बी निगाह डाली और संतुष्ट हो गया।
ऐसे बंगले में रहते किसी शख्स के लिए पांच हज़ार डॉलर की रकम देना कोई ज्यादा परेशानी की बात नहीं हो सकती थी।
पाँच हजार डॉलर यहाँ से और बाकी के पाँच हजार डॉलर मामले में शामिल दूसरी पार्टी—कॉरेन और उसके दौलतमन्द बाप—से हासिल हो सकते थे।
अपने इन्हीं खुशगवार ख्यालों में खोये लू ने एक लम्बा घेरा काटा और वापिस अपनी कार में आ बैठा। वो अपनी इस छानबीन से संतुष्ट था और उसे और भी यकीन हो उठा था कि सारे मामले को अगर वो चालाकी से संभाल सका तो उसके दलिद्दर दूर होने में बस अब कुछ ही दिन बाकी थे।
उसने कार वापिस सीकाम्ब जाती सड़क पर बढ़ा दी और ड्राइव करता हुआ एक बार फिर ब्रैन्डन के दफ्तर के सामने आ पहुँचा। वह वहीं कार में बैठा रहा और दफ्तर में आते-जाते लोगों पर निगाह जमाए रहा। वो वहाँ इसलिए बैठा था कि देर सवेर दफ्तर की दूसरी मुलाज़िम—कॉरेन—जब भी बाहर निकलती, वो उसे वहीं कार में बैठा-बैठा देखकर ही तय कर सकता था कि वो वही लड़की थी जो वहाँ उस रात ब्रैन्डेन के साथ मौकाए वारदात के आसपास मौजूद थी। वैसे अगर इस दौरान कॉरेन की निगाहें कार में बैठे खुद लू पर पड़ गईं तो....।
लू को यकीन था कि लड़की उसे फिर भी पहचान नहीं सकती थी क्योंकि उस रात उसने उसे चांदनी में देखा था और तब उसने अपने चेहरे पर उगे बालों की उस तरह छँटाई भी नहीं कि हुई थी।
लू काफी देर तक कार में बैठा इंतज़ार करता रहा।
उसे कॉरेन की कोई झलक न मिली।
उसने कुछ और वक्त वहीं रुकने का फैसला किया।
नतीजा सिफर रहा।
कॉरेन अगर वहाँ उस दफ्तर की कर्मचारी थी तो वो बाहर नहीं निकली थी।
वो अभी भी भीतर दफ्तर में ही बनी हुई थी।
“क्या करूँ....?”—लू ने सोचा।
वो कार से उतरकर दफ्तर जा सकता था और वहाँ उसे देखकर इस बाबत कोई पक्का फैसला कर सकता था कि कॉरेन ही उस रात उससे वहाँ टकराई थी।
लेकिन उसका यूँ दफ्तर में चले जाना परिस्थितियों को और ज़्यादा काम्पलीकेट भी कर सकता था।
वो लड़की उसे पहचान सकती थी।
या शायद ये उसका वहम था।
अपनी मौजूदा वेश-भूषा में वो एक शरीफ इज़्जतदार आदमी लग रहा था जो उस शख्स के साये से भी अलग था जिसे कॉरेन ने उस रात देखा था।
तो क्या किया जाए?
लू ने कुछ देर सोचा और फैसला किया।
उसने कार का दरवाज़ा खोला, बाहर निकला, गहरी सांस ली और दफ्तर की ओर बढ़ गया।
वो भीतर पहुँचा।
कॉरेन वहाँ मौजूद थी।
वो किसी नीग्रो से बातें कर रही थी।
लू ने दरवाज़े में खड़े होकर बड़े गौर से उसे देखा।
वो बेफिक्र हो गया।
यह वही लड़की थी जिसे उसने उस रात ब्रैन्डन के साथ देखा था।
तभी कॉरेन की निगाह उस पर आ टिकी।
दोनों ने एक दूसरे को देखा।
कॉरेन ने लू को फौरन पहचान लिया।
यह वही शख्स था जिसे उसने उस रात देखा था।
कॉरेन ने खुद पर काबू पाया और अपने भावों को अपने चेहरे पर आने से रोक लिया।
“आर यू लुकिंग फॉर समवन सर?”—उसने मुस्कुराकर लू से पूछा।
लू संतुष्ट हो गया।
उसे यकीन हो आया कि कॉरेन उसे पहचान नहीं सकी है।
“ओह यस”—लू ने कहा—“बस ज़रा पार्किंग की परेशानी है, तो मैं अपनी कार पार्क करके फौरन वापिस आकर बस अभी आपसे मिलता हूँ।”
“जी ज़रूर।”—कॉरेन ने कहा।
लू दफ्तर के बाहर निकल आया और अपनी कार में आ बैठा।
पीछे कॉरेन ने जबरन अपना ध्यान सामने बैठे नीग्रो और उसके दस बच्चों की समस्याओं में लगाया।
लेकिन उसके दिमाग में अभी भी उस आदमी की मौजूदगी बनी हुई थी जो दरवाजे में खड़ा उसे घूर रहा था।
वो वहाँ कैसे आन पहुँचा था?
मामला बिगड़ता जा रहा था।
उस फसादी से दिखते शख्स की वहाँ इस तरह की मौजूदगी इस पूरे मामले में कॉरेन और ब्रेन्डन का संबंध उस लाश से जोड़ सकती थी।
कॉरेन ने गहरी सांस खींची और सामने बैठे नीग्रो को उसकी दिक्कतों को दूर कर सकने वाली पॉलिसी की शर्तें समझाने लगी।
¶¶