hotaks444
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इस दिन के बाद मैं अगले दो दिन कब नहीं जा पाया. मुझे बुखार आ गया. मेरा सारा बदन टूट रहा थ. मैंने देहरादून से भागने का सोचा लेकिन फिर यह दिमाग में आते ही कि मैं अपनी मां को लेकर कहाँ कहाँ भटकुंगा और उसे क्या खिलाउंगा मैंने सारे इरादे छोड़ दिए और ये ठान ल्या कि अब मैं कहीं नहीं जाऊँगा. मैं अपनी ताकत बढ़ाऊंगा और उन पांचो से ढेर सारा पैसा कमाऊँगा. अब मैंने उन से मिले हुए रुपयों से फल और दूध रोज लेने लगा. करीब एक सप्ताह के बाद जब मैं क्लब पौंचा तो मैं बहुत कुछ संभल चुका था. एक सप्ताह के इस खाने पीने ने मेरी ताकत थोड़ी सी ही सही लेकिन बढ़ा दी थी अब मैं उन पाँचों से मिलने को तैयार था और संभालने को भी तैयार था.
मैं जैसे ही क्लब पहुंचा वे पाँचों मुझे देख बहुत खुश हो गई. मेरा हाल चाल पूछा. जब मैंने खुलकर उन्हें सारी बात बताई तो माया ने मुझसे कहा " तुमने बहुत सही फैसला किया है जॉनी.. ये तुम जब हम पाँचों के लिए इतना कुछ सोच रहे हो तो हमारा भी फ़र्ज़ बनता है तुम्हारे लिए. ये लो पूरे एक हजार रुपये. ये हम तुम्हें हर महीने अलग से देंगे. इससे तुम अच्छी खुराक लेते रहना. " मैंने खुश होकर रुपये ले लिए. सीमा मैडम ने मुझे रेस्ट रूम में जाने का इशारा किया. मैं रेस्ट रूम में गया. तभी चित्रा मैडम भीतर आ गई. पहले ही दिन मुझे चित्रा मैडम का भरा हुआ जिस्म मिला. मैंने कंडोम लगाकर अपने लिंग को चित्रा मैडम के उस बड़े और ढीले दरवाजे वाले जननांग को करीब आधे घंटे तक अंतिम दूरी तक भेदा. चित्रा मैडम उस छोटे सोफे पर बड़ी मुश्किल से आ पाई थी लेकिन उसने मुझे ऐसा जकड़ा कि मुझे लगने लगा कि अब और कितनी दूर तक मेरा लिंग आगे जा सकता है. चित्रा मैडम ने मुझे सौ रुपये थमाए और मुझे चूमते हुए बोली " आज बहुत मजा आया जॉनी. अब जब कभी कर्नल बाहर जाएगा तो तुम आने के लिए तैयार रहना."
दूसरे दिन गुलनार मैडम मुझे ले माया मैडम के घर आई. मैंने देखा कि हीना मैडम पहले से ही वहां मौजूद थी. गुलनार और हीना मैडम मुझे माया मैडम के सर्वेंट क्वार्टर में आ गई. आज मैंने गुलनार मैडम का अंग अंग ध्यान से देखा. उस जैसी कोई दूसरी कहीं नहीं है. गुलनार से पता चला उनके पति सेक्स में बिलकुल ही रूचि नहीं लेते हैं. आज गुलनार मैडम ने जब अपने सारे कपडे उतार दिए तो मैं और हीना मैडम दोनों उन्हें निहारने लग गए. हीना मैडम खुद केवल ब्रा और पैंटी में ही थी. हीना ने मुझे गुलानर को मसाज के लिए कहा. मैंने पूरे तन मन से गुलनार के जिस्म पर मसाज करना आरम्भ किया. गुलनार मैडम का सारा जिस्म फिसल रहा था. हीना मैडम ने भी मेरे साथ गुलनार मैडम के जिस्म पर मसाज किया. गुलनार मैडम के मुंह से आहें निकलने लगी थी. हीना मैडम ने गुलनार मदम के गालोपर एक चुम्बन दिया. गुलनार तड़प उठी. गुलनार मैडम ने हीना मैडम के गाल चूमे. हीना मैडम ने मुझे गुलनार मैडम के ऊपर लेटने को कहा और वो गुलनार के गालों और गरदन के नीचे छोटे छोटे चुम्बन देने लगी. गुलनार मैडम लगातार तड़प रही थी. मैंने हीना मदम के इशाए से अपने लिंग पर कंडोम चढ़ा लिया. हीना ने गुलनार के होठों पर एक नाजुक सा चुम्बन दिया और मुझे अपना लिंग उसकी टांगों के बीच ले जाने को कहा. गुलनार मैडम का अंग इतना फिसलन भरा था कि मुझे एकही टच में गर्मी आ गई. गुलनार मैडम ने मुहे कसकर पकड़ लिया. हीना मैडम ने अपने हाथ से मेरा लिंग पकड़ा और गुलनार मैडम के जननांग की तरफ बढ़ाया. गुलनार मैडम का गला सूखने लगा था. हीना मैडम ने उन्हें पानी पिलाया. जब गुलनार वापस लेटने लगी तो हीना ने गुलनार की टांगें फैला दी. मैंने और हीना ने उनके गुप्तांग और जननांग को देखा. एकदम साफ़ सुथा शावे किया हुआ. गुलाबी गुलाबी चमड़ी जो चिकनी ही और चमक रही थी. मुझसे रहा नहीं गया और मैंने आगे बढाकर अपने हाथ से उसे छुआ. मुझे ऐसा लगा जैसे मैंने कोई मखमल का कपड़ा छु लिया हो. हीना ने मेरा हाथ वहाँ से हटाया और अपने होंठों से गुलनार माम के गुप्तांग को चूम लिया. मेरे मुंह से एक आह निकल गई. मेरे बदन में बिजली सी फ़ैल गई. मैंने भी अपना मुंह आगे किया और गुलनार मैडम के गुप्तांग पर अपने होंठों से एक चुम्बन रख दिया. गुलनार ने मेरे सर को पकड़ा और मुझे अपने ऊपर खींच लिया. अब हीना मैडम ने मेरे लंग को पकड़ा और गुलनार मैडम के जननांग के अन्दर ठूंस दिया और मेरे कमर पर अपने हाथों से जोर लगाने लगी. थोडा सा समय लगा लेकिन मेरा लिंग गुलनार के मलाईदार जननांग के भीतर पहुँच गया. मैंने गुलनार के गुलाब जननांग को आधे घंटे के बेरोक मेहनत से पूरा गहरा लाल कर दिया.
गुलनार मैडम के हटते ही हीना मैडम लेट गई. हीना मैडम ने अपने आप ही मेरा लिंग पकड़ा और तुरंत ही जोर लगाकर और दबाकर अपने जननांग में एकदम गहराई तक घुसा दिया. मैंने हीना मैडम की इच्छा के हिसाब से करीब आधा घंटा अपना लिंग उनके जननांग में ही घुसाए रखा और रुक रुक कर अन्दर बाहर करता रहा. उस छोटे क्वार्टर में हम तीनों काफी करीब करीब केते हुए थे. हीना मैडम की जब प्यास बुझ गई तो मैं खडा हो गया. अब उन दोनों ने भी कपडे पहन लिए. सीमा मैडम ने एक आवाज माया मैडम को दी. माया भी अन्दर आ गई. वो कमरा था सात फुट चौड़ा और आठ फुट लंबा और उसमे चार फुट चौड़ा और सात फुट लंबा पलंग बिछा हुआ था. उस पर मारे अलावा माया ; हीना और गुलनार मैडम भी आ गई थी. वो अब एक अच्छा खासा मसाज पार्लर लग रहा था. अब माया मैडम की बारी थी. हीना और गुलनार कपडे पहनकर बाहर चली गई.
अब माया मैडम ने मुझे पकड़ लिया. मैं थोडा थक गया था और इसका पूरा फायदा माया मैडम उठा रही थी. वो अब मेरे ऊपर बैठ गई. मेरे लिंग को अपने जननांग में घुसाया और खुद ही अपने पैरों के बल ऊपर नीचे होकर मेरे ली को जानांग से अन्दर बाहर करने लगी. मुझे माया मैडम का यह अंदाज बहुत पसंद आया. माया मैडम ने पूरे आधे घंटे से भी ज्यादा समय तक इसी अंदाज में मेरे साथ मजा किया. जब मैंने माया मैडम के सामने अपने हाथ खड़े कर दिए तो माया मैडम मेरे ऊपर से उठ गई. तीनों ने मुझे रूपये दिए औरन अपनी ड्यूटी पर क्लब आ गया.
मैं जैसे ही क्लब पहुंचा वे पाँचों मुझे देख बहुत खुश हो गई. मेरा हाल चाल पूछा. जब मैंने खुलकर उन्हें सारी बात बताई तो माया ने मुझसे कहा " तुमने बहुत सही फैसला किया है जॉनी.. ये तुम जब हम पाँचों के लिए इतना कुछ सोच रहे हो तो हमारा भी फ़र्ज़ बनता है तुम्हारे लिए. ये लो पूरे एक हजार रुपये. ये हम तुम्हें हर महीने अलग से देंगे. इससे तुम अच्छी खुराक लेते रहना. " मैंने खुश होकर रुपये ले लिए. सीमा मैडम ने मुझे रेस्ट रूम में जाने का इशारा किया. मैं रेस्ट रूम में गया. तभी चित्रा मैडम भीतर आ गई. पहले ही दिन मुझे चित्रा मैडम का भरा हुआ जिस्म मिला. मैंने कंडोम लगाकर अपने लिंग को चित्रा मैडम के उस बड़े और ढीले दरवाजे वाले जननांग को करीब आधे घंटे तक अंतिम दूरी तक भेदा. चित्रा मैडम उस छोटे सोफे पर बड़ी मुश्किल से आ पाई थी लेकिन उसने मुझे ऐसा जकड़ा कि मुझे लगने लगा कि अब और कितनी दूर तक मेरा लिंग आगे जा सकता है. चित्रा मैडम ने मुझे सौ रुपये थमाए और मुझे चूमते हुए बोली " आज बहुत मजा आया जॉनी. अब जब कभी कर्नल बाहर जाएगा तो तुम आने के लिए तैयार रहना."
दूसरे दिन गुलनार मैडम मुझे ले माया मैडम के घर आई. मैंने देखा कि हीना मैडम पहले से ही वहां मौजूद थी. गुलनार और हीना मैडम मुझे माया मैडम के सर्वेंट क्वार्टर में आ गई. आज मैंने गुलनार मैडम का अंग अंग ध्यान से देखा. उस जैसी कोई दूसरी कहीं नहीं है. गुलनार से पता चला उनके पति सेक्स में बिलकुल ही रूचि नहीं लेते हैं. आज गुलनार मैडम ने जब अपने सारे कपडे उतार दिए तो मैं और हीना मैडम दोनों उन्हें निहारने लग गए. हीना मैडम खुद केवल ब्रा और पैंटी में ही थी. हीना ने मुझे गुलानर को मसाज के लिए कहा. मैंने पूरे तन मन से गुलनार के जिस्म पर मसाज करना आरम्भ किया. गुलनार मैडम का सारा जिस्म फिसल रहा था. हीना मैडम ने भी मेरे साथ गुलनार मैडम के जिस्म पर मसाज किया. गुलनार मैडम के मुंह से आहें निकलने लगी थी. हीना मैडम ने गुलनार मदम के गालोपर एक चुम्बन दिया. गुलनार तड़प उठी. गुलनार मैडम ने हीना मैडम के गाल चूमे. हीना मैडम ने मुझे गुलनार मैडम के ऊपर लेटने को कहा और वो गुलनार के गालों और गरदन के नीचे छोटे छोटे चुम्बन देने लगी. गुलनार मैडम लगातार तड़प रही थी. मैंने हीना मदम के इशाए से अपने लिंग पर कंडोम चढ़ा लिया. हीना ने गुलनार के होठों पर एक नाजुक सा चुम्बन दिया और मुझे अपना लिंग उसकी टांगों के बीच ले जाने को कहा. गुलनार मैडम का अंग इतना फिसलन भरा था कि मुझे एकही टच में गर्मी आ गई. गुलनार मैडम ने मुहे कसकर पकड़ लिया. हीना मैडम ने अपने हाथ से मेरा लिंग पकड़ा और गुलनार मैडम के जननांग की तरफ बढ़ाया. गुलनार मैडम का गला सूखने लगा था. हीना मैडम ने उन्हें पानी पिलाया. जब गुलनार वापस लेटने लगी तो हीना ने गुलनार की टांगें फैला दी. मैंने और हीना ने उनके गुप्तांग और जननांग को देखा. एकदम साफ़ सुथा शावे किया हुआ. गुलाबी गुलाबी चमड़ी जो चिकनी ही और चमक रही थी. मुझसे रहा नहीं गया और मैंने आगे बढाकर अपने हाथ से उसे छुआ. मुझे ऐसा लगा जैसे मैंने कोई मखमल का कपड़ा छु लिया हो. हीना ने मेरा हाथ वहाँ से हटाया और अपने होंठों से गुलनार माम के गुप्तांग को चूम लिया. मेरे मुंह से एक आह निकल गई. मेरे बदन में बिजली सी फ़ैल गई. मैंने भी अपना मुंह आगे किया और गुलनार मैडम के गुप्तांग पर अपने होंठों से एक चुम्बन रख दिया. गुलनार ने मेरे सर को पकड़ा और मुझे अपने ऊपर खींच लिया. अब हीना मैडम ने मेरे लंग को पकड़ा और गुलनार मैडम के जननांग के अन्दर ठूंस दिया और मेरे कमर पर अपने हाथों से जोर लगाने लगी. थोडा सा समय लगा लेकिन मेरा लिंग गुलनार के मलाईदार जननांग के भीतर पहुँच गया. मैंने गुलनार के गुलाब जननांग को आधे घंटे के बेरोक मेहनत से पूरा गहरा लाल कर दिया.
गुलनार मैडम के हटते ही हीना मैडम लेट गई. हीना मैडम ने अपने आप ही मेरा लिंग पकड़ा और तुरंत ही जोर लगाकर और दबाकर अपने जननांग में एकदम गहराई तक घुसा दिया. मैंने हीना मैडम की इच्छा के हिसाब से करीब आधा घंटा अपना लिंग उनके जननांग में ही घुसाए रखा और रुक रुक कर अन्दर बाहर करता रहा. उस छोटे क्वार्टर में हम तीनों काफी करीब करीब केते हुए थे. हीना मैडम की जब प्यास बुझ गई तो मैं खडा हो गया. अब उन दोनों ने भी कपडे पहन लिए. सीमा मैडम ने एक आवाज माया मैडम को दी. माया भी अन्दर आ गई. वो कमरा था सात फुट चौड़ा और आठ फुट लंबा और उसमे चार फुट चौड़ा और सात फुट लंबा पलंग बिछा हुआ था. उस पर मारे अलावा माया ; हीना और गुलनार मैडम भी आ गई थी. वो अब एक अच्छा खासा मसाज पार्लर लग रहा था. अब माया मैडम की बारी थी. हीना और गुलनार कपडे पहनकर बाहर चली गई.
अब माया मैडम ने मुझे पकड़ लिया. मैं थोडा थक गया था और इसका पूरा फायदा माया मैडम उठा रही थी. वो अब मेरे ऊपर बैठ गई. मेरे लिंग को अपने जननांग में घुसाया और खुद ही अपने पैरों के बल ऊपर नीचे होकर मेरे ली को जानांग से अन्दर बाहर करने लगी. मुझे माया मैडम का यह अंदाज बहुत पसंद आया. माया मैडम ने पूरे आधे घंटे से भी ज्यादा समय तक इसी अंदाज में मेरे साथ मजा किया. जब मैंने माया मैडम के सामने अपने हाथ खड़े कर दिए तो माया मैडम मेरे ऊपर से उठ गई. तीनों ने मुझे रूपये दिए औरन अपनी ड्यूटी पर क्लब आ गया.