Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम - Page 79 - SexBaba
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Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम

अपडेट 127




जब आपको किसी से प्यार होता है, सच्चा वाला, तो उसके लिए आप कुछ भी करने को तत्पर रहते है। अपनी ख़ुशी क्या जान तक दाँव पर लगा सकते है…
कुछ ऐसा ही सच्चा प्यार है देवा और नीलम के बीच, दो जिस्म एक जान से है दोनों…
इतनी बड़ी बात जानकार भी नीलम के दिल में देवा के लिए प्यार कम नहीं हुआ।

हाँ दर्द बेशक हुआ, दर्द न हो तो वो प्यार से ज्यादा “अँधा प्यार” कहलाता है जिसमे इंसान किसी चीज की कदर नहीं करता।
अपने प्यार को पाने के लिए किसी भी हद तक गिर जाता है,
पर नीलम का प्यार इतना मतलबी नहीं था।
उसे भी अपनी होने वाली सास की तकलीफ को समझा था और उसका साथ देने का फैसला करती है जिससे देवा के दिल में नीलम के लिए अब ईज्जत और ज्यादा बढ़ गयी थी।
बेशक़ नीलम और देवा एक दूसरे के लिए ही बने थे…
बारिश की बूंदो के बीच भिगती एक चूलबुल सी बलखाती सी एक लड़की जिसकी मुस्कान पे देवा मरता है…।
जब तक नीलम देवा की दृष्टि से बाहर नहीं हो गयी वो बस एक टक उसे देखता ही रहा…
रत्ना:“जनाब अब क्या यहीं रहने का ईरादा है?”
रत्ना की आवाज सुनकर देवा पीछे मुडा।
देवा: “माँ आप कब आयी?”
रत्ना: “अभी आयी हूँ…आ जाओ चाय ठण्डी हो जायेगी वरना…मजनू”
देवा अपना सर खुजला के घर के भीतर चला जाता है और अपनी माँ के साथ बैठे चाय पीने लगता है।
रत्ना: “तो कल दोपहर का खाना नहीं बनाऊ न?”
देवा: चौंक जाता है… माँ आपने सुन लिया था”
रत्ना:“तुम दोनों को खुश देखकर मेरे मन से बोझ उतर गया है…तुम दोनों बस खुश रहना”
देवा:“हाँ माँ…और आपको खुश रखने का काम मेरा है…”
और देवा मुस्कुराने लगता है और रत्ना भी उसे देख कर मुस्कुराने लगती है और देवा अपनी चाय रखकर उसकी तरफ आगे बढ़ता है और उसके रसीले होठो पर अपने होंठ रख देता है।
रत्ना भी देवा का साथ देते हुए अपने होठो से देवा के होंठ चुसती है और उसकी गरदन पकड़ लेती है।
बाहर बारिश बंद हो चुकी थी और मौसम में काफी ठण्डक भी आ गयी थी।
पर देवा और रत्ना को तो अब गर्मी लगने लगी थी।
जीससे दोनों एक दूसरे के कपडे उतारना शुरू कर देते है…
रत्ना: “रुको पहले घर का दरवाजा बंद कर आऊँ”
और रत्ना उठ कर दरवाजा बंद कर आती है।
देवा उसे अपनी बांहो में उठाकर कमरे में ले आता है…
 
दोनो कुछ ही पल में एक दूसरे को नंगा कर देते है।
देवा रत्ना की चुचियों को हाथो में पकड़ कर जोर जोर से मसलने लगता है और काटने लगता है…
देव, “आह्ह्ह्ह माँ अब तो नीलम को भी सब पता है और क़बूल भी है, अब तो आराम से मजे लुँगा मै तेरे……ख़ूब चोदूँगा अपनी माँ को…”
देवा ने रत्ना के निप्पल को दांतो से काटते हुए बोला।
रत्ना: “आह…जालिम……काट मत रे……”
देवा: “मेरे है जो मरजी होगी करुँगा मै । तू साली आज के बाद कोई नखरे नहीं दिखाएगी, अब तो अपनी सास और बीवी के आगे लिटाकर चोदूँगा तुझे…और तू मना नहीं करेगी…बोल नहीं करेगी मना…”
देवा ने रत्ना के निप्पल को उमेठते हुए कहा।
रत्ना…: “आई मारेगा क्या…आई… अच्छा नहीं करुँगी…”
देवा:“क्या नहीं करेगी साली यह तो बोल…”
रत्ना: “नहीं करुँगी…नही मना करुँगी…आह…आई आई रे…दरद हो रहा है बहुत…”
देवा:“क्या करने से मना नही करेगी साली पूरा नहीं बोलेगी जब तक करता रहूँगा…बोल।”
रत्ना: “आअह्ह्ह्ह…आई…नहीं करुँगी मना…चोदने से…आहह…हाय कुछ भी करने से…हाई ज़ालिम…”
देवा: “आज से तू मेरी दूसरी पत्नी है रत्ना नीलम से शादी करने के बाद मै नीलम के सामने ही तेरे साथ शादी करके सुहागरात भी मनाउंगा… दुनिया के लिए तू मेरी माँ होगी पर…”
रत्ना; “हाँ मुझे भी तेरी बीवी बनना है जान पूरी तरह…”
और रत्ना अपने देवा से लिपट जाती है और एक हाथ से उसके लंड को पकड़ कर अपने हाथ से सहलाने लगती है।
देवा: “माँ आज रात तुम्हे कहीं और चोदने का मन कर रहा है मेरा…”
रत्ना: “क्यों बेटा इस कमरे में क्या परेशानी है?”
देवा ने रत्ना का निप्पल दोबारा पकड़ लिया…।
रत्ना: “आई अच्छा ठीक है जहाँ तुम चाहो…वहां चोदो मुझे…”
देवा:“चल फिर उठ”
देवा और रत्ना पूरे नंगे ही कमरे से बाहर आ जाते है।
देवा बैठक में आके सोफ़े पर लेट जाता है।
देवा:“आ छिनाल अपने बेटे के लंड को चूस और अपनी चूत चखा…”
रत्ना मुस्कुराते हुए देवा की तरफ बढ़ती है।
देवा अपनी नंगी माँ के उछलते चुचो को देख कर अपना लंड हिलाने लगता है।
रत्ना सीधा आकर देवा के ऊपर चढ़ जाती है और अपनी चूत को देवा के मुँह पर रख देती है…
 
देवा अपनी माँ की चूत पर अपनी जीभ चलाता हुआ उसकी गांड से आती महक को सुँघता है…
देवा: “मेरी माँ की गांड सबसे मस्त है…।”
रत्ना:“अच्छा सच्ची…”
देवा: “हाँ अब तक की सबसे मस्त गांड है तुम्हारी…”
और ऐसा बोल कर देवा रुक जाता है।
रत्ना:“क्या मतलब तुम्हारा………हव्व… मतलब की तुम और भी…हाय राम…कौन…”
रत्ना समझ चुकी थी की देवा ने ममता के अलावा और भी बहुत सारी औरतो को चोदा है।
देवा तब भी बात को बदलने की कोशिश करता रहता है पर रत्ना उसके मुँह पर से उतर जाती है और उसे बताने के लिए मजबूर कर देती है…
रत्ना: “देवा तुमने और भी औरतो के साथ सम्बन्ध बनाये है…हे भगवान......
क्या क्या दिन दिखा रहा है…अब मै समझी इसीलिए रात रात भर ग़ायब रहता था तू…अब तो तुझे बताना ही पड़ेगा की कौन कौन है वह जिसके साथ तूने रंग रँगीलिया मनाई है…बता दे नहीं तो कभी बात नहीं करुँगी मै तुझसे”

रत्ना के चेहरे के भाव बदल गए थे जिससे देवा समझ गया था की बता देना चाहिए कहीं ज्यादा बात न बिगड जाए।

देवा:ठीक है माँ पहले वादा कर तू कभी मुझसे नाराज नहीं होगी।मैंने किसी को भी चोदा हो।
रत्ना:चल ठीक है वादा।अब तो बता.....

फिर देवा ने अपनी माँ को सारा किस्सा बताना शुरू कर दिया और हर एक औरत के बारे में बताने लगा की उसने किस किसके साथ क्या क्या कहाँ कहाँ और कितनी कितनी बार किया है…
सबसे पहले देवा ने पदमा के बारे में बताया जिससे देवा ने पहली बार चोदा था।
जिसे सुनकर रत्ना बोली…“तूने पदमा को भी चोदा है…”
देव, “हाँ कई बार चुत और गांड दोनों मारी है उसकी बहुत सही माल है साली गांड उछाल उछाल कर चुद्वाती है साली…”
रत्ना: “और वो तो पेट से भी है…”
रत्ना के चेहरे की हवाइंया उड़ गयी…।और देवा उसे देख कर हँसने लगा…
देवा “सही समझा तूने…”
रत्ना: “हाय राम…उसका तो पति भी है…देवा क्या सच कह रहा है तू ??”
देवा:“१०० फीसदी सच तुम दादी बनने वाली हो…तुम्हारे बेटे का अंश ही है पदमा के पेट में…”
रत्ना तो बहुत चौंक से गयी थी सुन कर की पदमा को देवा ही चोद चोद कर पेट से करा है।
रत्ना:“बाप रे देवा तू तो ओह बहुत हरामखोर निकला…।उसके पति को पता है क्या यह बात?”
देव, “नहीं उस नामर्द को लगता है की उसकी चुदाई ने पदमा को पेट से करा है…
बस कुछ महिने और मेरा बच्चा इस दुनिया में आ जायेगा…”
रत्ना मुस्कुराने लगती है, “अब तो जानने में मजा आ रहा है और किस किस को
चोदा है तूने कमीने…”
देवा:“और चौंक जाओगी सुनकर…”
रत्ना: “क्यों ऐसी कौन है…”
देवा: “देवकी…… ”
रत्ना का तो मुँह खुला का खुला रह गया देवा के मुँह से यह सुनकर।
जिसे देख देवा हँसने लगा…
 
देवा: “तुम्हारा चेहरा तो देखो माँ…देखने लायक है…”
रत्ना कुछ नहीं बोल रही थी उसे यकीन ही नहीं हो रहा था की देवा देवकी को भी चोद चुका है…
रत्ना: “कलयुग…घोर कलयुग……यकीन नहीं हो रहा मुझे…पर यह समझ रही हुँ की तुझे अपनी माँ और बहन को चोदने की प्रेरणा कैसे मिली है…अपनी ही मामी को चोदकर…”
देवा हँस हँस कर लोटपोट हो रहा था उसकी माँ का चेहरा बिलकुल देखने लायक था…
देवा:“खुब चोदा है बहन की लौड़ी को…बहुत मोटी गांड है साली की…मस्त चुचे भी है मामी के…पुरी पुरी रात चोदा था मैंने । ममता और नूतन ने देखी है मेरी और देवकी की चुदाई को…”
रत्ना:“क्या ममता और नूतन भी ?मतलब नूतन जानती है की तू उसकी माँ को चोदता था और उसने कुछ कहा भी नही बल्कि मजे लेती थी?”
देवा:“सिर्फ देख कर ही मजे नहीं लिए है नूतन ने बल्कि खुद लंड लेकर भी मजे मारे है…”
ये रत्ना के लिए एक और शॉक था…
रत्ना: “हे राम नूतन भी…बेचारी बच्ची को भी नहीं छोडा तूने…मतलब शादी से पहले ही तूने उसकी कुंवारी चुत ले ली…”
देवा:“अरे साली । वो खूब कुद कुद के लेती थी लौडा…मेरा और अपने भाई का भी…”
रत्ना एक बार फिर से चौककर देवा की तरफ देखती है…
रत्ना “क्य कहा तुमने…अपने भाई का…तुम्हारे कहने का मतलब है की……”
देवा “हाँ उसका भाई भी उसे चोदता है और अपनी माँ देवकी को भी…”
रत्ना:“”क्या देवकी भी अपने बेटे से चुदवाती है? हे राम मुझे कैसे नहीं दिखा यह सब…हे भगवन…यकीन नहीं हो रहा मुझे बिलकुल……कह दे यह सब झूठ है…”
देवा:“नहीं सच है सौ आने सच…”
रत्ना “और कौशल्या को पता है क्या इस सब के बारे में?”
देवा हँसने लगता है।
रत्ना: “हँस क्यों रहा है लगता है उस को पता नहीं है कुछ और पेट से भी है बड़ा गर्व करती होगी की उसका पति पर और उसका बच्चा इस दुनिया में आने वाला है…क्या जाने वो की उसका पति उसकी सास और ननद को चोदता है……बेचारी…”
देवा और हँसने लगता है उसे अपनी माँ की बातो पर इतनी हँसी आ रही थी की उसकी आँखों से आंसू निकलने लगे।
रत्ना और देवा नंगे ही थे।
रत्ना देवा के लंड के ऊपर ही नंगी बैठी थी उसकी चुत देवा के लंड पर रगड खा रही थी।
रत्ना: “बात क्या है बतायेगा या हँसता ही रहेगा……”
देवा काफी देर में अपनी हँसी को काबू में लाता है… और एक शब्द बोलता है…
देवा “वो पूरा मोहल्ला ही रंडियो से भरा है रत्ना…” और फिर से हँसने लगता है।
 
रत्ना: “क्या कौन सा मोहल्ला…कौन रंडिया है…”
देवा: “अरे देवकी का मोहल्ला…उसकी बहु यानी कौशल्या…वो सब जानती है…पर उन लोगो के साथ नहीं करती है…”
रत्ना “हे राम…कौशल्या सब कुछ जानती है…तूझे कैसे पता यह सब…”
देवा: “उसी ने बताया जब वो मेरे साथ चुदने आयी थी…” देवा खिलखिलाते हुए हँसने लगता है।
रत्ना को एक और झटका लगता है…
रत्ना: “बाप रे बाप…यह क्या घिनोना खेल चल रहा है तुम सब का…मुझे तो कुछ खबर ही नहीं थी इन सब की…माँ बेटी और खुद बहु तीनो ले चुकी है तेरा लंड……हे भगवान…”
देवा: “ख़ुशी ख़ुशी लेती है सब है ही इतना मस्त तेरे बेटे का लौडा रत्ना…तु भी तो खुश है मेरे लौडे के नीचे रहकर…”
रत्ना देवा की बात पर शर्मा जाती है और कुछ उसे याद आता है तो बोलति है…
“तो कौशल्या भी तुम लोगो में मिली हुई है…पर उसकी कोख में जो बच्चा है वो तो उसके पति का ही है न?”
देवा के चेहरे पर शैतानी मुस्कान आ जाती है, “माँ मै तो भूल ही गया था की तुम दो दो बच्चों की दादी बनने वाली हो…”
रत्ना को यह बात सुनकर और झटका लगा… “देवा”
देवा हँसने लगता है और रत्ना उसके पीठ पर मारते हुए उससे हरामखोर कहने लगती है…
रत्ना “तू तो बड़ा कमीना निकला रे……”
देवा: “ आखिर बेटा भी तो मै अपनी रत्ना का हूँ…”
रत्ना “तूने कहा था की देवकी का मुहल्ला रंडियो से भरा है…इसका क्या मतलब था…और किसी को भी चोदा है वहां…”
देवा:“चोदा…खुद चलके आई थी चुत मेरे पास वह भी मोटी गांड वाली औरत की चूत…”
रत्ना “तूने तो बहुत चूत ले रखी है देवा, तभी कहुँ तेरी हवस इतनी क्यों बढ़ी हुई है……वैसे कौन थी वो…।”
देवा “कोई और नहीं तुम्हारी समधन कोमल और उसकी बेटी प्रिया……”
रत्ना के तो चेहरा का रंग ही उड़ गया यह सुनकर की देवा ममता की सास कोमल को भी चोद कर आ चुका है……
“क्या पागल है क्या तू…तुने ममता की सास को भी नहीं छोड़ा……उसकी ननद को भी चोद दिया कुंवारी लड़की को…देवा पागल लड़के……”
देवा:“चुप कर साली खुद चुदवाने आयी थी साली दोनों…एक पहले दूसरी बाद मे थोड़े नखरे दिखाने के बाद कुद कुद कर लिया था लौडा…चुसा भी था खूब…”
रत्ना: “तब भी तेरी बहन का ससुराल है…ऐसे कैसे खेल सकता है तो उसके भविष्य से…”
देवा;“अरे अब तो साली लंड के नीचे आ गयी है, राज करेगी मेरी बहन और ज्यादा…वादा किया है कोमल ने”
रत्ना यह सुनकर थोड़ी शांत हुई थी।
 
अपनी बेटी की जिंदगी वो अच्छी ही चाहती है तो उसे डर लग गया था यह सुनकर…
हर माँ यही चाहती है की उसकी बेटी खुश रहे…
रत्ना:“पदमा,देवकि,नूतन,कौशल्या,ममता,कोमल,प्रिया,मैं…राम राम राम……तु तो हरमियो का भी बाप है…
एक लौडे में इतना दम……मान गयी अपने बच्चे को मैं……”
रत्ना ने अपनी चुत से देवा के लंड को मसलते हुए कहा…
देवा उसकी बात सुनकर हँसने लगा “अभी तो और भी है माँ……”
रत्ना “हैं अब कौन है…”
देवा:“वैध जी की बहु किरण…उसे तो मै पदमा के साथ मिलकर चोद चुका हूँ…”
रत्ना: “वैध की बहु को भी नहीं छोड़ा……”
देवा: “और तो और अपने सबसे बड़े दुश्मन हिम्मत राव के घर की औरतो की ईज्जत भी लूट ली तेरे देवा ने…

रत्ना की आँखे फटी की फटी रह गयी, “मतलब तूने उसकी बेटी को…मैडम जैसी जो है…उसे भी…”
देवा:“रानी है उसका नाम…हाँ उसे भी और उसकी बीवी रुक्मणी दोनों को चोद चुका हूँ, दोनों को एक साथ चोदा है और तो और हिम्मत राव की जब हार हुई थी तो उस बहन के लौडे के सामने उसकी बीवी और बेटी को चोदा था मैंने…खुब मस्ती में चुद्वाती है दोनों…वह हमारे साथ ही है……हिम्मत राव उन्हें पसंद नही, पहले हिम्मत राव अपनी बेटी को भी चोदता था, और उसने उसे मेरे पीछे जान बूझ कर लगाये था की वो मुझे अपने जाल में फंसा कर हिम्मत राव की बीवी रुक्मणी को मरवा दे ताकि सारी जायदाद हिम्मत राव के नाम हो जाये…
इसकी खबर लेने के लिए मुझे बिंदिया को चोदना पड़ा जो हिम्मत के साथ उसके हवेली में रह रही थी।
पर साली को मेरा लंड इतना पसंद आ गया की हिम्मत राव की ही बजवा दी हमने……”
रत्ना को यह सब सुनके बहुत झटका लगा था
की हिम्मत राव कैसा षड्यंत्र रच रहा था।
और अगर देवा ने उन्हें चोदा न होता तो शायद आज वो सलाखो के पीछे होता रुक्मणी की हत्या के लिए…

रत्ना: “जो होता है अच्छे के लिए होता है……रानी और रुक्मणी को भी चोदा है तुमने मतलब…और भी है क्या या बस इतने ही है…”
देवा:“नहीं सबसे मजे वाले तो अब है…”
रत्ना: मैं समझी नहीं मजे वाले से मतलब तेरा…”
देवा:“तुम जानती हो उसे…बहुत अच्छे से…”
रत्ना सोचने लगती है उसके दिमाग में शालु का ख्याल आता है पर वो सोचती है की यह नहीं हो सकता बिलकुल भी नही।
देवा भी जानता था की रत्ना शालु का नाम नहीं लेगी…
रत्ना काफी देर सोचती है, “जो भी है बताओ…”
देवा: “तुम्हारी मनपसंद सखि और मेरी होने वाली सास शालु और उसकी बेटी रश्मि…”
ये शब्द रत्ना पर बिजली की तरह गिरी थी और उसका सर चकरा गया था वो बिलकुल शॉकड हो गयी…
 
कुछ पल बाद वो बोली…
रत्ना: “बहनचोद देवा.....मेरी दोस्त और अपनी होने वाली सास और साली को भी तूने……कह दे यह झूठ है…बिल्कुल झुठ,,,,यह नहीं हो सकता…बिल्कुल नहीं…”

देवा: “ऐसा ही है शालु तो खूब मजे में चुदवाती है…।बल्की उसका बेटा भी उसे चोदता है अपनी बीवी नूतन के साथ मिलकर, और यह बात भी नीलम को पता चल गयी है…”
रत्ना: “बहन चोद घोर कलयुग……घन घोर कलयुग…।देवा यह दुनिया तो पापियो से भर चुकी है…नीलम को पता है और नूतन भी इस सब में साथ देती है…मैं पागल हो जाउँगी देवा तूने एक ही दिन में इतने झटके
दिये है मुझे, यह दुनिया तो लग रही है सिर्फ चूदक्कडो से ही भरी पड़ी है……”
देवा: “हाँ रश्मि को तो उसकी शादी के रात ही देवकी के सामने चोदा था मैंने दम लगा कर……”
रत्ना चौंक जाती है… “क्या”
देवा:“हाँ उसकी इच्छा थी की मै उसकी शादी की रात उसे चोदुं, देवकी काकी की मदद से यह काफी असानी से हो गया…उन्होंने संभाल लिया…”
रत्ना: “क्या ज़माना आ गया है, भविष्य में तो लगता है लोग कुछ देखेंगे ही नहीं जहाँ मन करेगा शुरू हो जायेंगे किसी के भी साथ”
देवा:“ऐसी दुनिया हो जाए तो क्या ख़राबी मजा ही मजा…”
रत्ना और देवा हँसने लगते है।
रत्ना “तूने शालु को चोदा है, साली ने मुझे भनक तक नहीं लगने दी……”


देवा:“खुब मजे से गांड मरवाती है…रश्मि भी अपने भाई से चुद्वाती है, और मै भी पप्पू की गांड मारता हूँ, साला नामर्द जितना ही है दम नहीं ज्यादा उसके लंड में…।”
रत्ना:“तू लड़के की गांड मारता है,”
रत्ना हँसने लगती है।
देवा: “हाँ शुरुवात उसकी गांड के उट्घाटन से ही किया था। साले को अच्छा लगता है जब चोदता हुँ उसे…”
रत्ना देवा की बातो से हँसती है…
रत्ना “आज तो तूने एक से बढकर एक झटके दिए है…इतनी सारी औरते और लड़किया…किसी की चुत खोली किसी की गांड…तुने तो जिंदगी के बहुत ज्यादा मजे मारे है…अब तो सब लगभग खुला हुआ ही है सब के बीच……
देवा रत्ना की तरफ देखता है और रत्ना शर्माने लगती है,
देवा “देखते है मेरी रंडी माँ…पर अभी तो तेरे देवा का लंड तेरे अंदर जाने को ललचा रहा है”
रत्ना: “हाँ मुझे भी चाहिए लौडा पर पहले अपने मुँह में……तू तब तक मेरी चुत चाट…”
और ऐसा करते हुए रत्ना लंड पर बैठे ही पलट जाती है और देवा के ऊपर लेट जाती है जिससे उसकी चुत देवा के मुँह पर आ जाती है और देवा का लंड उसके मुँह के सामने।
 
देखते ही देखते देवा अपनी माँ की चुत पर अपनी जीभ चलाने लगता है,
और रत्ना देवा के लंड को देखते हुए अपनी चुत की चटाई से सिसकारी लेने लगती है…
रत्ना “चाट मेरे बेटे, मादरचोद, बहनचोद, मामिचोद, भाभिचोद, काकीचोद, दुशमन-ए-बीवी- चोद…”
रत्ना की बाते सुनकर देवा की हँसी छुट जाती है और रत्ना की भी…।
देवा फिर से चूत चटाई चालु रखता है और रत्ना अपने बेटे का कड़क लंड अपने गरम गरम मुँह में भर लेती है।।
कुछ पल सुपाडा और टोपा चुसने के बाद रत्ना लंड को अपने मुँह की गहराइयो में उतारने लगती है।
रत्ना देवा के लौडे को अंदर तक लेकर चुसने लगती है।
अब उसे अपने रन्डीपन पर गर्व होने लगता है।
क्यूंकि वो जानती है की उसके बेटे का लंड हर औरत को गुलाम बना सकता है तो भला उसकी अपनी माँ क्यों नहीं बने…
और देवा की बातो से वो गरम भी हो गयी थी उसकी चुत ने हलकी पानी भी छोड़ रखा था…
ये जानके की उसके रिश्तेदार, उसकी सहेली और उसकी बेटी, हवेली की औरते और पदमा कैसे उससे चुदवा चुकी है…
रत्ना को अब अपने बेटे की रंडी बनकर और मजा आने लगा यह सब जान कर…
दोनो एक दूसरे के गुप्तअंगो को चुसते चाटते रहते है और फिर रत्ना नीचे झुक कर देवा की गेंदे अपने मुह में लिए चाटने लगती है और काटने लगती है देवा भी बदले में रत्ना की चुत पर काटता है…

रत्ना तब भी देवा की गेंदे चुसती चाटती रहती है,
अचानक ही देवा रत्ना की कमर पकड कर उसे साइड में लिटा देता है और बिना कुछ बोले नीचे से अपनी माँ की टाँग उठा कर लौडा सीधे उसकी चुत में घुसा देता है…
रत्ना: “हाय रे ज़ालिम………”
देवा के अचानक लगे धक्के से रत्ना की चुत में दर्द होता है।
देवा अपनी माँ की चुत में नीचे से जोरदार धक्के देना शुरू कर देता है और उसकी कान का लौ चूसने लगता है…
रत्ना देवा के लंड को अपनी चुत में महसूस कर चुदाई के दर्द का आनन्द लेने लगती है…
रत्ना:“हाय देवा,,,, तेरा लंड बहुत दर्द देता है पर मजा उससे भी ज्यादा देता है, आह चोद बेटा चोद अपनी रंडी माँ को अपनी रत्ना को…”
देवा रत्ना को सटा सट चोदने लगता है…
 
देवा:आह्ह्ह माँ तेरी गरम और टाइट चूत मेरे लंड को जकड रही है तू मेरी सबसे गर्म राँड है तुझे रात भर चोदने पर भी मन नहीं भरता।साली कितनी गरम है तू।तुझे कुतिया बनाकर तेरी गांड मारने का मन कर रहा है

रत्ना: पेल दे बेटे। तुझे जब मन करे तू इशारा कर दे तेरी माँ नंगी होकर तेरे आगे कुतिया बन जायेगी। जी भर के चोद अपनी माँ की गाँड को...
रत्ना यह कहकर अपने देवा के आगे कुतिया बन जाती है और अपनी मोटी गाँड हिलाने लगती है।
देवा: आह्ह्ह माँ।तू तो बिलकुल कुतिया जैसी बन गई है माँ। आज तुझे बिलकुल अपनी पर्सनल रंडी की तरह तेरी गांड को चीर के रख दूँगा।साली रंडी अपने दोनों हाथो से अपनी गाँड के छेद को थोडा फैला और अपनी गांड ढीला छोड़ दे माँ।

यह कहकर देवा अपनी माँ के गाँड के भूरे छेद पर थूक देता है । रत्ना अपनी गाँड को दोनों हाथो से फैला देती है।देवा यह देखकर अपना मोटा लंड अपनी माँ की गाँड के छेद पर लगाता है और एक जोर को झटका मार देता है। देवा का लंड रत्ना की गाँड के छेद को बुरी तरह फैलता हुआ रत्ना की गदराई गाँड में घुसता चला जाता है।

रत्ना झटके से देवा का लंड अपनी गांड में घुसते ही दर्द से चिल्ला उठती है लेकिन जब लंड पूरा घुस जाता है तो रत्ना को अच्छा लगने लगता है।
देवा अब तेजी से रत्ना की गांड मारने लगता है।
कुछ देर गांड में लंड पेलने के बाद देवा अपने लंड को अपनी माँ रत्ना की गाण्ड से निकालकर उसकी चूत में पेलने लगता है।

कुछ देर रत्ना की चूत में लंड पेलने के बाद देवा अपने लंड को फिर से रत्ना की गांड में पेल देता है।इसी तरह देवा रत्ना की कभी चूत चोद रहा था तो कभी गांड।


इस समय देवा अब पूरी स्पीड से रत्ना की चूत में अपना लंड पेल रहा था
देवा:“ले साली, ले…बहुत जल्द तेरी बेटी,बहु, के साथ मिलकर चोदूँगा तुझे…तेरी सहेली शालू के साथ भी चोदूँगा तुझे…खुले आसमान के नीचे नंगा लिटा कर चोदूँगा अपनी माँ की गांड को अपनी बीवी के सामने…अपनी बहन ममता के साथ भी चोदूँगा तुझे……रानी और रुक्मणी के साथ भी चोदूँगा साली तुझे……ले साली ले…पुरा का पूरा लंड खा साली रंडी…ले………।”
देवा अपनी माँ को दमदार अन्दाज में चोदता हुआ बोलता रहा…
काफी देर तक देवा रत्ना को चोदता रहा और दोनों एक साथ झरने लगे।


देवा ने अपना माल अपनी माँ की चूत में ही छोड दिया,
और देवा का लंड भी अपनी माँ के पानी से भीग गया,
दोनो ऐसे ही लेटे रहे और एक दूसरे को चुम कर सो गए…
 
अपडेट 128




पिछली रात देवा और रत्ना और करीब आ गये थे
क्यूंकि देवा ने रत्ना को आज तक चोदी हर औरत के बारे में सब कुछ बता दिया था।
उसने यह सब बता दिया था की कैसे और किस किस को उसने कहा कहा चोदा है।
पदमा, देवकी, नूतन, कौशल्या, ममता, कोमल, प्रिया, रानी, रुक्मनि,बिंदिया, किरण, शालू, रश्मि इन सब औरतो के बारे में अब रत्ना भी सब जानती थी।
और देवा से चुदने में अब और मजा उसे आने लगा था…
अगली सुबह दोनों उठे अपने काम धाम में लग गये, देवा खाना खाकर खेतो में चल दिया।
आज दोपहर के खाने के समय उसे नीलम से नदी किनारे मिलना था तो वो बहुत खुश था।
अपने खेतो पर पहुँच कर देवा ने काम करना शुरू कर दिया और फिर भेंसो को चरने को छोड दिया।
और एक पेड़ के नीचे बैठ कर अपनी भेंसो पर नजर रखने लगा और सोचने भी लगा की नीलम आखिर क्या बाते करने वाली है आज…।
ऐसा कुछ बात करने वाली है जिससे हम और क़रीब आ जायेंगे…
पर ऐसा वो क्या बात करेगी मुझसे…
देवा इसी सोच में डूबा रहा की तभी उसे किसी लड़की की आवाज सुनाइ पड़ी…
रश्मि: “देवा…जान कैसे हो…”
देवा: “एक दम मस्त तू बता कितने दिन और रहने वाली है गाँव में…”
रश्मी का मुँह बन जाता है।
वह चुपचाप चलकर देवा के पास आकर बैठ जाती है।
देवा: “क्या हुआ जवाब तो दे मुँह क्यों बना रही है…”
रश्मि: “मुझे तो लगा की तुम मुझसे थोड़ी छेड़ छाड़ करोगे पर तुम तो मुझे वापस भेजने की जल्दी में हो…

देवा रश्मि की बात सुनकर मुस्कुरा देता है: “तभी तो पूछा ताकि ज्यादा से ज्यादा समय जान लूँ छेड़ छाड़ करने का…”
देवा की बात सुनकर रश्मि बोलि, “रहने दो अब तो तुम नीलम से ही छेड़ छाड़ करोगे, साली से क्या मतलब…”
देवा:“साली तो आधि घर वाली होती है रश्मि, तू कहे तो तुझे आधी रंडी जरुर बना सकता हुँ अपनी…”
रश्मि: “वो तो मै हूँ ही पहले से…”
रश्मी ने देवा का लंड दबाते हुए कहा…।
देवा: “इरादा नेक नहीं लगता…”
रश्मि:“उसी मकसद से तो देवा को ढूँढ़ते हुए आयी हूँ।

ये कहते ही रश्मि ने अपने होंठ देवा के होठो पर रख दिए और दोनों ने एक दूसरे को चुमना शुरू कर दिया,
रश्मी ने देवा का हाथ पक़डा, “बहुत आग लगी हुई है शांत कर दो आज देवा…”
 
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