Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम - Page 60 - SexBaba
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Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम

प्रिया की आँखें चौड़ी हो जाती है।
उसकी साँसें फुलने लगती है।
होठ थर थर काँपने लगते है और कुछ ही पल में पेशानी पर पसीना आ जाता है।

प्रिया;भाभी अभी ये आप क्या कह रही है।

ममता;अरे घबराती क्यों है।
मुझे पता है अम्मा और तुम दोनों ये कब से कर रही है।
मुझे तो पहले दिन ही पता चल गया था और उन्होने मुझे धीरे धीरे सब बता भी दिए है।
तुम चिंता क्यों करती है मै किसी को नहीं बताऊँगी।

प्रिया;की जान में जान आती है।
मगर भाभी आपको बुरा नहीं लगा ये जानकार की.....

ममता; एक बात कहूं किसे से कहेगी तो नही।

प्रिया;बताओ ना।

ममता;पहले मेरे सर की कसम खा।

प्रिया;आपके सर की कसम किसी को नहीं बताऊँगी।

ममता ;देख मेरे सर की कसम खाई है तुने
जैसे तू अपने भैया से करवाती है वैसे मै भी देवा भाई से मरवाती हूँ।

प्रिया;क्या.....
भाभी आप्प भी।

ममता; धीरे...... माँ सुन लेगी।
माँ नहीं जानती।
हम दोनों भाई बहन के अलावा अब ये राज़ सिर्फ तू जानती है और ख़बरदार अगर किसी से कुछ बोली तो.....

प्रिया;अपने मुँह पर हाथ रख लेती है।
ओह तो ये बात है।
तभी तो मै सोचूँ शादी से पहले से मेरी भाभी की गांड और चूचियां इतनी बडी बडी कैसे है।
देवा भाई का कमाल है ये।

ममता ;प्रिया के टाँग पर अपनी टाँग चढा लेती है।
हाँ रे आज कल हर घर में यही चलता है।
अपनी इज़्ज़त बाहर वालों को देने से तो अच्छा है घर में चुदवा लो।
 
प्रिया;भाभी तुम भी न सच में कमाल हो।

ममता ;वैसे तू भी कम नहीं है अपनी माँ को मेरे भाई के सामने चुदते देख चुकी है मगर अब भी इतनी शांत है।

प्रिया;तुम्हें ये कैसे पता।

ममता; भाई ने बताया मुझे की कल रात उसने अम्मा को बड़े कस के चोदा है।

प्रिया; हाँ।
माँ इतनी बड़ी चुदकड़ औरत है। सच में मुझे तो यक़ीन नहीं हो रहा था।
वो देख कर....

ममता ;क्या देख कर।
मेरे भाई का लंड़ ?

प्रिया की साँसें गरम होने लगती है और वो गरम साँसें ममता के चेहरे से टकराने लगती है।

ममता;अपने हाथ को प्रिया के कमर पर रख कर धीरे धीरे सहलाने लगती है।
कैसा है मेरे भाई का लंड लेना चाहती है क्या।

प्रिया;भाभी।



ममता;भाई तुझे चोदना चाहता है प्रिया।

प्रिया;घबरा कर उठकर बैठ जाती है।
ये तुम क्या कह रही हो भाभी।


ममता ; प्रिया को अपनी बाहों में जकड लेती है और होठो से प्रिया की गर्दन को चुमने लगती है और एक हाथ से प्रिया की चूचि को मसलने लगती है।
मै जानती हूँ तू भी भाई से करवाना चाहती है।
डर मत मै तेरे साथ हूँ।

प्रिया;मगर भाभी।

ममता ; इधर देख मेरी तरफ।

प्रिया;ममता की आँखों में देखने लगती है।
 
ममता;आजसे मुझे भाभी नहीं अपनी दोस्त समझ।
सच बता क्या तू नहीं चाहती मेरे भाई के नीचे आना।
उसके मोटे सब्बल से अपनी ज़मीन खुदवाना सच बोल।

प्रिया;आह्ह्ह्ह।
भाभी हाँ भाभी चाहती हूँ ना।
जब से माँ को उस लंड के नीचे पिसते देखी हूँ आअह्हह्हह्हह।
तब से मेरी चूत गीली हुई जा रही है।
एक पल के लिए भी आँखों के सामने से वो नज़ारा नहीं हट रहा आह्ह्ह्ह
भाभी।

ममता के हाथ प्रिया की चोली के अंदर घुस जाते है।

प्रिया;भाभी क्या कर रही हो आहहह।

ममता ;मेरे भाई से चुदवाने से पहले उसकी बहन को तेरी चूत तो चाटने दे मेरी प्रिया।

प्रिया;ममता की तरफ देखने लगती है दोनों लंड की प्यास में इन्तिहा पार कर चुकी थी एक बहन को अपने भाई के लंड का इंतज़ार था तो एक जवान लड़की को भाभी के भाई का।


ममता अपने नरम होंठो को प्रिया के होठो से मिला देती है और देखते ही देखते दोनों एक दूसरे से चिपक जाती है।
प्रिया: आह्ह्ह भाभी गलप्प्प गलप्प्प गलप्पप्प

ममता से रहा नहीं जा रहा था वो प्रिया के चूत को जल्द से जल्द देखना चाहती थी।

इससे पहले उसने प्रिया के चूत में अपने पति का लंड देखी थी। आज वो अपनी जुबान से उस चूत को चाट चाट कर लाल कर देना चाहती थी।

ममता प्रिया को बिस्तर पर लिटा देती है और पल भर में उसके बदन से सारे कपडे उतार देती है।
ममता को लंड लेने का जितना शौक था उतना ही चूत चाटने का भी शौक था।पहले उसे नूतन की चूत का सहारा था और अब एक नई चूत मिल गई थी अपनी ननद प्रिया की।

अपने कपडे उतार कर ममता प्रिया के ऊपर चढ़ जाती है और उसके होंठो से शुरुवात करते हुए उसके ब्रैस्ट को अपने मुँह में भरकर चूसने लगती है। कुछ देर तक निप्पल चूसने के बाद ममता और निचे जाने लगती है और फिर प्रिया की मखमली चूत पर जब अपनी जबान फिराती है तो प्रिया तड़प उठती है।

प्रिया: आह्ह्ह भाभी.....

ममता अपनी दो उंगलियाँ प्रिया की चूत में डालकर अंदर का सारा पानी बाहर निकालते हुए प्रिया के चूत के दाने को चाटने लगती है।जिस वक़्त ये दोनों लौंडिया एक दूसरे के बदन से खेलने में लगी हुई थी उसी समय दूसरे घर में दो जवान औरतों की चूत लंड के लिए मचल रही थी।
 
देवा टहलने के बहाने अपनी सासु माँ के घर चला गया था।उसे ये बताने की कल उसकी माँ आने वाली है उनके घर नीलम का हाथ मांगने।
देवा शालू के घर बैठा शालू से बातें कर रहा था।देवा आते ही शालू को ये खुश खबरी सुना चूका था।शालू की तो ख़ुशी का कोई ठीकाना नहीं था।
नीलम सो चुकी थी और नूतन देवा के सामने बैठी उसकी बाते कम सुन रही थी और उसके जिस्म को ज्यादा निहार रही थी।

देवा-अरे ये पप्पू नज़र नहीं आ रहा है।

शालू: पप्पू रश्मि को उसके ससुराल छोड़ने गया है दो तीन दिन में आ जायेगा।नूतन बहु ज़रा चाय पानी का इंतज़ाम कर ले।

नूतन उठके चाय बनाने चली जाती है।उसके जाते ही देवा अपनी सासु माँ को खीच के अपनी गोद में बैठा लेता है।
शालू: आह क्या करते हो जमाई राजा।बहु घर में है आ जायेगी ना।
देवा:सच कहूँ शालू। जबसे मैंने अपनी और नीलम की शादी की बात की है तब से मेरा बुरा हाल है।
शालू: क्यों क्या हुआ। नीलम तो तुम्हे पसंद है ना।

देवा: बहुत पसंद है।मगर मेरा बुरा हाल शादी को लेकर नहीं है बल्कि ये सोचकर हो रहा है की मैं कितना खुश नसीब हूँ मैं की मैं ऐसे घर का दामाद बनने जा रहा हूँ की जहाँ सास अपने जमाई से पहले ही चुदवा चुकी है।जहाँ का होनेवाला साला भी अपनी गांड मरवा चूका है।बस अब अपने साले की बीबी मिल जाये तो मज़ा आ जाये।

शालू: क्या कह रहे हो तुम दिमाग तो जगह पर है ना तुम अपनी बहन के बारे में बोल रहे हो।

देवा:अपने पंजे में शालू की गरम और बड़ी बड़ी चुचिया दबोच लेता है। साली छिनाल तुझे क्या हो गया है।।अपने बेटे से चुदवाती है।अपनी बेटी की चूत चाटने में तुझे शर्म नहीं आती।अपने होनेवाले दामाद से अपनी गांड तक मरवा चुकी है और अपनी बहु का नाम आया तो भड़क रही है।
 
शालू: नहीं ना मैं भड़क नहीं रही हूँ।आह मगर नूतन को ये पता चलेगा तो क्या होगा जानते भी हो।

देवा: सब पता है मुझे और वैसे भी पप्पू मुझे इजाजत भी दे चूका है नूतन के साथ ये सब करने की।
शालू: क्या।
देवा: इतना बड़ा मुँह मत खोल वरना लंड डालके अभी चोद दूंगा और ये सच है पप्पू ने खुद कहा है नूतन के साथ ये सब करने को।
शालू: मगर क्यों।
देवा अपने हाथ से शालू की चूत को सलवार के ऊपर से ही सहलाने लगता है। तू तो जानती है शालू की तेरा बेटा किसी काम का नहीं है और अगर ऐसा ही चलता रहा तो नूतन सारे गाँव वालों के सामने ये बोल देगी की तेरा बेटा गांडू है।
शालू :आह्ह्ह इश्ह्ह्ह्ह्ह् बहु आ जायेगी।
देवा: वही तो मैं चाहता हूँ की तेरी बहु तुझे मेरे लंड पे देखे और उसकी चूत में भी मेरे लंड की तड़प जग जाये।
शालू: आह पागल हो गए हो तुम आह्ह।
देवा खड़ा हो जाता है और एक हाथ से अपनी पेंट उतारता है और दूसरे हाथ से शालू का ब्लाउज निकाल के उसकी बड़ी बड़ी चुचियों को मुँह में भरकर चूसने लगता है।गलप्प गलप्प।
शालू: आह्ह्ह्ह देवा ऐसा मत करो।मुझे बहुत डर लग रहा है।आह्ह्ह्ह्ह्।
देवा: साली छिनाल ज्यादा नखरे करेगी ना तो ना नीलम से शादी करुँगा और ना इस घर में आऊंगा।देवा की बात सुनकर शालू के हाथ पाँव ठंढे पड़ जाते है।
देवा अपने लंड को बाहर निकाल के शालू की चुचियों पर घिसने लगता है।
शालू: आह उईई माँ धीरे मसल ना दर्द होता है आह्ह्ह्ह्ह्।
देवा:छिनाल को भी दर्द होता है क्या।चल जल्दी से नंगी हो जा मेरे लंड में खिंचाव आने लगा है।
शालू:अपने जमाई की बात सुनकर खड़ी हो जाती है और एक एक करके अपने सारे कपडे उतार देती है।
देवा: मुझे कौन नंगा करेगा साली छिनाल चल जल्दी कर...
शालू देवा के कपडे भी निकाल देती है।
देवा निचे बैठ जाता है और शालू अपनी टाँगें खोल देती है उन टाँगों में छिपी शालू की चूत पर देवा अपनी जीभ से चाटने लगता है।
शालू तड़प उठती है।देवा के तो हाथ ही काफी थे शालू को गरम करने के लिए मगर आज ज़ालिम ने अपनी जुबान भी वहाँ लगा दिया था जो शालू की कमजोरी थी।
 
शालू अपनी आँखें बंद करके अपनी चुचियों को मसलने लगती है।
देवा की जबान जितनी शालू की चूत के अंदर घुसती है उतनी ज्यादा वो सिसकारियाँ भरने लगती है।

देवा :शालू को लेके बिस्तर पर आ जाता है।चल मुँह में ले इसे छिनाल साली।
शालू को गालियाँ सुनते हुए चुदवाना अच्छा लगता था। ये बात उसने एक रात देवा से चुदवाते समय कही थी।अपने लंड को शालू के मुँह में डालकर अपनी उँगलियों से शालू की चूत सहलाते हुए शालू के मुँह को चोदने लगता है।
शालू: आह्ह्ह्ह्ह् गलप्प्पप्पप्प गलप्पप्पप्पप्पल आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्।
देवा:अरे आओ आओ नूतन देखो तुम्हारी सास कैसे मेरे लंड को चूस रही है।

दरवाजे पे खड़ी नूतन शालू और देवा की तरफ ही देख रही है।

देवा के मुँह से नूतन का नाम सुनकर शालू घबरा कर दरवाजे की तरफ देखती है और अपनी बहु नूतन को देखकर बुरी तरह शरमा जाती है और लंड चूसना रोक देती है।
देवा:छिनाल साली रंडी तुझे रुकने के लिए किसने कहा।चल चाट इसे ठीक से तेरी माँ को चोदुं साली रंडी।

शालू: अपनी नजरे नूतन से हटा कर फिर से देवा का लंड चूसने लगती है।
देवा: इशारे से नूतन को दरवाजा बंद करके पास आने के लिए कहता है।
नूतन दरवाजा बंद करके आकर विस्तर के एक कोने पर बैठ जाती है।उस वक्त तक शालू की चूत में इतना पानी आ चूका था की सैलाब का रूप ले ले।अब शालू को देवा के लंड के सिवा कुछ नहीं दिखाई दे रहा था और देवा उसके दिल की मुराद पूरी करने लगता है।
देवा अपने होनेवाली सास की दोनों टाँगो को खोलकर उसकी गीली चूत पर अपना मोटा लंड रगड़ने लगता है।

देवा: बड़ी कमाल की चूत है नूतन तेरी सास की एक बार अंदर पेलने के बाद बाहर निकालने का मन नहीं करता।


शालू: आह्ह्ह्ह उसे क्या बता रहे हो अंदर डालो ना।आह्ह्ह
देवा: पहले बोल तू मेरी छिनाल रांड है।बोल साली....
शालू: नहीं बोलती...
देवा:चटाख से दो तीन थप्पड़ शालू की चूत पे जड़ देता है।
शालू:उईईईईई माँ । शालू तिलमिला जाती है
हाँ हरामी हूँ मैं तेरी रांड।तुझे अपनी चूत और गांड मरवाने वाली छिनाल हूँ मैं बस्सस्स अब चोद दे अपनी रंडी सास को।
 
देवा:बहुत आग लगी है साली तेरी चूत में। बोल और किस किस से चुदवाती है साली रंडी हरामज़ादी।
शालू:अपने बेटे से और तुझसे बस्सस्स।अब तो डाल ना रे...
देवा:मैं तेरी बहु को भी चोदना चाहता हूँ साली रंडी।
शालू:गुस्से में आ जाती है।उसकी चूत का दाना उतेजना से इतना बाहर आ चूका था की उसकी तड़प का कोई ठिकाना नहीं था।अरे चोदना है तो चोद डाल हरामी तेरे सामने ही तो बैठी है मैं कुछ नहीं कहूँगी।लेकिन पहले मेरी आग तो बुझा दे हरामी......मुझे चोद दे....
ये सुनते ही देवा अपने लंड को शालू की चूत में पेल देता है।
शालू की आह निकल जाती है और उसके चेहरे पर एक सुकून छा जाता है और वह अपनी गांड उठाके देवा के धक्के का जबाब देने लगती है।पास में बैठी नूतन का दिल मारे ख़ुशी के देवा को चूमने का करता है। मगर उस वक्त ये करना ठीक नहीं था।
आज सिर्फ शालू की चुदाई होनी थी।

देवा:अपनी जान से भी ज्यादा प्यारी शालू को गप्पा गप सटा सट अपने लंड से चोदता चला जाता है और शालू भी अपनी सारी शर्मो हया छोड़ के अपनी बहु के सामने अपनी चूत खुलवाती चली जाती है अब उसे ये भी शर्म नहीं था की उसकी बहु सामने बैठी उसे देख रही है।

जब दोनों की नजरे मिलती है तो दोनों के चेहरे पर मुस्कान फ़ैल जाती है। देवा शालू को कुत्तिया बना देता है और बेड के सहारे खड़ा कर देता है उसके सामने नूतन बैठी हुई सब देख रही है फिर देवा अपने लंड को शालू की गाण्ड के छेद पर लगाता है ।

जब शालू को अपनी गांड के छेद पर देवा के लंड का अहसास होता है तो वह देवा को रुकने के लिए बोलती है ।

शालू: देवा मेरी चूत बहुत गर्म है तू आज सिर्फ मेरी चूत में चोद ले कल गांड मार लेना।

देवा: साली रंडी कुतिया मैं तुझे जैसे मन करेगा वैसे चोदुँगा। तू मेरी रंडी है ।

देवा: जल्दी से अपनी गांड ढिली छोड़ नहीं तो साली लंड के साथ साथ अपना हाथ डाल दूंगा तेरी गांड में।

शालू जल्दी से डर कर अपने गांड को ढीला छोड़ देती है और देवा अपने मोटे लंड को शालू की गांड में एक ही झटके में पेल देता है शालू दर्द से चिल्लाने लगती है तो देवा शालू का मुंह बंद करके जोर जोर से उसकी गांड मारने लगता है ।

अपनी सास की चूदाई देखकर नूतन भी पूरी तरह से गर्म हो जाती है देवा कुत्तिया बनी शालू की गांड पर थप्पड़ भी मारता है जिससे शालू की पुरी गाण्ड लाल हो जाती है फिर देवा शालू की गांड से लंड निकाल कर उसकी गीली चूत में पूरा लंड पेल देता है और गन्दी गन्दी गाली के साथ शालू की कभी चूत तो कभी गांड मारने लगता है।लेकिन शालू भी बहुत बड़ी छिनाल थी।

वह अपने गाण्ड को पीछे कर कर के देवा के हर धक्के का जवाब दे रही थी आधा घंटे तक नॉनस्टॉप गांड मारने के बाद देवा अपना सारा पानी शालू की गांड में ही निकाल देता है इसी बीच शालू तीन बार झड़ चुकी थी अपने गांड से देवा के लंड के निकलते हैं शालू बेड पर गिर जाती है।

एक घंटे तक शालू को जी भर के चोदने के बाद देवा झड़ा था। वह अपने घर की तरफ निकल जाता है।
 
अपडेट 93



शालु;के घर से देवा सीधा अपने घर की तरफ निकल पडता है।
वो मुस्कराता हुआ अपने घर की तरफ आ रहा था की तभी उसे किसी के कराहने की आवाज़ सुनाई देती है।
अंधेरा होने की वजह से उसे ठीक ठीक दिखाई नहीं दे रहा था मगर वो साफ़ सुन सकता था की कोई दर्द से तड़प रहा है।

वो उस आवाज़ की तरफ चला जाता है।
पीपल के पेड़ के पास एक आदमी सर पर कंबल डाले दर्द से तड़प रहा था।

देवा;उसके पास जाकर खड़ा हो जाता है
कौन हो भाई तुम और क्या हुआ है तुम्हें।

वो शख्स बिना अपने सर से कंबल हटाए
कहता है।
आओ देवा मै तुम्हारा ही इंतज़ार कर रहा था।

देवा;कौन हो तुम और तुम्हें मेरा नाम कैसे पता।
इससे पहले तो तुम्हें गांव में कभी नहीं देखा मैने।

मेरे बारे में मत पुछो अपनी फिकर करो देवा।

देवा;क्या मतलब और तुम अपना मुँह क्यों छुपा रहे हो।
देवा;उसके सर से कंबल हटाना चाहता था मगर वो आदमी खड़ा हो जाता है और देवा से चार कदम आगे बढ़ जाता है।

देवा;रुको बाबा।

वो शख्स देवा की तरफ घुमता है
और गरजदार आवाज़ में कहता है।

काले अँधेरे साये।
चारों तरफ से हैं आए।
तुम्हेँ सँभल कर रहना होगा।
दुश्मन है घात लगाये।
जान लेकर जायेंगे वो।

देवा;लगता है कोई नया पागल आया है गांव में
वो अपना सर झटक कर घर की तरफ मुडता है
की तभी उसे उसी आदमी की आवाज़ फिर से सुनाये देती है।
देवा सँभाल कर रहना।

देवा;जैसे ही अपनी गर्दन घुमा कर पीछे देखता है
उसे वहां कोई दिखाई नहीं देता।
 
देवा;हक्का बक्का रह जाता है।
ठीक से चल भी नहीं पा रहा था वो आदमी और अचानक से ग़ायब हो गया था।

दूर दूर तक किसी के क़दमों की कोई आवाज़ भी नहीं थी।
पहली बार देवा के माथे पर पसीने के चंद क़तरे जमा हो जाते है।।

देवा;एक मज़बूत कलेजे का आदमी था।
खेत में रात के वक़्त उसने कई बड़े बड़े जानवर देखे थे
साँप बिच्छु यहाँ तक की एक मर्तबा उसके गांव में जंगल से चीता भी चला आया था मगर कभी भी देवा उन्हें देख कर नहीं डरा था।
पर पता नहीं आज उसका दिल ज़ोर से धड़क रहा था।
इस बात से वो और ज़्यादा परेशान हो गया था की वो आदमी उसका नाम ऐसे ले रहा था जैसे वो उसे अच्छी तरह से जानता हो।

देवा;लम्बे लम्बे कदम भरता हुआ अपने घर आ जाता है
घर में सन्नाटा पसरा हुआ था।
रत्ना सो चुकी थी।
देवा एक नज़र उसके रूम में झाँक लेता है।
मगर अपनी रत्ना को गहरी नींद में सोता देख वो उसे नहीं जगाता। बल्कि अपने रूम की तरफ बढ़ जाता है।

उसे ममता के रूम से सिसकने की आवाज़ सुनाई देती है
फ़िरसे उसका दिल बहकने लगता है।
वो कान लगाकर दरवाज़े के पास खड़ा हो जाता है।

अंदर प्रिया और ममता की चूत घिसाई शुरु थी।
थोड़ी देर में ही देवा उन दोनों की सिसकारियों का कारण समझ जाता है।
थोड़ी देर पहले देवा जिस डर का शिकार हुआ था वो काफी हद तक चला जाता है।
और देवा मुस्कराता हुआ अपने रूम में आकर बेड पर पसर जाता है।

सुबह देवा जल्दी उठ जाता है।
आज रत्ना शालु से उसकी और नीलम की शादी की बात करने वाली थी।

देवा;नहाकर जैसे ही ममता के रूम के सामने से गुज़रता है उसे ममता पलंग पर नंगी सोये हुए दिखाई देती है।

प्रिया वहां नहीं थी शायद वो सुबह सुबह नहाने चली गई थी।

देवा;रूम के अंदर आ जाता है और दरवाज़ा अंदर से बंद करके अपना पेंट उतार देता है।
 
ममता की कमर इतनी बड़ी तो नहीं थी मगर सुबह की रौशनी में वो सूरज की तरह चमक रही थी।
चुत और गाण्ड का सुराख़ देवा को पीछे से साफ़ दिखाई दे रहा था।

ममता थोड़े पैर खोल के सोई हुई थी।
उसके बिखरे हुए बाल देख कर साफ़ पता चल रहा था की वो रात भर नहीं सो पाई है।
बिस्तर पर जगह जगह चूत से निकले पानी के धब्बे दिखाई दे रहे थे।

देवा; धिरे से बिना कुछ आवाज़ किये ममता के ऊपर पीछे से लेट जाता है।

ममता;उन्हह
प्रिया क्या कर रही है तेरी चूत में कितनी आग है रात भर इतना चुसी तूने । मुझे अब सोने दे ना।


देवा;अपने भाई को चुसने नहीं देगी।

ममता ;भाई।
ममता;गर्दन घुमा कर देवा की तरफ देखती है।
भाई तुम........

देवा;हाँ मै रात में तेरे कमरे में आना चाहता था मगर मुझे ऐसी आवाज़ें सुनाई दी जिसकी वजह से दिल नहीं किया अंदर आने को।

ममता; चित लेट जाती है और अपने दोनों पैर खोल कर उन के बीच में देवा को जगह दे देती है।

ममता ;सच कहूं भाई तैयार कर रही थी एक और गरम गरम चूत अपने प्यारे भैया के लिये।

देवा;ममता के होठो को चूम लेता है।
तू अपनी चूत कब चटाएंगी मेरी जान।
कितने दिन हो गये तुझे। अपने भैया को इतना तड़पाएंगी क्या।

ममता ;आपकी ही हूँ भाई बीच रास्ते में भी चोदना चाहोगे न मना नहीं करुँगी।

देवा;सच।

ममता;आज़मा कर देख लेना कभी।

देवा;अभी चोदना है तुझे।

ममता ;अपना हाथ देवा की चड्ढी में डाल देती है और देवा के खड़े लंड को अपने मुठी में जकड लेती है।
चुत यहाँ है लंड खड़ा है घुसा दो न फिर रोका किसने है भइया।

देवा;पक्की छिनाल हो गई है तू शादी के बाद।

ममता ;सब आपने किया मुझे ऐसा वरना मै कहाँ थी पहले ऐसी।

दोनो एक दूसरे को देख हंसने लगते है और देवा अपनी चड्डी भी निकाल कर नंगा अपनी बहन ममता को अपने बाहों में भर लेता है।
 
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