hotaks444
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रत्ना “आहह…बेटे…ऐसी…ही सहलाओ इन्हे……और जरा…ताकत से जोर से सहलाओ बहुत अच्छा लगता है तुम्हारे हाथ जब इनको दबाते है…आह……बस ऐसे ही हाँ……आहह…दबाते रहो बस…”
रत्ना सिसकी लेते हुए मजा लेने लगती है और देवा उसकी चुचियों को मसलने का काम जारी रखता है।
देवा: “माँ तुम्हारी यह मस्त चुचियाँ…मन करता है की बस दबाता ही रहुँ ऐसे ही…बहुत मोटे और सुन्दर है,,,,इन्हे जब भी तुम्हारे सीने पे लटके हुए देखता हूँ तो बस देखते रहने का ही मन करता है…मन करता है की बस इनका सेवन कर लुँ…”
रत्ना:“मेरे बेटे किसने रोका है तुझे तेरा जो मन करे कर इनके साथ…जब छोटा बच्चा था तब भी बहुत खेलता था इन के साथ…तब इनकी असली सुंदरता से वाकिफ़ नहीं था शायद…आहह…ऐसे ही……और जोर से……बेटा बस ऐसे ही दबाते रहो……और इनकी सुंदरता को बढ़ाओ…”
देवा रत्ना की चुचियों को लगातार फव्वारे के पानी के नीचे दबाने में मगन था, वो आज अपनी माँ की चुचियों पर बहुत फ़िदा लग रहा था और रत्ना को भी आज अपनी चूचियों को अपने बेटे से मसलवाने का बहुत मन भी कर रहा था…
रत्ना:“बेटा मेरे प्यारे देवा…तुम्हारे हाथो में…आह्हः…जादु है…मेरे पति परमेश्वर…”
देवा अपनी रत्न की चुचियों को अब काफी प्यार से और आराम से मसल रहा था।आज क्युकी देवा जानता था की उसके पास बहुत ज्यादा समय है रत्ना के रोम रोम को तराशने के लिये, आज एक बेटा अपनी माँ के हर उस हिस्से का जायजा लेगा जो कोई आम बेटा अपनी जिंदगी में शायद ही सोचता होगा।
आज देवा अपनी रत्ना से अपनी माँ से खूब मजे लेगा क्युकी अभी तो शाम सी ही हुई है…रात तो अभी आनी है…और रत्ना ने तो पहले ही अपने देवा को हूकुम दे दिया है उसे सुबह तक चोदने के लिए…लगता है कल तक रत्ना बिस्तर से उठ तक नहीं पायेगी…
देव,, “माँ आज तुम्हारा यह बेटा अपने लंड का असली 'ताकत दिखायेगा…पुरी रात…तूझे चोद चोद कर”
रत्ना देवा की बातो को सुन कर आज बहुत खुश हो रही थी, कुछ महीनो पहले तक जो रत्ना अपने बेटे को अपनी बहन ममता को चोदते देख उसे डण्डे से मारी थी, आज वही रत्ना खुद उसके लंड पर अपनी बेटी की तरह ही उछल उछल कर अपनी चूत और गांड उस तगडे मरद के लंड से मरवाना चाहती थी…और वह भी पूरी पूरी रात…अपने बेटे की बाँहों में नंगी रह कर…यह सच में देवा का ही 'कमाल है।
रत्ना सिसकी लेते हुए मजा लेने लगती है और देवा उसकी चुचियों को मसलने का काम जारी रखता है।
देवा: “माँ तुम्हारी यह मस्त चुचियाँ…मन करता है की बस दबाता ही रहुँ ऐसे ही…बहुत मोटे और सुन्दर है,,,,इन्हे जब भी तुम्हारे सीने पे लटके हुए देखता हूँ तो बस देखते रहने का ही मन करता है…मन करता है की बस इनका सेवन कर लुँ…”
रत्ना:“मेरे बेटे किसने रोका है तुझे तेरा जो मन करे कर इनके साथ…जब छोटा बच्चा था तब भी बहुत खेलता था इन के साथ…तब इनकी असली सुंदरता से वाकिफ़ नहीं था शायद…आहह…ऐसे ही……और जोर से……बेटा बस ऐसे ही दबाते रहो……और इनकी सुंदरता को बढ़ाओ…”
देवा रत्ना की चुचियों को लगातार फव्वारे के पानी के नीचे दबाने में मगन था, वो आज अपनी माँ की चुचियों पर बहुत फ़िदा लग रहा था और रत्ना को भी आज अपनी चूचियों को अपने बेटे से मसलवाने का बहुत मन भी कर रहा था…
रत्ना:“बेटा मेरे प्यारे देवा…तुम्हारे हाथो में…आह्हः…जादु है…मेरे पति परमेश्वर…”
देवा अपनी रत्न की चुचियों को अब काफी प्यार से और आराम से मसल रहा था।आज क्युकी देवा जानता था की उसके पास बहुत ज्यादा समय है रत्ना के रोम रोम को तराशने के लिये, आज एक बेटा अपनी माँ के हर उस हिस्से का जायजा लेगा जो कोई आम बेटा अपनी जिंदगी में शायद ही सोचता होगा।
आज देवा अपनी रत्ना से अपनी माँ से खूब मजे लेगा क्युकी अभी तो शाम सी ही हुई है…रात तो अभी आनी है…और रत्ना ने तो पहले ही अपने देवा को हूकुम दे दिया है उसे सुबह तक चोदने के लिए…लगता है कल तक रत्ना बिस्तर से उठ तक नहीं पायेगी…
देव,, “माँ आज तुम्हारा यह बेटा अपने लंड का असली 'ताकत दिखायेगा…पुरी रात…तूझे चोद चोद कर”
रत्ना देवा की बातो को सुन कर आज बहुत खुश हो रही थी, कुछ महीनो पहले तक जो रत्ना अपने बेटे को अपनी बहन ममता को चोदते देख उसे डण्डे से मारी थी, आज वही रत्ना खुद उसके लंड पर अपनी बेटी की तरह ही उछल उछल कर अपनी चूत और गांड उस तगडे मरद के लंड से मरवाना चाहती थी…और वह भी पूरी पूरी रात…अपने बेटे की बाँहों में नंगी रह कर…यह सच में देवा का ही 'कमाल है।