hotaks444
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नही नहीं तुम झूठ बोल रहे हो भला वो अपनी पत्नी को क्यों मारने लगे नहीं मुझे विश्वास नहीं होता।
बिंदिया ;अरे मै सच कह रही हूँ।
मुझे भी इसी शर्त पर वो यहाँ ले के आया है।
देवा;मगर तुम मुझे ये सब क्यों बता रही हो।
बिंदिया;सच कहूं देवा।
मुझे तुझसे पहली नज़र में ही प्यार हो गया था। हाँ जानती हूँ तू क्या सोचेगा की मै एक रखेल हूँ बातें बनाना जानती हूँ।
देवा;नहीं ऐसे बात नही।
बिंदिया ;हाँ हाँ मुझे सब पता है।
मगर मै हमेशा से ऐसी नहीं थी। एक सीधे साधे किसान की बेटी थी जिस पर हिम्मत राव की बुरी नज़र पड़ गई। शादी तो मेरी होने से रही हिम्मत ने इसी का फायदा उठाके पूरे गांव भर में मुझे मशहूर करवा दिया की मै उसकी रखेल हूँ और कोई उससे शादी न करे।
मै उस दिन बहुत रोई थी मगर उस कमिने ने मुझे झूठे वादे करके फँसा लिया। ये कहके की वो मुझसे एक दिन शादी करेंगा और अपने साथ हवेली में रखेगा मगर मुझे कुछ ही दिन पहले पता चला है की पास के एक गांव में भी चंपा नाम की औरत के साथ वो यही कर चुका है ।
उस दिन मैंने सोच लिया की मै अपनी बर्बादी का बदला हिम्मत राव से ज़रूर लुंगी मगर किस्मत भी देख।
मुझे तू मिल गया।
तेरी भोलेपन को देख के मुझे एक बात तो समझ आ गई की हिम्मत की बूरी नज़र तुझ पर ज़रूर किसी वजह से है भला तूने उसका क्या बिगाड़ा होगा। ये बात मुझे समझ नहीं आई।
देवा;यही बात तो मुझे भी पता करनी है बिंदिया।
बिंदिया ;वो तेरी बडी मालकिन को मारके उसकी जायदाद हड़पना चाहता है और मै जानती हूँ की वो जायदाद मिलने के बाद मुझे भी नहीं पहचानेगा।
देवा;अपने कपडे पहनने लगता है।
चलो देर बहुत हो गई है।
बिंदिया;देख देवा तूने मेरी सर की कसम खाई है ये बात किसी को पता न चलने पाये वरना हिम्मत राव मुझे भी जान से मार देगा उसकी पहुँच बड़े बड़े लोगों में है।
तूझे मेरी कसम है देवा।
देवा;मैंने तेरे सर की कसम खाया हूँ न। बस तुम फिकर मत करो मै ये बात किसी को भी नहीं बताऊँगा। बस किसी तरह मुझे अपने बापू के बारे में पता चल जाए अगर उनके ग़ायब होने के पीछे भी हिम्मत राव हुआ तो बहुत पछतायेगा वो हरामी।
बिंदिया ;तेरे बापू। क्या हुआ तेरे बापू को।
देवा;वो अचानक ग़ायब हो गये थे। हिम्मत राव की हवेली से उसके बाद कभी नहीं आए।
बिंदिया ;ज़रूर इस में भी उस कमिने का हाथ रहा होगा। भोले भाले लोगों को फँसना उसे अच्छी तरह आता है । देख देवा वो बहुत खतरनाक आदमी है उसे ज़रा बच के रहना तुम।
देवा;बचना तो अब उसे मुझसे पड़ेगा । देख लेना तुम अगर तुम्हे कोई बात पता चले तो मुझे ज़रूर बताना।
बिंदिया : मैं आज ही से पता लगाने की कोशिश करती हुए हूँ। क्योंकि शराब पीने के बाद उसे कुछ होश नहीं रहता की वो क्या बोल रहा है। एक दिन शराब पीते पीते ही उसने मुझे चंपा कहके पुकारा था। उसी दिन मेरा माथा ठनका था और मैंने चंपा के बारे में सब कुछ पता लगा ली थी । तेरे बापू के बारे में भी मै ज़रूर पता लगा लुंगी देवा । तू फिकर मत कर बस मेरा ख्याल रखने आ जाया कर हवेली पर।
देवा; हँस पडता है और बातो बातों में वो दोनों हवेली पहुँच जाते है।[/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size]
नही नहीं तुम झूठ बोल रहे हो भला वो अपनी पत्नी को क्यों मारने लगे नहीं मुझे विश्वास नहीं होता।
बिंदिया ;अरे मै सच कह रही हूँ।
मुझे भी इसी शर्त पर वो यहाँ ले के आया है।
देवा;मगर तुम मुझे ये सब क्यों बता रही हो।
बिंदिया;सच कहूं देवा।
मुझे तुझसे पहली नज़र में ही प्यार हो गया था। हाँ जानती हूँ तू क्या सोचेगा की मै एक रखेल हूँ बातें बनाना जानती हूँ।
देवा;नहीं ऐसे बात नही।
बिंदिया ;हाँ हाँ मुझे सब पता है।
मगर मै हमेशा से ऐसी नहीं थी। एक सीधे साधे किसान की बेटी थी जिस पर हिम्मत राव की बुरी नज़र पड़ गई। शादी तो मेरी होने से रही हिम्मत ने इसी का फायदा उठाके पूरे गांव भर में मुझे मशहूर करवा दिया की मै उसकी रखेल हूँ और कोई उससे शादी न करे।
मै उस दिन बहुत रोई थी मगर उस कमिने ने मुझे झूठे वादे करके फँसा लिया। ये कहके की वो मुझसे एक दिन शादी करेंगा और अपने साथ हवेली में रखेगा मगर मुझे कुछ ही दिन पहले पता चला है की पास के एक गांव में भी चंपा नाम की औरत के साथ वो यही कर चुका है ।
उस दिन मैंने सोच लिया की मै अपनी बर्बादी का बदला हिम्मत राव से ज़रूर लुंगी मगर किस्मत भी देख।
मुझे तू मिल गया।
तेरी भोलेपन को देख के मुझे एक बात तो समझ आ गई की हिम्मत की बूरी नज़र तुझ पर ज़रूर किसी वजह से है भला तूने उसका क्या बिगाड़ा होगा। ये बात मुझे समझ नहीं आई।
देवा;यही बात तो मुझे भी पता करनी है बिंदिया।
बिंदिया ;वो तेरी बडी मालकिन को मारके उसकी जायदाद हड़पना चाहता है और मै जानती हूँ की वो जायदाद मिलने के बाद मुझे भी नहीं पहचानेगा।
देवा;अपने कपडे पहनने लगता है।
चलो देर बहुत हो गई है।
बिंदिया;देख देवा तूने मेरी सर की कसम खाई है ये बात किसी को पता न चलने पाये वरना हिम्मत राव मुझे भी जान से मार देगा उसकी पहुँच बड़े बड़े लोगों में है।
तूझे मेरी कसम है देवा।
देवा;मैंने तेरे सर की कसम खाया हूँ न। बस तुम फिकर मत करो मै ये बात किसी को भी नहीं बताऊँगा। बस किसी तरह मुझे अपने बापू के बारे में पता चल जाए अगर उनके ग़ायब होने के पीछे भी हिम्मत राव हुआ तो बहुत पछतायेगा वो हरामी।
बिंदिया ;तेरे बापू। क्या हुआ तेरे बापू को।
देवा;वो अचानक ग़ायब हो गये थे। हिम्मत राव की हवेली से उसके बाद कभी नहीं आए।
बिंदिया ;ज़रूर इस में भी उस कमिने का हाथ रहा होगा। भोले भाले लोगों को फँसना उसे अच्छी तरह आता है । देख देवा वो बहुत खतरनाक आदमी है उसे ज़रा बच के रहना तुम।
देवा;बचना तो अब उसे मुझसे पड़ेगा । देख लेना तुम अगर तुम्हे कोई बात पता चले तो मुझे ज़रूर बताना।
बिंदिया : मैं आज ही से पता लगाने की कोशिश करती हुए हूँ। क्योंकि शराब पीने के बाद उसे कुछ होश नहीं रहता की वो क्या बोल रहा है। एक दिन शराब पीते पीते ही उसने मुझे चंपा कहके पुकारा था। उसी दिन मेरा माथा ठनका था और मैंने चंपा के बारे में सब कुछ पता लगा ली थी । तेरे बापू के बारे में भी मै ज़रूर पता लगा लुंगी देवा । तू फिकर मत कर बस मेरा ख्याल रखने आ जाया कर हवेली पर।
देवा; हँस पडता है और बातो बातों में वो दोनों हवेली पहुँच जाते है।[/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size]