hotaks444
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रत्ना;को कोई गांव वाला आके बताता है की उसने देवा को खेत में देखा है तो रत्ना नीलम और ममता भागते हुए खेत में पहुँच जाते है।
देवा;खेत में काम कर रहा था।
रत्ना;ममता और नीलम रोते हुए उसके पास जाके उससे लिपट जाते है।
रत्ना;कहाँ चला गया था तू देवा अपनी माँ को छोड़ के। चल घर चल।
देवा;मुझे नहीं जाना घर वर । चले जाओ यहाँ से...
ममता;भैया कैसी बातें कर रहे हो चलो न । देखो कैसे हालत हो गई है माँ और मेरी भी। नीलम भी कितनी परेशान है।
देवा;नीलम की तरफ देखता है रो रो के तीनो की ऑखें सूज गई थी।
तभी वहां शालु और पप्पू भी आ जाते है।
सभी देवा को समझाने लगते है मगर देवा घर आने से इंकार कर देता है।
देवा;अगर मुझे घर आने के लिए मजबूर करोगे तो मै हमेशा हमेशा के लिए यहाँ से कही दूर चला जाऊँगा।
रत्ना;नहीं नहीं बेटा ऐसी बात मत कर।
शालु;रत्ना और ममता को एक तरफ ले जाती है।
देखो रत्ना अभी वो बहुत ग़ुस्से में है।
दो तीन दिन में मै उसे समझा बुझा के घर भेज दूँगी।
शुकर है वो गांव तो वापस आ गया।
तूम घर जाओ मै उसे खाना खिला कर पप्पू के साथ घर में सुला दूँगी।
रत्ना;को शालु की बात ठीक लगती है।
उसे तो बस यही ख़ुशी थी की देवा घर न सही गांव में सही सलामत तो आ गया है।
ममता और रत्ना दोनों घर चली जाती है।
और शालु पप्पू के साथ खेत में एक तरफ चली जाती है।
देवा;नीलम के पास आता है।
नीलम के कंधे पर जैसे ही वो अपना हाथ रखता है।
नीलम हाथ झटक देती है।
नीलम;मुझसे बात मत करो कहाँ चले गए थे। ज़रा भी परवाह नहीं है ना मेरी।
पता है एक पल भी जीना मुहाल हो गया था मेंरा।
देवा;नीलम को अपने सीने से लगा लेता है।
मुझे माफ़ कर दे नीलम आज के बाद मै कभी ऐसे नहीं जाऊँगा।
नीलम: सच ।
देवा: देख तेरे सर की कसम।
नीलम;आज के बाद कभी गए न तो बोल देती हूँ मै अपनी जान दे दूंगी।
देवा;इतना प्यार करती हो मुझसे।
नीलम;नफरत करती हूँ मै तुमसे।
ये कहते कहते वो दूबारा देवा के सीने से लिपट के रोने लगती है।
देवा से उसके ऑंसू बर्दाश्त नहीं होते और वो उसके ऑसू बंद करने के लिये अपने होंठ उसके होठो पर रख देता है।
नीलम;सिसकते सिसकते चुप हो जाती है।
बास कुछ ही पल गुज़रे थे मगर नीलम की ऑखों में मोहब्बत के दिए टिमटिममाने लगते है।
वो सब कुछ भूल जाती है और एक नई नवेली किसी दुल्हन की तरह देवा के छाती पर मुक्का मारके वहां से भाग जाती है।[/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size]
रत्ना;को कोई गांव वाला आके बताता है की उसने देवा को खेत में देखा है तो रत्ना नीलम और ममता भागते हुए खेत में पहुँच जाते है।
देवा;खेत में काम कर रहा था।
रत्ना;ममता और नीलम रोते हुए उसके पास जाके उससे लिपट जाते है।
रत्ना;कहाँ चला गया था तू देवा अपनी माँ को छोड़ के। चल घर चल।
देवा;मुझे नहीं जाना घर वर । चले जाओ यहाँ से...
ममता;भैया कैसी बातें कर रहे हो चलो न । देखो कैसे हालत हो गई है माँ और मेरी भी। नीलम भी कितनी परेशान है।
देवा;नीलम की तरफ देखता है रो रो के तीनो की ऑखें सूज गई थी।
तभी वहां शालु और पप्पू भी आ जाते है।
सभी देवा को समझाने लगते है मगर देवा घर आने से इंकार कर देता है।
देवा;अगर मुझे घर आने के लिए मजबूर करोगे तो मै हमेशा हमेशा के लिए यहाँ से कही दूर चला जाऊँगा।
रत्ना;नहीं नहीं बेटा ऐसी बात मत कर।
शालु;रत्ना और ममता को एक तरफ ले जाती है।
देखो रत्ना अभी वो बहुत ग़ुस्से में है।
दो तीन दिन में मै उसे समझा बुझा के घर भेज दूँगी।
शुकर है वो गांव तो वापस आ गया।
तूम घर जाओ मै उसे खाना खिला कर पप्पू के साथ घर में सुला दूँगी।
रत्ना;को शालु की बात ठीक लगती है।
उसे तो बस यही ख़ुशी थी की देवा घर न सही गांव में सही सलामत तो आ गया है।
ममता और रत्ना दोनों घर चली जाती है।
और शालु पप्पू के साथ खेत में एक तरफ चली जाती है।
देवा;नीलम के पास आता है।
नीलम के कंधे पर जैसे ही वो अपना हाथ रखता है।
नीलम हाथ झटक देती है।
नीलम;मुझसे बात मत करो कहाँ चले गए थे। ज़रा भी परवाह नहीं है ना मेरी।
पता है एक पल भी जीना मुहाल हो गया था मेंरा।
देवा;नीलम को अपने सीने से लगा लेता है।
मुझे माफ़ कर दे नीलम आज के बाद मै कभी ऐसे नहीं जाऊँगा।
नीलम: सच ।
देवा: देख तेरे सर की कसम।
नीलम;आज के बाद कभी गए न तो बोल देती हूँ मै अपनी जान दे दूंगी।
देवा;इतना प्यार करती हो मुझसे।
नीलम;नफरत करती हूँ मै तुमसे।
ये कहते कहते वो दूबारा देवा के सीने से लिपट के रोने लगती है।
देवा से उसके ऑंसू बर्दाश्त नहीं होते और वो उसके ऑसू बंद करने के लिये अपने होंठ उसके होठो पर रख देता है।
नीलम;सिसकते सिसकते चुप हो जाती है।
बास कुछ ही पल गुज़रे थे मगर नीलम की ऑखों में मोहब्बत के दिए टिमटिममाने लगते है।
वो सब कुछ भूल जाती है और एक नई नवेली किसी दुल्हन की तरह देवा के छाती पर मुक्का मारके वहां से भाग जाती है।[/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size]