Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम - Page 43 - SexBaba
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Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम

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रत्ना;को कोई गांव वाला आके बताता है की उसने देवा को खेत में देखा है तो रत्ना नीलम और ममता भागते हुए खेत में पहुँच जाते है।
देवा;खेत में काम कर रहा था।
रत्ना;ममता और नीलम रोते हुए उसके पास जाके उससे लिपट जाते है।
रत्ना;कहाँ चला गया था तू देवा अपनी माँ को छोड़ के। चल घर चल।
देवा;मुझे नहीं जाना घर वर । चले जाओ यहाँ से...
ममता;भैया कैसी बातें कर रहे हो चलो न । देखो कैसे हालत हो गई है माँ और मेरी भी। नीलम भी कितनी परेशान है।
देवा;नीलम की तरफ देखता है रो रो के तीनो की ऑखें सूज गई थी।
तभी वहां शालु और पप्पू भी आ जाते है।
सभी देवा को समझाने लगते है मगर देवा घर आने से इंकार कर देता है।
देवा;अगर मुझे घर आने के लिए मजबूर करोगे तो मै हमेशा हमेशा के लिए यहाँ से कही दूर चला जाऊँगा।
रत्ना;नहीं नहीं बेटा ऐसी बात मत कर।
शालु;रत्ना और ममता को एक तरफ ले जाती है।
देखो रत्ना अभी वो बहुत ग़ुस्से में है।
दो तीन दिन में मै उसे समझा बुझा के घर भेज दूँगी।
शुकर है वो गांव तो वापस आ गया।
तूम घर जाओ मै उसे खाना खिला कर पप्पू के साथ घर में सुला दूँगी।
रत्ना;को शालु की बात ठीक लगती है।
उसे तो बस यही ख़ुशी थी की देवा घर न सही गांव में सही सलामत तो आ गया है।
ममता और रत्ना दोनों घर चली जाती है।


और शालु पप्पू के साथ खेत में एक तरफ चली जाती है।
देवा;नीलम के पास आता है।
नीलम के कंधे पर जैसे ही वो अपना हाथ रखता है।
नीलम हाथ झटक देती है।
नीलम;मुझसे बात मत करो कहाँ चले गए थे। ज़रा भी परवाह नहीं है ना मेरी।
पता है एक पल भी जीना मुहाल हो गया था मेंरा।
देवा;नीलम को अपने सीने से लगा लेता है।
मुझे माफ़ कर दे नीलम आज के बाद मै कभी ऐसे नहीं जाऊँगा।
नीलम: सच ।
देवा: देख तेरे सर की कसम।
नीलम;आज के बाद कभी गए न तो बोल देती हूँ मै अपनी जान दे दूंगी।
देवा;इतना प्यार करती हो मुझसे।
नीलम;नफरत करती हूँ मै तुमसे।
ये कहते कहते वो दूबारा देवा के सीने से लिपट के रोने लगती है।
देवा से उसके ऑंसू बर्दाश्त नहीं होते और वो उसके ऑसू बंद करने के लिये अपने होंठ उसके होठो पर रख देता है।
नीलम;सिसकते सिसकते चुप हो जाती है।
बास कुछ ही पल गुज़रे थे मगर नीलम की ऑखों में मोहब्बत के दिए टिमटिममाने लगते है।
वो सब कुछ भूल जाती है और एक नई नवेली किसी दुल्हन की तरह देवा के छाती पर मुक्का मारके वहां से भाग जाती है।
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नीलम देवा को तड़पा के वहां से अपने घर भाग जाती है मगर देवा की कोई इच्छा नहीं थी अपने घर वापस जाने का।
शालु और पप्पू दूर खड़े देवा के बारे में ही बातें कर रहे थे। दोनो माँ बेटे सलाह करके देवा के पास आते है और शालु देवा को घर चल के खाना खाने के लिए कहती है।
देवा;मना करता है मगर शालु उसे ज़बर्दस्ती अपने घर ले आती है।
खाना खाने के बाद देवा आराम करने पीछे के रूम में चला जाता है और पप्पू अपने खेत में काम करने के लिए निकल जाता है।
शालु और नीलम घर में साफ़ सफाई कर रहे थे।
शालु;अरे नीलम बेटी वो ज़रा देवा को हल्दी वाला दूध का एक गिलास दे दो।
नीलम;ठीक है माँ। नीलम एक गिलास में दूध डालके उस में थोडी सी हल्दी मिलाके देवा के पास जाती है।
देवा उस वक़्त बिस्तर पर लेटा अपनी माँ और बहन के बारे में सोच रहा था । नीलम को देख वो उठके बैठ जाता है।
नीलम;शर्माते हुए दूध का गिलास देवा की तरफ बढाती है देवा गिलास लेने के बहाने नीलम का नाज़ुक हाथ दबा देता है।
नीलाम; बनावटी ग़ुस्से से देवा को घुरने लगती है।
देवा;इशारे से नीलम को बैठने के लिए कहता है।
नीलम;चुप चाप एक कोने में बैठ जाती है।
एक बात पुछु।
देवा;हाँ पूछ ना।
नीलम;वो वो आप माँ से नाराज़ क्यों है।
देवा;माँ मेरी शादी करवाना चाहती है उनके रिश्तेदार की लड़की से।
नीलम;चौंक के देवा की तरफ देखती है।
क्या।
देवा;हाँ नीलम बस इसी बात को ले के माँ और मेरे बीच तू तू मै मै हो गई थी।
नीलम की ऑखों में ऑंसू आ जाते है वो अपने ऑसू छूपाने के लिए सर झुका लेती है।
देवा;क्या हुआ।
नीलम;कुछ नही।
आप क्या चाहते है।
देवा;माँ को मै नाराज़ नहीं देख सकता नीलम।
नीलाम;ये सुनके सिसक पडती है।
देवा; अरे अरे रोती क्यों है।
नीलम;देवा का हाथ झटक के खड़ी हो जाती है।
देवा;अरे पगली रो मत मै तो मज़ाक़ कर रहा था।
माँ कोई मेरी शादी वादी नहीं करवाना चाहती वो तो बस एक छोटी सी बात पर माँ और मेरे बीच बहस हो गई थी । तू भी न पगली कही की।
नीलम ;दना दन देवा की छाती पर मुक्कों की बरसात कर देती है।
और देवा हँसता हुआ नीलम को अपने बाहों में समेट लेता है।
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देवा;और अगर सोचा तो।
नीलम;जान से मार दुंगी।
देवा; किसे मुझे।
नीलाम;नहीं आपको नहीं उसे और फिर खुद भी मर जाऊँगी बोल देती हूँ।
देवा;नीलम को अपनी छाती से और कस के चिपका लेता है।
मेरे दिल के एक एक धड़कन में तू बसी है नीलम मुझे तेरे सिवा कोई नहीं भाता।
अरे मेरी जान ऐसे ही नहीं कहता मै तुझे।
नीलम;सब झूठ है।
हमेशा सताते रहते हो मुझे।
देवा;एक ही है ना मुँह लगाने को। दो चार होती तो इतना नहीं सताता।
नीलम;एक से ही काम चलाना पडेगा।
देवा;नीलम की ऑखों में देखने लगता है।
नीलम;ऐसे क्या देख रहे हो जी।
देवा;अपने आप को देख रहा हूँ।
नीलम;ऑंखें बंद कीजिये।
देवा;क्यूं।

नीलम;बंद करो ना।
देवा;ऑखें बंद कर देता है।
और उसकी ऑखें बंद होते ही नीलम के नाज़ुक होंठ देवा को अपने गालों पर महसूस होते है।
नीलम; धीरे से देवा के कान में कहती है।
मै आपसे बहुत प्यार करती हूँ देवेन्द्र।
देवेन्द्र ;देवा का असली नाम । कोई भी उसे इस नाम से ना जानता था और न पुकारता था। बस नीलम उसे कभी कभी इस नाम से पुकारती थी।
और देवा समझ जाता था की नीलम को क्या चाहिए।
देवा;ऑखें खोल के दोनों हाथों में नीलम के चेहरे को थाम लेता है और उसके होठो पर अपने होंठ रख के उसे एक डीप किस करके होंठ हटा लेता है।
नीलम उसी बेहोशी की आलम में बिना कुछ कहे वहां से बाहर चली जाती है।
अजीब मोहब्बत थी दोनों की।
एक देवा जिसे औरत में सिर्फ दो चीज़ें नज़र आते थी चूत और गाँड।
मगर नीलम के मामले में वो बिलकुल किसी बच्चे की तरह पेश आता था नीलम के साथ।
एक नीलम बहुत खामोश तबियत लड़की।
अपने दुनिया में रहने वाली उसकी दुनिया का राजकुमार था उसका देवा।
जो उसे एक दिन घोड़े पर बैठा के दूर किसी दूसरी दुनिया की सैर करवाने ले जाने वाला था अपने मोहब्बत के लिए वो दुनिया से भी लड जाए ऐसी थी नीलम।
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ममता;काफी देर से देवा के पास बैठी उसे समझाने की कोशिश कर रही थी मगर देवा था की चलने को तैयार नहीं था।
ममता ;भैया अगर आप मेरे साथ नहीं आएंगे न तो मै अपनी जान दे दूंगी सच्ची । वो बोलते सिसक सिसक के रो पडी।
देवा;तू जानती है ना ममता मै वहां कैसे किस मुँह से जाऊँ। माँ को देखते ही मुझे वो सब याद आ जायेगा।

ममता ;भैया माँ ने कहा है की तुम घर आ जाओ वो तुम्हें कुछ नहीं कहेंगी।
तुम्हेँ जैसा रहना है वैसे रहो बस घर लौट आओ।
तुम्हे अपनी बहन की कसम।
देवा;ऐसा कहा माँ ने।
ममता ;हाँ बिलकुल ऐसे ही वो खुद तुम्हें लेने आने वाली थी मगर तुम्हारा ग़ुस्सा देख नहीं आई। चलो न भैया घर चलो ना।
देवा;तू जा मै कल सुबह आ जाऊँगा।
ममता ;अभी क्यों नही।
देवा;जा बोला न दिमाग ख़राब मत कर।
ममता ;देवा का पारा चढ़ता देख खड़ी हो जाती है।
कल कितने बजे लेने के लिए आऊँ मै फिर....
देवा;जा मै आ जाऊंगा सुबह खेत से सीधा घर आऊँगा।
ममता ;ठीक है।
वो अपने ऑंसू पोछते हुए वहां से अपने घर लौट जाती है।
शालु;देवा के पास आके बैठ जाती है।
क्या कह रही थी ममता।
देवा;कुछ नहीं मुझे घर चलने के लिए कह रही थी।
शालु;क्या कहा तुमने उससे।
देवा;यही के कल आऊँगा।
शालु; अच्छा चलो रात बहुत हो गई है तुम पिछे वाले रूम में जा के सो जाओ।
देवा;तुम नहीं चलोगी।
शालु;धत बेशरम जा मुझे भी नींद आ रही है।
शालु नीलम और पप्पू के पास जाके लेट जाती है।
और देवा उठके रूम में जाके लेट जाता है।
रात का अँधेरा गहरा होने लगता है।
देवा ;को नींद नहीं आ रही थी।
की तभी उसके रूम का दरवाज़ा खुलता है।
वो दरवाज़े की तरफ देखता है और
उसके मुँह से बस इतना ही निकल पाता है तुम यहाँ इस वक़्त।
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दरवाज़े पर पप्पू खड़ा था।
चेहरे पर मुस्कान लिए वो देवा के जिस्म को घुर रहा था।
देवा;क्या हुआ बात क्या है।
पप्पू;देवा के क़रीब आके उसके पैरों में बैठ जाता है।
मुझे नींद नहीं आ रही है देवा।
देवा;क्यूं।
पप्पू;शरमा जाता है।
उसके इस तरह शरमाने से देवा
अच्छी तरह वाकिफ़ था।
वो पप्पू को ऊपर चारपाई पर बैठा देता है।
देवा; साले अब तो छोड ये सब। तेरी शादी होने वाली है।
तेरी माँ ने देख लिया तो क्या सोचेगी तेरे और मेरे बारे में।
पप्पू;अपना हाथ देवा के जांघ पर रख के उसके जांघ के पास सहलाने लगता है।
देवा;तुझे सुनाई नहीं दिया। मै क्या कह रहा हूँ जा मुझे सोने दे।
पप्पू;देवा को भी डर लगता है मुझे तो पता ही नहीं था।
माँ और नीलम सो चुके है देवा। बस मेरी नींद ग़ायब है।
पप्पू;अपने नाज़ुक हाथों से देवा का लंड पेंट के ऊपर से ही पकड़ के मरोड़ देता है।
देवा;आहह हरामी आहह चला जा यहाँ से।
मगर पप्पु तो जैसे कुछ सोच कर ही यहाँ आया था। वो फिर से नीचे देवा के पैरों में बैठ के देवा के पेंट की ज़िप खोल देता है।
और देवा के लाख मना करने के बावजूद देवा का लंड बाहर निकाल लेता है।
पप्पू की ऑखें चमक जाती है और वो अपना मुँह खोल के देवा के लंड को अपने मुँह में उतार लेता है गलप्प गलप्प करके चूसने लगता है।
देवा;आहह तेरे माँ को चोदूँ साले। आह्ह्ह्ह्ह।
मत कर साले वरना ऐसा ठोकूंगा की याद रखेगा।
पप्पू;यही तो चाहता था वो टेस्टीस को सहलाते हुए लंड को और ज़ोर ज़ोर से चुसने लगता है।
देवा की ऑखें बंद हो जाती है।
बस पप्पू के मुँह में लंड से गलप्प गलप्प की आवाज़ पूरे रूम में गूँजने लगती है।
और उसी आवाज़ में अचानक शालू की आवाज़ देवा को चौंका देती है।
देवा ऑखें खोल के देखता है और शालु को वहां देख हड़बड़ा जाता है।
पप्पू की गाण्ड ही फट जाती है वो आवाज़ शालु के करारे थप्पड की थी जो उसने पप्पू की पीठ पर रसीद की थी।
पप्पू खड़ा हो जाता है।
माँ वो मै मै तो यहां....
शालु;हरामी कितनी बार तुझे ये सब करने से मना किया है निकल यहाँ से।
पप्पू वहां से भाग जाता है।
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देवा;शालू का हाथ पकड़ के उसे चारपाई पर अपने पास खीच लेता है।
शालु;आहह क्या कर रहा है देवा छोड मुझे।
देवा;मुझे लगा तुम आओगी सासु माँ मगर तुम्हारा बेटा आ गया।
अब उस ने जो अधूरा काम छोड़ा है उसे पूरा कर दो ज़रा।
शालु;उन्हह कौन सा काम।
देवा;अपने दोनों हाथों से शालु के नरम नरम ब्रैस्ट मसलने लगता है।
तूम तो जानती हो मेरे लंड को खड़ा करने के बाद क्या चाहिए।
या तो इसे अपने मुँह में ले कर ठण्डा करो या मै पप्पू की जाकर लूँगा।


शालु;उन्हह हरामी है तू बड़ा। आहह छोड मुझे मत कर ना बेटा आह्ह्ह्ह। मै तेरी माँ जैसी हूँ ना।
देवा;तभी तो और मन करता है बस एक बार दे दे मुझे काकी। ज़िन्दगी भर तेरी ग़ुलामी करुँगा मैं।
शालु;नहीं कभी नहीं दूंगी मै आअह्हह्हह्हह।
देवा;साली नखरे करती है। कबसे छुप छुप के अपने बेटे को देख रही है मेरा लंड चुसते हुए। चल ले वरना.....
देवा;खड़ा हो जाता है और ज़बर्दस्ती शालु की नाइटी को उतार के उसे ऊपर से नंगी कर देता है।
देवा;मुँह खोल।
शालु;इधर उधर देखती है और देवा के लंड को अपने मुँह में लेकर जल्दी जल्दी चुसने लगती है इस डर से की कही कोई आ न जाए।
देवा;आहह सासु माँ क्या चीज़ है तू भी।
आह नशा और बढा देती है मेरी रानी।
शालु;गलप्प गलप्प गलप्प्प गलप्पप्प।
ये झरता क्यों नही जल्दी गलप्प गलप्प।
देवा;उसे चूत चाहिए या तो अंदर ड़ालने दो या ऊपर रगडने दो आअह्हह्हह्हह।
शालु;जो करना है जल्दी आह्ह्ह्ह कोई आ जायेगा बेटा हां गलप्प गलप्प गलप्पप्पप्पप्प।
देवा;यही तो सुनना चाहता था वो शालु को लिटा के उसकी शलवार और पेंटी भी उतार देता है।
शालु;मुझे नंगी क्यों कर रहा है ऊपर से रगड ना।
देवा;शालू की चालाकी बहुत अच्छी तरह जानता था। शालु झडने के बाद देवा की गाण्ड पर लात मार कर वहां से भाग जाती।
इस बात से अच्छी तरह वाकिफ़ देवा इस बार अपने लंड को उसकी चूत पर रगडने की बजाये अपनी ज़ुबान से शालु की चिकनी चूत को कुरेदने लगता है।
जैसे ही देवा की ज़ुबान शालु की चूत से टकराती है शालु उछल पडती है।
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उन्हह्ह्ह ऐसा मत कर मै सह नहीं पाऊँगी।
देवा;गलप्प गलप्प अभी तुझे बहुत कुछ सहना है।
शालू गलप्प गलप्प गलप्पप्प।
देवा;की ज़ुबान शालु की चूत के अंदर तक पहुँचाके ना जाने क्या तलाश करने लगता है।
शालु जैसे ही देवा को कस के पकड़ने लगती है देवा अपनी ज़ुबान शालु की चूत से हटा देता है।
शालु;आहह नहीं नहीं ऐसा ज़ुलम मत कर बस मेरा निकलने वाला है आह्ह्ह्ह।
लगा दे अपना मुँह मेरी चूत पर देवा आहह चूस बेटा बस थोडी देर कर ले.....
देवा;नहीं तुम बहुत चालाक हो काकी। अपना काम निकल जाने के बाद मुझे पहचानती भी नही।
शालु;नहीं करुँगी बस चूस के ठण्डी कर दे मेरे लाल
आह मेरी आग को बुझा दे हरामी।
देवा;अपने लंड को थूक लगा के शालु के ऊपर पूरा का पूरा लेट जाता है।
मुझे लंड रगडने दे पहले।
शालु;आहह यहाँ रख के रगड़ बेटा।
वो अपनी चूत के ठीक ऊपर देवा का लंड हाथ में पकड़ के चूत की क्लाइटोरस(क्लिट) पर घीसने लगती है।
देवा;हाथ निकाल अपना।


शालु;नही तू घुसा देगा मुझे पता है।
देवा;निकालती है या नही।
शालु;जैसे ही अपने हाथ में से देवा का लंड छोड़ती है देवा लंड का सुपाडा शालु की चूत पर रख के बिना देरी किये एक जोरदार धक्का अंदर देता है और देवा का लंड पहली बार अपनी सासु माँ की रस छोड़ती चूत को
अंदर तक खोलता हुआ चूत के अंदर तक बच्चेदानी के दिवार पर पहला ठोकर मारता है।
शालु;उईईईईईई माँ आह्ह्ह्ह्ह्।
आह मार डाला तूने कमीने।
देवा;रुकता नहीं वो सटा सट अपने लंड से शालु की बहुत दिन से बंद चूत को खोलता चला जाता है।
कुछ ही पलों में शालु अपने दोनों पैर खोल के देवा को अपना जिस्म सोंप देती है।
शालु;आहह मुझे पता था आज ये अंदर जा के ही रहेगा।
अब मत रुकना देवा आअह्हह्हह्हह।
तेरी सास बहुत प्यासी है अब रात तेरी है मेरे जमाई राजा आह्ह्ह्ह्ह्ह।
कूट दे अपनी शालु की चूत को।

शालु;कई दिन से इस रात के लिए तड़प रही थी वो सुबह से ही सोच के बैठी थी की आज चाहे कुछ भी हो जाये वो देवा को अपने ऊपर चढ़ा के रहेंगी।
ममता और देवा की बातें उसने सुन ली थी वो जानती थी सिर्फ आज की रात ही देवा उसके घर में है।
और आज ही वो रात है जो उसे जाग कर काटनी है।
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उसके मुँह में मुँह डाल के कमर को तेजी से ऊपर नीचे करने लगता है।
शालु;आहह देवा इतनी अंदर आज तक नहीं महसूस की मैने।
अपनी काकी की भी जान निकाल देता है रे तू बेटा।
देवा;शालू मेरी जान कितना तड़पाया है तूने मुझे। आज मै तुझे सोने नहीं दूंगा रात भर।
शालु: मैं भी सोना नहीं चाहती अपने दामाद से रात भर चुदना चाहती हूँ।
आह धीरे धीरे पेलो ना दामाद जी।
देवा;आह्ह्ह कितनी गरम और टाइट चूत है तेरी काकी। मेरा लंड फंसा फंसा जा रहा है। रश्मि की चूत भी तेरे सामने कुछ नहीं शालु।
शालु;आहह अब तो मेरी बेटी भी आ रही है।
अपने आप को बड़ा मरद कहता है न तु। उसके सामने मुझे चोद के दिखाओ तो मान लुँगी हाँ आह्ह्ह्ह।
देवा;चिंता मत करो सासु माँ रश्मी के सामने भी तेरी चूत और गांड नहीं मारा तो मेरा नाम देवा नहीं।

देवा;शालू को कुतिया की तरह कर देता है
और पीछे से अपना लंड उसकी गाण्ड को सहलाते हुए चूत में लंड घुस्सा देता है।
शालु;आहह पूरी कुतिया बना दिया मुझे।
देवा:आह क्या मज़ा आ रहा है साली।अब तो रोज तुझे कुतिया बनाऊँगा और तुझे चोदुँगा मेरी जान।रोज मेरा लंड लेगी ना।
शालू: हां देवा।क्या मस्त लँड है तेरा। बहुत मज़ा आ रहा है चोदता जा। आज पहली बार इतना अंदर कोई गया है।आह्ह्ह्ह
तभी देवा अपनी एक ऊँगली से शालू की गांड को सहलाने लगता है।साथ में कुतिया बनी शालू को जोर जोर से चोदता भी जा रहा था। शालू भी बहुत गरम हो चुकी थी।देवा के हर धक्के पर अपनी गांड पीछे करके देवा के हर धक्के का जबाब दे रही थी।

देवा: एक ऊँगली शालू की गांड में पेलते हुए ।आह साली रंडी।क्या मस्त गांड है तेरी।कुतिया तो तू बन ही गई है।आज रात भर तेरी गांड मारूँगा मैं।कितनी टाइट गांड है तेरी।मेरी ऊँगली भी नहीं घुस रही है।
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देवा शालू की गांड से ध्यान हटाकर उसकी चूत को किसी रंडी की तरह चोदने लगता है। जब कभी शालू अपनी गांड हटाना चाहती है तो देवा उसकी गांड पर चटाक से थप्पड़ मारता है।फिर कुतिया बनी शालू की चूत बहुत जोर जोर से चोदने लगता है।


दोनो ये नहीं जानते थे की पप्पू वहां से गया नहीं था
वो दरवाज़े की ओट से खड़ा सब देख भी रहा था और सुन भी रहा था।
और ये सब देख उसका लंड भी खड़ा हो चूका था
वो अपनी पेंट और अंडरवियर उतार के देवा के पास चला आता है।


शालु की पीठ देवा और पप्पू की तरफ थी इसलिए वो पप्पू को देख नहीं सकती थी।
पहले तो देवा थोड़ा सहम जाता है मगर अगले ही पल पप्पू को भी नंगा देख समझ जाता है।
की उसे क्या चाहिए। इशारे से वो पप्पु को अपना लंड शालु के मुँह में ड़ालने के लिए कहता है।
शालु;ऑंखें बंद किये देवा के लंड का मजा ले रही थी। उसे अपने होठो पर कुछ गरम चीज़ महसूस होती है।
जैसे ही शालु ऑखें खोल के देखती है पप्पू उसे सामने नंगा अपना लंड हाथ में लिए खडा दिखाई देता है।
शालु;आहह देवा रुक जा ज़रा।
मगर देवा कहाँ रुकने वाला था।
पप्पू; मुँह खोलों माँ वरना नीलम और बापु को जगा दूंगा।
बेचारी शालु आज सब तरफ से फँस चुकी थी वो ऑंखें बंद करके मुँह खोल देती है।
और उसका अपना सगा बेटा पप्पू अपने लंड को शालु के मुँह में डाल देता है।
देवा;आहह कैसा लग रहा है काकी अपने जमाई और बेटे के लंड को लेकर।
वो इतनी ज़ोर ज़ोर से शालु की चुदाई करने लगता है की शालु का मुँह खुला का खुला रह जाता है।
सिर्फ हवा उसके मुँह से निकलने लगती है और उस खुले मुँह में पप्पू अपना लंड अंदर बाहर करने लगता है।
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शालु;का मुँह पप्पू के रहते बंद हो जाता है जितना वो खुल कर देवा से चुदाई की बातें कर रही थी।
पप्पू की मौजूदगी में उतना ही चुप हो गई थी। वो वहां से भाग जाना चाहती थी मगर चूत की गर्मी थी की उसे ऐसा करने से रोक रही थी।
अपने जमाई के ऊपर सवार शालु कुछ भी सोचने समझने की स्थिति में नहीं थी।
इससे पहले शालु कुछ कह पाती देवा नीचे से अपना लंड शालु की नाज़ुक चूत में ठोक देता है।
शालु;आह्ह्ह उहँन बस सिसक के रह जाती है।
वो पीछे पलट के पप्पू की तरफ देखती है।
पप्पू;मुस्कराता हुआ अपना लंड पीछे से शालु की गाण्ड में लगा देता है।
शालु;आहह नहीं बेटा वहां नही मै नही ले पाऊँगी।
मगर आज शालु का दिन नहीं था आज उसे अपनी चूत और गाण्ड दोनों जवान लौडों को सौंपनी थी।
पप्पू;का छोटा सा लंड खिसकते खिसकते धीरे धीरे शालु की गाण्ड में घुस जाता है।
और शालु निढाल देवा की छाती से चिपक जाती है।
देवा;अपनी शालु के कानो में धीरे से कहता है।
कैसा है पप्पू का लंड।
शालु;कुछ नहीं कहती बस ज़ोर से देवा के गाल को काट लेती है।
पीछे से पप्पू के धक्के शालु की जवानी की आग को और भड़काने लगते है।
पहली बार उसके दोनों सुराखों में एक साथ दो लंड थे वो चिखना चाहती थी।
चिल्लाना चाहती थी मगर पप्पू के रहते सिसक सिसक के रह जाती है।
पप्पू;अपने लंड को शालु की गाण्ड में अंदर डाल के दोनों कमर पकड़ के ज़ोर से चीखते हुए रुक जाता है
और शालु को अपनी गाण्ड में गरम गरम पानी गिरता हुआ महसूस होता है।


अपने बेटे के पानी को अपनी गाण्ड में महसूस करके शालु भी देवा के लंड के ऊपर झरने लगती है मगर देवा इतनी जल्दी मैदान छोडने वालों में से नहीं था।
पप्पू;अपना पानी निकाल के वही सामने बिस्तर पर लेट जाता है।
शालु;देवा के ऑखों में देखने लगती है।
देवा;इशारे से उससे कुछ पूछता है और शालु शर्मा कर हाँ में सर हिला देती है।
देवा;शालू को अपनी गोद में बैठा देता है।
और जहाँ कुछ देर पहले पप्पू का लंड था उसी गाण्ड की सुराख़ पर देवा अपना लंड घीसने लगता है।
शालु के सामने पप्पू लेटा हुआ था। अपने बेटे के सामने
अपने दामाद के लंड पर गाण्ड घिसवाते शालु का तन बदन काँपने लगता है।
शालु;देवा मार मेरी गाण्ड आअह्हह्हह्हह।
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