hotaks444
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दोस्तो अब तक आपने पढ़ा की किस तरह दो हसिनाओ ने मुझे अपने प्रेम से सरोबार किया जिन्हे मैं जनता ही नही था कि आख़िर वो कौन थीं??????????????
अब आप तीसरा वाक़या भी सुनिए देखिए इस बार एक शादी मे क्या हुआ
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शादी मे
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मैं एक अच्छी फॅमिली से हू. इंडिया मे देल्ही मे रहता हू. मेरे पेरेंट्स का बिज़्नेस है. मेरी हाइट तकरीबन 6 फुट रंग बोहोत गोरा चोवडा सीना और सीने पे बाल. मैं अपने इंजिनियरिंग कॉलेज का अथलेटिक चॅंपियन भी था. ऑन दा होल मैं एक बोहोत ही हॅंडसम लड़का हू. किसी अच्छे ख़ासे सेक्सी मॉडेल से कम नही हू लोल.
यूँ तो कॉलेज मे बोहोत सारे दोस्त थे लैकिन कुछ दोस्त बोहोत करीबी थे जिस्मै एक अरुण भी था. हम दोनो हमेशा ही साथ रहते, साथ खेलते और अपने सीक्रेट्स भी एक दूसरे से शेर करते थे. दोनो की कॉलेज की प्रेमिकाएँ भी थी और हम उनके साथ चुदाई भी कर चुके थे और कभी कभी तो हम एक दूसरे की प्रेमिकाओं से बदल बदल के भी चोद चुके थे. मेरा लंड भी बोहोत अछा लंबा, मोटा और सख़्त है. लंड के सामने का लंड का सूपड़ा एक दम से चिकना और हेल्मेट जैसा है और पायंटेड है जो चूत के अंदर घुस्स के बच्चे दानी को डाइरेक्ट हिट करता है और चुदवाने वाली लड़की या औरत को बोहोत मज़ा आता है. और जिसने एक बार मुझ से चुदवा लिया वो मेरे लंड की दीवानी हो जाती है और बार बार मुझ से चुदवाना चाहती है.
अरुण की शादी को तकरीबन 1 साल हो रहा था और मेरी शादी को तकरीबन 6 महीने हुए थे. अरुण ने मुझे बताया के उसकी वाइफ को हमारे कॉलेज के सारे किस्से सुना चुक्का है तो उस दिन से मुझे उसकी वाइफ उषा से शरम आने लगी है.
उषा भाभी एक बोहोत ही सुन्दर लड़की है उमर भी उतनी ज़ियादा नही है होगी कोई 23 – या 24 साल की. रंग भी बोहोत गोरा और सिडोल बदन. मैं ने कभी उनकी तरफ ग़लत नज़रों से नही देखा.
खैर. हुआ ऐसे के अरुण की किसी कज़िन की शादी थी और वो प्रेशर डाल रहा था के मैं भी अपनी वाइफ के साथ वो शादी मे उन लोगो के साथ कोलकाता जाउ. शादी कोलकाता मे थी. मेरी समझ मे नही आ रहा था के क्या करूँ जाऊं या ना जाऊं. मेरी वाइफ अपने मैके गई हुई थी. मैं अकेला ही था. इधर जॉब क़ा भी मसला था.
अरुण ने कहा के अरे यार ऐसे मौके बार बार नही आते और तू ने अभी तक कोलकाता देखा भी नही है और एक आँख दबा के बोला के बेंगाल का रसगुल्ला तो बोहोत मशहूर है खाएगा नही क्या. इतना सुनना था के मेरे बदन मे जैसे एलेक्ट्रिसिटी दौड़ गई और मैं ने कहा के देखो मैं ट्राइ करता हू और अगर मुझे छुट्टी मिल जाती है तो मैं चलता हू नही तो जाने दो फिर कभी देखेंगे. वो मान गया. अगले दिन मैं ने एक वीक की छुट्टी की अप्लिकेशन दे दी जो थोड़ी सी आगे पीछे कर के अप्रूव हो गई.
यूँ तो अरुण था गुजराती और हमेशा ही कहता था के यार कभी मेरे साथ आमेडबॅड चल और किसी गुजराती चूत का मज़ा ले. गुजजु चूते बोहोत सेक्सी, गरम आंड गीली होती हैं. मैं ने सोचा के अरुण के रिलेटिव्स’ ज़रूर आएँगे तो मैं भी देखु के आख़िर गुजजु लड़कियाँ होती कैसी हैं. मैं ने कभी कोई गुजराती लड़की को इतने करीब से देखा नही था इसी लिए देखने की और चोदने की तमन्ना थी दिल मे.
अरुण की दो सिस्टर थी कमला. कमला अरुण से तकरीबन 5 - 6 साल बड़ी थी. उसकी शादी हो चुकी थी पर अभी तक उसके कोई संतान नही हुई थी. घाटेला बदन गोरा रंग काली बड़ी बड़ी लाइट ब्राउन आँखें लंबे बाल मस्त चुचियाँ, होंगे तकरीबन 36 के साइज़ की. ऑन दा होल कमला एक सुंदर औरत थी लैकिन वो मेरे दोस्त की बहेन थी और मुझ से बड़ी थी इसी लिए मुझे कमला के साथ चुदाई का ध्यान भी नही आया. मैं ने कमला की आँखों मे एक प्यास देखी है ऐसी प्यास जिनकी चूत प्यासी हो और आचे लंबे मोटे लंड से चुदवा के अपनी प्यासी चूत की प्यास को बुझाना चाहती हो. वो मुझे से डबल मीनिंग के मज़ाक करती थी जैसे उषा भाभी क्या करती हैं तो मेरी हालत बुरी हो जाती कभी कभी तो लंड भी उठ खड़ा होता और उनकी नज़र मेरे खड़े लंड पे पड़ती तो वो मुस्कुरा के कहती लगता है वाइफ की बोहोत याद आ रही है.
कहो तो कुछ खिला दू या कुछ पीला दू तो मैं उनकी सूरत देखता का देखता ही रह जाता. कभी कभी ख़याल आता के शाएद उनका पति उनको सही तरीके से चोद्ता नही होगा. वो मोस्ट ऑफ दा टाइम्स खामोश ही रहा करती थी जिस से यह यकीन होता दिखाई देता के वो किसी सच मे अछी और लंबी चुदाई का मज़ा नही ले सकी होगी अभी तक और इसी लिए उनकी चूत प्यासी की प्यासी ही रह गई होगी. कभी कभी तो मंन करता के हिम्मत कर के उसको इतनी ज़ोर से धक्के
मार मार के चोद डालूं ताकि उसकी प्यास हमेशा के लिए बुझ जाए और उसकी आँखों की चमक वापस आ जाए.
अब आप तीसरा वाक़या भी सुनिए देखिए इस बार एक शादी मे क्या हुआ
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शादी मे
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मैं एक अच्छी फॅमिली से हू. इंडिया मे देल्ही मे रहता हू. मेरे पेरेंट्स का बिज़्नेस है. मेरी हाइट तकरीबन 6 फुट रंग बोहोत गोरा चोवडा सीना और सीने पे बाल. मैं अपने इंजिनियरिंग कॉलेज का अथलेटिक चॅंपियन भी था. ऑन दा होल मैं एक बोहोत ही हॅंडसम लड़का हू. किसी अच्छे ख़ासे सेक्सी मॉडेल से कम नही हू लोल.
यूँ तो कॉलेज मे बोहोत सारे दोस्त थे लैकिन कुछ दोस्त बोहोत करीबी थे जिस्मै एक अरुण भी था. हम दोनो हमेशा ही साथ रहते, साथ खेलते और अपने सीक्रेट्स भी एक दूसरे से शेर करते थे. दोनो की कॉलेज की प्रेमिकाएँ भी थी और हम उनके साथ चुदाई भी कर चुके थे और कभी कभी तो हम एक दूसरे की प्रेमिकाओं से बदल बदल के भी चोद चुके थे. मेरा लंड भी बोहोत अछा लंबा, मोटा और सख़्त है. लंड के सामने का लंड का सूपड़ा एक दम से चिकना और हेल्मेट जैसा है और पायंटेड है जो चूत के अंदर घुस्स के बच्चे दानी को डाइरेक्ट हिट करता है और चुदवाने वाली लड़की या औरत को बोहोत मज़ा आता है. और जिसने एक बार मुझ से चुदवा लिया वो मेरे लंड की दीवानी हो जाती है और बार बार मुझ से चुदवाना चाहती है.
अरुण की शादी को तकरीबन 1 साल हो रहा था और मेरी शादी को तकरीबन 6 महीने हुए थे. अरुण ने मुझे बताया के उसकी वाइफ को हमारे कॉलेज के सारे किस्से सुना चुक्का है तो उस दिन से मुझे उसकी वाइफ उषा से शरम आने लगी है.
उषा भाभी एक बोहोत ही सुन्दर लड़की है उमर भी उतनी ज़ियादा नही है होगी कोई 23 – या 24 साल की. रंग भी बोहोत गोरा और सिडोल बदन. मैं ने कभी उनकी तरफ ग़लत नज़रों से नही देखा.
खैर. हुआ ऐसे के अरुण की किसी कज़िन की शादी थी और वो प्रेशर डाल रहा था के मैं भी अपनी वाइफ के साथ वो शादी मे उन लोगो के साथ कोलकाता जाउ. शादी कोलकाता मे थी. मेरी समझ मे नही आ रहा था के क्या करूँ जाऊं या ना जाऊं. मेरी वाइफ अपने मैके गई हुई थी. मैं अकेला ही था. इधर जॉब क़ा भी मसला था.
अरुण ने कहा के अरे यार ऐसे मौके बार बार नही आते और तू ने अभी तक कोलकाता देखा भी नही है और एक आँख दबा के बोला के बेंगाल का रसगुल्ला तो बोहोत मशहूर है खाएगा नही क्या. इतना सुनना था के मेरे बदन मे जैसे एलेक्ट्रिसिटी दौड़ गई और मैं ने कहा के देखो मैं ट्राइ करता हू और अगर मुझे छुट्टी मिल जाती है तो मैं चलता हू नही तो जाने दो फिर कभी देखेंगे. वो मान गया. अगले दिन मैं ने एक वीक की छुट्टी की अप्लिकेशन दे दी जो थोड़ी सी आगे पीछे कर के अप्रूव हो गई.
यूँ तो अरुण था गुजराती और हमेशा ही कहता था के यार कभी मेरे साथ आमेडबॅड चल और किसी गुजराती चूत का मज़ा ले. गुजजु चूते बोहोत सेक्सी, गरम आंड गीली होती हैं. मैं ने सोचा के अरुण के रिलेटिव्स’ ज़रूर आएँगे तो मैं भी देखु के आख़िर गुजजु लड़कियाँ होती कैसी हैं. मैं ने कभी कोई गुजराती लड़की को इतने करीब से देखा नही था इसी लिए देखने की और चोदने की तमन्ना थी दिल मे.
अरुण की दो सिस्टर थी कमला. कमला अरुण से तकरीबन 5 - 6 साल बड़ी थी. उसकी शादी हो चुकी थी पर अभी तक उसके कोई संतान नही हुई थी. घाटेला बदन गोरा रंग काली बड़ी बड़ी लाइट ब्राउन आँखें लंबे बाल मस्त चुचियाँ, होंगे तकरीबन 36 के साइज़ की. ऑन दा होल कमला एक सुंदर औरत थी लैकिन वो मेरे दोस्त की बहेन थी और मुझ से बड़ी थी इसी लिए मुझे कमला के साथ चुदाई का ध्यान भी नही आया. मैं ने कमला की आँखों मे एक प्यास देखी है ऐसी प्यास जिनकी चूत प्यासी हो और आचे लंबे मोटे लंड से चुदवा के अपनी प्यासी चूत की प्यास को बुझाना चाहती हो. वो मुझे से डबल मीनिंग के मज़ाक करती थी जैसे उषा भाभी क्या करती हैं तो मेरी हालत बुरी हो जाती कभी कभी तो लंड भी उठ खड़ा होता और उनकी नज़र मेरे खड़े लंड पे पड़ती तो वो मुस्कुरा के कहती लगता है वाइफ की बोहोत याद आ रही है.
कहो तो कुछ खिला दू या कुछ पीला दू तो मैं उनकी सूरत देखता का देखता ही रह जाता. कभी कभी ख़याल आता के शाएद उनका पति उनको सही तरीके से चोद्ता नही होगा. वो मोस्ट ऑफ दा टाइम्स खामोश ही रहा करती थी जिस से यह यकीन होता दिखाई देता के वो किसी सच मे अछी और लंबी चुदाई का मज़ा नही ले सकी होगी अभी तक और इसी लिए उनकी चूत प्यासी की प्यासी ही रह गई होगी. कभी कभी तो मंन करता के हिम्मत कर के उसको इतनी ज़ोर से धक्के
मार मार के चोद डालूं ताकि उसकी प्यास हमेशा के लिए बुझ जाए और उसकी आँखों की चमक वापस आ जाए.