hotaks444
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देवा बिना कुछ बोले पत्थर बना हुआ जमीन पर पड़ा रहता है,
पप्पू भी समझ जाता है की देवा को झटका लगा है,
इसलिये वो कुछ नहीं बोल रहा…
पप्पू भी देवा के बगल में जमीन पर बैठकर उसके काँधे पर हाथ रखकर उसे दिलासा देने लगता है।
पप्पु:“देवा, देख मै जानता हुँ की तुझे झटका लगा है यह जानकार, पर सच यही है…”
देवा कुछ नहीं बोलता है।
पप्पु: “सुन इतना परेशान मत हो नीलम तेरी ही है अभी भी, उसने यह भी मान लिया है की रत्ना काकी का तेरे साथ जो चल रहा है उसमे उसे कोई आपति नहीं है, और उसने मेरा और माँ का रिश्ता भी क़बूल कर लिया है…”
देवा पप्पू की बात सुनके चौंक जाता है पर यह जानके की जिसे वो जान से भी ज्यादा चाहता है और अपनी जिंदगी बिताना चाहता है।
उसे यह बात पता चल गयी है की देवा ने उसे धोखा दिया है…।
और अब वो उसे अपना चेहरा कैसे दिखायेगा…
ये सोच सोच के पप्पू की कही बाते भी देवा पर कोई फर्क नहीं डालती
पप्पु: “देख देवा, मुझे नहीं लगता है की नीलम ज्यादा ग़ुस्सा है, वो अब भी तुझे बहुत प्यार करती है…”
पप्पू की यह बात देवा के दिल तक पहुच ही जाती है और वो पप्पू की तरफ देखता है।
देवा की आँखों में अपने प्यार से बिछड़ने का गम पप्पू साफ़ साफ देवा की आँखों में देख सकता था जो की आँसुओ के रूप में बाहर आ रहा था…
देवा: “क्या कहा तूने नीलम मुझसे अब भी प्यार करती है…मतलब यह सब जानने के बाद भी की मै और माँ…तु सच कह रहा है न…पप्पू”
पप्पु देवा के चेहरे पर आयी उस हल्की सी ख़ुशी से यह ठान लेता है की नीलम की शादी तो सिर्फ देवा से ही करवाएगा चाहे कुछ भी हो जाए…
उसे देवा की आँखों में अपनी बहन के लिए सच्चा प्यार दिखा था आज…
पप्पू की आँखों में भी नमी आने लगी थी।
पप्पु:“हाँ देवा नीलम अब भी तुझे उतना ही प्यार करती है और वो तेरे और रत्ना काकी के रिश्ते को शायद जल्दी अपना भी ले…”
पर देवा यह बात सुनकर फिर से डर जाता है।
देवा: “पर मै नीलम के सामने किस मुँह से जाऊंगा भला क्या क्या सोच रही होगी वो मेरे बारे में…की मै अपनी ही माँ के साथ यह सब करता हुँ…नही…नीलम का सामने मैं नही कर पाउँगा…वह मुझे नहीं अपनायेगी…”
और ऐसा कहते हुए देवा उठता है और भागना शुरू कर देता है…
देवा बिना कुछ बोले पत्थर बना हुआ जमीन पर पड़ा रहता है,
पप्पू भी समझ जाता है की देवा को झटका लगा है,
इसलिये वो कुछ नहीं बोल रहा…
पप्पू भी देवा के बगल में जमीन पर बैठकर उसके काँधे पर हाथ रखकर उसे दिलासा देने लगता है।
पप्पु:“देवा, देख मै जानता हुँ की तुझे झटका लगा है यह जानकार, पर सच यही है…”
देवा कुछ नहीं बोलता है।
पप्पु: “सुन इतना परेशान मत हो नीलम तेरी ही है अभी भी, उसने यह भी मान लिया है की रत्ना काकी का तेरे साथ जो चल रहा है उसमे उसे कोई आपति नहीं है, और उसने मेरा और माँ का रिश्ता भी क़बूल कर लिया है…”
देवा पप्पू की बात सुनके चौंक जाता है पर यह जानके की जिसे वो जान से भी ज्यादा चाहता है और अपनी जिंदगी बिताना चाहता है।
उसे यह बात पता चल गयी है की देवा ने उसे धोखा दिया है…।
और अब वो उसे अपना चेहरा कैसे दिखायेगा…
ये सोच सोच के पप्पू की कही बाते भी देवा पर कोई फर्क नहीं डालती
पप्पु: “देख देवा, मुझे नहीं लगता है की नीलम ज्यादा ग़ुस्सा है, वो अब भी तुझे बहुत प्यार करती है…”
पप्पू की यह बात देवा के दिल तक पहुच ही जाती है और वो पप्पू की तरफ देखता है।
देवा की आँखों में अपने प्यार से बिछड़ने का गम पप्पू साफ़ साफ देवा की आँखों में देख सकता था जो की आँसुओ के रूप में बाहर आ रहा था…
देवा: “क्या कहा तूने नीलम मुझसे अब भी प्यार करती है…मतलब यह सब जानने के बाद भी की मै और माँ…तु सच कह रहा है न…पप्पू”
पप्पु देवा के चेहरे पर आयी उस हल्की सी ख़ुशी से यह ठान लेता है की नीलम की शादी तो सिर्फ देवा से ही करवाएगा चाहे कुछ भी हो जाए…
उसे देवा की आँखों में अपनी बहन के लिए सच्चा प्यार दिखा था आज…
पप्पू की आँखों में भी नमी आने लगी थी।
पप्पु:“हाँ देवा नीलम अब भी तुझे उतना ही प्यार करती है और वो तेरे और रत्ना काकी के रिश्ते को शायद जल्दी अपना भी ले…”
पर देवा यह बात सुनकर फिर से डर जाता है।
देवा: “पर मै नीलम के सामने किस मुँह से जाऊंगा भला क्या क्या सोच रही होगी वो मेरे बारे में…की मै अपनी ही माँ के साथ यह सब करता हुँ…नही…नीलम का सामने मैं नही कर पाउँगा…वह मुझे नहीं अपनायेगी…”
और ऐसा कहते हुए देवा उठता है और भागना शुरू कर देता है…