hotaks444
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रानी को पापा का लंड छूते ही अजीब आइ सनसनी हुई। उसने हाथ उसके ऊपर से लेकर झुक कर फिर दूसरी तरफ़ तेल लगाया और अब उसकी मादक छातियाँ उनको बड़े क़रीब से महसूस हो रही थीं।कमर में तेल लगते हुए जब वो फिर बीच की तरफ़ आयी तो फिर उसका हाथ लंड से टकरा गया। तभी रानी को इतना पास देखके उनका धैर्य जवाब दे गया और उन्होंने रानी को अपनी बाहों में खींचकर अपने होंठ उसके होंठ से चिपका दिए और चूसने लगे।रानी का हाथ अभी भी लंड पर था और उसका रहा सहा विरोध भी ख़त्म हो गया।अब पापा के हाथ उसकी मस्तानी छातियों को दबा रहे थे, और उसके निपल्ज़ को छेड़ रहे थे।अब वो भी मस्ती में आकर उनके लंड को अपनी मुट्ठी में लेकर मसलने लगी थी।पापा ने उसके नितम्बों पर भी हाथ लेंकर उनको भी मज़े से दबाये।फिर वो रानी को खड़ा किए और उसके गाउन को उतार दिए और ब्रा और पैंटी में अपनी बहु को देखकर पागल से हो गए।उन्होंने उसको बिस्तर पर लिटा दिया और उसके छातियों को ब्रा के ऊपर से दबाए और गिर ब्रा खोलके उनकी सुंदरता को देखते हुए उनको मुँह में ले लिए और चूसने लगे।फिर वो उसके पेट और नाभि को चूमते हुए उसकी पैंटी तक पहुँचे और उसको गीली देखके ख़ुश होकर उसको सूँघने लगे, और बोले- आह बेटी, क्या ख़ुशबू है तुम्हारी चूत की , देखो कैसे कामरस से भीग गयी है।फिर पैंटी को खसका के उसकी चूत चाटने लगे।
अब रानी भी मज़े से बोलने लगी- आह पापा क्या कर रहे हैं, मर जाऊँगी ,
उफ़्फ़्फ़्फ,बसससस्स करिए आऽऽहहहह।अब उन्होंने उसकी पैंटी उतरी और रानी ने इसके लिए अपनी कमर उठा दी।अब वो पूरी चूत को उसकी टाँगें फैलाकर देख रहे फिर इसको चूमने लगे।उनकी जीभ जैसे उसको चोद रही थी।फिर उन्होंने अपना लंड रानी की छातियों के बीच रखा और उनको दबाते हुए उसकी छातियाँ चोदने लगे।उनका लंड रानी की ठुड्डी से टकरा रहा था।रानी ने अपनी जीभ बाहर की और उनके सुपारे को चाटने लगी।फिर वो लंड उसके मुँह में अंदर बाहर करने लगे, जैसे मुँह को ही चोद रहे हों।फिर वो नीचे खिसके और उसकी चूत के मुँह पर अपना लंड रखे और एक झटके में लंड आउल दिया।वो चिल्ला उठी- पापा धीरे से आह दर्द होता है।
वो बोले-अरे २ साल से राज से चूद रही है, अब तक तो चूदाइ का एक्स्पर्ट हो जाना था।
वो बोली- पापा उनका इतना मोटा नहीं है। आपका तो एकदम मूसल जैसा है।
वो बोले- तभी तो मज़ा आएगा मेरी बच्ची। फिर वो उसको पूरी ताक़त से चोदने लगे।रानी भी नीचे से नितम्बों को उछाल कर उनका साथ दे रही थी। थोड़ी देर बाद दोनों का पानी छूट गया।वो दोनों नंगे एक दूसरे से लिपटके बैठे थे।तब उसकी छाती को दबाते हुए वो बोले- बेटी मज़ा आया?
रानी ने शर्माते हुए कहा- बहुत मज़ा आया पापा। फिर वो उसके मोटे नितम्बों पर हाथ से सहलाते हुए बोले-अब जितने दिन यहाँ हूँ, रोज़ दोगी ना?
रानी ने हाँ मेंसर हिला दिया, फिर बोली- आप जानते हो , ये पहली बार मैंने राज को धोखा दिया है। राज के बाद आप दूसरे मर्द हो जो मेरे साथ किए हो।अगर राज को पता चलेगा तो उनको ख़राब लगेगा।
वो मुस्कुराकर बोले- चलो आज मैं ही राज को बता दूँगा।
रानी सन्न रह गयी और बोली- नहीं पापा आप ऐसा नहीं करना वरना वो मुझे तलाक ना दे दें।
वो हँसते हुए बोले- वो तलाँक देगा तो मुझसे शादी कर लेना।फिर दोनों हँसने लगे।वो बोले- चलो हम साथ में नहाते हैं।
रानी- पापा आपको कोई चोट नहीं लगी थी ना, ये सब आप मुझे पाने के लिए नाटक किए थे ना?
वो हँसकर बोले- सही पकड़ा है तुमने, मैंने तुमको पाने के लिए ये नाटक किया था।
वो बोली- पापा आप भी ना फ़ालतू मुझे डरा दिया।और ये कहते हुए उसने उनका नरम लंड हाथ में लेकर सहलाने लगी।फिर वो दोनों नहाने गए, वहाँ बहुत मस्ती की उन दोनों ने।नाश्ते के बाद पापा राज के ऑफ़िस गए।शाम को दोनों वापस आए और फ़ोर पापा ने कहा- राज कुछ व्हिस्की वग़ैरह है क्या। राज मुस्कुराते हुए बोतल लाया और दोनों पीने बैठ गए।पापा ने रानी को भी पीने को कहा पर जाने मना कर दिया।अब थोड़ा नशे में आने के बाद जब रानी उनके लिए चिप्स तलके लायी तो राज ने देखा की पापा उसके नितम्बों को ललचायी नज़रों से देख रहे हैं, उसके मन में एक ख़ुराफ़ात आइ और वो उठकर बाथरूम गया पर वो दरवाज़े से बाहर झाँक रहा था, पता नहीं उसको लगा की शायद पापा रानी के साथ कुछ हरकत करेंगे।ये सोचके उसका लंड खड़ा हो गया था।तभी पापा रानी के हाथ में रखी प्लेट से चिप्स लिए और रानी की छाती दबा दिए।रानी उफ़्फ़्फ करके बोली- क्या कर रहे हैं, राज आते हो होंगे।पर पापा ने जैसे ध्यान ही नहीं दिया और उसको गोद में खिंचके चूमने लगे और उसके मस्त नितम्बों को सहलाने लगे।राज हैरानी आव देख रहा था,और उत्तेजित हो रहा था, उसे रानी या पापा पर ग़ुस्सा नहीं आ रहा था, हे उसको ख़ुद अजीब लगा।फिर राज ने दरवाज़े में आवाज़ की तो रानी पापा की गोद से उठाकर सोफ़े पर बैठ गयी, पर उसकी छातीऊपर नीचे हो रही थी, उत्तेजना से साँस जो फूल गई थी।राज ने ऐसे दिखाया की जैसे कुछ हुआ नहीं।फिर वो पापा से उनकी नयी सेक्रेटरी के बारे में पूछने लगा।वो बोला- पाप सुना है आपने एक नयी जवान सेक्रेटेरी रखी है,माँ की डेथ के बाद उसको मेरी माँ तो नहीं बना दोगे।पापा- अरे नहीं ऐसा कुछ नहीं है, हे लोग मेरे बारे में ऐसे ही उड़ाते रहते हैं।राज- अच्छा पापा ये बताओ कि वो रानी से ज़्यादा सुंदर है क्या? पापा- अरे हमारी बहु और उसका क्या मुक़ाबला? हमारी बहु तो सोना है और वो सिक्रीटरी तो पीतल है।राज- पापा वो ज़्यादा सेक्सी है या रानी? पापा- अरे अपनी बहु बहुत सेक्सी है।नशे में वो भूल गए थे कि वो अपने बेटे के सामने अपनी बहु को सेक्सी बोल रहे थे!राज- पापा किस मायने में ये ज़्यादा सेक्सी है?पापा-अरे हर मायने में।बहु के नितम्ब कितने मस्त हैं और वक्ष तो बिलकुल आम की तरह बड़े और नरम हैं।राज- आपको कैसे पता की वो नरम हैं? रानी को लगा कि वो शर्म के मारे मार ही जाएगी। नशे में बाप बेटे बहुत ही अजीब बातें कर रहे थे।पापा को समझ में आ गया की ग़लती हो गयी है, पर उनको ये महसूस हुआ की राज ग़ुस्से में नहीं है बल्कि उत्तेजित है, जो उसके पैंट के उभार से पता चल रहा था।तब वो भी उसी बहाव में बोला- अरे आज ग़लती से मेरा हाथ उसकी छटी को छू गया था, तभी पता चला।अब राज बहुत उत्तेजित हो चुका था, वो बोला- पापा आप ऐसा करो रानी की छाती को तरीक़े से दबाकर बताओ की इसकी छाती मस्त है या उस सिक्रीटरी की? अब रानी झटके से बोली- क्या फ़ालतू बात कर रहे हो? ऐसा कैसे हो सकता है? राज- अरे मेरी जान, एक बार पकड़के चेक कर लेंगे तो तुम्हारा क्या जाएगा? फिर वो रानी के पास आकर बैठ गया और उसकी साड़ी म आँचल गिराके बोला- लो पापा चेक करो।पापा ने रानी को आँख मारी और चुप रहने का इशारा किया और हाथ बढ़ाकर उसकी छाती को दबाया।फिर बोले- अरे ऐसे कहाँ पता चलेगा नंगी छाती दबाने से समझ आएगा। इसपर राज ने रानी के ब्लाउस को खोलना शुरू किया, रानी ने दिखावटी विरोध किया , फिर चुप हो गयी।ब्लाउस खोलने के बाद उसने पापा से पूछा - ब्रा भी निकालूँ क्या? वो बोले- हाँ, तभी ठीक से समझ में आएगा। फिर राज ने ब्रा भी अलग कर दी, अब रानी बाप बेटे के सामने कमर के ऊपर नंगी थी।पापा ने अब उसके दोनों उभारों को मज़े से दबाना शुरू किया और रानी की सिसकारियाँ गूँजने लगीं।राज भी शराब और सेक्स की मस्ती से पापा को अपनी बीवी की जवानी से खेलते देख रहा था।उन दोनों का लंड कड़ा हो चुका था।फिर पापा ने कहा - हमारी बहु का हुस्न उस सिक्रीटरी के हुस्न से दस गुना मादक है, अरे दोनों का कोई मुक़ाबला ही नहीं।राज बहु की छातियाँ देखकर बाक़ी सब भी देखने की इच्छा हो रही है, अगर तुम बुरा ना मानो तो? राज- अरे उसने बुरा मानने की क्या बात है,रानी चलो पापा को अपना सेक्सी जिस्म दिखा दो मेरी जान।रानी ने फिर बनावटी ग़ुस्सा दिखाया पर राज के कहने पर मान गई, क्योंकि अब वो भी इस खेल से उत्तेजित हो गयी थी और उसको भी मज़ा आने लगा था।साथ ही सुबह की मस्त चूदाइ याद करके उसकी चूत बिलकुल गीली हो गयी थी।वो राज और पापा के सामने खड़ी हो गयी और उसने अपना पेटी कोट का नाड़ा खोलने लगी और उसने दोनों मर्दों मी ओर देखते हुए किसी रंडि की तरह धीरे से अपना वस्त्र उतार दी।अब सिर्फ़ पैंटी में सामने से उसकी चूत की फाँकें और पीछे से उसके भरे हुए गोल गोल नितम्ब अपनी छटा बिखेर रहे थे।वो दोनों मुँह खोलके अपने लंड को दबा रहे थे।फिर उसकी चूत पर हाथ फेरते हुए राज बोला- रानी ये छोटा सा पर्दा भी क्यों? इसे भी उतार दो और पापा को अपनी चूत के भी दर्शन करा दो।अब रानी भी मस्त हो गयी थी। वो बोली- पापा अब ये तो आप ही उतार दो ना प्लीज़। पापा और राज को लगा की उनके लंड कहीं उत्तेजना से पानी ना छोड़ दें।फिर पापा ने उसकी पैंटी में हाथ डाला और उसको धीरे से उतार दिया।
अब रानी भी मज़े से बोलने लगी- आह पापा क्या कर रहे हैं, मर जाऊँगी ,
उफ़्फ़्फ़्फ,बसससस्स करिए आऽऽहहहह।अब उन्होंने उसकी पैंटी उतरी और रानी ने इसके लिए अपनी कमर उठा दी।अब वो पूरी चूत को उसकी टाँगें फैलाकर देख रहे फिर इसको चूमने लगे।उनकी जीभ जैसे उसको चोद रही थी।फिर उन्होंने अपना लंड रानी की छातियों के बीच रखा और उनको दबाते हुए उसकी छातियाँ चोदने लगे।उनका लंड रानी की ठुड्डी से टकरा रहा था।रानी ने अपनी जीभ बाहर की और उनके सुपारे को चाटने लगी।फिर वो लंड उसके मुँह में अंदर बाहर करने लगे, जैसे मुँह को ही चोद रहे हों।फिर वो नीचे खिसके और उसकी चूत के मुँह पर अपना लंड रखे और एक झटके में लंड आउल दिया।वो चिल्ला उठी- पापा धीरे से आह दर्द होता है।
वो बोले-अरे २ साल से राज से चूद रही है, अब तक तो चूदाइ का एक्स्पर्ट हो जाना था।
वो बोली- पापा उनका इतना मोटा नहीं है। आपका तो एकदम मूसल जैसा है।
वो बोले- तभी तो मज़ा आएगा मेरी बच्ची। फिर वो उसको पूरी ताक़त से चोदने लगे।रानी भी नीचे से नितम्बों को उछाल कर उनका साथ दे रही थी। थोड़ी देर बाद दोनों का पानी छूट गया।वो दोनों नंगे एक दूसरे से लिपटके बैठे थे।तब उसकी छाती को दबाते हुए वो बोले- बेटी मज़ा आया?
रानी ने शर्माते हुए कहा- बहुत मज़ा आया पापा। फिर वो उसके मोटे नितम्बों पर हाथ से सहलाते हुए बोले-अब जितने दिन यहाँ हूँ, रोज़ दोगी ना?
रानी ने हाँ मेंसर हिला दिया, फिर बोली- आप जानते हो , ये पहली बार मैंने राज को धोखा दिया है। राज के बाद आप दूसरे मर्द हो जो मेरे साथ किए हो।अगर राज को पता चलेगा तो उनको ख़राब लगेगा।
वो मुस्कुराकर बोले- चलो आज मैं ही राज को बता दूँगा।
रानी सन्न रह गयी और बोली- नहीं पापा आप ऐसा नहीं करना वरना वो मुझे तलाक ना दे दें।
वो हँसते हुए बोले- वो तलाँक देगा तो मुझसे शादी कर लेना।फिर दोनों हँसने लगे।वो बोले- चलो हम साथ में नहाते हैं।
रानी- पापा आपको कोई चोट नहीं लगी थी ना, ये सब आप मुझे पाने के लिए नाटक किए थे ना?
वो हँसकर बोले- सही पकड़ा है तुमने, मैंने तुमको पाने के लिए ये नाटक किया था।
वो बोली- पापा आप भी ना फ़ालतू मुझे डरा दिया।और ये कहते हुए उसने उनका नरम लंड हाथ में लेकर सहलाने लगी।फिर वो दोनों नहाने गए, वहाँ बहुत मस्ती की उन दोनों ने।नाश्ते के बाद पापा राज के ऑफ़िस गए।शाम को दोनों वापस आए और फ़ोर पापा ने कहा- राज कुछ व्हिस्की वग़ैरह है क्या। राज मुस्कुराते हुए बोतल लाया और दोनों पीने बैठ गए।पापा ने रानी को भी पीने को कहा पर जाने मना कर दिया।अब थोड़ा नशे में आने के बाद जब रानी उनके लिए चिप्स तलके लायी तो राज ने देखा की पापा उसके नितम्बों को ललचायी नज़रों से देख रहे हैं, उसके मन में एक ख़ुराफ़ात आइ और वो उठकर बाथरूम गया पर वो दरवाज़े से बाहर झाँक रहा था, पता नहीं उसको लगा की शायद पापा रानी के साथ कुछ हरकत करेंगे।ये सोचके उसका लंड खड़ा हो गया था।तभी पापा रानी के हाथ में रखी प्लेट से चिप्स लिए और रानी की छाती दबा दिए।रानी उफ़्फ़्फ करके बोली- क्या कर रहे हैं, राज आते हो होंगे।पर पापा ने जैसे ध्यान ही नहीं दिया और उसको गोद में खिंचके चूमने लगे और उसके मस्त नितम्बों को सहलाने लगे।राज हैरानी आव देख रहा था,और उत्तेजित हो रहा था, उसे रानी या पापा पर ग़ुस्सा नहीं आ रहा था, हे उसको ख़ुद अजीब लगा।फिर राज ने दरवाज़े में आवाज़ की तो रानी पापा की गोद से उठाकर सोफ़े पर बैठ गयी, पर उसकी छातीऊपर नीचे हो रही थी, उत्तेजना से साँस जो फूल गई थी।राज ने ऐसे दिखाया की जैसे कुछ हुआ नहीं।फिर वो पापा से उनकी नयी सेक्रेटरी के बारे में पूछने लगा।वो बोला- पाप सुना है आपने एक नयी जवान सेक्रेटेरी रखी है,माँ की डेथ के बाद उसको मेरी माँ तो नहीं बना दोगे।पापा- अरे नहीं ऐसा कुछ नहीं है, हे लोग मेरे बारे में ऐसे ही उड़ाते रहते हैं।राज- अच्छा पापा ये बताओ कि वो रानी से ज़्यादा सुंदर है क्या? पापा- अरे हमारी बहु और उसका क्या मुक़ाबला? हमारी बहु तो सोना है और वो सिक्रीटरी तो पीतल है।राज- पापा वो ज़्यादा सेक्सी है या रानी? पापा- अरे अपनी बहु बहुत सेक्सी है।नशे में वो भूल गए थे कि वो अपने बेटे के सामने अपनी बहु को सेक्सी बोल रहे थे!राज- पापा किस मायने में ये ज़्यादा सेक्सी है?पापा-अरे हर मायने में।बहु के नितम्ब कितने मस्त हैं और वक्ष तो बिलकुल आम की तरह बड़े और नरम हैं।राज- आपको कैसे पता की वो नरम हैं? रानी को लगा कि वो शर्म के मारे मार ही जाएगी। नशे में बाप बेटे बहुत ही अजीब बातें कर रहे थे।पापा को समझ में आ गया की ग़लती हो गयी है, पर उनको ये महसूस हुआ की राज ग़ुस्से में नहीं है बल्कि उत्तेजित है, जो उसके पैंट के उभार से पता चल रहा था।तब वो भी उसी बहाव में बोला- अरे आज ग़लती से मेरा हाथ उसकी छटी को छू गया था, तभी पता चला।अब राज बहुत उत्तेजित हो चुका था, वो बोला- पापा आप ऐसा करो रानी की छाती को तरीक़े से दबाकर बताओ की इसकी छाती मस्त है या उस सिक्रीटरी की? अब रानी झटके से बोली- क्या फ़ालतू बात कर रहे हो? ऐसा कैसे हो सकता है? राज- अरे मेरी जान, एक बार पकड़के चेक कर लेंगे तो तुम्हारा क्या जाएगा? फिर वो रानी के पास आकर बैठ गया और उसकी साड़ी म आँचल गिराके बोला- लो पापा चेक करो।पापा ने रानी को आँख मारी और चुप रहने का इशारा किया और हाथ बढ़ाकर उसकी छाती को दबाया।फिर बोले- अरे ऐसे कहाँ पता चलेगा नंगी छाती दबाने से समझ आएगा। इसपर राज ने रानी के ब्लाउस को खोलना शुरू किया, रानी ने दिखावटी विरोध किया , फिर चुप हो गयी।ब्लाउस खोलने के बाद उसने पापा से पूछा - ब्रा भी निकालूँ क्या? वो बोले- हाँ, तभी ठीक से समझ में आएगा। फिर राज ने ब्रा भी अलग कर दी, अब रानी बाप बेटे के सामने कमर के ऊपर नंगी थी।पापा ने अब उसके दोनों उभारों को मज़े से दबाना शुरू किया और रानी की सिसकारियाँ गूँजने लगीं।राज भी शराब और सेक्स की मस्ती से पापा को अपनी बीवी की जवानी से खेलते देख रहा था।उन दोनों का लंड कड़ा हो चुका था।फिर पापा ने कहा - हमारी बहु का हुस्न उस सिक्रीटरी के हुस्न से दस गुना मादक है, अरे दोनों का कोई मुक़ाबला ही नहीं।राज बहु की छातियाँ देखकर बाक़ी सब भी देखने की इच्छा हो रही है, अगर तुम बुरा ना मानो तो? राज- अरे उसने बुरा मानने की क्या बात है,रानी चलो पापा को अपना सेक्सी जिस्म दिखा दो मेरी जान।रानी ने फिर बनावटी ग़ुस्सा दिखाया पर राज के कहने पर मान गई, क्योंकि अब वो भी इस खेल से उत्तेजित हो गयी थी और उसको भी मज़ा आने लगा था।साथ ही सुबह की मस्त चूदाइ याद करके उसकी चूत बिलकुल गीली हो गयी थी।वो राज और पापा के सामने खड़ी हो गयी और उसने अपना पेटी कोट का नाड़ा खोलने लगी और उसने दोनों मर्दों मी ओर देखते हुए किसी रंडि की तरह धीरे से अपना वस्त्र उतार दी।अब सिर्फ़ पैंटी में सामने से उसकी चूत की फाँकें और पीछे से उसके भरे हुए गोल गोल नितम्ब अपनी छटा बिखेर रहे थे।वो दोनों मुँह खोलके अपने लंड को दबा रहे थे।फिर उसकी चूत पर हाथ फेरते हुए राज बोला- रानी ये छोटा सा पर्दा भी क्यों? इसे भी उतार दो और पापा को अपनी चूत के भी दर्शन करा दो।अब रानी भी मस्त हो गयी थी। वो बोली- पापा अब ये तो आप ही उतार दो ना प्लीज़। पापा और राज को लगा की उनके लंड कहीं उत्तेजना से पानी ना छोड़ दें।फिर पापा ने उसकी पैंटी में हाथ डाला और उसको धीरे से उतार दिया।