hotaks444
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हिम्मत ने थोड़ी देर उसकी बुर चाट कर गर्म किया और जैसे ही वो झड़ने को हुई उससे पहले उसकी बुर चाटना छोड़ दिया।
सरिता बोली- अंकल जल्दी कुछ करो न … मेरे नीचे कुछ हो रहा है या तो उसे रगड़ो या मेरी उसको चाटो.
हिम्मत :एक बात सुन ले बेटी, मेरे इसको लंड कहते हैं और तेरी इसको बुर …
उसकी बुर पर हिम्मत हाथ घुमाते हुए बोला।
हिम्मत: और हां आज तुझे मजा मैं नहीं … मेरा ये लंड देगा। देख इसमें बहुत मजा आता है चाटने से भी बहुत ज्यादा मजा। पर पहले दिन थोड़ा सा दर्द भी होता है। तुझे वो दर्द सहन करना पड़ेगा, वो भी सिर्फ आज ही बस … कल से तो तुझे बिल्कुल भी दर्द नहीं होगा, सिर्फ मजा ही मजा आएगा।
सरिता बड़े ध्यान से हिम्मत की बात सुन रही थी।
हिम्मत: एक बात और इस बारे में तो किसी को भी किसी भी हालत में नहीं बताना है. बोल सह लेगी थोड़ा सा दर्द?
सरिता: हां सह लूँगी … पर मजा तो दिलवाओ और आप चिंता न करो, बस खेल शुरू करो।
हिम्मत: तो आज मैं अपने लंड को तेरी इस बुर में घुसाउंगा।
सरिता: पर अंकल वहां तो उंगली भी नहीं जा रही थी, इतना बड़ा लंड कैसे जाएगा?
हिम्मत: सब चला जाएगा. बस थोड़ा सा दर्द सहन करना और चाहे कुछ भी हो जाए चिल्लाना नहीं। नहीं तो बाकि रुपये जैसे ही तू चिल्लाई … नहीं दूंगा।
सरिता- नहीं नहीं अंकल मैं नहीं चिल्लाऊंगी, पर जरा आराम से अन्दर डालना। मुझे डर लग रहा है।
हिम्मत: अब तक हमने जो भी किया है। तुझे डर लगा क्या? डर मत मैं हूँ न तेरे साथ। बस थोड़ी देर के दर्द के बाद जिंदगी भर मजे ही मजे हैं। तू जरा भी चिंता मत कर। अब जरा इसे चूस दे ये आज तुझे बहुत मजे करवाएगा।
उसने हिम्मत के लंड को चूस कर और सख्त कर दिया। हिम्मत ने अपने लंड पर ऊपर तक तेल चुपड़ लिया और उसकी बुर में भी जहां तक तेल जा सकता था, उतना तेल से तर कर लिया। फिर उसकी कमर के नीचे एक तकिया रखा, जिससे उसकी बुर जरा ऊपर को उठ गई।
फिर हिम्मत उसकी टांगों के बीच एक पुराना तौलिया बिछा दिया, ताकि बिस्तर खराब न होने पाए। सारी तैयारी करने के बाद हिम्मत ने अपने लंड का सुपाडा उसकी कोमल सी छोटी सी कुँवारी बुर के मुहाने पर रखा और उस पर उसे रगड़ने लगा।
सरिता बोली- अंकल जल्दी कुछ करो न … मेरे नीचे कुछ हो रहा है या तो उसे रगड़ो या मेरी उसको चाटो.
हिम्मत :एक बात सुन ले बेटी, मेरे इसको लंड कहते हैं और तेरी इसको बुर …
उसकी बुर पर हिम्मत हाथ घुमाते हुए बोला।
हिम्मत: और हां आज तुझे मजा मैं नहीं … मेरा ये लंड देगा। देख इसमें बहुत मजा आता है चाटने से भी बहुत ज्यादा मजा। पर पहले दिन थोड़ा सा दर्द भी होता है। तुझे वो दर्द सहन करना पड़ेगा, वो भी सिर्फ आज ही बस … कल से तो तुझे बिल्कुल भी दर्द नहीं होगा, सिर्फ मजा ही मजा आएगा।
सरिता बड़े ध्यान से हिम्मत की बात सुन रही थी।
हिम्मत: एक बात और इस बारे में तो किसी को भी किसी भी हालत में नहीं बताना है. बोल सह लेगी थोड़ा सा दर्द?
सरिता: हां सह लूँगी … पर मजा तो दिलवाओ और आप चिंता न करो, बस खेल शुरू करो।
हिम्मत: तो आज मैं अपने लंड को तेरी इस बुर में घुसाउंगा।
सरिता: पर अंकल वहां तो उंगली भी नहीं जा रही थी, इतना बड़ा लंड कैसे जाएगा?
हिम्मत: सब चला जाएगा. बस थोड़ा सा दर्द सहन करना और चाहे कुछ भी हो जाए चिल्लाना नहीं। नहीं तो बाकि रुपये जैसे ही तू चिल्लाई … नहीं दूंगा।
सरिता- नहीं नहीं अंकल मैं नहीं चिल्लाऊंगी, पर जरा आराम से अन्दर डालना। मुझे डर लग रहा है।
हिम्मत: अब तक हमने जो भी किया है। तुझे डर लगा क्या? डर मत मैं हूँ न तेरे साथ। बस थोड़ी देर के दर्द के बाद जिंदगी भर मजे ही मजे हैं। तू जरा भी चिंता मत कर। अब जरा इसे चूस दे ये आज तुझे बहुत मजे करवाएगा।
उसने हिम्मत के लंड को चूस कर और सख्त कर दिया। हिम्मत ने अपने लंड पर ऊपर तक तेल चुपड़ लिया और उसकी बुर में भी जहां तक तेल जा सकता था, उतना तेल से तर कर लिया। फिर उसकी कमर के नीचे एक तकिया रखा, जिससे उसकी बुर जरा ऊपर को उठ गई।
फिर हिम्मत उसकी टांगों के बीच एक पुराना तौलिया बिछा दिया, ताकि बिस्तर खराब न होने पाए। सारी तैयारी करने के बाद हिम्मत ने अपने लंड का सुपाडा उसकी कोमल सी छोटी सी कुँवारी बुर के मुहाने पर रखा और उस पर उसे रगड़ने लगा।