Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम - Page 61 - SexBaba
  • From this section you can read all the hindi sex stories in hindi font. These are collected from the various sources which make your cock rock hard in the night. All are having the collections of like maa beta, devar bhabhi, indian aunty, college girl. All these are the amazing chudai stories for you guys in these forum.

    If You are unable to access the site then try to access the site via VPN Try these are vpn App Click Here

Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम

चूत से लंड टकराते ही एक चिंगारी से दोनों के बदन में दौड़ने लगती है।
ये भाई बहन की मोहब्बत की आग थी। ऐसी आग हर जगह नहीं लगती क्यूंकि ये वो आग होती है जो लगती तो बड़ी मुश्किल से है मगर जब दो बदन प्यार की आग में जलते है तो उन्हें दुनिया में किसी की भी फिकर नहीं रहती।
एक बहन अपने भाई से चुदवाने आई थी और एक भाई अपनी बहन को अपने पानी से माँ बनाना चाहता था।

देवा खडा हो जाता है और ममता अपनी चूत के अंदर दो उँगलियाँ डाल कर देवा के लंड के पास अपना चेहरा ले आती है।

देवा;धीरे से अपने लंड का सूपाडा अपनी ममता के मुँह पर टीका देता है।

ममता ;मुआअह्ह
पहले उसे चुमती है और फिर से भाई बहन के बीच की दूरियाँ ख़तम हो जाती है।
जैसे ही ममता देवा के लंड को अपने मुँह में लेकर चटखारे मारते हुए चुसने लगती है । देवा की आँखें बंद हो जाती है।
एक अजीब सा नशा उसके जिस्म में चढ़ने लगता है।

ऐसा नशा जो शराब की पूरी बोतल पी लेने पर भी न चढ़े।

ममता ;गलप्प गलप्प आह्ह्ह्ह।
मेरे भाई का लंड कितना तड़पी हूँ भाई मै इसे चाटने के लिए गलप्प गलप्प्प गलप्प्प।
मेरा लंड है ये गलप्प मेरी चूत का असली मालिक गलप्प
गलप्प्प।

देवा;आहह आह ममता एक बहन की चूत का असली रखवाली भाई नहीं उसका लंड होता है आहह चूस ले मेरी बहना हां अपने भाई के लंड का एक एक कतरा पी जा ले याह याह याह याह याह याह....

आज एक भाई एक बहन की चूत मारकर अपना फ़र्ज़ निभाएगा ।आह्ह्ह्ह

ममता;गलप्प गलप्प गलप्प।
ममता के मुँह से निकलती सिसकारियां बाहर तक आने लगती है।
 
देवा;अपने लंड को ममता के मुँह के अंदर तक उतारने लगता है।
गुं गुं की आवाज़ से ममता का गला लंड से भर जाता है
उससे साँस नहीं ली जाती मगर फिर भी वो लंड को बाहर नहीं निकालती बस उसे अंदर और अंदर लेती चली जाती है गलप्प गलप्प गलप्प।

मगर देवा से रहा नहीं जा रहा था वो ममता की चूत में जल्द से जल्द करना चाहता था।

ममता जब अपने मुँह से लंड नहीं निकालती तो देवा को मजबूरन अपने लंड को खीच कर बाहर निकालना पडता है।

ममता; भाई चुसने दो ना।

देवा;पहले तेरी चूत के पानी से नहा तो लेने दे इसे।

ममता अपनी दोनों टाँगें खोल देती है।
आजा मेरे राजा भइया
चढ़ जाओ अपनी बहन पर....

देवा;अपने लंड को ममता की चूत के मुहाने पर लगा कर उसके ब्रैस्ट को मुँह में लेकर ज़ोर से खाने लगता है।
निप्पल्स पर देवा के दाँतो की पकड़ ज़्यादा बढ़ जाने से और चूत के दाने पर लंड के घिसाव से ममता के मुँह से अजीब किस्म की आवाज़ें निकलने लगती है।
वो बेचैन सी हो जाती है।
उसके पति का लंड न तो इतना बड़ा था और न इतना ताक़तवर।
भाई के लंड की मार से ममता अपने कमर को ऊपर की तरफ उठाने लगती है की तभी ऊपर से देवा कमर को खीच के दबाता है और ममता की कमर दबते चली जाती है और उस कमर के साथ साथ ममता की चूत के दोनों लिप्स भी चीरते चले जाते है।


ममता;भैया मार डाला अपने आह्ह्ह्ह।
अपनी बहन की चूत पर तरस खाया आह्ह्ह्ह ना।

देवा;आहह क्या करूँ तेरी चूत ऐसी है ममता मेरा दिल आराम से नहीं करने को कहता आहह मेरी जान।

ममता ;क्या कहता है मेरे भाई का दिल।

देवा;तुझे कुतिया बना कर पीछे से तेरी गाण्ड और चूत मारता जाऊं।

ममता;मारो न भाई आपके लिए तो है मेरी चूत भी और आहह गाण्ड भी आह्ह्ह्ह।
 
प्रिया;नहा कर बाहर आ चुकी थी। रत्ना उसे नाश्ता देकर ममता के रूम के पास चली आती है।
रत्ना को पता चल गया था की रूम के अंदर क्या हो रहा है।
रत्ना ज़ोर से दरवाज़े को धक्का देती है और दरवाज़ा खुल जाता है।

एक पल के लिए देवा और ममता शांत हो जाते है।
मगर रत्ना को देख देवा अपनी कमर को जोर ज़ोर से आगे पीछे करने लगता है।

रत्ना;कुण्डी लगा देती है।
कमीनों तुम्हें शर्म नहीं आती।
मेहमान घर में है।

और तू छिनाल बड़ी आग लगी है तुझमें.....

ममता ; हाँ माँ बहुत आग लगी है मेरी चूत में
लो भाई अपनी कुतिया को चोदो।
ममता ; कुतिया की तरह घुम जाती है और देवा अपने लंड को पीछे से उसकी चूत में घूस्सा देता है।


दोनो ऐसी चुदाई में लगे हुए थे जैसे उन्हें कोई चिंता भी नहीं और शर्म तो पहले ही दोनों की चली गई थी।

ममता;आहह भाई मुझे छिनाल बना दिया है तुमने
जब तक रात में अपने पति से नहीं चुदाती मुझे नींद नहीं आती ना।

देवा; छिनाल तो तू है मेरी बहन।
मेरा लंड भी तडपता रहता है रात भर चूत के लिये
तू थी तो मुझे फिकर नही थी।

ये बात देवा रत्ना की तरफ देखकर कहता है।

रत्ना;चुप चाप वहां खड़ी थी।
न वो कुछ बोल पा रही थी और न कर पा रही थी।
उसे हैरानी इस बात की थी की न देवा शरमा रहा था और ना ममता को कोई चिंता थी उसकी मौजूदगी की।

ममता ;आहह माँ।
मैं मर जाऊँगी इतनी ज़ोर से मत चोदो न भइया।
आह माँ रोको न भाई को।

देवा;तेरी माँ को चोदूँ साली अब नखरे क्यों कर रही है
चोदने दे आहह।

ममता: आआआआ……ऐसे.ही…..ज़ोर से..चोदो भैया…..खूब ढीली कर दो….अपनी छोटी बहन की बुर रात दिन चोद चोद कर……आआआआ…बहुत मज़ा आ रहा है….भैया……ऐसे ही मुझे रोज पेला करो……मुझे अपने बच्चे की माँ बना दो……..अपनी.........
छोटी बहन को चोद चोद के गाभिन कर दो भैया….मुझे हर साल आप गाभिन करते रहना और मैं हर साल अपने भइया से चुदवा चुदवा कर
बियाती रहूंगी…..और ज़ोर से पेलो भैया अपनी बहन की बुर को…आआआआअ ऐसे ही…ऊऊहह

ममता ऐसे ही मज़े मे अनाप सनाप बड़बड़ाती रही….और देवा उसके दूध खूब कस कस के मसल्ते हुए हचक हचक के कभी आगे से तो कभी पीछे से, कभी खड़ी कर के तो कभी कुतिया बना कर ममता की बुर को चोदता रहा।

रत्ना को अब भी बिश्वाश नहीं हो रहा था की उसके सामने देवा और ममता ऐसी बेशर्मी से चुदाई कर रहे है।


इधर देवा पेलते पेलते ममता को पसीने में तर बतर कर देता है
उसका लंड चाबुक की तरह आगे पीछे हो रहा था एक पल के लिए वो चूत से बाहर दिखाई देता तो अगले पल वो ममता की चूत में ग़ायब हो जाता।
 
लगभग आधा घंटे तक देवा ममता की जम कर बुर फाड़ चुदाई करता रहा…इस दौरान वो चार पाँच बार झड गयी….आख़िर मे देवा ने भी अपने
लंड की लंबी लंबी पिचकारियाँ अपनी छोटी बहन की बुर के अंदर ही छोड़नी शुरू कर दी…साथ मे एक बार फिर से ममता झड़ते हुए देवा बुरी तरह से लिपट गयी।


रत्ना;का हाल बेहद ख़राब हो चूका था।
चुत से टिप टिप पानी बहता हुआ जांघों से नीचे ज़मीन पर गिरने लगता है।
उसकी आँखों के सामने बस चूत और लंड की लड़ाई चल रही थी।

आखीरकार बहन की चूत भाई के लंड के आगे हार मान जाती है और लंड को चूत में से निकल कर वो देवा लंड के साथ अपनी चूत साफ करने लगती है।

दोनो भाई बहन हाँफने लगते है।
इससे पहले उन्हें कभी इतना मजा नहीं आया था।
असल बात ये भी थी की रत्ना वहां मौजूद थी।
और एक माँ के सामने जब भाई और बहन चुदाई करते है वो भी अपनी माँ को नंगी नंगी गालियां देकर तो चूत से भी पानी बंद नहीं होता और लंड भी थकान महसूस नहीं करता।

ममता;अपने कपडे सँभाल कर बाथरूम में घुस जाती है।


उसके जाने के बाद रत्ना देवा की तरफ देखते हुए डांट पिसते हुए ग़ुस्से में कहती है।

रत्ना;इस तरह का नंगा नाच मुझे मेरे घर में नहीं चाहिए देवा।

देवा;नंगा अपनी माँ के सामने खड़ा था।
वो रत्ना का हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खीच लेता है।

रत्ना;पुरी तरह देवा से चिपक जाती है।

देवा;क्या करूँ माँ तेरी बेटी की चूत इतनी गरम थी की मै खुद को रोक नहीं पाया।

रत्ना'; छोड मुझे हरामी कहीं का।
तूम दोनों का मै क्या करूँ समझ नहीं आता मुझे।

देवा;अपना एक हाथ रत्ना की सलवार पर रख कर कुछ देखने लगता है।

रत्ना;उन्हह छोड भी क्या कर रहा है।

देवा;देखने दे न एक माँ की चूत कितनी भीगती है
अपने बेटे और बेटी की चुदाई को देख कर।

रत्ना;की सलवार सच में बहुत भीग चुकी थी।
 
रत्ना;देवा की इस बात पर बुरी तरह शरमा जाती है।
और देवा को धक्का देकर बाहर भाग जाती है।

इस घर में कुछ दिनों में माहौल इस कदर बदल चूका था की जिसके बारे में न कभी देवा ने सोचा था और न रत्ना को इसकी अपेक्षा थी।

शाम के समय रत्ना ममता और प्रिया शालु के घर बात करने चले जाते है।

शालु को तो पहले से सब पता था मगर रत्ना के मुँह से वही बात सुनकर शालु की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहता।

शालु; वही हाँ कह देती है।
और उसके हाँ कहते ही नीलम के दिल की धड़कने बढ़ जाती है वो अपनी शर्म ओ हया के दामन को सँभाल कर घर के एक कोने में छुप जाती है।

रत्ना; देवा को अपने साथ शालु के घर नहीं ले गई थी।
देवा;घर में अकेला अकेला परेशान हो गया था।
उसे ख्याल आता है और वो अपने और नीलम की शादी की बात रुक्मणी और रानी को बताने हवेली चला जाता है।

मगर वो जैसे ही हवेली पहुँचता है उसे कुछ लोग बाहर ही घेर लेते है।
ओ गांव के नहीं थे। उन सभी के हाथ में लाठियाँ थी।

देवा;कौन हो तुम।

हिम्मत राव; तेरी मौत।
वो 15 दिन बाद गांव आ चूका था।
और उसके सर पर जैसे खून सवार था।

देवा;हिम्मत की तरफ देखता है और हिम्मत देवा की आँखों में।

हिम्मत;मैंने तुझसे कहा था न । मै ज़रूर आऊँगा।

देवा;और मैंने भी तुझसे कहा था मुझे उस दिन का इंतज़ार रहेंगा।

हिम्मत;आज तू नहीं बचेगा देवा।

देवा;वो तो वक़्त बतायेगा।

हिम्मत;मारो साले को।
और सब से कह दो ये हवेली में चोरी करने आया था।

देवा;समझ जाता है हिम्मत की चाल को। वो एक आदमी को धक्का देकर वहां से अपने घर की तरफ भागने लगता है और वो सभी उसके पीछे भगने लगते है।

देवा;भागते भागते शालु के घर में घुस जाता है।
 
रत्ना;देवा क्या हुआ इतना भगता हुआ क्यों आ रहा है।

देवा;वो माँ वो माँ....

हिम्मत;मारो हरामी को आज इसे जान से ख़तम कर दो।
देवा के पीछे पीछे हिम्मत और उसके गुंडे भी चले आते है । वो सभी देवा को घेर लेते है।

उनके पीछे पीछे गांव वाले भी जमा हो जाते है।

रत्ना;मगर मेरे बेटे ने किया क्या है।

हिम्मत;चोरी करने आया था ये मेरे घर में । हमने इसे रंगे हाथों पकड़ा है
क्यूं भाईयों।

हिम्मत के साथी हाँ में हाँ मिलाते है।

देवा;नहीं झूठ बोल रहे हो तुम।
मुझसे बदला लेना चाहता है ये हिम्मत माँ।

हिम्मत;का एक आदमी लाठी लेकर आगे बढ़ता है
हमारे मालिक को झूठा कहता है साले.....

और देवा के सर पर ज़ोरदार वार करता है मगर ठीक उसी वक़्त नीलम वहां आ जाती है और वो गरजदार लाठी नीलम के सर पर पड़ जाती है।

चारों तरफ सन्नाटा फ़ैल जाता है।
खून में नहाई हुई नीलम नीचे ज़मीन पर गिर जाती है।
 
अपडेट 94




इशक़ जूनून जब हद से बढ़ जाए
आग का दरिया भी उन्हें न रोक पाए।

नीलम;सिर्फ एक लड़की नहीं थी वो जान थी देवा की
एक ऐसे लड़की जिसकी मोहब्बत के साये में देवा जवान हुआ था।
जीसके एक इशारे पर देवा अपनी जान भी देने से पीछे नहीं हट सकता था।
आज वही नीलम खून में नहा चुकी थी।

देवा के गोद में पड़ी नीलम को देख वहां खड़े सभी की आँखों में न सिर्फ ऑंसू थे बल्कि हिम्मत और उसके आदमियों के लिए ग़ुस्सा भी था।

देवा;नीलम ओ नीलम आँखें खोल न नीलम।

नीलम; आँखें नहीं खोल रही थी।

देवा;पास में खड़ी ममता का दुपट्टा खीच लेता है और उससे नीलम के सर पर बांध देता है ताकी और खून न बह सके।

हिम्मत और उसके आदमी अब भी वहीँ खड़े थे।
गांव वाले भी बूत बने सब देख रहे थे। हर तरफ ख़ामोशी थी।

इस ख़ामोशी को चिरते हुए देवा की दहाड़ हिम्मत के पांव ज़मीन से उखाड देती है।
वो शेर की तरह दहाडता है उसकी आँखों में वो जज्बा था जो इंसान को चीर के रख दे।

देवा;को अपने आस पास खड़ा हुआ कोई भी इंसान नज़र नहीं आ रहा था । बस नज़र आ रहा था तो हिम्मत राव।

हिम्मत;देवा की तरफ देख कर मुस्कराता है।
और उसकी मुस्कान देवा को अंदर तक झिंझोड़ कर रख देति है।

देवा;नीलम के सर को ज़मीन पर टीका कर
खड़ा हो जाता है।

हिम्मत;के आदमी अपने हाथों में मौजूद लाठियाँ कस लेते है।
मागर वो नहीं जानते थे की देवा खुद पर लाख ज़ख्म सह सकता था मगर आज उन्होंने जिसे अपना शिकार बनाया था वो कोई आम लड़की नहीं देवा की जान थी।
 
देवा;तूफान की तरह हिम्मत और उसके आदमीयों की तरफ लपकते है।
हरामजादों आज या तो तुम नहीं या मै नही।

जैसे कोई शेर हाथी से टकरा जाता है जब उसकी शेरनी पर कोई हमला करता है।

हाथो में लाठियाँ संभाले हिम्मत के आदमी एक एक करके ज़मीन चाटने लगते है

देवा;के मुक्के और लातों से वो चक्कर खा कर हिम्मत के पैरों में गिरने लगते है।

रत्ना ममता शालु देवा को रोकने की कोशिश करती है मगर देवा को किसी की भी जैसे आवाज़ सुनाये नहीं दे रही थी।
एक एक करके हिम्मत के सभी आदमी घायल हो चुके थे।

देवा;हिम्मत की गर्दन अपने पंजे में दबोच लेता है
कुत्ते की औलाद मै तुझे जान से मार दूंगा आज।

हिम्मत; गुं गुं।
उसकी आवाज़ भी नहीं निकल पाती। देवा के मज़बूत हाथों की पकड़ हिम्मत के गले को गीले कपडे की तरह निचोड़ने लगते है।

रत्ना;देवा छोड दे उसे वो मर जायेगा।

देवा;इस कुत्ते का मर जाना ही अच्छा है माँ....

नीलम;की करहाती हुई आवाज़ देवा की पकड़ कमज़ोर कर देती है।

नीलम;देवा।

देवा;नीलम की तरफ देखता है
और उसे अपने हाथों में उठा लेता है।

सरपँच; ये सब क्या है हिम्मत राव जी।

रुक्मणी और रानी भी वहां आ जाते है।
रुक्मणी: मैं बताती हूँ ये सब क्या हो रहा है।
देवा को मैं बुलाई थी।
वो कोई चोरी करने नहीं आया था।

हिम्मत;तू छिनाल अपना मुँह बंद रख।

रुक्मणी;आप चुप रहिये।
आपने अयाशियों से आपको फुर्सत मिले तो आप हमारे बारे में सोचें।
 
सरपँच जी देवा को मैंने ही पैसे देने के लिए बुलाई थी
जब आपने इन्हें गांव निकला कर दिये थे तो देवा ने हवेली में सामान पहुँचाया था उसी के पैसे लेने वो हवेली आया था।

शालु;मेरी बच्ची आँखें खोल....

सरपँच; इसे वैध जी के वहां ले चलते है।

देवा;अगर मेरी नीलम को कुछ हुआ न हिम्मत तो तुझे जान से मार दूंगा मै। याद रखना।
देवा;नीलम को अपनी गोद में उठाये वैध के घर की तरफ निकल पडता है।

ट्रैक्टर सरपंच चला रहा था और उस में बैठा हर एक शख्स बस ऊपर वाले से नीलम की सलामति की दुआ कर रहा था।

देवा;की गोद में अब भी नीलम का सर था।

नीलम का जिस्म ठण्डा पड़ चूका था जैसे उस में जान ही न हो।
खून काफी बह जाने के वजह से वो बार बार बेहोश हो रही थी आँखें खोलती और बंद कर लेती।

जब भी आँखें खोलती देवा को पुकारती।

देवा;की आँखों से आँसू बहना बंद नहीं हो रहा था।
नीलम तुझे कुछ नहीं होंगा तू हिम्मत मत हारना मै हूँ तेरे पास।



नीलम;अपने हाथों को देवा के हाथों में देकर लेटी हुई थी
देवा की बात उसके कानों में पहुँच रही थी मगर जिस्म हरकत नहीं कर रहा था।

देवा;की ऑंखों के सामने नीलम और उसका पूरा बचपन घूम जाता है।
कैसे नीलम उसकी हर एक छोटी सी छोटी बात पूरी करती थी।
कैसे कभी देवा अपनी माँ से नाराज़ हो जाता और खाना नहीं खाता तो वो भी भूखी सो जाती थी।

अपनी मोहब्बत को अपनी आँखों के सामने इस तरह मरता देख देवा भी रोता है और उसका दिल भी।

नीलम; कराह रही थी दर्द बेशुमार था मगर उसे उस दर्द से ज़्यादा इस बात से दर्द हो रहा था की कहीं वो देवा से हमेशा के लिए दूर तो नहीं जा रही है।

कहते है मोहब्बत इम्तेहान लेती है
आशिक़ों की जान भी लेती है।
 
ट्रैक्टर में बैठे हुए हर एक शख्स को देवा और नीलम की सच्ची मोहब्बत का आज पता चला था।

देवा;की आँखों से बहते आँसू नीलम के चेहरे पर गिरने लगते है।

नीलम;अपनी आँखें खोल देती है ऐसे हालत में भी वो अपने काँपते हुए हाथ को उठा कर देवा की आँखों से बहते हुए आँसू पोंछने लगती है।

देवा;के वो जितने आँसू पोछती है उतना वो तड़प उठता है।
देवा;को देख कर ऐसा लगने लगता है की अब उसके ऑंखों से ऑंसू बहना बंद हो जायेंगे और खून बहने लगेगा।

नीलम;आप मत रोओ देव।

देवा; मैं नहीं रोऊँगा नीलम बस तू ठीक हो जा। तुझे हमारे मोहब्बत की कसम।
तूझे मेरे प्यार की कसम।
सच कहता हूँ अगर तू चलि गई तो मै ज़िंदा रह कर क्या करुँगा।

नीलम;का हाथ ढिला पड जाता है और वो बेहोश हो जाती है।

वैध का घर आ चूका था।

देवा;नीलम को लेकर वैध के घर में घुस जाता है।

खुश किस्मती से वैध और उसकी बहु किरण घर में मौजूद थे और पास के गांव का एक और बहुत ही मशहूर वैध भी वहां मौजूद थे।

जो शायद यहाँ किसी काम से आये थे।

किरण और वैध देवा और उसकी गोद में नीलम को देख घबरा जाते है।

क़िरण;क्या हुआ देवा।
क्या हुआ इसे इसका तो बहुत खून बह चूका है।

देवा;बातें नहीं इसे देखो पहले।
ये बस बेहोश हुई है।
 
Back
Top