hotaks444
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रेणुका मचल उठी: ओह हहहह… मनीष प्लीज़ करो न.
मैंने भी उसको तड़पाना जारी रखा और रेणुका को बोला: तुम्हें कैसा लंड पसंद है?
रेणुका नशे में थी लेकिन चुप हो गयी.
मैंने फिर से उसे उकसाया तो वो बोल पड़ी: मोटा और लंबा…
उसकी बातें मुझे मदहोश करने लगी थी और मेरी बातों ने उसे भी जोश चढ़ा दिया. नशे में तो वो थी ही. पता नही मुझे क्या हुआ. जिस बात से मैंने चिढ रहा था मैंने वही रेणुका से पूछ लिया "आज राजेश बहुत लाईन दे रहा था तुमको. उसे ही बुला दूँ क्या?"
रेणुका बोल पड़ी "किसी को भी बुला दो. राजेश को ही बुला दो"
नशे में मैं रेणुका के उपर चढ़ गया और उसकी चुत में लंड सटा कर उसके कानों में बोला "जान सोचो की अब राजेश छाबड़ा तुम्हे चोद रहा है."
इतना सुनते ही रेणुका ने मुझे कस लिया और किस करने लगी.
मैंने लन्ड उसकी चुत में घुसा दिया और झटके मारने शुरू कर दिए. उसने हर शॉट में "आह ओह्ह हहहह राजेश… फ़क मी…" बोलना शुरू कर दिया.
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उसकी बातें सुन सुन कर मेरा लंड भी टाइट हो गया जिसका पूरा मज़ा अब रेणुका ले रही थी. मेरा हर झटका उसकी चुत के अंदर तक जाता हुआ उसे सातवें आसमान पर ले जा रहा था. मैंने पुछा "क्यों राजेश छाबड़ा का लंड कैसा लगा मेरी बीवी को"
अब रेणुका खुल के बड़बड़ाने लगी "मुझे राजेश से चुदने में मज़ा आ रहा है… उम्म्ह… अहह… हय… याह… चोदो और चोदो मुझे"
ये सुन कर मेरी उत्तेजना बहुत बढ़ गयी और मैंने धक्को की रफ़्तार को दुगुना कर दिया और देखते ही देखते रेणुका और मैं निढाल हो गये. हम दोनों ही नंगे ही सो गए. करीब २ घंटे बाद मेरी नींद खुली. राजेश वाली बात याद करके मेरा लंड फिर से मस्ती में खड़ा हो गया. अब मैंने उसे रेणुका की गांड के बीच में सटा दिया और उसकी गर्दन में किस करना शुरू कर दिया. रेणुका भी जाग गई और अपनी गांड को हिलाने लगी.
हम एक दूसरे के होठों को चूसने लगे. रेणुका ने अपना एक हाथ नीचे किया और मेरे लन्ड को अपनी चुत में फंसा दिया और कमर हिलाने लगी. मैं भी मस्ती में उसकी चुदाई करने लगा.
मैंने भी उसको तड़पाना जारी रखा और रेणुका को बोला: तुम्हें कैसा लंड पसंद है?
रेणुका नशे में थी लेकिन चुप हो गयी.
मैंने फिर से उसे उकसाया तो वो बोल पड़ी: मोटा और लंबा…
उसकी बातें मुझे मदहोश करने लगी थी और मेरी बातों ने उसे भी जोश चढ़ा दिया. नशे में तो वो थी ही. पता नही मुझे क्या हुआ. जिस बात से मैंने चिढ रहा था मैंने वही रेणुका से पूछ लिया "आज राजेश बहुत लाईन दे रहा था तुमको. उसे ही बुला दूँ क्या?"
रेणुका बोल पड़ी "किसी को भी बुला दो. राजेश को ही बुला दो"
नशे में मैं रेणुका के उपर चढ़ गया और उसकी चुत में लंड सटा कर उसके कानों में बोला "जान सोचो की अब राजेश छाबड़ा तुम्हे चोद रहा है."
इतना सुनते ही रेणुका ने मुझे कस लिया और किस करने लगी.
मैंने लन्ड उसकी चुत में घुसा दिया और झटके मारने शुरू कर दिए. उसने हर शॉट में "आह ओह्ह हहहह राजेश… फ़क मी…" बोलना शुरू कर दिया.
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उसकी बातें सुन सुन कर मेरा लंड भी टाइट हो गया जिसका पूरा मज़ा अब रेणुका ले रही थी. मेरा हर झटका उसकी चुत के अंदर तक जाता हुआ उसे सातवें आसमान पर ले जा रहा था. मैंने पुछा "क्यों राजेश छाबड़ा का लंड कैसा लगा मेरी बीवी को"
अब रेणुका खुल के बड़बड़ाने लगी "मुझे राजेश से चुदने में मज़ा आ रहा है… उम्म्ह… अहह… हय… याह… चोदो और चोदो मुझे"
ये सुन कर मेरी उत्तेजना बहुत बढ़ गयी और मैंने धक्को की रफ़्तार को दुगुना कर दिया और देखते ही देखते रेणुका और मैं निढाल हो गये. हम दोनों ही नंगे ही सो गए. करीब २ घंटे बाद मेरी नींद खुली. राजेश वाली बात याद करके मेरा लंड फिर से मस्ती में खड़ा हो गया. अब मैंने उसे रेणुका की गांड के बीच में सटा दिया और उसकी गर्दन में किस करना शुरू कर दिया. रेणुका भी जाग गई और अपनी गांड को हिलाने लगी.
हम एक दूसरे के होठों को चूसने लगे. रेणुका ने अपना एक हाथ नीचे किया और मेरे लन्ड को अपनी चुत में फंसा दिया और कमर हिलाने लगी. मैं भी मस्ती में उसकी चुदाई करने लगा.